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नशामुक्ति केंद्रों में अब होगी सख्त जांच! सामाजिक न्याय मंत्री कुशवाहा ने दिए निर्देश

सामाजिक न्याय मंत्री कुशवाहा ने नशामुक्ति केंद्रों की जाँच के दिये निर्देश राज्य स्तरीय कार्यक्रम कर दिव्यांगों की प्रतिभा को मंच देने के निर्देश भोपाल सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने प्रदेश में संचालित समस्त शासकीय नशा मुक्ति केंद्रों के निरीक्षण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित कर केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण कराया जाए। उन्होंने यह निर्देश शुक्रवार को मंत्रालय में विभागीय समीक्षा बैठक में दिये। इसके साथ ही दिव्यांगों के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर मेडिकल बोर्ड के शिविर आयोजित करने के निर्देश भी दिए। मंत्री कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "विकसित भारत का मंत्र-भारत हो नशे से स्वतंत्र" देशव्यापी कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में नशा मुक्ति के क्षेत्र में प्रभावी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। नशा मुक्त समाज के लिए सामाजिक भागीदारी के साथ-साथ विभाग द्वारा जो कार्यक्रम और योजनाएं संचालित की जा रही है, उनका प्रभावी क्रियान्वयन मैदानी स्तर पर किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे से पीड़ित लोगों के लिए प्रदेश में 13 नशा मुक्ति-सह-पुनर्वास केन्द्र, सात आउट रिच एंड ड्रॉप इन सेंटर, तीन कम्युनिटी बेस्ड पियर-लेड इन्टरवेशन सेंटर तथा 8 जिला मुख्यालय पर डीडीआरसी संचालित किए जा रहे हैं। इन सभी संस्थानों के सुव्यवस्थित संचालन की नियमित समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के लिए चलाए जा रहे "सुगम भारत अभियान" की भी नियमित समीक्षा की जाए। मंत्री कुशवाहा ने कहा कि दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग द्वारा राज्य स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिसमें प्रदेश भर के दिव्यांगजन जो गायन, वादन, नृत्य, अभिनय और खेलकूद में रुचि रखते हैं, उनको प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त हो सके। इसके लिए विभाग कार्यक्रम की रूपरेखा बनाकर प्रस्तुत करे। प्रमुख सचिव श्रीमती सोनाली वायंगणकर ने बताया कि प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत सामाजिक संगठन, शैक्षणिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लगातार जन-जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गांधी जयंती 2 अक्टूबर को विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन भी कराया जाएगा। शैक्षणिक संस्थानों में युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव से बचने के लिए छात्रावास स्तर पर नशा मुक्ति समितियों का गठन किया गया है। इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। बैठक में प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण श्रीमती सोनाली वायंगणकर सहित अन्य विभाग की अधिकारी उपस्थित थे।

भोजपुर-रोहतास के बीच सफर होगा और आसान, आरा-सासाराम रूट पर शुरू हुई डबल रेल लाइन

रोहतास  डेढ़ दशक से लंबित आरा-सासाराम रेललाइन के दोहरीकरण का रास्ता अब साफ हो गया है. रेल मंत्रालय ने पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार में 12 परियोजनाओं के फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) को मंजूरी दे दी है. इसमें 97 किलोमीटर लंबी आरा-सासाराम रेललाइन का दोहरीकरण शामिल है, इसमें लिए लगभग 232.8 लाख रुपये की लागत का सर्वे किया जाएगा. साथ ही इस रेलखंड को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) से जोड़ने की योजना को भी मंजूरी मिल गई है.  इस दोहरीकरण से सासाराम-आरा मार्ग पर ट्रेनों का संचालन बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा. फिलहाल यह लाइन सिंगल ट्रैक पर चल रही है जिसके कारण ट्रेनों को विपरीत दिशा से आने पर स्टेशन पर रुकना पड़ता है. इससे यात्रियों का समय बर्बाद होता है और ट्रेनों की आवाजाही भी धीमी हो जाती है. दोहरीकरण के बाद ट्रेनें समय पर चलेंगी और मार्ग पर ट्रेनों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी.  डबल होगा रेलवे लाइन रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना भोजपुर और रोहतास जिलों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी. आरा-सासाराम मार्ग दोनों जिलों के व्यापार और यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है. दोहरीकरण के पूरा होने से मालगाड़ियों की आवाजाही भी सुगम होगी, जिससे स्थानीय व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा.  12 परियोजनाओं को हरी झंडी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि बिहार में रेल अवसंरचना को मजबूत करने के लिए कुल 1051 लाख रुपये से अधिक की लागत वाली 12 परियोजनाओं के फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दी गई है. आरा-सासाराम रेलखंड का दोहरीकरण इनमें प्रमुख परियोजना है. 2009 में आरा तक हुआ था विस्तार सासाराम-आरा ब्रॉड गेज रेललाइन का निर्माण चरणबद्ध ढंग से हुआ. 2007 में सबसे पहले सासाराम से बिक्रमगंज तक ट्रेन सेवा शुरू हुई. इसके एक साल बाद 2008 में इसे पीरो तक बढ़ाया गया और 2009 में आरा तक रेललाइन पूरी तरह चालू हुई. तब से यह रेलखंड सिंगल ट्रैक पर ही संचालित हो रहा है. फाइनल लोकेशन सर्वे के दौरान मार्ग का सटीक निर्धारण, भू-तकनीकी अध्ययन, मिट्टी और क्षेत्र की संरचना की जांच, लागत का अनुमान और नक्शों की तैयारी की जाती है. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि निर्माण सुरक्षित और स्थायी हो.  व्यापारिक गतिविधि होगी तेज रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि दोहरीकरण के पूरा होने से न केवल यात्रियों को तेज और सुरक्षित यात्रा का लाभ मिलेगा, बल्कि डीएफसी से जुड़ने के बाद मालगाड़ियों की आवाजाही भी आसान होगी. इस परियोजना से भोजपुर और रोहतास जिलों के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी मजबूती मिलेगी. 

एग्रीस्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल में होगा किसानों का पंजीकरण

पंजीकृत किसानों से होगी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक आयोजित रायपुर खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग की नीति निर्धारण से संबंधित निर्णय लेने हेतु गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक आज मंत्रालय महानदी भवन में संपन्न हुई। बैठक में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी तथा राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा उपस्थित थे। बैठक में आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में पंजीकृत किसानों से भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने के लिए समुचित एवं पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। खरीफ वर्ष 2025-26 में किसानों का पंजीकरण एग्रीस्टेक पोर्टल के साथ-साथ एकीकृत किसान पोर्टल में किया जाएगा। किसान पंजीकरण का कार्य निर्धारित समय-सीमा में संपन्न करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि किसानों को उनके द्वारा समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान का भुगतान समय पर प्राप्त हो, इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएँ। धान उपार्जन के लिए आवश्यक नये एवं पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था समयानुसार सुनिश्चित करने की जानकारी दी गई। धान की रिसाइक्लिंग रोकने हेतु प्रभावी प्रबंध करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान की रोकथाम के लिए विशेष जाँच दल गठित करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार, उपार्जित धान की मिलिंग हेतु आवश्यक तैयारियाँ करने पर भी बल दिया गया। इस अवसर पर बैठक में सचिव खाद्य विभाग श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, सचिव वित्त विभाग श्री मुकेश बंसल, सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग श्री रजत कुमार, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ श्रीमती किरण कौशल, संयुक्त सचिव कृषि विभाग श्री राहुल देव तथा प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक श्री के. एन. कांडे उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्यों की समीक्षा की

विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर:गांव-गांव तक योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के निर्देश रायपुर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने आज मंत्रालय महानदी भवन में राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्यों की समीक्षा की। बैठक में बस्तर, सुकमा, दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा, उत्तर बस्तर कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और गरियाबंद जिलों में हितग्राही मूलक कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा की गई। प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने नक्सल प्रभावित जिलों में मनरेगा, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना, जनधन खाता, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, आधार कार्ड सहित अन्य हितग्राही मूलक कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों में लगभग 99 प्रतिशत से अधिक लोगों का आधार पंजीकरण पूरा कर लिया गया है। इसी प्रकार लगभग 28 लाख 18 हजार 616 किसानों का प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत पंजीकरण कर उन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 26 लाख 21 हजार 491 हितग्राहियों के बैंक खाते खोले गए हैं। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 35 लाख 66 हजार 409 हितग्राहियों को गंभीर बीमारियों के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ग्रामीण इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर स्थापित किए जा रहे हैं। क्षेत्र में लोगों को अधिक से अधिक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न बैंकों और डाकघरों की शाखाएं खोली जा रही हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सभी पात्र हितग्राहियों को नियमित रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए राशन कार्ड बनाए गए हैं। बैठक में प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने निर्देशित किया कि क्षेत्र के सभी पात्र मनरेगा हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु उनका जॉब कार्ड अवश्य प्रदान किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत सभी आवासों का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए तथा सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत शेष हितग्राहियों का शीघ्र सर्वे कर उन्हें लाभान्वित किया जाए। आत्मसमर्पित नक्सलियों को कौशल विकास योजना के तहत क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाए। प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की भवन-विहीन शालाओं के भवन शीघ्र निर्मित किए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय एक ही परिसर में हों। वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, वित्त विभाग के सचिव श्री मुकेश बंसल, शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, उच्च शिक्षा, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, श्रम विभाग के सचिव श्री हिमशिखर गुप्ता, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव डॉ. रवि मित्तल, आयुक्त बस्तर संभाग तथा पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सहित बस्तर, सुकमा, दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा, उत्तर बस्तर कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और गरियाबंद जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक शामिल थे।

स्टारलिंक को लेबनान में लाइसेंस, अब देशभर में चलेगा हाई-स्पीड इंटरनेट

लेबनान  लेबनान ने संकटग्रस्त देश में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए एलन मस्क की स्टारलिंक को लाइसेंस जारी किया है। सूचना मंत्री पॉल मोरकोस ने बृहस्पतिवार रात मंत्रिमंडल बैठक के बाद यह घोषणा की। मोरकोस ने कहा कि स्टारलिंक मस्क की एक अन्य कंपनी स्पेसएक्स की ओर से संचालित उपग्रहों के माध्यम से पूरे लेबनान में इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराएगी। मस्क ने तीन महीने पहले लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन से फोन पर बात की थी और देश के दूरसंचार तथा इंटरनेट क्षेत्रों में काम करने की दिलचस्पी जताई थी। मंत्रिमंडल बैठक के दौरान सरकार ने देश के बिजली और दूरसंचार क्षेत्रों के लिए नियामक प्राधिकरणों की स्थापना की घोषणा की। लेबनान में भ्रष्टाचार से ग्रस्त ऊर्जा क्षेत्र के लिए नियामक प्राधिकरण की स्थापना करना अंतरराष्ट्रीय संगठनों की एक प्रमुख मांग रही है। बिजली क्षेत्र के लिए नियामक प्राधिकरण की नियुक्ति लगभग 20 वर्ष पहले हो जानी चाहिए थी, लेकिन देश की प्राधिकृत संस्थाओं द्वारा बार‑-बार विलंब किया जाता रहा। इस कदम को लेबनान के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा जा रहा है, जो इस छोटे भूमध्यसागरीय देश में हर साल एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की बर्बादी करता है। सरकार द्वारा संचालित इलेक्ट्रिसिटी दु लिबान (ईडीएल) को लेबनान की सबसे अपव्ययी संस्थाओं में से एक माना जाता है, जो राजनीतिक हस्तक्षेप से भी बुरी तरह प्रभावित है। वर्ष 1975 से 1990 तक चले गृह युद्ध की समाप्ति के बाद से यह सरकारी खजाने को लगभग 40 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचा चुकी है।  

डोनाल्ड ट्रंप की जानकारी में गिरफ्तारी: चार्ली किर्क को गोली मारने वाला आरोपी अब कानून के हाथों

वाशिंगटन  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को बताया है कि अमेरिका के दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चार्ली किर्क का संदिग्ध हत्यारा पकड़ा गया है। ट्रंप ने कहा है कि बड़े पैमाने पर चलाए गए तलाशी अभियान के बाद हत्या के संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। फॉक्स न्यूज को दिए एक लाइव स्टूडियो इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी कहा है कि संदिग्ध के किसी करीबी ने ही उसे पकड़वाया है। ट्रंप ने बताया, "ट्रंप ने बताया, “मुझे पूरा यकीन है कि वह हमारी हिरासत में है। उसके किसी बेहद करीबी ने ही उसे पकड़वाया है।” गौरतलब है कि बीते बुधवार को ट्रंप के करीबी सहयोगी और रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली किर्क की अमेरिका के यूटा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। किर्क यूटा वैली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गोलीबारी से ठीक पहले चार्ली किर्क एक दर्शक द्वारा भीड़ पर गोलीबारी करने और हिंसा के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। तभी हमलावर ने परिसर की एक छत से गोली चला दी। फरार हो गया था हमलवार इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि गोली चलने से मची भगदड़ के बीच हमलवार फरार हो गया था। इसके बाद फेडरल, राज्य और स्थानीय अधिकारी हमलावर की तलाश में जुटे थे। जांच एजेंसी FBI ने बताया था कि जिस इलाके से किर्क पर हमले का संदिग्ध भागा था, वहां से एक अत्याधुनिक राइफल बरामद की गई है। अधिकारियों को अभी तक हत्या के मकसद का भी पता नहीं चल पाया है। हालांकि अब डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद इससे पर्दा उठ सकता है। चार्ली किर्क की मौत पर क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति? इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने 31 वर्षीय चार्ली किर्क की मौत पर दुख जताया था। उन्होंने किर्क की प्रशंसा करते हुए उन्हें महान व्यक्ति भी कहा था। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा था, ‘‘चार्ली से बेहतर अमेरिका के युवाओं को कोई नहीं समझता था और न ही उनसे दिल से जुड़ पाता था।’’ वहीं यूटा के गवर्नर स्पेंसर कॉक्स ने इस घटना को राजनीतिक हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे राज्य के लिए एक काला और देश के लिए एक दुखद दिन है। मैं इसे स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक हत्या ही कहूंगा।’’  

उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग को मिला FSAI का सर्वोच्च सम्मान

महाकुंभ-2025 में उत्कृष्ट कार्यों की गूंज देश से विदेश तक पहुंची FSAI ने एडीजी पद्मजा चौहान के नेतृत्व में कार्यरत टीम को ब्रेवरी एवं सुपर हीरो ऑफ फायर सर्विसेज अवार्ड से नवाजा नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान मिला सर्वोच्च पुरस्कार सीएम योगी के मार्गदर्शन में विभाग ने आयोजन के दौरान गंभीर से गंभीर अग्निकांड पर त्वरित नियंत्रण किया पूरे 45 दिन में शून्य जनहानि का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया गया लखनऊ नई दिल्ली के द्वारका स्थित यशोभूमि कन्वेंशन हॉल में FSAI (Fire and Security Association of India) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में महाकुंभ-2025 के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग को "ब्रेवरी एवं सुपर हीरो ऑफ फायर सर्विसेज अवार्ड" से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान (IPS) के नेतृत्व में टीम को प्रदान किया गया। महाकुंभ-2025 की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुरुआत से ही “सुरक्षित महाकुंभ” का संकल्प लिया था। उनकी दूरदृष्टि और निरंतर निगरानी के चलते न सिर्फ फायर एवं इमरजेंसी सर्विसेज को अत्याधुनिक तकनीक और उपकरण उपलब्ध कराए गए, बल्कि बड़े स्तर पर संसाधनों और जनशक्ति की भी तैनाती की गई। यही कारण रहा कि इतने विशाल आयोजन में आगजनी की किसी भी घटना से जनहानि नहीं हुई और महाकुंभ का समापन सुरक्षित एवं सफलतापूर्वक हुआ। शून्य जनहानि का लक्ष्य हासिल एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में विभाग ने गंभीर से गंभीर अग्निकांड पर भी त्वरित काबू पाया और पूरे 45 दिन के आयोजन में शून्य जनहानि का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया। इस दौरान 185 अग्निकांड और 24 बड़ी आग की घटनाओं पर काबू पाते हुए लगभग 16.5 करोड़ रुपये की संपत्ति को सुरक्षित बचाया गया। टीम के अधिकारी भी हुए सम्मानित सम्मान पाने वालों में प्रमुख रूप से प्रमोद शर्मा (नोडल ऑफिसर महाकुंभ मेला), अंकुश मित्तल (सीएफओ), रमेश तिवारी (सीएफओ), संजीव कुमार (फायर ऑफिसर) और अमित कुमार (सेकंड फायर ऑफिसर) शामिल रहे। प्रमोद शर्मा ने बताया कि फायर डिपार्टमेंट ने आयोजन से पहले जो युद्धस्तर की तैयारियां की थीं, ये उसी का नतीजा है कि आयोजन के दौरान हमारी टीम ने दिन रात अग्निजनित घटनाओं का पूरी बहादुरी से सामना किया और शून्य जनहानि का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया अत्याधुनिक उपकरणों और तैनाती का असर उन्होंने बताया कि महाकुंभ-2025 में 25 सेक्टरों में 54 फायर स्टेशन और 27 चौकियां स्थापित की गईं। 1500 प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मियों की तैनाती की गई। 351 फायर टेंडर और आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर, क्विक रिस्पॉन्स व्हीकल, ATV, फायर मिस्ट बाइक, रोबोट और फायर फाइटिंग बोट जैसी तकनीक का उपयोग किया गया। इन व्यवस्थाओं की वजह से बिना जनहानि के सभी घटनाओं को नियंत्रित किया जा सका। गोवा सीएम ने भी किया था सम्मानित महाकुंभ से पूर्व, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने भी एडीजी पद्मजा चौहान और नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा को सम्मानित किया था तथा यूपी फायर सर्विसेज की तैयारियों की सराहना की थी। सुरक्षित महाकुंभ का संकल्प हुआ साकार महाकुंभ-2025 में 66.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन के बावजूद यूपी अग्निशमन विभाग ने योगी सरकार के सुरक्षित महाकुंभ के संकल्प को साकार किया। इस उपलब्धि की गूंज पूरे देश-विदेश तक पहुंच रही है।  

स्पाइसजेट विमान का पहिया अचानक गिरा, मुंबई की उड़ान पर सवार 75 यात्री डरे

मुंबई गुजरात के कांडला से मुंबई जा रहे स्पाइसजेट के विमान के साथ शुक्रवार को हादसा हो गया। विमान के उड़ान भरते ही एक पहिया टूटकर नीचे जमीन पर गिर गया। फ्लाइट में 75 लोग सवार थे। हालांकि, गनीमत यह रही कि विमान मुंबई में सुरक्षित लैंड कर गया। पहिए के नीचे गिरने की जानकारी कांडला एटीसी ने दी, जिसके बाद मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी घोषित कर दी गई। शाम तकरीबन चार बजे विमान की मुंबई में सुरक्षित लैंडिंग हो गई। पहिए के जमीन पर गिरते ही पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए विमान को मुंबई के रनवे पर लैंड कराया। शाम पांच बजे तक मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी की घोषणा की गई, ताकि विमान को किसी भी तरह सुरक्षित नीचे उतारा जा सके। स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बताया, ''12 सितंबर को, कांडला से मुंबई जा रहे स्पाइसजेट Q400 विमान का एक बाहरी पहिया उड़ान भरने के बाद रनवे पर पाया गया।'' उन्होंने आगे कहा, ''विमान ने मुंबई की अपनी यात्रा जारी रखी और सुरक्षित रूप से उतर गया। सुचारू लैंडिंग के बाद, विमान टर्मिनल तक पहुंचा और सभी यात्री सामान्य रूप से उतर गए।'' वहीं, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, "कांडला एटीसी ने कुछ गिरता हुआ देखा। उड़ान के बाद, उन्होंने पायलट को इसकी जानकारी दी और एटीसी जीप को गिरी हुई चीज लाने के लिए भेजा गया।'' जब एटीसी की टीम वहां पहुंची तो मेटल के छल्ले और एक पहिया जमीन पर पाया गया। जमीन पर गिरे पहिए और एक मेटल के धातू की तस्वीर भी सामने आई है। विमान का पहिया एयरपोर्ट में हरी घास पर पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि मेटल के धातू को संभवत: एटीसी से जुड़े किसी शख्स ने हाथों से पकड़ा हुआ है। पिछले दिनों, सिंगापुर जाने वाले एअर इंडिया के एक विमान में तकनीकी समस्या आ गई थी। विमान में सवार 200 से अधिक यात्रियों को दिल्ली हवाई अड्डे पर परेशानी का सामना करना पड़ा था, जब केबिन में तापमान की समस्या के कारण पहले उन्हें विमान से नीचे उतार दिया गया और फिर करीब छह घंटे की देरी के बाद उड़ान भरी गई। बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर विमान से संचालित उड़ान संख्या एआई2380 को बुधवार रात लगभग 11 बजे दिल्ली हवाई अड्डे से उड़ान भरनी थी। एअर इंडिया ने अपने बयान में कहा था कि दिल्ली से सिंगापुर जाने वाली उड़ान संख्या एआई2380 में प्रस्थान से पहले केबिन कूलिंग संबंधी समस्या के कारण देरी हुई।  

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग का 31वाँ स्थापना दिवस

"साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार विषय पर होगा आयोजन लोकायुक्त श्री सत्येन्द्र कुमार सिंह होंगे शामिल भोपाल  मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग का 31वाँ स्थापना दिवस समारोह "साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार'' विषय पर शनिवार 13 सितम्बर को आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल में प्रात: 11 बजे होगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से न्यायमूर्ति श्री सत्येन्द्र कुमार सिंह लोकायुक्त और मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री राजीव कुमार टंडन विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में "साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार'' विषय पर विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जायेगी। मानव अधिकार आयोग की स्मारिका का विमोचन और आयोग की नवीन वेबसाइट www.hrc.mp.gov.in का लोकार्पण भी होगा। कार्यक्रम में निदेशक राजीव गाँधी साइबर लॉ सेंटर एनएलआईयू भोपाल प्रो. श्री अतुल पाण्डे, कार्यकारी निदेशक पीडब्ल्यूसी इण्डिया हैदराबाद श्री कृष्ण शास्त्री पेड्ंयाला, वरिष्ठ अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली सुश्री एन.एस. नप्पिनाई, मानव अधिकार आयोग के प्रमुख सचिव श्री मुकेश चंद गुप्ता, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, विधि संकाय के प्राध्यापक, प्रशासनिक अधिकारी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहेंगे। 

बाढ़ से पाकिस्तान में हाहाकार, राहत-बचाव के हालात भी बदतर

इस्लामाबाद  पाकिस्तान में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। देश के कई हिस्सों में बाढ़ का गंभीर संकट बना हुआ है। अब तक बारिश और इससे जुड़ी घटनाओं में 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं और राहत कार्य लगातार जारी है। पंजाब प्रांत से 20 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि सिंध प्रांत में 1.5 लाख से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। राहत एजेंसियों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है। नदियां उफान पर, गांवों में तबाही भारी बारिश के कारण सतलुज, चिनाब और रावी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके अलावा, सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में खेत और घर बर्बाद हो चुके हैं, जिससे लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पाकिस्तान की करीब 40% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीती है। ऐसे में बाढ़ की मार ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं। कई लोग अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए अब भी घरों में रुके हुए हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। रेस्क्यू के दौरान भी हादसे, 9 की मौत बचाव दल लगातार नावों के जरिए लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं। लेकिन तेज बहाव के चलते कई बार ये नावें पलट भी जाती हैं। मंगलवार को सिंधु नदी में एक नाव पलटने से 9 लोगों की मौत हो गई। कुछ दिन पहले जलालपुर पीरवाला में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें 5 लोगों की जान चली गई थी। पाकिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के मुताबिक, पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत के तौर पर कंबल, टेंट और वॉटर फिल्टर जैसी जरूरी चीजें पहुंचाई गई हैं। संयुक्त राष्ट्र ने दी ₹41.5 करोड़ की मदद पाकिस्तान की बिगड़ती हालत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने इस हफ्ते 5 मिलियन डॉलर (करीब 41.5 करोड़ रुपये) की आपातकालीन सहायता दी है। पाकिस्तान का भौगोलिक ढांचा इसे बाढ़ के लिहाज से बेहद संवेदनशील बनाता है। पिघलते ग्लेशियरों से बनी नई झीलों के फटने का भी खतरा बना हुआ है।