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अमृतसर में गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व, 3 लाख श्रद्धालुओं की उमड़ी आस्था, शहर सजा फूलों और रोशनी से

अमृतसर  बुधवार को सिखों के चौथे गुरु रामदास जी की 490वीं जयंती का पावन प्रकाश पर्व पूरे पंजाब में धूमधाम और पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है।श्रद्धालु सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने के लिए पहुंच रहे हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु सिर्फ देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी गुरु रामदास जी के पर्व पर गुरुद्वारों में आशीर्वाद लेने के लिए जा रहे हैं। पर्व को देखते हुए शिरोमणि कमेटी ने भी पर्याप्त इंतजाम किए हैं और सचखंड श्री दरबार साहिब को कई प्रकार के फूलों से सजाया गया है। भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान भी रखा गया है। मान्यता है कि आज के दिन श्रद्धालु गुरुघर के पवित्र सरोवर में स्नान करके श्री गुरु रामदास जी के सामने माथा टेक कर आशीर्वाद लेते हैं। पवित्र सरोवर में स्नान करने से आत्मा शुद्ध हो जाती है। गुरुघर के सरोवर में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी है। स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। रात को दीपमालिका और आतिशबाजी का आयोजन रात्रि के समय शानदार आतिशबाजी और घी के एक लाख दीपक जलाए जाएंगे, जो संपूर्ण वातावरण को एक दिव्य प्रकाश से आलोकित कर देंगे। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक भक्ति का प्रतीक है, बल्कि सिख परंपरा की सेवा, विनम्रता और भाईचारे की भावना को भी सजीव करता है। आज पूरे दिन धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे। साथ ही गोल्डन टेंपल, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब में विशेष सजावट की ​है। पूरा दिन गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हॉल में राग दरबार एवं पारंपरिक शब्द कीर्तन दरबार का आयोजन होगा, जिसमें पंथ के फेमस रागी जत्थे राग आधारित कीर्तन संगत को सुनाएंगे। सेवा अपनाने की अपील इसी अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने देश-विदेश की संगतों को प्रकाश गुरुपर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चौथे पातशाह श्री गुरु रामदास जी का जीवन सेवा, प्रेम-भक्ति और श्रेष्ठ गुणों से भरपूर है। गुरु साहिब द्वारा पूर्ण श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से निभाई गई सेवा की मिसाल दुनिया के इतिहास में कहीं और नहीं मिलती। उन्होंने सिख धर्म के वृक्ष को फलने-फूलने के लिए अनेक कार्य किए और जनमानस को आत्मिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से मार्गदर्शन और प्रेरणा दी। धामी ने सिख समुदाय से अपील की कि गुरु साहिब के महान जीवन से प्रेरणा लेकर अपने भीतर नम्रता, सेवा और सिमरन की भावना विकसित करें तथा सिख पंथ के सिद्धांतों को अपने व्यावहारिक जीवन का हिस्सा बनाएं। इसके अलावा शाम को श्रद्धालु रहरस के पाठ और दीप माला करेंगे और एसजीपीसी की ओर से आतिशबाजी की जाएगी। गुरुघर में पर्व के मौके पर श्री अखंड पाठ साहिब का पाठ भी रखा गया है। पर्व के मौके पर सचखंड श्री दरबार साहिब, श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब को फूलों के साथ-साथ कीमती सोने और चांदी की चीजों से सजाया गया है। गुरुघर को लाइटों से सजा दिया गया है। श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बनती है। सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभी पवित्र स्थानों में भक्त दर्शन करेंगे। श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल है क्योंकि ऐसे पावन अवसर पर उन्हें गुरुघर आने का मौका मिला और श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। श्रद्धालु जंगबहादुर सिंह ने khabarwala24 से बातचीत में कहा कि वे बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरुघर आने का मौका मिला और वे अपनी बाकी की जिंदगी गुरु रामदास जी के चरणों में बिताना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यहां जैसा सुकून किसी और दर पर नहीं है, यहां आए सभी लोगों पर गुरु अपनी कृपा करें और सभी लोग अपने बच्चों और घर के बड़े बुजुर्गों के साथ जरूर आएं।

सावधान! घर में रखी ये मूर्तियां कर सकती हैं आपकी खुशियों को खराब

घर में छोटे-छोटे वास्तु नियमों का ध्यान रखने से आपको जीवन में कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। साथ ही आपको वास्तु दोष का भी सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, आपको अपने घर में किन मूर्तियों को रखने से बचना चाहिए, वरना आपकी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मंदिर में न रखें ऐसी मूर्ति घर में कभी भी नटराज, शनिदेव, राहु-केतु और उग्र रूप वाले देवी-देवताओं जैसे मां काली, काल भैरव देव की मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता और अशांति फैल सकती है। इसके स्थान पर भगवान की शांत और सौम्य रूप वाली मूर्तियां ही मंदिर में रखनी चाहिए। इसके साथ ही आपके मंदिर में एक से अधिक शिवलिंग भी नहीं होने चाहिए, वरना आपको शुभ परिणाम नहीं मिलते। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि आपको अपने घर के मंदिर ऐसी मूर्तियां बिल्कुल भी नहीं रखनी चाहिए, जो खंडित हो, क्योंकि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ने लगता है, जिससे घ में लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनने लगती है। ऐसे में आप इन मूर्तियों को क्षमायाचना करते हुए किसी बहते हुए जल में प्रवाहित कर सकते हैं, इससे आपको दोष नहीं लगता। या फिर इन मूर्तियों को किसी पीपल के पेड़ के नीचे भी रख सकते हैं। ऐसी मूर्तियां रखना भी है अशुभ वास्तु शास्त्र में माना गया है कि घर के मंदिर में ऐसी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए, जो युद्ध या हिंसा को दर्शाती हैं। इन मूर्तियों से घर में नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है, जिससे जीवन में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। ऐसे में अगर आप अपने घर में मूर्ति से संबंधित इन नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे जीवन में सुख-शांति का वास बना रहता है।  

भ्रष्टाचार केस में MLA रमन अरोड़ा की बहू को समन भेजने पर DSP अरमिंदर सिंह निलंबित, कोर्ट में आज सुनवाई

जालंधर  विजिलेंस विभाग के डीएसपी अरमिंदर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी साझा नहीं की गई है। वहीं कहा जा रहा हैकि ड्यूटी में कोताही बरतने को लेकर यह कार्रवाई की गई है। डीएसपी अरमिंदर को अब अमृतसर की पीएपी 9वीं बटालियन में तैनात किया गया है। दूसरी ओर कहा यह भी जा रहा हैकि डीएसपी पर गाज गिरने का मामला विधायक रमन अरोड़ा के केस से जुड़ा हुआ है। दरअसल, डीएसपी अरमिंदर सिंह वही अधिकारी हैं, जिन्होंने विधायक रमन अरोड़ा की बहु साक्षी अरोड़ा को सम्मन भेजा था। जिसके बाद अगले दिन ही डीएसपी पर गाज गिर गई। इस पूरे मामले में आज कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि डीएसपी के सस्पेंशन और विजिलेंस जांच की दिशा को लेकर अदालत में कई नए सवाल उठ सकते हैं। आज की सुनवाई में कोर्ट के रुख पर सबकी निगाहें हैं। डीएसपी अरमिंदर सिंह का अचानक हटना और जांच की रफ्तार पर ब्रेक लगना इस केस को और संवेदनशील बना रहा है। अब देखना यह होगा कि अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है। विजिलेंस टीम ने जांच में पाया कि विधायक रमन अरोड़ा के साढ़ू राजन कपूर के बेटे हितेश कपूर और उनकी बहू साक्षी अरोड़ा की फर्म श्री श्याम टेक्सटाइल्स में करोड़ों रुपए के लेनदेन हुए हैं। यह फर्म 2021 में शुरू हुई थी और तीन साल में इसका टर्नओवर 4.42 करोड़ से बढ़कर 7.39 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। फंड के स्रोत और बैंकिंग ट्रांजैक्शन की जांच के लिए ही साक्षी अरोड़ा को समन भेजा गया था। विजिलेंस को 2021 से 2025 के बीच मदान कार्ड्स, जगदंबे फैशन और श्री श्याम टेक्सटाइल्स जैसी कंपनियों में करोड़ों के ट्रांजैक्शन मिले हैं। विधायक की पत्नी के खाते में 15 लाख रुपये कारोबारी महेश कालड़ा द्वारा जमा कराए गए थे।  

जुबीन गर्ग के निधन मामले में नया मोड़, DSP और संदीपन गर्ग को असम पुलिस ने किया गिरफ्तार

असम गायक जुबीन गर्ग के निधन मामले में चल रही जांच में एक नया मोड़ आया है। पुलिस ने गायक के चचेरे भाई और असम पुलिस सेवा अधिकारी संदीपन गर्ग को गिरफ्तार कर लिया है। वह सिंगापुर में उस नौका पर गायक के साथ मौजूद थे, जहां उनका निधन हुआ था। एसआईटी/सीआईडी ने अब तक इस मामले में कार्यक्रम आयोजक श्यामकानु महंत, जुबीन गर्ग के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, जुबीन के बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी और सह-गायक अमृतप्रभा महंत सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया सीआईडी की तरफ से की गई कई पूछताछ के बाद संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले दिवंगत गायक के कई करीबी सहयोगियों के साथ भी पूछताछ की गई थी। संदीपन गर्ग को आज चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में पेश किया जाएगा। संदीपन गर्ग से पहले, पुलिस ने इस मामले में चार अन्य को गिरफ्तार किया था। शेखर ज्योति गोस्वामी ने आरोप लगाया था कि गायक के मैनेजर और सिंगापुर में जिस कार्यक्रम में उन्हें परफॉर्म करना था, उसके आयोजक ने उन्हें जहर दिया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने इस बात को छिपाने के लिए खास तौर पर एक विदेशी जगह चुनी। 19 सितंबर को हुआ था निधन ख्याल रहे कि असमिया गायक जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में एक द्वीप के पास तैरते समय निधन हो गया था। वह नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में परफॉर्म करने के लिए सिंगापुर में थे और नौका यात्रा पर गए थे। उनके निधन के बाद उनके शव को दिल्ली लाया गया। इसके बाद असम में लाया गया। यहां दोबारा पोस्टमार्टम के बाद उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।  

आनंदपुर साहिब नया जिला बनने की राह पर, होशियारपुर की सीटें होंगी शामिल, खर्च तय 560 करोड़

 चंडीगढ़  श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें बलिदान दिवस पर राज्य सरकार श्री आनंदपुर साहिब को जिला बनाने की घोषणा कर सकती है। यह राज्य का 24वां जिला होगा। इसे लेकर कवायद भी चल रही है। राज्य सरकार ने संबंधित विभागों को इस जिले में कौन कौन से क्षेत्र शामिल कर सकते हैं, इसका पता लगाने को कहा है। दरअसल में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें बलिदान दिवस को राज्य सरकार बड़े पैमाने पर मनाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए कई कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। पहली बार पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र भी विधानसभा से बाहर श्री आनंदपुर साहिब में करवाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि आनंदपुर साहिब को अगर जिला बनाया जाता है तो इसमें कौन से दो विधानसभा हलकों को रखा जाए, इस पर भी चर्चा चल रही है। आनंदपुर साहिब क्षेत्र होशियारपुर और रूपनगर (रोपड़) जिलों की विधानसभाओं में बंटा हुआ है। स्थानीय जनता, धार्मिक संस्थान और जनप्रतिनिधि लंबे समय से इसे अलग जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। प्रशासनिक सहूलियत और क्षेत्रीय विकास के लिहाज से भी यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 560 करोड़ खर्च होने का अनुमान सरकार द्वारा गठित की गई एक उच्चस्तरीय समिति ने नए जिलों के गठन की संभावनाओं का आकलन किया है। एक जिले के गठन में लगभग 560 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, जिसमें अधोसंरचना, प्रशासनिक भवन, कर्मचारियों की नियुक्ति आदि शामिल हैं। नए जिले में कौन-कौन सी सीटें होंगी शामिल? अनुमान लगाया जा रहा है कि नए आनंदपुर साहिब जिले में होशियारपुर जिले की एक या दो विधानसभा सीटें भी शामिल की जा सकती हैं। इसके साथ ही यह भी चर्चा है कि आनंदपुर साहिब और नंगल क्षेत्र को मुख्य केंद्र बनाकर नए जिले का गठन किया जाएगा। CM ने की थी 'हेरिटेज स्ट्रीट' प्रोजेक्ट की शुरुआत 3 दिन पहले रूपनगर जिले के श्री आनंदपुर साहिब में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 50 साल बाद “हेरिटेज स्ट्रीट” प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस योजना का मकसद इस पवित्र और ऐतिहासिक शहर को दुनियाभर में सांस्कृतिक और पर्यटन के रूप में पहचान दिलाना है। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम फैसला इस तरह के फैसले से सरकार को धार्मिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों में इसका लाभ लेने की भी संभावनाएं हैं। खर्चा का है अहम सवाल श्री आनंदपुर साहिब इस समय रोपड़ जिले का हिस्सा है जिसमें तीन विधानसभा हलके आते हैं। रोपड़, श्री आनंदपुर साहिब और श्री चमकौर साहिब। श्री आनंदपुर साहिब के पड़ोसी जिले होशियारपुर में छह सीटें हैं। यह भी चर्चा है कि इस जिले की एक या दो सीटों को श्री आनंदपुर साहिब में शामिल कर लिया जाए। श्री आनंदपुर साहिब के साथ होशियारपुर जिले की गढ़शंकर सीट लगती है, लेकिन असल सवाल नए जिले में सीटों को शामिल करने का नहीं बल्कि नए जिले पर होने वाले खर्च को लेकर भी है। 28 करोड़ रुपये वार्षिक देना होगा वेतन विभागीय सूत्रों का कहना है कि एक नया जिला बनाने में 560 करोड़ रुपये तो उसमें बनने वाले नए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ही आता है, जिसमें सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए दफ्तर, आवास आदि शामिल हैं। इसके अलावा नई जिला अदालतें, उनमें काम करने वाले जजों के लिए आवास आदि पर भी खर्च आता है। यही नहीं,हर नए जिले पर अतिरिक्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर खर्च करने पर भी 28 करोड़ रुपये वार्षिक वेतन बढ़ने के भी आसार हैं। ऐसे में पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार के लिए इस अतिरिक्त खर्च को वहन करना मुश्किल होगा। दूसरा विभागीय अधिकारियों में इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है कि क्या श्री आनंदपुर साहिब को जिला बनाने की जरूरत है? या सिर्फ राजनीतिक फैसला है? एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय मालेरकोटला को जिला बनाया गया और इसमें दो विधानसभा सीटें मालेरकोटला और अमरगढ़ शामिल की गईं, लेकिन कांग्रेस ये दोनों सीटें हार गई। जिलास्तरीय आधारभूत ढांचा नहीं हो पाया विकसित उनका कहना था कि अगर बहुत बड़े जिले हों और लोगों को अपने काम करवाने के लिए दिक्कत आ रही हो तब तो यह बात समझ में आती है लेकिन एक बहुत ही छोटे जिले को तोड़कर उसका एक और जिला बनाना किसी भी रूप से तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि मालेरकोटला जिला बने हुए चार साल से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन आज तक वहां जिला स्तरीय आधारभूत ढांचा विकसित नहीं हो पाया। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाई कोर्ट ने मालेरकोटला के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को सरकारी आवास खाली करने संबंधी जो आदेश दिया था ,को वापस लेने की मांग को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने खंडपीठ ने सरकार की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि मालेरकोटला को जून 2021 में जिला बनाया गया और अगस्त 2023 में इसे सत्र डिवीजन घोषित किया गया, लेकिन अब तक न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचा तक खड़ा नहीं हुआ। चीफ जस्टिस ने सख्त लहजे में कहा था कि चार साल बीत गए लेकिन आपने जजों के लिए आवास तक तैयार नहीं किए। 

टेक्नोलॉजी में भारत की छलांग: पीएम मोदी ने किया इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 का उद्घाटन, बोले – एक कप चाय से भी कम में 1GB डेटा

नई दिल्ली भारत और एशिया के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी मेले के तौर पर पहचान रखने वाले इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 का आज आगाज हो गया है। आईएमसी 2025 का आयोजन 8 से 11 अक्टूबर तक नई दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस इवेंट का उद्घाटन करते हुए लोगों को संबोधित किया। मोदी बोले- 'तेजी से बदल रही है टेक्नोलॉजी' पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की युवा पीढ़ी टेक क्रांति में अहम योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि पहले फ्यूचर का मतलब अगला शतक या अगले 10-20 साल होते थे, लेकिन टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से बदल रही है कि अब हम कहते हैं, "द फ्यूचर इज हेयर एंड नाऊ।" चाय की कीमत से भी कम में डेटा पीएम मोदी ने भारत में सस्ते मोबाइल डेटा की ओर ध्यान खींचते हुए कहा, "आज देश में 1 जीबी वायरलेस डेटा की कीमत एक कप चाय की कीमत से भी कम है। डेटा खपत की बात करें, तो भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है। इसका मतलब है कि डिजिटल कनेक्टिविटी अब कोई विलासिता या विशेषाधिकार नहीं रही, बल्कि भारतीय जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।" मोदी ने कहा,"मैंने प्रदर्शनी में लगे कुछ स्टॉल्स देखे जिसमें मुझे भविष्य की झलक दिखी। टेलीकॉम कनेक्टिविटी, 6जी टेक्नोलॉजी, एआई, साइबर सिक्योरिटी सेमीकंडक्टर्स, ड्रोन-स्पेस टेक्नोलॉजी, डीप-सी और ग्रीन-टेक आदि समेत अन्य टेक्नोलॉजी सेक्टर्स में आने वाला समय बिलकुल ही अलग होने जा रहा है।" पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 6जी टेक्नोलॉजी में भारत दुनिया को लीड करेगा। मोदी ने इंटरनेट स्पीड का महत्व बताते हुए कहा कि इंटरनेट स्पीड केवल नंबर और रैंकिंग के लिए ही नहीं होते, बल्कि अच्छी इंटरनेट स्पीड "इज ऑफ लिविंग" को भी बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा, "इंटरनेट स्पीड बढ़ने से कनेक्टिविटी और आसान हो जाती है। टेक्नोलॉजी ने आम नागरिकों को वो अधिकार दिलाने में सहायता की है जो पहले मिलना मुश्किल थे और इसमें टेलीकॉम सेक्टर ने बड़ी भूमिका निभाई है।" 2 लाख ग्राम पंचायतों में पहुंचा केबल इंटरनेट पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत नेट प्रोजेक्ट ने 2 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ा है। मोदी ने कहा कि अटल टिंकरिंग लैब (ATL) मिशन में 10,000 लैब्स के जरिए 75 लाख बच्चों को कटिंग-एज टेक्नोलॉजी से जोड़ा जा चुका है। पीएम ने आगे कहा कि आज तकनीकी संस्थानों में 100 यूज्ड केस लैब्स की शुरूआत से इसका ग्राफ बढ़ने वाला है। एशिया का सबसे बड़ा टेक और टेलीकॉम इवेंट इंडिया मोबाइल कांग्रेस एशिया का सबसे बड़ा टेलीकॉम, मीडिया और टेक्नोलॉजी इवेंट है। इस बार इसमें दुनिया भर के उद्योग विशेषज्ञ, नीति निर्माता, और टेक इनोवेटर्स हिस्सा लेंगे। चार दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में ऑप्टिकल कम्युनिकेशन, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कम्युनिकेशन, 6G, और फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर्स जैसे कई अहम विषयों पर प्रदर्शनी और चर्चा होगी। IMC 2025 में 150 से ज्यादा देशों के 1.5 लाख से अधिक विजिटर्स और 400 से ज्यादा कंपनियां भाग ले रही हैं। कार्यक्रम में 800 से ज्यादा स्पीकर्स और 100 से अधिक सेशन होंगे, जिनमें जापान, कनाडा, ब्रिटेन, रूस, आयरलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे देशों के प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होंगे। इस इवेंट को अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

कानूनी पच में फंसा मौलाना तौकीर: 10 मुकदमे और कोर्ट सुनवाई तय

बरेली फतेहगढ़ जेल में बंद आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां कानूनी दांवपेंच के चक्रव्यूह में फंस गया है। फिलहाल उसका जेल से निकलना मुश्किल नजर आ रहा है। कोतवाली के अलावा बवाल के दिन दर्ज नौ अन्य मुकदमों में साजिशकर्ता के रूप में तौकीर को नामजद किया गया है। इन मुकदमों के विवेचकों ने तौकीर का वारंट बी फतेहगढ़ जेल में दाखिल किया है। मौलाना की तलबी 14 अक्तूबर को की जानी है। दंगा कराने में 2010 से मौलाना तौकीर का नाम कई बार उछलता रहा है, लेकिन मौलाना पर कभी बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी। कभी सत्ताधारियों का करीबी होने का मौलाना को फायदा मिला तो कभी सरकारों ने दरगाह परिवार से जुड़ाव के मद्देनजर तौकीर को रियायत बख्श दी। इस बार 26 सितंबर को प्रदर्शन का आह्वान करके मौलाना तौकीर ने मुसीबत मोल ले ली। मौलाना फतेहगढ़ जेल में और उसके खास गुर्गे बरेली जेल में बंद हैं। पांच थानों में दर्ज हैं दस मुकदमे 26 सितंबर को शहर में हुए बवाल के बाद पुलिस ने पांच थानों में दस मुकदमे दर्ज किए थे। इनमें से कोतवाली के पांच मुकदमों समेत सात में मौलाना तौकीर का नाम शामिल था। चूंकि आयोजन तौकीर रजा के ही बुलावे पर होना था, इसलिए बाकी मामलों में भी साजिशकर्ता के तौर पर तौकीर का नाम जोड़ा गया है। इस तरह हालिया नौ मुकदमों में तौकीर को आरोपी बनाया गया है। इन नौ मामलों में बी वारंट फतेहगढ़ जेल में दाखिल किया गया है। इसके अलावा वर्ष 2019 में सीएए एनआरसी मामले में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का मामला अभी तक कोतवाली में प्रचलित था, इसके विवेचक ने भी मौलाना को अपने मामले में आरोपी बताकर बी वारंट दाखिल किया है। सोमवार को टली सुनवाई, अब 14 अक्तूबर को होगी शुरू में सात मामलों में मौलाना को तलब कराने के लिए बी वारंट दाखिल किया गया था। इसके लिए सोमवार को सुनवाई होनी थी। बताते हैं कि फतेहगढ़ जेल प्रशासन ने स्टाफ की कमी की मजबूरी जताई तो सुनवाई टल गई। अब 14 अक्तूबर की तारीख सुनवाई के लिए लगी है। तौकीर को इस दिन फतेहगढ़ जेल से लाकर बरेली कोर्ट में पेश किया जा सकता है। चूंकि जल्द ही दीपावली है, इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई होने के आसार ज्यादा हैं। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा से संबंधित सभी मुकदमों में विवेचना से लेकर गिरफ्तारी तक उच्च अधिकारियों की देखरेख में चल रही है। निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई की जा रही है। मौलाना को दी जा रहीं ज्ञानवर्धक पुस्तकें मौलाना तौकीर रजा 27 सितंबर से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल की तन्हाई बैरक में बंद है। वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी शासन स्तर से की जा रही है। मौलाना की गतिविधियों से लेकर उससे मुलाकात करने वालों तक का पूरा ब्योरा अपडेट रखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जेल प्रशासन ने मौलाना को ज्ञानवर्धक पुस्तकें मुहैया कराई हैं। उसे इच्छा के मुताबिक हिंदी व उर्दू साहित्य की पुस्तकें दी जा रही हैं।  

अमृतपाल की पार्टी ने मनदीप सिंह पर खेला सियासी जुआ, तरनतारन उपचुनाव में बढ़ी हलचल

तरनतारन खालिस्तान समर्थक व खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी वारिस पंजाब दे ने तरनतारन उप-चुनाव के लिए हिन्दू नेता सुधीर सूरी के हत्यारे सन्नी के बड़े भाई मनदीप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी।  उन्होंने कहा कि संदीप सिंह द्वारा किए काम और पंथ व पंजाबियों को एकजुट करने के लिए भी मनदीप को चुनाव में उतारा गया है। तरसेम ने कहा कि तरनतारन का यह चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक मुकाबला नहीं बल्कि सच्चाई, न्याय और जुल्म के खिलाफ लड़ाई है। उन्होंने कहा कि तरनतारन को हमेशा नशे, भ्रष्टाचार और धोखे की राजनीति के रास्ते पर जिन्होंने धकेला है, जनता उन्हें दोबारा मौका नहीं देगी। खालिस्तान समर्थक व खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी वारिस पंजाब दे ने तरनतारन उप-चुनाव के लिए हिन्दू नेता सुधीर सूरी के हत्यारे सन्नी के बड़े भाई मनदीप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। 

एशेज से पहले कंगारू टीम में हलचल, इस स्टार खिलाड़ी कप्तान कमिंग्स के खेलने पर सस्पेंस!

मेलबर्न   ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए एशेज सीरीज से पहले एक बुरी खबर सामने आई है। टीम के कप्तान पैट कमिंस इंग्लैंड के खिलाफ 21 नवंबर को पर्थ में होने वाले पहले एशेज टेस्ट मैच से बाहर हो सकते हैं। कमिंस को पीठ में चोट लगी है और हालिया स्कैन से पता चला है कि उनकी यह चोट अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुई है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम को उनके बिना ही इस मुकाबले में खेलना पड़ सकता है। गेंदबाजी के लिए फिट नहीं कमिंस रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमिंस ने अपनी चोट में कुछ सुधार तो देखा है, लेकिन वह अभी भी गेंदबाजी के लिए पूरी तरह फिट नहीं हैं। एशेज सीरीज शुरू होने में अब सिर्फ छह हफ्ते बचे हैं, ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का पहले टेस्ट में खेलना मुश्किल लग रहा है। सूत्रों का मानना है कि कमिंस की वापसी दिसंबर तक टल सकती है, जिससे वह सीरीज के शुरुआती और अहम मैच मिस कर सकते हैं। चोट से बचने के लिए कमिंस को फिलहाल गेंदबाजी या दौड़ने से दूर रहने की सलाह दी गई है। वह अपनी रिकवरी के लिए केवल जिम और साइकिलिंग तक ही सीमित हैं। स्टीव स्मिथ संभाल सकते हैं कप्तानी पैट कमिंस की गैरमौजूदगी में अनुभवी बल्लेबाज स्टीव स्मिथ टीम की कमान संभाल सकते हैं। स्मिथ, जिन्होंने पहले भी 40 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया है, उन्हें कमिंस की जगह कप्तानी करने के लिए सबसे स्वाभाविक विकल्प माना जा रहा है। वहीं बात करें तेज गेंदबाजी यूनिट के बारे में तो, स्कॉट बोलैंड, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि उन्हें कमिंस की कमी जरूर खलेगी। कमिंस ने पहले भी अपनी फिटनेस को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि एशेज से बाहर होना उनके लिए बहुत दुखद होगा। उन्होंने कहा था कि 'मैं सब कुछ करूंगा ताकि मैं उसके लिए ठीक हो जाएं… लेकिन मुझे विश्वास है कि मैं रिकवरी सही ढंग से करूंगा और पूरी कोशिश करूंगा।' कमिंस की चोट एशेज से पहले ऑस्ट्रेलिया की तैयारियों के लिए एक बड़ा झटका है।

पीलीभीत के गांव रसिया खानपुर में बुखार का प्रकोप, 7 मौतें, स्वास्थ्य व्यवस्था में चिंता

पीलीभीत पीलीभीत के बीसलपुर तहसील के रसिया खानपुर गांव में बीते 24 घंटों में बुखार से तीन लोगों की मौत से गांव में हड़कंप मचा हुआ है। दो सौ से अधिक लोग बुखार से पीड़ित हैं, जिनका उपचार चल रहा है। लोग घरों से निकलने से कतरा रहे हैं। बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया गया है। लोगों का कहना है कि सिस्टम मौतों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसका नतीजा गांव के लोग भुगत रहे हैं। एसडीएम नागेंद्र पांडेय ने मंगलवार को दोपहर गांव रसिया खानपुर पहुंचकर स्थिति को परखा तो वहां स्वास्थ्य शिविर लगा हुआ नहीं मिला। इसपर उन्होंने नाराजगी जताई। कुछ देर बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने गांव में शिविर लगा दिया। बाढ़ की चपेट में आया था गांव पिछले दिनों जिले में हुई भारी बारिश और नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद बीसलपुर तहसील क्षेत्र के कई गांवों भी बाढ़ की जद में आए थे। इसमें रसिया खानपुर गांव भी शामिल था। गांव में जलभराव की स्थिति बनी थी। बाढ़ के बाद जलभराव की स्थिति तो सामान्य हो गई, लेकिन संक्रमण तेजी के साथ पनपने लगा और बीमार फैल गई। ग्रामीणों के अनुसार पिछले 10 दिनों में सैकड़ों लोग बुखार से ग्रस्त हो गए। स्थिति गंभीर होने पर बरेली और शाहजहांपुर में ले जाकर मरीजों को भर्ती कराया गया। गांव में झोलाछापों के क्लीनिक भी मरीजों से भरने लगे। ग्रामीणों के अनुसार यही वजह रही कि पिछले 10 दिनों में सात लोगों की मौत बुखार से हुई है। निजी अस्पतालों की जांच रिपोर्ट में भी बुखार की पुष्टि हुई लेकिन पूर्व में हुई चार मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच के नाम पर बुखार की बात को नकारते हुए अलग-अलग बीमारियों से मौत होने का दावा किया गया। मंगलवार को गांव के अल्लू खान की पुत्री सकीना, 60 वर्षीय पूती बेगम व रेहान हुसैन (22) पुत्र एजाज हुसैन की बुखार से मौत हो गई। मंगलवार को ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के विरोध में प्रदर्शन किया। एसडीएम को निरीक्षण में नहीं लगा मिला स्वास्थ्य शिविर गांव रसिया खानपुर में मंगलवार को तेज बुखार से तीन लोगों की मौत होने की जानकारी मिलने पर एसडीएम, कोतवाल संजीव शुक्ला के साथ गांव में पहुंचे। जहां मृतकों के घर जाकर अफसरों ने जानकारी की। घर वालों ने बताया कि उनके परिजनों की तेज बुखार से ही मौत हुई है। इसके बाद एसडीएम स्वास्थ्य शिविर की स्थिति परखने को उच्च प्राथमिक विद्यालय गए, लेकिन मौके पर शिविर लगा हुआ नहीं मिला। इसपर उन्होंने नाराजगी जाहिर की तो दोपहर बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने आयुष्मान केंद्र में स्वास्थ्य शिविर लगाया। आयुष्मान केंद्र के द्वार पर ग्रामीणों ने रोष जताया। लोगों का आरोप था कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जांच में रिपोर्ट नेगेटिव दिखा देते हैं। जबकि बरेली के निजी अस्पतालों में उन्हीं मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। प्रदर्शनकारियों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति काफी रोष दिखा। सीएमओ डॉ. आलोक कुमार शर्मा ने बताया कि रसिया खानपुर गांव में तीन और लोगों की मौत की सूचना मिली है। स्थलीय निरीक्षण कर जांच कराई जा रही है। स्वास्थ्य कैंप लगाकर भी लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। जांच के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो सकेगी। तीन हफ्ते पहले मौतों को गंभीरता से लेते तो नहीं जातीं और जानें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने गांव रसिया खानपुर में तेज बुखार से पहले हुई मौतों को गंभीरता से लिया होता तो अब तीन और लोगों की जान नहीं जातीं। गांव रसिया खानपुर में करीब तीन सप्ताह पूर्व तेज बुखार फैला था। पिछले सप्ताह तेज बुखार से इस गांव में चार लोगों की मौत हो गई थी और करीब दो सौ लोग तेज बुखार की चपेट में आ गए थे। मामला जानकारी में आने पर स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर से बीमारी का उपचार शुरू कर दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले हुईं मौतों को हल्केपन से लिया। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यदि पहले हुई ग्रामीणों की मौतों को गंभीरता से लिया होता और उसी हिसाब से बीमार लोगों का उपचार किया होता तो बाद वाली मौत नहीं होती। ग्रामीणों ने जताया रोष मोहम्मद हुसैल ने बताया कि गांव में आने वाली बीसलपुर के स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी तरह से निष्क्रिय है। टीम की निष्क्रियता के कारण ही स्थिति बदतर हुई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के लोगों की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। समीम खान ने कहा कि गांव के जितने बीमार हैं उनका घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा उपचार करना चाहिए। जब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर अपने बीमारी का उपचार नहीं करेगी तब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाएगा। इदरीश खान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम बीमारों का कायदे से उपचार करने के बजाय अपना बचाव करती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लापरवाही की वजह से स्थिति खराब हुई है।