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मुख्यमंत्री डॉ. यादव बोले – कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कांफ्रेंस में हुआ जन कल्याण के लिए मंथन

  प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति और सुशासन की व्यवस्था लागू करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कांफ्रेंस जन कल्याण के विषयों पर मंथन की दृष्टि से सार्थक रही है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति के लिए सुशासन की व्यवस्था लागू करते हुए हम सभी कदम से कदम मिलाकर चलें। मध्यप्रदेश में जहां मेट्रोपॉलिटन सिटी के विकास, नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन, सांदीपनि विद्यालयों की व्यवस्था सुदृढ़ बनाने और पीएम एक्सीलेंस कॉलेज के माध्यम से बेहतर शिक्षा के कदम उठाए गए हैं, वहीं प्रदेश में अनेक नवाचार भी हुए हैं। गत दो वर्ष में प्रदेश में अनेक प्रमुख नवाचार हुए इनमें एयर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत, स्वतंत्रता दिवस पर जिला स्तर पर मंत्रीगण द्वारा जिले के विकास पर केंद्रित भाषण की प्रस्तुति, प्रदेश में औद्योगीकरण को प्राथमिकता, केन बेतवा परियोजना और पार्वती काली सिंध परियोजनाओं की बाधाएं समाप्त कर नदी जोड़ो परियोजनाओं के लिए पहल आदि प्रमुख हैं। इसके साथ ही जनसुविधा के लिए पर्यटन हवाई सेवा, ड्रोन तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहन और ई पंजीयन सहित जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए सुशासन के अंतर्गत विभिन्न व्यवस्थाएं विकसित की गईं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कांफ्रेंस के प्रथम दिन समस्त सत्रों के पश्चात कलेक्टर्स और कमिश्नर्स को जन कल्याण की अपेक्षा के साथ आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा दिए गए प्रमुख निर्देश     सभी अधिकारी विजन-2047 के अंतर्गत प्रथम पांच वर्ष की योजना पर कार्य करें।     कलेक्टर, सीईओ, एसपी, डीएफओ अपने जिले में टीम बनाकर कार्य करें।     कलेक्टर, सीईओ एवं अन्य अधिकारी अनिवार्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम करें।     सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों के निराकरण पर ध्यान दिया जाए।     जनसुनवाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, इसे गंभीरता से लें।     किसी भी जिले से जन प्रतिनिधियों से संवादहीनता की शिकायत नहीं आना चाहिए।     जिलों में नवाचार की प्रक्रिया निरंतर जारी रहे।     जिन योजनाओं में सुधार की गुंजाईश है, उन पर कार्य किया जाए।     गीता भवन योजना में गति लाई जाए, नगरों में ये भवन सामाजिक सद्भाव बढ़ाएंगे।     साडा के कार्यों की समीक्षा की जाए।     उद्योगों के लिए एमओयू के क्रियान्वयन में तेजी लाएं।     पुरानी बंद मिलों की भूमि का यथाशीघ्र निपटारा किया जाए।     धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दें, प्रत्येक जिले में इस दिशा में संभावनाओं को साकार करें।     लघु, कुटीर उद्योगों को प्राथमिकता देते हुए कार्य हो।     भू-अर्जन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए।     राजस्व प्रकरणों का निराकरण के तहत राजस्व महाभियान में जनवरी 24 से आज तक एक करोड़ 8 लाख प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। यह कार्यवाही निरंतर जारी रहे, राजस्व प्रकरण लंबित नहीं रखे जाएं।     कृषि क्षेत्र में भावान्तर योजना के पंजीयन पर ध्यान दें। वर्तमान में डेढ़ लाख किसानों के पंजीयन हो चुके हैं।     प्रत्येक जिले में जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें। उद्यानिकी फसलों को प्रोत्साहित करें।     गुलाब की खेती को धार्मिक शहरों के करीब प्रोत्साहन दिया जाए।     ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दिया जाए। प्रत्येक जिले में सप्ताह में एक दिन जैविक एवं प्राकृतिक खेती के उत्पादों के लिए बाजार नियत होना चाहिए।     स्वास्थ्य क्षेत्र में अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें। बड़े अस्पतालों के साथ प्राईवेट मेडिकल कॉलेज पीपीपी मॉडल में निर्मित किए जाएं।     कुपोषण के विरूद्ध अभियान तेज किया जाए।     जिलों में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास के अमले में पर्याप्त समन्वय रहे।     नगरीय निकायों के क्षेत्र में शहरी यातायात सुधारें।     बड़े शहरों में फ्लाई ओवर बनवाएं।     अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण की कार्यवाही की जाए।  

कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन

3 सत्रों में होगी महत्वपूर्ण चर्चा भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन बुधवार 8 अक्टूबर को कानून व्यवस्था सहित ग्रामीण जन-जीवन से जुड़े बिन्दुओं पर विमर्श होगा। कॉन्फ्रेंस में प्रत्येक क्षेत्र में राज्य सरकार की प्राथमिकताएं बतायी जायेंगी। कॉन्फ्रेंस में 8 अक्टूबर को 3 सत्र होंगे और प्रत्येक सेक्टर के लिए 75 मिनट का सत्र समय रखा गया है। बुधवार को कांफ्रेंस की शुरुआत सुबह 9:30 से होगी। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई और आयुक्त जनसंपर्क श्री दीपक सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री के प्राथमिकता के बिंदुओं के अलावा जनसंपर्क की अपेक्षाओं पर चर्चा की जाएगी। शिक्षा सत्र में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य और आयुक्त राज्य शिक्षा द्वारा चर्चा की जाएगी। अगला सत्र ग्रामीण विकास एवं जनजातीय कार्यों पर केंद्रित होगा, जिसमें अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और प्रमुख सचिव जनजातीय विमर्श करेंगे। अंतिम सत्र में मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था से जुड़े बिन्दुओं पर चर्चा होगी।  

धान खरीदी के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल पर किसान पंजीयन अनिवार्य, 31 अक्टूबर अंतिम तिथि

एग्रीस्टैक पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर कर सकते हैं संपर्क रायपुर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु किसानों का एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य किया गया है। एग्रीस्टैक पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर संपर्क किया जा सकता है। खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने जानकारी दी कि एग्रीस्टैक पोर्टल भारत सरकार द्वारा विकसित एक यूनिफाइड एग्रीकल्चर डेटाबेस है, जिसमें किसानों का भूमि एवं आधार लिंक्ड पंजीयन किया जाता है। पंजीकरण उपरांत किसानों को एक यूनिक फार्मर आईडी (Unique Farmer ID) प्राप्त होती है। यह आधार लिंक्ड डेटाबेस शासन की विभिन्न योजनाओं के लाभ केवल वास्तविक पात्र किसानों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के तहत किसानों को सीधे भुगतान किया जाता है। अतः शासन की मंशा है कि सभी पात्र किसान सुशासन एवं पारदर्शिता के साथ इस योजना का वास्तविक लाभ प्राप्त करें। एग्रीस्टैक में आधार-आधारित पंजीयन और ई-केवाईसी की व्यवस्था से संपूर्ण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता, सटीकता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होगा। गत वर्ष राज्य के 25.49 लाख किसानों ने धान विक्रय किया था। वर्तमान वर्ष में अब तक 21.47 लाख किसानों ने एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण कर लिया है। शेष किसान अपने निकटतम सहकारी समिति या निर्धारित केंद्र में जाकर 31 अक्टूबर 2025 तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। इस संबंध में सभी समितियों और जिला कलेक्टरों को पूर्व में आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि एग्रीस्टैक पोर्टल डिजिटल क्रांति की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी, सटीक और किसान हितैषी बनाएगा। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष राज्य के 20 हजार ग्रामों में से 13 हजार 879 ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया गया है। इस डिजिटल क्रॉप सर्वे और मैनुअल गिरदावरी की रिपोर्टों का 2 से 14 अक्टूबर 2025 तक ग्राम सभाओं में पठन किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में मुनादी कर सूचना दी गई है और सर्वे सूची का पंचायत भवनों में प्रदर्शन (चस्पा) भी किया गया है। इस कार्यवाही की सतत निगरानी जिला कलेक्टर, खाद्य अधिकारियों तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जा रही है। यह पहल “डिजिटल एग्रीकल्चर और गुड गवर्नेंस” की दिशा में राज्य का एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है।

नागरिकों को सुगम राजस्व सेवाएं प्राप्त हों : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

राजस्व सहित जनहित के मुद्दों पर समर्पित रहा पांचवा सत्र भोपाल : कलेक्टर्स-कमिशनर्स कॉन्फ्रेंस के पहले दिन के पांचवें सत्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टर्स से कहा कि राजस्व विभाग को और भी जनोन्मुखी बनाया जाए जिससे शहरी और ग्रामीण नागरिकों को समय पर सुगम राजस्व विभाग की सेवाएं प्राप्त हो सकें। उन्होंने राजस्व प्रकरणों के समयबद्ध निराकरण, भू-अर्जन योजनाओं को शीघ्रता से पूर्ण किये जाने तथा राजस्व भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण कार्य में तेजी लाने की जरूरत बताई। पांचवे सत्र का अपर मुख्य सचिव श्री संजय कुमार शुक्ल ने संचालन किया। इस सत्र में राजस्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, EHRMS (ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम, अविरल नर्मदा, शैक्षणिक संस्थाओं एवं अस्पतालों हेतु जनसहयोग और सीएम हेल्पलाइन जैसे विभिन्न विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। राजस्व महाभियानों में 1 करोड़ से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण इस सत्र में राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी गई। फेसलैस और पेपरलैस क्षेत्राधिकार मुक्त साइबर तहसील की स्थापना को लेकर चर्चा हुई। राजस्व न्यायालयों में समर्पित पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति और प्रत्येक कार्यदिवस में राजस्व न्यायालय के संचालन को लेकर भी विमर्श हुआ। इस दौरान जानकारी दी गई कि 3 राजस्व महाभियानों में 1 करोड़ से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है। प्रदेश के 55 जिलों में पांच चरणों में स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन किया गया है, इसमें 39 लाख 63 हजार हितग्राहियों को निजी अधिकार अभिलेख वितरित किए गए हैं। भू-अर्जन प्रकरणों के त्वरित, पारदर्शी और समयबद्ध निराकरण के लिए लैंड एक्विजिशन मैनेजमेंट सिस्टम (LAMS) का विकास किया गया है। मध्यप्रदेश डिजिटल क्रॉप सर्वे में जीरो इंटरफ़ेरेंस (शून्य बफर) के साथ कार्य करने वाला एकमात्र राज्य बन गया है। यूनिफाइड पोर्टल ऐप MPeSeva के माध्यम से सभी सरकारी सेवाएं उपलब्ध सत्र में जानकारी दी गई कि प्रदेश के नागरिकों की समग्र परिवार आईडी 2 करोड़ 16 लाख हैं और कुल 6 करोड़ 47 लाख ई-केवायसी (E-kyc) की गई हैं। केस प्रबंधन एवं ट्रैकिंग प्रणाली (CMTS) बनाई गई है जो विभिन्न शासकीय विभागों में विविध प्रकरणों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करती है। यह प्रणाली, न्यायालयीन प्रकरणों में शासन की दक्षता, जवाबदेही एवं समन्वय को सुदृढ़ करती है। यूनिफाइड पोर्टल ऐप MPeSeva के माध्यम से सभी सरकारी सेवाएं उपलब्ध हैं। सिंगल साइन ऑन के अंतर्गत शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक ही लॉगिन एवं पासवर्ड से विभिन्न पोर्टल में लॉगिन की सुविधा दी गई है। सभी विभागों के नियमित कर्मचारियों के लिए तैयार वर्क फ्लो आधारित पोर्टल प्रदेश के सभी विभागों के 6 लाख 50 हजार से अधिक नियमित कर्मचारियों के लिए वर्क फ्लो आधारित पोर्टल तैयार किया गया है। अब तक 45 विभागों एवं 84 विभागाध्यक्ष कार्यालयों के 2 लाख 25 हजार कर्मचारी ऑनबोर्ड किए जा चुके हैं। "अविरल नर्मदा" गतिविधियों के समन्वय के लिए समिति गठन पर चर्चा सत्र में विमर्श हुआ कि निर्मल नर्मदा के लिए 16 जिलों को मुख्यतः कार्य करना होगा। नर्मदा क्षेत्र में क्रियान्वित गतिविधियों के समन्वय एवं अनुश्रवण के लिए समिति के गठन को लेकर भी चर्चा हुई। शैक्षणिक संस्थाओं एवं अस्पतालों हेतु जनसहयोग, सीएम हेल्पलाइन पर हुई सारगर्भित चर्चा इस दौरान में रेडक्रास एवं रोगी कल्याण समितियां, शाला विकास एवं जनभागीदारी समितियां, सीएसआर एवं जनभागीदारी योजना सहित विभिन्न बिंदुओं पर व्यापक चर्चा हुई। जिला एवं स्थानीय निकायों द्वारा संचालित कार्यक्रम एवं प्रयासों की जानकारी दी गई। सत्र में सीएम हेल्पलाइन के गंभीरतापूर्वक क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा हुई। मिशन कर्मयोगी पर सीखें सप्ताह एवं पाठ्यक्रम प्रकाशन की जानकारी भी साझा की गईं।  

‘बस्तर राइजिंग’ अभियान से बस्तर की कला, संस्कृति और संभावनाओं को मिलेगा नया आयाम

रायपुर छत्तीसगढ़ शासन  के जनसंपर्क विभाग और बस्तर संभाग के सभी जिलों के जिला प्रशासन  के संयुक्त प्रयास से “बस्तर राइजिंग” नामक विशेष अभियान 8 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। दो सप्ताह तक चलने वाला यह अभियान बस्तर संभाग के सातों जिलों में आयोजित किया जाएगा।      इस अभियान का उद्देश्य बस्तर की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और उद्यमशील क्षमताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करना है। अभियान के दौरान विशेषज्ञों, युवाओं, शिल्पकारों और स्थानीय समुदायों के बीच संवाद, कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन किए जाएंगे।     “बस्तर राइजिंग” का कारवां केशकाल, नारायणपुर, कोण्डागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, चित्रकोट, बारसूर और जगदलपुर का भ्रमण करेगा। इस दौरान बस्तर की कला, हस्तशिल्प, कृषि, पर्यटन, खेल और शिक्षा से जुड़ी संभावनाओं पर विशेष फोकस किया जाएगा।     अभियान का समापन रायपुर में “हार्मोनी फेस्ट 2025” के रूप में होगा, जिसमें बस्तर की प्रेरक कहानियाँ, नवाचार और सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित की जाएंगी। यह आयोजन “दिल मेला – दिल में ला” थीम पर आधारित होगा।

पाक की हार और झूठी कहानियां! वायुसेना चीफ ने पेश किए 6 ठोस सबूत

नई दिल्ली भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हर युद्ध में झूठी और आकर्षक कहानियां गढ़ता है, ताकि अपनी हार छिपा सके. ऑपरेशन सिंदूर जैसे हाल के संघर्ष में भी पाक ने झूठ फैलाए. वायुसेना प्रमुख का यह बयान पाक की प्रोपेगैंडा मशीनरी पर सटीक है. 6 ऐतिहासिक फैक्ट्स से समझते हैं कि पाकिस्तान कैसे युद्धों में झूठ बुनता रहा है. 1. 1947-48 कश्मीर युद्ध: 'आजादी की लड़ाई' का झूठ पाकिस्तान ने कबायली हमले को 'आजादी की लड़ाई' बताया, लेकिन यह पाक आर्मी समर्थित आक्रमण था. पाक ने दावा किया कि स्थानीय विद्रोह है, लेकिन दस्तावेजों से साबित हुआ कि पाक ने हजारों सैनिक भेजे. भारत ने श्रीनगर बचाया, लेकिन पाक ने अपनी हार को 'नैतिक जीत' कहा. 2. 1965 युद्ध: 'ग्रैंड स्लैम' की काल्पनिक जीत पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम' को सफल बताया, दावा किया कि जम्मू पर कब्जा कर लिया. लेकिन भारत ने पलटवार से लाहौर पर हमला किया. पाक ने प्रोपेगैंडा में कहा कि भारत हार गया, जबकि ताशकंद समझौते में पाक ने कब्जे वाले इलाके छोड़े. 'जीत की कहानी' पाक मीडिया ने फैलाई. 3. 1971 युद्ध: सैन्य हार को 'भारतीय आक्रमण' का नाम पाकिस्तान ने पूर्वी पाक (अब बांग्लादेश) में हार को 'भारतीय साजिश' कहा. 93,000 सैनिकों की सरेंडर को नकारा. पाक ने दावा किया कि युद्ध 'नैतिक जीत' था, लेकिन शिमला समझौते में हार स्वीकार की. प्रोपेगैंडा ने कहा कि पाक ने 'इस्लामी एकता' बचाई. 4. 1999 कारगिल युद्ध: 'मुजाहिदीन' का झूठा नाम पाकिस्तान ने कारगिल घुसपैठ को 'कश्मीरी मुजाहिदीन' की लड़ाई बताया, सेना की संलिप्तता नकारा. लेकिन पकड़े और मारे गए पाक सैनिकों के दस्तावेजों से साबित हुआ कि पाक आर्मी ने घुसपैठ की. नवाज शरीफ ने बाद में माना, लेकिन प्रोपेगैंडा ने 'जीत' का दावा किया. 5. 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक: 'दो जेट गिराए' का झूठ बालाकोट हमले के बाद पाक ने दावा किया कि दो भारतीय जेट गिराए. लेकिन केवल एक मिग-21 गिरा. पाक का एफ-16 भी नष्ट हुआ. पाक ने विंग कमांडर अभिनंदन की गिरफ्तारी को 'बड़ी जीत' बताया, लेकिन सच्चाई सामने आई. 6. 2025 ऑपरेशन सिंदूर: 'राफेल गिराया' की फर्जी वीडियो हाल के ऑपरेशन सिंदूर में पाक ने दावा किया कि भारतीय राफेल जेट गिराए, अमृतसर पर हमला किया. लेकिन पीआईबी ने साबित किया कि ये फर्जी वीडियो और एआई-जनरेटेड कहानियां हैं. पाक मीडिया ने 'सिविलियन मौतों' का प्रोपेगैंडा फैलाया, लेकिन सच्चाई उलट थी.

डबरी ने खोले समृद्धि के द्वार, दुलार सिंह का सपना हुआ साकार

      रायपुर, जांजगीर-चांपा जिले की ग्राम पंचायत जाटा के बहेराडीह के दुलार सिंह खेत में एक डबरी बनाने से ही खेती और पशुपालन में होने वाली बढ़ौत्तरी का सजीव उदाहरण बन गए हैं। दुलार सिंह ने यह डबरी भी मनरेगा योजना के माध्यम से बनवाई है। ग्रामीण जीवन का आधार सदैव कृषि और पशुपालन रहा है, परंतु इन दोनों ही कार्यों की आत्मा जल है । यदि जल की व्यवस्था सुदृढ़ हो जाए तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था स्वयं सशक्त हो जाती है। इसी सोच को श्री दुलार सिंह ने साकार रूप दिया है।        डबरी निर्माण होने से पूर्व श्री दुलार सिंह को अपने खेतों की सिंचाई हेतु जल की कमी रहती थी, जिससे सीमित फसल ही ले पाते थे। इसके अलावा बतख पालन, मछली पालन एवं धान की खेती की सिंचाई करने के लिए हमेशा पानी की कमी को महसूस करते आ रहे थे, ऐसे में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से ग्राम पंचायत जाटा में श्री दुलार सिंह के खेत पर डबरी निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्राम जाटा के किसान श्री दुलार सिंह द्वारा अपनी निजी भूमि पर डबरी निर्माण कार्य कराया गया। इस कार्य के लिए  2.14 लाख की प्रशासकीय राशि स्वीकृत की गई इसका कार्य प्रारंभ हुआ और जून 2024 को पूर्ण हुआ। इसमें कुल 380 मानव दिवसों के सृजन से 37 श्रमिक परिवारों को 92,577 की मजदूरी प्राप्त हुई। इससे न केवल रोजगार सृजन हुआ बल्कि जल संरक्षण और कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हुई। अब डबरी में वर्षा जल का संचयन होने से वर्षभर खेतों की सिंचाई सुचारू रूप से हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने मत्स्य पालन एवं पशुपालन शुरू किया, जिससे अतिरिक्त आमदनी का स्रोत भी बना।         श्री दुलार सिंह बताते हैं कि मनरेगा योजना के अंतर्गत डबरी निर्माण से अब मेरी खेती सिंचित हो रही है। इससे धान के साथ-साथ मेढ़ पर सब्ज़ियाँ भी उगा पा रहा हूँ। डबरी में रोहू एवं पंगास मछली 2 कि.ग्रा. मछली के बीज डाले गये है। आगामी माह में मछली 01 किलो होने के बाद इन्होने बाजार में बिक्री करेंगे, जिससे आमदनी प्राप्त होगी। श्री दुलार सिंह अपने निर्मित डबरी के मेंड़ पार पर हल्दी एवं तिल का फसल लगाया हुआ है, जिसे वह हल्दी एवं तिल को अपने घर के लिये उपयोग करेंगे। मत्स्य पालन और पशुपालन से घर की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ग्राम पंचायत सरपंच एवं रोजगार सहायक ने बताया कि इस कार्य से गांव के अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिली है। ग्रामीण अब अपनी भूमि पर जल संरक्षण संरचनाएँ बनवाने हेतु आगे आ रहे हैं। इस डबरी निर्माण कार्य ने न केवल श्री दुलार सिंह के जीवन में स्थायी आजीविका का आधार तैयार किया है, बल्कि यह मनरेगा के उद्देश्य रोजगार के साथ स्थायी संपत्ति निर्माण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है।

जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर दोबारा हमला, बलूच विद्रोहियों ने ली जिम्मेदारी

बलूचिस्तान पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को निशाना बनाकर एक बार फिर विस्फोट किया गया। इसमें कई लोग घायल हो गए। क्वेटा की ओर जा रही इस ट्रेन पर सिंध-बलूचिस्तान सीमा के पास सुल्तानकोट क्षेत्र में एक तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (IED) से हमला किया गया। इसके कारण कम से कम छह डिब्बे पटरी से उतर गए। यह इस साल मार्च के बाद से जाफर एक्सप्रेस पर हुआ ताजा हमला है। बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने दावा किया गया कि ट्रेन में पाकिस्तानी सेना के जवान यात्रा कर रहे थे। समूह ने अपने बयान में कहा, "यह हमला तब किया गया जब पाकिस्तानी सेना के जवान ट्रेन में सवार थे। विस्फोट के परिणामस्वरूप कई सैनिक मारे गए और घायल हुए साथ ही ट्रेन के छह डिब्बे पटरी से उतर गए।" हालांकि, अभी तक किसी की मौत की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बलूच विद्रोहियों का दावा बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स ने अपने बयान में यह भी कहा कि "ऐसे हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक बलूचिस्तान की आजादी नहीं मिल जाती।" घटनास्थल पर बचाव दल और सुरक्षा बल पहुंच चुके हैं, और राहत कार्य चल रहा है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में घायल लोगों को दिखाया गया है, जो इस हमले की गंभीरता को दर्शाता है। जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर तक चलती है। इस साल कई बार निशाना बन चुकी है। मार्च में सबसे घातक हमला हुआ था, जब बोलन क्षेत्र में ट्रेन को हाइजैक कर लिया गया था, जिसमें 21 यात्रियों और चार सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने 33 आतंकवादियों को मार गिराया था।

भौतिकी में नोबेल की त्रयी: जॉन क्लार्क, मिशेल डेवोरेट और जॉन मार्टिनिस को मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार

स्टॉकहोम  भौतिकी में एक प्रमुख प्रश्न किसी ऐसे तंत्र का अधिकतम आकार है जो क्वांटम यांत्रिक प्रभावों को प्रदर्शित कर सके। इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने एक विद्युत परिपथ के साथ प्रयोग किए, जिसमें उन्होंने क्वांटम यांत्रिक सुरंग निर्माण और क्वांटाइज्ड ऊर्जा स्तरों को एक ऐसे तंत्र में प्रदर्शित किया जो हाथ में पकड़ने लायक बड़ा था। इस साल का भौतिकी में नोबेल पुरस्‍कार जॉन क्लार्क कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले, अमेरिका, मिशेल एच. डेवोरेट येल विश्वविद्यालय, न्यू हेवन, कनेक्टिकट और कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा, अमेरिका जॉन एम. मार्टिनिसए कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा को दिया गया है। वर्ष 2025 के नोबेल पुरस्कार की घोषणा सोमवार से शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत स्टॉकहोम के कारोलिंस्का संस्थान में एक समिति द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा के साथ हुई है। मंगलवार को भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का ऐलान हुआ है। भौतिकी का नोबेल पुरस्कार 3 वैज्ञानिकों जॉन क्लार्क, मिशेल एच डेवोरेट, जॉन एम मार्टिनिस दिया गया है। नोबेल समिति के अध्यक्ष ओले एरिक्सन ने कहा, “यह सचमुच अद्भुत है कि क्वांटम यांत्रिकी, जो सदियों पुरानी अवधारणा है, आज भी हमें नई खोजों से चकित कर रही है। यह न केवल रोचक है, बल्कि बेहद उपयोगी भी है, क्योंकि यही विज्ञान आधुनिक डिजिटल तकनीक की नींव है।”  स्वीडन की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को कहा कि, कंप्यूटर चिप्स में इस्तेमाल होने वाले ट्रांजिस्टर हमारे आसपास मौजूद क्वांटम तकनीक का एक बेहतरीन उदाहरण हैं। समिति की ओर से जारी बयान में बताया गया कि इस साल का फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार उन खोजों को सम्मानित करता है, जिन्होंने क्वांटम तकनीक की नई पीढ़ी का रास्ता खोला है। इसमें क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम सेंसर जैसे उन्नत क्षेत्रों के विकास की अपार संभावनाएं शामिल हैं। 226 वैज्ञानिकों को मिला है भौतिकी का नोबेल पुरस्कार एक दिन पहले ही तीन वैज्ञानिकों मैरी ई.ब्रुनको, फ्रेड रैमस्डेल और डॉ शिमोन साकागुची को चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई थी। साल 1901 से 2024 के बीच 118 बार भौतिकी के क्षेत्र में यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है। अब तक 226 वैज्ञानिकों को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पिछले साल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अग्रदूत जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग के आधार स्तंभ बनाने में मदद के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।  कब होगा नोबेल शांति पुरस्कार का ऐलान? नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की कड़ी में बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र के विजेताओं के नाम घोषित किए जाएंगे। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार की घोषणा 13 अक्टूबर को की जाएगी। पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जो इसके संस्थापक स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है। नोबेल की 1896 में इसी दिन मृत्यु हुई थी। इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है।

यात्रा होगी और सुगम: डोंगरगढ़-गोंदिया चौथी रेल मार्ग परियोजना को मिली स्वीकृति

रायपुर केंद्र सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बीच डोंगरगढ़-गोंदिया रेलवे लाइन के चौथे ट्रैक के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 84 किलोमीटर लंबा नया रेल मार्ग 5 साल में पूरा किए जाने का टारगेट रखा गया है. इसके अलावा अन्य तीन रेल लाईन कुल 2,223 करोड़ के प्रोजक्ट की स्वीकृति मीली है. जिसमें भुसावल-वर्धा 314 किलोमीटर में 3rd और 4th लाईन, वडोदरा-रतलाम 259km में 3rd और 4th लाईन, इटारसी-बीना 4th लाईन 237km शामिल है. यह परियोजना पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान का हिस्सा है, जो पूर्वी, मध्य और पश्चिमी भारत के बीच यात्री तथा माल ढुलाई को मजबूत बनाएगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट न केवल ट्रैफिक जाम कम करेगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.