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भारत सरकार का रुख साफ, सऊदी अरब-पाकिस्तान समझौते पर जताई अपनी चिंता

नई दिल्ली  सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर शुक्रवार को भारत की प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी है, जो लगातार गहरी हो रही है। भारत ने उम्मीद जताई है कि रणनीतिक साझेदारी में आपसी हितों का ध्यान रखा जाएगा। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए डील के तहत यदि दोनों देशों में किसी भी एक देश पर हमला होता है तो यह अटैक दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कई ठिकानों पर बड़े हवाई हमले किए थे, जिसके बाद सऊदी और पाकिस्तान के बीच हुआ यह समझौता अहम माना जा रहा है। सऊदी अरब-पाकिस्तान समझौते पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है जो पिछले कई वर्षों में काफी गहरी हुई है। हम उम्मीद करते हैं कि इस रणनीतिक साझेदारी में आपसी हितों और संवेदनशीलताओं का ध्यान रखा जाएगा।" इससे पहले, रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत इस कदम के अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा। जायसवाल ने कहा, "सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।" पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। पाकिस्तान-सऊदी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, यह समझौता सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच लगभग आठ दशकों से चली आ रही ऐतिहासिक साझेदारी पर आधारित है और भाईचारे व इस्लामी एकजुटता के बंधनों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच साझा रणनीतिक हितों और घनिष्ठ रक्षा सहयोग पर आधारित है। दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों और साझा हितों के कई विषयों की भी समीक्षा की। शरीफ ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, क्षेत्रीय चुनौतियों की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया गया। शरीफ ने यह भी कहा कि वह सऊदी क्राउन प्रिंस के लगातार समर्थन और दोनों देशों के बीच सऊदी निवेश, व्यापार और व्यावसायिक संबंधों को बढ़ाने में उनकी गहरी रुचि की बहुत सराहना करते हैं।

‘कोहिनूर’ जैसा हीरा मध्य प्रदेश में मिला, फिर रहस्यमय तरीके से गायब!

पन्ना  मध्यप्रदेश की हीरा नगरी पन्ना से एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक हीरा खदान मालिक ने दावा किया है कि उसकी खदान से 'कोहिनूर' जैसा बेशकीमती हीरा निकला था लेकिन हीरा मिलने के बाद उसके पार्टनर की नीयत खराब हो गई। लालच में खदान के पार्टनर ने रातों रात उस बेशकीमती हीरे को गायब कर दिया है। हीरा खदान मालिक का दावा है कि जो बेशकीमती हीरा पार्टनर ने गायब किया है वो 150 कैरेट का है। इतना ही नहीं उसने एक तस्वीर भी पुलिस को दिखाई है जिसमें हाथ में 150 कैरेट का हीरा नजर आ रहा है। 'कोहिनूर' जैसा बेशकीमती हीरा मैहर के रहने वाले जयबहादुर सिंह ने पन्ना के हीरा कार्यालय व पुलिस थाने में लिखित शिकायत की है। अपनी शिकात में उन्होंने बताया है कि उनकी कृष्णा कल्याणपुर पट्टी की हीरा खदान से 150 कैरेट का हीरा निकला था। यह हीरा उनके पार्टनर दयाराम पटेल के पास मौजूद है। उन्होंने हीरा हाथ में रखकर फोटो खिंचवाई थी और एक अन्य पार्टनर को भेजी थी। लेकिन अब पार्टनर दयाराम की नीयत खराब हो गई है और उसने नायाब हीरे को रातों-रात गायब कर दिया है। इतना ही नहीं हीरा गायब करने के बाद वो खुद नई हीरा खदान का पट्टा लेने की फिराक में है। खदान संचालक जयबहादुर सिंह ने पुलिस से गुहार लगाई है कि उसे पार्टनर से वो हीरा वापस दिलाया जाए।   दावा सही तो ये 'कोहिनूर' के बाद खदान संचालक जयबहादुर ने पुलिस को बताया है कि उसने फरवरी महीने में कृष्णा कल्याणपुर पट्टी में हीरा खदान का पट्टा लिया था। इसमें दयाराम पटेल, किशोर खेड़े, नरेंद्र कुमार सेन, महेंद्र सिंह गौंड़ व प्रकाश पटेल उसके पार्टनर थे। करीब 6 महीने बाद उनकी खदान से अब तक का सबसे बड़ा हीरा निकला है, जिसे दयाराम ने गायब कर दिया है और अब वो अपने रिश्तेदार के नाम से नई खदान लेने की कोशिश कर रहा है जिससे की उस खदान से उस नायाब हीरे का निकलना बताकर उसे हीरा कार्यालय में जमा करा सके। बताया गया है कि अगर जयबहादुर के दावे में सच्चाई है और सच में 150 कैरेट का हीरा मिला है तो ये पन्ना खदान के इतिहास का सबसे बड़ा हीरा है। अगर कोहिनूर हीरे की बात करें तो करीब 800 साल पहले आंध्रप्रदेश की गोलकुंडा हीरा खदान में कोहिनूर मिला था तब उसका वजन 186 कैरेट था और तराशने के बाद वर्तमान में उसका वजन 105.6 कैरेट है।

UP के डिप्टी सीएम का वार – राहुल गांधी और सपा पर बोला करारा प्रहार

जौनपुर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को जिले के विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि जौनपुर कानून-व्यवस्था और विकास के क्षेत्र में प्रदेश में नंबर वन बने। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि सभी प्रोजेक्ट गुणवत्तापूर्ण ढंग से और समय पर पूरे किए जाएं। राहुल गांधी पर लगाए कई आरोप इसके साथ ही उन्होंने मीडिया बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सत्ता पाने के लिए राहुल गांधी तड़प रहे हैं। मतदाता सूची पर कांग्रेस की ओर से उठाए गए सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्वाचन आयोग निष्पक्षता से कार्य कर रहा है, लेकिन जब विपक्ष के लोग चुनाव जीतते हैं तो प्रशंसा करते हैं व संभावित हार को देखकर तरह-तरह के आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की ओर से लिखित में शिकायत मांगी जा रही है, लेकिन इसे देने की बजाय कांग्रेस पार्टी जनता को गुमराह कर रही है। कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए हुए उन्होंने कहा कि समाजवादियों का नारा ही था कि खाली प्लॉट हमारा है। सपा पर साधा निशाना उनके राज में बेटियां घर से निकलने तक से घबराती थीं, लेकिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में वही गुंडे-माफिया प्रदेश से पलायन कर चुके हैं। कहा कि समाजवादी पार्टी अपराधियों को पराश्रय देती है व इंडी गठब़ंधन की सच्चाई जनता समझ चुकी है।

बयान से सनसनी: किस पर भड़के इजरायली रक्षा मंत्री, धमकी में कही ये बात

गाजा  गाजा में इजरायल हमास पर कहर बरपा रहा है। स्थानीय लोग शहर छोड़कर अन्य स्थानों पर जा रहे हैं। इजरायल कई समूहों से एक साथ संघर्ष कर रहा है और किसी से भी टकराव से पीछे नहीं हट रहा। इस बीच, यमन और इजरायल के बीच तनाव भी बढ़ता जा रहा है। हूती विद्रोहियों के खिलाफ भी इजरायल कार्रवाई कर रहा है। हूती विद्रोहियों के ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में अब इजरायल बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। इजरायली रक्षा मंत्री ने दी जान से मारने की धमकी इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने हूती नेता अब्दुल-मलिक अल-हूती को जान से मारने की धमकी दी है। काट्ज ने कहा है कि जल्द ही तुम्हारा नंबर आएगा। इससे पहले 28 अगस्त को इजरायल ने यमन में हवाई हमला कर हूती सरकार के प्रधानमंत्री और कई महत्वपूर्ण सदस्यों को मार दिया था। अब इजरायल ने फिर से ऐसे हमले की धमकी दी है। दरअसल, गुरुवार को इजरायल के दक्षिणी शहर ऐलात के एक होटल पर हूती विस्फोटक ड्रोन से हमला हुआ था। इस दौरान एक बैलिस्टिक मिसाइल और दो अन्य ड्रोनों को भी रोका गया। इस हमले के बाद काट्ज ने एक्स पर लिखा कि अब्दुल-मलिक अल-हूती… तुम्हारा समय आ गया है। तुम्हें अपनी सरकार के अन्य लोगों के पास भेजा जाएगा। हूती झंडे पर लिखे नारे 'इजरायल की मौत, यहूदियों पर अभिशाप' की जगह इजरायली नीला-सफेद झंडा यमन की एकीकृत राजधानी पर लहराएगा। अब्दुल-मलिक कौन है? अब्दुल-मलिक हूती आंदोलन के संस्थापक हुसैन अल-हूती के भाई हैं। 2004 में हुसैन की मौत के बाद अब्दुल-मलिक ने संगठन की कमान संभाली। 2015 में हूतियों ने यमन की सरकार को उखाड़ फेंका और राजधानी सना सहित बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इस संघर्ष में मलिक ने एक मजबूत नेता और कमांडर के रूप में पहचान बनाई। अब्दुल-मलिक के बारे में कहा जाता है कि वह लंबे समय तक एक जगह नहीं ठहरता और बार-बार अपनी लोकेशन बदलता रहता है। वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेता। यह भी कहा जाता है कि उसके अपने लोगों को भी उसकी सटीक जानकारी नहीं होती कि वह कहां है और क्या कर रहा है। हालांकि, वह समय-समय पर वीडियो संदेश जारी करता रहता है। बढ़ रही हूतियों की लगातार ताकत बताया जाता है कि अब्दुल-मलिक के नेतृत्व में हूतियों की ताकत लगातार बढ़ी है। खासकर लाल सागर में उसने इजरायल, अमेरिका और उनके सहयोगियों को कड़ी चुनौती दी है। हूती विद्रोही अक्सर इजरायल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हैं और लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाते रहते हैं। वे आए दिन इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल हमले करते रहते हैं।  

नगर की सड़कों से विकास को मिलेगी रफ्तार

सस्टेनेबल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर विषय पर हुई कार्यशाला भोपाल  आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री संकेत भोंडवे ने कहा है कि नगरीय क्षेत्र की सड़कों से विकास को रफ्तार मिलती है और इसके लिये जरूरी है कि सड़के गुणवत्तापूर्ण हो। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों से जुड़े हुए इंजीनियरों की जवाबदारी है कि वे सड़कों के निर्माण और संधारण पर पूरा ध्यान रखें। आयुक्त श्री भोंडवे शुक्रवार को आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल में सस्टेनेबल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर विषय पर हुई कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। आयुक्त श्री भोंडवे ने कहा कि प्रदेश में करीब ढाई करोड़ की आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। शहरी क्षेत्र की सड़कों पर यातायात का दबाब काफी है। इन सड़कों पर नगरीय क्षेत्र की अन्य अधोसंरचनाओं का भी प्रभाव पड़ता है इसलिये जरूरी है कि सड़कों को बेहतर गुणवत्ता के साथ बनाया जाये। कार्यशाला में बताया गया कि नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत आगामी 5 वर्षों में 2 लाख करोड़ रूपये के काम होंगे। इसी के साथ केन्द्र सरकार की अमृत, स्वच्छ भारत मिशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना, जलप्रदाय, सीवरेज, हरित क्षेत्र विकास और यूज्ड वाटर मेनेजमेंट आदि कार्यों का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। सड़के हमारी अर्थव्यवस्था की धुरी हैं, जो नगरीय निकायों के समस्त क्षेत्रों को एक साथ जोड़ती हैं। नगरीय क्षेत्रों की सड़कों की गुणवत्ता सीधे तौर पर हमारी कार्य कुशलता को दर्शाती है। नगरीय निकायों के यंत्री अपने कार्य क्षेत्र में पूर्ण योगदान दे रहे हैं किंतु टेक्नोलॉजी में आ रहे परिवर्तन के साथ उन्हें अपनी कार्य प्रणाली में बदलाव की जरूरत है। कार्यशाला का उद्देश्य भी यही है। कार्यशाला में आईआईटी इंदौर, रूड़की, MORTH, CRRI & RODIC के विषय-विशेषज्ञों द्वारा सड़क निर्माण की नवीन प्रणाली तथा सड़कों की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने पर प्रस्‍तुतिकरण दिया गया। विषय विशेषज्ञों ने दी जानकारी कार्यशाला में सड़क निर्माण कार्य से जुड़े विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों को संबोधित किया। इनमें RODIC के श्री आरएस महालहा और श्री एचसी अरोरा ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट, टेंडर प्रोसेस, आईआईटी इंदौर, रूडकी, MORTH, CRRI के विषय विशेषज्ञों ने सड़क निर्माण की नवीन प्रणाली तथा सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यशाला में कंस्ट्रक्शन टेक्निक, क्वॉलिटी कंट्रोल, टेस्टिंग लैब की प्रक्रिया, डिजिटल प्रोजेक्ट मेनेजमेंट, रीयल टाइम मॉनिटरिंग, नगर सड़कों की सुरक्षा, सड़क निर्माण में वेस्ट मटेरियल के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रमुख अभियंता श्री प्रदीप मिश्रा ने प्रदेश की नगरीय अधोसंरचना के बारे जानकारी दी। कार्यशाला में प्रदेश के 600 यंत्रियों का क्षमतावर्धन किया गया।  

सड़क पर ही विरोध! 20 रुपये में 6 नहीं, सिर्फ 4 गोलगप्पे पर महिला ने किया हंगामा

वडोदरा  बीच सड़क बैठकर रोती हुई महिला, स्पीड कम करके महिला को बचाकर निकलते वाहन। सोशल मीडिया पर ऐसा एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो के वायरल होने की असली वजह वह कारण है जिसके लिए महिला इस तरह अपनी आवाज उठाने को मजबूर हुई। दावा किया जा रहा है कि 20 रुपये में 6 की जगह महज 4 गोलगप्पे दिए जाने से नाराज होकर महिला धरने पर बैठ गई। बताया जा रहा है कि वीडियो वडोदरा के सुरसागर झील इलाके का है। हाल ही में महिला सड़क किनारे एक गोलगप्पे वाले ठेले पर पहुंची थी। उसका आरोप था कि गोलगप्पे वाला 20 रुपये में 6 देता है लेकिन उसे केवल चार ही दिए। न्याय पाने के लिए महिला बीच सड़क धरने पर बैठ गई। महिला रोने लगी। महिला ने रोते हुए लोगों को अपना दुख बताया और कहा कि गोलगप्पे वाला दादागिरी करता है। महिला ने कहा कि वह उसका ठेला हटवाना चाहती है। ट्रैफिक बाधित होने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और किसी तरह उसे समझा-बुझाकर रास्ते से हटाया। वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग तरह-तरह के कॉमेंट कर रहे है। कुछ लोगों ने महिला के साथ सहानुभूति जताई और एक उपभोक्ता के रूप में उसके प्रदर्शन को सही बताया।  

प्रधानमंत्री मोदी के आहवान पर दुकानदारों ने शुरू किया स्वदेशी जागरण अभियान

मंत्री सारंग ने अभियान में की सहभागिता दुकानदारों ने विदेशी सामग्री के स्वदेशी विकल्प की भी लगाई सूची भोपाल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “स्वदेशी अपनाओ” के आहवान को जनआंदोलन बनाने की दिशा में नरेला विधानसभा में अनूठी पहल शुरू हुई है। शुक्रवार को वार्ड क्रमांक 58 स्थित गौतम नगर मार्केट के स्थानीय दुकानदारों के आग्रह पर सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने “स्वदेशी अभियान” में सहभागिता की। मंत्री श्री सारंग की मौजूदगी में दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर “हमारे यहां स्वदेशी सामान मिलता है” के स्टीकर लगाए साथ ही ग्राहकों को स्वदेशी सामान खरीदने के लिये प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं भी स्वदेशी सामान की खरीदारी कर यूपीआई के माध्यम से भुगतान किया। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह आहवान आत्मनिर्भर भारत की नींव को और मजबूत करने वाला है। स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर हम न केवल देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में योगदान देंगे, बल्कि स्थानीय उद्यमों और श्रमिकों को भी नई ताकत प्रदान करेंगे। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का संदेश उन्हें नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और व्यापारी उपस्थित रहे। वातावरण में उत्साह और स्वदेशी के समर्थन का जोश स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था। दुकानदारों और ग्राहकों ने एक स्वर से संकल्प लिया कि वे अब स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देंगे। उल्लेखनीय है कि नरेला विधानसभा में दुकानदारों ने विदेशी उत्पादों के स्थान पर उपलब्ध स्वदेशी विकल्पों की सूची भी प्रदर्शित की, जिससे ग्राहकों को जागरूक किया जा सके। दुकानदार स्वयं भी ग्राहकों को प्रेरित कर रहे हैं कि विदेशी उत्पादों के बजाय स्वदेशी सामान खरीदें। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- विकास से विंध्य क्षेत्र की बदलेंगे तकदीर

त्योंथर में न्यू आईटीआई सहित 400 एकड़ में बनाया जाएगा नया औद्योगिक प्रक्षेत्र त्योंथर में तमस नदी के किनारे बनेगा रिवर कॉरीडोर त्योंथर का सिविल हॉस्पिटल 100 बेडेड किया जाएगा राम वन गमन पथ के साथ बना रहे हैं श्रीकृष्ण पाथेय विकास का कारवां आगे भी यूं ही चलता रहेगा त्योंथर में 162 करोड़ रूपए के निर्माण कार्यों का किया भूमिपूजन 125 करोड़ लागत के निजी कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट का शिलान्यास भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में विकास यज्ञ चल रहा है। विकास का यह कारवां अब रूकेगा नहीं, बल्कि और तेजी से यूं ही चलता रहेगा। विंध्य के विकास में सरकार कोई कसर नहीं रखेगी और हम सब मिलकर विकास परियोजनाओं के जरिए इस क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विंध्य क्षेत्र के विकास के लिए त्योंथर में 400 एकड़ उपलब्ध भूमि पर नया औद्योगिक प्रक्षेत्र बनाने, त्योंथर के सिविल अस्पताल को 50 बेड से बढ़ाकर 100 बेडेड करने, त्योंथर में आईटीआई का निर्माण और तमस नदी के तट पर रिवर कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने निवेशक फर्म आईओसीजीपीएस रिन्युएबल प्रायवेट लिमिटेड द्वारा करीब 125 करोड़ रूपए की लागत से स्थापित किए जाने वाले कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट का भूमिपूजन भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा सड़क दुर्घटना में मृत जीना वर्मा के परिजन को सरकार की ओर से 4 लाख रुपए की सहायता राशि देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को रीवा जिले के त्योंथर विधानसभा के चाकघाट कृषि उपज मंडी में आयोजित 'विंध्य विकास संकल्प' सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलन एवं कन्या पूजन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्री श्रीनिवास तिवारी की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विंध्य क्षेत्र न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश को रोशन करने में अग्रणी है। इस क्षेत्र ने विद्युत उत्पादन, सोलर पॉवर प्रोडक्शन और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। ऊर्जा उत्पादन में धनी यह क्षेत्र सच्चे अर्थों में देश की ऊर्जा धानी बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास की गतिविधियां तेजी से जारी हैं। बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए त्योंथर को भी उद्योगों की सौगात मिल रही है। आज त्योंथर में 162 करोड़ रूपए से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन हुआ है। उन्होंने तीन उद्योगपतियों को उद्योग लगाने के लिये भूमि आवंटन पत्र प्रदान किये। हमारी सरकार प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित करते हुए विद्यार्थी बच्चों को यूनिफार्म, किताबें, साइकिल, लैपटॉप और स्कूटी सहित स्कॉलरशिप भी दे रही है। डबल इंजन की सरकार में प्रदेश के हर वर्ग के कल्याण का बखूबी ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि शेरों का बल, बीरबल की बुद्धि और विंध्य की वाणी हम सभी ने तुलसीदास जी के माध्यम से सुनी है। यहां इन्वेस्टर श्री विनोद अग्रवाल भी आए हैं। ये 125 करोड़ लागत से कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगा रहे हैं। ये किसानों से पराली भी खरीदेंगे। अब किसानों को उनकी खेत में फसल अपशिष्ट (कचरा) से भी आय बढ़ेगी। खेत भी साफ हो जाएगा और पैसे भी मिल जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत तेज गति से प्रगति कर रहा है। वे ग्लोबल लीडर हैं, उन्होंने अपना जन्मदिन मध्यप्रदेश के जनजातीय अंचल धार में मनाया। यहां कपास उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए कपास से कपड़ा बनाने के लिए देश के सबसे बड़े पीएम मित्र पार्क का भूमिपूजन किया। राज्य सरकार महिलाओं और युवाओं को विंध्य की धरती पर ही रोजगार दिलाएगी, अब उन्हें कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार ने लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन पर 1500 रुपए दिए। आने वाली दीपावली के बाद भाईदूज से हर माह 1500 रुपए देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अन्नदाता किसानों के कल्याण के लिए उन्हें भी सहायता राशि दे रही है। पीएम किसान सम्मान निधि में राज्य सरकार भी राशि मिलाकर किसानों को हर साल 12 हजार रूपए दे रही है। यह किसानों के आर्थिक स्वावलंबन में एक बड़ी सौगात है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने के लिए "एक बगिया मां के नाम" योजना शुरू की है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बगिया विकसित करने के लिए प्रति हितग्राही 3 लाख रुपए की सहायता राशि देगी। राज्य सरकार दूध उत्पादन को भी बढ़ावा दे रही है। दूध उत्पादन में प्रदेश को नंबर वन राज्य बनाना है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना में 25 गायें खरीदने पर हमारी सरकार पशुपालक को 10 लाख रुपए का अनुदान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़क हादसों के घायलों की सहायता के लिए राहवीर योजना और एयर एंबुलेंस की शुरुआत की है। यह सरकार की संवेदनशीलता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में सांदीपनि विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। चित्रकूट सहित प्रदेश के जिस स्थान पर भगवान श्रीराम के चरण पड़े, उन्हें राम वन गमन पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण की लीला स्थलों पर तीर्थ बनाने के साथ हम प्रदेश के हर नगर में गीता भवन भी बनाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्मेलन में आईं माताओं-बहनों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। रीवा सांसद श्री जनार्दन मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज त्योंथर को 162 करोड़ रुपए लागत के विकास कार्यों की सौगात दी है। इसमें 28 करोड़ की लागत का चिल्लावाला पुल का निर्माण भी शामिल है। यहां छोटे-बड़े नदी-नालों सबमें 39 से अधिक पुल बने हैं। नए बायोगैस प्लांट से किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। विधायक त्योंथर श्री सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश के विकास के लिए दिन-रात एक कर रोजाना नई सौगातें दे रहे हैं। त्योंथर को कई नए पुल सहित तीन सांदीपनि विद्यालय भी दिए हैं। त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में गांव हो या शहर, सभी जगह सड़कों का जाल बिछ रहा है। क्षेत्र की दो नगर पालिकाओं … Read more

आरजीपीवी-एलएंडटी एजूटेक की साझेदारी से तैयार होंगे इंडस्ट्री-रेडी इंजीनियर्स

नवाचारों के हब बनेंगे टियर-2 शहर, मजबूत होगा औद्योगिक ईकोसिस्टम एमपीएसईडीसी, आरजीपीवी और एलएंडटी एजूटेक के बीच हुआ एमओयू भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश के तकनीकी संस्थानों से तैयार होने वाले मानव संसाधन और उद्योगों के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल के बीच की खाई पाटने के लिये निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग,मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीएसईडीसी), राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) और एलएंडटी एजूटेक के बीच एक एमओयू किया गया है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद अब तकनीकी कौशल और औद्योगिक प्रशिक्षण में नवाचार की दृष्टि से एलएंडटी द्वारा विकसित विशेष पाठ्यक्रम आरजीपीवी के माध्यम से प्रदेश के इंजीनियंरिंग संस्थानों में लाँच किये जा रहे हैं। इससे आने वाले वर्षों में प्रदेश में औद्योगिक-ईकोसिस्टम सशक्त बनेगा। साथ ही भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे टियर-2 शहर नवाचार के नए केंद्र बनेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में विगत वर्षों में प्रदेश के विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रमों को उद्योग की वास्तविक मांगों से जोड़कर इंड्स्ट्री-रेडी इंजीनियर तैयार करने की पहल की गई है। प्रदेश में प्रति वर्ष 50 हजार से अधिक इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी स्नातक नौकरी बाजार में आ रहे हैं। अकादमिक-औद्योगिक तालमेल को आवश्यक मानते हुए एलएंडटी एजूटेक द्वारा विशेष रूप से विकसित पायलट पाठ्यक्रम आरजीपीवी के माध्यम से लाँच किये गये हैं। इन पाठ्यक्रमों के अंतर्गत तकनीकी मानव संसाधनों को वास्तविक परियोजनाओं, वर्चुअल लैब और इंडस्ट्री-लीडरशिप एनेबल्ड सत्रों के माध्यम से सक्षम बनाया जा रहा है। आरजीपीवी के कुलगुरू प्रो. राजीव त्रिपाठी, एमपीएसईडीसी, निवेश संवर्धन प्रभारी अवंतिका वर्मा और एलएंडटी एजूटेक टीम लीड राजा पांचाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये है। एलएंडटी एजुटेक तकनीकी और शैक्षणिक सामग्री तथा ट्रेनर-सपोर्ट प्रदान करेगी, आरजीपीवी अकादमिक समन्वय एवं विद्यार्थी चयन में भूमिका निभाएगा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग वित्तीय व तकनीकी व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगा। एलएंडटी एजूटेक आरजीपीवी में दो पायलट कोर्स आरम्भ करेगी जो पांचवें सेमेस्टर से पढ़ाये जाएंगे। इनमें ‘डेटा हैंडलिंग के लिए पायथन’ और फ्रंट-एंड यूआई/यूएक्स शामिल हैं। एलएंडटी एजूटेक के पायलट पाठ्यक्रम के प्रारम्भिक बैच में 100 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा। पाठ्यक्रम में 75 घंटे का संरचित कार्यक्रम शामिल होगा। विद्यार्थियों को ‘ऑनलाइन कंटेंट + लाइव एक्सपर्ट सेशंस + प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग + वर्चुअल लैब’ से प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले पात्र विद्यार्थियों को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। पाठ्यक्रम में उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण से विद्यार्थियों की तकनीकी दक्षता और व्यावहारिक अनुभव बढ़ाया जायेगा। प्रारंभिक बैच में आरजीपीवी में चयनित विद्यार्थियों को शामिल किया जायेगा। फैकल्टी डेवलपमेंट वर्कशॉप, इंडस्ट्री-इंटर्नशिप मॅचमेकिंग, एडवांस्ड स्पेशलाइजेशन मॉड्यूल और राज्यस्तरीय रोलआउट टाइमलाइन। एमपीएसईडीसी द्वारा नियमित प्रगति रिपोर्ट और परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा ताकि नीतिगत स्तर पर उपयुक्त निर्णय लिए जा सकें। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह एक पायलट पाठ्यक्रम है, परिणाम सकारात्मक आने पर इसे प्रदेश के दूसरे टेक्निकल विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में भी लागू किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों के मूल्यांकन में परियोजना-आधारित आकलन, ऑनलाइन टेस्ट, प्रशिक्षक-आधारित फीडबैक और वर्चुअल लैब प्रोजेक्ट की प्रस्तुति शामिल की जायेगी। पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर एलएंडटी एजूटेक तथा आरजीपीवी के सम्मिलित मानदंडों के अनुरूप ई-सर्टिफिकेट जारी किए जाएँगे।  

भारत सेतु अभ्यास के दूसरे दिन साइबर सुरक्षा जागरूकता और सुदृढ़ता पर केंद्रित

भोपाल भारत सेतु अभ्यास का दूसरा दिन राज्य विभिन्न विभागों के CISO अधिकारियों और वरिष्ठ शासकीय  अधिकारियों को व्यावहारिक साइबर सुरक्षा ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए समर्पित रहा। कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न सरकारी संगठनों को प्रभावित करने वाली साइबर सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की गई और प्रतिभागियों को विभागीय तथा संगठनात्मक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रभावी रणनीतियां दी गईं। श्री शशांक गुप्ता, वैज्ञानिक 'डी', CERT-In, ने "नीति से व्यवहार में प्रभावी साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम तैयार करना" विषय पर जानकारी दी। उन्होंने इनसाइडर थ्रेट्स और शासकीय विभागों की साइबर हमलों के प्रति संवेदनशीलता जैसे उच्च मूल्य वाले डेटा, मानव त्रुटियां, सोशल इंजीनियरिंग खतरे, और सीमित साइबर कौशल को रेखांकित किया।  श्री गुप्ता ने बताया कि वैश्विक स्तर पर 75% प्रशिक्षण साइबर सुरक्षा पर केंद्रित है, जो इसकी अंतरराष्ट्रीय महत्ता को दर्शाता है। उन्होंने साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण के लाभ कमजोरियों की पहचान, सुरक्षा स्थिति में सुधार, खतरे की त्वरित पहचान और समाधान को स्पष्ट किया और सभी CISOs को विभागीय एवं जिला स्तर पर नियमित साइबर सुरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया। श्री मोहित कटारिया, वैज्ञानिक 'सी', CERT-In, ने शासकीय विभागों के लिए नियमित, समग्र साइबर सुरक्षा ऑडिट्स के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने CERT-In के साइबर सुरक्षा ऑडिट नीति दिशानिर्देशों के बारे में बताते हुए कहा कि साल में कम से कम एक बार बाहरी ऑडिट कराना अनिवार्य है। सभी ऑडिटेड अनुप्रयोगों का समग्र एसेट इन्वेंट्री, संस्करण नियंत्रण एवं परिवर्तन प्रबंधन सुनिश्चित करना, ताकि साइबर खतरे और हमलों की संभावना कम हो सके। उन्होंने बताया कि CERT-In ने सॉफ़्टवेयर बिल ऑफ मटेरियल्स (SBOM) के लिए एक वैश्विक साझा दृष्टि में भाग लिया है, जिससे साइबर सुरक्षा प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिलेगी। संयुक्त सत्र में, श्री शशांक गुप्ता और श्री मोहित कटारिया ने साइबर सुरक्षा थ्रेट सिमुलेशन और इन्शिडेंट रिस्पांस पर एक व्यावहारिक कार्यशाला का संचालन किया, जिसमें प्रतिभागियों को "अवंती" नामक काल्पनिक राज्य पर विभिन्न साइबर हमलों की स्थिति सुलझाने का अनुभव कराया गया। इस अभ्यास ने जोखिम सिमुलेशन की सर्वोत्तम विधियों और चुस्त इन्शिडेंट रिस्पांस व्यवस्था के महत्व को उजागर किया। CISO अधिकारियों और अन्य प्रतिभागियों ने MP-CERT की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि, कार्यशाला के बाद अब तकनीकी ज्ञान को समझना और लागू करना कहीं अधिक आसान हो गया है। कार्यशाला ने तकनीकी अंतराल को दूर करने एवं साइबर सुरक्षा जागरूकता को नए स्तर तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  श्री वैभव श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, एमपी-सीईआरटी ने प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी और विभिन्न सरकारी विभागों में साइबर सुरक्षा को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता की सराहना की। श्री श्रीवास्तव ने यह भी जोर दिया कि साइबर सुरक्षा मुख्य रूप से सामान्य बुद्धि और रोजमर्रा की गतिविधियों के एन्क्रिप्शन पर आधारित है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता, इसलिए मुफ्त सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल न करें। श्रीमती रश्मि गुप्ता एवं TCU टीम की सराहनीय योगदान रहा । भारत सेतु अभ्यास अनुकूल सहयोगी ज्ञान, क्षमता निर्माण एवं साइबर सुरक्षा में सर्वोत्तम अभ्यासों को प्रोत्साहित करने का सतत प्रयास करता है।