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सरकारी बैंक ने किया बड़ा ऐलान, अब महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी

नई दिल्ली भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अगले पांच सालों में अपनी महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 30% करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक में कुल 2.4 लाख से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें वर्तमान में महिला कर्मचारियों की संख्या कुल कर्मचारियों का लगभग 27% है। फ्रंटलाइन स्टाफ में महिलाएं करीब 33% हैं, लेकिन कुल मिलाकर यह आंकड़ा कम है। बैंक अब इस अंतर को कम करने के लिए विशेष पहल कर रहा है। महिला कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यस्थल SBI का उद्देश्य एक ऐसा कार्यस्थल तैयार करना है जहां सभी स्तरों पर महिलाएं आगे बढ़ सकें। इसके लिए बैंक ने कई प्रोग्राम शुरू किए हैं, जिनमें लीडरशिप विकास, वर्क-लाइफ बैलेंस और मातृत्व सहायता शामिल हैं। कामकाजी माताओं को क्रेच भत्ता दिया जाता है, ‘फैमिली कनेक्ट प्रोग्राम’ के तहत सलाह और मार्गदर्शन उपलब्ध है, और मैटरनिटी या लंबी बीमारी की छुट्टी के बाद लौटने वाली महिलाओं को ट्रेनिंग सेशन भी उपलब्ध कराए जाते हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पहल बैंक की ‘एम्पावर हर’ पहल महिलाओं को लीडरशिप रोल के लिए तैयार करने और पहचानने पर केंद्रित है। इसमें लीडरशिप लैब और कोचिंग सेशन शामिल हैं, जिससे भविष्य के लिए उच्च स्तरीय महिला अधिकारियों की मजबूत टीम तैयार की जा सके। SBI के पास देशभर में 340 से ज्यादा ऐसी शाखाएं हैं, जहां सिर्फ महिला कर्मचारी ही कार्यरत हैं, और भविष्य में यह संख्या और बढ़ाई जाएगी। सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता और सुरक्षा पर जोर SBI सभी स्तरों पर महिलाओं को शामिल करने के अपने दृष्टिकोण को लेकर प्रतिबद्ध है। बैंक के IT विशेषज्ञ कार्य समूह की मदद से बैंकिंग कार्यों की सुरक्षा, कार्यकुशलता और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाता है। संपत्ति के मामले में SBI दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल है और इसे कई संस्थाओं द्वारा सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता के रूप में मान्यता दी जा चुकी है।  

अहोई अष्टमी: इन चीजों का दान करें और बच्चों के जीवन में लाएं सुख

अहोई अष्टमी का व्रत बहुत विशेष माना जाता है. अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं. महिलाएं हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ये व्रत रखती हैं. साथ ही माता अहोई की विधिवत पूजा करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को रखने से महिलाएं अपनी संतान के लिए लंबी आयु और सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं. इस व्रत को रखने से संतान से जुड़ी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. अहोई अष्टमी के दिन व्रत और पूजा-पाठ के साथ-साथ दान करने का भी बहुत महत्व होता है. इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा-पाठ के साथ-साथ दान करने से संतान के जीवन की सारी तकलीफें, दुख और मुसीबतें दूर हो जाती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि अहोई अष्टमी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए? अहोई अष्टमी कब है ? पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर हो जाएगी. जबकि 14 अक्टूबर 2025 को सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर ये तिथि खत्म हो जाएगी. ऐसे में इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा. अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त अहोई अष्टमी के व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट पर शुरू होकर 7 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. कुल मिलाकर पूजा के लिए महिलाओं को 1 घंटे 15 मिनट का समय मिलेगा. इस दिन आसमान में तारे शाम 6 बजकर 17 मिनट पर नजर आएंगे. वहीं चंद्र दर्शन रात के 11 बजकर 20 मिनट पर होगा. अहोई अष्टमी के दिन इन चीजों का करें दान     अनाज: इस दिन व्रती महिलाओं को चावल, गेहूं, दाल आदि का दान करना चाहिए.     वस्त्र: इस दिन व्रती महिलाओं को गरीबों को वस्त्र दान करना चाहिए.     धन: जरूरतमंदों को धन का दान करना चाहिए.     फल और मिठाई: इस दिन फल और मिठाई का दान करना चाहिए.     भोजन: व्रती महिलाएं इस दिन जरूरतमंदों को भोजन भी करा सकती हैं.  

प्रदेश में अब तक 1210.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज, सामान्य से अधिक बारिश

रायपुर, छत्तीसगढ़ में अब तक 1210.4 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बस्तर जिले में सर्वाधिक 1633.3 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 554.0 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 1159.6 मि.मी., बलौदाबाजार में 1004.8 मि.मी., गरियाबंद में 1233.9 मि.मी., महासमुंद में 1065.1 मि.मी. और धमतरी में 1149.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1205.1 मि.मी., मुंगेली में 1183.0 मि.मी., रायगढ़ में 1396.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1116.1 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1413.5 मि.मी., सक्ती में 1274.2 मि.मी., कोरबा में 1179.3 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1112.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 948.2 मि.मी., कबीरधाम में 892.0 मि.मी., राजनांदगांव में 1012.5 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1462.0 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 919.1 मि.मी. और बालोद में 1317.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 799.0 मि.मी., सूरजपुर में 1183.2 मि.मी., बलरामपुर में 1579.6 मि.मी., जशपुर में 1105.3 मि.मी., कोरिया में 1253.4 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1138.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले में 1213.5 मि.मी., कांकेर में 1421.6 मि.मी., नारायणपुर में 1472.6 मि.मी., दंतेवाड़ा जिले में 1622.4 मि.मी., सुकमा जिले में 1306.9 मि.मी. और बीजापुर जिले में 1615.0 मि.मी. की औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

एमपी मेट्रो भर्ती 2025: इस डिग्री वालों को मिलेगा बड़ा मौका, सैलरी और योग्यता देखें यहां

भोपाल मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPMRCL) ने सहायक प्रबंधक पद पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह भर्ती डिपुटेशन, कांट्रैक्ट और री-एम्प्लॉयमेंट के आधार पर की जाएगी। योग्य और अनुभवी उम्मीदवार 28 अक्टूबर 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। योग्यता और अनुभव इस पद के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान से मास कम्यूनिकेशन, जर्नलिज्म, पब्लिसिटी, पब्लिक रिलेशन या पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक डिग्री अनिवार्य है। इसके अलावा, इन विषयों में पोस्टग्रेजुएट डिग्री रखने वाले उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर निकली नौकरी… सहायक प्रबंधक का मुख्य कार्य जनसंपर्क, मीडिया संबंध और सार्वजनिक जानकारी से जुड़ा होगा। पद पर कार्य करने वाले उम्मीदवार मेट्रो परियोजनाओं के प्रचार-प्रसार और मीडिया रिपोर्टिंग, प्रेस कांफ्रेंस तथा अन्य जनसंपर्क गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। आवेदन प्रक्रिया इच्छुक उम्मीदवार निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन पत्र सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ MPMRCL के संबंधित विभाग में 28 अक्टूबर, 2025 तक भेज सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया और शैक्षिक योग्यताओं से संबंधित जानकारी के लिए उम्मीदवार MPMRCL की आधिकारिक वेबसाइट पर देख सकते हैं। कब तक कर सकेंगे आवेदन आवेदन की अंतिम तिथि 28 अक्टूबर 2025 है। इस तिथि के बाद प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे समय रहते अपना आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।  

रायपुर में ट्रैफिक से राहत का रोडमैप: पाँच मुख्य सड़कों को 6 और 8 लेन तक किया जाएगा चौड़ा

रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी में सिक्स लेन सिर्फ रायपुर से सिगमा तक है. बाकी राजधानी को जोड़ने वाली ज्यादातर सड़कें 4 लेन है. इसलिए राजधानी को रफ्तार देने के लिए करीब 5 सिक्स लेन और आठ लेन सड़क बनेगी, इसमें रायपुर-विशाखापट्टनम, रायपुर- लखनादौन, रायपुर – बलौदाबाजार, दुर्ग-आरंग बाइपास सिक्स लेन और सिगमा से बिलासपुर सड़क 8 लेन चौड़ी होगी. ये सड़कें न केवल यात्रियों की दूरी कम करेंगी, बल्कि समय, ईंधन और ट्रैफिक जाम से भी निजात दिलाएंगी. छत्तीसगढ़ में इन सड़कों के प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से चल रहा है. ये प्रोजेक्ट राज्य की परिवहन व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन लाएंगे. राजधानी से जुड़े होने के कारण उक्त प्रोजेक्ट पूरे होने पर यात्री सुविधा के साथ माल ढुलाई आसान होगी. सड़क विस्तार से कारोबार बढ़ेगा. रायपुर से सारंगढ़ 186 किमी लंबी फोरलेन रायपुर से सारंगढ़ तक की 186 किलोमीटर लंबी सड़क को फोरलेन किया जा रहा है. इसमें रायपुर से धनेली 0 प्वाइंट से 53.1 किमी तक प्रथम चरण में, फिर 85.6 किमी तक दूसरे चरण में और अंत में 186 किमी तक तीसरे चरण में काम किया जाएगा. एनएच ने इस सड़क के एलाइन्मेंट की जानकारी जिला प्रशासन को सौंप दी है. लगभग 35 गांवों की जमीन पर पहले लगी खरीदी-बिक्री की रोक हटा ली गई है. एनएचएआई की टीम ने भूमि अभिलेखों का मिलान भी पूरा कर लिया है. अध्ययन में यह पाया गया कि अधिकतर भूमि पहले से ही नेशनल हाईवे की है, इसलिए मात्र 10% भूमि ही अधिग्रहित की जानी है. डीपीआर लगभग तैयार है और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है. यह फोरलेन रायपुर से बलौदाबाजार होते हुए सारंगढ़ जाएगी. इससे न केवल ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि व्यापार, उद्योग और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह एक नई लाइफलाइन बनेगा. इसका निर्माण दो चरणों में होगा. पहले चरण में ग्राम धनेली (रायपुर) से और वहां से ग्राम बिनौरी तक 72 किमी बनाई जाएगी. रायपुर – लखनादौन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे रायपुर से लखनादौन (मध्यप्रदेश) तक करीब 300 किमी लंबे छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की योजना पर भी काम तेजी से चल रहा है. यह सड़क बालाघाट, सिवनी, छपारा और लखनादौन होते हुए रायपुर को जोड़ेगी और करीब 12 जिलों को इससे फायदा होगा. इस परियोजना की लागत करीब 15,000 करोड़ रुपए आंकी गई है. एनएचएआई ने इसके लिए तीन संभावित रूटों का सर्वे शुरू कर दिया है. इनमें से एक रूट कान्हा और पेंच नेशनल पार्क के पास से होकर गुजरता है, जिससे पर्यावरणीय बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं. रायपुर-बिलासपुर मार्ग 8 लेन रायपुर से बिलासपुर तक नेशनल हाईवे का नए सिरे से चौड़ीकरण होगा. एनएचएआई ने इसकी चौड़ाई बढ़ाकर 8 लेन करने जा रहा है. विभाग ने डीपीआर के लिए टेंडर डाक्यूमेंट्स बनाकर दिल्ली मुख्यालय भेज दिया है. रायपुर से सिमगा तक 8 लेन और सिमगा से बिलासपुर तक सिक्स लेन सड़क बनाई जाएगी. अभी ये सड़क रायपुर से सिमगा तक 6 लेन और सिमगा से बिलासपुर तक 4 लेन है. इसी सड़क को रायपुर से बिलासपुर तक 8 लेन बनाने की योजना पर काम हो रहा है. अफसरों का कहना है कि अगले वित्त वर्ष तक टेंडर जारी कर काम शुरू कर दिया जाएगा. मुंबई-कोलकाता लिंक : दुर्ग – रायपुर होते हुए आरंग तक निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत दुर्ग से आरंग के बीच 92.5 किमी लंबे सिक्स लेन इकॉनोमिक कॉरिडोर का भी निर्माण चल रहा है. यह राजनांदगांव, दुर्ग, पाटन, अभनपुर और आरंग तहसीलों से होकर गुजरेगा. यह दुर्ग से रायपुर होते हुए नई राजधानी तक जाने के मौजूदा 70-75 किलोमीटर के सफर को घटाकर 55 किलोमीटर कर देगा. इससे 20 किलोमीटर दूरी घटेगी, बल्कि समय और ईंधन की भी बचत होगी. यह कॉरिडोर मुंबई-कोलकाता आर्थिक कॉरिडोर में शामिल होगा. यह 6 लेन प्रोजेक्ट है. इसकी अनुमानित लागत 2297 करोड़ रुपए है.

भविष्य की राजनीति: MP के विधायक होंगे डिजिटल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होंगे जुड़े

भोपाल मध्य प्रदेश के सभी 230 विधायकों को सरकार हाई टेक बनाएगी। सभी को कार्यालय में वीडियो कॉफ्रेसिंग की सुविधा दी जाएगी। इससे अधिकारी उनके संपर्क में रहेंगे। इस व्यवस्था को बनाने के लिए बजट में साढ़े 11 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2025-26 के बजट में ई-विधायक ऑफिस नाम से योजना प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी। इसमें प्रत्येक विधायक को पांच लाख रुपये देने का प्रविधान रखा गया है। यद्यपि, आधा वर्ष बीतने के बाद इस दिशा में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। विधायकों के कार्यालय भी हाई टेक बनाए जाएंगे दरअसल, विधानसभा सचिवालय ई-विधान परियोजना पर काम कर रहा है। इसमें विधायकों को एक-एक लैपटॉप दिए जाने हैं। इसकी निविदा जारी हो चुकी है। संभावना है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ई-विधान व्यवस्था लागू हो जाए। इसके साथ ही विधायकों के कार्यालय भी हाई टेक बनाए जाएंगे। इससे उन्हें न केवल अपने विधायी कार्य करने में आसानी होगी, बल्कि वीडियो कॉफ्रेंस भी कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने हाल ही में दोहराई थी प्रतिबद्धता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में हुई कलेक्टर-कमिश्नर कॉफ्रेंस में भी यह बात दोहराई और कहा कि हम जल्द ही विधायकों के कार्यालयों को हाई टेक करने जा रहे हैं। इससे वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से योजनाओं की प्रगति की न केवल अद्यतन जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे बल्कि समीक्षा भी कर सकेंगे।

लोक सेवा गारंटी अधिनियम में परिवहन विभाग की सेवाएं

भोपाल  प्रदेश के समस्त जिलों में नवीन गैर परिवहन मोटरयानों और नवीन वाहनों का पंजीयन वाहन-4 पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। नागरिकों को पोर्टल के माध्यम से विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जा रही हैं। प्रदेश के नागरिक प्रदेश के किसी भी जिले में मोटरयान का क्रय करने के बाद अपने मूल निवास या प्रदेश के किसी भी जिले का पंजीयन नंबर मोटरयान क्रय से संबंधित जिले में ही प्राप्त कर सकेंगे। नागरिकों को अपने मोटरयानों के पंजीयन के लिये भौतिक रूप से परिवहन कार्यालयों में नहीं जाना पड़ेगा। वे मोटरयान क्रय करते समय संबंधित ऑटोमोबाइल डीलर के माध्यम से यह सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। नागरिक अपने प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों में अपने मोटरयानों पर अति सुरक्षा पंजीयन पट्टिका (हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट) लगवा सकेंगे। भारत सीरीज (बीएच सीरीज) से संबंधित पंजीयन नंबर गैर परिवहन मोटरयानों के लिये ऑनलाइन ही प्राप्त किये जा सकते हैं। पंजीयन नंबरों के लिये केन्द्र सरकार के अंतर्गत कार्यरत समस्त लोक सेवा एवं ऐसे समस्त निजी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी लाभान्वित होंगे, जिनके 4 या अधिक राज्यों में स्थापित कार्यालय या संस्थान हैं। आधुनिकतम मोटरयान मॉडल के व्यावसायिक रूप से बाजार में प्रचलन में आने के पूर्व ही उसके मूल्य एवं समस्त तकनीकी विवरण पोर्टल पर प्रदर्शित होने से राज्य में इनके पंजीयन के समय किसी भी प्रकार का कर अपवंचन नहीं हो सकेगा। प्रदेश में गैर परिवहन वाहनों और परिवहन वाहनों का पंजीयन निरंतर "वाहन-4" पोर्टल पर किया जा रहा है। राज्य में वाहन-4 पोर्टल पर परिवहन कार्यालयों का डाटा पोर्ट, डीलर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, होमोलोगेशन की प्रक्रिया, फैंसी नंबर जनरेट करने की प्रक्रिया और टेक्सेशन की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में परिवहन विभाग की 31 सेवाओं को शामिल किया गया है। आरटीओ द्वारा नियुक्त अधिकारी तथा जिला कलेक्टर और संभागायुक्त को क्रमश: प्रथम अपीली अधिकारी, द्वितीय अपीली अधिकारी अधिसूचित किया गया है। नागरिकों से जुड़ी चयनित 31 सेवाओं के निराकरण के लिये एक निश्चित समय अवधि तय की गई है। जिन सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया गया है, इनमें प्रमुख रूप से लर्निंग ड्रायविंग लाइसेंस, वाहन का फिटनेस प्रमाण-पत्र, वाहन का पंजीयन प्रमाण-पत्र, डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना, डुप्लीकेट वाहन पंजीयन कार्ड, मृत्यु के बाद स्वामित्व का हस्तांतरण, ड्राइविंग लाइसेंस में अन्य श्रेणियों का वाहन जोड़ा जाना और लाइसेंस में पता परिवर्तन जैसी सुविधाएं प्रमुख हैं। 

IMD अलर्ट: इस राज्य में भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा, तैयारी जरूरी

केरल केरल में आने वाले दिनों में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना बढ़ गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र बन गया है, जो राज्य में मौसम की स्थिति को प्रभावित कर सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 11 से 15 अक्टूबर के बीच केरल में हल्की से लेकर भारी बारिश हो सकती है और कई जगह तेज हवाओं का भी सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से पत्तनमतिट्टा, इडुक्की, पालक्काड, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में 12 अक्टूबर को भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इन जिलों में 64.5 मिलीमीटर से लेकर 115.5 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। IMD ने आगे बताया कि 12 से 17 अक्टूबर के बीच राज्य के कुछ हिस्सों में हर 24 घंटे में 7 से 11 सेंटीमीटर तक बारिश होने का अनुमान है। अधिकारियों ने भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसी आपदाओं से सतर्क रहने की सलाह दी है। लक्षद्वीप और समुद्री क्षेत्रों में अलर्ट IMD ने कहा कि लक्षद्वीप में 11 और 12 अक्टूबर को भी बारिश और तेज हवाओं के कारण मौसम खराब रहेगा। वहां गरज-चमक और तूफानी हवाओं के साथ हवाओं की रफ्तार 55 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मौसम विभाग ने लक्षद्वीप, केरल और कर्नाटक के समुद्री तटों पर मछली पकड़ने पर रोक लगा दी है। इसका उद्देश्य मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, क्योंकि समुद्र की स्थिति अस्थिर है। पूर्वोत्तर मानसून का प्रभाव केरल में इस महीने के अंत तक पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत होने की संभावना है। सामान्यतः यह मानसून अक्टूबर के मध्य में आता है और भारी बारिश लेकर आता है। हालांकि इस बार यह कुछ देर से शुरू हो सकता है, लेकिन आने के बाद राज्य में बारिश और तेज हो सकती है।

हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति, लेकिन अस्पतालों में इमरजेंसी सुविधा नहीं

भोपाल भारत में मानसिक स्वास्थ्य का संकट अब एक 'इमरजेंसी चुनौती' बन चुका है, जिसे नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो रहा है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश में हर तीन मिनट में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। चिंताजनक यह है कि इनमें से अधिकांश लोगों को कभी कोई मानसिक उपचार नहीं मिला। गांधी मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचि सोनी इसे एक मूक महामारी बताती हैं। डॉ. सोनी का मत है कि मानसिक स्वास्थ्य संकट समय नहीं देखता। हमें ऐसी व्यवस्था चाहिए, जहां रात के दो बजे भी किसी संकटग्रस्त व्यक्ति को तत्काल मदद मिल सके।   शरीर चीखता है, मन चुप रह जाता है डॉ. सोनी के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य की आपातकालीन स्थितियां उतनी ही खतरनाक हैं, जितना अचानक हार्ट अटैक आना। वे कहती हैं कि फर्क बस इतना है कि शरीर चीखता है और मन चुप रह जाता है। मानसिक स्वास्थ्य इमरजेंसी तब आती है, जब किसी व्यक्ति के विचार, व्यवहार या भावनाएं अचानक खुद के या दूसरों के लिए खतरा बन जाती हैं। जैसे बार-बार आत्मघाती विचार आना, पैनिक अटैक या हिंसक व्यवहार। यह वह नाजुक दौर होता है, जहां उपचार में एक मिनट की देरी भी जिंदगी छीन सकती है। हर जिले में 24 घंटे मदद जरूरी इस मूक महामारी को रोकने के लिए व्यापक बदलाव आवश्यक हैं। डॉ. सोनी ने हर जिले में सुधार की राह सुझाई है। यह आवश्यक है कि हर जिला अस्पताल में 24 घंटे सातों दिन साइकेट्रिक इमरजेंसी यूनिट स्थापित हो। साथ ही डाक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को संकट प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। टेली-साइकेट्री सेवाओं का विस्तार किया जाना चाहिए, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों तक विशेषज्ञ मदद पहुंचे। इसके अतिरिक्त स्कूलों और कालेजों में मेंटल हेल्थ फर्स्ट एड ट्रेनिंग शुरू करना समय की मांग है, जिससे हर व्यक्ति अपने आसपास के संकट को पहचान कर तुरंत सहायता प्रदान कर सके। इमरजेंसी रेफरल की त्रासदी वर्तमान में देश के बहुत कम अस्पतालों में 24 घंटे सातों दिन साइकेट्रिक इमरजेंसी यूनिट उपलब्ध है। जब कोलार के एक बैंक अधिकारी ने नींद की गोलियां खा लीं या शाहपुरा की 24 वर्षीय छात्रा परीक्षा से पहले पैनिक अटैक के कारण बेहोश हो गईं, तो दोनों मामलों में शुरुआती इलाज के बाद उन्हें मानसिक रोग विभाग में रेफर किया गया। यही रेफरल और सही इमरजेंसी सुविधा का अभाव कीमती समय नष्ट कर देता है। जिला और छोटे शहरों में प्रशिक्षित मनोरोग चिकित्सकों की भारी कमी है, जिसके कारण परिवार को ही संकट संभालना पड़ता है, और यही देरी अक्सर जिंदगी छीन लेती है।

मानदेय ठप! MP में तकनीकी गड़बड़ी के कारण अतिथि शिक्षक परेशान

भोपाल मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को हमारे शिक्षक एप से ऑनलाइन हाजिरी लगाना अनिवार्य है। हालांकि इसमें अतिथि शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी में आगे हैं। मध्य प्रदेश के 80 फीसद अतिथि शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी लगा रहे हैं। इसके बावजूद भी तीन माह से अतिथि शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला। इसका कारण यह है कि ऑनलाइन हाजिरी में आ रही तकनीकी समस्या आ रही है। इसका खामियाजा अतिथि शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। विगत तीन माह से इन्हें मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि नेटवर्क और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण अतिथि शिक्षक स्कूल में समय पर उपस्थित नहीं लगा पा रहे हैं। वहीं स्कूल शिक्षा विभाग का आदेश है कि ऑनलाइन हाजिरी के आधार पर ही अतिथि शिक्षकों को माह में उपस्थिति का ऑनलाइन बिल जनरेट होगा।   ई-अटेंडेंस नहीं लगा पाए अब ई-उपस्थिति नहीं होने से पोर्टल पर मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। अतिथि शिक्षक स्कूल में उपस्थित रहें हैं, इसका उपस्थित पंजी में विधिवत हस्ताक्षर हैं, लेकिन नेटवर्क और तकनीकी समस्याओं के कारण अतिथि शिक्षक ई-अटेंडेंस नहीं लगा पाए। शासकीय शिक्षक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष अतिथि शिक्षकों के लंबित वेतन भुगतान करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि अतिथि शिक्षकों को विगत तीन माह के मानदेय का भुगतान उपस्थिति पंजी के आधार पर किया जाए। जिससे अतिथि शिक्षक दीपावली का त्योहार मना सके और अन्य आर्थिक समस्याओं से निजात पा सके।