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यूजर्स का Flipkart पर गुस्सा, प्री-रिज़र्व के नाम पर 5000 वसूले, अब तक नहीं मिला फोन या रिफंड

मुंबई  अमेरिकी कंपनी Wallmart की स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Flipkart पर यूजर्स आरोप लगा रहे हैं. कंपनी पर आरोप है कि सेल के दौरान Pre Researve पास 5,000 रुपये में बेचा गया. कंपनी ने दावा किया कि 5000 रुपये का पास खरीदने वाले को iPhone 16 Pro सस्ते में मिलेगा.  दरअसल Big Billion Days सेल से कुछ ही दिन पहले Flipkart ने iPhone 16 Pro के लिए Pre Pass बेचना शुरू कर दिया था. अच्छी बात ये है कि कई लोगों ने ये पास खरीदा और उन्हें लगभग 70 हजार रुपये में iPhone 16 Pro मिला भी. लेकिन जिन्हें iPhone 16 Pro नहीं मिल पाया उन्हें कंपनी पैसे वापस नहीं कर रही है.  जाहिर है कंपनी ने iPhone 16 Pro के लिमिटेड युनिट्स ही कम क़ीमत पर बेचे हैं. इसलिए उन सभी लोगों को iPhone 16 Pro नहीं मिल पाया जिन्होंने 5000 रुपये का पास खरीदा था.  इतना ही नहीं, कुछ यूजर्स ने iPhone 16 Pro बुक भी कर लिया था, लेकिन बाद में फ्लिपकार्ट ने ख़ुद ही उसे कैंसिल कर दिया. यहां तक कि कुछ यूजर्स ने फ्लिपकार्ट पर ये भी आरोप लगाए हैं कि उनका ऑर्डर उनके नजदीकी हब तक पहुंचने के बाद कंपनी ने उसे कैंसिल कर दिया है.  अभिषेक यादव नाम के एक X यूजर ने एक पोस्ट में लिखा है कि जिन लोगों को iPhone 16 Pro नहीं मिल पाया उनका 5000 रुपये का नुक़सान हो गया. क्योंकि कंपनी के टर्म्स में साफ़ लिखा है कि ये 5000 रुपये का प्री पास नॉन रिफंडेबल है.  चूंकि Flipkart ने अपने टर्म्स एंड कंडीशन में पहले ही साफ़ कर दिया था कि 5000 रुपये का ये पास नॉन कैंसिलेबल और नॉन रिफंडेबल है. अगर पहले 48 घंटों के अंदर कस्टम iPhone 16 Pro (128GB) खरीदने में असमर्थ रहता है तो पास कैंसिल हो जाएगा और पैसे वापस नहीं मिलेंगे.  अब सोचिए, लाखों यूजर्स ने 5000 रुपये का पास लिया होगा, लेकिन iPhone 16 Pro कितने यूजर्स को मिला ये साफ़ नहीं है. हालांकि X पर ज़्यादातर पोस्ट ऐसे ही मिलेंगे जिनमे ये दावा किया जा रहा है कि 5000 रुपये का पास खरीदने के बावजूद उन्हें iPhone 16 Pro डिस्काउंटेड रेट में नहीं मिला. ऐसे में कंपनी ने यूजर्स के 5000-5000 रुपये ले कर काफी पैसा बनाया.  बेहतर प्रैक्टिस ये होता कि 5,000 में प्री पास अगर कंपनी बेच रही है और iPhone 16 Pro डिस्काउंटेड रेट में यूजर को नहीं मिला. ऐसे में  कस्टमर्स को 5000 रुपये या तो रिफंड कर दिए जाने चाहिए थे या किसी दूसरे प्रोडक्ट को खरीदने पर एडजस्ट हो जाने चाहिए था. लेकिन कंपनी ने दूसरा रूख अपनाना बेहतर समझा. कुल मिला कर ये कि जिन्हें किसी भी रीजन से iPhone 16 Pro 128GB नहीं मिल पाया उनके 5,000 रुपये डूब गए.  X पर कई यूजर्स Flipkart के ख़िलाफ़ कंज्यूमर कोर्ट में मुकदमा करने की भी बात कह रहे हैं. उनका दावा है कि ऐसे हजारों यूजर्स हैं जिनके 5,000 रुपये डूबे हैं और इससे Flipkart ने अनफेयर तरीके से पैसे बना रही है. 

MP में नशे के खिलाफ धार्मिक मुहिम, 1 लाख युवा मिलकर करेंगे हनुमान चालीसा का पाठ

इंदौर  नशाखोरी से युवाओं को बचाने के लिए कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर में नई पहल करेंगे. युवाओं को धर्म से जोड़कर नशा से दूर रखा जाएगा. इसके लिए शहर भर में युवा, बच्चे और छात्र-छात्राओं की टोलियां नशाखोरी के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. बताया गया कि इस आयोजन की शुरुआत करीब 1 लाख युवाओं के साथ होगी. नाबालिग भी नशीले पदार्थ की तस्करी में शामिल शहर में नशा मुक्ति के तमाम अभियान और प्रयास किए जा रहे हैं. इसके बावजूद क्राइम ब्रांच, इंदौर के अनुसार यहां सालाना नशे की सामग्री की खपत 10,000 किलो हो चुकी है. जिसमें स्मैक, अफीम, गांजा, डोडा चूरा, केमिकल ड्रग, ब्राउन शुगर और तरह-तरह की सिगरेट शामिल हैं. इन नशीले पदार्थों का शहर में बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है. जिसके चलते स्थिति यह है कि नशे की सामग्री की तस्करी के धंधे में महिलाओं के अलावा नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं. शहर में 6 गुना बढ़ी डोडा चूरा की स्मगलिंग इंदौर शहर में नशे की सामग्री की बिक्री का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल की अपेक्षा यहां डोडा चूरा की स्मगलिंग 6 गुना तक बढ़ चुकी है. इसका उपयोग करने वालों में स्कूल कॉलेज के छात्र-छात्राएं सहित महिलाएं भी शामिल हैं. पिछले साल नशाखोरी के खिलाफ कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को खुद मोर्चा संभालना पड़ा था. इसके बाद पुलिस को नशे के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी पड़ी थी. नशा मुक्ति अभियान से भी नहीं थम रही नशाखोरी इस साल (2025) भी 15 से 30 जुलाई तक नशा मुक्ति अभियान चलाया गया. इसके बावजूद पिछले माह (सितंबर 2025) नशाखोरी के चलते ट्रक ड्राइवर ने 3 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. जबकि 10 से ज्यादा लोग घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस बीच हाल ही में यहां पुलिस ने ड्रग माफिया सीमा नाथ के ड्रग के धंधे को एक्सपोज किया है. जिसके नेटवर्क में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल मिले हैं. इसके साथ ही शहर में खुले गार्डन, प्लॉट और बंद इमारतों में समूह में लोग नशा करते पाए जाते हैं. सामूहिक हनुमान चालीसा का होगा आयोजन कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने युवाओं को नशाखोरी से बचाने के लिए अब उन्हें सामूहिक हनुमान चालीसा के आयोजनों में शामिल करने का ऐलान किया है. विजयवर्गीय का कहना है कि "युवाओं को हनुमान चालीसा के जरिए नशे के खिलाफ धर्म से जोड़ना होगा. इसके लिए जल्द ही एक लाख युवाओं का जुटाकर आयोजन शहर में कराया जाएगा. इसके लिए स्थान का चयन किया जा रहा है." धर्म से जुड़ छोड़ेंगे नशाखोरी  उन्होंने आगे कहा, "आयोजन में सुंदरकांड करने वाली मंडलियों के अलावा स्कूल कॉलेज के छात्र और नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाने वाले जन संगठन और उनसे जुड़े लोग भी शामिल होंगे. हनुमान चालीसा का पाठ करने से युवा मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर नशाखोरी के खिलाफ खड़े हो सकेंगे, क्योंकि हनुमान चालीसा का अपना अलग प्रभाव होता है."  

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा खरीद के लिए अब तक 4.68 लाख किसानों ने कराया पंजीयन

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार, बाजरा उपार्जन के लिए अभी तक 4 लाख 68 हजार 946 किसानों ने कराया पंजीयन 10 अक्टूबर तक जारी रहेगी पंजीयन प्रक्रिया भोपाल  समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा के उपार्जन के लिए अभी तक 4 लाख 68 हजार 946 किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीयन 10 अक्टूबर तक होगा। पिछले वर्ष 7 लाख 84 हजार 845 किसानों ने पंजीयन कराया था। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि समय पर पंजीयन करा लें जिससे उपार्जन में कोई समस्या नहीं हो। उन्होंने बताया है कि किसान पंजीयन की व्यवस्था को सहज और सुगम बनाया गया है। प्रदेश में 1255 पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं। पंजीयन की नि:शुल्क व्यवस्था पंजीयन की निःशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर और एम.पी. किसान एप पर भी की गई है। पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था एम.पी. ऑनलाईन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर की गई है। प्रति पंजीयन के लिये 50 रूपये से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। किसान पंजीयन के लिए भूमि संबंधी दस्तावेज़ एवं किसान के आधार कार्ड एवं अन्य फोट पहचान पत्रों का समुचित परीक्षण कर उनका रिकार्ड रखा जाना अनिवार्य होगा। जिलेवार पंजीयन प्रदेश में हुए कुल पंजीयन में मुख्य रूप से जिला बालाघाट में 57 हजार 223 किसान, जबलपुर में 24 हजार 710, सिवनी में 28 हजार 349, कटनी में 40 हजार 391, मण्डला में 18 हजार 473, डिण्डोरी में 10 हजार 590, नरसिंहपुर में 7 हजार 245, छिंदवाड़ा में 1,468, रीवा में 42 हजार 878, सतना में 36 हजार 113, मैहर में 17 हजार 427, सिंगरौली में 19 हजार 997, सीधी में 18 हजार 305, मऊगंज में 14 हजार 715, शहडोल में 23 हजार 723, उमरिया में 18 हजार 748, अनूपपुर में 13 हजार 612, पन्ना में 20 हजार 204, दमोह में 14 हजार 508, सागर में 889, रायसेन में 7 हजार 340, सीहोर में 5 हजार 434, विदिशा में 484, भोपाल में 33, नर्मदापुरम में 17 हजार 117, बैतूल में 5 हजार 905, हरदा में 315, भिंड में 363, मुरैना में 1533, श्योपुर में 43, ग्वालियर में 202, शिवपुरी में 205, दतिया में 130, देवास में 203, बड़वानी में 41 और झाबुआ में 20 किसानों ने पंजीयन कराया है।  

UP चीफ़ की कुर्सी से पहलेः BJP क्या करेगी बड़ा बदलाव — किस नाम की हो रही है चर्चा?

लखनऊ  भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी है। वहीं, उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रमुख को लेकर भी अटकलों का दौर जारी है। कहा जा रहा है कि भाजपा यूपी से पहले अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान कर सकती है। फिलहाल, इसपर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। अटकलें ये भी हैं कि भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नया कप्तान नियुक्त कर सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि राष्ट्रीय और यूपी अध्यक्ष के लिए विचार विमर्श का दौर पूरा हो गया है। आने वाले दिनों में भाजपा दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और त्रिपुरा के अध्यक्षों का ऐलान कर सकती है। वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद यूपी भाजपा को नया कप्तान मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी नेतृत्व को फैसला लेना है कि वह ओबीसी चेहरे के साथ जाएगी या ब्राह्मण नेता का चुनाव करेगी। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद यूपी अध्यक्ष की घोषणा की जा सकती है। दोनों ही नियुक्तियों के लिए भाजपा पहले RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को विश्वास में लेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के संबंध में 80 से ज्यादा भाजपा नेताओं से सुझाव मांगे गए हैं। इनमें कुछ सक्रिय और कुछ दिग्गज नेता शामिल हैं। फिलहाल, जगत प्रकाश नड्डा भाजपा की कमान संभाल रहे हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के अंदर जारी चर्चाओं में दो नेताओं का नाम सामने आ रहा है, जो बड़े स्तर पर भाजपा में चुनाव की जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। साथ ही एक पूर्व मुख्यमंत्री के नाम की भी चर्चा है। सूत्रों ने बताया कि दक्षिण भारतीय राज्य से आने वाले एक केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि वह खुद को पद के लिए सक्षम नहीं मानते हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष 60 साल के आसपास का होना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि सरकार और संगठन दो अलग चीजें हैं। सरकार में संघ दखल नहीं देगा, लेकिन संगठन संघ परिवार का हिस्सा है और एक योग्य संगठक की जरूरत है।

मध्य प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 5.4% वृद्धि, शाम 6-9 बजे और राष्ट्रीय राजमार्ग सबसे ज्यादा जोखिम भरे

भोपाल मध्य प्रदेश 2023 में सड़क दुर्घटनाओं के मामले में देश के सबसे खतरनाक राज्यों में से एक रहा है। NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल 14,098 लोगों की मौत हुई, जो भारत की कुल आकस्मिक मौतों का 9.8% है। 2022 की तुलना में दुर्घटनाओं में 5.4% की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट बताती है कि 2023 में मध्य प्रदेश में 54,763 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में 54,699 लोग घायल भी हुए। राज्य में आकस्मिक मृत्यु दर 49.8 रही, जो देश में छठी सबसे अधिक दर है। मध्य प्रदेश के हाईवे खतरनाक यात्रियों के लिए राजमार्ग सबसे खतरनाक साबित हुए। भारत की कुल सड़क दुर्घटना मौतों का 7% केवल मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर दर्ज किया गया। शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच का समय विशेष रूप से जोखिम भरा रहा, इस दौरान 10,613 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इसके अलावा, देश में हुई घातक बस दुर्घटनाओं में से 10.2% मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मिलाकर हुईं। छोटे वाहनों से ज्यादा हुए एक्सीडेंट खराब बुनियादी ढांचा और पर्यावरणीय कारक भी इन मौतों में योगदान करते हैं। NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, भारी और यात्री वाहनों के कारण बड़ी संख्या में मौतें हुईं। राज्य की सड़कों पर SUV/जीप और कारों से होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या ट्रक/लॉरी/मिनी-ट्रक से होने वाली मौतों से अधिक थी। राजधानी भोपाल में भी बढ़ोतरी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 4.2% की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि 2022 की तुलना में हुई है। कुल 2,906 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 196 लोगों की जान गई और 2,196 लोग घायल हुए। रात 9 बजे से आधी रात तक का समय सबसे खतरनाक रहा। दोपहिया वाहन चालक और पैदल यात्री सबसे ज़्यादा असुरक्षित पाए गए। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने भी भोपाल को ओवर-स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में चौथे स्थान पर रखा था।  

अमेरिका को यूरोप का धोखा? स्पेन ने F-35 छोड़ तुर्की के KAAN फाइटर जेट में दिखाई दिलचस्पी

मैड्रिड अमेरिका के सुपर एडवांस्ड F-35 स्टील्थ फाइटर जेट को लेकर यूरोप का भरोसा अब डगमगा गया है. बढ़ती लागत, सॉफ्टवेयर देरी और लगातार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों के बीच स्पेन ने अमेरिकी F-35 को ठुकरा दिया है. अब खबर है कि यूरोप का यह अहम देश तुर्की के KAAN फाइटर जेट को खरीदने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. यह कदम न केवल यूरोप की रक्षा रणनीति को नया मोड़ देगा बल्कि अमेरिका के वर्चस्व पर भी सीधा झटका माना जा रहा है. स्पेन का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब कई अन्य देश कनाडा, पुर्तगाल और स्विट्ज़रलैंड भी F-35 प्रोग्राम से दूरी बना रहे हैं. वजह वही: बढ़ते खर्चे, लगातार सॉफ्टवेयर फेलियर और अमेरिकी नियंत्रण को लेकर उठे सवाल. दरअसल, अमेरिका पर आरोप है कि F-35 का सोर्स कोड वह खुद तक सीमित रखता है. इससे यह जेट इस्तेमाल करने वाले देशों की डिजिटल निर्भरता उसी पर बनी रहती है. अब यूरोप ने “Rearm Europe Program” के तहत अमेरिका पर अपनी रक्षा निर्भरता घटाने का फैसला किया है. F-35 छोड़ अब स्पेन की नजर तुर्की के KAAN पर स्पेन ने अपने 2023 के रक्षा बजट में 6.25 बिलियन यूरो (करीब 7.24 अरब डॉलर) नए फाइटर जेट्स के लिए रखे थे. शुरुआत में माना जा रहा था कि स्पेन Eurofighter Typhoon या फिर Future Combat Air System (FCAS) में से किसी एक को चुनेगा. लेकिन अब स्पेनिश बिज़नेस डेली “El Economista” के मुताबिक मैड्रिड सरकार तुर्की के KAAN फाइटर जेट को खरीदने पर विचार कर रही है. जो फिलहाल विकास के दौर में है और 2030 के शुरुआती दशक में सेवा में आने की उम्मीद है. क्यों डगमगा रहा है यूरोप का FCAS प्रोजेक्ट? यूरोप का महत्वाकांक्षी Future Combat Air System (FCAS) प्रोजेक्ट अब गंभीर संकट में है. फ्रांस की Dassault Aviation और जर्मनी की Airbus Defence के बीच नियंत्रण को लेकर खींचतान ने इस कार्यक्रम की रफ्तार लगभग रोक दी है. पहले इसका परीक्षण उड़ान 2027-29 के बीच होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह टाइमलाइन पूरी तरह बिगड़ चुकी है. ब्रिटिश मीडिया द इकोनॉमिक टाइम्स और फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट किया है कि FCAS “पूरी तरह ध्वस्त” भी हो सकता है. इस बीच स्पेन को अगले दशक में अपने पुराने F-18 और F-5 विमानों को बदलने की जरूरत है. ऐसे में तुर्की का KAAN एक व्यावहारिक और तेजी से उपलब्ध विकल्प बन रहा है. स्पेन-तुर्की रक्षा साझेदारी गहराती दिख रही है स्पेन और तुर्की के बीच रक्षा सहयोग पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूत हुआ है. दिसंबर 2024 में दोनों देशों ने 24 Hürjet एडवांस्ड जेट ट्रेनर विमानों के लिए समझौता किया था. सितंबर 2025 में स्पेन के मंत्रिमंडल ने 45 Hürjet विमान खरीदने को मंजूरी दे दी. जिनकी कीमत 3.68 अरब यूरो बताई जा रही है. अब KAAN की संभावित डील इस रिश्ते को और आगे बढ़ाएगी. KAAN की ताकत- F-35 को टक्कर देने वाला जेट तुर्की का KAAN फाइटर जेट फरवरी 2024 में अपनी पहली उड़ान भर चुका है. इसे Turkish Aerospace Industries (TUSAŞ) ने तैयार किया है. तुर्की ने घोषणा की है कि 2028 तक 20 ऐसे विमान उसकी वायुसेना में शामिल हो जाएंगे. KAAN को “पांचवीं पीढ़ी” का जेट माना जाता है, जिसमें स्टील्थ डिजाइन, एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड कॉम्बैट क्षमता, और हाई-स्पीड एवियोनिक्स सिस्टम शामिल हैं. TUSAŞ के सीईओ Temel Kotil ने मई 2024 में दावा किया था, “KAAN, F-35 से बेहतर विमान है.” इंडोनेशिया बना पहला ग्राहक, स्पेन हो सकता है दूसरा इंडोनेशिया पहले ही 48 KAAN जेट्स खरीदने का करार कर चुका है, जिसकी डिलीवरी 10 साल में पूरी होगी. वहीं, अज़रबैजान, पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूएई भी इसमें दिलचस्पी दिखा चुके हैं. अगर स्पेन यह डील साइन करता है, तो वह KAAN का दूसरा अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बन जाएगा जो तुर्की की रक्षा क्षमता के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी.  

मच्छरों की पसंद-नापसंद का खुलासा, रिसर्च में पता चला—बियर पीने वालों पर ज्यादा हमला करते हैं

नई दिल्ली नीदरलैंड के साइंटिस्ट ने एक रिसर्च किया जिसमें सामने आया कि जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें मच्छर सबसे ज्यादा काटते हैं. इस रिसर्च को  म्यूजिक फेस्टिवल में शामिल होने वाले 500 लोगों में किया गया. इस दौरान 500 लोगों के हाथ मच्छर से भरे डब्बे में डलवाया और इसे कैमरे में रिकॉर्ड किया. इस रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों ने शराब पी रखी थी, उन्हें 34 फीसदी ज्यादा मच्छर काट रहे थे. वहीं, जिन लोनों ने नहाया नहीं था, या सनस्क्रीन लगा कर नहीं गए थे या पिछले रात किसी के साथ सोए थे. उनलोगों को भी मच्छर ने ज्यादा काटा. इस रिसर्च में पता लगा कि शराब पीने वाले इंसान को मच्छर सबसे ज्यादा काटते हैं.  म्यूजिक फेस्टिवल में किया अनोखा रिसर्च नीदरलैंड के सबसे मशहूर म्यूजिक फेस्टिवल लोलैंड्स (Lowlands) में सिर्फ म्यूजिक ही नहीं, बल्कि मच्छरों का भी धमाल देखने को मिला. साल 2023 में जब बिली इलिश और फ्लोरेंस + द मशीन ( Billie Eilish and Florence + The Machine) जैसे बड़े कलाकार स्टेज पर परफॉर्म कर रहे थे, उसी फेस्टिवल में रैडबाउड यूनिवर्सिटी, निजमेगेन के कुछ साइंटिस्ट भी पहुंचे थे, लेकिन वे गाने सुनने नहीं, बल्कि मच्छरों के रहस्य जानने आए थे.   इस रिसर्च टीम को फेलिक्स होल नाम की साइंटिस्ट लीड कर रही थीं, यह पता लगाना चाहती थी कि कुछ लोगों को मच्छर ज्यादा क्यों काटते हैं और कुछ को कम. इसके लिए उन्होंने फेस्टिवल में आए लोगों को एक खास एक्सपेरिमेंट में शामिल किया. वहां आए लोगों से कहा गया कि वे अपना हाथ मच्छरों से भरे एक डिब्बे में डालें,  लेकिन घबराइए नहीं. उनके हाथ एक सुरक्षित कपड़ों से ढके थे, जिससे मच्छर सूंघ तो सकते थे, पर काट नहीं सकते थे. तीन दिन तक चले इस फेस्टिवल में करीब 60,000 लोग शामिल हुए.  मच्छरों को बियर पसंद है, लेकिन नहाने से नफरत लोलैंड्स म्यूजिक फेस्टिवल में किए गए इस मजेदार रिसर्च से वैज्ञानिकों को कुछ दिलचस्प नतीजे मिले. फेस्टिवल के दौरान करीब 500 लोगों ने अपने हाथ मच्छरों से भरे जाल में डाली. हर एक्सपेरिमेंट को वीडियो में रिकॉर्ड किया गया ताकि बाद में देखा जा सके कि किसके हाथ पर कितने मच्छर बैठे और कितनी देर तक रहे. इसके साथ ही, सभी लोगों से एक प्रश्नावली (Questionnaire) भी भरवाई गई, जिसमें पूछा गया कि उन्होंने क्या खाया, क्या पिया या कैसे रहे. मच्छरों को पसंद आए ये लोग जब वैज्ञानिकों ने इन जवाबों को वीडियो से जोड़ा, तो सामने आया कि बीयर पीने वाले, मारिजुआना (गांजा) इस्तेमाल करने वाले, और दूसरों के साथ बिस्तर शेयर करने वाले लोग मच्छरों को सबसे ज्यादा पसंद आए! रिसर्ट टीम ने मजाकिया अंदाज में लिखा- मच्छरों को हमारे बीच के मौज-मस्ती करने वालों का स्वाद ज्यादा पसंद आता है. वहीं, जो लोग सनस्क्रीन लगाते थे या हाल ही में नहाए थे, उन्हें मच्छरों ने कम तवज्जो दी यानी की मच्छरों ने उन्हें ज्यादा नहीं काटा.  मच्छर ऐसे तय करते हैं अपना शिकार जब मच्छरों को लोगों का एक ग्रूप मिलता है, तो वे यह तय करने के लिए सबसे पहले लोगों को सूंघते हैं कि किसे काटना है और किसे नहीं. लेकिन अभी तक यह पूरी तरह पता नहीं चला कि उन्हें कौन-सी गंध सबसे ज्यादा पसंद आती है. हालांकि, रिसर्च में ये सामने आया कि मच्छरों को बीयर पीने वाले लोग ज्यादा पसंद आते हैं, लेकिन साइंटिस्ट फेलिक्स होल का कहना है कि शायद ऐसा शराब की वजह से नहीं,  बल्कि उनके व्यवहार में आने वाले बदलाव की वजह से होता है. उन्होंने बताया कि, “जो लोग शराब पीते हैं, वे ज्यादा जोश से नाचते हैं, जिससे उनके शरीर का तापमान और पसीने की गंध बदल जाती है और यही बात मच्छरों को आकर्षित कर सकती है.  हालांकि, म्यूजिक फेस्टिवल बीयर पीने वाले लोगों को ढूंढने की एक अच्छी जगह है. जो खुशी-खुशी अपने हाथ मच्छरों वाले डिब्बे में डालने को तैयार हो जाते हैं.  लेकिन ऐसी जगह पर रिसर्च करने के कुछ नुकसान भी होते हैं. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि फेस्टिवल में आने वाले लोग ज्यादातर युवा और सेहतमंद होते हैं, जबकि आम आबादी में हर उम्र और स्वास्थ्य वाले लोग शामिल होते हैं. इसलिए यह समझने के लिए कि मच्छर असल में किन लोगों को ज्यादा काटते हैं, साइंटिस्ट को फेस्टिवल के बाहर भी ऐसे स्टडी करने होंगे.