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अल-अक्सा के मुफ्ती पर इजरायल का बैन, गाजा संबंधित वक्तव्य बनी वजह

तेल अवीव इजरायल ने अल-अक्सा मस्जिद परिसर के ग्रैंड मुफ्ती शेख मोहम्मद हुसैन की एंट्री पर ही पाबंदी लगा दी है। वे मस्जिद परिसर में नहीं घुस सकते। गाजा को लेकर उन्होंने एक तकरीर दी थी, जिसमें इजरायल की नीतियों की आलोचना की थी। इसी के चलते इजरायल ने उनके ऊपर पाबंदी लगाई है। शेख हुसैन के वकील का कहना है कि पहले 8 दिन की पाबंदी उन पर लगाई गई थी। इसके बाद मुफ्ती पर पाबंदी की मियाद 6 महीनों के लिए और बढ़ा दी गई है। जुलाई के आखिरी में जुमे के मौके पर नमाज अदा किए जाने के बाद शेख मोहम्मद हुसैन ने एक तकरीर की थी। इसमें उन्होंने इजरायल की उस नीति का विरोध किया था, जिसके तहत गाजा में जरूरी चीजों, भोजन और दवा की सप्लाई नहीं हो पा रही थी। इसके चलते 20 लाख फिलिस्तीनियों के आगे भुखमरी तक का संकट पैदा हो गया था। अब इसी मामले में Wafa न्यूज एजेंसी के अनुसार इजरायल ने ऐक्शन लिया है। इजरायली अथॉरिटीज ने मुफ्ती को 27 जुलाई को समन जारी किया था। उन्हें कहा गया था कि वे अगले 8 दिनों तक यहां ना आएं। इस दौरान मस्जिद में कुछ काम भी हो सकता है। बुधवार को 8 दिन की लिमिट खत्म हुई तो अब इसे 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। फिलिस्तीन ने इजरायल सरकार के इस फैसले की निंदा की है। फिलिस्तीन का कहना है कि इजरायल की तरफ से लगाया गया यह बैन अल-अक्सा मस्जिद पर नियंत्रण का प्रयास है। फिलिस्तीनी अथॉरिटी ने कहा कि इस तरह से अल-अक्सा मस्जिद से जुड़ी मजहबी अथॉरिटीज को किनारे लगाने की तैयारी हो रही है, जो इजरायल की नीतियों का विरोध करती रहती है। बता दें अल-अक्सा मस्जिद को लेकर सदियों से विवाद रहा है। इसके एक हिस्से पर इस्लाम के लोगों का दावा है तो वहीं यहूदी भी इसे पवित्र स्थल मानते हैं और एक हिस्से माउंट टेंपल कहते हैं।

दस्तावेजों का पेपरलेस ई-पंजीयन करने वाला देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर 10 अक्टूबर 2024 को राज्य स्तर पर शुरू किए गए संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर ने मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। इस अभिनव पहल को वर्ष 2025 का ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार’ में ‘स्वर्ण’ श्रेणी का सम्मान प्राप्त हुआ है। भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा यह पुरस्कार "Government Process Re-engineering by use of technology for Digital Transformation" श्रेणी में प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों, वाणिज्यिक कर विभाग, महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक तथा परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि “संपदा 2.0 ने मध्यप्रदेश को डिजिटल भूमि प्रबंधन के क्षेत्र में देश में अग्रणी बनाया है। यह पहल न केवल पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि लोगों को बिना कार्यालय आए, सुरक्षित और सरल तरीके से पंजीयन सुविधा उपलब्ध कराएगी। यह हमारे डिजिटल और सुशासन के संकल्प का महत्वपूर्ण कदम है।” भूमि प्रबंधन में विभाग की एक ऐतिहासिक पहल : उप मुख्यमंत्री देवड़ा उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने इस उपलब्धि को भूमि प्रबंधन में विभाग की एक ऐतिहासिक पहल बताया और प्रदेशवासियों को बधाई दी। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग एवं महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक ने भी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने दस्तावेजों का पूर्णत: पेपरलेस ई-पंजीयन प्रारंभ किया है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम के अंतर्गत लगभग 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 दस्तावेजों का वीडियो के-वाई-सी के माध्यम से फेसलेस पंजीयन संभव हुआ है, जिसमें उप-पंजीयक कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं रहती। यह प्रक्रिया इम्परसनेशन एवं भूमि संबंधी विवादों को कम करने में भी सहायक सिद्ध होगी। संपदा 2.0 में जीआईएस तकनीक सहित अत्याधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब कोई भी व्यक्ति कहीं से भी, कभी भी, www.sampada.mpigr.gov.in पोर्टल के माध्यम से ई-स्टांप प्राप्त कर सकता है। इसके मोबाइल ऐप से राज्य की किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें तत्काल देखी जा सकती हैं। पूर्ववर्ती संपदा 1.0 की तुलना में संपदा 2.0 में पक्षकारों और संपत्ति की पहचान आधार ई-ओथ एवं ई-केवाईसी के माध्यम से की जाती है, संपत्ति का विवरण संबंधित विभाग से सीधे एकीकृत कर लिया जाता है और दस्तावेज का प्रारूपण स्वचलित रूप से विधिक आवश्यकताओं सहित तैयार होता है। दस्तावेजों पर ई-साइन अथवा डिजिटल साइन से हस्ताक्षर किए जाते हैं और पंजीयन पूर्ण होते ही ईमेल और व्हाट्सऐप पर उपलब्ध हो जाते हैं। यह सम्मान 28वें नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ई-गवर्नेंस में प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार की घोषणा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे एवं पुष्टिकरण की तीन-स्तरीय प्रक्रिया के बाद की गई है।  

आयकर विधेयक पर केंद्र सरकार ने किया पलटाव, सुझावों के आधार पर लिया निर्णय

नई दिल्ली  सरकार ने आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने का निर्णय लिया है. बाद में लोकसभा में एक नया विधेयक पेश किया जाएगा जो आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा. सरकार ने 13 फरवरी, 2025 को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया था और उसी दिन इसे जांच के लिए प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था. प्रवर समिति ने 21 जुलाई, 2025 को अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश कर दी है. प्रवर समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार विधेयक में सुधार किया जाएगा. प्रवर समिति की लगभग सभी सिफारिशें सरकार ने स्वीकार कर ली हैं. अन्य स्रोतों से भी सुझाव मिले हुए हैं जिन्हें सही विधायी अर्थ देने के लिए शामिल किया जाना जरूरी है. प्रारूपण, वाक्यांशों के संरेखण, परिणामी परिवर्तनों और परस्पर संदर्भों में कुछ सुधार किए गए हैं. इसलिए, प्रवर समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके पहले बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर समिति की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने की अनुमति मांगी. सदन की मंजूरी के बाद उन्होंने आयकर विधेयक वापस ले लिया. गौरतलब है कि विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर शुक्रवार को भी लोकसभा में हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर तीन बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. दो बार के स्थगन के बाद दोपहर तीन बजे बैठक शुरू हुई तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर समिति की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने की अनुमति मांगी और सभा की सहमति से सरकार ने विधेयक को वापस ले लिया.

एमपी सदन में गूंजे नाराजगी के सुर, बीजेपी विधायकों ने सरकार की खोली पोल

 भोपाल मध्य प्रदेश बीजेपी में सब ठीक है? ये सवाल, बीजेपी विधायकों के सवाल से ही खड़े हो रहे हैं। दरअसल, विधानसभा के सत्र में जिस तरह के सवाल बीजेपी के विधायकों ने उठाए, उसकी उम्मीद तो सरकार को नहीं थी। एक दर्जन से अधिक विधायकों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर सत्तापक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी। इस दौरान कानून व्यवस्था लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ हितग्राहियों तक न पहुंचना, जैसे मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। विपक्षी की तरह सवाल किए बीजेपी विधायक सदन में बीजेपी विधायक, सत्ता पक्ष में विपक्षी MLA की तरह सवाल कर रहे थे। विधायकों के तेवर देख सरकार पूरी तरह से बैक फुट पर आ गई। वहीं विपक्षी विधायक फ्रंट फुट पर सियासी बल्लेबाजी करने लगे, और तीखे सवाल पूछने लगे। कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने तो यहां तक कह दिया कि बीजेपी के अपने ही विधायक संतुष्ट नहीं हैं, तो साफ है सरकार जमीनी स्तर पर काम नहीं कर रही। कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। आम आदमी को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं कांग्रेस विधायक के आरोपों पर प्रेदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक लोकतांत्रिक पार्टी है। यही कारण है इसके विधायक जनता के मुद्दों को उठाते हैं और आगे भी उठाते रहेंगे। आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस सकारात्मक राजनीति करने और जनहित में सहयोग करने की सलाह दी। बीजेपी के इन विधायकों ने उठाए सवाल बता दें कि सदन में सवाल उठाने वाले बीजेपी विधायकों में वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव भी है। उन्होंने आदिवासियों को दिए गए पट्टों पर कब्जे का मुद्दा उठाया है। उमाकांत शर्मा ने सरकारी जमीनों पर बढ़ते अतिक्रमण और उनके न हटाए जाने पर चिंता जताई। वहीं गायत्री राजे पवार ने उज्जैन की शिप्रा नदी में फैक्ट्रियों के दूषित पानी का मामला उठाकर सरकार को सकते में डाल दिया। इन विधायकों के अलावे संजय पाठक ने खाद वितरण में अनियमितताओं, आशीष शर्मा ने लव जेहाद की बढ़ती घटनाओं, रमेश खटीक ने बिजली बिलों में ब्याज माफी न होने, नीना वर्मा ने शांति समितियों के गठन में देरी और भूपेंद्र सिंह ने गिरते भूजल स्तर पर ठोस नीति की मांग कर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया।

नौरादेही जंगल में बढ़ेगा रोमांच, बाघों के साथ दौड़ेंगे अफ्रीकन चीते, बाड़ा बनाने के लिए तैयारियां शुरु

सागर   मध्य प्रदेश का वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व, एक ऐसा जंगल है जहां बाघों की दहाड़ गूंजती है, हिरणों की छलांगें दिखती हैं और पेड़ों की छांव में सैकड़ों कहानियां छुपी हैं. लेकिन अब इस जंगल की पहचान और भी खास होने वाली है. क्योंकि यहां आने वाले हैं अफ्रीका से आए मेहमान, यानी रफ्तार के सौदागर चीते.वन्यजीव विशेषज्ञों की एक टीम ने नौरादेही का दौरा किया उन्होंने यहां के मोहली, सिंगपुर और झापन रेंज में करीब 600 वर्ग किलोमीटर का इलाका चुना जहां चीतों का नया घर बनाया जाएगा. मध्य प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व के रूप में वीरांगना रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व भले ही नया हो, लेकिन जल्द ये पूरे देश में मशहूर होने वाला है. क्योंकि यहां बाघों की आबादी तो बढ़ ही रही है, वहीं दूसरी तरफ वहां अफ्रीकन चीतों का नया बसेरा बसने वाला है. पिछले दिनों मई माह में चीता प्रोजेक्ट से जुडे़ विशेषज्ञों के दल ने नौरादेही का दौरा किया था और चीतों को बसाने की संभावनाओं के साथ-साथ चीतों के लिए जरूरी सुविधाएं जुटाने के निर्देश दिए थे. इसी सिलसिले में प्रबंधन द्वारा तैयारियां तेज कर दी गयी है. यहां चीतों के लिए बाड़ा बनाने के लिए प्रबंधन ने योजना बनाने का काम शुरू कर दिया है. मई में विशेषज्ञों के दौरे के बाद चीतों को बसाने हरी झंडी देश में बसाए जा रहे चीतों के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून को नोडल एंजेसी बनाया गया है. मई महीने की शुरूआत में एंजेसी के विशेषज्ञों ने नौरादेही टाइगर रिजर्व का तीन दिनों का दौरा किया था. जिनमें राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के डीआईजी डॉ. वी बी माथुर और डब्ल्यूआईआई के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ए ए अंसारी के साथ दौरा किया था. उसके बाद 19 मई 2025 को नौरादेही टाइगर रिजर्व प्रबंधन को चिट्ठी लिखकर चीता बसाने के लिए तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं. ये व्यवस्थाएं करने कहा विशेषज्ञों ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने नौरादेही टाइगर रिजर्व के मोहली, सिंगपुर और झापन रेंज में चीतों को बसाने के लिए कहा है. ये करीब 600 वर्ग किमी का एरिया होगा, जहां चीतों को बसाया जाएगा. यहां पर टाइगर रिजर्व प्रबंधन को ये तैयारियां करने कहा गया है. बाड़ा बनाने की तैयारियों में लगा नौरादेही प्रबंधन जहां तक भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून की बात करें, तो उन्होंने नौरादेही टाइगर रिजर्व प्रबंधन के लिए डेढ साल का समय इन तैयारियों को पूरा करने के लिए कहा है. माना जा रहा है कि 2026 के अंत या 2027 की शुरूआत में यहां चीतों की शिफ्टिंग की जाएगी. इस लिहाज से यहां अन्य काम तेजी से शुरू हो गए हैं. बाघ की दहाड़ से टकराएगी चीतों की रफ्तार  अब चीतों के लिए बाड़ा बनाने की तैयारी करने कहा गया है. इसके लिए नौरादेही टाइगर रिजर्व की एक टीम जल्द कूनो नेशनल पार्क पहुंचेगी और वहां बाड़ा बनाने की जानकारी और प्रशिक्षण लेगी. क्योंकि वन्यप्राणियों को अलग-अलग तरह के बाडे़ बनाए जाते हैं और चीतों के लिए किस तरह बनाना होगा, इसके लिए टीम को कूनो भेजा जाएगा. चीतों के लिए क्यों खास है नौरादेही टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व नौरादेही टाइगर रिजर्व है. यह तीन जिलों सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले में फैला हुआ है. इसका कुल क्षेत्रफल 2339 वर्ग किलोमीटर है. जिसमें 1414 वर्ग किमी कोर एरिया और 925.12 किमी का बफर एरिया है. इस विशाल वनक्षेत्र में बडे़-बडे़ घास के मैदान है और इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. क्योंकि जिन गांवों का विस्थापन हो रहा है, वहां खेती की जगह पर प्रबंधन द्वारा घास के मैदान विकसित किए जा रहे हैं. वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में चीतों के लिए बड़े घास के मैदान हैं. घास के मैदान ज्यादा होने से शाकाहारी जानवर बहुत हैं यहां शाकाहारी प्राणी होने से चीतों को शिकार करने में आसानी होगी. 600 वर्ग किमी क्षेत्र में बसेंगे अफ्रीकन चीते      चीतों ने खुद किया मनपसंद लंच का इंतजाम, बाड़े में आराम फरमाते सामने आया वीडियो     श्योपुर के थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंचे चीते, कूनो पार्क की आवोहवा से हैं नाखुश     एमपी के खेतों की खाक छान रहे चीते, अच्छी लग रही आजादी, कूनो जाने का नहीं मन सबसे पहले नौरादेही में हुआ था चीता बसाने के लिए सर्वे जहां तक चीतों की बसाहट की बात करें, तो नौरादेही जब वन्यजीव अभ्यारण्य हुआ करता था. तब 2010 में यहां पर चीतों को बसाने के लिए डब्ल्यूआईआई (Wildlife Institute of India) ने यहां सर्वेक्षण किया था. उस वक्त भी मोहली, सिंहपुर और झापन को चीतों की बसाहट के लिए अनूकूल माना गया था. जानकारों के मुताबिक, ये तीनों रेंज चीतों की बसाहट के लिए आदर्श हैं. करीब 600 वर्ग किमी में फैली इन तीनों रेंज में बडे़ और लंबे ग्रासलैंड है. जो चीतों के लिए काफी उपयुक्त माने जाते हैं. क्या कहना है प्रबंधन का नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. ए ए अंसारी बताते हैं कि, ''हम लोगों को चीता के लिए शुरूआत करनी है. हमें कहां फेसिंग करनी है, कहां चीतों के लिए कौन से बाडे़ बनाने हैं, अभी हम लोगों को जैसे निर्देश मिलेगा, तो हम लोग उसी अनुसार यहां पर काम शुरू करेंगे. जो तीन रेंज मोहली, सिंगपुर और झापन के लगभग 600 वर्ग किमी क्षेत्र में चीतें बसाएं जाएंगे.'' ''बाड़े को लेकर हमें जैसे निर्देश होंगे, वैसे हम आगे काम करेंगे. वन्यप्राणियों के लिए कई तरह के बाडे़ बनाए जाते हैं. एक क्वारनटाइन बाड़ा होता है, जब वन्यप्राणी बाहर से आते हैं, वहां करीब 20 दिन के लिए उन्हें रखा जाता है. एक एसआरव्ही बाड़ा होता है. हमें जिस तरह के बाडा बनाने के निर्देश मिलेंगे, हम वहां वैसा काम शुरू करेंगे.

बीजेपी में उपराष्ट्रपति पद को लेकर मंथन, इस जाट नेता का नाम चर्चा में

नई दिल्ली उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब चुनाव का शेड्यूल आ गया है। इसके बाद से ही चर्चाएं तेज हैं कि आखिर एनडीए का उम्मीदवार अब कौन होगा। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या को देखते हुए स्पष्ट है कि एनडीए का कैंडिडेट ही जीतने की स्थिति में है। इसलिए एनडीए की ओर से किसे कैंडिडेट बनाया जाएगा। इस पर कयासों का दौर चल रहा है। दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के एलजी वीके सक्सेना और मनोज सिन्हा का नाम चर्चा में है। इसके अलावा राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश का नाम भी रेस में बताया जा रहा है। इसका कारण बिहार का विधानसभा चुनाव भी है। उनके बिहार कनेक्शन का फायदा भाजपा और जेडीयू उठाना चाहेंगे। इसके अलावा अब एक और नाम तेजी से चर्चा में है। यह नाम है, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का। आचार्य देवव्रत उसी जाट बिरादरी से हैं, जिससे जगदीप धनखड़ आते हैं। ऐसे में जाट समाज के बीच संदेश देने के लिए आचार्य देवव्रत को मौका दिया जा सकता है। वह आर्य समाज से जुड़े रहे हैं और प्रखरता से विचारधारा का प्रचार करने में जुटे रहे हैं। उन्होंने लंबे समय तक कुरुक्षेत्र स्थित एक गुरुकुल में प्रिंसिपल के तौर पर काम किया है। इससे पहले वह हिमाचल प्रदेश के भी राज्यपाल रह चुके हैं। वह हरियाणा के ही समालखा के रहने वाले हैं। खबर है कि 18 से 20 अगस्त के बीच किसी भी दिन भाजपा की ओर से उपराष्ट्रपति पद के कैंडिडेट के नाम का ऐलान हो सकता है। बता दें कि जेडीयू, टीडीपी और शिवसेना जैसे एनडीए के दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी को अधिकार दिया है कि वे किसी भी नेता का नाम प्रस्तावित कर सकते हैं। इस तरह एनडीए में आम सहमति बन गई है कि भाजपा की ओर से दिए गए नाम के पक्ष में ही मतदान किया जाएगा। बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से इलेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। किरेन रिजिजू का कहना है कि एनडीए के दलों ने पीएम मोदी और जेपी नड्डा को अधिकृत किया है कि वे जिस नेता पर भी मुहर लगाएंगे, उस पर उनकी सहमति रहेगी।

अद्भुत योग: रक्षाबंधन पर 297 साल बाद महाकालेश्वर को पहले चढ़ेगी राखी

उज्जैन  9 अगस्त शनिवार को रक्षाबंधन पर्व खास संयोग के साथ मनेगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार ऐसा योग लगभग 297 सालों बाद बना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बार पर्व का विशेष महत्व रहेगा। देशभर में सबसे पहले शनिवार तड़के 3 बजे बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। यह खास राखी हर वर्ष पुजारी परिवार की महिलाएं तैयार करती हैं। इस बार की राखी मंदिर समिति के अमर पुजारी के परिवार की महिलाएं बीते तीन दिनों से बना रही है। ऐसी मानता है कि ये महिलाएं बाबा महाकाल को अपना भाई मानकर ये राखी तैयार करती हैं। इस बार की राखी में मखमल का कपड़ा, रेशमी धागा और मोती का उपयोग कर राखी पर भगवान गणेश जी को विराजित किया है। मान्यता है की हिन्दू रीति-रिवाज से मनाए जाने वाले सभी पर्व की शुरुआत महाकाल मंदिर से होती। सुबह मंदिर में राखी अर्पित होने के बाद देश भर में राखी का पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ वर्षों से चली आ रही भव्य परंपरा के तहत भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध देसी घी, बेसन, शक्कर और ड्रायफ्रूट्स से तैयार किए जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष अनुसार त्योहारों और पर्वों पर ग्रहों के विशेष संयोग बनते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व पर 297 वर्ष बाद दुर्लभ ग्रहों का संयोग बनेगा। इस साल सूर्य कर्क राशि में, चंद्रमा मकर में, मंगल कन्या में, बुध कर्क में, गुरु और शुक्र मिथुन में, राहु कुंभ में और केतु सिंह राशि में स्थित रहेंगे। ऐसा संयोग 1728 में बना था। उस समय भी भद्रा पृथ्वी पर नहीं थी और ग्रहों की स्थिति ऐसी ही थी। इस बार भी भद्रा रहित वैसा ही योग बन रहा है। जिससे कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य ने कहा- ग्रहों की वर्तमान स्थिति 1728 में बने दुर्लभ संयोग को दोहरा रही है। रक्षाबंधन पर 8 ग्रह उन्हीं राशियों में रहेंगे, जिनमें 1728 में थे। इनमें सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में रहेंगे। ऐसे अद्भुत योग शताब्दियों में एक बार ही बनते हैं। जिससे इस बार का रक्षाबंधन और भी पुण्य फलदायी माना जा रहा है। वहीं, देशभर में सबसे पहले शनिवार तड़के 3 बजे बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। यह खास राखी हर वर्ष पुजारी परिवार की महिलाएं ही तैयार करती हैं। वे बाबा महाकाल को अपना भाई मानकर ये राखी बनाती हैं। सवा लाख लड्‌डुओं का भोग लगेगा महाकाल को अर्पित की जाने वाली राखी इस बार मंदिर समिति के अमर पुजारी के परिवार की महिलाएं बना रही हैं। वे तीन दिन से इसमें जुटी हैं। मखमल का कपड़ा, रेशमी धागा और मोती का उपयोग कर राखी पर भगवान गणेश को विराजित किया गया है। मान्यता है कि हिंदू रीति-रिवाज से मनाए जाने वाले सभी पर्वों की शुरुआत महाकाल मंदिर से ही होती है। भगवान महाकाल को राखी बांधने के बाद सवा लाख लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध देसी घी, बेसन, शक्कर और ड्रायफ्रूट्स से तैयार किए जा रहे हैं। पूरे दिन बांधी जा सकेगी राखी पंडित अमर डिब्बेवाला ने बताया कि रक्षाबंधन पर शनिवार को दोपहर 2:43 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह किसी भी काम को सफल बनाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस बार ये भी खास है कि रक्षाबंधन भद्रा काल से मुक्त रहेगा। मुहूर्त और चौघड़िए के अनुसार रक्षा सूत्र या राखी बांधी जा सकेगी। इस दृष्टि से सुबह से दोपहर 2:40 तक शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग भी इसी दिन शनिवार को श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। इस योग का समय मध्याह्न 2:40 तक रहेगा। इस दौरान पर्व काल तो मनेगा ही इसके बाद भी सायं काल में शुभ योग रहेंगे, जिनमें रक्षा सूत्र बांधा जा सकेगा। इसके अलावा कुल परंपरा के अनुसार समय के निर्धारण से रक्षा सूत्र बांधना उचित होगा।  297 वर्षों बाद का अद्भुत ग्रह संयोग ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि इस दिन सूर्य और बुध 'कर्क राशि' में होंगे, वहीं चंद्रमा 'मकर राशि' में स्थित होंगे, मंगल 'कन्या राशि' में स्थित होंगे, गुरु और शुक्र 'मिथुन राशि' में स्थित होंगे, राहु 'कुंभ राशि' में होंगे और केतु 'सिंह राशि' में स्थित होंगे। यह योग इस बात का संकेत है कि इसी प्रकार का ज्योतिषीय योग अंतिम बार 1728 में बना था। साथ ही, भाग्य की बात यह है कि उस समय भी रक्षाबंधन पर भद्राकाल का प्रभाव नहीं था, और 2025 में भी वैसी ही स्थिति दोहराई जा रही है।इसके अलावा, सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 तक 'सर्वार्थ सिद्धि योग' रहेगा, जो इस पर्व को और भी मंगलकारी बना देता है। मान्यता है कि इस विशेष योग में बहनों द्वारा राखी बांधने से भाइयों के जीवन में सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही इन राशियों की आय में वृद्धि और नौकरी में पदोन्नति के योग बन रहे हैं। वहीं देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। वहीं शुभ समाचार मिल सकता है। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं… मकर राशि  आप लोगों के लिए 6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको आकस्मिक धनलाभ के योग बनेंगे। साथ ही आपकी फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी हो जाएगी। इंवेस्टमेंट से आपको लाभ होगा। से लाभ होने के साथ ही संतान से शुभ समाचार मिल सकते हैं। वहीं इस समय नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति और इंक्रीमेंटो हो सकता है। वहीं इस दौरान साझेदारी के व्यवसाय में बड़ा मुनाफा हो सकता है। कानूनी मामलों में फैसला आपके पक्ष में आएगा और करियर में नई उपलब्धियां मिलेंगी। वहीं धन की सेविंग करने में सफल रहेंगे।  कुंभ राशि छह ग्रहों का दुर्लभ संयोग कुंभ राशि के जातकों को अनुकूल सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको मान- सम्मान की प्राप्ति होगी। साथ ही इस अवधि में आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। वहीं आप कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। साथ ही इस 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आज से रक्षाबंधन स्पेशल ऑफर, यूपी में महिलाओं को मुफ्त बस सफर

लखनऊ रक्षाबंधन के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं के लिए एक खास सौगात दी है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने रक्षाबंधन के मौके पर महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा प्रदान करने का ऐलान किया है। यह सुविधा 9 अगस्त की सुबह 6 बजे से 10 अगस्त की रात 12 बजे तक लागू रहेगी। इस दौरान महिलाएं राज्य परिवहन की सभी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी। इस योजना के तहत न केवल महिलाएं, बल्कि उनके साथ एक सहयात्री भी मुफ्त में यात्रा कर सकेगा। यह पहल रक्षाबंधन के त्योहार को और खास बनाने के लिए की गई है, ताकि महिलाएं अपने भाइयों और परिवारजनों से मिलने के लिए आसानी से यात्रा कर सकें। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह सुविधा सभी प्रकार की बसों, जैसे साधारण, एसी, और जनरथ बसों में उपलब्ध होगी। यात्रा के दौरान किसी भी तरह के टिकट की आवश्यकता नहीं होगी। महिलाओं को बस में चढ़ते समय अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे यात्रा और भी सुगम होगी। इससे पहले, चार अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह ऐलान कर दिया था कि उनकी सरकार रक्षाबंधन बंधन के मौके पर प्रदेश की बहन-बेटियों को बस का मुफ्त सफर देने जा रही है। यह कदम रक्षाबंधन को देखते हुए उठाया जा रहा है, ताकि उन्हें अपने भाई के घर में जाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। सीएम योगी ने स्पष्ट किया था कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि रक्षाबंधन के मौके पर प्रदेश की बहन-बेटियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। बता दें कि रक्षाबंधन के मौके पर बस का मुफ्त सफर देने की शुरुआत साल 2017 में हुई थी, जिसका सिलसिला अब तक जारी है। प्रदेश सरकार के मुताबिक, 1.23 करोड़ महिलाएं इसका फायदा उठा चुकी हैं। वहीं, इस दौरान परिवहन निगम ने टिकटों के रूप में 101 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च खुद वहन किया। साथ ही, परिवहन निगम ने सभी बस चालकों और परिचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे इस अवधि में महिलाओं और उनके सहयात्रियों को पूरी सुविधा और सम्मान के साथ यात्रा कराएं।