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वास्तु से बदलें अपने घर का माहौल: तनाव कम, प्रेम बढ़े

आजकल की भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण घर में शांति और सुकून की कमी होना एक आम समस्या बन गई है। तनाव और उलझनों से भरी जिंदगी में घर का वातावरण बहुत मायने रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के वातावरण में बदलाव लाकर न सिर्फ शांति की अनुभूति की जा सकती है, बल्कि रिश्तों में भी सुधार हो सकता है। यदि आपके घर में तनाव बढ़ रहा है या रिश्तों में खटास आ रही है, तो कुछ वास्तु उपायों से आप घर में शांति और प्रेम ला सकते हैं। मुख्य द्वार का ध्यान रखें वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को घर की आत्मा माना जाता है। यदि यह स्थान सही नहीं है, तो घर के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है। घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ और व्यवस्थित होना चाहिए क्योंकि यह आपके जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का प्रवेश द्वार है। मुख्य द्वार पर कोई भी रुकावट न हो। यह हमेशा खुला और साफ रखें। द्वार के आसपास अंधेरा या गंदगी न हो। मुख्य द्वार को सिंगल डोर रखें और यदि द्वार का रंग हल्का हो, जैसे सफेद, हल्का नीला या क्रीम रंग, तो यह और भी अच्छा रहेगा। रसोई घर का स्थान सही रखें घर का रसोई घर स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर का स्थान भी घर की ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि रसोईघर सही दिशा में नहीं है, तो घर में तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। रसोई घर का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए। यह दिशा अग्नि से संबंधित है और रसोई के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। सोने के कमरे का वास्तु ध्यान रखें सोने का कमरा घर में शांति और आराम का स्थान होता है। यदि यह कमरा वास्तु के अनुसार नहीं है, तो इसका असर आपकी नींद, मानसिक स्थिति और रिश्तों पर पड़ सकता है। बेड का सिरहाना दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशा मानसिक शांति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।बेड के नीचे कोई भी अव्यवस्था न हो, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है। पानी का सही प्रबंधन वास्तु शास्त्र में पानी का महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि पानी का प्रवाह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। घर में पानी से संबंधित स्थानों पर ध्यान देने से शांति और प्रेम बढ़ सकता है। घर में पानी के स्रोत जैसे जल टंकी, बर्तन धोने का स्थान या पानी के बर्तन हमेशा साफ और व्यवस्थित रखने चाहिए। घर में कोई भी पानी की नलकी या पाइप लीक न हो। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कर सकता है। पानी का स्थान घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। फूलों और पौधों का महत्व प्राकृतिक ऊर्जा के स्रोत जैसे फूल और पौधे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। वास्तु के अनुसार, घर में पौधों और फूलों का होना शांति और खुशी को बढ़ाता है। घर में हरे पौधे रखें, विशेषकर तुलसी, बांस और मनी प्लांट जैसे पौधे। घर के अंदर मृत पौधे या मुरझाए फूल न रखें। कंटीली पौधों को घर के अंदर न रखें क्योंकि वे नकारात्मकता का प्रतीक होते हैं।

वास्तु के अनुसार सजाएं घर का हर कोना, दिवाली पर मिलेगी सुख-समृद्धि

दिवाली एक ऐसा त्योहार है जब लोग अपने घरों को सजाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के विभिन्न कोनों को सजाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। दिवाली पर घर सजाने के लिए वास्तु के अनुसार प्रत्येक दिशा का महत्व है। सही दिशा में सजावट से न केवल घर की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी होता है। ध्यान रखें कि सजावट के साथ-साथ सफाई और व्यवस्था भी महत्वपूर्ण हैं। इस दिवाली अपने घर को सकारात्मकता और खुशियों से भरपूर बनाएं और अपने परिवार के साथ खुशहाल समय बिताएं। आइए जानें कि दिवाली से पहले घर के किस कोने को सजाना चाहिए और इसके पीछे के वास्तु सिद्धांतों के बारे में। मुख्य प्रवेश द्वार मुख्य प्रवेश द्वार को सजाना सबसे महत्वपूर्ण है। इसे स्वच्छ और आकर्षक रखना चाहिए। आप यहां रंगोली बना सकते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। प्रवेश द्वार पर दीपक या मोमबत्तियां रखना भी शुभ माना जाता है। इससे घर में आने वाले हर व्यक्ति का स्वागत होता है। उत्तर-पूर्व दिशा उत्तर-पूर्व दिशा को ‘ईशान कोण’ कहा जाता है और इसे आध्यात्मिकता और सकारात्मकता का केंद्र माना जाता है। यहां पर सफेद और हल्के रंगों का उपयोग करें। इस क्षेत्र में पौधों या फूलों के गुलदस्ते रखने से ऊर्जा का संचार बढ़ता है। आप इस दिशा में पूजा का स्थान भी स्थापित कर सकते हैं। दक्षिण-पूर्व दिशा दक्षिण-पूर्व दिशा को धन की दिशा माना जाता है। इसे सजाने के लिए आप यहां पर दीपक और सजावटी वस्त्र रख सकते हैं। इस दिशा में बर्तन या धातु की वस्तुएं रखने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। आप यहां पर ताजे फूल भी रख सकते हैं, जिससे सकारात्मकता बनी रहे। दक्षिण दिशा दक्षिण दिशा को शक्ति और स्थिरता का स्थान माना जाता है। इस दिशा में काले, भूरे और नीले रंग का उपयोग करें। यहाँ पर मजबूत और सुंदर सजावटी सामान रखें। यह दिशा घर में सुरक्षा और स्थिरता लाने में मदद करती है। पश्चिम दिशा पश्चिम दिशा को संतान सुख की दिशा माना जाता है। इस दिशा में तस्वीरें, स्मृति चिन्ह या सजावटी सामान रखकर सजाएं। यहां पर रंगीन कैंडल या मोमबत्तियां रखना भी शुभ है। यह दिशा घर के सदस्यों के बीच प्यार और सामंजस्य को बढ़ाती है। कमरे का केंद्र घर के केंद्र को ‘ब्रह्मस्थान’ कहा जाता है। इसे खाली और स्वच्छ रखना चाहिए। यहां पर सजावट करते समय हल्के रंगों का प्रयोग करें। इस स्थान को रोशनी से भरपूर रखें। इससे पूरे घर में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है। बाथरूम और शौचालय दिवाली पर इन जगहों को भी सजाने का ध्यान रखें। यहां पर सफाई और सुव्यवस्था बनाए रखें। इन स्थानों को खुशबूदार तेल या अगरबत्ती से सुगंधित करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहेगा।

वास्तु के अनुसार डाइनिंग टेबल पर क्या न रखें: बचने के टिप्स

घर में यदि आपने डायनिंग टेबल को गलत दिशा में रखा है। या उस पर आप कुछ ऐसी चीजें रखते हैं, जो वहां नहीं रखनी चाहिए, तो इससे वास्तु दोषलगता है। इसकी वजह से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आर्थिक परेशानी की स्थिति बन सकती है। इसके अलावा करियर और वैवाहिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। तो देर किस बात की है। चलिए जानते हैं कि डायनिंग टेबल को किस दिशा में रखना चाहिए। उस पर क्या चीजें नहीं रखनी चाहिए। ऐसी जगह लगाएं डायनिंग टेबल     परिवार एकता और सुख-शांति के लिए डाइनिंग टेबल को घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।     डाइनिंग टेबल को दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए। उसके उसके चारों ओर पर्याप्त जगह हो।     खाना खाते समय इस तरह से बैठना चाहिए कि किसी भी सदस्य का मुंह दक्षिण दिशा में नहीं हो।     डाइनिंग टेबल पर हमेशा साफ-सुथरी और स्वच्छ हो और उसके आस-पास कोई भी नकारात्मक ऊर्जा नहीं हो। डाइनिंग टेबल ये चीजें नहीं रखें घर के डाइनिंग टेबल पर  दवाएं नहीं रखना चाहिए। बीमार व्यक्ति के साथ यह घर के अन्य सदस्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसके अलावा कटलरी सेट को खाने के बाद डायनिंग टेबल से हटा देना चाहिए। नुकीली चीजों जैसे कांटे, कैंची और चाकू को खाने के बाद वहां से हटा देना चाहिए। डाइनिंग टेबल पर चाबियां रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। लिहाजा, उन्हें सही जगह पर वॉरडोब के अंदर या चाभियां टांगने की जगह पर व्यवस्थित तरह से रखें। डाइनिंग टेबल पर बिना उपयोग की चीजें या गंदी चीजें नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा डाइनिंग टेबल पर बाहर से लाया गया सामान जैसे बैग, किताबें, आदि नहीं रखनी चाहिए। क्लीनिंग से जुड़े सामान जैसे डस्टर, पोंछा, आदि को भी डाइनिंग टेबल पर नहीं रखना चाहिए। यदि आप इन छोटी-छोटी लेकिन काम की बातों का ध्यान रखेंगे, तो घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहेगी।  

घर में करें वास्तु अनुसार बदलाव, रुक जाएगी पैसों की बर्बादी

अगर आप अपने घर में वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। कई बार बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार परिणाम नहीं मिल पाते, जिसका एक कारण वास्तु दोष का भी माना जाता है। दिशाओं का रखें ध्यान वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व माना गया है और इससे संबंधित कुछ नियम भी बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पानी से संबंधित चीजों को हमेशा घर की उत्तर दिशा में रखना चाहिए जैसे बोरिंग, फाउंटेन या फिर पानी की टंकी आदि। इसी के साथ उत्तर दिशा में धन या तिजोरी को रखने से भी आपको लाभ मिल सकता है। वहीं, वास्तु के मुताबिक घर की पूर्व दिशा को जितना हो सके हमेशा खाली रखना चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे। घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा को भी खाली और साफ-सुथरा रखना चाहिए। इसके साथ ही पृथ्वी तत्व को मजबूत करने के लिए आप इस जगह पर भारी लकड़ी का फर्नीचर रख सकते हैं। वास्तु के अनुसार, ऐसा करने से फिजूल खर्चों पर रोक लग सकती है। इन दिशाओं में ये छोटे-छोटे बदलाव करने पर आपको काफी फायदा देखने को मिल सकता है। इन गलतियों लग सकता है वास्तु दोष अगर आप कुछ वास्तु नियमों की अनदेखी करते हैं, तो इससे भी धन की बर्बादी का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन के ठीक सामने बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए। इसी के साथ घर में कभी भी खराब घड़ी नहीं लगानी चाहिए। यह भी धन खर्च का कारण बन सकती है। इन सभी नियमों की अनदेखी करने पर भी व्यक्ति को वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को पैसों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।  

सीढ़ियों के नीचे रखने योग्य और न रखने योग्य चीजें: जानिए वास्तु टिप्स

हर घर में जगह का पूरा इस्तेमाल करने के लिए लोग अक्सर सीढ़ियों के नीचे की खाली जगह का इस्तेमाल करना चाहते हैं। खाली जगह है, तो जरूर उसका उपयोग होना चाहिए। मगर, साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि वास्तु के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे की एनर्जी कुंठित होती है। दरअसल, सीढ़ियों को घुमावदार बनाया जाता है। इससे सीढ़ियों के नीचे की एनर्जी अस्त-व्यस्त और निगेटिविटी से भर जाती है। लिहाजा, कुछ चीजों को सीढ़ियों के नीचे नहीं रखना चाहिए। आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आपको किन चीजों को वहां रखने से परहेज करना चाहिए और किन चीजों को रख सकते हैं वहां। पेट्स के बैठने की जगह सीढ़ियों के नीचे की जगह का इस्तेमाल पेट्स को रखने के लिए नहीं करना चाहिए। वहां की अस्त-व्यस्त एनर्जी की वजह से पेट का संतुलन बिगड़ सकता है। वह मानसिक तौर पर परेशान हो सकता है। उसका व्यवहार आक्रामक हो सकता है। या वह बीमार हो सकता है। लिहाजा, ऐसा नहीं करें। पढ़ने की जगह न बनाएं सीढ़ियों के नीचे स्टडी टेबल लगाकर उसे पढ़ने की जगह के रूप में इस्तेमाल नहीं करें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप पाएंगे कि बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगेगा। साथ ही वह अपनी स्टडीज पर फोकस भी नहीं कर पाएगा। भगवान का मंदिर नहीं बनाएं सीढ़ियों पर पैर रखकर आप चलते हैं। उसके नीचे मंदिर होने का मतलब है कि आप भगवान के ऊपर पैर रखकर निकल रहे हैं। इसका निगेटिव असर आपके घर में होने लगता है और कई तरह की परेशानियां सामने आ सकती हैं। साथ ही वहां ऐसी कोई अलमारी न रखें, जिसमें आप पैसे रखते हैं। दरअसल, रुपए-पैसे मां लक्ष्मी और कुबेर से संबंधित हैं। सीढ़ियों के नीचे उन्हें रखने से आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। घर में घन की बचत कम हो सकती है। क्या रखें सीढ़ियों के नीचे सीढ़ियों के नीचे की जगह को खाली छोड़ देना बेहतर होगा। हालांकि, यदि आप उस जगह का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसे स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा उस जगह का इस्तेमाल आप जूते रखने का रैक के रूप में भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप कभी-कभार उपयोग होने वाले बर्तन आदि रखने के लिए भी इस जगह का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस जगह पर आप गमले में लगाकर छोटे पौधे रख सकते हैं, जो आपके घर के इंटीरियर को चार चांद लगा सकता है।  

इन 5 वास्तु उपायों से करवाचौथ पर बढ़ाएं वैवाहिक सुख और जीवनसाथी से नज़दीकियां

करवा चौथ का पावन पर्व पति-पत्नी के प्रेम, विश्वास और अटूट बंधन का प्रतीक है। इस दिन व्रत और पूजा के साथ-साथ, वास्तु शास्त्र के कुछ सरल उपाय आपके दांपत्य जीवन में नई मिठास और खुशहाली ला सकते हैं। वास्तु के अनुसार, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने से रिश्ते मजबूत होते हैं और मनमुटाव दूर होता है। आइए, जानते हैं करवाचौथ से पहले करने लायक 5 ख़ास वास्तु टिप्स जो आपके वैवाहिक जीवन में प्रेम और नज़दीकियों को बढ़ा सकते हैं: शयनकक्ष की सही दिशा और व्यवस्था पति-पत्नी का कमरा, जहां वे सबसे अधिक समय एक-दूसरे के साथ बिताते हैं, वास्तु के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण होता है। नवविवाहित जोड़ों के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा या दक्षिण-पश्चिम दिशा में शयनकक्ष होना उत्तम माना जाता है। दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता और संबंध को मजबूत करती है। बिस्तर को हमेशा कमरे की दक्षिण या पश्चिम की दीवार से सटाकर रखना चाहिए। बिस्तर को कमरे के बिल्कुल बीच में रखने से बचें क्योंकि इससे रिश्ते में अस्थिरता आ सकती है। दक्षिण-पश्चिम में लगाएं प्रेम भरी तस्वीर दक्षिण-पश्चिम दिशा को वास्तु में रिश्ते और स्थिरता का क्षेत्र माना जाता है। इस दिशा को सक्रिय करने से पति-पत्नी के बीच भावनात्मक मजबूती आती है।अपने बेडरूम या घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में अपनी और अपने जीवनसाथी की एक सुंदर, मुस्कुराती हुई और प्रेमपूर्ण तस्वीर लगाएं। यदि आप धार्मिक तस्वीर लगाना चाहते हैं, तो राधा-कृष्ण की ऐसी पेंटिंग या तस्वीर लगा सकते हैं जिसमें वे एक-दूसरे को प्रेमभाव से देख रहे हों। यह तस्वीर रिश्ते में आ रहे तनाव को समाप्त कर सकती है और प्यार बढ़ाती है। रंगों का सही प्रयोग रंग हमारे मन और रिश्तों पर गहरा प्रभाव डालते हैं। करवा चौथ से पहले अपने घर और बेडरूम में सही रंगों को शामिल करें।बेडरूम में गुलाबी और लाल  रंगों का प्रयोग करें। गुलाबी रंग प्यार और स्नेह का प्रतीक है जबकि लाल रंग जुनून और ऊर्जा को दर्शाता है। आप इन रंगों को चादर, पर्दे या छोटे डेकोरेटिव आइटम्स के माध्यम से ला सकते हैं। कमरे में गहरे, उदास या काले-भूरे रंगों का अधिक प्रयोग करने से बचें क्योंकि ये रिश्ते में भारीपन और तनाव पैदा कर सकते हैं। हल्के और खुशनुमा रंगों का चुनाव करें जो सकारात्मकता और शांति को बढ़ावा दें। नमक का सरल उपाय नमक में नकारात्मक ऊर्जा को सोखने की अद्भुत क्षमता होती है। इस उपाय को करने से आपके रिश्ते में आ रही दूरियां और नकारात्मकता समाप्त हो सकती है।  एक छोटी कटोरी में थोड़ा समुद्री नमक लें और इसे अपने बेड के नीचे या किसी ऐसी जगह पर रख दें जहां किसी की नजर न पड़े।

धन-समृद्धि के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स, दीवाली पर होगा मां लक्ष्मी का स्वागत

वैदिक पंचांग के अनुसार, दीपावली का पर्व हर साल कार्तिक अमावस्या पर मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार, 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ऐसे में आप दीवाली से पहले अपने घर में कुछ बदलाव करके लाभ देख सकते हैं। इससे आपको वास्तु दोष का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही इन उपायों को करने से घर में सकारात्मकता का भी वास बना रहता है। होगा धन लाभ वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को विशेष महत्व दिया गया है। आप इस दिशा में तिजोरी, जेवर या जरूरी कागजात आदि रखते हैं। ऐसा करने से आपके ऊपर कुबेर देव और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही आप इस दिशा में कुबेर यंत्र, माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करना भी काफी शुभ माना गया है। ऐसा करने से जातक के लिए धन लाभ के योग बनने लगते हैं। लेकिन घर की उत्तर दिशा में भूलकर भी जूते-चप्पल या कूड़ेदान आदि नहीं रखना चाहिए। इससे आपको धन संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ठीक करें ये गलतियां वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे में इसकी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अगर आपका मुख्य द्वार जर्जर या अव्यवस्थित हालत में है, तो ऐसे में आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। इसी के साथ आपके घर में टपकता हुए नल बिल्कुल नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह आपके लिए धन हानि का कारण बन सकता है। वहीं आप दीवाली से पहले बंद या खराब घड़ी, टूटा शीशा, टूटे बर्तन या टूटे-फूटे व खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान को भी बाहर कर दें। क्योंकि यह सभी चीजें नकारात्मकता को बढ़ावा देती हैं, जिससे धन हानि हो सकती है। इन दिशाओं का भी रखें ध्यान वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर को साफ-सुथरा और हवादार रखना चाहिए। घर के कोनों में रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा के लिए आप घर में तुलसी का पौधा भी लगा सकते हैं। इसे हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या फिर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इसके साथ ही घर की दक्षिण दिशा में भारी सामान जैसे मशीनें, आदि रख सकते हैं। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि यह दिशा जितनी ढकी हो, उतना अच्छा है।  

वास्तु मंत्र: दशहरा 2025 पर अपने घर में लाएँ समृद्धि और सफलता

सनातन धर्म में दशहरे के पर्व को बहुत शुभ और खास माना जाता है। दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। पूरे देश में दशहरे के पर्व को बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दशहरा या विजयदशमी का पर्व असत्य पर सत्य की विजय और बुराई पर अच्छाई के प्रतीक है। दशहरे का दिन धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि वास्तु और ज्योतिष की दृष्टि से भी बहुत शुभ माना जाता है। दशहरे के अवसर पर किए गए कुछ विशेष वास्तु उपाय न केवल धन की वृद्धि करते हैं, बल्कि घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि को भी स्थायी बनाते हैं। तो आइए जानते हैं  दशहरे के पावन अवसर पर कौन से वास्तु उपायों का पालन करना चाहिए। घर में झाड़ू और तिजोरी की पूजा दशहरे के दिन झाड़ू और तिजोरी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा स्थान पर झाड़ू की पूजा करने से घर से दरिद्रता दूर होती है और वहीं तिजो पर हल्दी, कुमकुम और चावल से स्वस्तिक बनाकर दीपक जलाने पैसों से जुड़ी समस्या दूर होती है और कारोबार में मनचाही सफलता मिलती है। शमी के पेड़ की पूजा दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन शमी के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने और जल चढ़ाने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन में वृद्धि होती है। घर के मुख्य द्वार पर विशेष सजावट वास्तु शास्त्र में घर का मुख्य द्वार ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना गया है। दशहरे के दिन दरवाजे पर आम्रपल्लव, गेंदे के फूल और स्वास्तिक का चिन्ह बनाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और लक्ष्मी माता का वास बना रहता है।