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22 मंगलवार 2025, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

मेष: आज का दिन मेष राशि वालों के लिए शानदार रहने वाला है। आज का दिन पैसों के मामलें में वृद्धि और करियर में उन्नति के अवसर प्रदान करता है। कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के लिए तैयार रहें, जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं। वृषभ: आज के दिन काम का माहौल प्रोडक्टिव रहेगा साथ ही आर्थिक खुशहाली भी रहेगी। आज आपका स्वास्थ्य भी पॉजिटिव है। लव के मामलें में आज दिल की नहीं बल्कि दिमाग की सुनें। आज आप आप क्रिएटिव फील कर सकते हैं। प्रॉब्लम सॉल्व करने की कला आप जानते हैं। मिथुन: आज के दिन आपको खर्च पर कंट्रोल रखने की जरूरत है। आज उथल-पुथल से भरपूर दिन रहेगा। अपनी लव लाइफ की हकीकत का सामना करने के लिए तैयार रहें। अशांत समय में भी शांत रहने की कोशिश करें। कर्क: आज का दिन आपके लिए थोड़ा स्ट्रेसफुल साबित हो सकता है। प्यार में आज आपको उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। व्यावसायिक काम आपको व्यस्त रखेंगे। आपका स्वास्थ्य और धन दोनों अच्छे लेवल पर दिख रहा है। सिंह: आज के दिन व्यावसायिक सफलता के साथ सुखी प्रेम जीवन की एक्सपेक्टेशन आप कर सकते हैं। सभी सौंपे गए कार्यों को पूरा करने का प्रयास करें। अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि भी आती है। हेल्दी डाइट का सेवन करें। कन्या: आज के दिन स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। आज का दिन थोड़ी बहुत चुनौतियां लेकर आएगा। काम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाएं। लव के मामले में थोड़ा रोमांस दिखाएं। छोटी-मोटी आधिकारिक चुनौतियां भी आपको मजबूत बनाएंगी। तुला: आज के दिन अपने पार्टनर के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। एक बेहद बिजी पेशेवर कार्यक्रम के लिए तैयार रहें। अच्छे स्वास्थ्य और धन की समृद्धि से भी दिन यादगार रहेगा। आज का दिन शानदार रहने वाला है। वृश्चिक: आज का दिन मिला-जुला रहने वाला है। आज नए प्यार के कनेक्शन को अपनाने के लिए तैयार रहें। आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए आज आपको खर्चों से बचना चाहिए। आज व्यावसायिक सफलता मिलेगी। धनु: आज के दिन पेशेवर मुद्दों का आज ही सोल्यूशन निकालें। बॉस के साथ न उलझें। आज पैसों से जुड़ी कोई बड़ी समस्या नहीं रहेगी। धनु राशि वाले जातकों के लिए दिन शुभ रहने वाला है। प्रेम जीवन में मनमुटाव को दूर करें। मकर: आज के दिन अपनी योग्यता साबित करने के लिए जिम्मेदारियां सावधानी से निभाने की जरूरत है। बदलावों से भरपूर रहेगा। रोमांटिक मुद्दों को थोड़ी सी समझदारी और रोमांस के साथ संभालें। अपनी मेंटल हेल्थ पर फोकस करें। कुंभ: आज के दिन पैसे कमाने में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। नया कनेक्शन, अतिरिक्त प्रोफेशनल जिम्मेदारियां, पैसों से भरी जेब और अच्छा स्वास्थ्य दिन के मुख्य आकर्षण रहेंगे। बेहद जरूरी डिसीजन आज टाल दें। मीन: आज का दिन पॉजिटिव रहेगा। आप अपनी लव लाइफ में खुश हैं। अपनी योग्यता साबित करने के लिए कार्यस्थल पर अधिक मौकों की तलाश करें। पैसा आपके पक्ष में है और स्वास्थ्य संबंधी कोई बड़ी समस्या भी आपको परेशान नहीं कर सकेगी।

इंदौर की छात्राओं को बनाया जा रहा धर्मांतरण का टारगेट, ब्राह्मण युवती का शोषण और धर्मांतरण की कोशिश

इंदौर   इंदौर, जिसे मिनी मुंबई के नाम से जाना जाता है. इसी शहर में एक ब्राह्मण युवती के साथ धर्मांतरण और दुष्कर्म का गंभीर मामला सामने आया है. पीड़िता ने सुल्तान रोशन नागोरी पर संगीन आरोप लगाए हैं, जिसमें शारीरिक शोषण, धर्म परिवर्तन का दबाव, और अश्लील फोटो-वीडियो के जरिए ब्लैकमेलिंग शामिल है. लसुड़िया पुलिस ने शिकायत के आधार पर सुल्तान के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम और दुष्कर्म सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है.पीड़िता ने कहा कि सुल्तान ने उसके ऊपर जादू-टोना भी करवाया ताकि वह उसके प्रभाव में आ जाए. युवती ने आरोप लगाया कि इंदौर में मुस्लिम युवक खासकर कोचिंग में पढ़ने वाली हिंदू लड़कियों को टारगेट करते हैं. उसने बताया कि लगभग 10 हजार हिंदू लड़कियां मुस्लिम लड़कों के निशाने पर हैं. कॉल सेंटर और टेलीपरफॉर्मेंस के कार्यस्थलों पर भी धर्मांतरण के लिए स्लीपर सेल सक्रिय हैं. युवती ने कहा कि हिंदू लड़कियों को मुसलमान लड़कों की टीम में रखा जाता है, जहां उन्हें बताया जाता है कि “अल्लाह ने तुम्हें हमारे लिए बनाया है.” इसके बाद उन्हें खाने में नशा देकर शारीरिक शोषण किया जाता है. नशा देकर शारीरिक शोषण पीड़िता ने बताया कि सुल्तान ने 2018 से उसके साथ शारीरिक शोषण शुरू कर दिया था. उसने धमकी दी कि अगर उसने धर्म परिवर्तन नहीं किया तो उसके अश्लील फोटो और वीडियो वायरल कर देगा. होटल में शारीरिक संबंध के दौरान सुल्तान ने कई फोटो और वीडियो बनाए, जिससे दबाव बनाकर वह युवती को मुसलमान बनने के लिए मजबूर करता रहा. इस कारण पीड़िता 2019 में पंजाब चली गई और वहां नौकरी करने लगी.हालांकि, 2020 में सुल्तान की शादी के बाद, मार्च 2025 में युवती इंदौर लौटी और टेली परफॉर्मेंस में नौकरी शुरू की, लेकिन 6 जून 2025 को सुल्तान ने फिर से उससे संपर्क किया और पुराने फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाए पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए लसुड़िया थाने में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सुल्तान को हिरासत में लिया. इस मामले ने शहर में सनसनी फैला दी है, और जांच में स्लीपर सेल्स और धर्मांतरण के कथित नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.

ओबामा की ‘गिरफ्तारी’ का एआई वीडियो वायरल, ट्रंप की पोस्ट से मचा बवाल

वाशिंगटन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. ट्रंप ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर एक AI-जनरेटेड वीडियो शेयर किया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को FBI एजेंट्स द्वारा ओवल ऑफिस में गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है. वीडियो में ओबामा के हाथ को बांधकर उन्हें ट्रंप के कदमों में झुका हुआ दिखाया गया है. AI-जेनरेटेड वीडियो में देखा गया कि ओवल ऑफिस में एक सीट पर राष्ट्रपति ट्रंप बैठे हैं, और दूसरी सीट पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं. वीडियो में ट्रंप को मुस्कुराते दिखाया गया है, और इतने में ही कुछ एफबीआई एजेंट्स आते हैं और ओबामा का हाथ पीछे करके बांध देते हैं. उन्हें ट्रंप के कदमों में झुका दिया जाता है, और इसके बाद उन्हें जेल में डाल दिया जाता है. ट्रंप ने इस वीडियो को "कोई भी कानून के ऊपर नहीं है" कैप्शन के साथ शेयर किया है. जेल में ऑरेंज यूनिफॉर्म में ओबामा, सोशल मीडिया पर विरोध वीडियो के आखिर में ओबामा को जेल की ऑरेंज यूनिफॉर्म में दिखाया गया है, जैसे वे किसी कैदी की तरह जेल में खड़े हों. इस वीडियो को देखने के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ लोगों ने इसे "उकसाने वाला" बताया, जबकि कुछ ने आरोप लगाया कि यह वीडियो लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है, खासकर Epstein फाइल्स से, जिसमें ट्रंप पर Jeffrey Epstein के साथ संबंधों के आरोप हैं. 2016 के चुनाव में ओबामा पर धोखाधड़ी के आरोप कुछ दिन पहले ही ट्रंप प्रशासन ने 2016 के चुनाव में ओबामा पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. अब इस वीडियो के जरिए ट्रंप ने एक बार फिर ओबामा पर सीधा हमला बोला है. ट्रंप ने इनके अलावा एक क्रिएटिव इमेज शेयर किया है जिसमें पूर्व ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन के नेताओं को दिखाया गया है, जिसमें उन्हों पूछा, "सामन्था पावर ने इतना सारा पैसा कैसे कमाया???" अमेरिकी इंटेलिजेंस चीफ तुलसी गैबार्ड ने आरोप लगाया था कि, "राष्ट्रपति ओबामा और उनकी लीडरशिप टीम में ऐसे लोग थे, जो 2016 में अमेरिकी जनता के फैसले को स्वीकार नहीं कर पाए जब उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को चुना – और इसलिए उन्होंने देशद्रोही साजिश को रची… ताकि एक लंबे समय तक चलने वाला तख्तापलट उस बैठे राष्ट्रपति के खिलाफ शुरू किया जा सके."

जाकिर नाईक बना अवैध धर्मांतरण का ‘आका’, जांच में SIMI और PFI की भूमिका भी उजाग

लखनऊ.  उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा होने के बाद अब भगोड़े कट्टरपंथी इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक और उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय एजेंसियों को इस मामले में विदेशी फंडिंग के अहम सुराग मिले हैं, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), तुर्की, दुबई, कनाडा, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (UK) और अन्य इस्लामिक देशों से धनराशि आने की बात सामने आई है. जांच में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे प्रतिबंधित संगठनों की भूमिका भी सामने आ रही है. जांच एजेंसियों के अनुसार, बलरामपुर जिले में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के नेतृत्व में एक संगठित गिरोह अवैध धर्मांतरण का जाल चला रहा था. छांगुर बाबा को उत्तर प्रदेश पुलिस की ATS ने हाल ही में गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला कि इस नेटवर्क का उद्देश्य भारत-नेपाल सीमा के जिलों, विशेष रूप से बलरामपुर, को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराना था. इस रैकेट में महिलाओं और नाबालिगों को विशेष रूप से टारगेट किया गया, जिन्हें बहला-फुसलाकर या जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता था. जाकिर नाईक और विदेशी फंडिंग का कनेक्शन प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस अवैध धर्मांतरण रैकेट को विदेशों से भारी फंडिंग प्राप्त हो रही थी, जिसमें जाकिर नाईक और उनकी संस्था IRF की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. सूत्रों के अनुसार, UAE, तुर्की, कनाडा, अमेरिका, UK और अन्य इस्लामिक देशों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग का मनी ट्रेल सामने आया है. ED ने छांगुर बाबा के पांच विदेशी बैंक खातों की पहचान की है, जो UAE में हैं, और इन खातों में संदिग्ध लेनदेन की जांच की जा रही है. इसके अलावा, आयकर विभाग ने फरवरी 2025 में अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट में अवैध धर्मांतरण, मस्जिदों, मदरसों और मजारों के निर्माण के लिए विदेशी फंडिंग की आशंका जताई थी, जिसे गृह मंत्रालय को भी भेजा गया था. 2016 से फरार है जाकिर नाईक जाकिर नाईक, जो 2016 में भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोपों के बाद मलेशिया फरार हो गया था, लंबे समय से अवैध धर्मांतरण और कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल है. उनकी संस्था IRF और पेस टीवी पर भारत, बांग्लादेश, कनाडा, श्रीलंका और UK में प्रतिबंध लगा हुआ है. ED की जांच में यह भी सामने आया है कि नाईक ने अपनी संस्था के जरिए 2003 से 2017 के बीच UAE, सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत और ओमान जैसे देशों से 64 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध फंडिंग प्राप्त की थी, जिसका उपयोग भारत में संपत्तियां खरीदने और कट्टरपंथी सामग्री प्रसारित करने में किया गया. सिमी और पीएफआई की भूमिका जांच में प्रतिबंधित संगठन सिमी और PFI की भूमिका भी सामने आई है. सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा का नेटवर्क इन संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा था. PFI के कुछ नेताओं, जो पहले सिमी से जुड़े थे, ने मध्य पूर्व के देशों से फंडिंग जुटाने और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ED ने PFI के नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में केरल और UAE में रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायों के जरिए धन शोधन के सबूत भी पाए हैं. गृह मंत्रालय और केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई आयकर विभाग की रिपोर्ट में भारत-नेपाल सीमा के जिलों में अवैध धर्मांतरण और कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए विदेशी फंडिंग का जिक्र किया गया था. इस रिपोर्ट के आधार पर ED और अन्य केंद्रीय एजेंसियां अब इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने की दिशा में काम कर रही हैं. बलरामपुर में छांगुर बाबा के ठिकानों पर ED ने हाल ही में 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें मुंबई के बांद्रा और माहिम में भी कार्रवाई की गई. जांच में 2 करोड़ रुपये के एक संदिग्ध लेनदेन का पता चला, जो छांगुर के सहयोगी शहजाद शेख के खाते में ट्रांसफर किया गया था.

ACB की त्वरित कार्रवाई, रिश्वत लेते तहसीलकर्मी को पकड़ा

सूरजपुर छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में आज सूरजपुर तहसील कार्यालय में एसीबी की टीम ने छापेमारी कर बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। ACB की इस कार्रवाई से तहसील कार्यालय परिसर में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि बाबू ने पीड़ित से जमीन नामांतरण के एवज में 25000 रुपये की डिमांड की थी। जानकारी के अनुसार, तहसील कार्यालय में पदस्थ बड़े बाबू जुगेश्वर राजवाड़े को एसीबी की टीम ने 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। आरोपी कर्मचारी एक किसान से जमीन नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया के एवज में यह राशि मांग रहा था। पीड़ित किसान ने इसकी शिकायत एसीबी कार्यालय में की थी। शिकायत की पुष्टि के बाद ACB ने जाल बिछाया और फिर राशि लेते समय आरोपी को तहसील परिसर में ही धर दबोचा। उसके पास से रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई है और पूरी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है। फिलहाल, आरोपी से बंद कमरे में पूछताछ की जा रही है।

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान: रईसजादों के हाईवे जाम पर सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

बिलासपुर न्यायधानी में भाजपा नेता के करीबी और रसूखदार लड़कों ने लग्जरी कारें खड़ी कर एनएच-130 जाम कर दिया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरू की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि लक्जरी कारों की जब्ती क्यों नहीं बनाई गई। हाईकोर्ट ने राज्य शासन से जवाब मांगा है। रसूखदार युवकों द्वारा लग्जरी गाड़ियां खड़ी कर एनएच जाम करने को लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने संज्ञान में लिया है। उन्होंने जनहित याचिका के रूप में केस की सुनवाई शुरू की है। सोमवार को उन्होंने हाईवे जाम करने वाली गाड़ियों की जब्ती नहीं बनाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। साथ ही इस मामले में शपथपत्र के साथ सरकार को जवाब देने कहा है। बता दें कि नई कार खरीदकर लड़कों ने रील्स बनाने के लिए नेशनल हाईवे को जाम कर दिया था, जिसका ड्रोन से वीडियो शूट कर नई कार खरीदने का जश्न भी मनाया। इससे लोग परेशान होते रहे। पुलिस ने रईसजादों पर FIR करने की बजाय सिर्फ जुर्माने की कार्रवाई की है। पुलिस की चालानी कार्रवाई के अनुसार रसूखदारों में वेदांश शर्मा, सिद्धार्थ शर्मा, यशवंत, दुर्गेश ठाकुर, विपिन वर्मा, अभिनव पांडेय शामिल हैं। इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। दो-दो हजार का काटा चालान पर गाड़ी नंबर बताए न लड़कों के नाम एडिशनल एसपी ट्रैफिक राम गोपाल करियारे ने बताया कि रतनपुर रोड में एक के बाद एक 6 कार को खतरनाक ढंग से लहराते हुए कट मारकर गाड़ी चलाते हुए देखा गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। एसएसपी रजनेश सिंह ने तुरंत इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। रतनपुर रोड पर तैनात प्रभारी एएसआई केके मरकाम और स्टाफ ने सभी गाड़ियों को रोक कर 2000-2000 की चालानी कार्रवाई की, लेकिन एडिशनल एसपी ने इन 6 लड़कों के न तो नाम बताए और न ही जिन गाड़ियों का चालान काटा गया उनकी गाड़ी नंबर बताए।

सरकारी मदद न मिलने पर आत्मदाह की कोशिश, पेट्रोल छिड़कते ही अफसरों में मची भागदौड़

धमतरी छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पीड़ित युवक आवास नहीं मिलने से नाराज होकर कलेक्ट्रेट के सामने पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया. कलेक्ट्रेट के सामने सुरक्षा कर्मियों ने युवक को धर दबोचा और उसे नहलाकर तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया. बताया जा रहा है कि ग्राम डोमा निवासी पीड़ित करण सोनकर जिला प्रशासन को 6 से 7 बार आवास के लिए आवेदन कर चुका है, लेकिन युवक के आवास को लेकर अब तक कोई भी विचार प्रशासन ने नहीं किया है. इससे परेशान होकर युवक ने यह आत्मघाती कदम उठाया, ताकि यह कदम उठाने से उसकी परेशानी को कोई सुन सके और उसकी मदद कर सके. पीड़ित युवक ने बताया कि वह आवास नहीं मिलने के कारण काफी ज्यादा परेशान हो चुका है. गांव की सरपंच गुंजा साहू के व्यवहार से भी वह काफी ज्यादा परेशान है. आवास के लिए दिए हुए आवेदन में पीड़ित युवक का नाम भी काट दिया गया है. इसके चलते वह आत्मदाह करने का मन बनाकर कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचा था, लेकिन कलेक्ट्रेट के सामने मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने युवक को देख लिया, जिससे एक बड़ा हादसा होते हुए टल गया. वहीं युवक को सुरक्षा कर्मियों ने पड़कर उसे नहलाकर जिला अस्पताल इलाज के लिए ले गया. वहीं अब रुद्री पुलिस युवक को पड़कर पूछताछ कर रही है.

पाकिस्तान से आए हिंदुओं को योगी सरकार का बड़ा तोहफा, यूपी में विस्थापित हिंदुओं को राहत

लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से विस्थापित होकर यूपी के विभिन्न जिलों में बसे परिवारों को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों को वैधानिक रूप से भूमि स्वामित्व का अधिकार दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल जमीन के कागज देने की बात नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों की पीड़ा और संघर्ष को स्वीकार कर उन्हें सम्मान लौटाने का समय है, जिन्होंने सीमाओं के उस पार से विस्थापित होकर भारत में शरण ली और पिछले कई दशकों से पुनर्वास की उम्मीद में दिन गिना है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस मुद्दे को संवेदनशीलता से देखा जाए और प्रभावित परिवारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित किया जाए. कब और कैसे बसे ये परिवार विभाजन के बाद, खासकर 1960 से 1975 के बीच पूर्वी पाकिस्तान से हजारों हिंदू परिवार जबरन विस्थापित होकर भारत आए. इनमें से बड़ी संख्या को यूपी के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर और रामपुर जनपदों में बसाया गया. प्रारंभिक दौर में इन्हें ट्रांजिट कैंपों के जरिए अस्थायी ठिकानों पर रखा गया और फिर विभिन्न गांवों में जमीन आवंटित की गई. लेकिन वर्षों बाद भी इनमें से अधिकतर परिवार विधिसम्मत भूस्वामी नहीं बन सके. क्या आ रही थी दिक्क्तें  – इन लोगों को जमीनें तो दी गईं, मगर कागज अधूरे रहे. – कई मामलों में जमीन वन विभाग के नाम दर्ज रही. – नामांतरण की प्रक्रिया लंबित पड़ी रही. – कुछ लोगों के पास कब्जा है लेकिन वैध दस्तावेज नहीं, वहीं कुछ गांवों में ऐसे परिवार अब मौजूद ही नहीं हैं जिनके नाम पर जमीन थी. – कुछ परिवारों ने कानूनी प्रक्रिया के बगैर कब्जा कर लिया, जिससे विवाद की स्थिति बनी. अधिकारियों ने बताया कि इन सभी परिस्थितियों के चलते हजारों परिवार आज भी उस ज़मीन पर सिर्फ खेती कर रहे हैं, लेकिन उनके नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि यह विषय कानूनी या प्रशासनिक समस्या मात्र नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी और मानवीय दायित्व है. उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भूमि पूर्व में Government Grant Act के तहत दी गई थी, वहां मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार विकल्प तैयार किए जाएं, क्योंकि यह कानून 2018 में निरस्त हो चुका है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि इस पूरे मसले को केवल पुनर्वास योजना के रूप में न देखें, बल्कि यह सामाजिक न्याय, मानवता और राष्ट्रधर्म का विषय है.

जस्टिस वर्मा पर संकट गहराया, लोकसभा में 152 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव को दी मंजूरी

नई दिल्ली कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा को पद से हटाने के लिए उनके खिलाफ संसद में महाभियोग चलाने की कार्यवाही शुरू हो गई है. हाई कोर्ट के जज वर्मा अपने आवास पर बेहिसाब नकदी मिलने के बाद कदाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा के 145 सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए. वहीं, राज्यसभा में 54 सांसदों ने हाई कोर्ट जज वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन किया.  सरकारी आवास में अधजला कैश मिलने के मामले में मुश्किलों का सामना कर रहे जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं, आज मानसून सत्र के पहले ही दिन सांसदों ने इस पर हंगामा किया और जस्टिस वर्मा पर कार्यवाही की मांग की, सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए एक ज्ञापन लोकसभा स्पीकर को सौंप दिया, बताया जा रहा है कि इस ज्ञापन पर भाजपा और विपक्षी दलों के करीब 150 सांसदों ने हस्ताक्षर किये हैं । संसद के पहले दिन की कार्यवाही आज हंगामेदार रही , विपक्ष ने अपनी बात रखनी चाही उधर लोकसभा स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए तय बिन्दुओं पर ही चर्चा की समझाइश दी जिसपर विपक्ष ने हंगामा किया, इस दौरान सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा। ज्ञापन पर सभी दलों के करीब 150 सांसदों के हस्ताक्षर!    उधर जस्टिस वर्मा को हटाने के मामले में सभी सांसद एकमत दिखाई दिए, उनके खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया जिसपर भाजपा, कांग्रेस सहित कई कई दलों के सांसदों ने हस्ताक्षर किये, दस्तखत करने वाले सांसदों की संख्या 150 के करीब बताई जा रही है। कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ चलेगा महाभियोग, 207 सांसदों ने प्रस्ताव का किया समर्थन लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपे जाने के बाद जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए आगे की कार्यवाही शुरू हो गई है. संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत दायर इस महाभियोग प्रस्ताव को भाजपा, कांग्रेस, टीडीपी, जेडीयू, सीपीएम सहित विभिन्न दलों के सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ. प्रस्ताव पर अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राजीव प्रताप रूडी, सुप्रिया सुले, केसी वेणुगोपाल और पीपी चौधरी जैसे सांसदों में हस्ताक्षर किए. उच्च सदन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की मांग वाला एक प्रस्ताव मिला है, जिस पर 50 से अधिक राज्यसभा सांसदों के हस्ताक्षर हैं. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हाई कोर्ट जज को पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जरूरी संख्या से ज्यादा सांसदों का नोटिस मिला है. उन्होंने कहा कि अगर एक सदन में प्रस्ताव आए तो प्रीसाइडिंग ऑफिसर के पास यह अधिकार होता है कि वह उसे स्वीकार करे या खारिज कर दे. लेकिन अगर दोनों सदनों में एक ही दिन मोशन आता है, तो यह सदन की प्रॉपर्टी हो जाता है.  संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव को पर्याप्त समर्थन राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश, हाई कोर्ट के एक चीफ जस्टिस और एक सदस्य को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी बनाई जाती है. इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद स्पीकर या चेयरमैन मोशन पर फैसला ले सकते हैं. सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्य सभा के सेक्रेटरी जनरल से इस बात की पुष्टि करने के लिए कहा कि क्या यह मोशन लोकसभा में भी आया है. इस पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि लोक सभा में भी सदस्यों ने स्पीकर को मोशन सौंपा है. इसकी पुष्टि होने के बाद राज्य सभा के सभापति ने सेक्रेटरी जनरल को महाभियोग प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. धनखड़ ने यह भी कहा कि उन्हें मिले मोशन पर 55 हस्ताक्षर हैं, लेकिन हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों की संख्या 54 ही है. हम इस बात की पुष्टि करेंगे कि किस सदस्य ने दो बार हस्ताक्षर किए हैं. उस सदस्य का दूसरा हस्ताक्षर अमान्य कर दिया जाएगा. संविधान के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश को हटाने के लिए राष्ट्रपति के आदेश के बाद, कम से कम 100 लोकसभा या 50 राज्यसभा सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव पारित होना आवश्यक है. प्रस्ताव को स्वीकार किया जाए या नहीं, इसका निर्णय अध्यक्ष या सभापति करते हैं. जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से मिले थे जले नोट जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ कदाचार के आरोप तब लगे जब 15 मार्च को उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास में लगी आग के बाद बड़ी संख्या में जले हुए नोट बरामद हुए. तब वह दिल्ली हाई कोर्ट में जज थे. कैश कांड में घिरने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया था. उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश होने के साथ ही अब संसद इस मामले की जांच करेगी. जज वर्मा ने किसी भी तरह के कदाचार में संलिप्त होने से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट के जांच पैनल ने मामले को गंभीर माना हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय जांच पैनल ने पाया कि जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास के जिस स्टोर रूम में जले हुए नोट मिले थे, उस पर उनका और उनके परिवार का सक्रिय नियंत्रण था. पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि यह कदाचार इतना गंभीर था कि उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए. जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उनका तर्क है कि जांच समिति महत्वपूर्ण तथ्यों की जांच करने में विफल रही और एक व्यक्ति और एक संवैधानिक पदाधिकारी के रूप में उनके अधिकारों का उल्लंघन किया. इस प्रकरण ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर व्यापक चिंताएं पैदा कर दी हैं. महाभियोग चलाने लोकसभा स्पीकर को सौंपा ज्ञापन  महाभियोग चलाने के प्रस्ताव वाला एक ज्ञापन सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपा। यह प्रस्ताव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत दायर किया गया है। प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अलावा भाजपा सांसद अनुराग सिंह … Read more

राजनीतिक हलचल: 7 सांसद BJP के संपर्क में, मंत्री के दावे से सियासत गरमाई

मुंबई  महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने  दावा किया कि विपक्षी खेमे के कुछ सांसद, विशेषकर शिवसेना (UBT) के सांसद, भाजपा के संपर्क में हैं और संकेत दिया कि आने वाले दिनों में संसद में पार्टी का संख्याबल बढ़ेगा। शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में ‘ठाकरे ब्रांड’ अपनी प्रासंगिकता खो चुका है। महाजन ने सोलापुर जिले के प्रसिद्ध पंढरपुर मंदिर में दर्शन करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'भाजपा के सांसदों की संख्या और बढ़ेगी। पहले चार सांसद हमारे संपर्क में थे, अब तीन और के जुड़ने की संभावना है। ये सांसद विभिन्न दलों के हैं, लेकिन अधिकतर शिवसेना (UBT) गुट से हैं।' ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत के साथ एक साक्षात्कार में, उद्धव ने कहा है कि ठाकरे केवल एक ‘ब्रांड’ नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र, मराठी मानुस और हिंदू गौरव की पहचान है। महाजन ने कहा, 'ठाकरे ब्रांड बहुत पहले ही अपनी प्रासंगिकता खो चुका है। बालासाहेब ठाकरे असली शिवसेना के नेता थे, लेकिन 2019 में उद्धव ठाकरे के कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद स्थिति बदल गई। उन्होंने बालासाहेब की विचारधारा को त्याग दिया। तभी ठाकरे ब्रांड का अस्तित्व समाप्त हो गया।' एकनाथ शिंदे ने कसा तंज महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए रोम के सम्राट नीरो का जिक्र किया। शिवसेना प्रमुख शिंदे ने उद्धव का नाम लिए बिना कहा, 'यह अजीब बात है कि कुछ लोग तब भी जश्न मना रहे हैं, जब लोग उनकी पार्टी (शिवसेना-उबाठा) छोड़ रहे हैं। हमने इस तरह का व्यवहार पहले कभी नहीं देखा। ‘जब रोम जल रहा था, नीरो बांसुरी बजा रहा था’।' उन्होंने विपक्ष के चुनाव हारने पर निर्वाचन आयोग की 'चुनिंदा' आलोचना पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आत्मनिरीक्षण करने के बजाय, कुछ नेता सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं और दूसरों को कोस रहे हैं।