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प्रदर्शनकारियों ने रोकी ट्रेनों की आवाजाही, रेलवे स्टेशनों पर भारी चक्का जाम

रांची आदिवासी कुड़मी समाज मंच के आह्वान पर शनिवार तड़के से झारखंड के कई जिलों में रेल चक्का जाम शुरू हो गया है। बोकारो, रांची और गिरिडीह समेत राज्य के कई जिलों छोटे रेलवे स्टेशनों पर आज सुबह 4 बजे से ही आंदोलनकारियों ने ट्रैक पर कब्जा कर लिया। बड़ी संख्या में जुटे लोग झंडा-बैनर लेकर रेल की पटरियों पर बैठ गए हैं, जिससे ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। सुरक्षा और संचालन की द्दष्टि से रेलवे ने हटिया – बर्द्धमान मेमू एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 13504) को आज रद्द कर दिया। इस अप्रत्याशित निर्णय से यात्रियों में असंतोष फैल गया है और कई लोग वैकल्पिक यात्रा साधनों की तलाश में जुटे हैं। ज्ञातव्य हो कि कुर्मी समाज लंबे समय से कुड़मी समाज ने खुद को आदिवासी का दर्जा दिए जाने की अपनी पुरानी मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है। इस क्रम में विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। रांची के राय स्टेशन पर सुबह दर्जनों लोग नारेबाजी करते हुए रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। वहीं, मूरी स्टेशन के पास भी भारी संख्या में लोग जमा हैं। स्थिति यह है कि कई छोटे स्टेशनों पर रेल पटरी पर बैठने के कारण प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। कुर्मी बहुल इलाकों में शुक्रवार देर रात से ही बड़ी संख्या में पुलिस ने बैरिकेडिंग की कोशिश की ताकि ग्रामीण स्टेशन न पहुंच पाएं, लेकिन इसके बावजूद सुबह होते-होते हर जगह लोग बड़ी संख्या में रेलवे ट्रैक तक पहुंच गए। सरायकेला-खरसांवा जिले के सोनी स्टेशन पर तो हजारों की भीड़ रेल चक्का जाम में शामिल हो गई। यहां मौजूद आरपीएफ और जिला पुलिस की पूरी ताकत भी आंदोलनकारियों को ट्रैक खाली कराने में नाकाम रही। हालांकि, सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोनी स्टेशन पर 350 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। इसके बावजूद महिलाओं और पुरुषों ने झंडों के साथ पटरियों पर बैठकर नारेबाजी की। इसके अलावा चांडिल, नीमडीह, हैसालोंग, झीमड़ी, तिरूलडीह, और लेटमदा रेलवे स्टेशनों पर भी भीड़ ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है। प्रशासन की ओर से लगातार अपील की जा रही है कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करें और रेल परिचालन बाधित न करें। सूत्रों ने बताया कि इस चक्का जाम के कारण कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है। कुछ ट्रेनों को मार्ग बदलकर चलाया जा रहा है जबकि कई को स्टेशनों पर रोक दिया गया है। फिलहाल प्रशासन हालात पर नजर रखे हुए है और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश जारी है।  

यातायात जागरुकता हेतू ली गई ऑटो चालकों की बैठक

आगामी त्यौहारों के दौरान माता के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं से सभ्यता पूर्वक व्यवहार करने की दी गई समझाइश। मैहर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा संपूर्ण मध्यप्रदेश में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा एवम ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों पर चालानी कार्यवाही की मुहीम चलाई जा रही है, साथ ही सड़क सुरक्षा जागरुकता के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक मैहर श्री अवधेश प्रताप सिंह के निर्देश पर  यातायात जागरुकता हेतू आज दिनांक 20/09/25 को यातायात प्रभारी नृपेंद्र सिंह द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में ऑटो चालकों की मीटिंग लेकर उन्हें यातायात नियमों का पालन करने और सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में बताया गया। यातायात नियमों का पालन करना न केवल ऑटो चालकों बल्कि यात्री की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। ऑटो चालकों को गति सीमा का पालन करने एवम सड़क पर सावधानी से वाहन चलाने की समझाइश दी गई। साथ ही शरद नवरात्रि एवम आगामी त्योहारों पर माता के दर्शन हेतु आये  श्रद्धालुओं से सभ्यता पूर्वक व्यवहार करने उनसे अनुचित किराया न वसूलने, प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर वाहन पार्क करने एवम मेला क्षेत्र में धीमी गति व यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर वाहन चलाने की दी गई समझाइश ।

मुख्यमंत्री ने असम राइफल्स पर हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने मणिपुर में असम राइफल्स पर हुए कायरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले में छत्तीसगढ़ के बस्तर के वीर सपूत राइफलमैन रंजीत कश्यप सहित दो जवानों ने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राष्ट्र शहीद जवानों के अदम्य साहस और बलिदान को सदैव स्मरण रखेगा। उन्होंने शहीदों को कोटि-कोटि नमन करते हुए शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस कठिन घड़ी में राज्य सरकार शोकसंतप्त परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वीर जवानों का यह त्याग हम सबको देश की रक्षा और एकता के मार्ग पर और अधिक दृढ़ संकल्पित करता है।

मोदी के लिए पुतिन का तोहफा: भारत के न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स को मिली हरी झंडी, अंतरराष्ट्रीय महाशक्तियों की चिंता बढ़ी

रूस   रूस  के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनेभारत के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने अपने  खास दोस्त प्रधानमंत्री को एक खास पेशकश की है। भारतीय और रूसी अधिकारियों ने असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग के तहत बड़े और छोटे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के स्थानीयकरण (Localisation) में सहयोग  की पेशकश की है। यह घोषणा रूस के सरकारी परमाणु ऊर्जा निगम  रोसाटॉम  ने की। रोसाटॉम के महानिदेशक  एलेक्सी लिखाचोव  ने 15-20 सितंबर को वियना में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के 69वें वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में यह प्रस्ताव रखा। भारत की औद्योगिक और तकनीकी क्षमताओं का भी मिलेगा फायदा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सहयोग मोदी सरकार के ऊर्जा आत्मनिर्भरता और रणनीतिक सुरक्षा एजेंडे  को मजबूती देने वाला कदम है। साथ ही यह भारत-रूस दोस्ती  और दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी का भी प्रतीक है। विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों पक्षों ने तमिलनाडु के  कुडनकुलम एनपीपी  में चरण 2 और 3 के लिए निर्माणाधीन चार इकाइयों की प्रगति की समीक्षा की। इसके अलावा, भारत में रूसी डिजाइन वाले बड़े और छोटे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के क्रमिक निर्माण के लिए आगे के सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा हुई।कुडनकुलम एनपीपी के पहले चरण में पहले ही दो इकाइयां चालू हो चुकी हैं। इस सहयोग से भारत के  स्थानीय औद्योगिक और तकनीकी क्षमताओं का भी फायदा मिलेगा और देश को ऊर्जा सुरक्षा में मजबूती मिलेगी।   अमेरिका, चीन और पाकिस्तान पर असर विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम केवल ऊर्जा सहयोग तक सीमित नहीं है। अमेरिका, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए संदेश भी है । रूस के समर्थन से भारत के न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलने से क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर असर पड़ेगा। पाकिस्तान के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि न्यूक्लियर तकनीक में भारत की बढ़ती ताकत उसकी रणनीति को चुनौती दे सकती है। चीन और अमेरिका भी भारत की इस बढ़ती ऊर्जा क्षमताओं को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।

समाजवादी पार्टी ने पेश किया नया चुनावी गाना, वीडियो में शामिल हैं आजम खान

लखनऊ  अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का नया चुनावी सॉन्ग लॉन्च हो गया है, जिसे समाजवादी पार्टी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल SP टीवी पर अपलोड किया गया है. सॉन्ग के वीडियो में अखिलेश यादव की सरकार के दौरान बने मेट्रो स्टेशन, खेल स्टेडियम और एक्सप्रेसवे को दिखाया गया है. PDA का भी जिक्र है और अखिलेश यादव के साथ आजम खान की तस्वीर और वीडियो भी नजर आएगी.   अखिलेश यादव ने BJP सरकार पर साधा निशाना बता दें कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके BJP की योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने योगी सरकार को खासकर जानवरों को लेकर टारगेट किया. उन्होंने कहा कि पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, रामपुर, सीतापुर, संभल, अमेठी जिलों में जानवरों के हमले बढ़ गए हैं. एक छोटी बच्ची को गुलदार उठाकर ले गया. वन विभाग को सूचना मिली तो भागा-भागा पहुंचा और 25 हजार रुपये की मदद की. योगी सरकार क्या कर रही है? जब से BJP सरकार बनी है, मरने वालों और घायलों के आंकड़े बढ़े हैं. 60 लोगों की जान जा चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए.   जानवरों के बढ़ते हमलों पर जताई चिंता अखिलेश यादव ने कहा कि खेतों में काम करने वाले किसानों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं. खेतों में किसानों को फसलों-जानवरों की सुरक्षा के लिए बाड़ और तार लगानी पड़ रही है. शहरों में सांड के हमले बढ़ गए हैं. सोसाइटियों में एनिमल लवर्स और लोगों के बीच झगड़े होने लगे हैं. गौशाला में भी गाय सुरक्षित नहीं बची है. मरने वाली गायों को गौशाला में ही दफनाया जा रहा है. खुले घूम रहे जानवरों को लेकर योगी सरकार के पास कोई सुझाव या स्कीम नहीं है. जंगल बचेंगे, तभी तो जानवरों को रहने की जगह मिलेगी. बजट साफ कर दिया है, लेकिन नदियां साफ नहीं हुई हैं. पेड़ लगाने का बजट साफ हो गया, लेकिन पेड़ नहीं लगे.

एच.पी. सिंह निलंबित, सतना खनिज विभाग में दीपमाला तिवारी संभालें जिम्मेदारी

सतना मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग, भोपाल ने सतना जिले के प्रभारी खनिज अधिकारी एच.पी. सिंह को निलंबित कर दिया है। निलंबन के पीछे मुख्य कारण शासकीय कार्यों में उदासीनता, अवैध उत्खनन और परिवहन पर प्रभावी कार्रवाई न करना बताया गया है। आदेश 19 सितंबर, 2025 को जारी किया गया। इसके साथ ही रीवा जिले की खनिज अधिकारी दीपमाला तिवारी को सतना जिले का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह कार्रवाई खनिज प्रशासन में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब यह देखना होगा कि दीपमाला तिवारी के नेतृत्व में सतना जिले में खनिज क्षेत्र में सुधार और प्रभावी निगरानी किस प्रकार लागू होती है। यह है पूरा मामला जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि सतना जिले का औसत दैनिक ई-टीपी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में गिरकर 1226 से 482 रह गया, जो गंभीर रूप से चिंताजनक है। इसके अलावा, क्षेत्र उपलब्धता के तीन प्रकरण और खदानों के लेप्स प्रपोजल के पांच प्रकरण लंबित पाए गए। शासन ने पाया कि कार्यालय में पर्याप्त नियंत्रण न रखने के कारण प्रभारी अधिकारी ने अपने कर्तव्यों में स्वेच्छाचारिता और गंभीर लापरवाही बरती।   निलंबन अवधि के दौरान एच.पी. सिंह का मुख्यालय रीवा स्थित संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म रहेगा, और उन्हें नियमानुसार निलंबन भत्ते की सुविधा प्राप्त होगी। रीवा की खनिज अधिकारी दीपमाला तिवारी अब सतना का प्रभारी जिला खनिज अधिकारी होंगी। उनके नेतृत्व में जिले में खनिज कार्यों की निरंतरता और अवैध उत्खनन पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने की उम्मीद जताई जा रही है। आदेश अवर सचिव शर्मिला ठाकुर द्वारा राज्यपाल के नाम से जारी किया गया। इसमें रीवा संभाग के आयुक्त, संचालनालय के अधिकारी, कलेक्टर सतना और क्षेत्रीय प्रमुखों को सूचनार्थ अवगत कराया गया है।

ज्योति ऑस्ट्रेलिया में जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम की अगुवाई करेंगी

नई दिल्ली डिफेंडर ज्योति सिंह 23 सदस्यीय भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम का नेतृत्व करेंगी, जो 26 सितंबर से दो अक्टूबर तक कैनबरा के राष्ट्रीय हॉकी केंद्र में होने वाले पांच मैचों में खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाएगी। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया की जूनियर महिला टीम के खिलाफ तीन मैच खेलेगी। इसके बाद वह आस्ट्रेलिया की हॉकी वन लीग में भाग लेने वाले क्लब कैनबरा चिल के खिलाफ दो मैच खेलेगी। यह दौरा एफआईएच हॉकी महिला जूनियर विश्व कप 2025 की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो दिसंबर में चिली के सैंटियागो में आयोजित किया जाएगा। भारतीय टीम में निधि और एंगिल हर्षा रानी मिंज गोलकीपिंग की जिम्मेदारी संभालेंगी, जबकि डिफेंस में मनीषा, ज्योति, लालथंतलुआंगी, ममिता ओरम, साक्षी शुक्ला, पूजा साहू और नंदनी शामिल हैं। मिडफील्ड में प्रियंका यादव, साक्षी राणा, खैदेम शिलेमा चानू, रजनी केरकेट्टा, बिनिमा धान, इशिका, सुनेलिता टोप्पो और अनिशा साहू जबकि फॉरवर्ड पंक्ति में लालरिनपुई, निशा मिंज, पूर्णिमा यादव, सोनम, कनिका सिवाच और सुखवीर कौर शामिल हैं।  

शिवराज ने किसानों की समस्याओं को लेकर लिया कड़ा कदम, फोन पर सुनाया बड़ा फरमान

सीहोर  सीहोर जिले में खराब हुई सोयाबीन फसल को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को अब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से राहत की उम्मीद जगी है। किसानों की समस्याएं सुनते ही शिवराज ने मौके से ही कलेक्टर को फोन कर खराब फसलों का सर्वे कराने और बीमा योजना का लाभ तुरंत दिलाने के निर्देश दिए। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को सीहोर जिले में किसानों की समस्याएं सुनने पहुंचे। भोपाल-इंदौर हाईवे पर इछावर जोड़ पर रुके मंत्री से जब किसानों ने सोयाबीन की खराब फसल की बात कही, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस दौरान कई किसान सोयाबीन की खराब फसल को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री के पास गुहार लगाने पहुंचे थे। किसानों की शिकायतें सुनने के बाद कृषि मंत्री ने सीहोर कलेक्टर बाला गुरु से मौके पर ही फोन पर बात कर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खराब फसलों का सर्वे कराया जाए और किसानों को फसल बीमा योजना का पूरा लाभ तुरंत दिलाया जाए। शिवराज ने कहा कि इससे किसानों को आर्थिक राहत मिल सकेगी। पिछले तीन सप्ताह से सीहोर जिले के कई गांवों के किसान आंदोलन कर रहे थे। पीला मोज़ेक और अन्य बीमारियों ने फसल को नुकसान पहुंचाया किसान मांग कर रहे थे कि सोयाबीन की खराब फसल का उचित मुआवजा मिले और बीमा की राशि समय पर दी जाए। किसान नेता एवं समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा ने बताया कि बीते पांच साल से सोयाबीन की फसल लगातार प्रभावित हो रही है। इस बार पीला मोज़ेक और अन्य बीमारियों ने फसल को चौपट कर दिया है। हर साल काटी जाती है फसल बीमा राशि, लेकिन मिलता नहीं लाभ मेवाड़ा ने कहा कि किसानों से हर साल बीमा की राशि काटी जाती है, लेकिन बीमे के नाम पर उन्हें एक चवन्नी भी नहीं मिली। जब सरकार किसानों को राहत नहीं दे रही तो उनसे बीमा राशि काटना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीहोर, शाजापुर और भोपाल जिलों में किसान अलग-अलग तरीकों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक सुनवाई नहीं हुई थी। इस मौके पर विधायक सुदेश राय, नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर, भाजपा जिला अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा और जिला मंत्री पंकज गुप्ता समेत कई भाजपा नेता मौजूद रहे। उन्होंने किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों से जल्द समाधान की बात कही। राजस्व मंत्री भी हुए थे सख्त गौरतलब है कि शुक्रवार को इछावर में आयोजित सेवा पखवाड़ा और स्वस्थ नारी सशक्त परिवार कार्यक्रम में मंत्री करण सिंह वर्मा ने भी इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि सोयाबीन पर पीला मोज़ेक रोग फैल रहा है। वर्मा ने बताया कि उन्होंने खुद सीहोर और सिवनी में जाकर खेतों का निरीक्षण किया। कुछ जगह फसलें ठीक थीं, लेकिन कई जगह रोग ने फसल बर्बाद कर दी थी। इस विषय की जानकारी मुख्यमंत्री तक पहुंचा दी गई है और आने वाली कैबिनेट बैठक में इसे प्रमुखता से रखा जाएगा। किसानों को राहत की उम्मीद किसानों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान के सीधे हस्तक्षेप से अब उन्हें उम्मीद जगी है कि खराब फसल का सही आकलन होगा और बीमा योजना का लाभ जल्द मिलेगा। लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसान अब राहत की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

नई GST दरों के लागू होने से पहले बाजार में हड़कंप, रिटेलर्स कर रहे खरीदारी

मुंबई  जीएसटी की नई दरें सोमवार से लागू होने से पहले ही बाजार में उपभोक्ता उत्पादों की कीमतों में कमी दिखने लगी है। आइसक्रीम से लेकर साबुन और शैंपू तक की चीजें दुकानों में सस्ते दामों पर उपलब्ध हो रही हैं। ब्रांड्स और रिटेलर्स लास्ट-मिनट स्टॉकिंग की रेस से बचने के साथ-साथ सकारात्मक उपभोक्ता रुझानों का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। रिटेलर्स अपनी दुकानों को एफएमसीजी उत्पादों से तेजी से भर रहे हैं, ताकि उपभोक्ताओं को तुरंत फायदा मिल सके। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस हफ्ते कहा था कि जीएसटी परिवर्तनों के बाद 12 प्रतिशत स्लैब वाले 99 प्रतिशत सामान अब 5 प्रतिशत स्लैब में आ जाएंगे। इसमें बटर, पनीर, मिठाइयां और नमकीन स्नैक्स जैसे उत्पाद शामिल हैं। बिस्किट्स, आइसक्रीम, साबुन और टूथपेस्ट जैसे कई उत्पादों पर भी 18 प्रतिशत की जगह अब 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। हालांकि नई टैक्स दरें सोमवार से प्रभावी होंगी, लेकिन कंपनियां पहले से ही टैक्स के अंतर को खुद वहन करके रिटेलर्स को उत्पाद भेज रही हैं। आइसक्रीम ब्रांड बास्किन रॉबिन्स के मालिक ग्रेविस फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मोहित खट्टर ने कहा, "हमारे सारे बिल अब 5 प्रतिशत जीएसटी पर शिफ्ट हो चुके हैं।" पहले प्रोडक्टस दिखने का फायदा? इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, किराना उत्पाद निर्माताओं ने वितरकों और खुदरा दुकानों को चुनिंदा कम कीमत वाले उत्पाद भेजना शुरू कर दिया है। एक पर्सनल केयर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कम कीमत वाले हमारे कुछ बड़े पैक पहले से ही खुदरा विक्रेताओं के पास दिखाई दे रहे हैं, और हम हफ्ते के अंत तक इसे और बढ़ा देंगे। उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि 22 सितंबर की सुबह कम कीमत वाले हमारे उत्पाद दुकानों में उपलब्ध हों। इन उत्पादों का बिल नई जीएसटी दरों पर दिया जा रहा है, और हम कम से कम कुछ हद तक अंतर को माफ करने को तैयार हैं।" प्रॉक्टर एंड गैंबल (पीएंडजी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), लॉरियल, आईटीसी और ब्रिटानिया जैसी प्रमुख कंपनियों ने अखबारों में विज्ञापनों या इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए नई कीमतों की घोषणा की है। पीएंडजी ने अपने हेड एंड शोल्डर्स और पैंटीन शैंपू ब्रांड, पैम्पर्स डायपर, जिलेट शेविंग क्रीम, ओल्ड स्पाइस डियोडोरेंट और विक्स डिकंजेस्टेंट की कीमतें कम कर दी हैं। वहीं, एचयूएल ने डव और क्लिनिक शैंपू, ब्रू कॉफी, किसान जैम, लक्स और लाइफबॉय साबुन की कीमतों में कटौती की है।   बिक्री में उछाल की उम्मीद क्विक-कॉमर्स और ई-कॉमर्स कंपनियां भी पहले कदम उठाने का लाभ उठाने के लिए विभिन्न श्रेणियों में बिक्री और छूट शुरू कर रही हैं। क्विक-डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी इंस्टामार्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमितेश झा ने कहा कि वे शनिवार से कई उत्पादों पर छूट देकर जीएसटी बचत का लाभ जल्दी उठा रहे हैं। त्वरित-वाणिज्य क्षेत्र में देर से आई कंपनी अमेजन नाउ अपने ऐप पर दैनिक आवश्यक वस्तुओं के लिए ‘25,000 रुपये की वार्षिक बचत’ अभियान चला रही है, साथ ही 200 रुपये तक का कैशबैक भी दे रही है। सरकार ने जीएसटी दरों को तीन मुख्य स्लैब में सरल बना दिया है: 5 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 40 प्रतिशत। जहां 5 प्रतिशत की दर अधिकांश दैनिक आवश्यक वस्तुओं और घरेलू सामानों पर लागू होगी, वहीं 18 प्रतिशत की दर अधिकांश अन्य उपभोक्ता उत्पादों और सेवाओं के लिए नया मानक बनेगी। लक्जरी वस्तुओं और ‘सिन’ श्रेणियों जैसे गैसयुक्त पेय और तंबाकू को 40 प्रतिशत के उच्चतम कर दायरे में रखा गया है। कंपनियां विभिन्न श्रेणियों में बिक्री सुधारने के लिए जीएसटी लाभों पर भारी निर्भर हैं, खासकर पांच तिमाहियों से चली आ रही मंदी के बाद, जब महंगाई से प्रभावित उपभोक्ताओं, विशेष रूप से शहरों में, ने या तो खपत कम कर दी थी या कम कीमत वाले पैक अपना लिए थे, जिससे बिक्री की मात्रा और मूल्य वृद्धि दोनों प्रभावित हुई थीं। उपभोग में बढ़ोतरी की संभावना सिंथॉल साबुन बनाने वाली कंपनी गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक सुधीर सीतापति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से उपभोग में थोड़ी नरमी रही है, लेकिन आयकर और जीएसटी उपायों के संयोजन से सभी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, "न केवल उन श्रेणियों को लाभ होगा जहां दरों में कमी की गई है, बल्कि उन श्रेणियों को भी लाभ होगा जहां जीएसटी में कमी नहीं की गई है, क्योंकि उपभोग और विवेकाधीन खर्चों पर कुल उपलब्ध खर्च बढ़ जाएगा।"  

राजधानी में बढ़ी महिला कामगारों की भागीदारी, मजदूरी असमानता दूर करने की तैयारी

दिल्ली  दिल्ली में बीते कई साल के मुकाबले महिला कामगारों की आबादी में इजाफा हुआ है लेकिन मजदूरी पुरुषों से कम है। दिल्ली सरकार की दिल्ली राज्य फ्रेमवर्क इंडिकेटर रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं की श्रम बल भागीदारी बढ़ी है लेकिन उनकी दैनिक मजदूरी पुरुषों से कम बनी हुई है। यह रिपोर्ट सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) की प्रगति पर नजर रखने के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स ने जारी की है। दिल्ली राज्य फ्रेमवर्क इंडिकेटर रिपोर्ट सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की स्थिति पर आधारित है और हाल ही में अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय ने इसे जारी किया है। रिपोर्ट दिखाती है कि 2017-18 में महिलाओं और पुरुषों की श्रम बल भागीदारी दर का अनुपात 0.19 था। यह आंकड़ा 2023-24 में बढ़कर 0.28 हो गया। यह वृद्धि सकारात्मक है लेकिन 0.28 का अनुपात यह भी दिखाता है कि लैंगिक असमानता अभी बनी हुई है। इसके अतिरिक्त रिपोर्ट दिखाती है कि महिला श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 में 11.2 फीसदी थी, 2023-24 में बढ़कर 14.5 फीसदी हो गई। यह 2018-19 में 13.7 फीसदी, 2019-20 में 12.8 फीसदी, 2020-21 में 10.7 फीसदी, 2021-22 में 9.4 फीसदी और 2022-23 में 11.3 फीसदी थी। मजदूरी के आंकड़े चिंताजनक गैर-सार्वजनिक कामों में 2017-18 की जुलाई-सितंबर तिमाही में पुरुषों को 403 रुपये हर दिन और महिलाओं को 300 रुपये मिल रहे थे। 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही में पुरुषों को 376 रुपये हर दिन व महिलाओं को 400 हर दिन, 2023-24 में पुरुषों को 556 रुपये हर दिन व महिलाओं को 500 रुपये हर दिन मिल रहे थे। 2023-24 में यह 548 और 500 रुपये मिल रहा था। इसमें दिखता है कि महिलाओं की मजदूरी बढ़ी लेकिन मजदूरी का अंतर 48 से 100 रुपये का बरकरार है। पेशेवर क्षेत्र में महिलाओं की संख्या घटी पेशेवर और तकनीकी क्षेत्र में महिला कामगारों की संख्या घटी है। इस क्षेत्र में 2020-21 में महिलाओं का अनुपात 28.5 फीसदी था, जोकि 2022-23 में 21.3 फीसदी रह गया है। रिपोर्ट में महिलाओं के आर्थिक संसाधनों में हिस्सेदारी का मूल्यांकन किया गया है। इसमें जमीन, संपत्ति, बैंक सेवाएं, उत्तराधिकार और प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण को शामिल किया है। लेकिन इसमें ये भी कहा गया है कि महिला कामगारों के लिए दिल्ली सरकार कानूनों में सुधार कर रही है।