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लाड़ली बहनों का लाभ रुका, मध्यप्रदेश में 1500 रुपए की बढ़ी राशि क्यों नहीं मिली?

भोपाल   मध्य प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी और लोकप्रिय लाड़ली बहना योजना को लेकर बड़ा अपडेट आया है। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि एमपी की 10 हजार से ज्यादा लाड़ली बहनों को योजना से बाहर कर दिया गया है। इसके बाद साफ हो गया है कि इन महिलाओं को अगले महीने यानी सितंबर महीने में आने वाली 28वीं किस्त से 1250 रुपए का लाभ नहीं मिलेगा। बता दें कि लाड़ली बहना योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना को शुरू हुए दो साल और कुछ महीने का समय ही हुआ है, लेकिन इन दो साल चंद महीनों में अब तक कुल 3.92 लाख से ज्यादा महिलाओं के नाम लाभार्थी सूची से हटाए जा चुके हैं। यानी दिवाली की भाईदूज से मिलने वाली बढ़ी हुई राशि के 1500 रुपए के लाभ से भी ये वंचित हो गई हैं।  1390 महिलाओं की राशि रोकी, स्पष्ट नहीं कारण योजना के तहत जून महीने तक 2,76,439 महिलाओं के खाते में राशि आती रही लेकिन जुलाई में केवल 2,75,178 महिलाओं के खाते में राशि आईं। इस तरह 1261 महिलाएं योजना के लाभ से वंचित हो गई। इन महिलाओं की शिकायत पर विभागीय अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर जांच पड़ताल कर महिला एवं बाल विकास संचालनालय भोपाल के आयुक्त को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। शासन स्तर पर इस मामले में जांच चल ही रही थी कि अगस्त महीने में 129 और महिलाओं की राशि रूक गई। इस तरह से अगस्त महीने में जून की तुलना में 1390 महिलाओं को योजना की राशि नहीं मिली। जिन महिलाओं की राशि रोकी गई है उनकी ओर से लगातार शिकायतें जारी हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार शासन स्तर से मौखिक रूप में बताया गया कि महिलाओं ने पेंशन योजना के तहत राशि प्राप्त की है। इस कारण उनकी बहना योजना की राशि नहीं आई। यह बात और है कि अभी संचालनालय से लिखित रूप में कोई भी कारण स्पष्ट नहीं किया गया है और न ही पोर्टल में कारण दर्ज हुआ है। जबकि महिलाओं के अपात्र होने पर कारण पोर्टल पर ही स्पष्ट हो जाता है। पोर्टल पर पात्रों की सूची में शामिल इसके अलावा योजना की लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि उनकी ओर से पेंशन योजना का लाभ नहीं लिया गया है। पेंशन का लाभ लिया जाता तो पोर्टल पर अपात्र घोषित कर दिया जाता, लेकिन पोर्टल पर वह पात्रों की सूची में शामिल हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की डीपीओ विनीता लोढ़ा बताती हैं कि जुलाई और अगस्त में कई महिलाओं की राशि नहीं आई है। इस संबंध में शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही कारण स्पष्ट होगा। जो महिलाएं पात्र होंगी, उन्हें हर हाल में योजना का लाभ दिया जाएगा। लाड़ली बहना योजना से क्यों काटे जा रहे नाम -सरकार द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अलग-अलग वजहों से लाखों बहनों को योजना से बाहर किया गया है। इनमें बड़ा कारण पात्र महिलाओं का 60 वर्ष से अधिक आयु का होना है। इस बड़े कारण से इस महीने- 10,963 महिलाएं योजना के लाभ के लिए अपात्र घोषित की गई हैं। इन्हें अगस्त के बाद लाड़ली बहना योजना की राशि नहीं मिलेगी। -अपात्र पाई गई महिलाओं की संख्या 690 है। -इनमें लाभ का परित्याग करने वाली महिलाएं भी शामिल हैं। इनकी संख्या 890 है। -इनमें से 646 लाभार्थी महिलाएं ऐसी हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है। -कुछ कारणों से समग्र पोर्टल से हटाई गई महिलाओं की संख्या 426 है। -आधार से समग्र डि-लिंक महिलाओं की संख्या 505 है। -यानी दो ही चंद महीनों में ही 3,92,912 महिलाओं को अपात्र घोषित किया गया है। इन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ यदि आप एमपीकी रहने वाली हैं, योजना से जुड़ी हैं या आवेदन करने का विचार कर रही हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आपका नाम भी इस योजना से कभी भी काटा जा सकता है। लेकिन कब कटेगा नाम… -जब आप 60 वर्ष से अधिक आयु की हो गई हों। -अविवाहित महिलाओं ने भी यदि अपना नाम योजना से जुड़वा लिया है, या वह जुड़ने के बारे में सोच रही हैं, तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। ये योजना केवल विवाहित, विधवा, परित्यक्ता महिलाओं को ही दिया जा रहा है। -ऐसी महिलाएं जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख से अधिक है। -ऐसी महिलाएं जिनके परिवार का कोई सदस्य पूर्व सांसद/विधायक रह चुका हो। -ऐसी महिलाएं जिनके परिवार में कोई सदस्य सरकारी सेवा या पद पर हो, उन्हें इस योजना का पात्र नहीं माना गया है। सूची से हट जाए नाम तो क्या करें? -नजदीकी CSC सेंटर या पंचायत कार्यालय से जानकारी लें। -60 साल से कम उम्र होने के बावजूद नाम कटने पर आपत्ति दर्ज कराएं। -सुनिश्चित करें कि आपका आधार और समग्र पोर्टल सही तरीके से लिंक हो। -विभागीय हेल्पलाइन पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराएं। समग्र पोर्टल से जुड़ी बड़ी समस्या डाटा में यह भी सामने आया है कि कई महिलाएं 'आधार से समग्र डि-लिंक होने के कारण सूची से बाहर हो रही हैं। यदि आधार और समग्र ID का कनेक्शन टूट जाता है तो सिस्टम लाभार्थी की पहचान सत्यापित नहीं कर पाता। ऐसे में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) अटक जाता है और महिला को अपात्र मान लिया जाता है।

शादी के बाद खुशखबरी! कन्यादान विवाह योजना से नवयुगल को मिलेंगे 49 हजार रुपए

भोपाल  मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना में शामिल नवयुगल जोड़ों को शादी के बाद से राशि का इंतजार था, जो अब खत्म होता नजर आ रहा है। सरकार द्वारा बजट आवंटित करने से हितग्राहियों को भी चेक प्रदान किए जा रहे हैं। जिले में अलग-अलग जगह शिविरों लगाकर हितग्राहियों को चेक दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 30 अप्रेल को उमरबन में जिला प्रशासन द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन किया था, जिसमें रिकॉर्ड दो हजार जोड़े शामिल हुए थे। शासन की योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 49 हजार की राशि प्रदान की जाना थी। लेकिन बजट नहीं होने से यह राशि अभी तक नहीं मिली थी। जारी हो गया बजट जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी ने बताया कि अब शासन से बजट जारी हो चुका है। जिले में 25 अगस्त यानी आज शिविरों के माध्यम से चेक प्रदान किए गए। इसकी शुरुआत मनावर और धरमपुरी से हो रही है। दोनों ही जगह पर केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर द्वारा हितग्राहियों को चेक दिया। इसी प्रकार 26 अगस्त को गंधवानी और कुक्षी, 29 अगस्त को बदनावर और 30 अगस्त को सरदारपुर में शिविर का आयोजन किया जाएगा।

पठानकोट के कई हिस्सों में बाढ़, पठानकोट-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुराना पुल चक्की नदी में बहा

चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में शनिवार रात से जारी भारी बारिश ने पंजाब के पठानकोट जिले में भारी तबाही मचा दी है। नदियों और खड्डों के उफान के कारण कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सबसे बड़ा नुकसान चक्की नदी में हुआ है, जहां पठानकोट-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुराना पुल बह गया है। इससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है और प्रशासन ने एहतियातन नया पुल भी बंद कर दिया है। चक्की नदी बना सबसे बड़ा खतरा पठानकोट को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला रेलवे पुल भी चक्की नदी के तेज बहाव से खतरे में है। बहते पानी ने इसकी संरचना को प्रभावित किया है। प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए चक्की नदी पर बने नए पुल को भी बंद कर दिया, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग का यातायात एक तरफ से रोक दिया गया है। नदियां उफान पर, गांव डूबे भारी बारिश से उज्ज दरिया, रावी नदी और जलालिया दरिया का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। कई गांवों की सड़कें कट गई हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों का संपर्क टूट गया है। कंडी क्षेत्र के धार कलां के पास फर्शी खड्ड में आई बाढ़ से लोग दहशत में हैं। वहीं, गांव कोठे मनवाल और खानपुर में खड्ड के तेज बहाव में दो मंजिला मकान ताश के पत्तों की तरह ढह गया। प्रशासन ने कराया इलाका खाली चक्की खड्ड का जलस्तर बढ़ने से वार्ड नंबर-12 के सैली कुलियां क्षेत्र को खाली करवाया गया है। उधर पठानकोट-चंबा-डल्हौजी नेशनल हाईवे पर पानी भर जाने से यातायात ठप हो गया है और लंबा जाम लग गया है। साथ ही, नेशनल हाईवे 154ए पर भूस्खलन और पठानकोट-जुगयाल क्षेत्र में लैंडस्लाइड से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। डैम का जलस्तर बढ़ा, अलर्ट जारी रणजीत सागर डैम का जलस्तर 524.94 मीटर दर्ज किया गया है और यह खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। डैम प्रशासन ने कहा है कि अगर स्तर 525 मीटर तक पहुंचा तो फ्लड गेट खोले जा सकते हैं। लोगों को पहले ही सतर्क करने के लिए सायरन बजाए जा रहे हैं। इसी तरह पौंग बांध और भाखड़ा डैम में भी पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है। फसलों को भारी नुकसान पठानकोट समेत सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ से किसानों की खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं। खेतों तक पानी पहुंचने से बड़े पैमाने पर कृषि नुकसान हुआ है। मौसम विभाग का अलर्ट मौसम विभाग ने पंजाब के सात जिलों-पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, नवांशहर, रोपड़ और मोहाली में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ब्यास नदी का जलस्तर दो दिनों में 1,16,615 क्यूसेक से बढ़कर 1,74,000 क्यूसेक तक पहुंच गया है। एसडीएम बाबा बकाला साहिब अमनप्रीत सिंह ने लोगों को नदी किनारे न जाने की सख्त हिदायत दी है। सरकार की सख्ती और राहत कार्य सरकार ने सभी नेताओं और जिलाधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के आदेश दिए हैं। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने फाजिल्का के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया और लोगों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। राहत एवं बचाव टीमें अलर्ट पर हैं और जरूरत पड़ते ही फ्लड गेट खोले जा सकते हैं।  

मधुबनी में JDU महासचिव का दावा – NDA की आंधी में विपक्ष होगा धराशायी

मधुबनी।  जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा सोमवार को मधुबनी के लौकहा पहुंचे, जहां उन्होंने एनडीए गठबंधन द्वारा आयोजित विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यकर्ताओं के जोश और उत्साह के बीच मनीष वर्मा ने एनडीए की एकजुटता को प्रदेश की ताक़त बताया और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। “NDA की मुट्ठी का प्रहार, विपक्ष चित” मनीष वर्मा ने कहा कि एनडीए के पांचों दल एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरे हैं। “जब पांचों उंगलियां मिलती हैं तो मुट्ठी बनती है और उसका प्रहार विपक्ष को चित कर देता है।” उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में एनडीए की आंधी चल रही है। मैथिली भाषा और नीतीश, अटल की ऐतिहासिक पहल लौकही की ऐतिहासिक धरती का ज़िक्र करते हुए उन्होंने याद दिलाया कि इसी जगह से नीतीश कुमार ने जनता की मांग पर अटल बिहारी वाजपेयी से मैथिली को संवैधानिक भाषा का दर्जा देने की गुहार लगाई थी। “नीतीश जी की पहल और अटल जी के फैसले से 2003 में मैथिली को संविधान की मान्यता मिली थी।” “राजद की पति-पत्नी सरकार ने बिहार को बदनाम किया” राजद पर हमला बोलते हुए मनीष वर्मा ने कहा कि लालू-राबड़ी की सरकार ने बिहार को बदनाम किया था। वहीं नीतीश कुमार ने सत्ता संभालते ही अपराधियों को जेल भेजा और शांति कायम की। “विकास की नींव शांति है और नीतीश जी ने बिहार में वही स्थापित किया।” शिक्षा और विकास पर ज़ोर उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति की है। आज हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खुल चुका है और “बच्चे महज 10 रुपए शुल्क में इंजीनियरिंग पढ़ रहे हैं।” शिक्षा विभाग का बजट बढ़कर 77 हज़ार करोड़ रुपए पहुंच गया है। सड़क, बिजली और शिक्षा के बाद अब अगले पांच साल में बिहार औद्योगिक विकास की नई ऊँचाई पर पहुंचेगा। तेजस्वी और PK पर करारा हमला तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए वर्मा ने कहा – “एक तरफ नीतीश जी हैं जो दिन-रात बिहार के विकास के लिए काम कर रहे हैं, और दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनके माता-पिता ने बिहार को गड्ढे में डाल दिया था।”  प्रशांत किशोर को उन्होंने ‘कनफुकवा’ बताते हुए कहा – “गांधी का पोस्टर लगाकर ज्ञानी बनने वाले, बताओ कितना पैसा लिया है शराब कंपनियों से? क्या उसी पैसे से जन सुराज कैंपेन चला रहे हो? भाड़े के लोग लाकर लोकतंत्र का हरण करना चाहते हो? इस कार्यक्रम में मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा, नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, सांसद लवली आनंद, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, पूर्व राज्यसभा सांसद कहकशां परवीन समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।

ED की छापेमारी में TMC विधायक जीबन गिरफ्तार, स्कूल भर्ती घोटाले से जुड़ा मामला

 कलकत्ता पश्चिम बंगाल में चर्चित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच ने सोमवार को नया मोड़ ले लिया, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक जीबन कृष्ण साहा भागने की कोशिश में रंगे हाथों पकड़े गए. साहा ने घर की दीवार कूदकर फरार होने का प्रयास किया, लेकिन ED की टीम ने उनका पीछा कर खेतों से उन्हें पकड़ लिया. अधिकारियों के मुताबिक, वह खेतों के रास्ते भाग रहे थे और उन्हें कीचड़ से सना हुआ गिरफ्तार किया गया. छापेमारी और विधायक का भागने का प्रयास ईडी अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही साहा को रेड की जानकारी मिली, उन्होंने घर की बाउंड्री वॉल कूदकर फरार होने की कोशिश की. लेकिन ईडी टीम और केंद्रीय बलों ने पीछा कर उन्हें पास के कृषि क्षेत्र में धर दबोचा. मोबाइल फोन सबूत नष्ट करने की कोशिश अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि विधायक ने सबूत मिटाने के लिए अपना मोबाइल फोन घर के पास एक तालाब में फेंक दिया था. हालांकि, ईडी टीम ने तालाब से उनके दोनों मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं. इन्हें अब फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा. कई जगहों पर छापेमारी जानकारी के लिए बता दें कि ईडी की कार्रवाई केवल विधायक के घर तक सीमित नहीं रही. अधिकारियों ने साहा के ससुराल वालों के घर (रघुनाथगंज, मुर्शिदाबाद) और उनके पर्सनल असिस्टेंट के घर (बीरभूम) में भी तलाशी ली. घोटाले से जुड़े सुराग ईडी अधिकारी के मुताबिक, यह रेड बीरभूम जिले के एक शख्स से जुड़े लेन-देन की जानकारी मिलने के बाद की गई. वही व्यक्ति आज सुबह ईडी टीम के साथ साहा के घर भी गया. पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी गौरतलब है कि विधायक साहा को इसी भर्ती घोटाले के सिलसिले में CBI ने अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया था. हालांकि, उन्हें मई 2023 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. इस मामले में CBI अपराध और भर्ती की गड़बड़ियों की जांच कर रही है, जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पहलुओं की जांच में जुटी है.

इत्ती सी खुशी से जुड़ाव महसूस करेंगे दर्शक : राजेश मापुस्कर

मुंबई, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार राजेश मापुस्कर का कहना है कि दर्शक सोनी सब के शो इत्ती सी खुशी से जुड़ाव महसूस करेंगे। सोनी सब का हाल ही में लॉन्च हुआ शो इत्ती सी खुशी अपनी दिल को छू लेने वाली कहानी और सहज किरदारों के कारण दर्शकों का दिल जीत रहा है। सोमवार से शनिवार रात नौ बजे प्रसारित होने वाला यह शो अन्विता (सुम्बुल तौक़ीर खान) की कहानी बयां करता है। एक ऐसी युवा लड़की, जो जीवन की कठिनाइयों के बावजूद छोटी-छोटी बातों में खुशी ढूंढ लेती है। इस शो की रचनात्मक दिशा-निर्देशन की कमान राजेश मापुस्कर ने संभाली है। राजेश मापुस्कर ने कहा, “टेलीविज़न में यह ताकत होती है कि वह हर घर तक पहुंचकर सार्थक प्रभाव छोड़ सकता है। जब सोनी सब और रोज़ प्रोडक्शन्स ने शेमलेस को भारतीय दर्शकों के लिए रूपांतरित करने का निर्णय लिया, तो चुनौती केवल कहानी दोहराने की नहीं थी, बल्कि इसे इस तरह गढ़ने की थी कि यह असली, जुड़ाव पैदा करने वाली और हमारी संस्कृति में जमी हुई लगे। बतौर क्रिएटिव मेंटर मेरी भूमिका टीम को इस दिशा में मार्गदर्शन देने की थी कि कहानी अपनी प्रामाणिकता कभी न खोए। हमने स्क्रिप्टिंग, कैरेक्टराइज़ेशन और कास्टिंग पर गहराई से काम किया ताकि हर पहलू भारतीय घरों की सादगी और गर्मजोशी को दर्शा सके। इत्ती सी खुशी का असली सार इसकी सादगी है।यह आम लोगों और उनकी असाधारण जिजीविषा की कहानी है, जिसे स्लाइस-ऑफ़-लाइफ़ शैली में प्रस्तुत किया गया है। मुझे सच्चे दिल से उम्मीद है कि दर्शक इन किरदारों में खुद को देख पाएँगे और शो की ईमानदारी व गर्मजोशी से जुड़ेंगे।”  

रणवीर-रैना को सुप्रीम कोर्ट की नसीहत, कहा- दूसरों की कीमत पर मत कमाओ

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक लहजे में कहा है कि किसी को भी कमाई करने के मकसद से किसी का भी मजाक उड़ाने की आजादी नहीं दी सकती और उसे अभिव्यक्ति की आजादी के तहत संरक्षण नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी की कि जब आप अपने भाषण का व्यवसायीकरण कर रहे हैं, तो आप इसके जरिए किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचा सकते। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही कॉमेडिन समय रैना और अन्य हास्य कलाकारों को विकलांग व्यक्तियों का मज़ाक उड़ाने वाले चुटकुलों के लिए कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से प्रभावित मरीजों और परिवारों की मदद करता है। याचिका में विकलांग व्यक्तियों का मज़ाक उड़ाने वाले चुटकुलों की ओर अदालत का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। अदालत ने जिन हास्य कलाकारों की आलोचना की है, उनमें समय रैना, विपुन गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तंवर शामिल हैं। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन कॉमेडियन ने अपने शो में दिव्यांगों और दुर्लभ बीमारियों का मजाक उड़ाया है, जिससे पीड़ितों की भावनाएं आहत हुईं हैं। कोर्ट ने उन्हें दिव्यांगों (PwDs) और दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों का मजाक उड़ाने वाले असंवेदनशील चुटकुले सुनाने के लिए बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हर व्यक्ति की गरिमा की रक्षा की जानी चाहिए। सद्बुद्धि की जीत हुई इस याचिका को इंडियाज गॉट लेटेंट विवाद से जुड़े मामलों के साथ जोड़ दिया गया, जिसमें यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया पर आरोप लगाए गए थे। फाउंडेशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा कि "सद्बुद्धि की जीत हुई है" और सभी हास्य कलाकारों ने माफी मांग ली है। कोर्ट ने इन कलाकारों से कहा है कि वे अपने चैनल पर माफीनामा प्रसारित करें। केंद्र को गाइडलाइंस बनाने का निर्देश कोर्ट में सुनवाई के दौरान समय रैना समेत सभी कॉमेडियन मौजूद थे। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने अदालत को बताया कि सभी ने माफी मांग ली है।इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी की, "मजाक जीवन का हिस्सा है और हम अपने ऊपर बने मजाक को स्वीकार कर सकते हैं लेकिन जब आप दूसरों का मजाक बनाना शुरू करते हैं, तो यह संवेदनशीलता का उल्लंघन है।" सुप्रीम कोर्ट ने उनसे यह भी पूछा है कि इस अमानवीय अपराध के लिए उन पर कितना जुर्माना लगाया जाना चाहिए? कोर्ट ने इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को गाइडलाइंस बनाने का भी निर्देश दिया।

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: शराब घोटाला मामले में बघेल की याचिका नामंजूर, दोबारा आवेदन करने की इजाजत

बिलासपुर छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने EOW की कार्रवाई को गलत करार देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया है। सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने उनकी याचिका को छूट (लिबर्टी) के साथ खारिज कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि यदि चैतन्य को राहत चाहिए तो वे फ्रेश आवेदन पेश करें, जिसमें केवल अपने मामले से संबंधित ही प्रार्थना हो। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े, जबकि एन. हरिहरन और हर्षवर्धन परगानिया ने चैतन्य की ओर से पैरवी की। यह याचिका EOW की जांच रिपोर्ट की वैधता को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी। पहली सुनवाई में राहत नहीं मिलने के बाद अब उनकी कानूनी टीम कल नई याचिका दाखिल करेगी। 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर है चैतन्य गौरतलब है कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टोडियल रिमांड समाप्त होने के बाद शनिवार 23 अगस्त को चैतन्य बघेल को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें तीसरी बार 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। अब इस मामले में 6 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। ED ने चैतन्य बघेल को जन्मदिन के दिन किया था गिरफ्तार 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर जोनल कार्यालय की ओर से प्रेस नोट में दी गई जानकारी के अनुसार, ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है। शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई। चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की उक्त नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था। पीओसी का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था। उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल है जो इंगित करता है कि लेन-देन की प्रासंगिक अवधि के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया। 1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का संचालन इसके अलावा, उन पर शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपये से अधिक के पीओसी (POC) को संभालने का भी आरोप है। वह छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पीओसी हस्तांतरित करने के लिए अनवर ढेबर और अन्य के साथ समन्वय करते थे। ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि इस शराब घोटाले से प्राप्त धनराशि को आगे निवेश के लिए बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों को भी सौंप दिया गया था। इस धनराशि के अंतिम उपयोग की आगे जांच की जा रही है। पहले से गिरफ्त में हैं कई बड़े चेहरे ईडी ने इससे पहले पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक कवासी लखमा को इस मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल, मामले में आगे की जांच जारी है। ED की कार्रवाई के खिलाफ चैतन्य ने HC में लगाई याचिका गौरतलब है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में ED द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी। याचिका में चैतन्य ने कहा था कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें पहले हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी। इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाई कोर्ट में ED की कार्रवाई के खिलाफ याचिका लगाई, जिस पर 12 अगस्त को हाई कोर्ट ने सुनवाई की और ईडी को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक जवाब मांगा है। जेल अधीक्षक को भी दिए निर्देश चैतन्य बघेल के वकील ने कोर्ट में बताया कि चैतन्य को जेल में पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा। जिस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।

अनीत पड्डा ने पार्श्वगायन किया

मुंबई, बॉलीवुड की नवोदित अभिनेत्री अनीत पड्डा ने पार्श्वगायन किया है। अनीत पड्डा बहुमुखी प्रतिभा की धनी कलाकार हैं। उन्होंने फिल्म सैयारा में अपनी शानदार अभिनय कला से भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सबका दिल जीत लिया है। कल रात उन्होंने अपनी गायकी की झलक दिखाकर इंटरनेट पर तहलका मचा दिया। सैयारा में अनीत ने वाणी बत्रा का किरदार निभाया है। उन्होंने कल रात एक अनप्लग्ड वर्ज़न अपलोड किया, जिसमें उन्होंने कृष कपूर (अहान पांडे द्वारा निभाया गया किरदार) के लिए लिखी अपनी कविता सैयारा गाई।सुबह तक यह वीडियो 7.8 मिलियन व्यूज़, 8.71 लाख लाइक्स, 14.3 हज़ार कमेंट्स और लगभग 48 हज़ार शेयर्स के साथ सोशल मीडिया पर छा गया है।  

झारखंड में भारी बारिश की चेतावनी, प्रभावित जिलों के लोगों को सतर्क रहने की अपील

रांची रांची मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, बोकारो, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद और गिरिडीह जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया। रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी बाबूराज पी.पी. ने कहा, ‘‘सोमवार 15 जिलों के लिए और मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 12 जिलों के लिए भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है। भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिन से राज्य के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं, कई घरों और पुलों को नुकसान पहुंचा है, तथा कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि खेतों में फसलों और पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है। राज्य की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर राज्य के विभिन्न हिस्सों में सुवर्णरेखा, खरकई, बराकर और दामोदर सहित प्रमुख नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सोमवार को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों के पास, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जिसके कारण बारिश का सिलसिला 29 अगस्त तक जारी रह सकता है।'' अधिकारी ने बताया कि झारखंड में एक जून से 23 अगस्त के बीच 927.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 738.3 मिलीमीटर की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है।