उज्जैन 9 अगस्त शनिवार को रक्षाबंधन पर्व खास संयोग के साथ मनेगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार ऐसा योग लगभग 297 सालों बाद बना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बार पर्व का विशेष महत्व रहेगा। देशभर में सबसे पहले शनिवार तड़के 3 बजे बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। यह खास राखी हर वर्ष पुजारी परिवार की महिलाएं तैयार करती हैं। इस बार की राखी मंदिर समिति के अमर पुजारी के परिवार की महिलाएं बीते तीन दिनों से बना रही है। ऐसी मानता है कि ये महिलाएं बाबा महाकाल को अपना भाई मानकर ये राखी तैयार करती हैं। इस बार की राखी में मखमल का कपड़ा, रेशमी धागा और मोती का उपयोग कर राखी पर भगवान गणेश जी को विराजित किया है। मान्यता है की हिन्दू रीति-रिवाज से मनाए जाने वाले सभी पर्व की शुरुआत महाकाल मंदिर से होती। सुबह मंदिर में राखी अर्पित होने के बाद देश भर में राखी का पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ वर्षों से चली आ रही भव्य परंपरा के तहत भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध देसी घी, बेसन, शक्कर और ड्रायफ्रूट्स से तैयार किए जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष अनुसार त्योहारों और पर्वों पर ग्रहों के विशेष संयोग बनते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व पर 297 वर्ष बाद दुर्लभ ग्रहों का संयोग बनेगा। इस साल सूर्य कर्क राशि में, चंद्रमा मकर में, मंगल कन्या में, बुध कर्क में, गुरु और शुक्र मिथुन में, राहु कुंभ में और केतु सिंह राशि में स्थित रहेंगे। ऐसा संयोग 1728 में बना था। उस समय भी भद्रा पृथ्वी पर नहीं थी और ग्रहों की स्थिति ऐसी ही थी। इस बार भी भद्रा रहित वैसा ही योग बन रहा है। जिससे कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य ने कहा- ग्रहों की वर्तमान स्थिति 1728 में बने दुर्लभ संयोग को दोहरा रही है। रक्षाबंधन पर 8 ग्रह उन्हीं राशियों में रहेंगे, जिनमें 1728 में थे। इनमें सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में रहेंगे। ऐसे अद्भुत योग शताब्दियों में एक बार ही बनते हैं। जिससे इस बार का रक्षाबंधन और भी पुण्य फलदायी माना जा रहा है। वहीं, देशभर में सबसे पहले शनिवार तड़के 3 बजे बाबा महाकाल को राखी अर्पित की जाएगी। यह खास राखी हर वर्ष पुजारी परिवार की महिलाएं ही तैयार करती हैं। वे बाबा महाकाल को अपना भाई मानकर ये राखी बनाती हैं। सवा लाख लड्डुओं का भोग लगेगा महाकाल को अर्पित की जाने वाली राखी इस बार मंदिर समिति के अमर पुजारी के परिवार की महिलाएं बना रही हैं। वे तीन दिन से इसमें जुटी हैं। मखमल का कपड़ा, रेशमी धागा और मोती का उपयोग कर राखी पर भगवान गणेश को विराजित किया गया है। मान्यता है कि हिंदू रीति-रिवाज से मनाए जाने वाले सभी पर्वों की शुरुआत महाकाल मंदिर से ही होती है। भगवान महाकाल को राखी बांधने के बाद सवा लाख लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध देसी घी, बेसन, शक्कर और ड्रायफ्रूट्स से तैयार किए जा रहे हैं। पूरे दिन बांधी जा सकेगी राखी पंडित अमर डिब्बेवाला ने बताया कि रक्षाबंधन पर शनिवार को दोपहर 2:43 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह किसी भी काम को सफल बनाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस बार ये भी खास है कि रक्षाबंधन भद्रा काल से मुक्त रहेगा। मुहूर्त और चौघड़िए के अनुसार रक्षा सूत्र या राखी बांधी जा सकेगी। इस दृष्टि से सुबह से दोपहर 2:40 तक शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग भी इसी दिन शनिवार को श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। इस योग का समय मध्याह्न 2:40 तक रहेगा। इस दौरान पर्व काल तो मनेगा ही इसके बाद भी सायं काल में शुभ योग रहेंगे, जिनमें रक्षा सूत्र बांधा जा सकेगा। इसके अलावा कुल परंपरा के अनुसार समय के निर्धारण से रक्षा सूत्र बांधना उचित होगा। 297 वर्षों बाद का अद्भुत ग्रह संयोग ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि इस दिन सूर्य और बुध 'कर्क राशि' में होंगे, वहीं चंद्रमा 'मकर राशि' में स्थित होंगे, मंगल 'कन्या राशि' में स्थित होंगे, गुरु और शुक्र 'मिथुन राशि' में स्थित होंगे, राहु 'कुंभ राशि' में होंगे और केतु 'सिंह राशि' में स्थित होंगे। यह योग इस बात का संकेत है कि इसी प्रकार का ज्योतिषीय योग अंतिम बार 1728 में बना था। साथ ही, भाग्य की बात यह है कि उस समय भी रक्षाबंधन पर भद्राकाल का प्रभाव नहीं था, और 2025 में भी वैसी ही स्थिति दोहराई जा रही है।इसके अलावा, सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 तक 'सर्वार्थ सिद्धि योग' रहेगा, जो इस पर्व को और भी मंगलकारी बना देता है। मान्यता है कि इस विशेष योग में बहनों द्वारा राखी बांधने से भाइयों के जीवन में सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही इन राशियों की आय में वृद्धि और नौकरी में पदोन्नति के योग बन रहे हैं। वहीं देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। वहीं शुभ समाचार मिल सकता है। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं… मकर राशि आप लोगों के लिए 6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको आकस्मिक धनलाभ के योग बनेंगे। साथ ही आपकी फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी हो जाएगी। इंवेस्टमेंट से आपको लाभ होगा। से लाभ होने के साथ ही संतान से शुभ समाचार मिल सकते हैं। वहीं इस समय नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति और इंक्रीमेंटो हो सकता है। वहीं इस दौरान साझेदारी के व्यवसाय में बड़ा मुनाफा हो सकता है। कानूनी मामलों में फैसला आपके पक्ष में आएगा और करियर में नई उपलब्धियां मिलेंगी। वहीं धन की सेविंग करने में सफल रहेंगे। कुंभ राशि छह ग्रहों का दुर्लभ संयोग कुंभ राशि के जातकों को अनुकूल सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको मान- सम्मान की प्राप्ति होगी। साथ ही इस अवधि में आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। वहीं आप कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। साथ ही इस … 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