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आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निजी अस्पतालों में उपचार : मरीजों को लगातार मिल रही है निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ

  रायपुर आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पंजीकृत निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान कार्डधारक मरीजों का उपचार लगातार किया जा रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 1,600–1,700 दावे प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिनकी राशि प्रतिदिन 4 करोड़ रुपये से अधिक है। वित्तीय वर्ष 2025–26 में राज्य सरकार द्वारा अब तक रु. 375 करोड़ जारी किए जा चुके हैं। इस राशि से जुलाई 2025 तक के लगभग रु. 280 करोड़ के दावे भुगतान कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार से रु. 130 करोड़ इस सप्ताह प्राप्त होने की संभावना है, जिससे निरंतर अस्पतालों के दावे भी भुगतान किये जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग लगातार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के साथ परामर्श कर रहा है और सभी पंजीकृत अस्पताल लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कोई भी गरीब अथवा कमजोर वर्ग का परिवार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत नि:शुल्क उपचार से वंचित न हो, यह सुनिश्चित किया गया है। सभी पैनल में शामिल अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि मान्य आयुष्मान कार्डधारकों को कैशलेस उपचार उपलब्ध कराएं और किसी भी प्रकार का शुल्क न लें। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक योजना के नियमों का उल्लंघन करने वाले 118 अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें 24 अस्पतालों का डी-एम्पैनलमेंट तथा 11 अस्पतालों का निलंबन शामिल है। भविष्य में भी नियमों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है कि इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे और उन्हें गुणवत्तापूर्ण उपचार बिना किसी आर्थिक बोझ के प्राप्त हो। योजना के बेहतर क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार शीघ्र ही एक स्टेकहोल्डर्स कार्यशाला आयोजित करने जा रही है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों के साथ योजनागत मुद्दों और उनके समाधान पर चर्चा की जाएगी। डा. सुरेंद्र शुक्ला, चेयरमैन, हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया छत्तीसगढ़ ने बताया कि विभागीय मंत्री की पहल पर 375 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने आज यह भी जानकारी दी कि इसके अतिरिक्त 130 करोड़ रुपये केंद्र से आबंटित किए जा चुके हैं, जो इस सप्ताह प्राप्त हो जाएंगे। इस प्रकार लगभग 505 करोड़ रुपये निजी अस्पतालों के लंबित बकाया भुगतान हेतु उपलब्ध हो जाएंगे। राज्य एवं जिला शाखाओं के प्रतिनिधियों ने मरीजों के हित में लिए गए इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब शासन द्वारा बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जा चुका है, तो ऐसी स्थिति में मरीजों का निःशुल्क इलाज किसी भी परिस्थिति में बंद नहीं किया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना का लाभ हर पात्र परिवार तक पहुँचे और कोई भी नागरिक आर्थिक तंगी के कारण इलाज से वंचित न रहे, इसके लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। पारदर्शी भुगतान व्यवस्था, सख्त निगरानी और निरंतर सुधार के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश में निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सभी नागरिकों को उपलब्ध हो।

पीएम मोदी ने उत्तराखंड के लिए घोषित किया 1200 करोड़ का पैकेज, अनाथ बच्चों के कल्याण पर जोर

देहरादून  हिमाचल,पंजाब और उत्तराखंड पर इस बार का मॉनसून का कहर बनकर टूटा। हिमाचल में भूस्खलन, बाढ़ की तबाही ने वो मंजर दिखाया जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। उत्तराखंड में बादल फटने, दरकते पहाड़ों ने लोगों को जिंदगी तहस-नहस कर दी तो वहीं पंजाब में कई गांवों को बाढ़ ने डुबो दिया। हिमाचल, पंजाब के बाद आज पीएम मोदी उत्तराखंड पहुंचे थे। पीएम ने मौसम की मार झेले लोगों से मुलाकात की और प्रदेश के लिए 1200 करोड़ के आर्थिक मदद की घोषणा की। हिमाचल को 1600, पंजाब को 1500 करोड़ की मदद पीएम पहले ही देने की बात कह चुके हैं। पीएम ने इसके अलावा अनाथ बच्चों का विशेष ख्याल रखने की बात कही है। उत्तराखंड के दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने आज खराब मौसम की वजह से हवाई सर्वे नहीं किया, हालांकि उन्होंने मॉनसूनी तबाही से पीड़ित लोगों से जरूर बात की। इसके अलावा उन्होंने प्रजेंटेशन के जरिए बाढ़ से हुए नुकसान की भी समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ सीएम पुष्कर सिंह धामी और बाकी मंत्री,अधिकारी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने प्रदेश को आपदा राहत के लिए 1200 करेाड़ रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। मोदी ने आपदा में अपनों को खोने वाले परिवारजनों को केंद्र सरकार की तरफ से दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का वादा किया है। अनाथ हुए बच्चों के विशेष ख्याल के लिए पीएम केयर फॉर चिल्ड्रंस स्कीम के तहत सहारा दिया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार से हर मुमकिन सहयोग का आश्वासन भी दिया। पीएम ने इस दौरान धराली की त्रासदी झेल रहे पीड़ितों से भी बात की। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बैठक में मौजूद थे। इसके अलावा, पीएम मोदी ने उत्तराखंड में बचाव और राहत कार्यों का जायजा लेते हुए बाढ़ प्रभावित लोगों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों के साथ भी बातचीत की। इससे पहले पीएम मोदी को रिसीव करने के लिए खुद प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी पहुंचे थे। देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर सीएम ने उनका स्वागत किया जिसके बाद वह आगे के कार्यक्रम के लिए निकले।  

मौसम विभाग की चेतावनी: 40 किमी/घंटे की रफ्तार से चलेंगी तेज हवाएं, मूसलाधार बारिश की संभावना

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर करवट ली है। जहां एक ओर लोग सितंबर में राहत की उम्मीद कर रहे थे, वहीं अब मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। खासतौर पर पूर्वी यूपी के 11 जिलों में मूसलधार बारिश की चेतावनी दी गई है। इस दौरान बिजली गिरने, जलभराव और सामान्य जनजीवन प्रभावित होने की आशंका जताई गई है। इसके साथ ही 40 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी संभवाना जताई गई है। 11, 12 और 15 सितंबर को भारी बारिश का अलर्ट भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में 11 और 12 सितंबर को झमाझम बारिश होने की संभावना है। 15, 16 और 17 सितंबर को भी फिर से भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जिससे एक बार फिर इन इलाकों में जलभराव और आवाजाही में दिक्कतें आ सकती हैं। पश्चिमी यूपी में राहत, लेकिन उमस बरकरार वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश की तीव्रता उतनी नहीं होगी। यहां सिर्फ हल्की बौछारें पड़ने का अनुमान है। लेकिन बारिश की कमी के बावजूद उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान करती रहेगी। 13-14 सितंबर: थोड़ी राहत, फिर बढ़ेगी बारिश 13 और 14 सितंबर को पूरे प्रदेश में मौसम थोड़ा शांत रहेगा। इन दो दिनों में हल्की या मध्यम बारिश होने के आसार हैं, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है। लेकिन यह राहत ज्यादा दिनों तक टिकने वाली नहीं है, क्योंकि 15 सितंबर से फिर से पूर्वी यूपी में मूसलधार बारिश लौटने वाली है।   स्कूलों और आमजन के लिए चेतावनी भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए कई जिलों में स्कूल बंद करने जैसे निर्णय लिए जा सकते हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम में यात्रा से बचें, जलभराव वाले इलाकों में न जाएं और मौसम अपडेट पर नजर रखें। इस बार देरी से होगी मानसून की विदाई आमतौर पर 15 से 20 सितंबर के बीच मानसून प्रदेश से विदा लेने लगता है, लेकिन इस बार मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रक्रिया में देरी हो सकती है। अनुमान है कि सितंबर के अंत तक रुक-रुक कर बारिश जारी रह सकती है।  

किस वजह से उठी पंजाब विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग? पूरी जानकारी

लुधियाना दाखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक मनप्रीत अयाली ने पंजाब में बाढ़ से पैदा हुए हालातों के मद्देनजर पंजाब विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को पत्र लिखकर अपील की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि बाढ़ के कारण पंजाब में गंभीर स्थिति पैदा हो गई है, इसलिए तुरंत विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाया जाना चाहिए। अयाली ने कहा कि राज्य में आई बाढ़ से जान-माल और कृषि को भारी नुकसान हुआ है और हजारों परिवार गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। यह स्थिति तुरंत विशेष ध्यान की मांग करती है ताकि नुकसान की पूरी जांच की जा सके। इस आपदा के मुख्य कारणों पर गंभीरता से विचार किया जा सके और तुरंत एक विस्तृत राहत एवं पुनर्वास योजना तैयार की जा सके। वहीं बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक ठोस नीति बनाई जा सके। 

छतरपुर के चार परिवार नेपाल से सकुशल लौटने निकले, पीएम मोदी से मदद की थी अपील

छतरपुर नेपाल में भड़की हिंसा में छतरपुर के जो चार परिवार फंस गए थे, वह दूसरे दिन गुरुवार को छतरपुर के लिए निकल पड़े हैं। नेपाल में भड़कती हिंसा और आगजनी को देख सभी लोगों ने चार गाड़ियां की और उनसे निकल पड़े हैं। नेपाल से निकलते समय छतरपुर के चार परिवारों में शामिल निर्देश अग्रवाल ने वीडियो भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि नेपाल में हालात खराब हैं और हम सभी हिम्मत जुटाकर अपनी गाड़ियों से भारत के लिए निकल पड़े हैं। पीएम मोदी से लगाई थी मदद की गुहार वह भारत नेपाल की सीमा से करीब आठ किमी दूर थे, तब उन्होंने वीडियो जारी किया और नेपाल से लौटने की जानकारी दी। इन परिवारों ने नेपाल में फंसे होने के दौरान पीएम मोदी से मदद की गुहार की गुहार लगाई थी और वीडियो जारी कर मदद मांगी थी। इसे लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी जल्द फंसे लोगों को भारत लाने की बात कही थी।   चार परिवार में कुल 14 लोग शामिल आपको बता दें कि नेपाल में भड़की हिंसा में छतरपुर कोतवाली इलाके के गल्ला मंडी ने रहने वाले व्यापारी राजीव कुमार, पप्पू मातेले पुत्र स्व.सुक्कू मातेले, निर्देश अग्रवाल, गुड्डू अग्रवाल पुत्र जयनारायण अग्रवाल एक कुशवाहा परिवार भी इसी ग्रुप के साथ शामिल हैं, जो नेपाला के काठमांडू में फंस गए थे। इन चार परिवारों में करीब 14 लोग शामिल हैं जिनमें बच्चे भी हैं।

खरगे ने कांग्रेस नेताओं को चेताया, फौरन बाहर करें निष्क्रिय सदस्य

अहमदाबाद  गुजरात कांग्रेस के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा, और अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे लेकर सख्त रुख अपना लिया है। जूनागढ़ में जिला अध्यक्षों के एक प्रशिक्षण शिविर में बोलते हुए खरगे ने साफ कहा – अगर पार्टी में कुछ लोग काम नहीं कर रहे, जिम्मेदारी से भाग रहे हैं या सिर्फ बहाने बना रहे हैं, तो उन्हें तत्काल बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। खरगे ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, "अगर समय रहते खराब आम नहीं हटाए गए, तो पूरी टोकरी सड़ जाएगी।" क्या है पूरा मामला? एक आंतरिक रिपोर्ट में सामने आया है कि गुजरात कांग्रेस की 41 में से 19 ज़िला/शहर इकाइयों का प्रदर्शन बेहद कमजोर है। ये रिपोर्ट पार्टी द्वारा बीते तीन महीनों में किए गए राजनीतिक कार्यक्रमों और निर्देशों के अनुपालन के आधार पर तैयार की गई है। 9 यूनिट्स को अव्वल, 11 को औसत, और 19 को सुधार की ज़रूरत वाली कैटेगरी में रखा गया है। यही आंकड़े देखकर खरगे ने पार्टी में "साफ-सफाई" की बात कही। खरगे का दो टूक संदेश जो नेता काम नहीं करना चाहते, उन्हें अब हटाना ही पड़ेगा। वरना वे किसी और खेमे में चले जाएंगे और पार्टी को नुकसान पहुंचाएंगे। उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस को अब अनुशासन, विचारधारा से निष्ठा, और बूथ लेवल पर मजबूत नेटवर्किंग की ज़रूरत है। उपस्थित‍ि पर भी जताई नाराज़गी खरगे ने यह भी कहा कि जिस तरह शिविर के पहले दिन 100% लोग थे, फिर दूसरे दिन 90% और तीसरे दिन 80% हो गए, यह लापरवाही पार्टी की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े करती है। बता दें कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, और गुजरात में कांग्रेस का हाल पहले से ही कमजोर रहा है। ऐसे में शीर्ष नेतृत्व अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। खरगे का यह रुख संकेत है कि कांग्रेस अंदर से बदलाव के मूड में है – और सिर्फ पद लेने वालों को नहीं, बल्कि काम करने वालों को तरजीह मिलेगी।  

झारखंड पुलिस की कार्रवाई से डकैती का प्रयास नाकाम, 4 आरोपी गिरफ्तार

मेदिनीनगर  झारखंड के पलामू जिले में डकैती के प्रयास में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान छतरपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के निवासी रंजन ओरांव (19), मंजीत कुमार (22), विकेश कुमार (19) और छोटू कुमार (22) के रूप में की गई। मेदिनीनगर पुलिस अधीक्षक (एसपी) आर. रमेशन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘पुलिस ने उनके पास से एक पिस्टल, एक रिवाल्वर, दो कारतूस, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, एक वाहन और चार वॉकी-टॉकी बरामद किए हैं।'' पुलिस ने बताया, ‘‘वे कथित तौर पर छतरपुर थाना क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान पर डकैती की साजिश रच रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और उन्हें पकड़ लिया।''  

योगी सरकार का विजन : आत्मनिर्भर भारत का मजबूत आधार बनेंगे यूपी में निवेश और डिफेंस इंडस्ट्रीज़ सेक्टर

 यूपी में अबतक 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 15 लाख करोड़ धरातल पर  निवेश से 60 लाख युवाओं को नौकरी, लाखों परिवारों को मिला स्वरोजगार  हरदोई-कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क की स्थापना  यूपी बना देश का सबसे बड़ा एमएसएमई हब, 96 लाख इकाइयां सक्रिय  डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अबतक 28 हजार करोड़ से अधिक का निवेश  लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण शुरू, प्रदेश को डिफेंस इंडस्ट्री सेक्टर में मिल रही नई पहचान लखनऊ, उत्तर प्रदेश अगले 22 वर्षों में एक नए औद्योगिक और सामरिक अवतार में ढलने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन 'विकसित यूपी @2047' के अंतर्गत प्रदेश को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें निवेश और रक्षा उद्योग दो ऐसे स्तंभ हैं, जो न केवल प्रदेश की समृद्धि बल्कि पूरे देश की आत्मनिर्भरता का आधार बनेंगे। 2017 से पहले की स्थिति 2017 से पहले उत्तर प्रदेश निवेश और उद्योग के क्षेत्र में पिछड़े राज्यों में गिना जाता था। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की स्थिति बेहद सीमित थी और रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी लगभग नगण्य थी। न तो निवेशकों को सुरक्षित वातावरण मिलता था और न ही पर्याप्त नीति समर्थन। निवेश की धार : बदलती तस्वीर बीते साढ़े आठ साल में यूपी ने निवेश के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। प्रदेश को अब तक 45 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक को धरातल पर उतारा जा चुका है। इसके परिणामस्वरूप 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार और लाखों परिवारों को स्वरोजगार मिला है। फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान ही 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों का क्रियान्वयन शुरू हुआ। यूपी ने उद्यमियों के लिए 33 सेक्टरल नीतियां लागू कीं और ‘निवेश मित्र’ जैसे डिजिटल प्लेटफार्म को शुरू किया, जो देश का सबसे कुशल सिंगल विंडो पोर्टल बन चुका है। प्रदेश में टेक्सटाइल, लेदर, प्लास्टिक, परफ्यूम, केमिकल और फार्मा पार्क तेजी से विकसित हो रहे हैं। हरदोई-कानपुर में लेदर क्लस्टर, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क और कन्नौज में परफ्यूम पार्क प्रदेश को उद्योग का नया हब बना रहे हैं। आज यूपी देश का सबसे बड़ा एमएसएमई केंद्र है, जहां 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं। रक्षा की दीवार : आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ने यूपी को सामरिक मजबूती का केंद्र बना दिया है। आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट में स्थापित छह नोड्स पर तेजी से काम हो रहा है। यूपी में अब तक 170 से अधिक एमओयू साइन हुए हैं, जिनसे 28 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश और 4600 से अधिक रोजगार का वादा है। इनमें अदाणी, एआर पॉलिमर, वैरिविन डिफेंस, एमिटेक इंडस्ट्रीज़ और ब्रह्मोस जैसी नामचीन डिफेंस सेक्टर की कंपनियां कार्य शुरू कर चुकी हैं। जैसे, कानपुर में बुलेटप्रूफ जैकेट और आधुनिक सैन्य सामग्री का उत्पादन हो रहा है। अलीगढ़ में स्मॉल आर्म्स और राडार तकनीक पर काम चल रहा है। सबसे बड़ी उपलब्धि है, लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन, जो प्रदेश को वैश्विक स्तर पर रक्षा उत्पादन का हब बनाएगा। मिशन 2047 : लक्ष्य और रणनीति सरकार ने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू से समझौता किया है। यह संस्थान रक्षा निवेशकों को अनुसंधान एवं विकास, स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन और नई तकनीक उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट विजन है कि यूपी को मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट और एफडीआई में देश में प्रथम स्थान दिलाना है। 2047 तक यूपी में फॉर्च्यून ग्लोबल 500 की कम से कम 5 कंपनियां मुख्यालय स्थापित करें, इसके लिए रणनीतिक स्तंभ तय किए गए हैं, इनमें एयरोस्पेस, डिफेंस प्रोडक्शन, अपैरल, ईवी और सेमीकंडक्टर सेक्टर को सबसे अधिक वरीयता दी जा रही है। 6 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की राह फिलहाल यूपी की जीएसडीपी करीब 353 बिलियन डॉलर है। लक्ष्य है कि 2030 तक इसे वन ट्रिलियन डॉलर, 2036 तक दो ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक छह ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचना है। इसके लिए प्रदेश को 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। इसमें निवेश और रक्षा उद्योग दोनों प्रमुख आधार स्तंभ होंगे।

फिल्में रुकीं, रैंकिंग गिरी, लेकिन खुश हूं: सामंथा ने तोड़ी चुप्पी

मुंबई  साउथ की सुपरस्टार एक्ट्रेस सामंथा रूथ प्रभु, ऑटोइम्यूम बीमारी मायोसाइटिस से जूझ रही हैं. धीरे-धीरे वो रिकवर हो रही हैं. बॉडी में एक्सरसाइज और डायट से स्ट्रेन्थ ला रही हैं. हाल ही में सामंथा, एक इवेंट अटेंड करने के लिए दिल्ली आईं. उन्होंने करियर और लाइफ के प्रति जो उनका आउटलुक बदला है, इसपर बात की.  सामंथा की बदली जिंदगी सामंथा ने बताया कि वो फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा जरूर हैं, लेकिन किसी रैट रेस का हिस्सा नहीं हैं. टॉप फिल्में भले ही कितना भी कलेक्शन कर लें, एक्ट्रेस को इससे कोई मतलब नहीं है. साथ ही न वो कोई प्रेशर महसूस करती हैं. सामंथा ने कहा- मैं जो पहले इंसान थी, वो अगर आज होती तो शायद मैं चाहती कि मेरी एक साल में पांच फिल्में तो रिलीज हों. क्योंकि यही एक सक्सेसफुल एक्टर का काम करने का रैवेया होता है.  "आपके पास पांच फिल्में साल की होनी चाहिए. उनमें से एक तो ब्लॉकबस्टर देनी ही होगी. तब जाकर आप खुद को टॉप 10 एक्टर्स की लिस्ट में ला सकते हो. इसके साथ ही टॉप ब्रैंड्स को एंडॉर्स आपको करना होगा. लेकिन मेरे लिए अब ये सबकुछ मायने नहीं रखता है. मेरी पिछले दो साल में एक भी फिल्म रिलीज नहीं हुई है. मैं टॉप 10 एक्टर्स की लिस्ट में आने को लेकर बिल्कुल भी इच्छुक नहीं हूं. मेरे पास कोई 1000 करोड़ कमाने वाली फिल्म भी नहीं है. पर मैं इन सबके बावजूद बहुत खुश हूं. इतनी कि शायद आज से पहले कभी खुशी महसूस नहीं की है." एक्ट्रेस ने क्या किए जिंदगी में बदलाव? "मैं जब पुराने वाली सामंथा को देखती हूं तो डर जाती हूं. मैं इतनी नाजुक थी. हर फ्राइडे तो चीजें बदलती हैं. जिससे मुझे घबराहट होती थी. मेरी पोजीशन शायद कल मेरी न रहे. मैं शायद रिप्लेस हो जाऊं. मेरी पूरी सेल्फ वर्थ फ्राइडे पर निर्भर करती थी. पर मैंने अपनी लाइफ में कुछ छोटा-छोटे बदलाव किए हैं. मैंने अपनी एक डायरी रखी है, जिसमें मैं हर ग्रेटफुल चीज के बारे में लिखती हूं जो रोजमर्रा में होती है." "मैं जानती हूं कि मेरे कई फॉलोअर्स मुझे ग्लैमरस लाइफ के लिए फॉलो करते हैं. उन फिल्मों के लिए फॉलो करते हैं जो मैं करती हूं. पर मेरे पॉडकास्ट के जरिए कुछ लोग हेल्थ को लेकर भी जानकारी लेते हैं. क्या पता, एक दिन उनके वो काम आ जाए. उन्हें पता हो कि उन्हें आखिर जाना कहां है. मैंने जो जर्नल रखा है, उसने मेरी लाइफ को काफी बदला है. मेरी पर्सनैलिटी बदली है. मैं घबराती थी कि सक्सेसफुल हो गई तो इसको हैंडल कैसे करूंगी. पर मैंने अपने फेलियर से सीखा है. एक साल बाद मेरे एटीट्यूड में बदलाव आया है."

शंकराचार्य की भविष्यवाणी का सच: नेपाल की घटनाओं ने जताया भारत के लिए संदेश

नई दिल्ली  नेपाल में चल रहे राजनीतिक संकट और हिंसक प्रदर्शनों के बीच, 2018 में जगद्गुरु शंकराचार्य की एक भविष्यवाणी अचानक चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने कहा था,  “विश्व में स्वस्थ क्रांति की संरचना नेपाल से प्रारंभ होगी।”  आज, नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता और युवाओं के आंदोलनों को देखते हुए, यह भविष्यवाणी प्रासंगिक प्रतीत हो रही है। नेपाल में युवाओं का लोकतंत्र के प्रति समर्थन और नई राजनीतिक व्यवस्था की मांग, शंकराचार्य की भविष्यवाणी की ओर इशारा करती है। यदि नेपाल में एक स्वस्थ और समावेशी राजनीतिक क्रांति होती है, तो यह न केवल नेपाल, बल्कि समूचे दक्षिण एशिया के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत होगा।    क्या थी भविष्यवाणी ? 2018 में, शंकराचार्य ने नेपाल की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को रेखांकित करते हुए यह भविष्यवाणी की थी। उनका मानना था कि नेपाल, जो भगवान पशुपतिनाथ की भूमि है, में एक नई राजनीतिक और सामाजिक क्रांति की संभावना है। उनका यह भी कहना था कि भारत को नेपाल से प्रेरणा लेकर अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।   नेपाल में वर्तमान राजनीतिक स्थिति हाल के वर्षों में, नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है। 2025 में, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, देश में हिंसक प्रदर्शनों और युवाओं के आंदोलनों में वृद्धि हुई है। प्रदर्शनकारी नए संविधान की मांग कर रहे हैं और प्रतिनिधि सभा को भंग करने की अपील कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों ने नेपाल की राजनीतिक परिपाटी को चुनौती दी है और यह संकेत दिया है कि नेपाल में एक नई राजनीतिक क्रांति की शुरुआत हो सकती है। भारत-नेपाल संबंध नेपाल और भारत के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिसे "रोटी-बेटी का रिश्ता" कहा जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में सीमा विवाद, नागरिकता कानून और चीन के बढ़ते प्रभाव के कारण रिश्तों में तनाव आया है। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट किया है कि नेपाल को अपनी आंतरिक समस्याओं को हल करने के लिए स्वतंत्रता की आवश्यकता है, और भारत को नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचना चाहिए।