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सूर्यकुमार यादव का खुलासा: शुभमन गिल से पहले मुझे मिल सकती थी वनडे की कप्तानी

मुंबई  सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराकर पिछले महीने टी20 एशिया कप का खिताब जीता। सूर्यकुमार की कप्तानी में भारत ने 23 मैच जीते हैं। हालांकि पिछले कुछ से उनका बल्ला खामोश रहा है और वह रन बनाने के लिए संघर्ष करते हुए नजर आए हैं। सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में वनडे की कप्तानी की महत्वाकांक्षाओं को लेकर बड़ा खुलासा किया है। स्टार बल्लेबाज ने कहा कि अगर उनका प्रदर्शन वनडे फॉर्मेट में अच्छा रहता, तो उन्हें 50 ओवर के प्रारूप में भी भारतीय टीम की कप्तानी मिल सकती थी। सूर्यकुमार यादव को वनडे फॉर्मेट में भी काफी मौके दिए गए थे। सूर्यकुमार ने वनडे में 37 मैचों में 25.76 के औसत से 773 रन बनाए हैं। उन्होंने 4 अर्धशतक लगाए। लगातार खराब प्रदर्शन के कारण उनको वनडे टीम से बाहर कर दिया गया था। सूर्यकुमार यादव ने वनडे कप्तानी पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पहले वह इस बारे में नहीं सोचते थे, लेकिन अब जब वह टी20 टीम की कमान संभाल रहे हैं, तो उनके मन में यह विचार आ रहा है। सूर्यकुमार ने कहा, “अब मैं सोचता हूं कि अगर मैंने वनडे फॉर्मेट में अच्छा किया होता, जैसे अभी टी20 कप्तानी चल रही है, वनडे कप्तानी भी मिल सकती थी। मैं अभी सोच रहा हूं। पहले नहीं सोचता था। क्योंकि फॉर्मेट 30 ओवर और थोड़ा लंबा है। बॉल का कलर भी सेम है। जर्सी भी सेम ही है। मैं अभी भी ट्राई करूंगा। 100 परसेंट हारूंगा मैं। ड्रीम तो है ही। घर पे जब रहते हैं, हम यही डिस्कस करते हैं।'' उन्होंने आगे कहा, ''वाइफ के साथ मैं यही बात करता हूं कि अगर ODI क्रिकेट मेरा अच्छा गया होता, तो आप नहीं जानते कब क्या हो जाए। जब रोहित भाई वनडे कप्तानी से रिटायर होंगे, उसके बाद कौन लीड करेगा? अगर आप अच्छा कर रहे हो, तो आप दावेदार हो सकते थे। लेकिन अभी भी मौका नहीं गया है वनडे क्रिकेट का।" रोहित के टी20 से संन्यास लेने के बाद सूर्यकुमार को खेल के सबसे छोटे प्रारूप की जिम्मेदारी सौंपी गई। और टेस्ट से संन्यास लेने के बाद शुभमन गिल ने टीम की कमान संभाली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले शुभमन गिल को वनडे टीम की कप्तानी भी दी गई है।

WTC में इतिहास रचा शुभमन गिल ने, रोहित शर्मा के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा

नई दिल्ली  भारतीय कप्तान शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में शानदार फॉर्म दिखा रहे हैं. शुभमन ने 11 अक्टूबर (शनिवार) को वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट मैच के दूसरे दिन शतक जड़ दिया. शुभमन ने भारत की पहली पारी के 130वें ओवर में खैरी पियरे की पांचवीं गेंद पर तीन रन लेकर अपना 10वां टेस्ट शतक पूरा किया. शुभमन ने 13 चौके और एक सिक्स की मदद से 176 गेंदों पर अपनी ये सेंचुरी कम्पलीट की. शुभमन गिल का कप्तान के रूप में 12 पारियों में पांचवां टेस्ट शतक है. केवल एलिस्टेयर कुक (9 पारी) और सुनील गावस्कर (10 पारी) ने बतौर कप्तान शुभमन से कम पारियों में इतने शतक बनाए. शुभमन ने ये पांचों टेस्ट शतक इस साल बनाए हैं. एक कैलेंडर ईयर में बतौर कप्तान 5 टेस्ट शतक जड़ने वाले वो दूसरे भारतीय हैं. शुभमन से पहले विराट कोहली ही ऐसा कर पाए थे. विराट ने दो बार ये उपलब्धि हासिल की थी. शुभमन गिल अब वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) में सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज बन चुके हैं. शुभमन ने रोहित शर्मा को पछाड़ दिया, जिन्होंने डबल्यूटीसी में 9 शतक जड़े थे. शुभमन गिल ने डब्ल्यूटीसी में अब तक 71 पारियों में 43.47 की औसत से 2826 रन बनाए हैं, जिसमें 10 शतक शामिल रहे. शुभमन डब्ल्यूटीसी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज भी बन चुके हैं. शुभमन ने इस मामले में भी रोहित शर्मा को पछाड़ा, जिन्होंने 2716 रन बनाए थे. एक कैलेंडर वर्ष में पांच टेस्ट शतक (भारतीय कप्तान) 2017- विराट कोहली 2018- विराट कोहली 2025- शुभमन गिल यशस्वी जायसवाल ने भी लगाया था शतक शुभमन गिल ने इस इनिंग्स के दौरान बतौर भारतीय कप्तान टेस्ट क्रिकेट में हजार रन भी पूरे कर लिए. शुभमन गिल ने 196 गेंदों का सामना करते हुए 129* रन बनाए, जिसमें 16 चौके और दो छक्के शामिल रहे. शुभमन गिल का घर पर ये सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर रहा. इससे पहले शुभमन का घर पर बेस्ट स्कोर 128 रन था, जो उन्होंने साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमदाबाद में बनाया था. दिल्ली टेस्ट में भारत की ओर से पहली पारी में शुभमन से पहले यशस्वी जायसवाल ने भी शतक (175 रन) जड़ा था. शुभमन-यशस्वी के शतकों के दम पर भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी 518/5 के स्कोर पर घोषित कर दी. 5 टेस्ट शतक बनाने के लिए सबसे कम पारियां (भारतीय कप्तान) 10- सुनील गावस्कर 12- शुभमन गिल 18- विराट कोहली

संभलकर खेलते दिखे यशस्वी और राहुल, भारत ने रखी मजबूत नींव, वेस्टइंडीज का साइलेंट ट्रिब्यूट

नईदिल्ली  भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा टेस्ट शुक्रवार (10 अक्टूबर) से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेड‍ियम में हो गया है. इस मुकाबले में टॉस भारतीय कप्तान शुभमन ग‍िल ने जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला क‍िया. भारतीय टीम की ओर से इस समय बल्लेबाजी यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल कर रहे हैं. इस मैच की लाइव कवरेज और स्कोरबोर्ड देखने के लिए और हर अपडेट के ल‍िए इस पेज को र‍िफ्रेश करते रहें.  भारत ने अहमदाबाद में पहले टेस्ट में भारत ने वेस्टइंडीज को पारी और 140 रनों से रौंदा था. इस तरह भारतीय टीम सीरीज में 1-0 से आगे है. इस मुकाबले के ल‍िए भारतीय टीम अनचेंज है. वहीं वेस्टइंडीज की टीम में 2 बदलाव हुए हैं. ब्रैंडन किंग और जोहान लेने बाहर हैं. वहीं एंडरसन फिलिप और टेविम इमलाच टीम में आए हैं.  काली पट्टी बांधकर क्यों उतरी वेस्टइंडीज की टीम   इस मुकाबले में भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने टॉस जीता और पहले बैटिंग का फैसला किया. यानी वेस्टइंडीज की टीम पहले गेंदबाजी करने उतरी. खास बात यह है कि शुभमन गिल पहली बार टेस्ट क्रिकेट में टॉस जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने इससे पहले पिछले 6 टेस्ट मैचों में टॉस गंवाए थे. इस मुकाबले के पहले दिन रोस्टन चेज की अगुवाई वाली वेस्टइंडीज की टीम के खिलाड़ी काली पट्टी बांधकर फील्डिंग करने उतरे. मेहमान टीम के खिलाड़ियों ने बर्नार्ड जूलियन की याद में ऐसा किया. जूलियन का 4 अक्टूबर को त्रिनिदाद एंड टोबैगो के वाल्सेन में निधन हो गया. जूलियन 75 साल के थे. बर्नार्ड जूलियन ने वेस्टइंडीज के लिए 1973-77 के दौरान 24 टेस्ट और 12 वनडे इंटरनेशनल मुकाबले खेले. टेस्ट क्रिकेट में जूलियन ने 30.92 की औसत से 866 रन बनाए, जिसमें दो शतक और 3 अर्धशतक शामिल रहे. जूलियन ने टेस्ट मैचों में 37.36 के एवरेज से 50 विकेट भी झटके. वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी रहे हिस्सा बर्नार्ड जूलियन के नाम पर वनडे इंटरनेशनल में 14.33 की औसत से 86 रन दर्ज हैं. बाएं हाथ के ऑलराउंडर जूलियन ने ओडीआई में 25.72 के एवरेज से 18 विकेट अपने नाम किए. जूलियन 1975 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली विंडीज की टीम का भी हिस्सा रहे. वो वनडे वर्ल्ड कप का पहला संस्करण था. बता दें कि दिल्ली टेस्ट मैच के लिए वेस्टइंडीज ने अपनी टीम में दो बदलाव किए. ब्रैंडन किंग और जोहान लेन को बाहर का रास्ता दिखाया गया. उनकी जगह क्रमश: विकेटकीपर टेविन इमलाच और तेज गेंदबाज एंडरसन फिलिप की प्लेइंग-11 में एंट्री हुई. दूसरी ओर भारतीय टीम की प्लेइंग-11 में कोई बदलाव नहीं हुआ. दिल्ली टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज की प्लेइंग-11: जॉन कैम्पबेल, तेजनारायण चंद्रपॉल, एलिक अथानाज, शाई होप, रोस्टन चेज (कप्तान), टेविन इमलाच (विकेकीपर), जस्टिन ग्रीव्स, जोमेल वॉरिकन, खैरी पियरे, एंडरसन फिलिप, जेडन सील्स. भारतीय टीम की प्लेइंग-11: यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुभमन गिल (कप्तान), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, नीतीश कुमार रेड्डी, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज.

वर्ल्ड कप 2027: रोहित-कोहली की टीम में वापसी तय, ग‍िल ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली  भारत के नए ODI कप्तान शुभमन गिल ने साफ कर दिया है कि टीम के दो अनुभवी सितारे, रोहित शर्मा और विराट कोहली, ODI वर्ल्ड कप 2027 के लिए पूरी तरह टीम का हिस्सा बने रहेंगे. वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले बातचीत में गिल ने टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों की भूमिका पर भरोसा जताया और कहा कि उनका अनुभव और कौशल टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. शुभमन को भारत का ODI कप्तान बनाए जाने के बाद फैन्स में उत्साह की लहर दौड़ गई. उन्होंने रोहित शर्मा की जगह ली, जिन्होंने विराट कोहली के इस्तीफा देने के बाद टीम का नेतृत्व बेहतरीन ढंग से किया था. इस नेतृत्व परिवर्तन के बाद, अब मुख्य कोच गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में, रोहित और विराट के सफेद गेंद क्रिकेट में भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. शुभमन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'रोहित और विराट का अनुभव और कौशल बहुत कम खिलाड़ियों में होता है. उन्होंने भारत के लिए जितने मैच जीते हैं, उसे बहुत कम खिलाड़ी हासिल कर पाए हैं. उनकी क्षमता, गुणवत्ता और अनुभव टीम के लिए अनमोल हैं. इसलिए दोनों खिलाड़ी ODI वर्ल्ड कप 2027 के लिए पूरी तरह से टीम में हैं.' गिल ने यह भी साझा किया कि उन्होंने रोहित से बहुत कुछ सीखा है. उन्होंने कहा, 'रोहित भाई से मैंने बहुत-सी खूबियां सीखी हैं. उनकी शांति और टीम के भीतर जो अपनापन और दोस्ती का माहौल वह बनाते हैं, वह मेरे लिए प्रेरणादायक है. यही वो गुण हैं जिन्हें मैं उनसे अपनाना चाहता हूं और अपने भीतर उतारना चाहता हूं.'   विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अब नए नेतृत्व समूह के तहत संक्रमण के दौर में है. गिल के ये बयान स्पष्टता और स्थिरता का संदेश देते हैं. टीम भविष्य की ओर देख रही है, लेकिन रोहित और विराट जैसे अनुभवी खिलाड़ी अभी भी टीम के लिए महत्वपूर्ण हैं. उनका अनुभव बड़े टूर्नामेंट में खासकर वर्ल्ड कप में टीम के लिए बहुत काम आएगा. ODI वर्ल्ड कप के दृष्टिकोण से यह एक सकारात्मक संदेश है. युवा कप्तान शुभमन गिल ने यह भरोसा दिलाया कि टीम में अनुभव और नई ऊर्जा का संतुलन बनाए रखा जाएगा. इससे खिलाड़ियों को आत्मविश्वास मिलेगा और टीम का प्रदर्शन भी बेहतर होगा. शुभमन गिल का यह बयान इस बात का भी प्रमाण है कि टीम प्रबंधन खिलाड़ियों के अनुभव और योग्यता को महत्व देता है. रोहित और विराट का योगदान न केवल मैदान पर बल्कि टीम की मानसिकता और नेतृत्व के दृष्टिकोण से भी अहम है. ऐसे में टीम का सफेद गेंद क्रिकेट में प्रदर्शन आने वाले वर्षों में भी मजबूत बना रहेगा.

कौन था भारत का पहला ODI कप्तान? शुभमन गिल बने 28वें

नई दिल्ली शुभमन गिल को टेस्ट के बाद भारतीय वनडे टीम की कमान सौंप दी गई है। शनिवार, 4 अक्टूबर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए स्क्वॉड का ऐलान करते हुए नए कप्तान का भी ऐलान किया। रोहित शर्मा के बाद गिल भारत के 28वें वनडे कप्तान बनें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला वनडे कप्तान कौन था? टीम इंडिया ने पहला वनडे मैच कब खेला था? अगर आपके जहन में भी कुछ ऐसे ही सवाल है तो आईए आपको इनका जवाब देते हैं। भारत ने पहला वनडे 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था, उस मैच में टीम इंडिया की अगुवाई अजीत वाडेकर ने की थी, वो ही भारतीय वनडे टीम के पहले कप्तान थे। हालांकि भारत को उस मैच में 4 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि वाडेकर का कैप्टेंसी करियर ज्यादा लंबा नहीं चला और दो मैच के बाद ही भारतीय वनडे टीम का कप्तान बदल गया। उनके बाद यह जिम्मेदारी श्रीनिवास वेंकटराघवन को मिली और वह भारत के दूसरे वनडे कप्तान थे। वेंकटराघवन ने 7 मैच में टीम इंडिया को लीड किया, इसके बाद कप्तानी की जिम्मेदारी बिशन सिंह बेदी को सौंपी गई जिन्होंने 4 वनडे मैचों में भारत की अगुवाई की। वनडे कैप्टेंसी में हो रहे लगातार बदलाव के बाद भारत को सुनील गावस्कर मिले, जिन्होंने लंबे समय तक भारतीय टीम की अगुवाई की। गावस्कर ने 37 मैचों में टीम इंडिया को लीड किया। गावस्कर के बाद एक मैच के लिए गुंडप्पा विश्वनाथ को कप्तान बनाया गया, इसके बाद 1983 से पहले यह जिम्मेदारी कपिल देव को सौंप दी गई। कपिल देव ने 74 मैचों में भारतीय टीम की अगुवाई की और इस दौरान उन्होंने 1983 का वर्ल्ड कप भी जिताया। गावस्कर के बाद भारतीय वनडे टीम के 5 कप्तान बदले, मगर किसी में लीडरशिप क्वालिटी नजर नहीं आई। इसके बाद 1990 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की एंट्री हुई। अजहरुद्दीन 100 से ज्यादा वनडे मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी करने वाले पहले खिलाड़ी बने। उन्होंने कुल 175 मैचों में टीम को लीड किया। सचिन तेंदुलकर भी भारतीय वनडे टीम की कमान संभाल चुके हैं, अजहरुद्दीन के बाद 72 मैचों में वह टीम इंडिया के कप्तान रहे। 1999 में आकर सौरव गांगुली ने आकर भारतीय वनडे टीम की तस्वीर बदली और उन्होंने देश के साथ-साथ विदेशी सरजमीं पर भी भारतीय टीम को जीतना सिखाया। गांगुली के बाद द्रविड़, सहवाग, कुंबले जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने कुछ मैचों में कप्तानी की, फिर एमएस धोनी की एंट्री हुई जिन्होंने भारतीय टीम को अलग स्तर पर पहुंचाया। एमएस धोनी 200 वनडे मैचों में कप्तानी करने वाले एकमात्र भारतीय हैं। उनकी अगुवाई में भारत 2011 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीता था। इसके बाद दो खिलाड़ियों ने बतौर वनडे कप्तान नाम कमाया, विराट कोहली और रोहित शर्मा। कोहली ने 95 तो रोहित ने 56 मैचों में टीम को लीड किया। अब कमान शुभमन गिल के हाथों में है, देखना होगा कि वह कितने लंबे समय तक टीम को लीड कर पाएंगे। भारतीय वनडे कप्तानों की लिस्ट– प्लेयर पहला मैच मैच जीत हार अजीत वाडेकर 13/07/1974 2 0 (0.00%) 2 (100.00%) एस वेंकटराघवन 07/06/1975 7 1 (14.29%) 6 (85.71%) बिशन सिंह बेदी 21/02/1976 4 1 (25.00%) 3 (75.00%) सुनील गावस्कर 06/12/1980 37 14 (37.84%) 21 (56.76%) गुंडप्पा विश्वनाथ 15/02/1981 1 0 (0.00%) 1 (100.00%) कपिल देव 12/09/1982 74 39 (52.70%) 33 (44.59%) सैयद किरमानी 17/12/1983 1 0 (0.00%) 1 (100.00%) मोहिंदर अमरनाथ 31/10/1984 1 0 (0.00%) 0 (0.00%) रवि शास्त्री 27/01/1987 11 4 (36.36%) 7 (63.64%) दिलीप वेंगसरकर 08/12/1987 18 8 (44.44%) 10 (55.56%) के श्रीकांत 13/10/1989 13 4 (30.77%) 8 (61.54%) मोहम्मद अज़हरुद्दीन 01/03/1990 175 90 (51.43%) 77 (44.00%) सचिन तेंदुलकर 28/08/1996 72 23 (31.94%) 42 (58.33%) अजय जडेजा 20/05/1998 13 8 (61.54%) 5 (38.46%) सौरव गांगुली 05/09/1999 147 76 (51.70%) 66 (44.90%) राहुल द्रविड़ 14/12/2000 79 42 (53.16%) 33 (41.77%) अनिल कुंबले 25/01/2002 1 1 (100.00%) 0 (0.00%) वीरेंद्र सहवाग 16/04/2003 12 7 (58.33%) 5 (41.67%) एमएस धोनी 29/09/2007 200 110 (55.00%) 74 (37.00%) सुरेश रैना 28/05/2010 12 6 (50.00%) 5 (41.67%) गौतम गंभीर 28/11/2010 6 6 (100.00%) 0 (0.00%) विराट कोहली 02/07/2013 95 65 (68.42%) 27 (28.42%) अजिंक्य रहाणे 10/07/2015 3 3 (100.00%) 0 (0.00%) रोहित शर्मा 10/12/2017 56 42 (75.00%) 12 (21.43%) शिखर धवन 18/07/2021 12 7 (58.33%) 3 (25.00%) केएल राहुल 19/01/2022 12 8 (66.67%) 4 (33.33%) हार्दिक पांड्या 17/03/2023 3 2 (66.67%) 1 (33.33%)  

शुभमन गिल के साथ फिर हुआ ‘अशुभ’ खेल, रिकॉर्ड सूची में दर्ज होने की कगार पर

नई दिल्ली  शुभमन गिल के नाम में शुभ शब्द है, लेकिन भारत के नए टेस्ट कप्तान की किस्मत शायद रूठी हुई है। टॉस के मामले में उनके साथ अशुभ ही अशुभ हो रहा है। वे अब तक टेस्ट कप्तान के तौर पर एक भी मैच में टॉस नहीं जीत पाए हैं। हालांकि, अच्छी बात ये है कि वे दो टेस्ट इस दौरान जीते हैं, लेकिन टॉस एक बार भी नहीं जीते हैं। लगातार छठे टेस्ट मैच में उन्होंने टॉस गंवाया है। हालांकि, टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसा नहीं था, जब वे शॉर्ट फॉर्मेट में थोड़े समय के लिए कप्तान बने थे तो पांच में से 4 मैचों में टॉस उन्होंने जीता था।   दाएं हाथ के बल्लेबाज शुभमन गिल को इंग्लैंड के दौरे से पहले टेस्ट कप्तान नियुक्त किया गया था। उन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में कप्तानी की और लगातार पांच मैचों में टॉस हारे। हालांकि, उन 5 मैचों में से दो टेस्ट उन्होंने जीते और एक मैच ड्रॉ कराया और दो टेस्ट गंवाए। ऐसे में कहा जा रहा था कि घरेलू सरजमीं पर शुभमन गिल की किस्मत सिक्के के साथ बदल सकती है, लेकिन अहमदाबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ जब वे पहले टेस्ट मैच में टॉस के लिए उतरे तो फिर से मायूस नजर आए, क्योंकि वे लगातार छठा टॉस हार गई थी। सिक्के के साथ हो रही इस आंख-मिचौली के बीच भारतीय कप्तान के नाम अब शर्मनाक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज हो सकता है, क्योंकि वे तीसरे ऐसे कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने अपने पहले 6 टेस्ट मैचों में बतौर कप्तान टॉस गंवाया है। वे न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम की बराबरी कर चुके हैं, जबकि न्यूजीलैंड के ही बेवन कॉन्गडॉन ने 7 टेस्ट मैचों में टॉस गंवाया था, जो आज तक शर्मनाक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इसके करीब शुभमन गिल पहुंच गए हैं। अगले मैच में अगर वे टॉस हारे तो यह शर्मनाक विश्व रिकॉर्ड की बराबरी होगी।  

वर्ल्ड कप की तैयारी तेज़: गिल ने जमकर किया अभ्यास, बुमराह-अक्षर और कुलदीप रहे मौजूद

अहमदाबाद वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच की तैयारियों के अंतर्गत कप्तान शुभमन गिल ने बुधवार को यहां भारत के अंतिम ट्रेनिंग सत्र में लंबे समय तक बल्लेबाजी की जबकि जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल की तिकड़ी भी गेंदबाजी अभ्यास के लिए पहुंची।  इंग्लैंड के खिलाफ भारत की अंतिम टेस्ट श्रृंखला में 754 रन बनाने वाले गिल पूर्णकालिक कप्तान के रूप में अपनी पहली श्रृंखला में सबसे सफल बल्लेबाज रहे थे। लेकिन अब उनके लिए सफेद गेंद के टी20 क्रिकेट से निकलकर जल्द ही टेस्ट मैच में बल्लेबाजी करने की चुनौती होगी। वेस्टइंडीज के खिलाफ बृहस्पतिवार से शुरू हो रही दो टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए चुने गए बल्लेबाजों में गिल एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्हें हाल में लाल गेंद से खेलने का कोई अनुभव नहीं है जबकि बाकी सभी को मौके मिल चुके हैं।  इस भारतीय टीम में शामिल अन्य बल्लेबाजों में केएल राहुल, बी साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल और विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल और एन जगदीशन ने हाल में भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच चार दिवसीय अनौपचारिक टेस्ट श्रृंखला में हिस्सा लिया था। हालांकि यशस्वी जायसवाल ‘ए' श्रृंखला का हिस्सा नहीं थे, पर दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल में पश्चिम क्षेत्र के लिए खेलते हुए मध्य क्षेत्र के खिलाफ उन्होंने दूसरी पारी में तेज अर्धशतक (64 रन) जड़ा।  वहीं मंगलवार की दोपहर हुए पहले नेट सत्र से ब्रेक लेने वाले बुमराह, कुलदीप और अक्षर ने एशिया कप जीतने के बाद लाल गेंद के ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा लिया। बुमराह और कुलदीप ने घास वाली मुख्य पिच के बराबर में बनी पिचों पर लंबे समय तक गेंदबाजी अभ्यास किया। भारत और वेस्टइंडीज यहां इसी मुख्य पिच पर बृहस्पतिवार से पहला टेस्ट खेलेंगे। अक्षर ने भारतीय बल्लेबाजों को नेट पर गेंदबाजी भी की।  भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने मंगलवार को देर तक गेंदबाजी अभ्यास किया था। उन्होंने बुधवार को बल्लेबाजी की और बाद में कुलदीप भी उनके साथ शामिल हो गए। चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर भी बुधवार को भारत के ट्रेनिंग सत्र के दौरान मौजूद थे। वह पिछले साल के रणजी ट्रॉफी विजेता विदर्भ और शेष भारत के बीच नागपुर में खेले जा रहे ईरानी कप मैच देखने के लिए पहुंचे हुए थे।   

तेंदुलकर, विराट और युवराज के एलिट क्लब में शामिल हुए शुभमन गिल

145 पारियों में 6000 रन पूरे किए 18 शतक भी लगाए नई दिल्ली शुभमन गिल टेस्ट कप्तान बनने के बाद बल्लेबाजी जैसे और निखर गई। उसके बाद उनकी टी20 टीम में भी वापसी हुई और वो भी बतौर उपकप्तान। इस बीच वह 25 की उम्र में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो गए हैं। शुभमन गिल 8 सितंबर को 26 साल के हो गए। इसके साथ ही वह सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और युवराज सिंह के एलिट क्लब में भी शामिल हो गए। बता दें 26 साल के होने से पहले भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की एलिट लिस्ट। लिस्ट में सबसे ऊपर सचिन तेंदुलकर का नाम हैं। उन्होंने 26 साल का होने से पहले ही भारत के लिए 12978 रन बनाए थे। उन्होंने ये रन 309 पारियों में बनाए। इस दौरान उन्होंने 40 अंतरराष्ट्रीय शतक भी लगाए थे। वहीं 26 साल की उम्र से पहले भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में विराट कोहली दूसरे नंबर पर हैं। कोहली ने 211 पारियों में 8728 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 26 शतक लगाए। इस सूची में तीसरे नंबर युवराज सिंह आते हैं। उन्होंने 26 साल की उम्र से पहले भारत के लिए 211 पारियों में 6661 रन बनाए थे। इस दौरान उनके बल्ले से 11 शतक निकले थे। और अब 26 साल की उम्र से पहले 6000 अंतरराष्ट्रीय रन पूरा करने वाले शुभमन गिल भारत के चौथे बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने 145 पारियों में 6000 रन बनाए हैं। इसमें 18 शतक शामिल हैं। शुभमन गिल ने इस सूची में मौजूद युवराज सिंह के मुकाबले कम पारियों में 6000 रन वाले क्लब में एंट्री ली। युवराज ने जहां 211 पारियों में 6661 रन बनाए वहीं गिल ने 145 पारियों में 6000 रन पूरे किए हैं। इस दौरान युवी ने 11 शतक लगाए जबकि गिल ने कम पारियों में 18 शतक जड़े।  

रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार शुभमन, 25 रन बनाते ही होगा बड़ा कारनामा

नई दिल्ली भारत और इंग्लैंड के बीच 23 जुलाई (बुधवार) से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर टेस्ट मैच खेला जाना है. भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज में 1-2 से पीछे हैं, ऐसे में ये मुकाबला उसके लिए 'करो या मरो' का है. अगर भारत मैनचेस्टर टेस्ट हारता है या ड्रॉ करता है, तो सीरीज जीतने का मौका गंवा देगा. इस मुकाबले में भारतीय टीम के कप्तान शुभमन गिल पर सबकी निगाहें होंगी. शुभमन गिल के पास बड़ा रिकॉर्ड बनाने का मौका शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में नया कीर्तिमान रचने के बेहद करीब हैं. यदि शुभमन मैनचेस्टर टेस्ट मैच में 25 रन बनाते हैं, तो वो 19 साल पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त कर देंगे. शुभमन 25 रन बनाते ही इंग्लैंड में किसी द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले एशियाई बल्लेबाज बन जाएंगे. फिलहाल ये रिकॉर्ड पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद यूसुफ के नाम दर्ज है. दाएं हाथ के बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ ने साल 2006 में इंग्लैंड में 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में 90.14 की बेहतरीन औसत से 631 रन बनाए थे. अब शुभमन गिल के पास मोहम्मद यूसुफ को पछाड़ने का सुनहरा मौका है. शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में अब तक 3 मैचों में 607 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका औसत 101.16 रहा और उन्होंने तीन शतक लगाए. भारतीय कप्तान का मौजूदा सीरीज में सर्वोच्च स्कोर 269 रन रहा है, जो उन्होंने बर्मिंघम टेस्ट की पहली पारी में बनाया. इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक रन (एशियाई बैटर) मोहम्मद यूसुफ (पाकिस्तान) – 4 मैच, 631 रन, 2006 शुभमन गिल (भारत)- 3* मैच, 607 रन, 2025 राहुल द्रविड़ (भारत)- 4 मैच, 602 रन, 2002 विराट कोहली (भारत)– 5 मैच, 593 रन, 2018 सुनील गावस्कर (भारत)– 4 मैच, 542 रन, 1979 सलीम मलिक (पाकिस्तान)- 5 मैच, 488 रन, 1992 भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने शुभमन गिल को लेकर बड़ी बात कही है. चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो में अपने कॉलम में लिखा, 'ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट शुभमन गिल के अब तक के करियर की सबसे बड़ी परीक्षा होगी. सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर नहीं, बल्कि कप्तान के तौर पर भी.' चैपल का मानना है कि गिल के पास सीखने का समय बहुत कम है और वो अपनी भावनाएं नहीं दिखा सकते. भारतीय टीम ने तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी 2025 की शुरुआत लीड्स टेस्ट में पांच विकेट से हार झेलकर की. इसके बाद टीम इंडिया ने एजबेस्टन टेस्ट मैच में जबरदस्त वापसी की और मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ 336 रनों की रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल की. हालाकि, लॉर्ड्स टेस्ट मैच में मिली 22 रनों से हार ने उसे बैकफुट पर ढकेल दिया.

गिल एक के बाद एक रिकॉर्ड ध्वस्त कर रहे, लॉर्ड्स टेस्ट में भी वो कई कीर्तिमान बना सकते

लॉर्ड्स   5 मैचों की तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज अब 1-1 की बराबरी पर आने के बाद रोमांचक मोड़ पर है. पहला टेस्ट इंग्लैंड की टीम ने जीता था. लेकिन दूसरे टेस्ट में बाजी भारत ने मारी. इस सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 'क्रिकेट के मक्का' लॉर्ड्स में 10 जुलाई से है. इस मुकाबले पर सभी की नजर है. लेकिन इस मैच में कप्तान शुभमन गिल पर खासा फोकस होगा. क्योंकि गिल शानदार फॉर्म में चल  रहे हैं. पिछले मैच में उन्होंने दोहरा शतक और शतक लगाया है. गिल एक के बाद एक रिकॉर्ड ध्वस्त कर रहे हैं. इस मैच में भी वो कई कीर्तिमान बना सकते हैं. एक नजर गिल के प्रदर्शन पर… इस सीरीज में गिल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो लीड्स में खेले गए पहले मैच की पहली पारी में गिल ने 147 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी. वहीं दूसरी पारी में गिल के बल्ले से केवल 8 रन ही आए थे. लेकिन दूसरे मैच की पहली पारी में गिल ने 269 रन बनाए. इसके बाद दूसरी पारी में भी गिल के बल्ले से 161 रनों का तूफान देखने को मिला. यानी दो मैचों में गिल के बल्ले से अबतक 585 रन बन चुके हैं. अभी गिल के पास 3 मैच हैं यानी 6 पारियां. गिल तोड़ सकते हैं इन दिग्गजों का रिकॉर्ड एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी डॉन ब्रेडमैन के नाम है. जिन्होंने 1930 में एशेज में इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैच की 7 पारियों में 974 रन बनाए थे.   इसमें उन्होंने एक तिहरा शतक भी लगाया था. वहीं, दूसरे नंबर पर इंग्लैंड के हैमांड का नाम आता है जिन्होंने 5 मैच की 9 पारियों में 905 रन बनाए थे. इसके बाद एमए टेलर ने 1989 में एक सीरीज में 839 रन बनाए. वहीं, इस लिस्ट में तीन भारतीय खिलाड़ियों का नाम आता है. पहला नाम सुनील गावस्कर का है, जिन्होंने 1970-71 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 4 मैच की 8 पारियों में 774 रन बनाए थे. 1978-89 में फिर गावस्कर ने एक सीरीज में 732 रन बनाए. वहीं, 2023 में यशस्वी जायसवाल ने 5 मैच की 9 पारियों में 712 रन बनाए. वहीं, 2014-15 में विराट कोहली ने 4 मैच की सीरीज में 692 रन बनाए थे.  अब अगर गिल बचे हुए 3 मैचों की 6 पारियों में इसी लय में नजर आते हैं तो गावस्कर, रिचर्ड्स समेत कई दिग्गजों का रिकॉर्ड वो ध्वस्त कर सकते हैं. साथ ही एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीयों की लिस्ट में भी वो सबसे आगे निकल सकते हैं.  बता दें कि इससे पहले शुभमन गिल अब किसी टेस्ट मैच में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन चुके हैं. शुभमन ने इस मैच में कुल 430 रन (269 & 161) बनाए. शुभमन ने सुनील गावस्कर का 54 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था. गावस्कर ने अप्रैल 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट मैच में कुल 344 रन (124 & 220) रन बनाए थे.