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उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा- देश की ताकत और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में फार्मेसी के विद्यार्थी दें योगदान

भोपाल उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि फार्मेसी के सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा काम करते हुए अपनी स्वदेशी औषधियों के व्यापार को बढाने और इसके उत्पादन पर ध्यान देने लिए और अधिक मेहनत और परिश्रम करने की जरूरत है। आज दुनिया के कई देश हमारे देश में उत्पादित स्वदेशी दवाओें का उपयोग करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि दुनिया के ज्यादा से ज्यादा देश हमारे देश की उत्पादित औषधियों का उपयोग करें। मंत्री श्री परमार शनिवार को इंदौर के ऑक्सफोर्ड इन्टरनेशनल कॉलेज में “इंडियन फार्मासिस्ट इनावेशन टू इम्पेक्ट फॉर विकसित भारत-2047” की थीम पर आयोजित दो दिवसीय 12वें विजन फार्मा राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ कर सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी डॉ. छगनभाई पटेल, फार्मा विजन के राष्ट्रीय संयोजक श्री अनिकेत सेल्के, श्री वीरेन्द्र सोलंकी, ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल कॉलेज के चेयरमेन श्री अक्षांशु तिवारी, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रिया जैन, फार्मा विजन की स्टेट कॉन्वेनर सुश्री कामाक्षा गौड़ विशेष रूप से मौजूद थे। मंत्री श्री परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करते हुए कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से अपील की है कि विकसित भारत के संकल्प को अपना संकल्प मानते हुए कार्य करें। देश की ताकत और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में फार्मेंसी के विद्यार्थी निश्चित रूप से बड़ा योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश 2047 तक ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा और दुनिया के कई देशों में भी ऊर्जा की पूर्ति करने वाला देश बनेगा। उन्होंने कहा कि किसानों ने अन्न और खाद्यान्न के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बना दिया है। किसानों ने अन्न के भण्डार भरे हैं। भारत 2047 तक अन्य देशों के भरण-पोषण करने की सामर्थ्य रखने वाला देश बनेगा। मंत्री श्री परमार ने कहा कि शीघ्र ही फार्मेंसी के सिलेबस में आयुर्वेद के सिलेबस को भी जोड़ने का काम किया जायेगा। इस पर एक्सपर्ट द्वारा विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आवश्यकता के अनुसार फार्मेंसी के साथ एलोपैथिक , होम्योपेथिक और आयुर्वेदिक के लिये एक कॉमन सिलेबस तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में 11 नये आयुर्वेदिक कॉलेज खोलने का संकल्प लिया गया था, जिसमें से 8 कॉलेजों की भारत सरकार द्वारा मान्यता दे दी गई है। अगले वर्ष से ही नये कॉलेज प्रारंभ किये जाएंगे। मंत्री श्री परमार ने बताया कि आने वाले समय में परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिये सभी परीक्षाओं का डिजिटल वेल्यूवेशन किया जायेगा , जिससे परीक्षार्थी ऑनलाईन अपनी कापी देख सकेंगे। श्री परमार ने कहा कि भारत फिर से विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रिया जैन ने बताया कि दो दिवसीय 12वें विजन फार्मा राष्ट्रीय अधिवेशन में फार्मा से संबंधित कई सत्र होंगे। सुश्री कामाक्षा गौड़ ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में देश के विभिन्न कॉलेजों के फार्मेसी विद्यार्थी उपस्थित थे।

कान्हा टाइगर रिजर्व में हुआ इंग्लिश स्पीकिंग प्रशिक्षण

भोपाल कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला में खटिया परिक्षेत्र अंतर्गत ईको सेंटर में कान्हा टाइगर रिजर्व के गाइड्स के लिये 14 दिवसीय इंग्लिश स्पीकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। प्रशिक्षण में टाइगर रिजर्व के जी-1 श्रेणी के 58 गाइड शामिल हुए। प्रशिक्षण मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड भोपाल द्वारा कराया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य गाइड्स को अंग्रेजी भाषा में दक्ष बनाना, जिससे आवश्यकता अनुसार गाइड बेहतर प्रकार से पर्यटकों के अनुरूप अंग्रेजी भाषा को समझकर उसी भाषा में जानकारी दे सकें। इससे गाइड्स में आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और पर्यटकों से कुशलतापूर्वक संवाद से वन एवं वन्य-जीव सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य को भी बेहतर किया जा सकेगा। प्रशिक्षण में प्रशिक्षकों द्वारा गाइड्स को अंग्रेजी भाषा में संवाद करने के तरीके, शारीरिक भाषा, वन, वन्य-जीव एवं पर्यावरण से संबंधित शब्दों के अंग्रेजी अर्थ एवं संवाद के लिये आवश्यक व्याकरण तथा शब्द कोष के विषय में प्रस्तुतिकरण एवं प्रेक्टिकल के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में क्षेत्र संचालक, उप संचालक कोर, बफर, सहायक संचालक बंजर और परिक्षेत्र अधिकारी खटिया भी उपस्थित रहे।  

कृषि मंत्री की बड़ी घोषणा: राज्य सरकार मंजूरी दे तो सोयाबीन खरीदी जाएगी समर्थन मूल्य पर

हरदा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को हरदा पहुंचे। उन्होंने खिरकिया ब्लाक के बावड़िया गांव में एक शोकाकुल परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त कर पौधारोपण किया। मीडिया के सोयाबीन को समर्थन मूल्य पर खरीदने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य सरकार का है। इस संबंध में राज्य सरकार से प्रस्ताव मिलने पर समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने की अनुमति दी जाएगी। इससे पहले जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों पर दरें कम हो रही हैं। 22 सितंबर से कृषि यंत्रों की दरों में पांच प्रतिशत की कमी आएगी, जिससे किसानों को इन्हें खरीदने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान 35 एचपी का ट्रैक्टर खरीदता है तो उसे सीधे 63 हजार रुपये की बचत होगी। इसी तरह बागवानी के लिए जो किसान ट्रैक्टर खरीदता है उस पर उसे 23 हजार रुपये तक की बचत होगी। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि एक दिन पहले शुक्रवार को उन्होंने कृषि यंत्र बनाने वाली विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। प्रतिनिधियों से कहा कि जीएसटी की दरों का सीधा लाभ किसानों को मिलना चाहिए ताकि उन्हें खेती के कार्यों में मदद मिले और उनका आर्थिक विकास हो सके। कई जगह हुआ स्वागत, महिलाओं ने बताई समस्या कृषि मंत्री कार के माध्यम से जिले में पहुंचे। जिले में प्रवेश करते ही छीपानेर में उन्होंने कुछ महिलाओं से मिलाकात की। उन्होंने महिलाओं से पूछा कि उन्हें लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं तो महिलाओं ने कहा कि उन्हें हर माह राशि प्राप्त हो रही है। कुछ महिलाओं ने कहा कि उन्हें राशि नहीं मिल रही है, जिस पर उन्होंने मामले की जांच कराकर समाधान निकालने का आश्वासन दिया। अबगांवखुर्द में कृषि मंत्री का किसानों और जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया।  

देवीपाटन की यात्रा आसान! नवरात्र में रोडवेज चलाएगी 40 स्पेशल बसें

बलरामपुर 22 सितंबर से शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर पर शारदीय नवरात्र मेला शुरू हो रहा है। नवरात्र में श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचाने व लाने के लिए परिवहन निगम ने 40 बसों का संचालन करने की तैयारी की है। साथ ही वहां यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए चेकपोस्ट व पूछताछ केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गोपी नाथ दीक्षित ने बताया कि शारदीय नवरात्र में शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर में दर्शनार्थी जुटते हैं। इसे देखते हुए बसें संचालित की जाएगी। इससे दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।   बताया कि 40 बसों का संचालन तुलसीपुर से किया जाएगा। बलरामपुर चौराहे पर अस्थाई चेकपोस्ट भी बनाया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए पूछताछ केंद्र भी खोला जाएगा। इसके लिए 10 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। बताया कि पूछताछ केंद्र पर तीन चरण में आठ-आठ घंटे की ड्यूटी कर्मचारी करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर बसों का फेरा भी बढ़ाया जाएगा। बताया कि इस बार निकटतम जिले में संचालन की जा रही बसों का भी फेरा तुलसीपुर तक किया जाएगा।  

कांग्रेस में संविधान नहीं, परिवारवाद चलता है – शहजाद पूनावाला की तीखी टिप्पणी

नई दिल्ली  भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी परिवारवाद को संविधान और लोकतंत्र से ऊपर मानते हैं। बेंगलुरु में मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी का असल मुद्दा भारत का चुनाव आयोग नहीं है, बल्कि 'ईएमआई' है। उन्होंने कहा कि ये ईएमआई वो नहीं जो भरी जाती है। इस ईएमआई का मतलब इंदिरा की आपातकालीन मानसिकता और इंदिरा के पोते की हकदारी वाली मानसिकता को बनाए रखना। गांधी परिवार मानता है कि परिवार तंत्र, लोकतंत्र से ऊपर है। शहजाद पूनावाला ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और इंदिरा गांधी के करीबी सहयोगी देवकांत बरुआ ने कहा था कि भारत इंदिरा है, इंदिरा भारत है', यह परिवार आज भी उसी सोच को अपनाए हुए है, जो संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों से ऊपर परिवारवाद को रखता है। पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी को लगता है कि परिवार तंत्र संविधान तंत्र से ऊपर है। इसलिए अगर वे चुनाव हार जाते हैं तो चुनाव आयोग खराब हो जाता है। अगर कोर्ट में केस हार जाते हैं तो न्यायपालिका खराब है, लेकिन जब तेलंगाना में कांग्रेस चुनाव जीतती है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होती। झारखंड के चुनाव परिणाम के बाद भी राहुल गांधी को कोई शिकायत नहीं होती। जम्मू-कश्मीर में भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। पूनावाला ने आगे कहा कि राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट गए। कोर्ट ने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को 'निराधार' करार दिया। उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस के शासन को 'खटाखट गड्ढा मॉडल' करार देते हुए इसे 'लूट, झूठ और फूट' का मॉडल बताया। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में कांग्रेस का 'लूट, झूठ और फूट मॉडल' साफ दिखता है। 'लूट' का उदाहरण है मुडा, शराब, आवास और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें। उन्होंने कहा कि डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया आपस में कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं और कुर्सी की लड़ाई में इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

नौकरी में अनुचित शर्त असंवैधानिक, ग्वालियर कोर्ट ने विधवा को न्याय दिलाया

ग्वालियर हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ ने एक शासकीय सेवक की विधवा को पारिवारिक पेंशन दिए जाने का आदेश सुनाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नियमित सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर विधवा को पारिवारिक पेंशन मिलनी चाहिए। दस वर्ष से कम सेवा अवधि की शर्त नहीं लगाई जा सकती है। याचिकाकर्ता कमलीबाई के पति की 1998 में सेवा के दौरान मृत्यु हो गई थी। उनकी कुल शासकीय सेवा अवधि सात साल छह माह आठ दिन थी। विभाग ने 10 साल की सेवा पूरी नहीं होने का हवाला देकर पेंशन देने से मना कर दिया था। कोर्ट ने पेंशन नियम 1976 की धारा 47 का हवाला दिया। इसके अनुसार सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर परिवार को पेंशन का अधिकार है।   नियम सिर्फ सेवानिवृत्ति पर लागू होता है- कोर्ट कोर्ट ने कहा कि नियम 43(2) सिर्फ सेवानिवृत्ति पर लागू होता है। सेवा में मृत्यु की स्थिति में नियम 47 लागू होगा। कोर्ट ने विभाग के दो जुलाई 2012 के आदेश को रद कर दिया है। कोर्ट ने दो माह के भीतर याचिकाकर्ता की पेंशन तय करने और भुगतान का आदेश दिया है। साथ ही बकाया पेंशन पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने का भी निर्देश दिया है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया- मुरैना ‘सोलर-प्लस-स्टोरेज’ परियोजना ने ग्रीन ऊर्जा और स्टोरेज को दी नई दिशा

पीक-ऑवर्स में 440 मेगावॉट की सप्लाई होगी सुनिश्चित भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। मुरैना की यह परियोजना ‘सेवा पखवाड़ा’ के दौरान राष्ट्र को समर्पित है। उन्होंने कहा कि ”मुरैना सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना से पूरे देश में ग्रीन ऊर्जा उत्पादन और स्टोरेज की नई राह खुलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना परियोजना में प्राप्त की गई सफलता के आधार पर लंबे समय की ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के लिए संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना में प्राप्त किया गया कम टैरिफ प्रदर्शित करता है कि नवकरणीय ऊर्जा भी डिस्कॉम के लिए अधिक किफायती हो सकता है। मध्यप्रदेश ने नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में गत् दिवस प्राप्त निविदा में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। मुरैना में विकसित हो रही प्रदेश की पहली ‘सोलर-प्लस-स्टोरेज’ परियोजना में 2.70 रुपये प्रति यूनिट, अब तक की सबसे कम टैरिफ दर प्राप्त हुई है। यह देश की पहली परियोजना है, जिसमें 3 रुपये प्रति यूनिट से कम पर फर्म और डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी उपलब्ध होगी। यह परियोजना 95 प्रतिशत वार्षिक उपलब्धता के साथ भारत की पहली ‘सोलर-प्लस-स्टोरेज’ परियोजना बन गई है। अब तक देशभर की परियोजनाओं में केवल 50% पीक ऑवर्स उपलब्धता और 85% वार्षिक उपलब्धता सुनिश्चित हो पाती थी। मुरैना परियोजना इस ट्रेंड को बदलते हुए पीएम ऑवर्स में 95% आपूर्ति के नए मानक स्थापित करेगी। परियोजना की संरचना और क्षमता मुरैना सोलर पार्क को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया गया है, जिसने पहले भी प्रतिष्ठित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित किया है। मुरैना परियोजना से उत्पादित बिजली राज्य द्वारा खरीदी जाएगी। मुरैना सोलर पार्क में 2 यूनिट स्थापित की जा रही हैं, प्रत्येकइकाई से तीनों चरणों में 220 मेगावॉट क्षमता ऊर्जा का उत्पादन होगा।         पहला चरण: वास्तविक समय पर सौर ऊर्जा (220 मेगावॉट तक)         दूसरा चरण: शाम के पीक ऑवर्स में 2 घंटे (बैटरी में संचित सौर ऊर्जा से)         तीसरा चरण: सुबह के पीक ऑवर्स में 2 घंटे (रात्रि में ग्रिड से चार्ज बैटरी से) इस नवाचार से बैटरी का उपयोग दिन में दो बार संभव होगा, जिससे लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी। कुल मिलाकर सुबह और शाम के पीक ऑवर्स में 440 मेगावॉट सप्लाई सुनिश्चित होगी। मुरैना परियोजना दो परियोजनाओं का मिश्रण है, जिसमें पहलाएक सामान्य सिंगल-चार्ज कम्पोजिट सोलर प्रोजेक्ट,जिसमें बैटरी को सोलर एनर्जी से चार्ज जाता है।दूसरा स्टोरेज एज ए सर्विस प्रोजेक्ट है, जिसमें अतिरिक्त ग्रिड पॉवर से रात के समय बैटरी दोबारा चार्ज की जाएगी। इससे सुबह के पीक ऑवर्स की आपूर्ति की जाएगी। इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि बैटरी, दिन में दो बार उपयोग की जाएगी। यह परियोजना सुनिश्चित करती है कि राज्य ग्रिड में उपलब्ध रात के समय अतिरिक्त बिजली का उपयोग सुबह की पीक ऑवर्समें विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। मुरैना परियोजना पीक ऑवर्सऔर दिन के समय में समान स्तर की आपूर्ति (प्रत्येक इकाई से 220 मेगावाट) के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करती है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह द्वारा नियोजित भविष्य की परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त करता है जो दिन और रात के समय एक फ्लेटप्रोफाईलकी बिजली की आपूर्ति करते हुए एक ऐसीपरियोजना की आधारशिला रखेगी जो पूरे 24 घंटों के लिए समान स्तर की बिजली की आपूर्ति करे। यह नवकरणीय ऊर्जा को पारंपरिक ऊर्जा के समान निश्चितता प्रदान करेगा और इसे तकनीकी और व्यावसायिक रूप से समतुल्य बना देगी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा ई-रिवर्स नीलामी 19 सितंबर, 2025 को 25 वर्षों के लिए निर्धारित2.70 रूपये प्रति यूनिटके ऐतिहासिक टैरिफ के साथ संपन्न हुई, नीलामी प्रक्रिया लगभग 12 घंटे चली। यह पूरे भारत में एफडीआरईनिविदाओं के लिए एक मील का पत्थर है,परियोजना के ई-रिवर्स ऑक्शन में 16 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भाग लिया। यह क्षमता की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन था। ऑक्शन में अडानी रिन्यूएबल्स, एनटीपीसी रिन्यूएबल्स, रिन्यू सोलर, एसीएमई, एंजी एनर्जी, दिलीप बिल्डकॉन, एमबी पॉवर जैसी कंपनियाँ शामिल थीं।     यूनिट-1 के लिए Ceigall India Ltd ने 2.70 रूपये प्रति यूनिट।     यूनिट-2 के लिए Acme Solar Holding Ltd ने 2.764 रूपये प्रति यूनिट की दर पर यह निविदा हासिल की।इस ऑक्शनमें प्राप्त टैरिफ से स्पष्ट है कि डिस्पेजेबल नवकरणीय ऊर्जा (बैटरी भंडारण के साथ सौर ऊर्जा के संयोजन से सक्षम) कोयला आधारित बिजली की तुलना में अधिक किफायती हो गई है। निवेशकों के लिए भरोसेमंद मॉडल परियोजना का विकास रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जिसने रीवा और आगर जैसी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक विकसित किया है। RUMSL द्वारा  परियोजना को निविदा से पहले निवेश के लिए तैयार किया गया। International Finance Corporation द्वारा Transaction Advisor के रूप में मध्यप्रदेश में तैयार की गई जोखिम मुक्त परियोजनाओं ने समय-समय पर साबित किया है कि बैंकेएबल अनुबंध, पूरी तरह से भूमि एकत्रीकरण, सक्रिय पारेषण योजना, वित्तपोषण और अनुबंध सहित साइट तैयार करना, पर्यावरण और सामाजिक जोखिमों को पर्याप्त रूप से कम करना, साथ ही एक पारदर्शी और विकासक अनुकूल निविदा प्रक्रिया के परिणामस्वरूप बेहतर मूल्य निर्धारण से उल्लेखनीय बचत होती है। पार्क डेवलपर के रूप में RUMSL भूमि और आंतरिक बिजली निकासी का बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा, जबकि MP Transco परियोजना के लिए आवश्यक बाहरी विद्युत निकासी हेतु बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। इस परियोजना में एक मजबूत 3-स्तरीय payment security mechanism है, जिसमें बेहतर bankability के लिए राज्य गारंटी शामिल है तथा procurer default और assured procurement of excess energy के लिए उचित termination compensation और reduced offtake तथा ग्रिड अनुपलब्धता के लिए compensation दिया गया है। परियोजना, चंबल क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने चंबल क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए मुरैना परियोजना को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। एनर्जी ट्रांजिशन में मील का पत्थर मुरैना भारत की एनर्जी ट्रांजिशनमें एक नया मोड़ है; उम्मीद है कि इस तरह के उत्साहजनक परिणाम देश को कोयला आधारित बिजली की तुलना … Read more

सेमीकंडक्टर में नई क्रांति: ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में लॉन्च हुआ नया मिशन

नई दिल्ली  भारत ने अगली पीढ़ी की सेमीकंडक्टर तकनीक में ऐतिहासिक कदम रखा है। बेंगलुरु में ब्रिटिश कंपनी एआरएम (ARM) का नया डिजाइन ऑफिस 2 नैनोमीटर (nm) चिप तकनीक पर काम शुरू करेगा, जिससे भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है जो इस अत्याधुनिक तकनीक पर काम कर सकते हैं। यह कदम भारत को ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। बेंगलुरु में बनेंगे 2nm चिप केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि भारत अब 2nm चिप डिजाइन और निर्माण की दिशा में पूरी तरह तैयार है। बेंगलुरु में स्थापित एआरएम के नए डिजाइन सेंटर में ये अत्याधुनिक चिप डिजाइन किए जाएंगे। 16 सितंबर को मंत्री ने इस सेंटर का उद्घाटन किया, जो भारत की तकनीकी प्रगति में एक नया अध्याय जोड़ता है। इससे पहले मई 2025 में नोएडा और बेंगलुरु में 3nm चिप डिजाइन सेंटर खोले जा चुके हैं। 2nm चिप क्या है और क्यों है खास? सेमीकंडक्टर चिप्स में लाखों ट्रांजिस्टर होते हैं, जो बिजली के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। ट्रांजिस्टर का आकार जितना छोटा होता है, चिप उतनी ही तेज और ऊर्जा-कुशल होती है। 2nm तकनीक के ट्रांजिस्टर अत्यंत छोटे होते हैं, जो स्मार्टफोन्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डिवाइसेज और सुपरकंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन प्रदान करते हैं। अब तक केवल ताइवान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, चीन और जापान ही इस तकनीक के करीब थे। भारत की इस क्षेत्र में एंट्री उसे वैश्विक तकनीकी नेताओं की कतार में लाकर खड़ा करती है। वर्तमान में फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स जैसे iPhone और सैमसंग गैलेक्सी में 3nm चिप वाले प्रोसेसर का उपयोग हो रहा है, लेकिन अगले एक-दो साल में 2nm चिप्स का इस्तेमाल शुरू हो सकता है। भारत के लिए क्यों जरूरी है 2nm चिप? वैश्विक सेमीकंडक्टर मार्केट का आकार 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें भारत 100-110 अरब डॉलर का योगदान दे सकता है। 2nm तकनीक की दिशा में यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह भारत को वैश्विक चिप सप्लाई चेन में एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करेगा, जिससे देश की तकनीकी और आर्थिक ताकत बढ़ेगी।   सेमीकंडक्टर मिशन के तहत तेजी से प्रगति भारत सरकार के इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत 6 राज्यों में 10 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, जिनमें कुल 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके लिए 76,000 करोड़ रुपये की सरकारी सहायता भी आवंटित की गई है। पिछले 11 वर्षों में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग 6 गुना बढ़ी है, जिससे सेमीकंडक्टर की मांग में तेजी आई है। सरकार का लक्ष्य केवल असेंबली तक सीमित नहीं है, बल्कि चिप डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।  

ऑडियो वायरल: डांसिंग कॉप रंजीत सिंह पर अब पैसे की मांग का आरोप

इंदौर  इंदौर के प्रसिद्ध 'डांसिंग कॉप' रंजीत सिंह से जुड़ा विवाद और गहरा गया है, क्योंकि आरोप लगाने वाली युवती राधिका सिंह ने शनिवार को एक नया ऑडियो क्लिप जारी किया है जिसमें रंजीत पर एक अन्य महिला से पैसे मांगने का आरोप है।  इंदौर के ट्रैफिक हवलदार और 'डांसिंग कॉप' के नाम से मशहूर रंजीत सिंह पर गंभीर आरोप लगाने वाली युवती राधिका सिंह ने मामले को एक नया मोड़ दे दिया है, जिससे रंजीत की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। राधिका ने शनिवार तड़के लगभग 5:30 बजे इंस्टाग्राम पर दो नई पोस्ट साझा कीं, जिनमें एक ऑडियो क्लिप भी शामिल है। इन पोस्ट के जरिए राधिका ने रंजीत पर एक अन्य महिला से पैसे मांगने का गंभीर आरोप लगाया है। इसी बीच, शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने के बाद रंजीत सिंह को शहर के शेल्बी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। युवती ने ऑडियो पोस्ट कर लगाए नए आरोप राधिका ने शनिवार सुबह एक वीडियो के साथ ऑडियो क्लिप साझा करते हुए लिखा, "ये तुम्हारा फेमस सेलेब्रिटी… हाथ जोड़कर पैसे मांग रहा है, किसी और औरत से… उसने शेयर किया है। ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है इसकी… ऐसी भीख मांग कर चला रहा था यह अपनी जिंदगी। ऑडियो सुनकर और मजा आया। मुझे यह किसी अन्य महिला ने भेजा है।" राधिका ने यह भी दावा किया है कि जिस महिला से पैसे मांगे गए, वह भी जल्द ही रंजीत के खिलाफ सामने आएगी।   अस्पताल में भर्ती रंजीत सिंह, हालत स्थिर शेल्बी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. विवेक जोशी ने रंजीत सिंह के स्वास्थ्य पर जानकारी देते हुए बताया, "रंजीत सिंह को गुरुवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनका ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ था। अब उनकी हालत ठीक है और बीपी भी सामान्य है। आज (शनिवार) उन्हें आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो कल (रविवार) उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।" कई और लड़कियों को धमकी देने का दावा अपनी दूसरी पोस्ट में राधिका ने दावा किया कि रंजीत सिंह से पीड़ित और भी कई लड़कियां हैं। उसने लिखा, "और कई लड़कियां हैं। कुछ तो मैरिड हैं, इसलिए सामने नहीं आना चाहतीं। कुछ को इसने (रंजीत) पुलिस की धमकी दी है। अब सब खुश हैं कि सीखो इससे सबक।" 

आयुष विभाग को ई-मॉनिटरिंग सिस्टम एवं नागरिक सेवाओं के सशक्तिकरण के लिए मिला स्कॉच अवार्ड

भोपाल  नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में शनिवार को आयोजित एक गरिमामयी समारोह में स्कॉच फाउंडेशन द्वारा आयुष विभाग के अपर सचिव श्री संजय मिश्रा को, विभाग की उत्कृष्ट पहलों के लिए प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान विशेष रूप से ई-मॉनिटरिंग सिस्टम के विकास और नागरिक सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में किए गए विभागीय प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति है। डिजिटल नवाचार की पहल अपर सचिव आयुष श्री संजय मिश्रा ने बताया कि विभाग में सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से ई-मॉनिटरिंग सिस्टम की परिकल्पना एवं कार्यान्वयन की पहल की। इस प्रणाली के माध्यम से प्रदेशभर के अस्पतालों की गतिविधियों की नियमित निगरानी, आंकड़ों का वास्तविक समय पर संकलन एवं विश्लेषण तथा सेवा प्रदायगी की स्थिति पर सतत नियंत्रण संभव हो पाया। इससे न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ी, बल्कि अस्पतालों में नागरिकों को समय पर और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जा सकीं। ओपीडी संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि अपर सचिव आयुष श्री मिश्रा के नेतृत्व में आरंभ की गई इस डिजिटल निगरानी व्यवस्था और नागरिक-केंद्रित सुधारों के परिणामस्वरूप प्रदेश के आयुष अस्पतालों में ओपीडी संख्या मात्र एक वर्ष में 8 लाख प्रतिमाह से बढ़कर 22 लाख प्रतिमाह तक पहुँच गई। यह वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि यदि सुदृढ़ प्रबंधन और तकनीक का सही उपयोग किया जाए तो पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ भी आधुनिक समय में अत्यंत प्रासंगिक और प्रभावी हो सकती हैं। अधोसंरचना और सेवाओं का विस्तार विभागीय प्रयासों से प्रदेश के 2 हजार 250 आयुष संस्थानों में आधारभूत संरचना को सशक्त किया गया। अस्पतालों में आवश्यक उपकरणों, औषधियों और मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। साथ ही, ई-मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से सेवा प्रदायगी की गुणवत्ता को निरंतर उन्नत किया गया, जिससे नागरिकों का विश्वास और संतोष दोनों बढ़े। सामूहिक प्रयासों का परिणाम श्री मिश्रा ने कहा कि यह सम्मान केवल मेरा व्यक्तिगत गौरव नहीं है, बल्कि पूरे आयुष विभाग, मध्यप्रदेश की टीम भावना और समर्पण का परिणाम है। मैं इस पुरस्कार को प्रदेश के सभी आयुष चिकित्सा अधिकारियों और समस्त आयुष कार्मिकों को समर्पित करता हूँ, जिनके अथक परिश्रम से यह सफलता संभव हुई। यह उपलब्धि, हमें माननीय आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार जी, प्रमुख सचिव, आयुक्त आयुष तथा विभागीय टीम के सक्रिय मार्गदर्शन और सहयोग से प्राप्त हुई है, जिनकी प्रेरणा और नेतृत्व ने इस नवाचार को गति प्रदान की। भविष्य की राह श्री मिश्रा ने कहा कि इस सम्मान ने मुझे और मेरी टीम को नई ऊर्जा और संकल्प दिया है। भविष्य में हमारा लक्ष्य है कि आयुष स्वास्थ्य सेवाएँ प्रत्येक नागरिक तक सुलभ और गुणवत्तापूर्ण रूप से पहुँचें तथा मध्यप्रदेश को एक राष्ट्रीय वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जा सके।