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अगस्त में हिमाचल में 68% ज्यादा बारिश, पंजाब तक प्रभावित, संपत्ति का भारी नुकसान

शिमला  हिमाचल प्रदेश में इस साल अगस्त की बारिश ने 76 साल के रिकॉर्ड तोड़ डाला हैं। अगस्त में सामान्य से 68 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे हैं। 1949 से आज तक अगस्त में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई। एक से 31 अगस्त के बीच 256.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है. मौसम विभाग के अनुसार, 1948 में 456.5 मिलीमीटर रिकॉर्ड बारिश थी। 1949 के बाद कभी भी इतनी भारी बारिश नहीं हुई। बीते 15 सालों में रिकॉर्ड बारिश 2019 में नॉर्मल से 23 प्रतिशत ज्यादा थी। अगस्त में आज तक की रिकॉर्ड बारिश 98 साल पहले यानी 1927 में 542.4 मिलीमीटर है। कुल्लू जिला में तो सामान्य से 165 प्रतिशत अधिक यानी डबल से भी 65 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। कुल्लू में अगस्त में 180.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, इस बार 477.5 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। कुल्लू के बाद शिमला जिला में भी सामान्य से 123% ज्यादा बादल बरसे हैं। शिमला में इस अवधि में 196.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 438 मिलीमीटर बारिश हुई है। ऊना जिला में सामान्य से 119% ज्यादा और सोलन में सामान्य से 118% ज्यादा बारिश हुई। 4 जिलों में डबल से भी ज्यादा बारिश प्रदेश में 4 जिले ऐसे हैं, जहां डबल से भी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। यही भारी बारिश तबाही का बड़ा कारण है। मानसून सीजन यानी 1 जून से 31 अगस्त तक भी सामान्य से 35 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। इस अवधि में प्रदेश में औसत सामान्य बारिश 613.8 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 826.8 मिलीमीटर बादल बरस चुके हैं। इस साल अगस्त में ऊना जिला 2 अगस्त को सर्वाधिक 222.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। 3056 करोड़ की संपत्ति नष्ट, 844 घर जमीदोंज प्रदेश में इससे 3056 करोड़ रुपए की सरकारी व प्राइवेट प्रॉपर्टी नष्ट हो चुकी है। मानसून सीजन में 320 लोगों की मौत, 844 घर पूरी तरह जमींदोज, 3254 घरों को आंशिक नुकसान, 472 दुकानें और 3710 घर टूट चुके हैं। बादल फटने की 45 घटनाओं से तबाही प्रदेश में इस सीजन में लैंडस्लाइड की 95 बड़ी घटनाओं, बाढ़ की 91 और बादल फटने की 45 घटनाओं से बड़े पैमाने पर जान व माल का नुकसान हुआ है। इससे न केवल हिमाचल बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब पर भी असर पड़ा है। पंजाब के कई इलाके इससे जलमग्न हो गए और भारी नुकसान हुआ। हिमाचल के सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि इस मानसून सीजन में जानी नुकसान कम हुआ है। मगर संपत्ति को साल 2023 की आपदा से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है।

AK-47 समेत भारी हथियारों के साथ JJMP के 9 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष किया सरेंडर

लातेहार झारखंड पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। दरअसल आज यानी सोमवार लातेहार जिले में प्रतिबंधित संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) संगठन के नौ उग्रवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। नौ उग्रवादियों में एक जोनल कमांडर और चार उप-जोनल कमांडर शामिल हैं, जिन पर कुल 23 लाख रुपये का इनाम था। साथ ही उन्होंने  चार एके-47 राइफलों और तीन एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल) सहित बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस भी पुलिस को सौंपे हैं। पुलिस के वरीय अधिकारयों द्वारा उन्हें गुलदस्ते, शॉल और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि जेजेएमपी के जोनल कमांडर रविंद्र यादव पर पांच लाख रुपये का इनाम था और वह 14 मामलों में वांछित था। पुलिस ने बताया कि उसने दो एके-47, तीन राइफल और 1,241 कारतूस के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने बताया कि तीन उप-जोनल कमांडरों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था । उनमें 10 मामलों में वांछित अखिलेश रविन्द्र यादव, नौ मामलों में वांछित बलदेव गंझू और 21 मामलों में वांछित मुकेश राम शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि एक अन्य उप-जोनल कमांडर, जिसकी पहचान पवन उर्फ ​​राम प्रसाद के रूप में हुई है, उसपर 3 लाख रुपये का इनाम था और वह तीन मामलों में वांछित था। आत्मसमर्पण करने वाले चार क्षेत्रीय कमांडर ध्रुव, विजय यादव, श्रवण सिंह और मुकेश गंझू थे, जो कुल नौ मामलों में वांछित थे।

अपनी मां संग सीएम के पास पहुंची कानपुर की बच्ची

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एडमिशन कराने का दिया निर्देश  इसके पहले सीएम के जनता दर्शन में पहुंचीं मुरादाबाद की वाची का भी हुआ प्रवेश, प्रतिष्ठित विद्यालय में ग्रहण कर रहीं शिक्षा आर्थिक कारणों से गोरखपुर की पंखुड़ी को शिक्षा में आ रही थी दिक्कत, सीएम से मिलकर बताई समस्या तो निर्बाध गति से चलने लगी पढ़ाई  लखनऊ कानपुर की मायरा सोमवार को अपनी मां नेहा के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'जनता दर्शन' में पहुंचीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से बच्चे के एडमिशन की गुहार लगाई। मासूम मायरा को देख मुस्कुराते हुए सीएम ने पहले हालचाल जाना, फिर पूछा कि क्या बनना चाहती हो। इस पर मायरा ने जवाब दिया- डॉक्टर। यह सुन सीएम ने पहले उसे चॉकलेट दी, फिर अधिकारियों को एडमिशन कराने का निर्देश। गौरतलब है कि मुरादाबाद की वाची ने एडमिशन और गोरखपुर की पंखुड़ी ने फीसमाफी को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी। जिसके तत्काल बाद दोनों की समस्याओं का हल हो गया। अब दोनों बच्चियां अपने शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।  सीएम ने मायरा से पूछा- स्कूल जाओगी, क्या बनोगी- दिया जवाब- डॉक्टर 'जनता दर्शन' में आते ही सीएम ने मायरा की मां से पूछा कि कहां से आए हैं, कहां एडमिशन कराना है। जिसका उन्होंने उत्तर दिया। इसके बाद मायरा से मुखातिब सीएम ने पूछा कि स्कूल जाओगी, किस क्लास में पढ़ोगी। अभी तक तो स्कूल गई नहीं है। क्या बनेगी- जिस पर उसने तपाक से जवाब दिया-डॉक्टर। बच्ची की मासूमियत पर सीएम मुस्कुरा उठे। सीएम ने अफसरों को एडमिशन के लिए निर्देश दिया।  मुख्यमंत्री के व्यवहार से प्रसन्नचित्त हुआ मायरा का परिवार कानपुर की नेहा सोमवार को बेटी मायरा को लेकर 'जनता दर्शन' में पहुंचीं। उन्होंने बताया कि वह बच्ची के एडमिशन के लिए 'जनता दर्शन' में पहुंचीं थीं। उन्होंने कानपुर के एक विद्यालय में एडमिशन का अनुरोध किया। मायरा का परिवार मुख्यमंत्री की सहृदयता का कायल हो गया। मीडिया से बातचीत में मायरा की मां ने कहा कि सीएम ने काफी अच्छे तरीके से हमारे परिवार की बात भी सुनीं और एडमिशन का आश्वासन दिया।  सीएम से एक मुलाकात में ही पूरे हुए थे वाची और पंखुड़ी के सपने  यह पहली बार नहीं है, जब कोई बच्ची अपने एडमिशन को लेकर मुख्यमंत्री से मिली। इसके पहले मुरादाबाद की वाची ने अपने माता-पिता के साथ जून में मुख्यमंत्री से 'जनता दर्शन' में मुलाकात की और अपने प्रवेश की गुहार लगाई। बेटी के प्रवेश को लेकर महीनों से परेशान वाची के माता-पिता जब मुख्यमंत्री के पास पहुंचे तो तीन घंटे के अंदर ही आरटीई के तहत वाची का मुरादाबाद के प्रतिष्ठित विद्यालय में प्रवेश हो गया। अब वाची वहां शिक्षारत हैं।  यही नहीं, जुलाई में गोरखपुर के पुर्दिलपुर निवासी पंखुड़ी त्रिपाठी ने भी परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए फीस माफी को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिया था कि उनकी पढ़ाई नहीं रुकेगी। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद विद्यालय ने उनकी फीस माफ कर दी। पंखुड़ी अब गोरखपुर के प्रतिष्ठित स्कूल में फिर से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। 

हिमाचल में आपदा का एलान, राज्य के लिए क्या बदलेंगे नियम और सुविधाएं

शिमला हिमाचल प्रदेश को मौजूदा बरसात और आपदा की गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित प्रदेश घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में आपदा से नुकसान पर एक विशेष वक्तव्य में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जब तक बरसात का दौर चलता रहेगा, तब तक हिमाचल आपदा प्रभावित राज्य रहेगा और मौसम सामान्य होने पर इस आदेश को वापस लिया जाएगा। आपदा प्रभावित राज्य घोषित होने से अब आपदा से जुड़े नियम लागू हो जाएंगे। साथ ही आपदा राहत पैकेज पूरे प्रदेश को मिलेगा। अब तक 3,056 करोड़ का नुकसान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में जानकारी दी कि प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ से अब तक 3,056 करोड़ रुपये का प्रारंभिक नुकसान आंका गया है। इसमें सबसे अधिक क्षति सड़कों, पुलों, पेयजल और बिजली की संरचनाओं को हुई है। सबसे प्रभावित जिलों में चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी, शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर शामिल हैं। हेलीकॉप्टर से निकाले जाएंगे श्रद्धालु चंबा जिले में मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु फंस गए थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि 15 हजार यात्रियों में से अब तक 10 हजार को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचा दिया गया है। शेष यात्रियों के लिए भी लगातार निकासी अभियान चलाया जा रहा है। सरकार ने हेलीकॉप्टर, बसों और अन्य माध्यमों से राहत व बचाव कार्य तेज किए हैं। उन्होंने कहा कि 500 श्रद्धालु जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं, उन्हें विशेष व्यवस्था के तहत हेलीकॉप्टर से निकाला जाएगा। एनडीआरएफ और SDRF तैनात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह भी बताया कि राहत व बचाव कार्यों को तेजी देने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, पर्वतारोहण संस्थान मनाली की टीम, पुलिस बल और स्वयंसेवी संगठन तैनात किए गए हैं। चंबा-पठानकोट मार्ग खोला सीएम ने बताया कि चंबा के भरमौर और अन्य क्षेत्रों में आवश्यक राशन, दवाइयां और सामग्री भी पहुंचाई गई है। चंबा-पठानकोट मार्ग को खोल दिया गया है और भरमौर की तरफ 25 किलोमीटर तक सड़क बहाल कर दी गई है। मंडी-कुल्लू एनएच की बहाली बयान के मुताबिक, कुल्लू जिले में मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग की बहाली युद्ध स्तर पर जारी है। वैकल्पिक तौर पर कमांद-कटौला मार्ग पर छोटे वाहनों को चलाया जा रहा है। अधिकांश स्थानों पर बिजली और संचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। पुराना मनाली पुल भी छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। पांच मरीज एयरलिफ्ट लाहौल-स्पीति में भी स्थिति सामान्य करने के प्रयास जारी हैं। यहां मोबाइल नेटवर्क बहाल किया गया है, बिजली उत्पादन शुरू हो गया है और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से राशन व दवाइयां पहुंचाई गई हैं। पांच मरीजों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित कुल्लू लाया गया, जिनमें एक गर्भवती महिला और एक बच्चा भी शामिल है। प्रभावित लोगों को होटल, होमस्टे, महिला मंडलों और विश्राम गृहों में ठहराया गया है। राहत, बचाव के लिए दिए निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जिलों, राज्य और केंद्र सरकार के विभागों को युद्ध स्तर पर राहत, बचाव और पुनर्निर्माण कार्य करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर प्रभावित परिवार को पुनः बसाने और उन्हें आर्थिक तंगी से उबारने के लिए सरकार पूरी गंभीरता से काम कर रही है। इस ऐलान से क्या बदलेगा? आपदा प्रभावित राज्य घोषित होने से अब आपदा से जुड़े नियम लागू होंगे। इसके तहत आपदा राहत पैकेज पूरे प्रदेश को मिलेगा। राज्य सरकार ने आपदा पीड़ितों के लिए पैकेज दिया है जो साल 2023 में भी दिया गया था। इस बार पैकेज के तहत राहत की राशि को 70 हजार रुपये बढ़ाया गया है। पहले जिस प्रभावित का घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाता था, उसे सात लाख दिया जाता था, अब प्रभावित को सात लाख 70 हजार रुपये की राहत राशि रखी गई है। अब प्रदेश में कहीं भी आपदा से नुकसान होता है, उसे ये राशि दी जाएगी।  

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणा: कालेश्वरम परियोजना पर होगी CBI जांच

हैदराबाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पूर्ववर्ती राज्य सरकार के दौरान निर्मित कालेश्वरम परियोजना में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की घोषणा की है। कलेश्वरम परियोजना पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर रविवार देर रात लगभग दो बजे समाप्त हुई चर्चा के अंत में रेड्डी ने विधानसभा में कहा कि इस परियोजना की जांच सीबीआई को सौंपना उचित है, क्योंकि यह अंतरराज्यीय मामला है, केंद्रीय एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभाग और एजेंसियां इस परियोजना में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना के डिजाइन, निर्माण और वित्तपोषण में केंद्र सरकार के संगठन और वित्तीय संस्थान भी शामिल हैं, ‘‘इसलिए अध्यक्ष की अनुमति से सदन इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय ले रहा है। इसमें कई मुद्दे शामिल हैं जिनकी जांच कराए जाने की आवश्यकता है इसलिए हमारी सरकार सीबीआई जांच के आदेश जारी कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) और न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने परियोजना से संबंधित विभिन्न मुद्दों की गहन और अधिक व्यापक जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कई खामियों और अनियमितताओं को चिह्नित किया है जिन पर आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीएसए की रिपोर्ट के अनुसार योजना, डिजाइन और गुणवत्ता नियंत्रण में खामियां कालेश्वरम परियोजना के मेदिगड्डा बैराज की विफलता का कारण पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने परियोजना के लिए अत्यधिक ब्याज दरों पर ऋण लिया था। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पिनाकी घोष आयोग ने सुझाव दिया है कि तेलंगाना सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए। आयोग ने तेलंगाना में कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के निर्माण में अनियमितताओं को लेकर अपनी रिपोर्ट रविवार को प्रस्तुत की। इससे पहले, बीआरएस ने विधानसभा से बहिर्गमन किया और आरोप लगाया कि पार्टी को न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तत्कालीन सिंचाई मंत्री ने मनमाने ढंग से निर्देश दिए और वित्त एवं योजना मंत्री ने राज्य के वित्त और आर्थिक स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता बरती। यह तत्कालीन मुख्यमंत्री ही हैं, जिन्हें तीनों बैराज की योजना, निर्माण, पूर्णता, संचालन और रखरखाव में अनियमितताओं के लिए सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से जवाबदेह बनाया जा सकता है। हालांकि, यह सरकार का काम है कि वह जांच करे और कानून के अनुसार उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करे।’’ उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी.सी. घोष की अध्यक्षता वाले आयोग ने 31 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। विधानसभा में आयोग की रिपोर्ट पर रविवार को चर्चा हुई।  

भगवान जगन्नाथ के श्रद्धालुओं को ऑनलाइन ठगने वाली वेबसाइट पर केस दर्ज

भुवनेश्वर ओडिशा के पुरी में साइबर पुलिस थाने ने भगवान जगन्नाथ के भक्तों को कथित रूप से गुमराह करने और 12वीं शताब्दी के मंदिर में दर्शन कराने का वादा करके उनसे पैसे ऐंठने के लिए एक वेबसाइट पर मामला दर्ज किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा रविवार को दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर ‘इंडिया थ्रिल’ वेबसाइट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘दोषियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। आरोपों की जांच का जिम्मा पुलिस उपाधीक्षक संघमित्रा नायक को सौंपा गया है।’’ उन्होंने बताया कि शिकायत एसजेटीए के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) हेमंत कुमार पाढ़ी ने दर्ज कराई है। एसजेटीए ने स्पष्ट किया कि मंदिर प्रशासन दर्शन या पूजा के लिए श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लेता है। मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं से ऐसे धोखाधड़ी वाले पोर्टलों के बहकावे में न आने की अपील की है। एसजेटीए के एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि वेबसाइट कथित तौर पर समय और श्रेणी के आधार पर दर्शन के लिए 50 रुपये, 100 रुपये और 500 रुपये का शुल्क ले रही है। पुरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रतीक सिंह ने कहा कि श्रद्धालुओं को सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि कुछ फर्ज़ी वेबसाइट उन्हें गुमराह कर रही हैं। एसपी ने कहा, ‘‘ऑनलाइन झूठी और भ्रामक सामग्री फैलाने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’  

मौर्य का हमला: अखिलेश यादव की ‘वोट अधिकार यात्रा’ बेअसर, नतीजा शून्य

लखनऊ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘वोट अधिकार यात्रा’ में यादव की हालत ‘न तीन में न तेरह में’ जैसी ही रही। मौर्य ने एक प्रचलित मुहावरे का प्रयोग करते हुए सोमवार को “एक्स” पर एक पोस्ट में कहा, “बिहार में नितांत असफल ‘वोट अधिकार यात्रा’ में सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव की हालत ‘न तीन में न तेरह में’ जैसी ही रही।” “न तीन में न तेरह में” मुहावरे का मतलब जिसका कोई लेना-देना न हो, या जो किसी बात से बिलकुल ही अप्रासंगिक हो। मौर्य ने पोस्ट में कहा, “जिस पार्टी का बिहार की धरती पर न कोई अतीत है, न वर्तमान और न कोई भविष्य। उनका बिहार से संबंध केवल श्री लालू प्रसाद यादव के परिवार से नातेदारी तक सीमित है। बिहार की जनता इनकी ख़ातिरदारी का बेसब्री से इंतजार कर रही है। इसकी बानगी आने वाले चुनाव में मिलेगी।” समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हुए थे और बिहार की जनता का आह्वान किया कि वह ‘मगध’ (बिहार) में भी उसी तरह भारतीय जनता पार्टी को हराये, जैसे पिछले लोकसभा चुनाव में लोगों ने उसे ‘अवध’ (फैजाबाद-अयोध्या) में हराया था। उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निर्वाचन आयोग को ‘जुगाड़ आयोग’ बना दिया है। यादव ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के तहत आरा (भोजपुर) में आयोजित एक सभा में उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम लोगों ने मिलकर अवध में हराया था, इस बार मगध में भारतीय जनता पार्टी को हराने की जिम्मेदारी आपकी है।’’ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव सारण से इस यात्रा का हिस्सा बने।  

राहुल गांधी केस अपडेट: सुनवाई की नई तारीख 3 सितंबर तय

प्रयागराज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के लिए तीन सितंबर की तिथि सोमवार को तय की। राहुल गांधी ने वाराणसी के विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) ने राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली एक याचिका नए सिरे से सुनवाई करने के लिए एसीजेएम की अदालत के पास भेज दिया जिसके खिलाफ राहुल गांधी ने इस उच्च न्यायालय का रुख किया है। यह मामला अमेरिका में सिखों के संबंध में 2024 में दिए गए एक बयान से जुड़ा है। शिकायतकर्ता नागेश्वर मिश्रा के वकील के अनुरोध पर न्यायमूर्ति समीर जैन ने सोमवार को सुनवाई टाल दी और अगली तिथि तीन सितंबर तय की। वाराणसी के नागेश्वर मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने वाराणसी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) के समक्ष एक आवेदन किया था जिसने 28 नवंबर, 2024 को इस मामले में सुनवाई के बाद राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग वाले आवेदन को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि उक्त भाषण अमेरिका में दिया गया, इसलिए यह मामला उनके न्यायिक क्षेत्र से बाहर का है। अदालत द्वारा मामला खारिज किए जाने को राव ने पुनरीक्षण अदालत के समक्ष चुनौती दी जिसने उनकी पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली और एसीजेएम को इस मामले में नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया। यह मामला सितंबर, 2024 का है। अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों के लिए माहौल अच्छा नहीं है। उनके इस बयान को लेकर विरोध हुआ था और इसे भड़काऊ और विभाजनकारी बताया गया था। वाराणसी के निवासी नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान के खिलाफ वाराणसी के सारनाथ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन जब वह सफल नहीं हुए तो उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अदालत में एक आवेदन दाखिल किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 28 नवंबर, 2024 को यह कहते हुए उनका आवेदन खारिज कर दिया था कि यह मामला अमेरिका में दिए गए भाषण से जुड़ा है और यह उनके न्यायिक क्षेत्र से बाहर का है। इसके बाद, नागेश्वर मिश्रा ने सत्र न्यायालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की जिसे अदालत द्वारा 21 जुलाई, 2025 को स्वीकार कर लिया गया। अब राहुल गांधी ने इस निर्णय के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की है जिसमें दलील दी गई है कि वाराणसी की अदालत का आदेश गलत, अवैध और न्यायिक क्षेत्र से बाहर का है।  

आतंकवाद पर PM मोदी के तीखे तेवर, PAK को मिली सख्त नसीहत

बीजिंग  शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर सीधा हमला बोला और पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया. खास बात यह रही कि मोदी का यह भाषण उस वक्त हुआ जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी वहीं मौजूद थे. क्या बोले पीएम मोदी? पीएम मोदी ने कहा, 'हाल ही में हमने पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा. इस दु:ख की घड़ी में, जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. यह हमला केवल भारत की अंतरात्मा पर ही आघात नहीं था, यह मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश, हर व्यक्ति को खुली चुनौती थी. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है, क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है?' 'SCO को लेकर भारत की नीति के तीन स्तंभ' प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में SCO को लेकर भारत की नीति के तीन स्तंभ बताए- S यानी Security (सुरक्षा), C यानी Connectivity (कनेक्टिविटी) और O यानी Opportunity (अवसर). उन्होंने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता विकास की नींव हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद इस राह की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं.  मोदी का भाषण सुन उड़ा शहबाज के चेहरे का रंग उन्होंने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि आतंकवाद पर किसी भी तरह के डबल स्टैंडर्ड स्वीकार्य नहीं होंगे और सभी देशों को एकजुट होकर इसका हर रूप में विरोध करना होगा. पीएम मोदी जब आतंकवाद पर भाषण दे रहे थे तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ उनके सामने ही बैठे थे. जैसे ही पीएम ने पहलगाम हमले का जिक्र किया शहबाज के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं.

प्रकृति और‍विज्ञान के संतुलन पर केन्द्रित भारतीय परम्पराओं का गौरवपूर्ण प्रतीक है वैदिक घड़ी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारत के गौरवपूर्ण समय को पुनर्स्थापित करेगी विक्रमादित्य वैदिक घड़ी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रकृति और‍विज्ञान के संतुलन पर केन्द्रित भारतीय परम्पराओं का गौरवपूर्ण प्रतीक है वैदिक घड़ी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और ऐप का किया लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने युवाओं के मोबाइल में डाउनलोड करवाया विक्रमादित्य वैदिक क्लॉक ऐप मुख्यमंत्री निवास पहुंची शौर्य स्मारक से आरंभ हुई भारत का समय-पृथ्वी का समय रैली मुख्यमंत्री निवास में स्थापित की गई विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतवर्ष ने अपने ज्ञान से सम्पूर्ण ब्रह्मांड को अलौकिक किया है। कालगणना की पद्धति 300 साल पहले तक हमारे देश से दुनिया तक जाती थी। भारतीय संस्कृति का प्रत्येक पहलु प्रकृति और विज्ञान का ऐसा विलक्षण उदाहरण है, जो विश्व कल्याण का पोषक है। इन्हीं धरोहरों के आधार पर निर्मित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय परम्परा का गौरवपूर्ण प्रतीक है। इस घड़ी के माध्यम से भारत के गौरवपूर्ण समय को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। विरासत-विकास-प्रकृति और तकनीक के संतुलन का प्रकटीकरण विक्रमादित्य वैदिक घड़ी से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के अनावरण और उसके ऐप लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। राजा भोज पर यूट्यूब सीरीज के फोल्डर और खगोल विज्ञान पर फिल्म सीडी का किया विमोचन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास के नवनिर्मित द्वार पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का मंत्रोच्चार के बीच अनावरण किया। इस अवसर पर शौर्य स्मारक से आरंभ हुई 'भारत का समय-पृथ्वी का समय' रैली मुख्यमंत्री निवास पहुंची। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रैली में शामिल युवाओं का स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ऐप का लोकार्पण, राजा भोज पर निर्मित यू-ट्यूब सीरीज के फोल्डर का विमोचन और खगोल विज्ञान पर केन्द्रित फिल्म की सीडी का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वैदिक घड़ी के उपयोग को प्रोत्साहित करने का आहवान किया और उपस्थित युवाओं से मोबाइल में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी ऐप भी डाउनलोड करवाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को इस अवसर पर वैदिक घड़ी भेंट की गई। भारतीय कालगणना में ऋतुओं के प्रभाव का विशेष महत्व मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि सनातन संस्कृति के व्रत, त्यौहार अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर नहीं आते, उनकी गणना में ऋतुओं का प्रभाव शामिल है। सावन-भादो-कार्तिक माह का प्रभाव हम सब अपने जीवन में अनुभव कर रहे हैं। पूर्णिमा और अमावस्या का समुद्र पर प्रभाव ज्वार-भाटा से आंका जा सकता है, इससे हमारी तिथियों की सत्यता भी प्रमाणित होती है। मानसिक रोगियों पर अमावस्या और पूर्णिमा का प्रभाव चिकित्सा शास्त्र भी स्वीकार करता है। मानव शरीर संरचना में 70 प्रतिशत जल का अंश है, जो अमावस्या और पूर्णिमा पर प्रभावित होता है। इसी का परिणाम है कि मानसिक चिकित्सालयों को अमावस्या और पूर्णिमा पर विशेष सतर्कता बरतने के स्थाई निर्देश हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय शास्त्रों में समय की गणना सूक्ष्मतम स्तर तक की गई है। सनातन संस्कृति में सूर्योदय से सूर्योदय तक की गणना का विधान है। इस प्राचीन गणना में 30 मुहूर्त हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति में विभिन्न सिद्धांतों पर विचार-विमर्श के लिए कोई बंधन या दंड नहीं है, जबकि कालगणना पर वैचारिक मतभेद के कारण मृत्युदंड देने का उद्धरण पश्चिम के इतिहास में मिलता है। पंचांग भारतीय कालगणना की शुद्धता और सटीकता का हैं जीवंत उदाहरण मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खगोलीय अध्ययन के लिए सूर्य से बनने वाली छाया के आधार पर सूर्य की गति की गणना की गई। उन्होंने बताया कि भारत का केन्द्र उज्जैन है और उज्जैन का केन्द्र वर्तमान में डोंगला में स्थित है। डोंगला का प्रसंग भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा से जुड़ता है। संभवत: डोंगला के इस महत्व से ही भगवान श्रीकृष्ण का आगमन हुआ था। पंचांग भारतीय कालगणना की शुद्धता और सटीकता का जीवंत उदाहरण हैं। पंचांग के विद्वान चंद्रग्रहण, सूर्यग्रहण, तिथि, नक्षत्र, वार, व्रत, त्यौहार और मुहूर्तों की जानकारी वर्तमान में भी त्वरित रूप से उपलब्ध कराते हैं। प्रदेशवासियों द्वारा दिया गया अधिकार और लोगों का भरोसा ही हमारी सरकार का आधार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास के द्वार पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी स्थापित की गई है। मुख्यमंत्री निवास केवल मुख्यमंत्री का नहीं, अपितु सभी प्रदेशवासियों की धरोहर है। प्रदेशवासियों द्वारा दिया गया अधिकार और लोगों का भरोसा ही हमारी सरकार का आधार है। भारतीय संस्कृति के अतीत के गौरवशाली पृष्ठों का प्रकटीकरण हमारा दायित्व है। इसी का परिणाम है कि हमारी कालगणना का केन्द्र उज्जैन है, परंतु कालगणना की पद्धति की जानकारी प्रदेश की राजधानी में हो, इसके लिए प्रयास करते हुए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की स्थापना भोपाल में की गई। भारतीय कालगणना की पद्धति की जानकारी का वैश्विक रूप से भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैदिक घड़ी के ऐप के माध्यम से हम अपने मोबाइल में वैदिक घड़ी का संचालन कर सकते हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा और संस्कृति विभाग के इस आयोजन में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि हम आजादी के अमृतकाल में चल रहे हैं। पूरी दुनिया का समय बदल रहा है, पश्चिम के बाद अब पूर्व का समय आया है। प्रधानमंत्री मोदी विश्व में भारत का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए हैं प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दृष्टिकोण को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। उन्हीं के प्रयासों से वर्ष 2014 में दुनिया के अंदर यूनेस्को के माध्यम से योग को पुनर्स्थापित किया गया। भारत का ज्ञान, कौशल और विशेषता केवल भारत के लिए नहीं है, यह समूची मानवता के लिए है। भारत का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए इस भाव से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम निरंतर सक्रिय और अग्रसर हैं। सुशासन के उच्चतम मापदंडों के आधार पर वर्तमान व्यवस्थाओं का हो रहा है संचालन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सुशासन के आधार पर ही विक्रमादित्य काल वर्तमान समय तक याद किया जाता है। सुशासन के इन्हीं उच्चतम मापदंडों के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्तमान में व्यवस्थाओं का संचालन हो रहा है। उनके प्रत्येक निर्णय से देश … Read more