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भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का निधन, प्रणव अदाणी ने कहा- हमेशा खलेगी कमी

मुंबई, भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और ओगिल्वी इंडिया के क्रिएटिव लीडर पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे। 70 साल की उम्र में गुरुवार को उनका निधन हो गया। पांडे को सिर्फ एक विज्ञापन विशेषज्ञ के रूप में ही नहीं बल्कि ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया जाता था, जिन्होंने भारतीय विज्ञापन को उसकी अपनी भाषा और आत्मा दी। पीयूष पांडे के निधन को लेकर लेखक और कमीडियन सुहेल सेठ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे प्रतिभाशाली व्यक्ति के निधन से मैं बेहद दुखी और स्तब्ध हूं। भारत ने विज्ञापन जगत की एक महान हस्ती ही नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और एक सज्जन इंसान को खोया है। अब जन्नत में भी गूंजेगा ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा।’ अदाणी ग्रुप में एग्रो और ऑयल एंड गैस के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव अदाणी ने पीयूष पांडे के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ”मेरे प्रिय मित्र पीयूष पांडे के निधन से स्तब्ध हूं, वह रचनात्मक प्रतिभा जिन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में आकार दिया। उनके विचार उद्योग के मानक बने। उन्होंने कई पीढ़ियों के कहानीकारों को प्रेरित किया। उनकी गर्मजोशी और बुद्धिमता की बहुत कमी खलेगी। ओम शांति।” वहीं फिल्ममेकर हंसल मेहता ने भी ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, ”फेविकोल का जोड़ टूट गया। विज्ञापन जगत ने आज अपनी चमक खो दी। पीयूष पांडे, आप हमेशा याद आएंगे।” पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर में हुआ था। उनके परिवार में नौ बच्चे थे, जिनमें सात बहनें और दो भाई शामिल थे। उनके भाई प्रसून पांडे फिल्म निर्देशक हैं, जबकि बहन ईला अरुण गायिका और अभिनेत्री थीं। उनके पिता राजस्थान राज्य सहकारी बैंक में कार्यरत थे। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और 1982 में विज्ञापन जगत में कदम रखा और ओगिल्वी इंडिया में क्लाइंट सर्विसिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में शामिल हुए। उनका पहला प्रिंट विज्ञापन सनलाइट डिटर्जेंट के लिए लिखा गया। छह साल बाद वे क्रिएटिव विभाग में आए और लूना मोपेड, फेविकोल, कैडबरी और एशियन पेंट्स जैसे ब्रांड्स के लिए कई प्रसिद्ध विज्ञापन बनाए। इसके बाद उन्हें क्रिएटिव डायरेक्टर और फिर राष्ट्रीय क्रिएटिव डायरेक्टर बनाया गया। 1994 में उन्हें ओगिल्वी इंडिया के निदेशक मंडल में भी स्थान मिला। उनके नेतृत्व में ओगिल्वी इंडिया ने लगातार 12 वर्षों तक भारत की नंबर 1 एजेंसी का दर्जा हासिल किया। पीयूष पांडे द्वारा बनाए गए विज्ञापन आज भी लोगों की यादों में बसे हुए हैं। उन्होंने एशियन पेंट्स के लिए ‘हर खुशी में रंग लाए,’ कैडबरी के लिए ‘कुछ खास है,’ फेविकोल के लिए आइकॉनिक ‘एग’ विज्ञापन और हच के पग वाले विज्ञापन जैसी रचनाएं तैयार कीं। इसके अलावा, उन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी नारा ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ दिया। उनका योगदान केवल व्यावसायिक विज्ञापन तक सीमित नहीं था। उन्होंने राष्ट्रीय एकता गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ लिखा और कई सामाजिक अभियान जैसे पोलियो जागरूकता और धूम्रपान विरोधी अभियानों में भी सक्रिय भूमिका निभाई। पांडे को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 2016 में पद्म श्री से नवाजा गया और 2024 में एलआईए लीजेंड अवार्ड दिया गया। इसके अलावा, उन्हें क्लियो लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, मीडिया एशिया अवार्ड्स और कान्स लायंस में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उनके नेतृत्व में ओगिल्वी इंडिया को वैश्विक स्तर पर सबसे रचनात्मक कार्यालयों में से एक माना गया। उनकी रचनात्मकता, सहजता और भारतीय विज्ञापन को दी गई दिशा उन्हें हमेशा यादगार बनाएगी।  

योगी सरकार के सुशासन मॉडल में डिजिटल प्रशिक्षण बना रहा परिवर्तन का आधार

सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को मिल रहा नया आयाम मिशन कर्मयोगी से दक्ष हो रहे समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के सतत प्रयासों का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी पहल ‘मिशन कर्मयोगी’ को आगे बढ़ाते हुए योगी सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को डिजिटल प्रशिक्षण से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। योगी सरकार के ‘डिजिटल दक्षता एवं पारदर्शी प्रशासन’ के विजन को साकार करने में समाज कल्याण विभाग अग्रणी भूमिका निभा रहा है। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल के माध्यम से अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने में जुटे हैं। इसका सीधा लाभ जनता को पारदर्शी, त्वरित और प्रभावी सेवाओं के रूप में मिल रहा है। 3,900 कर्मचारी जुड़े, पूरे किए 21,150 कोर्स समाज कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 तक कुल 3,900 अधिकारी, नियमित/संविदाकर्मी एवं शिक्षक पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं। इन कर्मचारियों ने अब तक 21,150 ऑनलाइन कोर्स पूरे किए, जिनमें लगभग 15,893 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है। इनमें से 2,759 कर्मचारियों ने कम से कम एक कोर्स, जबकि 2,289 कर्मचारियों ने तीन या उससे अधिक कोर्स पूरे किए हैं। वहीं, 1,611 कर्मचारियों ने तीन से कम और 1,141 कर्मचारियों ने अभी प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है। योगी सरकार का यह अभियान हर सरकारी कर्मचारी को “कुशल, पारदर्शी और जवाबदेह” बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है नई तकनीक और पारदर्शी शासन पर है विशेष जोर दे रही योगी सरकार मिशन कर्मयोगी के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में न केवल प्रशासनिक सुधार बल्कि तकनीकी उन्नयन पर भी विशेष जोर दिया गया है। इनमें ‘योगा ब्रेक एट वर्कप्लेस’ जैसे विषय तनावमुक्त कार्यसंस्कृति को बढ़ावा देते हैं, जबकि POSH Act 2013 से कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा को सशक्त किया जा रहा है। ‘Procurement Process on GeM’, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’, ‘Basics of Artificial Intelligence’ और ‘Right to Information Act’ जैसे कोर्स सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और जनता के प्रति जवाबदेही की भावना को सुदृढ़ कर रहे हैं। योगी सरकार डिजिटल शासन नीति को दे रही है नई दिशा मिशन कर्मयोगी के तहत डिजिटल प्रशिक्षण, योगी सरकार के उस दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसमें शासन को पेपरलेस, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग के इस अभियान से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि कर्मचारियों में कार्य के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता भी बढ़ी है। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साझा सोच का परिणाम है, जिसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। समाज कल्याण विभाग इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारे अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल रूप से दक्ष बन रहे हैं, जिससे जनता को योजनाओं का लाभ तेजी और पारदर्शिता के साथ मिल सके। दक्षता से ही सेवा की गुणवत्ता बढ़ेगी और यही योगी सरकार के सुशासन का आधार है।

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार मामला, कोर्ट में पेश हुई चार्जशीट

गुड़गांव सीएलयू के नाम पर 30 से 50 करोड़ रुपए मांगने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप तय हो गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने नारनौल में एएसजे हर्षाली चौधरी की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। एसीबी ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत राव नरेंद्र सिंह को आरोपी बनाया है।    एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान में हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह द्वारा धर्मेंद्र कुहाड़ से पलवल में 30 एकड़ जमीन की सीएलयू यानी चेंज ऑफ लैंड यूज कराने की ऐवज में 30 से 50 करोड़ रुपए की मांग की थी। इसकी शिकायत धर्मेंद्र कुहाड़ द्वारा स्टिंग ऑपरेशन करके ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली थी। धर्मेंद्र ने स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो/ऑडियो रिकॉर्डिंग को इनेलो के विधायक रामपाल माजरा को दे दिया। पूर्व विधायक रामपाल माजरा द्वारा एक शिकायत लोकायुक्त को साल 2014 में दी थी। लोकायुक्त द्वारा शिकायत को जांच के लिए भारतीय पुलिस सेवा के विक्रम राजा को सौंपा था।   शिकायत की जांच की अंतिम रिपोर्ट 27 अप्रैल 2015 को लोकायुक्त हरियाणा को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट पर लोकायुक्त द्वारा ेस दर्ज करने के लिए 16 दिसंबर को चीफ सेक्रेटरी को सिफारिश की गई थी। चीफ सेक्रेटरी ने एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक को केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। इस पर 29 जनवरी 2016 को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत केस दर्ज कर लिया। मामले की जांच पूरी करने के बाद अब एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामले में चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है।   

फ्री सफर पर ब्रेक! डीजल न मिलने से पंजाब रोडवेज की बसें थमीं, लोग फंसे रास्ते में

पठानकोट पंजाब सरकार की ओर से महिलाओं के लिए शुरू की गई मुफ्त बस यात्रा योजना अब संकट में घिरती नजर आ रही है। इस योजना के तहत पंजाब रोडवेज पर 1200 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया हो चुका है। साथ ही, बसों को चलाने के लिए डीजल तक उपलब्ध नहीं है। पठानकोट रोडवेज डिपो में डीजल खत्म होने के कारण शुक्रवार को चक्का जाम हो गया, जिससे चंडीगढ़, अमृतसर, जालंधर और गुरदासपुर जैसे विभिन्न रूटों पर बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। इससे यात्रियों, खासकर महिलाओं और छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पठानकोट बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ जमा हो गई।रोडवेजड बसों के न चलने से कई लोगों को निजी बसों का सहारा लेना पड़ा। छात्राओं और महिलाओं को किराया देकर यात्रा करनी पड़ी, जिससे सरकार की मुफ्त यात्रा योजना पर सवाल उठने लगे। पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के प्रधान जोगिंद्र पाल सिंह लवली ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब रोडवेज डिपो को डीजल के लिए बजट तक नहीं मिल रहा। पठानकोट डिपो में डीजल की कमी के कारण बसें खड़ी हैं और कुछ रूटों पर जो बसें चलीं, वे कल के बचे हुए डीजल से चलाई गईं। इन बसों में भी ओवरलोडिंग की समस्या देखी गई। जोगिंद्र पाल ने बताया कि सरकार मुफ्त बस सेवा का दावा तो कर रही है, लेकिन इसके लिए जरूरी बजट जारी करने में नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किलोमीटर स्कीम को बरकरार रख रही है, जिसका टेंडर 31 अक्टूबर को फिर से खोला जाएगा। यूनियन ने इस टेंडर का विरोध करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह स्कीम रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। यात्रियों ने भी सरकार से नाराजगी जताई। उनका कहना है कि मुफ्त यात्रा का वादा तो किया गया, लेकिन बसें ही नहीं चल रही हैं। हमें मजबूरी में किराया देकर निजी बसों में जाना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में “जीरो पावर्टी अभियान” को एक मिशन के रूप में संचालित करने का लिया है संकल्प

लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में “जीरो पावर्टी अभियान” को एक मिशन के रूप में संचालित करने का संकल्प लिया है। उनके विजन का लक्ष्य स्पष्ट है—राज्य के हर गरीब परिवार को सरकारी योजनाओं का सम्पूर्ण लाभ दिलाना, ताकि कोई भी परिवार बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहे। इसके तहत पहले चरण में जहां सात प्रमुख योजनाओं (राशन कार्ड, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना) के माध्यम से चिन्हित परिवारों को आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया था, वहीं अब दूसरा चरण और अधिक व्यापक होने जा रहा है। अभियान के दूसरे चरण में अब प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जलजीवन मिशन, विद्युत कनेक्शन, शिक्षा तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य प्रत्येक गरीब परिवार को ऊर्जा, स्वच्छता, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन की बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। हर गरीब को सम्मानजनक जीवन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि “जीरो पावर्टी” केवल योजना न रहे, बल्कि एक सामाजिक संकल्प बन जाए। उनका स्पष्ट संदेश है कि यह अभियान न सिर्फ लाभ पहुंचाने का प्रयास है, बल्कि “गरीबी के चक्र को स्थायी रूप से तोड़ने” का एक मॉडल है, जो उत्तर प्रदेश को गरीबीमुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित होगा। यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस “योगी मॉडल ऑफ डेवलपमेंट” की मिसाल है, जिसमें विकास केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि हर गरीब परिवार के जीवन में दिखता है। जहां प्रधानमंत्री मोदी का “सबका साथ, सबका विकास” नारा है, वहीं मुख्यमंत्री योगी का विजन उसे धरातल पर “जीरो पावर्टी” के रूप में साकार कर रहा है। योजनाओं का मिलेगा लाभ तो जीवन होगा खुशहाल दूसरे चरण में अटल आवासीय योजना भी अभियान का अहम हिस्सा है। इसके तहत निराश्रित बच्चों को सुरक्षित आवासीय शिक्षा से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। वहीं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत कमजोर वर्ग की बालिकाओं को उनके विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी। इसी तरह, मुख्यमंत्री का निर्देश है कि सभी अनाथ बच्चों को बाल सेवा योजना में नामांकित किया जाए, जिससे उन्हें योजना का लाभ मिल सके। परिवार के सभी बच्चों का स्कूल में नामांकन सुनिश्चित हो और यदि नामांकन न हुआ हो तो तत्काल कराया जाए। साथ ही, सभी पात्र परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन दिए जाने पर भी जोर है, ताकि घरेलू महिलाएं सेफ कुकिंग फ्यूल का उपयोग सुनिश्चित कर सकें। वहीं, एसबीएम ग्रामीण के तहत सभी हाउसहोल्ड में सैनिटरी टॉयलेट्स की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। जलजीवन मिशन के अंतर्गत सभी घरों में स्वच्छ पेयजल और इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन योजना के अंतर्गत समस्त पात्रों को रेगुलर इलेक्ट्रिसिटी प्रदान करने का लक्ष्य है। गरीबी की पहचान और समग्र सुधार जीरो पावर्टी के तहत चिन्हीकरण में उन परिवारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिनके पास कृषि भूमि नहीं है, पक्का मकान नहीं है, या जिनके सदस्य वृद्ध, निराश्रित, अनाथ अथवा दिव्यांग हैं। साथ ही शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित युवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है। यह मॉडल “डेमोग्रॉफी, असेट ओनरशिप और एजूकेशन एंड एंप्लॉयबिलिटी” के तीन स्तंभों पर आधारित है, जो गरीबी के मूल कारणों को दूर करने की दिशा में ठोस कदम है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर के सभी अधिकारी इस अभियान को अपनी जिम्मेदारी समझें और 100% कवरेज सुनिश्चित करें।

युजवेंद्र चहल की पोस्ट पर दिल्ली HC ने दी बड़ी प्रतिक्रिया, एलिमनी पर फैला विवाद

नई दिल्ली युजवेंद्र चहल की सोशल मीडिया पोस्ट ने एक बार फिर सभी का ध्यान खींचा है। जब उन्होंने गुजारा भत्ता (एलिमनी) पर दिल्ली हाईकोर्ट के हालिया फैसले से संबंधित एक पोस्ट को फिर से शेयर किया। हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी लेकिन यह तब तक वायरल हो चुकी थी। गौरतलब हो कि युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा तलाक के बाद से सुर्खियों में रहते हैं। साल 2025 के शुरुआत में दोनों ने अपनी 5 साल की शादी पर पूर्णविराम लगा दिया था। इसके बाद दोनों एक दूसरे खिलाफ लगातार बयानबाजी करते रहते हैं। अब एक बार फिर युजवेंद्र चहल ने बिना नाम लिए धनश्री पर निशाना साधा है।   दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला हाल ही में चहल ने दिल्ली हाईकोर्ट के एलिमनी पर फैसला के बारे एक पोस्ट करते हुए लिखा, जिसमें कहा गया कि 'आर्थिक रूप से स्वतंत्र पत्नी गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती। गुजारा भत्ता सामाजिक न्याय के लिए दिया जाता है, न कि धन-संपत्ति का साधन।' युजवेंद्र चहल ने इसको लेकर इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर की।   'मां कसम खाओ नहीं पलटोगे' चहल ने स्टोरी में लिखा, मां कसम खाओ नहीं पलटोगे इस फैसले से। हालांकि, उन्होंने जल्द ही स्टोरी डिलीट कर दी, लेकिन स्क्रीनशॉट्स काफी वायरल हो गए, जिससे फैंस और फॉलोअर्स के बीच बहस छिड़ गई। कई फैंस ने अनुमान लगाया कि यह पोस्ट उनकी पूर्व पत्नी धनश्री वर्मा पर एक अप्रत्यक्ष टिप्पणी थी। चहल को मिला 4.75 करोड़ रुपये देने का आदेश बता दें कि चहल को तलाक के बाद धनश्री वर्मा को 4.75 करोड़ रुपये देने का आदेश मिला था। अब सोशल मीडिया पर इस मुद्दे के फिर से सामने आने से उनके अलगाव को लेकर चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो गया है।  

सफाई का जायजा लेने बुड्ढा नाला पहुंचे राज्यपाल, अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

लुधियाना  पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया शुक्रवार को लुधियाना में ताजपुर रोड स्थित बुड्ढा नाला पहुंचे। उन्होंने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा बुड्ढा नाले की सफाई के लिए चलाए जा रहे अभियान का जायजा लिया। बता दें कि बुड्ढा नाले का प्रदूषण सतलुज नदी के जरिए मालवा से लेकर राजस्थान तक कहर बरपा रहा है। गुलाब चंद कटारिया खुद राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए वे लगातार इस अभियान की समीक्षा कर रहे हैं। वे इस मुद्दे पर चंडीगढ़ में अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं और कई बार घटनास्थल का दौरा भी कर चुके हैं। आज के दौरे के दौरान राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने बुड्ढा नाले की सफाई के काम का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस मौके पर उनके साथ राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल भी मौजूद थे। 

J&K राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस का दबदबा, सत शर्मा बने BJP के इकलौते विजेता

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर में चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हुआ। सभी 86 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपना वोट डाला। वोटिंग के बाद मतगणना भी शुरू हो गई है। तीन सीटों पर चुनाव परिणाम सामने आ गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी मोहम्मद रमजान, शम्मी ओबराय और सज्जाद किचलू ने जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा की सीटों पर जीत दर्ज की है। बता दें कि वोट डालने का समय शाम 4 बजे तक निर्धारित किया गया था। पांच बजे से वोटिंग की गिनती शुरू हो गई थी। चारों सीटों का परिणाम सामने आ गया है। तीन सीटों पर एनसी और एक सीट पर बीजेपी ने बाजी मारी है।     सज्जाद गनी लोन ने दी प्रतिक्रिया पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने राज्यसभा चुनाव के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक फिक्सड मैच था। अच्छा हुआ, मैंने मतदान में भाग नहीं लिया, अन्यथा मेरे पर भी आरोप लगता। मतदान का जो पैटर्न है, उसे देखते हुए सत्ताधारी दल पर पर ही सवाल पैदा होता है। वह अपने तीसरे उम्मीदवार शम्मी ओबेराय के पक्ष में 28 या 29 वोट ही डलवाती। तीन अतिरिक्त वोट क्यों? भाजपा चौथी सीट के लिए चुनाव लड़ रही थी। लोन ने क्रॉस-वोटिंग, रिजेक्टेड बैलेट और दोनों पक्षों के बीच संभावित मिलीभगत पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पूरी वोटिंग प्रक्रिया की जांच होनी चाहिए।  

मनोज तिवारी का ‘छठ तोहफा’, रिलीज किया ‘हां, हम बिहारी हैं जी’ गाना

मुंबई,  भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने एक नया गाना ‘हां, हम बिहारी हैं जी’ रिलीज किया है, जो बिहार की संस्कृति, गौरव और माटी से जुड़े हर पहलू को सुंदरता से उजागर करता है। इस गाने में छठ पूजा का भी जिक्र किया गया है। गाने की लय और बोल बिहार के लोगों की मेहनत, कला और संस्कृति को प्रगति की ओर अग्रसर करने की प्रेरणा देते हैं। ‘हां, हम बिहारी हैं जी’ गाना भोजपुरी आईटी सेल के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। मनोज तिवारी ने इंस्टाग्राम पर इस गाने का एक क्लिप पोस्ट की और कैप्शन में लिखा, “सबसे ज्यादा आईएस-पीसीएस विद्यापति की रचना हैं हम। रेणु की कहानी दे दी, दिनकर की कविता हैं हम। कभी सांचे में ढल जाते हैं, कभी खुद सांचा बन जाते हैं, कभी चट्टानों से टकराकर झरना हम नया बनाते हैं। गुरु गोविंद सिंह का साहस नालंदा की क्यारी हैं जी। हां, हम बिहारी हैं जी, थोड़े संस्कारी हैं जी।” अपने इस पोस्ट में उन्होंने अपने फैंस से अपील की कि वे इस गाने को जरूर देखें और बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को महसूस करें। गाने की टीम की बात करें, तो गाने के बोल अतुल कुमार राय ने लिखे हैं और संगीत मधुकर आनंद ने दिया है। इसके साथ ही शैलेंद्र द्विवेदी ने गाने को कंपोज किया है। मनोज तिवारी ने हमेशा अपने गानों और फिल्मों के जरिए बिहार की पहचान को बढ़ावा दिया है। उनका यह गाना न केवल भोजपुरी संगीत प्रेमियों के लिए एक तोहफा है, बल्कि बिहार की संस्कृति को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का एक प्रयास भी है। बिहार की मेहनतकश जनता, उनकी कला और उनके गौरवशाली इतिहास को मनोज तिवारी ने पेश किया है। मनोज तिवारी का करियर हमेशा से ही बहुआयामी रहा है। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में उनका योगदान एक अभिनेता और गायक के रूप में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने ‘ससुरा बड़ा पैसावाला’, ‘दरोगा बाबू आई लव यू’, और ‘बंधन टूटे ना’ जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों में जगह बनाई। इसके अलावा उनका गाना ‘जिया हो बिहार के लाला’ आज भी लोगों का पसंदीदा है। वहीं, राजनीति में भी उनका सफर काफी दिलचस्प रहा है। वे 2014 और 2019 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली के उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद चुने गए।  

कुप्रशासन का खेल जारी: लालू यादव का परिवार बना अगला निशाना

पटना  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला और कहा कि राज्य में ‘कुप्रशासन फैलाने वाले व्यक्ति' ने पहले अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाकर आगे बढ़ाया और अब बेटे-बेटियों को आगे बढ़ा रहे हैं। राज्य में जिस व्यक्ति ने कुप्रशासन फैलाया, उसने जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समस्तीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को समर्थन देने का आह्वान किया और कहा कि बिहार नरेन्द्र मोदी सरकार की मदद से तेजी से प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी जनसभा से बिहार में चुनाव अभियान की शुरुआत की। कुमार ने लालू प्रसाद यादव पर बिना नाम लिए निशाना साधा और कहा कि “राज्य में जिस व्यक्ति ने कुप्रशासन फैलाया, उसने पद छोड़ने की नौबत आने पर अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।” नीतीश कुमार 1997 की उस घटना का जिक्र कर रहे थे, जब चारा घोटाले के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद लालू प्रसाद को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने पदभार संभाला था। NDA की सरकार में बिहार ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ- Nitish Kumar मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्होंने (लालू प्रसाद) अब तक अपनी आदतें नहीं बदली हैं। पहले अपनी पत्नी को आगे किया और अब बेटों-बेटियों को बढ़ावा देने में लगे हैं।” उनका इशारा महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव और पाटलिपुत्र से सांसद मीसा भारती की ओर था। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने थोड़े समय के लिए उनकी पार्टी से गठबंधन किया था, लेकिन जल्द ही समझ गया कि यह गलती थी। मैंने पाया कि मैं उसी गठबंधन में बेहतर हूं, जिसका मैं शुरू से हिस्सा रहा हूं।” जद(यू) प्रमुख ने कहा कि राजग की सरकार में बिहार ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनका कहना था कि केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य के विकास के लिए हर संभव सहयोग दिया है। भाषा कैलाश