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पीएम मोदी के हर एक्शन ने भेजा संदेश: SCO समिट में हाथ मिलाना और पुतिन से गले मिलना चर्चा में

नई दिल्ली चीन के तियानजन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंदाज अलग ही दिखा, जिसमे साफ संदेश छिपा था कि कौन भारत का करीबी दोस्त है और कौन नहीं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गले मिलना, चीनी राष्ट्रपति शि चिनफिंग से हाथ मिलाना, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआम की पीठ थपथपाना और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर देखना तक नहीं, ये सब इशारे अपने आप में काफी कुछ कह गए। 45 मिनट तक कार में साथ थे पीएम मोदी-पुतिन समिट में पीएम मोदी और पुतिन की नजदीकी सबसे अलग दिखी। दोनों नेता एक ही गाड़ी में साथ पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, पुतिन करीब 10 मिनट तक पीएम मोदी का इंतजार करते रहे और फिर दोनों 45 मिनट तक कार में बैठकर बातचीत करते रहे। बाद में उनकी द्विपक्षीय बैठक भी एक घंटे से ज्यादा चली। इसके अलावा, कई मौकों पर पीएम मोदी और पुतिन हंसी-मजाक भी करते नजर आए। इसी दौरान पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ किनारे खड़े नजर आए और वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी और पुतिन गहरी बातचीत में डूबे हुए आगे बढ़ गए, जबकि शरीफ सिर्फ देखते रह गए। पाकिस्तानी पीएम को किया नजरअंदाज समिट में पीएम मोदी का शरीफ को नजरअंदाज करना ही काफी नहीं था, बल्कि अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सिर्फ भारत की आत्मा पर हमला नहीं था, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए चुनौती है। पीएम मोदी ने SCO देशों से अपील की है कि वे आतंकवाद के खिलाफ डबल स्टैंडर्ड छोड़े और एकजुट होकर काम करें। यह बयान शरीफ की मौजूदगी में दिया गया, जिससे संदेश और भी तीखा हो गया। तुर्किये के राष्ट्रपति की थपथपाई पीठ तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन से भी पीएम मोदी ने गर्मजोशी दिखाई। उन्होंने उनसे हाथ मिलाया और पीठ थपथपाई। यह सीन काफी खास था क्योंकि तुर्किये अक्सर पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा होता है और भारत के साथ मतभेद रखता है। वहीं, चीन के राष्ट्रपति के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ भी पीएम मोदी की बातचीत हंसी-मजाक भरी रही। अमेरिका की भारी टैरिफ नीति के बीच इन मुलाकातों ने यह संदेश दिया कि भारत बड़े खिलाड़ियों के साथ रिश्ते मजबूत करने में आगे हैं। भारत की बातों को मिली अहमियत समिट के अंत में जारी तियानजन घोषणा में भी भारत की बातों को अहमियत मिली। इसमें 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई गई।  

भारत बना संकट में सहारा, अफगानिस्तान को भेजी राहत सामग्री और तंबू

नई दिल्ली  अफगानिस्तान में रविवार देर रात आए भीषण भूकंप ने पूर्वी इलाकों में जमकर तबाही मचाई है। रिक्टर स्केल पर 6.0 तीव्रता वाले इस भूकंप ने नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर और कुनार प्रांत के कई कस्बों को प्रभावित किया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। कई गांवों में भारी तबाही हुई है। इस विनाशकारी आपदा के बाद भारत ने तत्परता से राहत सहायता भेजी है। भारत सरकार की ओर से 1,000 फैमिली टेंट और 15 टन खाद्य सामग्री काबुल पहुंचाई गई है। इसके अलावा, आने वाले दिनों में और अधिक राहत सामग्री भेजी जाएगी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दी जानकारी विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए बताया, "आज अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी से बात की। भूकंप में हुई जान-माल की हानि पर संवेदना व्यक्त की। भारत ने आज काबुल में 1000 परिवारों के लिए तंबू पहुंचाए हैं। भारतीय मिशन द्वारा काबुल से कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भी तुरंत पहुंचाई जा रही है। कल से भारत से और राहत सामग्री भेजी जाएगी। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत अफगानिस्तान के साथ है।" प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "अफगानिस्तान में आए भूकंप में हुई जानमाल की हानि से गहरा दुख हुआ है। इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तैयार है।" तालिबान सरकार का बयान तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता के अनुसार, भूकंप ने पूर्वी अफगानिस्तान के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। सैकड़ों मकान ढह गए हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके जलालाबाद और कुनार प्रांत के कस्बे बताए जा रहे हैं।  

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जलभराव, NCR में बारिश की चेतावनी जारी

नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से बारिश का दौर थम नहीं रहा है। सोमवार को गुरुग्राम समेत एनसीआर के कई इलाकों में झमाझम बारिश शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने सोमवार को बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि सोमवार दोपहर से जारी भारी बारिश ने शहर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। कई जगहों पर जलभराव हो गया है, जिससे आम आदमी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर खांडसा के पास सर्विस लेन पर पानी भर गया है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि मुख्य हाईवे पर भी जलभराव शुरू हो गया है। वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे हैं और कहीं-कहीं तो काफी देर तक रुके हुए नजर आ रहे हैं। शहर की मुख्य सड़कों का भी बुरा हाल है। शीतला माता रोड, सुभाष चौक, सेक्टर-9, 9ए और सेक्टर-10ए समेत पुराने और नए गुरुग्राम की कई कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। कई इलाकों में घरों और दुकानों के सामने जलभराव से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर फिलहाल वाहन धीमी गति से चल रहे हैं। अगर शाम तक इसी तरह बारिश जारी रही तो हाईवे पर भारी जाम लगने की आशंका है। वहीं, आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ घंटों तक भारी बारिश जारी रहेगी।

पाक-अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, पांच सैनिक शहीद

इस्लामाबाद  पाकिस्तान-अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान के दीमर जिले में सोमवार को पाकिस्तानी सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी पांचों क्रू सदस्य मारे गए। स्थानीय मीडिया ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी। पाकिस्तानी दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, यह हेलीकॉप्टर दीमर जिले के चिलास कस्बे में एक नवनिर्मित प्रस्तावित हेलिपैड पर परीक्षण लैंडिंग कर रहा था, तभी हादसा हो गया। दीमर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अब्दुल हामिद ने कहा, “रिपोर्ट के अनुसार, इस हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है। पुलिस और रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और राहत कार्य जारी है।” हादसे के तुरंत बाद एफसीएनए कमांडर, डीजी जीबी स्काउट्स, दीमर के कमिश्नर और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। रेस्क्यू दल जलते हुए मलबे को बुझाने में जुटे रहे। अधिकारियों ने बताया कि हादसे की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है, लेकिन प्राथमिक रूप से “तकनीकी खराबी” को कारण माना जा रहा है। सूचना अधिकारी फराक ने इस दुर्घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीं, स्थानीय नेता हाजी गुलबर खान ने भी पुष्टि की कि “हादर क्षेत्र में सेना का एविएशन हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ।” उन्होंने चिलास अस्पताल में आपातकाल लगाने और सभी चिकित्सा कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात रहने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब कुछ ही सप्ताह पहले खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले में एक और सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें दो पायलट और तीन क्रू सदस्य मारे गए थे। वह हेलीकॉप्टर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री लेकर गया था। साल 2024 में भी खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान में एक पेट्रोलियम कंपनी का हेलीकॉप्टर श्वा ऑयल फील्ड के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत और आठ लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

बाढ़ राहत में आगे आई इनेलो, अभय चौटाला ने किया बड़ा ऐलान

चंडीगढ़ इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पंजाब हमारा बड़ा भाई है और आज पंजाब बाढ़ जैसी आपदा से जूझ रहा है। इनेलो पार्टी इस दुख की घड़ी में पंजाब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इनेलो के कार्यकर्ता पिछले कई दिनों से पंजाब के बाढ़ आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राशन, पानी और अन्य सामान पहुंचा रहे हैं। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इनेलो ताऊ देवीलाल का लगाया हुआ पौधा है और उनकी नीतियों का अनुसरण करती है। सबसे पहले ताऊ देवीलाल ने पड़ोसी राज्यों या अन्य जगहों पर किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा आई तो उनकी मदद करने की शुरुआत की थी। जब राजस्थान में सूखा और अकाल पड़ा तो ताऊ देवीलाल ने उनके पशुओं के लिए चारा एवं लोगों के लिए राशन भिजवाया था। उसी तरह चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने गुजरात के भुज में भूकंप से मची तबाही को देखते हुए वहां के कई गांव गोद लिए थे। चौटाला साहब ने हरियाणा से दवाइयां, राशन सामग्री, पानी और अन्य जरूरत की चीजें तुरंत भेजी थी। उन्होंने हरियाणा के कई आईएएस अधिकारी और डॉक्टर्स भेज कर कैंप लगवाए और पीड़ित लोगों की हर संभव मदद की थी। पार्टी फंड से एक कॉलेज भी बनवाया था। पंजाब में बाढ़ से तीन लाख एकड़ से ज्यादा जमीन बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब गई है। लोगों के घर बुरी तरह से तबाह हो गए हैं। पशुओं की भी बड़े पैमाने पर हानि हुई है। इनेलो पार्टी पंजाब के किसानों, कामगारों, काश्तकारों  समेत सभी पीड़ितों की हर तरह से मदद करेगी। पंजाब में पशुओं के चारे की सख्त जरूरत है, हम पशुओं के लिए ट्रक और ट्रैक्टर में चारा भर के भेजेंगे। बाढ़ के बाद कई तरह की बीमारियां फैलती हैं उसको ध्यान में रखते हुए इनेलो पार्टी वालंटियर डॉक्टर्स और दवाइयों का भी प्रबंध करके भेजेगी। 

अमित शाह पहुंचे बाढ़ग्रस्त इलाके, पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन

जम्मू-कश्मीर  जम्मू-कश्मीर में बारिश और भूस्खलन के चलते हालात बेहद खराब हो गए हैं. लगातार हो रही बारिश से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच सोमवार (1 सितंबर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू का दौरा किया बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की. मंत्री ने उन्हें राहत एवं पुनर्वास मुहैया कराए जाने का आश्वासन भी दिया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एवं जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा भी मौजूद थे. जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हालात की जानकारी दी. बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों का जायदा लेने शाह रविवार रात जम्मू पहुंचे थे.   शाह ने की बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात अमित शाह ने जम्मू संभाग में बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया. उन्होंने चक मांगू गांव के बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की साथ ही तवी पुल, शिव मंदिर और जम्मू में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए घरों का भी निरीक्षण किया. अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें उचित राहत एवं पुनर्वास मुहैया कराए जाने का आश्वासन दिया. गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक की गई जिसमें ताजा स्थिति की समीक्षा की गई. मंत्री ने आदेश दिया कि मौसम विभाग और NDMA डेटा एनालिटिक्स और AI के उपयोग से बादल फटने के कारणों का अध्ययन करें. शाह ने GLOF Early Warning System के क्रिटिकल रिव्यू करने की जरूरत पर जोर दिया.   गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीमें लेंगी नुकसान का जायजा अमित शाह ने हाल की प्राकृतिक आपदा की घटनाओं में हुई जनहानि पर दुख व्यक्त किया. साथ ही कहा कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती के साथ खड़ी है और सुरक्षा, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण को सुगम बनाने के लिए त्वरित राहत, वित्तीय सहायता और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है. शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीमें जल्द ही यहां नुकसान का जायजा लेने आएंगी और उसके बाद त्वरित सहायता प्रदान की जाएगी. शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सभी एजेंसियों ने मिलकर संभावित नुकसान को बहुत कम किया है और समन्वित प्रयासों के साथ हम कई जानें बचाने में सफल हुए हैं, लेकिन व्यवस्था को और भी सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. 130 से ज्यादा लोगों की मौत, 33 लापता बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में 14 अगस्त से किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन जिलों में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है वहीं 33 लोग लापता हैं. मृतकों में 34 तीर्थयात्री भी शामिल हैं, जो 26 अगस्त को माता वैष्णो देवी मंदिर जाते समय भूस्खलन की चपेट में आ गए थे. जम्मू और अन्य निचले इलाकों में बीते 26-27 अगस्त को मूसलाधार बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई थी जिससे भारी नुकसान पहुंचा है.  

किसानों की शिकायतों, सुझाव व अन्य मदद के लिए एक समर्पित पोर्टल रहेगा : शिवराज सिंह चौहान

किसानों के हित में सभी अधिकारी पूरी पारदर्शिता, विश्वसनीयता व संवेदनशीलता से करें काम: शिवराज सिंह चौहान नकली या घटिया खाद-बीज, कीटनाशक संबंधी शिकायतों का प्राथमिकता से हो समाधान: शिवराज सिंह चौहान किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सिर्फ प्रमाणित बायोस्टियुमिलेंट ही बिकें –  शिवराज सिंह चौहान   नई दिल्ली  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक कर, किसानों से कॉल सेंटर एवं अन्य पोर्टल्स के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों के समाधान के संबंध में समीक्षा की। बैठक में श्री शिवराज सिंह ने अलग-अलग पोर्टल की जगह किसानों की सुविधा के लिए उनकी शिकायतों, सुझाव तथा अन्य सहायता के लिए एक ही समर्पित पोर्टल बनाने और समस्याओं का जल्द से जल्द समुचित निराकरण करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं नियमित रूप से किसानों से मिली शिकायतों की समीक्षा करेंगे, ताकि उन्हें त्वरित राहत प्रदान की जा सकें।   किसानों से प्राप्त शिकायतों व हेल्पलाइन नंबर पर आ रही कॉल्स को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने गंभीरता दिखाते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के हित में सभी अधिकारी पूरी पारदर्शिता, विश्वसनीयता एवं संवेदनशीलता से काम करते हुए व्यवस्था को और सुदृढ करें। व्यवस्था ऐसी होना चाहिए, जिससे कि किसानों की शिकायतों का रीयल टाइम में उचित समाधान हो सकें। हम सभी की कोशिश यहीं होनी चाहिए कि किसान हर हाल में खुशहाल रहें और खेती समृद्ध हो। बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने अधिकारियों से, किसानों से मिलने वाली शिकायतों की जानकारी ली, जिसमें अनेक शिकायतें नकली या घटिया खाद-बीज एवं कीटनाशक के संबंध में हैं। श्री  शिवराज सिंह ने इन शिकायतों का समाधान प्राथमिकता से करने का निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें राज्यों में प्रवास के दौरान भी ऐसी शिकायतें मिलती हैं, किसानों को हमें लुटने से बचाना चाहिए और इसके लिए अमानक खाद-बीज, कीटनाशक की बिक्री पर सख्ती से रोक लगानी होगी। केंद्र के अधिकारी अपने स्तर पर कार्रवाई के साथ ही राज्य सरकारों के साथ मिलकर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि हमारे किसान भाई-बहनों को राहत मिल सकें। शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों की इन समस्याओं को हल करने में राज्यों की सहभागिता आवश्यक हो। वे स्वयं इस संबंध में मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख चुके हैं, आगे वर्चुअल माध्यम से भी राज्यों से चर्चा करेंगे, ताकि किसानों को पूरी तरह से राहत मिल सकें। अवैध बायोस्टियुमिलेंट (जैव उत्तेजक) की पूर्व में हुई बिक्री को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने एक बार फिर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बायोस्टियुमिलेंट की बिक्री केवल नोटिफाइड प्रोडक्ट्स की ही हो, ये सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया और अब तक नोटिफाइड 146 बायोस्टियुमिलेंट के अलावा अन्य बिना अनुमति प्राप्त बायोस्टियुमिलेंट की बिक्री नहीं हो, सुनिश्चित करने पर बल दिया। साथ ही, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने अधिसूचित बायोस्टियुमिलेंट के बारे में किसानों को जागरूक करने व प्रमाणित बायोस्टियुमिलेंट की सूची सोशल मीडिया द्वारा किसानों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि मिलने और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम आदि के संबंध में मिली शिकायतों की जानकारी भी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ये दोनों महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, जिनके संबंध में किसानों की हर शिकायत का निराकरण कर किसानों से संपर्क करके अधिकारी उनका फीडबैक भी लें। हर हाल में हमारे किसान पूर्णतः संतुष्ट होने चाहिए, यही हमारा उद्देश्य है। बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी भी मौजूद थे, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री श्री चौहान को अपने सुझाव दिए। स्वदेशी अपनाने का संकल्प- बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के "स्वदेशी अपनाओ" के आह्वान व इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री  शिवराज सिंह की अपील पर यथासंभव स्वदेशी वस्तुएं अपनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह के साथ ही कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी सहित सभी अधिकारियों ने संकल्प लिया कि वे जीवन में यथासंभव स्वदेशी वस्तुओं का ही उपयोग करेंगे।  

पहलगाम हमले पर SCO का सख्त रुख, गिरिराज ने बताया कूटनीतिक सफलता

नई दिल्‍ली  प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख अपनाया। वहीं, एससीओ सदस्य देशों ने घोषणापत्र में पहलगामआतंकवादी हमले की निंदा की। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि भारत की कूटनीति की इससे बड़ी कोई जीत नहीं हो सकती। जब भी पीएम मोदी को मौका मिला, उन्होंने भारत के हित में बात की। आज जो प्रस्ताव पारित हुआ है, वह भारत की जीत है, सभी देशों ने पाकिस्तान की मौजूदगी में पाकिस्तान को दरकिनार कर दिया। सभी देशों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। इसके साथ ही, गिरिराज सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो के 'मुनाफा कमाने वाले ब्राह्मण' बयान पर पलटवार किया। उन्‍होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी भारत में विपक्ष के नेता हैं। जब भी राहुल गांधी विदेश जाकर भारत का अपमान करते हैं, ऐसे लोग भी देश को कमजोर करने का काम करते हैं। कांग्रेस पार्टी को इस बात का दुख है कि भारत अपनी कूटनीति में सफल रहा है। उन्‍होंने 'वोटर अधिकार यात्रा' पर कहा कि क्या राहुल गांधी और तेजस्वी यादव यह उम्मीद करते हैं कि अगर वे बिहार के लोगों का अपमान करेंगे, तो भी उन्हें वोट मिलेंगे? वे रेवंत रेड्डी को लाए, जो बिहार के लोगों के डीएनए का अपमान करते हैं, और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, जिन्होंने हिंदुओं के खिलाफ बोला है। वे रोहिंग्या और मुसलमानों का समर्थन करने गए थे, इसलिए उनकी रैली में केवल मुसलमान थे। बिहार में पीएम मोदी पर अभद्र टिप्‍पणी की गई। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस, राजद और एआईएमआईएम के असली वोटरों को चुनाव आयोग ने सूची से निकाल दिया। इनके असली वोटर रोहिंग्या और बांग्लादेशी थे। इन लोगों को संविधान और लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है।

होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय में थायराइड विकार एवं मोटापे की विशेषज्ञ इकाई शुरू

भोपाल  भोपाल स्थित शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय परिसर में आयुष मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में हाइपोथायरायडिज्म एवं ओबेसिटी के लिए विशेषज्ञ इकाई की स्थापना की गई है। इस इकाई की स्थापना का उद्देश्य, थायराइड ग्रंथि की अनियमितताएं और उससे होने वाले मोटापे में होम्योपैथी की कारगर दवाओं के माध्यम से अनुसंधान एवं उपचार किया जाना है। इस इकाई के लिए भारत सरकार के केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों के अतिरिक्त सहायक चिकित्सकों एवं लैब विशेषज्ञों की एक टीम, स्थानीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में उक्त कार्यों के लिए उपलब्ध है। यह इकाई थायराइड ग्रंथि की अनियमिताओं से उत्पन्न होने वाले रोगों के त्वरित उपचार एवं इन रोगों के कारण आने वाले दीर्घकालिक प्रभाव पर केंद्रित कार्य करेगी। यह इकाई प्रतिदिन प्रातः 10 से दोपहर एक बजे तक उक्त रोगियों के पंजीयन एवं उपचार की सेवाएं प्रदान करेगी। इसके लिए दूरभाष क्रमांक 0755 299 2972 पर समस्त जानकारी प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक उपलब्ध रहेगी। इच्छुक लाभार्थियों द्वारा अपना दूरभाष दिए जाने पर विशेषज्ञों द्वारा संपर्क किया जाएगा। समस्त उपचार शासकीय स्तर पर किया जाएगा। उपचार में होम्योपैथिक दवाओं के अतिरिक्त व्यायाम एवं आहार विशेषज्ञों द्वारा भी संपूर्ण स्वास्थ्य के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाएगा। प्रधानाचार्य डॉ. एस.के. मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में इस प्रकार की हाइपोथायरायडिज्म से जनित मोटापे की यह प्रथम विशेषज्ञ इकाई है, जो भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के माध्यम से स्थापित मापदंडों पर कार्य करेगी। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति प्रकृति के सिद्धांतों के अनुरूप शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमताओं को विकसित करके मनुष्य को दीर्घकालीन स्वास्थ्य एवं उच्च गुणवत्ता का जीवन प्रदान करती है। प्रायः रासायनिक दवाओं के उपयोग के पश्चात भी हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों का वजन बढ़ता चला जाता है, जो भविष्य में हड्डियों एवं जोड़ों की गंभीर समस्याओं को जन्म देता है। होम्योपैथी चिकित्सा के माध्यम से हाइपोथाइरॉएडिज्म के मरीजों को उपचारित करके, इस प्रकार की जटिलताओं से बचाया जा सकता है और उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है। नोडल अधिकारी डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि यह समस्या विशेषकर महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है और समय रहते उपचार प्राप्त न करने के कारण 50 वर्ष के उपरांत महिलाएं हड्डियों और जोड़ों की समस्याओं से बहुत बड़ी संख्या में प्रभावित होती हैं। यदि समय रहते प्राकृतिक एवं होम्योपैथी उपचारों से इसका नियंत्रण किया जाए तो व्यक्ति दीर्घायु होने के साथ-साथ रासायनिक पदार्थ से दूर रहकर भी स्वस्थ रह सकता है। वास्तविकता यह है कि वर्तमान परिवेश में जीवन के सामान्य परिवर्तन जैसे गर्भावस्था में होने वाले सूक्ष्म हार्मोनल परिवर्तन को भी रोग मानकर उनके लिए रासायनिक उपचार प्रदान किए जाते हैं, जिसके कारण वह महिला पूरे जीवन रसायनों पर आश्रित हो जाती है और एक कुचक्र में फंस जाती है जिससे निकलना असंभव हो जाता है। इस कार्य का उद्देश्य है कि जिन लोगों में सामान्य परिवर्तन एवं होम्योपैथी दवा के साथ उपचार किया जा सकता है, उनके लिए एक विशेषज्ञ इकाई के माध्यम से, उन्हें जीवन यापन के लिए संपूर्ण ज्ञान प्रदान किया जाए। शासकीय होम्योपैथी चिकित्सालय के अतिरिक्त आयुष मंत्रालय भारत सरकार की संस्था द्वारा देश के पांच अन्य शहरों में इस प्रकार की विशेषज्ञ इकाई की स्थापना की गई है और इन संयुक्त प्रयासों से हाइपोथायरायडिज्म एवं उससे संबंधित मोटापे का कारगर उपाय एवं उपचार प्रदान करने की अद्वितीय पहल की गई है।

ट्रंप को बड़ा झटका: SCO में दुनिया में डंका बजा रही भारत-चीन-रूस की तिकड़ी

नई दिल्ली चीन के तियानजन शहर में SCO समिट ने इस बार पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिंफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। तीनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया, बातचीत की और कई मौकों पर साथ चलते भी दिखे। ये पल यूं तो सामान्य थे, लेकिन असल में यह अमेरिका और खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के खिलाफ बड़ा संदेश माना जा रहा है। ऐसे वक्त में जब ट्रंप भारत, चीन और रूस तीनों पर दबाव डाल रहे हैं, यह एकजुटता साफ संकेत देती है कि देश अब 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के आगे झुकने को तैयार नहीं। सात साल बाद चीन गए पीएम मोदी पीएम मोदी सात साल के बाद चीन पहुंचे थे। शनिवार को SCO के 25वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद रविवार को उन्होंने शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को पीछे छोड़ व्यापार और निवेश बढ़ाने पर जोर दिया। यह मुलाकात वैश्विक व्यापार को स्थिर करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। सोमवार को समिट का दूसरा दिन सबसे अहम रहा। पीएम मोदी, चिनफिंग और पुतिन की गर्मजोशी ने माहौल ही बदल दिया। कभी प्रतिद्वंदी रहे देश अब ट्रंप की नीतियों से परेशान होकर साथ आते नजर आए। पीएम मोदी और पुतिन कार में गए साथ सोमवार का सबसे यादगार पल रहा पीएम मोदी और पुतिन का एक ही कार में बैठकर जाना। पुतिन अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सख्त माने जाते हैं, लेकिन उन्होंने कार में बैठकर पीएम मोदी का थोड़ा इंतजार भी किया। यह कदम खास संदेश माना गया है। दूसरी तरफ, शी चिनफिंग और पुतिन ने अपने भाषणों में पश्चिमी देशों को आड़े हाथों लिया। शी चिनफिंग ने धौंस दिखाने वाले देशों की आलोचना की और पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया। अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान इस समिट का एक और दिलचस्प सीन यह भी रहा जब पीएम मोदी और पुतिन साथ चलते दिखे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक किनारे खड़े होकर देखते रह गए।