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छठ पूजा की तैयारी जोरों पर, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद संभाली कमान

नई दिल्ली  दिल्ली में आस्था के महापर्व छठ की तैयारी पूरे जोश और श्रद्धा के साथ जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कई छठ घाटों का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि सरकार छठ की तैयारियों के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विधायक संदीप सहरावत ने शुक्रवार को पहले भव्य पोचनपुर छठ घाट का उद्घाटन किया और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, "पूरी दिल्ली में लगभग 1,500 स्थानों पर छठ घाट बनाए गए हैं और सभी तैयारियां जोरों पर हैं। इसके अलावा, यमुना नदी के किनारे कई किलोमीटर तक 17 अलग-अलग स्थानों पर विशेष घाट बनाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को छठ पूजा करने के लिए उचित सुविधाएं मिल सकें।" भाजपा विधायक संदीप सहरावत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमारी मुख्यमंत्री ने पोचनपुर छठ घाट का उद्घाटन किया और स्वयं सभी तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी तैयारियों की समीक्षा की। मैं मुख्यमंत्री को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।" इसके बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया, जिसमें छठ घाट, 153 गलियां, सीवर व पानी की लाइनें और गणेश नगर कॉम्प्लेक्स में एक पुलिया शामिल है। उन्होंने धोबी समुदाय के लोगों को इलेक्ट्रिक आयरन बांटे और भाजपा की ओर से यमुना घाटों पर किए गए इंतजामों के बारे में बताया, जिससे पूर्वांचल के लोग बिना किसी परेशानी के छठ पूजा कर सकें। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "यह घाट न सिर्फ पूर्वांचली भाई-बहनों की आस्था का प्रतीक है, बल्कि दिल्ली के सांस्कृतिक गौरव और सहभागिता की पहचान भी बनेगा।" मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लिखा, "भाजपा सरकार के नेतृत्व में जिस समर्पण और संवेदनशीलता से छठ महापर्व की तैयारियां की जा रही हैं, वह अभूतपूर्व है। इस बार यमुना किनारे जब हमारी बहनें सूर्य देव को अर्घ्य देंगी, तो वे स्वच्छ और निर्मल जल में खड़ी होकर अपनी प्रार्थनाएं अर्पित करेंगी। यह नया घाट दिल्ली में आस्था और विकास के संगम का प्रतीक है।"

OnePlus का बड़ा ऐलान: अब 6 साल तक मिलेंगे अपडेट, इन मॉडलों की निकल पड़ी!

नई दिल्ली अगर आप भी OnePlus का स्मार्टफोन चला रहे हैं या खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। कंपनी अपने कई स्मार्टफोन्स पर 6 साल तक का सॉफ्टवेयर सपोर्ट प्रदान कर रही है। सॉफ्टवेयर सपोर्ट के मामले में वनप्लस को सबसे बेहतरीन और भरोसेमंद एंड्रॉयड ब्रांड्स में से एक माना जाता है। इसकी ऑक्सीजनओएस कस्टम स्किन ढेरों फीचर्स और कस्टमाइजेशन के साथ एक साफ-सुथरा, मॉडर्न सॉफ्टवेयर एक्सपीरियंस प्रदान करती है, और यह भविष्य के अपडेट के साथ और भी बेहतर होती जा रही है। गिज्मोचाइना की रिपोर्ट के अनुसार, यह ब्रांड न केवल बेहतरीन सॉफ्टवेयर एक्सपीरियंस प्रदान करता है, बल्कि लॉन्ग-टर्म सॉफ्टवेयर सपोर्ट भी प्रदान करता है, खासकर अपने हालिया फ्लैगशिप और मिड-रेंज फोन्स के लिए। यह छह साल तक के सॉफ्टवेयर अपडेट प्रदान करता है, जिससे डिवाइस लंबे समय तक खतरों से सुरक्षित रहता है, और साथ ही यूजर्स को बार-बार अपग्रेड करने की आवश्यकता से भी बचाता है। यहां वनप्लस के ऐसे फोन्स की लिस्ट दी गई है, जो छह साल तक सॉफ्टवेयर सपोर्ट के साथ आते हैं। आप भी लिस्ट में देखकर पता करें कि क्या आपका फोन भी सबसे लंबे समय तक सॉफ्टवेयर अपडेट पाने वाला है। लिस्ट: – वनप्लस 13 – वनप्लस 13R – वनप्लस 13s – वनप्लस नॉर्ड 5 – वनप्लस नॉर्ड 4 – वनप्लस नॉर्ड CE 5 – वनप्लस पैड 3 अगर आपका वनप्लस डिवाइस ऊपर दी गई लिस्ट में है, तो उसे लॉन्च की तारीख से छह साल तक सॉफ्टवेयर अपडेट मिलते रहेंगे। इसका मतलब बड़े Android OS अपडेट नहीं, बल्कि सिक्योरिटी पैच से है। सिक्योरिटी अपडेट में नए फीचर या UI में बदलाव शामिल नहीं होते, लेकिन इनमें Android OS और वनप्लस डिवाइस में मौजूद खामियों के लिए पैच शामिल होते हैं, जिससे डिवाइस सुरक्षित बना रहता है। प्रमुख अपग्रेड के लिए, लिस्ट में शामिल सभी फोन चार एंड्रॉयड ओएस अपग्रेड के लिए एलिजिबल हैं, सिवाय OnePlus Pad 3 के, जो चार ओएस अपग्रेड के लिए एलिजिबल है। लिस्ट में शामिल सभी डिवाइस Android 16 पर बेस्ड OxygenOS 16 अपग्रेड के लिए भी एलिजिबल हैं, जिसकी शुरुआत नवंबर में होने वाली है। यह सिर्फ एक और अपग्रेड नहीं, बल्कि एक बड़ा अपग्रेड है जो कई रोमांचक फीचर्स और ढेर सारे अपग्रेड लेकर आएगा।  

सावधान! रांची के 26 घाट घोषित किए गए Dangerous, नगर निगम ने दी चेतावनी

इस बार छठ पूजा की शुरुआत शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को होगी और समापन मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को प्रातः कालीन अर्घ्य के साथ होगा। झारखंड में छठ पूजा की बड़ी ही धूम होती है। वहीं, छठ पूजा से पहले रांची के 26 घाट खतरनाक घोषित कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक रांची में इस बार मानसून के दौरान रिकॉर्ड तोड़ बारिश होने के कारण शहर के कई तालाबों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में 74 घाटों में से 26 को हाई रिस्क जोन घोषित किया गया है। कहा जा रहा है कि इन घाटों में सीढ़ियों से उतरते ही 7 से 8 फीट तक पानी है, जो व्रतधारियों और श्रद्धालुओं के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। नगर निगम ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर एनडीआरएफ जवानों की तैनाती की मांग की है। वहीं, नगर निगम ने अपील की है कि श्रद्धालु चिह्नित सुरक्षित घाटों पर ही पूजा करें और बच्चों या बुजुर्गों को पानी के गहरे हिस्से में न ले जाएं। बैरिकेडिंग पार करना सख्त वर्जित है। कांके डैम, हातमा तालाब, तिरिल बस्ती कोकर तालाब, जोड़ा तालाब बरियातू, भाभा नगर तालाब, कोकर टुनकी टोला तालाब, रिम्स, जेल तालाब, चडरी तालाब, करमटोली तालाब, हटनिया तालाब, नक्षत्र वन, बड़ा तालाब, अरगोड़ा तालाब, मधुकम तालाब, कटहल गोंदा तालाब, सरोवर नगर डैम साइड, भट्टा गढ़ा, हेहल तालाब, जगन्नाथपुर तालाब, धुर्वा डैम, धुर्वा छोटा डैम, बटन तालाब, स्वर्णरेखा घाघरा घाट, नामकुम तेतरी टोली, कैलाश नगर, नामकुम सिपाही पुल, जोजार नामकुम, हुंडरू तालाब।

हरियाणा में बढ़ेगी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की रफ्तार, सरकार ने E-CMS इंसेंटिव पर लिया बड़ा फैसला

चंडीगढ़ हरियाणा केन्द्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत निवेश आकर्षित कर प्रदेश को ’इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग’ के एक प्रमुख हब के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इस दिशा में राज्य जल्द ही अपनी ईसीएमएस पॉलिसी के तहत नई प्रोत्साहन योजनाएं शुरू करेगा, जिनमें निवेशकों को वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आज यहां एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास को गति देने राज्य में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने की रणनीतियों की समीक्षा की गई। नई मसौदा ‘ईसीएमएस पॉलिसी’ के तहत पूंजीगत एवं परिचालन खर्च की प्रतिपूर्ति, ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर व्यय, प्रौद्योगिकी अधिग्रहण, क्षमता निर्माण, अनुसंधान एवं नवाचार सुविधाओं के विकास हेतु समर्थन जैसे अनेक प्रोत्साहन प्रस्तावित हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य बड़े निवेश आकर्षित करना, रोजगार के नए अवसर सृजित करना और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में राज्य की भागीदारी को मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि देश में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन वर्ष 2015 से अब तक 17 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ा है, जबकि डिजाइन और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम अभी विकास के शुरुआती चरण में है। वर्तमान में हरियाणा देश के कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में लगभग 2.9 प्रतिशत (0.8 बिलियन यूएसडी) का योगदान दे रहा है और इस क्षेत्र में लगभग 1.3 मिलियन रोजगार का सहयोग करता है। रस्तोगी ने कहा कि लक्षित नीतिगत सहयोग, रणनीतिक निवेशक सहभागिता और आईएमटी सोहना में प्रस्तावित इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर जैसे सक्षम बुनियादी ढांचे के निर्माण से राज्य के योगदान को बढ़ाने की अपार सम्भावनाएं हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार की ’ईसीएमएस योजना’ के अंतर्गत कई तरह के लाभ दिए जाते हैं। इनमें 1 से 25 प्रतिशत तक टर्नओवर-लिंक्ड और पूंजी निवेश आधारित लाभ शामिल हैं। आंध्र प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे प्रगतिशील राज्यों की तर्ज पर हरियाणा ’अतिरिक्त टॉप-अप इंसेंटिव देने की संभावनाएं तलाश रहा है, ताकि ईसीएमएस-अनुमोदित निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति और मजबूत हो सके। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को इस संबंध में विस्तृत योजना तैयार करने और तत्परता से निवेशकों से संपर्क साधने के निर्देश दिए। इसके तहत 10 नवंबर तक उन 11 आवेदकों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की जाएंगी, जिन्होंने प्रदेश में ईसीएमएस-अनुमोदित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने में रुचि दिखाई है। इसके अतिरिक्त, 50 अन्य कंपनियों से भी संपर्क किया जाएगा, जिन्होंने अभी तक अपनी परियोजना का स्थान निर्धारित नहीं किया है। बेहतर समन्वय और निवेशक सुविधा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रत्येक संभावित निवेशक के लिए समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त करेगी। ये अधिकारी भूमि की पहचान, नियामक स्वीकृतियांे, विभागीय समन्वय और इंसेंटिव प्रक्रिया से जुड़ी सहायता प्रदान करेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा का दृष्टिकोण सुविधाजनक एवं प्रतिस्पर्धात्मक, दोनों तरह का होगा ताकि राज्य में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना के लिए अनुकूल इकोसिस्टम विकसित हो सके। बैठक में नागरिक संसाधन सूचना विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा तथा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक यश गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

जो जोनस का इमोशनल खुलासा – ‘तलाक आसान नहीं…’ क्या सोफी टर्नर से फिर जुड़ेंगे रिश्ता?

लॉस एंजिल्स प्रियंका चोपड़ा के जेठ यानी निक जोनस के बड़े भाई जो जोनस ने आखिरकार तलाक पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। वो और उनकी वाइफ सोफी टर्नर का रिश्ता टूट चुका है। जो ने 'गेम ऑफ थ्रोन्स' की एक्ट्रेस के साथ अपने बच्चों विला और डेल्फिन की साथ में परवरिश पर भी बात की। तलाक के दौरान अपने भाइयों केविन जोनस और निक के साथ रहने के बारे में भी चर्चा की। प्रियंका चोपड़ा के जेठ जो जोनस ने 'एस्क्वायर' से बात करते हुए कहा, 'तलाक मुश्किल होता है। ये किसी के लिए भी आसान नहीं होता। लोग बहुत जल्दी अनुमान लगा लेते हैं। और मैं बस आभारी हूं कि मेरे पास ये लोग हैं, और मेरा एक अद्भुत परिवार और दोस्त हैं।' लोगों का ध्यान भटका सकते हैं जो जोनस जो जोनस ने आगे कहा, 'लोग बहुत सी परिस्थितियों से गुजर रहे हैं और यह फैक्ट कि मैं परफॉर्म करने जा सकता हूं और लोगों को कुछ महसूस करा सकता हूं और शायद उनका ध्यान उन परिस्थितियों से हटा सकता हूं जिनसे वे गुजर रहे हैं, या उनके तलाक से, दो घंटे के लिए जब वे एक म्यूजिक कॉन्सर्ट देखने आते हैं, इससे मुझे बहुत उद्देश्य मिला।' बच्चों की खातिर सबकुछ कर सकते हैं जो इसी बातचीत में सिंगर ने खुलासा किया कि वो अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर सकते हैं, यहां तक कि अपनी को-पैरेंट सोफी के साथ रिश्ता भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं लगभग दो साल बाद इस दुनिया से बाहर आ सकता हूं और अपनी को-पैरेंट सोफी के साथ रिश्ता बना सकता हूं, आपको एहसास होगा कि आप अपने बच्चों के लिए कुछ भी करते हैं। मैं उनके लिए कुछ भी करूंगा और इसके लिए बहुत कुछ करना होगा।' 'हमारा सुंदर रिश्ता था' बता दें कि साल 2023 में जो जोनस ने शादी के 4 साल बाद मियामी में तलाक की अर्जी दी थी। उन्होंने ज्वॉइंट स्टेटमेंट दिया था कि उन्होंने 'आपसी सहमति' से अलग होने का फैसला लिया है। साल 2024 में जो ने 'हार्पर बाजार' को दिए इंटरव्यू में कहा था, 'हमारा एक सुंदर रिश्ता था और ये मुश्किल था।'

ALERT: भारत में तीन कफ सिरप और 112 दवाओं पर WHO का चेतावनी जाल

नई दिल्ली केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की सितंबर रिपोर्ट ने एक बार फिर दवा सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 112 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें तीन कफ सिरप भी शामिल हैं, जिनमें से एक नकली पाया गया। ये दवाएं गंभीर बीमारियों जैसे दिल, कैंसर, मधुमेह, हाई बीपी, दमा, संक्रमण, दर्द, सूजन, अनीमिया और मिर्गी के इलाज में उपयोग की जाती हैं। केंद्रीय दवा प्रयोगशाला की जांच में 52 सैंपल फेल हुए, वहीं राज्य स्तर पर 60 दवाओं के घटिया पाए जाने की पुष्टि हुई। अधिकारियों ने कहा कि यह गुणवत्ता विफलता केवल जांच किए गए बैच तक सीमित है और अन्य बैच प्रभावित नहीं हैं। राज्यों में फैली समस्या सबसे अधिक 49 दवाएं हिमाचल प्रदेश में बनीं। इसके अलावा गुजरात में 16, उत्तराखंड में 12, पंजाब में 11 और मध्य प्रदेश में छह दवाओं के सैंपल फेल पाए गए। सिक्किम, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की तीन-तीन, कर्नाटक और महाराष्ट्र की दो-दो दवाएं असफल रहीं। बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में एक-एक दवा का सैंपल फेल हुआ। दो कफ सिरप हरिद्वार और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में बने हैं। तीसरा कफ सिरप “बेस्टो-कफ ड्राई कफ फार्मूला” है, जो सूखी खांसी में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ से भी एक नकली दवा का मामला सामने आया है, जिसमें एक अनधिकृत निर्माता ने अन्य कंपनी का ब्रांड नाम इस्तेमाल किया।   स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रतिक्रिया स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सभी राज्य नियामकों के सहयोग से बाजार से इन दवाओं को हटाने की कार्रवाई जारी है। हिमाचल प्रदेश के राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने कहा कि अधिकांश दवाओं में मामूली खामियां पाई गईं, जिन्हें तुरंत ठीक करवाया जाएगा। कुछ में बड़ी खामियां पाई गई हैं, जिनके लिए उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी होंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अलर्ट WHO ने भारत में निर्मित तीन मिलावटी कफ सिरप की पहचान की है, जिनमें 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' भी शामिल है। संगठन ने चेतावनी दी है कि ये दवाएं बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती हैं और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं और कहा कि यह नियमित जांच प्रक्रिया का हिस्सा है, ताकि घटिया और नकली दवाओं को समय पर बाजार से हटाकर जनस्वास्थ्य सुरक्षित किया जा सके।  

अब 4 आरोपी FIR में दर्ज: ASI संदीप लाठर आत्महत्या मामले का नया खुलासा

रोहतक  आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि उसके ठीक एक हफ्ते बाद रोहतक साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर ने भी खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी लेकिन मरने से पहले उन्होंने चार पेज का सुसाइड नोट व लगभग 6:30 मिनट का एक वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने विभाग में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। साथ ही उस वक्त के एसपी नरेंद्र बिजरानिया को ईमानदार तो आईपीएस वाई पूरन कुमार को भ्रष्ट अधिकारी बताया था, जिससे दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी तो वहीं, परिजनों की शिकायत पर वाई पूरन कुमार की पत्नी उनके भाई अमन रतन, गनमैन सुशील के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी लेकिन अब इस मामले में एक और नया मोड़ आ गया।  दरअसल FIR की कॉपी में तीन नहीं बल्कि 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। जिन लोगों के खिलाफ FIR की गई है इसमें नया नाम आईजी ऑफिस में तैनात SIS सुनील कुमार का है। 4 नामजद और एक अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। FIR की कॉपी मीडिया के सामने आने से चारों तरफ हलचल मच गई है। दरसल पुलिस ने FIR की कॉपी पूरी तरह से मीडिया से दूर रखी। वह इसलिए कहीं लोगों के बीच में आपसी टकराव न हो जाए और यह मामला जातीय रंग न ले ले।   दूसरी ओर मृतक के भाई संजय चेयरमैन ने कहा है कि उसका भाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है और वह पूरा ईमानदार व्यक्ति था। इस सारे मामले की सिटिंग जज से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वाई पूरन कुमार के परिवार को भी न्याय मिलना चाहिए। उनके साथ भी अन्याय न हो और मामले की जांच होगी, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा।  इन चार लोगों के खिलाफ FIR गौरतलब है कि मृतक संजय संदीप लाठर की पत्नी संतोष की शिकायत पर सदर थाना में वाई पूरण कुमार की पत्नी अमनीत पी कौर, उनके भाई अमन रतन वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार और आईजी ऑफिस में तैनात SIS सुनील कुमार चारों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज हुई है तो वहीं, FIR में एक अन्य के खिलाफ भी शिकायत दी गई है। दूसरी ओर संजय चेयरमैन ने कहा कि इसमें और अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं जो जांच के बाद सामने आएंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तनोट माता मंदिर में टेका माथा, मांगा देशवासियों की खुशहाली का आशीर्वाद

जैसलमेर  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैसलमेर के दौरे पर हैं। वह शुक्रवार को जैसलमेर स्थित तनोट माता मंदिर गए और माता के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जैसलमेर के तनोट माता मंदिर में दर्शन कर आत्मिक शांति और आशीर्वाद का अनुभव हुआ। इस मंदिर की ऊर्जा अत्यंत अद्भुत और अलौकिक है। राजनाथ सिंह ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की और देश की सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए माता से आशीर्वाद मांगा। तनोट माता मंदिर का भारतीय सेना से गहरा ऐतिहासिक संबंध रहा है। 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान यह मंदिर सैनिकों के लिए आस्था और प्रेरणा का प्रतीक बना रहा। रक्षा मंत्री की यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रही बल्कि उन्होंने इसे देश की सीमाओं पर तैनात जवानों की अदम्य भावना और राष्ट्रभक्ति को समर्पित बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 अक्टूबर की शाम को राजस्थान के जैसलमेर पहुंचे थे। यहां उन्होंने सेना के बड़ाखाना के दौरान सैनिकों के साथ बातचीत की। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि अब भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करने से पहले पाकिस्तान को दो बार सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत पाकिस्तान को कड़ी संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, केवल रुका हुआ है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि किसी भी दुस्साहस की स्थिति में उसे और भी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। हमारे पायलटों ने सिर्फ भारत की ताकत का एक नमूना दिखाया है; यदि अवसर मिला तो वे हमारी असली क्षमता प्रदर्शित करेंगे। राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कि देश के विरोधी कभी निष्क्रिय नहीं रहते हैं, सशस्त्र बलों से सदैव सतर्क एवं पूरी तरह तैयार रहने और उनकी गतिविधियों के विरुद्ध उचित व प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत भी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, ''यह सदी भारत की है, भविष्य हमारा है। आत्मनिर्भरता की दिशा में जो प्रगति हमने की है, उससे पूर्ण विश्वास है कि हमारी सेना निस्संदेह विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में अपना स्थान रखती है।'' राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि रक्षा तैयारियों को सुदृढ़ करने के लिए सीमा क्षेत्रों में तीव्र गति से विकास गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

हाई-टेक नहीं, स्टॉक मॉडल ने किया कमाल: Skoda Superb ने फुल टैंक में 2,831 किलोमीटर की दूरी पूरी

मुंबई  हर दौर में कुछ मशीनें ऐसी होती हैं जो सीमाओं को तोड़ने के लिए ही बनती हैं. एक लग्ज़री सेडान कार ने भी ऐसा ही कारनामा कर दिखाया. हम बात कर रहे हैं Skoda Superb डीजल की. इस लग्ज़री सेडान ने एक बार फिर साबित किया कि कुशल इंजीनियरिंग और सटीक ड्राइविंग के मेल से चमत्कार भी संभव हैं.  फुल टैंक में 2,831 किलोमीटर की दूरी तय कर इस कार ने न सिर्फ अपना नाम गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है, बल्कि यह भी दिखाया कि डीज़ल तकनीक आज भी फ्यूल इफिशिएंसी में बेजोड़ है. Skoda Superb के जिस मॉडल ने ये रिकॉर्ड बनाया है वो कोई खास मॉडिफाई की गई या रेसिंग मशीन नहीं थी. यह एक स्टैंडर्ड प्रोडक्शन मॉडल है. रेगुलर इंजन से लैस कार इस कार में रेगुलर 2.0 लीटर चार सिलिंडर डीज़ल इंजन दिया गया है. जो 148 बीएचपी की पावर और 360 एनएम टॉर्क जनरेट करता है. इसमें 7-स्पीड DSG ऑटोमैटिक गियरबॉक्स दिया गया है जो परफॉर्मेंस और फ्यूल एफिशिएंसी दोनों का संतुलन बनाए रखता है. इस कार ने यह दिखा दिया कि अगर इंजीनियरिंग, एयरोडायनामिक्स और ड्राइविंग अनुशासन एक साथ हों, तो अद्भुत परिणाम मिल सकते हैं. ख़ास तरह से की गई ड्राइविंग इस रिकॉर्ड के पीछे ख़ास प्लानिंग ने काम किया है. ड्राइवरों ने कार को ‘ईको मोड’ में चलाया और थ्रॉटल रिस्पॉन्स को बेहद संतुलित रखा. गियर शिफ्टिंग को स्मूथ बनाए रखने पर ध्यान दिया गया. औसत गति लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई ताकि इंजन बेहतर माइलेज दे सके. कार में कम रोलिंग रेसिस्टेंस वाले टायर लगाए गए थे और टायर प्रेशर फैक्ट्री रेट पर रखा गया था. एयर रेसिस्टेंस कम करने के लिए कार को आगे चल रही गाड़ियों के पीछे चलाया गया. इन छोटे-छोटे उपायों ने मिलकर बड़ी सफलता का रास्ता तैयार किया.  कहां… किसने और कैसे बनाया ये रिकॉर्ड इस अद्भुत उपलब्धि के पीछे हैं यूरोपियन रैली चैम्पियन मिको मार्चिक (Miko Marczyk), जिन्होंने इस कार को चलाया. उन्होंने इस कार को पोलैंड से चलाना शुरू किया और जर्मनी और पेरिस तक यात्रा की. इसके बाद वो वापस लौटते हुए नीदरलैंड्स, बेल्जियम और फिर जर्मनी के रास्ते पोलैंड पहुंचे. इस दौरान उन्होंने तकरीबन 2831 किलोमीटर तक का सफर किया. अपने सटीक ड्राइविंग स्किल और डिसिप्लिन ड्राइविंग के दम पर उन्होंने स्कोडा सुपर्ब डीजल सेडान से वो कर दिखाया जो अब तक असंभव माना जा रहा था. यह ऐतिहासिक यात्रा यूरोप में हुई, जहाँ मौसम की स्थिति लगातार बदलती रही. कई हिस्सों में तापमान मात्र 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. जबकि कुछ इलाकों में कार को पहाड़ी रास्तों पर चढ़ाई का सामना करना पड़ा. लेकिन इन तमाम परिस्थितियों के बीच Superb Diesel ने कमाल की स्टेबिलिटी बनाए रखी. कुछ हिस्सों में तो इस कार ने मात्र 2.2 लीटर प्रति 100 किलोमीटर की डीजल खपत दर्ज की, जो अपने आप में एक शानदार आंकड़ा है. करीब 1.6 टन वज़न वाली यह लग्ज़री सेडान आमतौर पर अपने आराम और स्टाइल के लिए जानी जाती है, लेकिन इस रिकॉर्ड ने साबित कर दिया कि सही ड्राइविंग और संतुलित सेटअप के साथ यह माइलेज के मामले में किसी हैचबैक को भी टक्कर दे सकती है. Skoda Superb Diesel की यह उपलब्धि न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए प्रेरणादायक है. यह याद दिलाती है कि किसी भी तकनीक को अगर सही दिशा और सोच दी जाए, तो उसकी संभावनाएं अनंत होती हैं. तो अगली बार जब कोई पूछे “कितना देती है?”, तो Skoda Superb डीजल का यह रिकॉर्ड जवाब बनकर सामने आएगा. यह सिर्फ एक कार की कहानी नहीं, बल्कि आधुनिक इंजीनियरिंग की जीत का प्रतीक है.

दीवाली से पहले पटाखा कारोबारियों का गुस्सा फूटा, पुलिस पर लगाया आरोप

जालंधर  शहर में पटाखा कारोबारियों और पुलिस के बीच जारी विवाद बरकरार रहा। दीवाली के बाद पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिसों के विरोध में पटाखा व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के पूर्व विधायक के.डी. भंडारी को साथ लेकर डी.सी.पी. नरेश डोगरा से मुलाकात की और सभी 20 नोटिस उनके हवाले कर दिए। पटाखा व्यापारियों का नेतृत्व प्रधान विकास भंडारी, प्रधान रवि महाजन और प्रधान संजीव बाहरी ने किया। व्यापारियों ने साफ कहा कि वे कोई स्पष्टीकरण नहीं देंगे, बल्कि पुलिस को ही अपने नोटिस वापस लेने होंगे। इस दौरान भंडारी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब इस वर्ष दिवाली दो दिन अर्थात 20 और 21 अक्तूबर को मनाई गई, तो पुलिस ने सिर्फ 20 अक्तूबर तक का ही लाइसेंस क्यों जारी किया? उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के चलते 21 तारीख को भी दीवाली और बंदीछोड़ दिवस मनाया गया, ऐसे में व्यापारियों का दुकानें खोलना स्वाभाविक था। भंडारी ने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए, न कि त्यौहार के दिन मेहनतकश व्यापारियों को परेशान करने पर। उन्होंने साफ कहा कि पुलिस को यह नोटिस वापस लेने ही होंगे । गौरतलब है कि इस विवाद की गूंज डी.जी.पी. गौरव यादव तक भी पहुंची। पूर्व विधायक के.डी. भंडारी ने सीधे डी.जी.पी. से फोन पर बात कर जालंधर पुलिस की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों के अनुसार डी.जी.पी. के हस्तक्षेप के बाद ही जालंधर पुलिस इस मामले में नरम पड़ी दिखी। इस मामले में जब डी.सी.पी. नरेश डोगरा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया ।