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सिस्टम बंद, अधिकारी खुश: हरियाणा में अब बड़े बदलाव आने वाले हैं

हरियाणा  हरियाणा सरकार ने राज्य के विभिन्न नगर निगमों, नगर परिषदों तथा नगर पालिकाओं में तैनात खजाना एवं लेखा विभाग तथा स्थानीय लेखा विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी प्रकार की भौतिक फाइल प्रक्रिया को बंद करें और बिल प्रक्रिया और अनुमोदन से सम्बन्धित सभी कार्य केवल हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स (एचईडब्ल्यूपी पोर्टल के माध्यम से ही किए जाएं। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का दायित्व भी है, ने इस सम्बन्ध में एक पत्र जारी किया है। पत्र के अनुसार, सरकार ने पाया है कि फाइलों का भौतिक रूप से आदान-प्रदान न केवल विलंब का कारण बनता है बल्कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से सुशासन स्थापित करने के उद्देश्य को भी बाधित करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के विभिन्न नगर निगमों, नगर परिषदों तथा नगर पालिकाओं में तैनात खजाना एवं लेखा विभाग तथा स्थानीय लेखा विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अब किसी भी प्रकार की भौतिक फाइल प्रक्रिया को बंद करें और सभी बिल संबंधी कार्यवाही, अनुमोदन तथा कार्यों की निगरानी केवल एचईडब्ल्यूपी पोर्टल के माध्यम से ही की जाए। पत्र में कहा गया है कि इन निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।  

गुरु का बन रहा है दुर्लभ योग, दीवाली से पहले इन राशि वालों की चमकेगी किस्मत

वैदिक ज्योतिष अनुसार ग्रह समय- समय पर गोचर करके शुभ और राजयोग का निर्माण करते हैं। जिसका असर मानव जीवन और पृथ्वी पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि 12 साल बाद देवताओं के गुरु बृहस्पति अक्टूबर में अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करने जा रहे हैं, जिससे हंस महापुरुष राजयोग बनने जा रहा हैं। यह 12 साल बाद बनेगा। जिससे कुछ राशियों के अच्छे दिन शुरू होसकते हैं। साथ ही इन राशियों की आय़ में जबरदस्त वृद्धि और नौकरी में प्रमोशन के योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं… वृश्चिक राशि (Scorpio Zodiac) हंस महापुरुष राजयोग बनने से वृश्चिक राशि के लोगों के अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं। क्योंकि यह गुरु ग्रह आपकी राशि भाग्य भाव पर बनेगा। इसलिए इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिल सकता है। साथ ही इस दौरान आपकी रूचि धर्म-कर्म के कार्यों में रहेगी। आपकी बौद्धिक और आध्यात्मिक क्षमता इस समय चरम पर होगी और आप अपने जीवन के उद्देश्य को समझने में सफल होंगे। वहीं  इस दौरान आपकी यात्राएं फायदेमंद रहेंगी, खासकर अगर आप विदेश से जुड़े काम करते हैं। नौकरी में तरक्की या नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हो सकती है। पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को विदेश में पढ़ाई का मौका मिल सकता है। तुला राशि (Libra Zodiac) आप लोगों के लिए हंस राजयोग का बनना लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। क्योंकि गुरु बृहस्पति आपकी गोचर कुंडली के कर्म भाव पर संचऱण करेंगे। इसलिए इस समय आपको प्रमोशन, नई जिम्मेदारियां या सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि मिल सकती है। इस दौरान आपकी नेतृत्व क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति बढ़ेगी, जिससे सहकर्मी और वरिष्ठ आपकी प्रशंसा करेंगे। साथ ही नई नौकरी का ऑफर या प्रमोशन मिल सकता है। यात्राएं फायदेमंद होंगी और बिजनेस में मुनाफा बढ़ेगा। आप अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहेंगे। पैसे की स्थिति अच्छी रहेगी और शादीशुदा जिंदगी में प्यार बढ़ेगा। वहीं इस दौरान आपके पिता के साथ संबंध मजबूत रहेंगे। कन्या राशि (Virgo Zodiac) आप लोगों के लिए हंस राजयोग का बनना अनुकूल सिद्ध हो सकता है। क्योंकि यह राजयोग आपकी राशि से 11वें स्थान पर बनने जा रहा है। इसलिए इस अवधि में आपकी आय अच्छी वृद्धि हो सकती है। साथ ही इस समय आपको निवेश से लाभ के योग बन रहे हैं। वहीं इस अवधि में आपकी फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी हो जाएगी। इंवेस्टमेंट से आपको लाभ होगा। साथ ही  अगर आप बैंकिंग, मार्केटिंग या मीडिया जैसे क्षेत्रों में हैं तो आपकी बातचीत से डील्स पक्की होंगी। वहीं इस समय आपको स्टॉक मार्केट, सट्टा और लॉटरी में लाभ हो सकता है।

हफ्ते में एक दिन ट्रैफिक शांत, बिहार ने Sundays को बनाया ‘हॉर्न फ्री’

पटना  बिहार में ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने और शहरवासियों को शांत वातावरण मुहैया कराने के लिए परिवहन विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसके तहत अब से प्रत्येक रविवार को राज्य में हॉर्न फ्री दिन के रूप में मनाया जाएगा। परिवहन विभाग ने ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए लिया फैसला परिवहन विभाग ने वाहन चालकों और नागरिकों से अपील की गई कि वे रविवार को अनावश्यक हॉर्न न बजाए और यातायात नियमों का पालन करें। इस नियम का शिद्दत से पालन कराने के लिए कहा गया है। आम लोगों से इसका पालन करने की अपील की गई है। विभाग के स्तर से जारी आदेश के अनुसार, अत्यधिक हॉर्न बजाने से ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है, जो लोगों को मानसिक अशांति के साथ नींद में खलल, तनाव, उच्च रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न करता है। इस अभियान का उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना, अनावश्यक हॉर्न बजाने की आदत को खत्म करना, शहर में शांत और स्वस्थय वातावरण के साथ सुरक्षित यातायात संस्कृति को स्थापित करना है। 

सस्ते में शानदार: लावा का नया 5G फोन, बड़ा स्क्रीन और पावरफुल बैटरी केवल ₹6749

नई दिल्ली भारतीय देसी ब्रैंड लावा ने एक नया स्‍मार्टफोन Lava Bold N1 5G लॉन्‍च किया है। ऑफर्स के साथ इस फोन को सिर्फ 6749 रुपये में खरीदा जा सकता है। नए लावा फोन में 4 जीबी रैम दी गई है। फोन में 5 हजार एमएएच की बैटरी है। यह फोन बड़े डिस्‍प्‍ले के साथ आता है और यूनिसॉक का प्रोसेसर इसमें दिया गया है। कंपनी का कहना है कि लावा का नया स्‍मार्टफोन देश के सभी 5जी नेटवर्क के साथ काम करेगा और यूजर्स को सुपरफास्‍ट इंटरनेट कनेक्‍ट‍िविटी मिलेगी। कंपनी का कहना है कि इस फोन के साथ 30एफपीएस पर 4K वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सकेगी। Lava Bold N1 5G के भारत में प्राइस Lava Bold N1 5G स्‍मार्टफोन को शैंपेन गोल्‍ड, रॉयल ब्‍लू कलर्स में लाया गया है। इसकी सेल, एमेजॉन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल में अर्ली डील्‍स के दौरान होगी। फोन के 4GB + 64GB मॉडल के दाम 7499 रुपये हैं। इसमें 750 रुपये का बैंक डिस्‍काउंट लगा दिया जाए तो कीमत 6749 रुपये हो जाती है। यह डिस्‍काउंट एमेजॉन सेल का हिस्‍सा होगा। इसी तरह से 4GB + 128GB मॉडल जिसकी कीमत 7999 रुपये है, उसे डिस्‍काउंट के बाद 7249 रुपये में ल‍िया जा सकेगा। Lava Bold N1 5G के फीचर्स , स्‍पेसिफ‍िकेशंस Lava Bold N1 5G में 6.75 इंच का एचडी प्‍लस नॉच डिस्‍प्‍ले दिया गया है। डिस्‍प्‍ले में 90Hz का रिफ्रेश रेट मिल जाता है। परफॉर्मेंस की बात करें तो फोन में UNISOC T765 ऑक्‍टा कोर चिपसेट है। उसके साथ 4 जीबी रैम मिलती है और अधिकतम स्‍टोरेज 128 जीबी दिया गया है। Lava Bold N1 5G में 13 मेगापिक्‍सल का एआई डुअल कैमरा दिया गया है। इसकी मदद से 4K रिकॉर्डिंग 30fps पर की जा सकती है। फोन में सेल्‍फी के लिए 5 मेगापिक्‍सल का फ्रंट कैमरा मिल जाता है। कंपनी ने एसडी कार्ड लगाने का स्‍लॉट भी इसमें दिया है, जिसकी मदद से स्‍टोरेज को 1 टीबी तक एक्‍सपेंड क‍िया जा सकता है। Lava Bold N1 5G में बैटरी और ओएस Lava Bold N1 5G में 5 हजार एमएएच की बैटरी दी गई है। यह टाइप-सी पोर्ट के साथ आती है और 18 वॉट की फास्‍ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। नया लावा फोन लेटेस्‍ट एंड्रॉयड 15 पर चलता है और इसमें लगने वाले दोनों सिम 5जी नेटवर्क को सपोर्ट करते हैं। इसके अलावा Wi-Fi, ब्‍लूटूथ 4.2, ओटीजी सपोर्ट दिया गया है। Lava Bold N1 5G को आईपी54 रेटिंग मिली है, जो इस फोन को धूल और पानी से सुरक्षा दे सकती है। फोन में साइड फ‍िंगरप्रिंट सेंसर और फेस अनलॉक की सुविधा भी दी गई है। कंपनी फ्री होम सर्विस के साथ 1 साल की वॉरंटी फोन पर दे रही है। साथ में 2 एंड्रॉयड अपग्रेड और 3 साल के सिक्‍योरिटी अपडेट्स दिए जा रहे हैं।

रोज सुबह सिर्फ 5 मिनट, पेट हो जाए पतला और हेल्थ में बढ़ेगा सुधार—Gym की जरूरत नहीं

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण मोटापे की समस्‍या तेजी से बढ़ रही है। वजन कम करने के लिए सुबह की आदतों में बदलाव करना जरूरी है। इससे आपका द‍िन भी अच्‍छा जाएगा और वजन कम करना भी आसान हो जाएगा। आपको ज‍िम जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। लाइफस्‍टाइल डेस्‍क‍, नई द‍िल्‍ली। आजकल की भागदौड़ भरी ज‍िंदगी में लाेग खराब खानपान और अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल को फॉलो कर रहे हैं। अल्‍ट्रा प्रॉसेस्‍ड फूड को तवज्‍जो दे रहे हैं। ये आसानी से बनकर तैयार भी हो जाता है, साथ ही स्‍वाद से भी भरपूर होता है। लेक‍िन ये हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाता है। इससे मोटापा तो बढ़ ही रहा है, साथ ही डायब‍िटीज और द‍िल की बीमार‍ियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। मोटापे की बात करें तो ज‍ितनी तेजी से वजन बढ़ता है, इसे कम करना उतना ही मुश्किल होता है। हालांक‍ि, वजन कम करने के ल‍िए लोग ज‍िम जाकर घंटों पसीना बहाते हैं। साथ ही कई तरह की डाइट भी फॉलो करते हैं। इसके लि‍ए आपको ज्‍यादा पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं। लेक‍िन सुबह की आदतों में अगर थोड़ा बदलाव कर ल‍िया जाए तो वजन कम करना आसान हो जाता है। आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको सुबह‍ की कुछ अच्‍छी आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं, ज‍िसे अपनाने पर मेटाबॉल‍िज्‍म तो बूस्‍ट होगा ही, वजन भी तेजी से कम होगा। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से – सुबह जल्‍दी उठें अगर आपको अपना वजन तेजी से कम करना है तो सुबह जल्‍दी उठना होगा। इससे आपको एक्सरसाइज करने और हेल्दी नाश्ता करने का पूरा समय म‍िलेगा। रात को जल्‍दी सोएंगे और सुबह जल्‍दी उठेंगे तो इससे आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है। गुनगुना पानी प‍िएं सुबह उठकर सबसे पहले एक गिलास गुनगुना पानी पि‍एं। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्‍ट होता है। फैट बर्निंग प्रोसेस भी तेज होता है। आप चाहें तो नींबू-पानी, जीरा पानी या अदरक-शहद वाला पानी भी पी सकते हैं। इससे डाइजेशन बेहतर होता है। मेटाबॉलिज्म तेज होता है और पेट की सूजन भी कम होती है। वजन कम करने के ल‍िए एक्‍सरसाइज करना बहुत जरूरी है। सुबह के समय योग या कार्डियो एक्सरसाइज करेंगे तो इससे तेजी से कैलोरी बर्न होती है। साथ ही मसल्‍स भी स्‍ट्रॉन्‍ग बनते हैं। इसे आपको न‍ियम‍ित रूप से करना है। हेल्‍दी नाश्‍ता करें आपको हमेशा पोषण से भरपूर नाश्‍ता करना चाह‍िए। अगर आप नाश्‍ता स्‍क‍िप कर देते हैं तो इससे मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। इस कारण वजन कम करना मुश्क‍िल हो जाता है। प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट से भरपूर नाश्ता मेटाबॉलिज्म को बूस्‍ट करता है। साथ ही ये ओवरईट‍िंग से भी बचाता है। अच्छी नींद लें अगर आप अच्‍छी नींद लेते हैं और स्‍ट्रेस नहीं लेते हें तो इससे भी वजन कम करना आसान हो जाता है। दरअसल, नींद न लेने से और तनाव में रहने से हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है। इससे फैट जमने लगते हैं। रोजाना आठ घंटे की अच्‍छी नींद लेना जरूरी है।  

राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे का दर्जा मिला पटना-पूर्णिया मार्ग को, प्रशासन ने साझा की जानकारी

पटना बिहार की सबसे महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में से एक पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे को केंद्र सरकार ने औपचारिक रूप से राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे का दर्जा प्रदान कर दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा अधिसूचना जारी कर इस एक्सप्रेसवे को नेशनल एक्सप्रेसवे-9 (NE-9) घोषित किया गया है। यह बिहार का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा जो पूरी तरह से राज्य की सीमाओं के भीतर निर्मित होगा। मंत्री नितिन नवीन ने दिया केंद्र को धन्यवाद पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 'पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे का राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे-9 के रूप में अधिसूचित होना बिहार के लिए गर्व का क्षण है। इस परियोजना की घोषणा के बाद से कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और राज्य सरकार इसे समय पर पूरा करने के लिए केंद्र सरकार को हर आवश्यक सहयोग प्रदान कर रही है तथा आगे भी करती रहेगी।' बिहार को मिला नया एक्सप्रेस वे बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना के मुताबिक 'यह परियोजना राज्य की सड़क संरचना को नई दिशा देगी। इसके शुरू हो जाने से पटना से पूर्णिया की यात्रा केवल 3 घंटे में पूरी होगी और सीमांचल क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे का दर्जा मिलना निस्संदेह बिहार के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।' अब पटना से पूर्णिया जाइए फुर्र से आपको बता दें कि 250 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे एनएच-22 के मीरनगर अरेजी (हाजीपुर) से शुरू होकर नरहरपुर, हरलोचनपुर, बाजिदपुर, सरौंजा, रसना, परोरा और फतेहपुर से गुजरते हुए पूर्णिया जिले के हंसदाह में एनएच-27 (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर) से जुड़ेगा ।परियोजना में 21 बड़े पुल, 140 छोटे पुल, 11 रेलवे ओवरब्रिज, 21 इंटरचेंज और 322 अंडरपास शामिल होंगे।साथ ही समस्तीपुर, सहरसा और मधेपुरा जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए अलग से संपर्क मार्ग भी बनाया जाएगा। आगे बताया बताया गया कि परियोजना के लिए 6 जिलों के 29 प्रखंडों के 250 से अधिक गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। भूमि अधिग्रहण पूरा होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

जानें पितृपक्ष की शुरुआत से पहले किन वस्तुओं को हटाना है जरूरी

पितृपक्ष हिंदू धर्म का एक पवित्र काल होता है, जो पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए समर्पित है। यह 16 दिनों का विशेष समय होता है, जिसमें श्राद्ध, तर्पण और दान-धर्म के माध्यम से पितरों को संतुष्ट किया जाता है। पितृपक्ष आने से पहले घर की सफाई, व्यवस्था और कुछ खास वस्तुओं को घर से बाहर निकालना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा न करने पर मान्यता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा बनी रह सकती है और अशुभ प्रभावों से मनुष्य प्रभावित हो सकता है। इस आर्टिकल में जानेंगे पितृपक्ष आने से पहले किन पांच वस्तुओं को घर से बाहर निकालना चाहिए ताकि शुभ कार्य हो और घर में खुशहाली बनी रहे। टूटी-फूटी वस्तुएं और बर्बाद चीजें टूटी-फूटी चीजें जैसे टूटा हुआ बर्तन, फटा कपड़ा, टूटा हुआ इलेक्ट्रॉनिक सामान या खराब हो चुका कोई भी सामान घर में अशुभ माना जाता है। पितृपक्ष से पहले इन्हें साफ-सुथरे तरीके से बाहर निकाल देना चाहिए। ये वस्तुएं घर की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करती हैं और अशुभ प्रभाव पैदा कर सकती हैं। टूट-फूट का प्रतीक जीवन में बाधा और नकारात्मकता को दर्शाता है। सूखे फूल और मुरझाए हुए पौधे घर में लगे मुरझाए हुए पौधे या सूखे फूल भी पितृपक्ष में अशुभ माने जाते हैं। ये न केवल घर की ऊर्जा को खराब करते हैं बल्कि पूर्वजों की आत्मा के प्रति उचित सम्मान नहीं माना जाता। इसलिए पितृपक्ष आने से पहले इन सूखे और मुरझाए हुए पौधों को हटा देना चाहिए। अधूरी या टूटी हुई पूजा सामग्री पूजा में उपयोग होने वाली अधूरी या टूटी हुई सामग्री जैसे टूटी हुई दीपक, अधूरा धूपबत्ती पैक, फटा हुआ थाली सेट आदि को भी बाहर निकालना चाहिए। अधूरी या टूटी पूजा सामग्री घर की शुद्धि में बाधा डालती है और पूजा का प्रभाव कम हो जाता है। बासी भोजन या खराब खाना पितृपक्ष में घर के किसी भी हिस्से में बासी या खराब भोजन रखना अशुभ माना जाता है। यह पूर्वजों के प्रति सम्मान का अभाव दर्शाता है। बासी या खराब भोजन से न केवल घर में बदबू और कीट-पतंगे बढ़ते हैं बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अधूरा काम या असंपन्न वस्तुएं पितृपक्ष के पहले किसी भी अधूरे काम को पूरा कर लेना चाहिए। अधूरा काम घर में मानसिक तनाव और अशांति लाता है। साथ ही असंपन्न वस्तुएं जैसे आधे अधूरे कपड़े, अधूरा निर्माण कार्य या अधूरा सामान भी घर में नकारात्मकता पैदा करता है।

हिमाचल आपदा रिपोर्ट: बादल फटना और बारिश से 3787 करोड़ का नुकसान, तापमान 1.5°C बढ़ा

शिमला हिमाचल प्रदेश मे भारी बारिश के चलते इस बार भी भीषण तबाही हुई है और इस तबाही की गवाही आंकड़े दे रहे हैं. तबाही के लिए अलग-अलग कारण गिनवाए जा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण मानवीय चूक माना जा रहा है. जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग का असर साफ तौर पर हिमाचल में देखा जा रहा है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार अब तक के तापमान के अध्ययन से पता चला है कि बीते 100 सालों में हिमाचल प्रदेश में तापमान में औसतन 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ौतरी हुई है. इसी का परिणाम है कि हिमाचल में लगातार प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं में बढ़ौतरी हुई है. साल 2023 की त्रासदी के जख्म अभी तक भरे नहीं हैं और 2025 में लगातार जख्म पर जख्म मिल रहे हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में इस मॉनसून सीजन में 20 जून से 5 सितंबर की सुबह 10 बजे तक 355 लोगों की मौत हो चुकी है  और 49 लोग लापता हैं. इसी तरह 416 घायल हुए हैं. आपदा में 5194 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. साथ ही 1945 मवेशियों की मौत और 25 हजार 755 पोल्ट्री वर्ड्स की भी जान गई है. आपदा से अब तक प्रदेश को 3787 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. बीते 2 सालों में हुए नुकसान की बात करें तो आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में आई भीषण आपदा में हिमाचल में 509 लोगों मौत हुई थी और 12 हजार 034 घरों को नुकसान हुआ था, जिनमें  2944 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए थे. 2023 में 528 घायल हुए थे और 38 लोग लापता हो गए थे. हिमाचल को  9 हजार 712 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ था.  वर्ष 2024 में हिमाचल में आई आपदा में 174 लोगों की जान गई थी, 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे और 31 लोग लापता हुए थे. प्रदेश में 1613 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. आठ साल में कितनी बार बादल फटे इस वर्ष जुलाई माह से पहले राज्य आपदा प्रबंधन की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में साल 2018 से लेकर जुलाई 2025 बादल फटने की 148 घटनाएं हो चुकी हैं. इसके अचानक बाढ़ आने की 294 और भूस्खलन की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है. इस बार 20 जून से अब तक 45 बार बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. वहीं, 105 बड़े भूस्खलन, 91 फ्लैश फ्लड आए हैं. फ्लैश और लैंडस्लाइड में 161 लोगों की मौत और 154 लोगों की सड़क हादसों में जान गई है. मौसम में आए इस बदलाव को लेकर टीम ने शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र में कार्यरत मौसम विज्ञानी संदीप शर्मा से बात की. प्रदेश में इस वक्त हो रही लगातार बारिश को लेकर संदीप शर्मा ने बताया कि 8 सितंबर तक मॉनसून थोड़ा कमजोर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष इतनी ज्यादा बारिश होने का कारण यही है कि मॉनसून पूरा समय सक्रिय रहा है. संदीप शर्मा ने कहा कि इस वर्ष जून माह में सामान्य से 34 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जुलाई में सामान्य बारिश हुई है जबकि अगस्त में रिकार्ड 68 प्रतिशत अधिकत बारिश हुई है. बीते 100 सालों में 9वीं बार सबसे अधिक हुई बारिश संदीप सिहं बताते हैं कि 1901 से लेकर अब तक के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अगस्त महीने में हुई बारिश बीते 100 सालों में 9वीं बार सबसे अधिक हुई बारिशों में से एक है. इससे पहले 1948 में अगस्त में हिमाचल में 456.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी औऱ इस वर्ष 431 मिलीमीटर बारिश हुई है. संदीप शर्मा ने बताया कि तापमान में अप्रत्याशित बढ़ौतरी हुई है, पिछले 100 सालों में हिमाचल में तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ौतरी हुई है. उन्होंने कहा कि जलवायु में लगातार हो रहे परिवर्तन के लिए बहुत से कारण जिम्मेदार हैं, अब पर्यावरण और पारिस्थितिकी को ध्यान में रख कर हर कार्य करने की जरूरत है.

IGRS रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के जिलों का जलवा, बलरामपुर और श्रावस्ती टॉप पर

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में जनसुनवाई, जन कल्याणकारी योजनाओं और राजस्व कार्यों की निगरानी के लिए एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) की अगस्त की रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में बलरामपुर और श्रावस्ती ने संयुक्त रूप से पहला स्थान हासिल किया, दोनों जिलों ने 140 में से 137 अंक प्राप्त किए। शाहजहांपुर 134 अंकों के साथ दूसरे और हमीरपुर 132 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। यह रैंकिंग प्रशासनिक दक्षता और शिकायत निवारण में इन जिलों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को दर्शाती है। बलरामपुर के जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुसार, जिले में विकास परियोजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने के लिए साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं। जन शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाता है और संतुष्टिपूर्ण फीडबैक के बाद ही मामले को बंद माना जाता है। इस दृष्टिकोण ने बलरामपुर को IGRS रैंकिंग में शीर्ष स्थान दिलाया। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता रहेगी। टॉप-10 सूची में कौन-कौन जिला श्रावस्ती के जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि IGRS रिपोर्ट प्रशासनिक दक्षता, विकास कार्यों और राजस्व प्रबंधन के आधार पर जिलों का मूल्यांकन करती है। श्रावस्ती ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्यों के दम पर यह स्थान हासिल किया। जिला पिछले कई महीनों से IGRS और सीएम डैशबोर्ड की टॉप-5 सूची में बना हुआ है। टॉप-10 में पीलीभीत (चौथा), सोनभद्र (पांचवां), बरेली, अमेठी, हाथरस, औरैया और चंदौली भी शामिल हैं। कैसे तय होती है जिलों की रैंकिंग IGRS प्रणाली के तहत हर महीने 49 विभागों के 109 कार्यक्रमों की समीक्षा विभिन्न मानकों पर की जाती है, जिसके आधार पर जिलों की रैंकिंग तय होती है। यह प्रक्रिया प्रशासनिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है। बलरामपुर और श्रावस्ती की इस उपलब्धि ने अन्य जिलों के लिए एक मिसाल कायम की है। योगी सरकार की यह पहल जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण और विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

पीडीएस में हितग्राहियों की समीक्षा, मोहन सरकार ने बड़ी जमीन वालों को चेताया

भोपाल मध्य प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत 5.32 करोड़ हितग्राही हैं। इसमें 71 लाख किसान भी शामिल हैं। किस किसान के पास कितनी भूमि है, इसका पता लगाने के लिए राजस्व विभाग के डेटा से मिलान कराया जा रहा है। इसके आधार पर राज्य सरकार निर्णय लेगी कि किसे पीडीएस प्रणाली में रखना है और किसे नहीं। बड़े क्षेत्र वाले किसान पीडीएस की सूची से बाहर किए जा सकते हैं। भारत सरकार ने प्रदेश को 75 लाख पीडीएस के हितग्राहियों की सूची भेजी है। इसमें वे हितग्राही भी हैं, जिनकी वार्षिक आय छह लाख से अधिक है, कंपनी में संचालक हैं या फिर जीएसटी के दायरे में आते हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि वाले किसानों को भी शामिल किया है। यद्यपि, इनके बारे में कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं, लेकिन राज्यों से कहा गया है कि वे अपने स्तर से नीति निर्धारित कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि राजस्व विभाग के डेटा से यह जानकारी निकाली जा रही है कि किस किसान के पास कितनी भूमि है। ऐसे किसान, जिनके पास पांच एकड़ से अधिक भूमि है, उनके संबंध में आगे चलकर निर्णय लिया जा सकता है। 16 हजार नाम सरकार ने पहले ही हटा दिए उधर, जिलों में कराई जांच के बाद अपात्र हितग्राहियों के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। छह लाख से अधिक वार्षिक आय वाले 1.57 हितग्राही चिन्हित किए गए थे। इनमें से 16 हजार के नाम सरकार पहले ही हटा चुकी है और भारत सरकार के निर्देश के बाद अब तक 1,909 नाम हटाए गए हैं। इसी तरह कंपनी में संचालक होने के बाद निश्शुल्क मिलने वाला राशन लेने वाले 18 हजार हितग्राहियों में 1,100 के नाम पहले हटाए गए हैं और अब 106 को सूची से बाहर किया है। जीएसटी देने वाले 1,381 हितग्राहियों में से 139 और 1.51 डुप्लीकेट श्रेणी के हितग्राहियों में से 20 हजार के नाम हटा दिए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी जिलों में अपात्रों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है और जैसे-जैसे यह काम पूरा होता जा रहा है, वैसे-वैसे नाम काटे जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इसके पहले ई-केवाईसी कराकर लगभग 20 लाख अपात्रों के नाम सूची से हटाए जा चुके हैं।