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किसानों के लिए खुशखबरी: शिवराज का बड़ा ऐलान, दोबारा मिलेगा मुआवजे का मौका

भोपाल  मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अतिवृष्टि और पीला मोजिक रोग से खराब हुई सोयाबीन फसल पर अब दोबारा सर्वे कराया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राहत राशि से कोई भी किसान वंचित न रहे, इसके लिए री-सर्वे के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश के 12 जिलों में लाखों किसानों की सोयाबीन फसल बर्बाद हुई थी। राज्य सरकार अब तक करीब 9 लाख किसानों को मुआवजा दे चुकी है, लेकिन कई किसान अब भी राहत राशि से वंचित हैं। मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया कि हर पात्र किसान को राहत मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने रबी फसल की तैयारियों को लेकर खाद की उपलब्धता पर भी बैठक की। चौहान ने बताया कि NPK, DAP और यूरिया जैसे खादों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसानों को रबी सीजन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। 

शिवराज मामा का मज़ाकिया अंदाज़, धनतेरस पर बोले – ‘सिक्का महंगा है तो छोटा ही सही!’

भोपाल  मध्य प्रदेश के भोपाल की रौनक से सजी धनतेरस की शाम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह जब न्यू मार्केट पहुंचे, तो वहां एक पल ऐसा आया जिसने सभी को ठहाकों में डुबो दिया। परंपरा निभाते हुए दोनों ने चांदी का सिक्का, बर्तन और मूंगफली खरीदी। सोने-चांदी की दुकान पर साधना सिंह ने जब एक चांदी का सिक्का दिखाया, तो मामा शिवराज मुस्कराकर बोले — “अगर महंगा होगा तो छोटा वाला ले लेंगे।” बस फिर क्या था! वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े और माहौल खुशनुमा हो गया। बाद में साधना सिंह ने सिक्का फाइनल किया और शिवराज सिंह चौहान ने कार्ड से पेमेंट किया। इसके बाद उन्होंने बर्तन की दुकान से थाली, ग्लास और कटोरी खरीदी, साथ ही एक बुजुर्ग महिला से मूंगफली भी ली।     पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि.. धनतेरस के पावन पर्व की सभी देशवासियों को, बहनों-भाइयों को, भांजे-भांजियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं! सबके जीवन में धन-धान्य की वर्षा हो, सुख-समृद्धि और रिद्धि-सिद्धि आएं, सबके घर खुशियों से भर जाएं, यही प्रार्थना है। अब दीपावली का महापर्व प्रारंभ हो गया है, एक बार फिर धनतेरस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।  

शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान: मनमोहन सिंह को बताया पूरे देश का प्रधानमंत्री

भोपाल  केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इस देश की संस्कृति और परंपरा की कोई समझ नहीं है. इस कारण वह विदेश की धरती पर देश की आलोचना करते हैं. उन्होंने कहा कि इस देश पर कांग्रेस की सरकारों का भी राज रहा है. उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उस वक्त वह बतौर मुख्यमंत्री अमेरिका गए थे और अमेरिका में उनसे पूछा गया कि क्या मनमोहन सिंह ‘अंडर एचीवर’ पीएम हैं? उन्होंने जवाब दिया था कि मनमोहन सिंह कांग्रेस पार्टी के पीएम नहीं हैं. बल्कि वह भारत के प्रधानमंत्री हैं. उनके बारे में वह ऐसी कोई बात नहीं कर सकते. एक साथ चुनाव की वकालत शिवराज सिंह ने इस कार्यक्रम में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की वकालत की और कहा कि इसको लेकर सहमति बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस देश में कुछ हो या नहीं लेकिन कहीं न कहीं चुनाव जरूर होते रहते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल वह कृषि मंत्री बने तो उसके कुछ दिनों बाद ही झारखंड के चुनाव शुरू हो गए. अब बिहार चुनाव चल रहा है. अगले साल बंगाल और फिर असम में चुनाव है. उन्होंने कहा कि इन चुनावों में काफी ऊर्जा लगती है. पार्टी मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक सबसे चुनाव में लगा देती है. इस कारण काम पर पूरा समय देना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने देश में अनाज के पर्याप्त भंडार होने की बात कहते हुए कहा कि बीते 11 साल साल में खाद्यान्न उत्पादन 44 फीसदी बढ़ा है. देश में गेहूं-चावल का पर्याप्त भंडार है. उन्होंने कहा कि देश में थोड़ा दलहन और तेलहन की कमी है. उन्होंने बिहार चुनाव को लेकर कहा कि जेडीयू और भाजपा के बीच स्वाभाविक गठबंधन है. दूसरी तरफ, महागठबंधन आपस में उलझा हुआ है. बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार हैं. वह सुशासन बाबू हैं. उनके नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़ रहा है.

कांग्रेस नेताओं ने रोकी शिवराज सिंह की गाड़ी, जवाब में मिला मुस्कान और मज़ाक का जवाब

सीहोर  केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। वह अपने संसदीय क्षेत्र के सीहोर से गुजर रहे थे। इस दौरान किसानों की समस्या को लेकर कांग्रेस नेताओं ने उनकी गाड़ी को रोक दिया। ऐसे में मामा तो मामा ठहरे… वह भी अपने चिर परिचित अंदाज में गाड़ी से उतरे और लोगों से बात की। शिवराज सिंह चौहान का जवाब सुनकर वहां खड़े कांग्रेसी ठहाका लगाने लगे। हम तो मामा हैं… दरअसल, शिवराज सिंह चौहान की छवि मध्य प्रदेश में अलग है। वह अपने अंदाज से लोगों का दिल जीत लेते हैं। कांग्रेस नेताओं ने सोयाबीन किसानों को लेकर शिवराज सिंह चौहान की गाड़ी रोक दी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान गाड़ी से उतरकर कांग्रेसियों के बीच पहुंचे। इस दौरान नारेबाजी हो रही थी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले बात कर लो फिर खूब नारे लगाना… हम तो मामा हैं… यार जहां कहते हैं वहां रुकते हैं, बात करते हैं और सबकी सुनते हैं। शिवराज सिंह चौहान के इस अंदाज का वीडियो वायरल हो रहा है। बिलकिसगंज जा रहे थे शिवराज सिंह चौहान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बिलकिसगंज में आयोजित स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। इसी दौरान बड़ी संख्या में किसानों की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे। कांग्रेसियों ने शिवराज सिंह चौहान से किसानों की फसल बीमा की कमियां और मुआवजा राशि को लेकर अवगत कराया। वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें भरोसा दिया है कि हम सारी चीजों को देखवाएंगे। साथ ही कहा कि यह भी देखेंगे कि सर्वे सही से हुआ है या नहीं। इस दौरान कांग्रेस नेता मामा की तारीफों के पुल बांधते नजर आए हैं। वीडियो में एक कांग्रेस नेता यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि आप हमारे क्षेत्र में भी 95000 वोट से लीड लिए थे।

सीएम यादव और केंद्रीय मंत्री शिवराज की दिल्ली बैठक, वैदिक घड़ी के साथ उठे सवाल: सामान्य मुलाकात या नई रणनीति?

भोपाल  केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अचानक प्रदेश कार्यालय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से मुलाकात की। इसके बाद दिल्ली में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें वैदिक घड़ी भेंट स्वरूप दी। दोनों नेताओं ने अपनी मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर मुलाकात की तस्वीर शेयर कर लिखा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर उन्हें वैदिक घड़ी भेंट की। वहीं, केंद्रीय मंत्री चौहान ने इस मुलाकात को सौहार्दपूर्ण बताते हुए डॉ. यादव का आभार जताया।  बता दें मध्य प्रदेश में प्रदेश कार्यकारिणी और निगम मंडलों में लंबे समय से अटकी नियुक्तियां होनी है। ऐसे में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की साथ में हो रही मुलाकातों को केवल औपचारिक नहीं माना जा रहा है। प्रदेश में निगम मंडलों की नियुक्तियों पर जल्द होने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। बता दें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में प्रदेश कार्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से भी चर्चा की थी।   मुलाकात है सामान्य या पक रही नई खिचड़ी मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों हलचल तेज है। भोपाल से दिल्ली तक नई खिचड़की को लेकर अटकले हैं। बीते एक सप्ताह से प्रदेश के अलग-अलग कद्दावर नेताओं से सीएम मोहन यादव की मुलाकात हो रही है। इन मुलाकातों को सामान्य बताया जा रहा है लेकिन जानकारों का कहना है कि यह मुलाकात सामान्य नहीं है। ये सारी कवायद बोर्ड और निगमों में नियुक्ति को लेकर चल रही है। शिवराज सिंह चौहान से दो बार की मुलाकात दरअसल, सीएम मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से दो बार मुलाकात की है। पहले भोपाल में दोनों की सौजन्य मुलाकात हुई थी। इसके बाद दिल्ली में भी शिवराज सिंह चौहान के आवास पर जाकर सीएम मोहन यादव ने उनसे मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान सीएम मोहन यादव ने उन्हें वैदिक घड़ी भेंट की है। सरकार की तरफ से इस मुलाकात को सामान्य ही बताया गया है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष से भी मिले यही नहीं, एमपी में बीते एक सप्ताह से मेल और मुलाकातों का दौर चल रहा है। इससे पहले सीएम मोहन यादव ने भोपाल में विधानसभा अध्यक्ष के घर गए थे। उनसे उनकी मुलाकात हुई थी। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी। सबको साधने की कोशिश मध्य प्रदेश में बोर्ड और निगम अध्यक्षों के पद खाली हैं। इन जगहों पर सियासी नियुक्तियां होनी हैं। कई बड़े नेता भी इसके इंतजार में बैठे हैं। अब अटकलें हैं कि जल्द ही इन जगहों पर नियुक्तियां होंगी। इन्हीं नियुक्तियों को लेकर सारी कवायद चल रही है। सीएम मोहन यादव और संगठन की कोशिश है कि सभी खेमे के लोगों को साधा जाए। ये सारी कवायदें इसी को लेकर है। सबकी सहमति मिलने के बाद ही फाइनल सूची जारी की जाएगी। संगठन के साथ भी चल रहीं बातें इन अटकलों के बीच बीते दिनों सीएम हाउस में पार्टी के तमाम सीनियर नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में सरकार और संगठन के तमाम सीनियर नेता मौजूद थे। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में भी नियुक्तियों को लेकर ही चर्चा हुई थी। साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मोहन कैबिनेट का भी विस्तार हो सकता है। कुछ नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है।

शिवराज सिंह यादव पहुंचे भोपाल में सीएम यादव के आवास, स्वागत हुआ जोरदार

भोपाल  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में डॉ. यादव ने मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि आज भोपाल निवास पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री आदरणीय भाईसाहब शिवराज सिंह चौहान जी से सौजन्य भेंट हुई।  

किसानों की भलाई और कृषि विकास पर ध्यान देंगे शिवराज, अध्यक्ष पद की दौड़ से अलग

भोपाल   केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हैं। चौहान ने कहा कि उनका पूरा ध्यान किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उत्पादन को नई ऊँचाई पर ले जाने पर है। ग्वालियर स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान गोष्ठी के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा—“मेरा एक ही लक्ष्य है कि कृषि उत्पादन कैसे बढ़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे कृषि और ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी दी है। इस समय कृषि मेरे रोम-रोम में है और किसान मेरी सांसों में।” लोगों की सेवा करना मेरे लिए ईश्वर की पूजा है भाजपा अध्यक्ष के मुद्दे पर इसी तरह के एक सवाल का फिर से जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं फिर से कहूंगा कि न तो मैंने कभी इसके बारे में सोचा है, न ही किसी ने मुझे बताया है। मैं इसके बारे में सोच भी नहीं सकता। इस बार उन्होंने अपने पहले के बयान को दोहराया और कहा कि लोगों की सेवा करना मेरे लिए ईश्वर की पूजा है और मैं अपनी अंतिम सांस तक यही पूजा करता रहना चाहता हूं। चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे बता दें कि विदिशा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद चुने जाने से पहले, 66 वर्षीय केंद्रीय मंत्री चौहान, जो एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं, रिकॉर्ड चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें ज़मीनी स्तर से जुड़े राजनेता के रूप में देखा जाता है। 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता मध्य प्रदेश में नवंबर 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को शानदार जीत दिलाने के बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया और विदिशा सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता भी। कार्यकाल बढ़ा दिया गया बाद में, पिछले साल नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के तीसरे कार्यकाल में वे कैबिनेट मंत्री बने। गौरतलब है कि वर्तमान भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का तीन साल का कार्यकाल लगभग दो साल पहले समाप्त हो गया था और उसके बाद उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था।   क्या कहा मीडिया ने उनसे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ कथित मुलाकात और भाजपा अध्यक्ष पद की संभावना को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा—“न मैंने इसके बारे में कभी सोचा, न किसी ने मुझसे कहा। मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता। लोगों की सेवा करना ही मेरे लिए ईश्वर की पूजा है और मैं अंतिम सांस तक यही करता रहूंगा।” चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे 66 वर्षीय शिवराज सिंह चौहान को जमीनी नेता और प्रभावशाली ओबीसी चेहरा माना जाता है। नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी जीत दिलाने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ा और विदिशा से 2024 का लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में वे कैबिनेट मंत्री बने।   केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार (26 अगस्त, 2025) को भाजपा के अगले अध्यक्ष बनने की संभावनाओं पर पूछे गए सवालों को टाल दिया और कहा कि उनका पूरा ध्यान कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने पर है। पिछले सप्ताहांत नई दिल्ली में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी कथित मुलाकात के बारे में मीडियाकर्मियों द्वारा पूछे जाने पर, जिससे उनके भाजपा अध्यक्ष पद के दावेदार होने की अटकलों को बल मिला, श्री चौहान ने सवालों को टाल दिया और कहा कि वह अपने मंत्री पद की जिम्मेदारियों को संभालने में व्यस्त हैं। "मैं एक बात कहना चाहता हूँ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा है। इस समय, कृषि मेरे रोम-रोम में है और किसान मेरी साँसों में हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा, "एक पक्षी की आंख की तरह, मेरा एक ही लक्ष्य है – कृषि उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए, किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए, ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कैसे किया जाए, और अधिक लखपति दीदी कैसे बनाई जाएं।" लखपति दीदी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्य होती हैं, जिनकी वार्षिक घरेलू आय 1 लाख रुपये से अधिक होती है। जब पत्रकारों ने अगले भाजपा अध्यक्ष के मुद्दे पर और सवाल पूछे, तो श्री चौहान ने कहा, "न तो मैंने कभी इसके बारे में सोचा है, न ही किसी ने मुझे बताया है। मैं इसके बारे में सोच भी नहीं सकता। मैं कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री हूँ। मैं इस काम को पूजा की तरह कर रहा हूँ। किसानों की सेवा मेरे लिए ईश्वर की पूजा है, और मैं यह पूजा करते रहना चाहता हूँ।" 66 वर्षीय श्री चौहान, एक प्रमुख ओबीसी नेता, रिकॉर्ड चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें ज़मीनी स्तर से जुड़े राजनेता के रूप में देखा जाता है। नवंबर 2023 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को शानदार जीत दिलाने के बाद, उन्होंने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और 2024 का लोकसभा चुनाव विदिशा से लड़ा और जीता। बाद में वे मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के मंत्रिमंडल में शामिल हुए। वर्तमान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का तीन साल का कार्यकाल करीब दो साल पहले समाप्त हो गया था। उसके बाद उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था।    

शिवराज सिंह चौहान पर ठहरी निगाहें, भाजपा अध्यक्ष की रेस में अटकलें तेज

नई दिल्ली  भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के नाम पर अब तक मुहर नहीं लग सकी है। साथ ही पार्टी की तरफ से कोई तारीख सार्वजनिक नहीं की गई है। अब कहा जा रहा है कि बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव का शेड्यूल आने से पहले अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है। साथ ही RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख प्रमुख मोहन भागवत के साथ केंद्रीय मंत्री की मुलाकात ने अटकलें तेज कर दी हैं। हालांकि, भाजपा की तरफ से आधिकारिक तौर पर साफ नहीं किया गया है कि अगले प्रमुख के नाम की घोषणा कब होगी। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्र बताते हैं कि पार्टी आलाकमान की तरफ से संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली गई है। वहीं, इस पर 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया है कि इसके बाद नए अध्यक्ष के चुनाव की जानकारी दी जा सकती है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों के प्रमुख पहले चुने जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने यह भी कहा है कि अगर अध्यक्ष बिहार चुनाव की घोषणा से पहले नहीं चुना गया, तो नियुक्ति चुनाव के बाद ही की जाएगी। फिलहाल, भाजपा ने अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए किसी शेड्यूल का ऐलान नहीं किया है। दिल्ली में बड़ी मीटिंग रविवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और संघ प्रमुख भागवत की मीटिंग की खबरें हैं। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि यह बैठक बंद कमरे में 45 मिनट तक चली। खास बात है कि चौहान को भी अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदारों में से एक माना जा रहा है। खास बात है कि यह मीटिंग दो साल के लंबे अंतराल के बाद हुई थी। इन नामों की भी चर्चा इससे पहले कहा जा रहा था कि केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, आंध्र प्रदेश की भाजपा प्रमुख डी पुरंदेश्वरी, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनति श्रीनिवासन, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव, भाजपा नेता विनोद तावड़े के नाम की भी चर्चाएं चल रही थीं। हालांकि, इन्हें लेकर भाजपा ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।  

स्टूडेंट्स को शिवराज की अपील: भारत में ही ज्ञान और प्रतिभा का करें इस्तेमाल

भोपाल  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) भोपाल के 12वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों से भावुक अपील की कि वे देश छोड़कर बाहर न जाएं, बल्कि अपने ज्ञान और कौशल को भारत की प्रगति में ही लगाए।  समारोह में संस्थान की नई इनोवेशन मैगजीन और ब्रॉशर का विमोचन हुआ तथा रिसर्च और स्टार्टअप उपलब्धियों का विस्तृत ब्योरा भी दिया गया। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और IISER चेयरपर्सन प्रो. अरविंद आनंद नाटू विशेष रूप से मौजूद रहे। छात्रों को मिला विशेष सम्मान इस वर्ष बायोकेमिस्ट्री विभाग के छात्र कौशिक मेहंदी को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। शैक्षणिक प्रदर्शन, नेतृत्व कौशल और योगदान के आधार पर उन्हें डायरेक्टर गोल्ड मेडल के लिए भी चुना गया। इसके अलावा संस्थान ने बेस्ट एकेडमिक परफॉर्मेंस की सूची घोषित की, जिसमें वरुण अजीत नायर, आशीष शुक्ला, देवाशीष तिवारी, कौशिक मेहंदी, महेश और अगम दीप सिंह समेत अन्य छात्रों के नाम शामिल हैं। 423 छात्र-छात्राएं स्नातक हुए संस्थान के डायरेक्टर प्रो. गोवर्धन दास ने बताया कि इस बार कुल 423 छात्र-छात्राओं ने स्नातक किया। इनमें 227 बीएसएमएस, 51 बीएस, 56 एमएस और 89 पीएचडी शामिल हैं। उन्होंने स्नातकों को भविष्य के इनोवेटर्स और लीडर्स बताते हुए कहा कि IISER ने बहुविषयक शिक्षा को प्रोत्साहन दिया है और अब नेचुरल साइंसेस के साथ सोशल साइंसेस, ह्यूमैनिटीज और इंजीनियरिंग पर भी काम कर रहा है। इस सत्र से नए पाठ्यक्रम शुरू प्रो. दास ने यह भी बताया कि इस सत्र से संस्थान में बीटेक और एमए (लिबरल आर्ट्स) कोर्स भी शुरू किए गए हैं। IISER भोपाल की छात्र संख्या लगभग तीन हजार के करीब पहुंच चुकी है और इनमें लगभग 35 प्रतिशत विद्यार्थी महिलाएं हैं। यह संस्थान के लिए गर्व का विषय है और आने वाले वर्षों में इसे और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। 340 करोड़ का अनुदान मिला प्रो. दास ने संस्थान की रिसर्च बेस्ड उपलब्धियों का विस्तृत ब्योरा देते हुए कहा कि अब तक IISER भोपाल के 847 प्रोजेक्ट्स राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय 45 एजेंसियों से फंडेड हुए हैं। संस्थान को कुल मिलाकर करीब 340 करोड़ रुपए का अनुसंधान अनुदान प्राप्त हुआ है। उनकी फैकल्टी ने 4,000 से अधिक पियर-रि‍व्यूड लेख प्रकाशित किए हैं, 60 से अधिक पेटेंट हासिल किए गए हैं और 50 से अधिक संस्थानों के साथ एमओयू दर्ज हैं। वर्तमान में संस्थान में लगभग 160 नियमित फैकल्टी सदस्य कार्यरत हैं और यह संख्या विस्तार के रास्ते पर है। IISER में केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से स्टेट ऑफ आर्ट हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सुविधाएं विकसित की गई हैं, जो आज के कटिंग-एज टेक्नोलॉजी के अनुरूप अनुसंधान को सशक्त बनाने के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा संस्थान में रिसर्च पार्क का विकास भी जोरों पर है, ताकि रिसर्च बेस्ड स्टार्टअप और उद्योगों को सहयोग और संसाधन मिल सके। प्रो. दास ने कहा, IISER भोपाल ने कृषि व टेक्नोलॉजी के संयोजन पर भी विशेष बल दिया है। संस्थान ने प्रस्ताव रखा है कि यहां एक सेंटर फॉर एग्रो टेक्नोलॉजी रिसर्च स्थापित किया जाए, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नयी नयी तकनीकों के माध्यम से किसानों की आजीविका में सुधार लाना होगा। संस्थान की रिसर्च टीम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को कृषि से जोड़ने पर काम कर रही है। जिससे ताकि किसान यह जान सकें कि कौन-सी फसल कब और किस तरीके से लगानी चाहिए, संभावित जोखिम क्या हैं और उनसे निपटने के वैधानिक तथा तकनीकी उपाय क्या हो सकते हैं। ड्रोन इमेजरी की मदद से फसलों की सटीक निगरानी, रोगों का शीघ्र पता और जल प्रबंधन संभव होगा। जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। इसके अलावा संस्थान में प्रकाशित शोधों में सिकल सेल एनीमिया के इलाज के लिए स्टेम सेल तकनीक पर भी काम चल रहा है, जो बीमारियों के नए उपचार के रास्ते खोल सकते हैं। मंत्री नहीं, मामा बनकर आया हूं समारोह को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि IISER का परिसर देखकर उन्हें दिव्यता का अनुभव हुआ। उन्होंने कहा – नाटू साहब ने मेरा परिचय मंत्री के रूप में दिया, लेकिन मैं यहां मामा बनकर आया हूं।' चौहान ने छात्रों से कहा कि भारत की पुरानी विद्वता आज भी हमें ज्ञान का प्रकाश देती है और नए शोधकर्ताओं का कर्तव्य है कि वे इस विरासत को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा- 'देश छोड़कर मत जाना, असली सुख तब है जब आपका ज्ञान अपने देश और समाज के काम आए।' किसानों के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग उन्होंने छोटे और संसाधन सीमित किसानों के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर जोर दिया। जिसमें मधुमक्खी पालन, पशुपालन और विविध फसल प्रबंधन कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें। चौहान ने छात्र-उद्यमियों से कहा कि यदि उनके पास प्रोजेक्ट हैं तो वे भोपाल में उपलब्ध हैं; और यदि वे दिल्ली में हैं तो संपर्क कर सकते हैं। वे दोनों जगहों पर सहायता के लिए तत्पर हैं। दीक्षांत का अर्थ दीक्षा का अंत नहीं दीक्षांत समारोह के अंत में प्रो. दास और अतिथियों ने स्नातकों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि दीक्षा का अर्थ अध्ययन का अंत नहीं, बल्कि प्रारम्भ है। अब ज्ञान के साथ कौशल है और उसका प्रयोग समाज के उत्थान के लिए होना चाहिए।  

शिवराज सरकार की सख्ती: खराब फसलों के बाद HPM कंपनी का लाइसेंस रद्द और बिक्री पर रोक

भोपाल  किसानों की शिकायतों और जांच रिपोर्ट के आधार पर केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर राजस्थान की HPM केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। राजस्थान सरकार ने कंपनी का लाइसेंस रद्द करते हुए उसके सभी कीटनाशक उत्पादों के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। कंपनी के जांच सैंपल फैल होने केबाद उसके खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की गई है।  मध्यप्रदेश में फसलें हुई खराब  HPM केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड कंपनी राजस्थान में रजिस्टर्ड थी और देश के कई राज्यों में कीटनाशक सप्लाई करती थी। जांच में सैंपल घटिया पाए जाने के बाद कंपनी पर एफआईआर दर्ज की गई। किसानों की शिकायतों में यह भी सामने आया कि HPM कंपनी के कीटनाशक उपयोग से मध्यप्रदेश के विदिशा, होशंगाबाद, हरदा, सीहोर सहित कई जिलों में सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई थी। शिवराज ने खेत में लिया था जायजा विदिशा जिले के खेत में खराब हुई सोयाबीन फसल का जायजा स्वयं केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिया था। इसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया था कि किसानों के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी कंपनी के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। राजस्थान सरकार की इस कार्रवाई के बाद मध्यप्रदेश के किसानों को बड़ी राहत मिली है। कृषि मंत्रालय ने साफ किया है कि भविष्य में भी किसी भी कंपनी द्वारा मिलावटी या घटिया कीटनाशक और खाद बनाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।  मध्यप्रदेश के कई जिलों में फसल खराब मंत्री ने जानकारी दी कि कंपनी के कीटनाशक से मध्यप्रदेश के कई जिलों में सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी। उन्होंने बताया कि विदिशा स्थित खेत में खराब फसल का खुद केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने जायजा लिया था। किरोड़ी लाल ने कहा कि कंपनी के सभी कीटनाशक उत्पादों के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक विदिशा स्थित खेत में खराब फसल का खुद केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने लिया था जायजा। कंपनी के सभी कीटनाशक उत्पादों के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। किरोड़ी की हुई थी जेपी नड्डा से मुलाकात इससे पहले मंत्री मीणा ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अमानक खाद, बीज और कृषि दवाइयों से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कड़े कानूनी प्रावधानों की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान नियमों के तहत अमानक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है, लेकिन किसानों के नुकसान की भरपाई का कोई प्रावधान नहीं है। अमानक उत्पाद न केवल फसलों को नष्ट करते हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी प्रभावित करते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर पहले भी केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर कठोर कानून बनाने की मांग की थी। 29 मई से चल रहा है अभियान बताते चलें कि राजस्थान में 29 मई से नकली और अमानक खाद, बीज और कीटनाशकों के खिलाफ विशेष अभियान चल रहा है। इस अभियान के तहत कई कंपनियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि किसानों को ठगने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।