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पर्यटकों और स्थानीयों को राहत: जम्मू-कश्मीर में बनेंगी दो नई फोरलेन सड़कें

जम्मू जम्मू-कश्मीर के लोगों और पर्यटकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने राज्य में दो नई फोरलेन सड़कों को मंजूरी दे दी है। इन सड़कों के बन जाने से ना सिर्फ सफर आसान और तेज़ होगा, बल्कि पर्यटन और सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। सांबा से उधमपुर तक फोरलेन सड़क पहली परियोजना सांबा से उधमपुर तक 43 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाने की है। इस पर करीब 7418 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस सड़क के बनने से पठानकोट से उधमपुर का सफर आधा हो जाएगा। फिलहाल इस रास्ते में 4-5 घंटे लगते हैं, लेकिन नई सड़क से यह दूरी महज 2 घंटे में तय की जा सकेगी। इससे श्रीनगर की ओर जाने वालों को जम्मू की ओर घूमकर जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह सड़क भारतमाला परियोजना के तहत बनाई जा रही है। कठुआ से डोडा तक फोरलेन सड़क दूसरी बड़ी परियोजना कठुआ से डोडा तक फोरलेन सड़क बनाने की है। यह सड़क कठुआ-बसोहली-बनी-भद्रवाह होते हुए डोडा पहुंचेगी। कुल खर्च लगभग 28,679 करोड़ रुपये आएगा। यह सड़क लखनपुर से शुरू होकर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से जुड़ेगी। अभी यह सड़क राज्य हाईवे के तौर पर काम कर रही है, लेकिन फोरलेन बनने से इसकी हालत और सुविधा बेहतर होगी। भद्रवाह से चंबा तक डबललेन सड़क इसके अलावा, भद्रवाह से हिमाचल प्रदेश के चंबा तक 130 किलोमीटर लंबी डबललेन सड़क भी बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट की लागत 6913 करोड़ रुपये है और इसे एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) बनाएगा। काम जल्द होगा शुरू एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, इन सभी सड़कों की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बन चुकी है और बजट को मंजूरी भी मिल चुकी है। प्रदेश सरकार ने निर्माण में कोई आपत्ति नहीं जताई है, जिससे जल्द ही इन परियोजनाओं पर काम शुरू होने की उम्मीद है। इन सड़कों के बन जाने से जम्मू-कश्मीर में लोगों का सफर तेज़, सुरक्षित और आरामदायक होगा। साथ ही, सेना और सुरक्षा बलों की मूवमेंट भी आसान होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

दुष्कर्म के बाद ब्लैकमेलिंग, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार – अश्लील वीडियो बना कर दे रहा था धमकी

बाड़मेर बाड़मेर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दुष्कर्म कर वीडियो के जरिए महिला को ब्लैकमेल करने के मामले के आरोपी को गुजरात के भरूच से गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ पीड़िता ने जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में महिला थाना बाड़मेर में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने पहले उसके साथ दुष्कर्म किया, फिर उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसे बार-बार ब्लैकमेल करने लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की लेकिन रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी फरार हो गया था। महिला थानाधिकारी मुकंददान ने बताया कि पीड़िता काफी डरी-सहमी थी और उसे आरोपी की आपराधिक प्रवृत्ति को लेकर डर था। भरोसा दिलाने के बाद पीड़िता ने आरोपी बनेसिंह पुत्र हीरसिंह के खिलाफ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया। महिला का मेडिकल परीक्षण कराया गया और उसके बयान भी दर्ज किए गए। जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी लगातार ठिकाने बदल रहा था। तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस को सूचना मिली कि वह गुजरात के भरूच जिले में छिपा हुआ है। इस पर पुलिस टीम ने वहां दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब आरोपी से यह जानने में जुटी है कि उसने पीड़िता का वीडियो और किन-किन लोगों के साथ साझा किया है। इसके साथ ही उसके अन्य आपराधिक गतिविधियों और सहयोगियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।  

शिबू सोरेन के निधन से राजनीतिक जगत में शोक, पीएम मोदी बोले- अपूरणीय क्षति

 नई दिल्ली झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के अध्यक्ष शिबू सोरेन का आज यानी सोमवार को निधन हो गया है। उनके निधन से पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। शिबू सोरेन के निधन से झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में शोक की लहर है। अलग-अलग पार्टियों के नेता उनके निधन पर दुख जता रहे हैं। शिबू सोरेन जी एक जमीनी नेता थे शिबू सोरेन के निधन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम ने 'एक्स' पर अपने शोक संदेश में लिखा, ''श्री शिबू सोरेन जी एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में अपनी जगह बनाई। वे विशेष रूप से आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए उत्साही थे। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और उनको चाहने वालों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।'' गौरतलब है कि बीते काफी दिनों तक शिबू सोरेन सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती रहे। उनकी हालत काफी गंभीर थी और वह वेंटिलेटर पर थे। 81 वर्षीय शिबू सोरेन लंबे समय से किडनी, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। वे एक साल से डायलिसिस पर थे और पहले भी उनकी बायपास सर्जरी हो चुकी थी। वहीं, पिता के निधन से सीएम हेमंत भी टूट चुके हैं। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा,''आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए…मैं आज 'शून्य' हो गया हूं।''  

बागेश्वर सरकार पर टिप्पणी कर घिरे प्रोफेसर, धार्मिक भावनाएं आहत करने पर FIR

छतरपुर  बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर महिला तस्कर कहने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ छतरपुर के बमीठा थाना में FIR दर्ज की गई है।   सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व ट्विटर) पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ छतरपुर जिले के बमीठा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामला तब शुरू हुआ जब पुलिस ने छतरपुर में एक एम्बुलेंस को रोका, जिसमें कुछ महिलाएं सवार थीं। पूछताछ में सामने आया कि ये महिलाएं अपनी असली पहचान छिपाकर बागेश्वर धाम में रह रही थीं और उन पर अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने का संदेह जताया गया। इस घटना से जुड़े वीडियो को प्रोफेसर रविकांत ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए एक विवादास्पद पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित छोटा भाई धीरेन्द्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है!" इस टिप्पणी में उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को "महिला तस्कर" कहा, जिससे विवाद खड़ा हो गया। प्रोफेसर की इस पोस्ट के विरोध में बागेश्वर धाम सेवा समिति के सदस्य धीरेंद्र कुमार गौर ने बमीठा थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया है कि प्रोफेसर रविकांत की टिप्पणी से हिंदू धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और धार्मिक सौहार्द बिगड़ा है। इसी आधार पर उनके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सोशल मीडिया पोस्ट को साक्ष्य के रूप में संकलित किया जा रहा है।  विदेश यात्रा से लौटे बागेश्वर महाराज  बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बागेश्वर सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपनी 20 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय यात्रा से लौटकर आज सुबह बागेश्वर धाम पहुंचे। उनकी इस धार्मिक यात्रा में लंदन, ओमान और दुबई में कथा और आशीर्वचन कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। बागेश्वर धाम प्रशासन के अनुसार, बागेश्वर महाराज 4 अगस्त से 11 अगस्त तक धाम परिसर में दिव्य दरबार का आयोजन करेंगे, जिसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होंगे। बागेश्वर महाराज ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' और अन्य माध्यमों से एक वीडियो साझा कर इस दिव्य दरबार की जानकारी पहले ही अपने अनुयायियों को दी थी। दिव्य दरबार के दौरान श्रद्धालुओं को आशीर्वचन, समाधान और परामर्श प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। धाम प्रशासन ने आयोजन की तैयारियां तेज कर दी हैं और श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। आयोजकों का अनुमान है कि प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु बागेश्वर धाम पहुंच सकते हैं।  

सीएम योगी की सौगात: रक्षाबंधन पर बहनों को मिलेगी मुफ्त रोडवेज यात्रा की सुविधा

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर कानून व्यवस्था अन्य प्रकार की विभागीय समीक्षा को लेकर बैठक कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने त्योहारों के महीनों में मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस बल को विशेष निगरानी करने के लिए निर्देशित किया। मिलावट को लेकर दिए कड़े निर्देेश इस दौरान सीएम योगी ने रक्षाबंधन और अन्य त्योहारों के मद्देनजर कड़े निर्देश दिए। उन्होंने खाद्यपदार्थों में मिलावट न हो इसके लिए जांच टीमोंं को सक्रिय करने के आदेश दिए। उन्होंने भाई बहन के त्योहार रक्षाबंधन को लेकर बहनों को उपहार दिया है। सीएम योगी अपने सरकारी आवास से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सभी प्रकार की बस सेवाओ को 8 अगस्त की सुबह से लेकर 10 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक बसों की निःशुल्क यात्रा की सौगात दिया है। इस दौरान बहनों को एसी और नॉन एसी की सभी बसों जिसमे यूपीएसआरटीसी और उससे अनुबंधित बसों की यात्रा निःशुल्क रहेगी।

एमपी में मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, 76% बारिश पूरी – इंदौर सबसे पीछे, ग्वालियर आगे

भोपाल  मध्य प्रदेश में एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया है। राज्य के उत्तरी हिस्से के ग्वालियर-छतरपुर समेत आठ जिलों में सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में रविवार को बारिश भी हुई। हालांकि राज्य में बारिश का मजबूत तंत्र नहीं दिखाई दे रहा है, जिसके चलते बीते कुछ दिनों से राज्य में हल्की-फुल्की बारिश देखने को मिली। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से के ऊपर से एक ट्रफ और साइक्लोनिक सकुर्लेशन की एक्टिविटी जारी है। इसका असर राज्य में भी देखने को मिल रहा है। इस वजह से सोमवार को ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग द्वारा कल जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाओं के चलने की भी आशंका जताई गई है। बीते दिनों की बात करें को गुना, नर्मदापुरम, छतरपुर, रीवा, टीकमगढ़ , सागर, सतना, सीधी, उमरिया समेत कई जिलों में बारिश हुई थी। इससे पहले की बात करें तो बीते सप्ताह तो राज्य में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। ऐसी स्थिति वाले इलाकों में राज्य का पूर्वी हिस्सा- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर शामिल था, जहां मॉनसून झमझमाकर बरसा था। इसके चलते लोगों को कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा था। बीते दिन सबसे ज्यादा तापमान इन हिस्सों में दर्ज किया गया। ग्वालियर में 27 डिग्री, दतिया में 26.4, पृथ्वीपुर में 26.3, मुरैना में 26.2, श्योपुर में 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अगर कम तापमान वाले इलाकों की बात करें तो, नरसिंहपुर में 19, खरगौन में 20, राजगढ़ में 20.6 और खंडवा में 21 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। मध्यप्रदेश में कोटे की 76% बारिश मध्यप्रदेश के 9 जिले-ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और मुरैना में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। सबसे ज्यादा पानी गुना में 45.8 इंच गिरा है। भोपाल, जबलपुर की तस्वीर भी बेहतर है, लेकिन इंदौर फिसड्‌डी है। प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 28.4 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 19 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 9.4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। मानसून सीजन (1 जून) से जोड़े तो दो महीने बीत चुके हैं। इस दौरान प्रदेश में सामान्य की 76 प्रतिशत बारिश हो गई है। मानसून को अभी करीब दो महीने बचे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि अगस्त में ही बारिश का कोटा फुल हो जाएगा। बता दें कि मौसम विभाग ने अबकी बार सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हो रही है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। इस वजह से 9 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर गया। इनमें ग्वालियर-चंबल संभाग के 8 में से 6 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है। 3 जिले सागर और भोपाल संभाग के है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग में सिस्टम की एक्टिविटी कम देखने को मिलीं।  पिछले सप्ताह बने थे बाढ़ के हालात पिछले सप्ताह प्रदेश में बाढ़ के हालात बने। खासकर पूर्वी हिस्से यानी- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून जमकर मेहरबान रहा। रायसेन में बेतवा ने विकराल रूप लिया। खेत-मंदिर और पुल डूब गए। दो दिन से बारिश थमी रही, लेकिन नर्मदा नदी उफान पर है। वहीं, डैम ओवरफ्लो है। इनके गेट खोले गए। एमपी में अब तक 28 इंच से ज्यादा बारिश मध्यप्रदेश के ग्वालियर, राजगढ़, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मुरैना और श्योपुर में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यहां सामान्य से 50% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। गुना, टीकमगढ़-निवाड़ी में सबसे ज्यादा बारिश हुई है, जबकि इंदौर में सबसे कम पानी गिरा है। उज्जैन संभाग की तस्वीर भी ठीक नहीं है। वहीं, भोपाल और जबलपुर में सीजन की आधी बारिश हुई है। प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 28.4 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि 19 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 9.4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। मानसून सीजन (1 जून) से जोड़े को दो महीने बीत चुके हैं। इस दौरान प्रदेश में सामान्य की 76 प्रतिशत बारिश हो गई है। गुना में सबसे ज्यादा 42 इंच पानी गिरा इस बार सबसे ज्यादा पानी गुना में गिरा है। यहां 45.8 इंच बारिश हो चुकी है। मंडला में 44 इंच, टीकमगढ़ में करीब 44 इंच निवाड़ी में 43 इंच और अशोकनगर में 42 इंच के करीब बारिश हो चुकी है। इन जिलों की अच्छी-बुरी स्थिति विदिशा, जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट, डिंडौरी, सागर, पन्ना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, नर्मदापुरम और उमरिया में 30 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इंदौर में सबसे कम 11 इंच, बुरहानपुर में 11.1 इंच, बड़वानी में 11.5 इंच, खरगोन में 11.8 इंच ओर खंडवा में 12.8 इंच पानी ही गिरा है। ऐसे समझें बारिश का गणित… 40 इंच से ज्यादा बारिश वाले जिले     मंडला, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और रायसेन। 30 इंच से ज्यादा बारिश वाले जिले     ग्वालियर, विदिशा, जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट, डिंडौरी, सागर, पन्ना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, नर्मदापुरम और उमरिया। 20 से 30 इंच तक बारिश वाले जिले     भोपाल, सीहोर, झाबुआ, अलीराजपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, दतिया, दमोह, शाजापुर, नीमच, भिंड, मुरैना, रीवा, सतना, मैहर, मऊगंज, हरदा, बैतूल, शहडोल और अनूपपुर। 10 से 19 इंच बारिश वाले जिले     इंदौर, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, उज्जैन, देवास, शाजापुर, मंदसौर, आगर-मालवा।

पाकिस्तान की घोषणा से बढ़ा तनाव: ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर अब क्या रुख लेगा अमेरिका?

लाहौर  जिस मकसद को हासिल करने के लिए अमेरिका ने ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फहान न्यूक्लियर साइट पर बी-2 बॉम्बर से विनाशक बम गिराए, जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इजरायल ने ईरान पर हमला किया. पाकिस्तान ने इस मकसद के खिलाफ खुल्लम खुल्ला बयान दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनका देश ईरान के न्यूक्लियर ड्रीम को सपोर्ट करता है. बता दें कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन पाकिस्तान के दौरे पर हैं.  पाकिस्तान पहुंचे राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उनके स्वागत के लिए पीएम शहबाज शरीफ और डिप्टी पीएम इशाक डार एयरपोर्ट पहुंचे. इस दौरे में दोनों देशों ने आर्थिक,सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने का वादा किया.  पाकिस्तान और ईरान ने द्विपक्षीय व्यापार को 3 गुना से ज्यादा करने पर सहमति जताई है. पाकिस्तान और ईरान के बीच मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार 3 अरब डॉलर का है. अब इसे दोनों देशों ने 10 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने 12 समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए.  ईरान के न्यूक्लियर ड्रीम को पाकिस्तान का समर्थन लेकिन पाकिस्तान द्वारा ईरान के परमाणु शक्ति बनने के सपने को समर्थन देना इस दौरे की अहम बात रही. यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब ईरान और इजरायल/अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है, खासकर जून 2025 में इजरायल और अमेरिका द्वारा ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हवाई हमलों के बाद.  पाकिस्तान की यह घोषणा न केवल क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित करती है, बल्कि यह अमेरिका के साथ उसके रिश्तों पर भी सवाल उठाती है. गौरतलब है कि ट्रंप की नीतियों में अभी पाकिस्तान फोकस में है. ट्रंप ने टैरिफ में पाकिस्तान को अच्छी खासी रियायत दी है और पाकिस्तान पर 19 फीसदी टैरिफ ही लगाया है.  ट्रंप ने पाकिस्तान में तेल निकालने का जुमला भी फेंका है. ट्रंप की इन घोषणाओं से पाकिस्तानी नेतृत्व ऊपरी तौर पर गदगद है. लेकिन ईरान के परमाणु सपने का समर्थन कर पाकिस्तान ने डबल गेम का पासा फेंका है.  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि ईरान को परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग का अधिकार है. ईरान का यही मुद्दा हाल में इजरायल के साथ टकराव की वजह रही थी.  शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा प्राप्ति के ईरान के उद्देश्यों के साथ खड़ा है." उन्होंने ईरान के खिलाफ हाल के इजरायली हमलों की निंदा की और अपने मुल्क की रक्षा के लिए तेहरान की सराहना की.  ईरान के परमाणु कार्यक्रम के ऐतिहासिक विरोधी रहे हैं अमेरिका-इजरायल गौरतलब है कि इजरायल और अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर ऐतिहासिक रूप से सख्त और विरोधी रहे हैं. दोनों देश ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने की संभावना को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं। अमेरिका ने 2015 के JCPOA (ईरान परमाणु समझौता) के तहत ईरान की परमाणु गतिविधियों पर निगरानी और प्रतिबंध लगाए, लेकिन 2018 में ट्रम्प प्रशासन ने इसे रद्द कर कड़े प्रतिबंध लागू किए.  इजरायल तो ईरान को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है. दोनों देश IAEA की सख्त निगरानी और ईरान पर दबाव बनाए रखने के पक्षधर हैं.  अमेरिका और इजरायल ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को, भले ही वह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हो, संदेह की दृष्टि से देखते हैं. दोनों देशों का मानना है कि ईरान का दावा "शांतिपूर्ण" होने का एक आवरण हो सकता है, जिसके पीछे सैन्य परमाणु हथियार विकसित करने की मंशा छिपी हो सकती है.  ट्रंप को क्या सफाई देंगे आसिम मुनीर? अब सवाल यह है कि ट्रंप के साथ खाना खाने वाले पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर शहबाज शरीफ के इस कदम पर क्या कहेंगे? मुनीर यह जोर दे सकते हैं कि पाकिस्तान केवल ईरान के शांतिपूर्ण न्यूक्लियर प्रोग्राम का समर्थन करता है, जैसा कि शहबाज शरीफ ने कहा है. यह रुख अमेरिका को यह संदेश देगा कि पाकिस्तान का समर्थन सैन्य न्यूक्लियर महत्वाकांक्षाओं के लिए नहीं है, बल्कि केवल नागरिक उपयोग के लिए है.  गौरतलब है कि ईरान-इजरायल जंग के दौरान एक पूर्व ईरानी जनरल ने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि पाकिस्तान ने हमें आश्वासन दिया है कि यदि इजरायल ईरान पर परमाणु बम का इस्तेमाल करता है, तो वे भी इजरायल पर परमाणु बम से हमला करेंगे. हालांकि पाकिस्तान ने इसकी पुष्टि नहीं की थी.  इस स्थिति में पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व यह कह सकता है कि पाकिस्तान ने ईरान के साथ कोई नया सैन्य सहयोग शुरू नहीं किया है और उसका ये बयान भू-राजनीतिक जरूरतों के अनुरूप है. 

बूढ़ेश्वर महादेव: क्यों खास है छत्तीसगढ़ का यह 600 साल पुराना शिव मंदिर?

रायपुर सावन का आज चौथा सोमवार है। ऐसे में शिव मंदिरों में सोमवार सुबह से भक्तों की भीड़ लगी हुई है। रायपुर के शिलालयों में दर्शन करने के लिए शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है। रायपुर के प्राचीन बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में लोग भगवान भोले को जलाभिषेक किए। बात रायपुर के बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की करें, तो यहां पांच सौ वर्ष पूर्व बूढ़ातालाब के किनारे शिवलिंग की पूजा की जाती थी। मान्यता है कि शिवलिंग पर हमेशा सर्प लिपटे रहते थे। श्रद्धालु तालाब में स्नान करने के बाद शिवलिंग पर जलाभिषेक करते थे। करीब 75 वर्ष पहले पुष्टिकर ब्राह्मण समाज ने यहां पर भव्य मंदिर बनवाकर शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित की। रायपुर का बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का मुख्य केंद्र है। मंदिर के पुजारी के अनुसार, आदिवासी समाज के कुल देवता बूढ़ादेव के नाम पर बूढ़ातालाब का निर्माण हुआ था। इसी तालाब के किनारे स्थित शिवलिंग को बूढ़ेश्वर शिवलिंग कहा जाने लगा। बाद में मंदिर का निर्माण कराया गया। मंदिर की विशेषता मंदिर परिसर में प्राचीन कुआं है। इस कुएं के जल से ही शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। कुएं के सामने भोलेनाथ के अवतार भैरव बाबा की प्रतिमा खुले आसमान में विराजित है। इस प्रतिमा का सोने, चांदी के बर्क से अगहन माह की अष्टमी तिथि पर विशेष श्रृंगार किया जाता है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान गणेश, कार्तिकेय, पार्वती, नंदीदेव भी प्रतिष्ठापित हैं। एक बड़े हाल के बीच छोटा सा गर्भगृह बना है और चारों ओर अनेक देवी-देवता विराजित हैं। राधा-कृष्ण, श्रीराम-सीता के मंदिर है।   हर सोमवार को श्रृंगार पुजारी पंडित महेश पांडेय ने बताया कि मंदिर में सावन के हर सोमवार को किया जाने वाला श्रृंगार प्रसिद्ध है। यहां पर विविध सामग्री से शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है। अलग-अलग रूपों में भोलेनाथ को सजाया जाता है। जलाभिषेक की व्यवस्था की जाती है। पुराने वटवृक्ष से लोगों की आस्था जुड़ी है। मंदिर में दर्शन करने की विशेष महत्व है। फेमस है भस्म आरती यहां महाशिवरात्रि और सावन महीने में दर्शन करने के लिए रायपुर सहित आसपास के जिलों से श्रद्धालु पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि भव्य तरीके से मनाई जाती है। महाशिवरात्रि पर सुबह शिवलिंग पर भस्म आरती की जाती है। बनारस, उज्जैन और रामेश्वर ज्योतर्लिंग से भस्म मंगवाकर उसी भस्म का लेपन किया जाता है। सुबह से दोपहर तक जलाभिषेक होता है। शाम को भांग, धतूरा, चांदी, मालीपाणा के बर्क से श्रृंगार किया जाता है। 200 साल पुराना वटवृक्ष बूढ़ेश्वर मंदिर के 200 साल पुराना वटवृक्ष है। श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र इस वृक्ष के नीचे वट सावित्री व्रत पूजा करने सैकड़ों महिलाएं पहुंचती हैं। इसी वृक्ष के नीचे ही नृसिंह जयंती पर नृसिंह लीला का भव्य मंचन किया जाता है, जो पूरे प्रदेशभर में मशहूर है। मंदिर परिसर में भगवान शिव के अवतार भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के ऊपर गुंबद नहीं बनाया गया है। भैरव अष्टमी पर मंदिर में लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।  

रेल नेटवर्क का मेगा प्रोजेक्ट: इटारसी से नागपुर के बीच 37 स्टेशन और 415 पुल के साथ नई लाइन

इटारसी रेल मंत्रालय ने देश के सबसे व्यस्त रेल गलियारों में से एक इटारसी से नागपुर के बीच चौथी रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दी है। यह परियोजना 297 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 5,451 करोड़ बताई गई है। यह रेल मार्ग दिल्लीचेन्नई हाई डेंसिटी नेटवर्क का हिस्सा होगा और नागपुर में मुंबई-हावड़ा हाई डेंसिटी नेटवर्क से भी जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य रेलवे की क्षमता बढ़ाना, यात्री और मालगाड़ियों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना तथा देश की लॉजिस्टिक संरचना को और मजबूत बनाना है। किन क्षेत्रों को होगा लाभ इस परियोजना से मुख्य रूप से 2 राज्यों को सीधा लाभ मिलेगा। इनमें महाराष्ट्र का नागपुर जिला, मध्य प्रदेश का नर्मदापुरम (होशंगाबाद), बैतूल और पांढुरना शामिल है। उल्लेखनीय है कि ये सभी इलाके औद्योगिक और कृषि दोनों दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। रेल लाइन का विस्तार इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास को रफ्तार देगा। वर्तमान रेल परिचालन चुनौतियों का समाधान इटारसी-नागपुर चौथी रेल लाइन परियोजना न केवल रेलवे की वर्तमान चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करती है बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर एक मजबूत और टिकाऊ आधार भी तैयार करती है। इससे यात्री सुविधा, औद्योगिक विकास, धार्मिक पर्यटन और आर्थिक समृद्धि को एक साथ बढ़ावा मिलेगा। परियोजना की ये हैं मुख्य विशेषताएं -कुल 297 किमी की दूरी और 339 किमी ट्रैक लंबाई। -37 स्टेशन, 36 बड़े और 415 छोटे पुल, 2 रोड ओवरब्रिज (आरओबी), 74 रोड अंडरब्रिज (आरयूबी), 4 सुरंगें और 2 रेल ओवरब्रिज। -इस मार्ग से हर साल 1 करोड़ टन अतिरिक्त माल ढुलाई की सुविधा मिलेगी। -इसके माध्यम से लगभग 1,206 करोड़ रुपए की लॉजिस्टिक लागत की बचत होगी।

रफ्तार बनी काल: थार की टक्कर से महिला की मौत, तीन गंभीर रूप से घायल

पटना रोहतास जिले के काराकाट थाना क्षेत्र अंतर्गत जमुआं पेट्रोल पंप के पास रविवार को एक तेज रफ्तार और अनियंत्रित वाहन ने सड़क किनारे खड़े चार लोगों को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक 3 वर्षीय बच्ची समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृत महिला की पहचान इंदू देवी पत्नी हृदयानंद पंडित के रूप में की गई है। घायलों में मोहम्मद सलीमुद्दीन, मोहम्मद सलीम और पवन शामिल हैं। यह भीषण हादसा पास के पेट्रोल पंप में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि एक महिला सड़क के काफी किनारे चल रही थी, जबकि तीन अन्य लोग पेट्रोल पंप के पास स्कूटी खड़ी कर आराम कर रहे थे। तभी तेज गति से आई थार ने सभी को कुचल दिया। हादसे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। गुस्साए ग्रामीणों ने बिक्रमगंज-डेहरी मुख्य मार्ग को घंटों जाम कर दिया। इससे पहले उन्होंने थार के चालक और उसके साथ सवार दो अन्य लोगों को पकड़कर जमकर पिटाई की और फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि तीनों नशे की हालत में थे। सूचना मिलते ही काराकाट थाना पुलिस मौके पर पहुंची और वाहन को जब्त कर लिया। पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। हालांकि जाम हटाने और प्रदर्शन कर रहे लोगों को शांत कराने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। प्रशासन ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोग शांत हुए।