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6 महीने में सस्ता हुआ Samsung Galaxy S25 Edge, ग्राहकों के लिए 24 हजार का बड़ा ऑफर

मुंबई  Samsung Galaxy S25 Edge पर बंपर डिस्काउंट मिल रहा है. इस फोन को आप कई हजार रुपये के डिस्काउंट पर खरीद सकते हैं. Samsung ने Galaxy S25 Edge को इस साल मई में ही लॉन्च किया है, जो अब कई हजार रुपये सस्ता हो गया है. ये फोन दमदार फीचर्स और स्लिम डिजाइन के साथ आता है. डिस्कउंट पर आप इसे Flipkart से खरीद सकते हैं.  स्मार्टफोन में Qualcomm Snapdragon 8 Elite प्रोसेसर मिलता है. ये फोन 200MP के प्राइमरी रियर कैमरा के साथ आता है. Galaxy S25 Edge ब्रांड का सबसे पतला फोन है. आइए जानते हैं इस स्मार्टफोन पर मिल रहे डिस्काउंट ऑफर की डिटेल्स.  कितने में खरीद सकते हैं स्मार्टफोन?  Samsung Galaxy S25 Edge 5G को कंपनी ने 1,09,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया था. ये कीमत फोन के 12GB RAM + 256GB स्टोरेज वेरिएंट की है. हालांकि, Flipkart पर ये स्मार्टफोन इस वक्त 89,999 रुपये की कीमत पर लिस्ट है. यानी आपको 20 हजार रुपये का फ्लैट डिस्काउंट मिल रहा है.  इसके अलावा 4000 रुपये तक का डिस्काउंट विभिन्न बैंक कार्ड्स पर मिल रहा है. इस तरह से आप 24000 रुपये की बचत कर सकते हैं. वहीं 512GB स्टोरेज वाला वेरिएंट फ्लिपकार्ट पर 1,01,999 रुपये में मिल रहा है. इस पर भी आपको बैंक डिस्काउंट मिल जाएगा.  क्या हैं स्पेसिफिकेशन्स?  Samsung Galaxy S25 Edge 5G में 6.7-inch का LTPO AMOLED डिस्प्ले मिलता है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ आता है. स्क्रीन की प्रोटेक्शन के लिए गोरिल्ला ग्लास सिरेमिक 2 का इस्तेमाल किया गया है. स्मार्टफोन Android 15 पर बेस्ड OneUI 7 के साथ आता है. कंपनी इसे 7 साल तक एंड्रॉयड अपडेट देगी.  हैंडसेट Qualcomm Snapdragon 8 Elite प्रोसेसर पर काम करता है. इसमें 200MP का प्राइमरी कैमरा और 12MP का अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस मिलेगा. वहीं फ्रंट में कंपनी ने 12MP का सेल्फी कैमरा दिया है. फोन को पावर देने के लिए 3900mAh की बैटरी दी गई है, जो 25W की वायर्ड चार्जिंग और 15W की वायरलेस चार्जिंग मिलती है.

घर में धन और समृद्धि लाने के लिए करें ये वास्तु अनुसार काम

लाभ पंचमी का पर्व धन, सफलता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि इस दिन कुछ विशेष उपाय और दिशाओं का ध्यान रखा जाए तो घर, व्यापार और जीवन में लाभ के द्वार खुलते हैं। आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार लाभ पंचमी पर क्या करना चाहिए: सुबह की शुरुआत सूर्य अर्घ्य से करें लाभ पंचमी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। यह वास्तु के अनुसार ऊर्जा और सफलता का आरंभ है। सूर्य देव को अर्घ्य देने से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है और व्यापार में बाधाएं दूर होती हैं। घर और दुकान की दिशा की सफाई घर और दुकान की उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) को साफ-सुथरा रखें। यह दिशा माता लक्ष्मी और कुबेर जी का निवास स्थान मानी गई है। इस कोने में लाल या पीले फूल, दीपक और अगरबत्ती जलाना शुभ रहता है। गणेश-लक्ष्मी की पूजा किस दिशा में करें माता लक्ष्मी की मूर्ति उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखें। पूजक (जो व्यक्ति पूजा कर रहा है) का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। भगवान गणेश को दाईं ओर और महालक्ष्मी को बाईं ओर बैठाएं। पूजा स्थल पर काले या गहरे रंगों का प्रयोग न करें, केवल हल्के रंगों का उपयोग करें। प्रवेश द्वार पर शुभ प्रतीक बनाएं वास्तु शास्त्र में कहा गया है, “मुखद्वारे शुभलाभ चिह्नं धनं लभते गृहस्थः।” मुख्य दरवाजे पर शुभ लाभ और स्वस्तिक का चिह्न लाल सिंदूर या रोली से बनाएं। द्वार के दोनों ओर आम के पत्तों और बंदनवार लगाएं। इससे घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है और धनवृद्धि के योग बनते हैं। तिजोरी और धन स्थान का वास्तु तिजोरी या कैश बॉक्स को हमेशा दक्षिण दिशा की दीवार के सहारे रखें और उसका मुख उत्तर दिशा की ओर खुलना चाहिए। यह स्थिति धन के स्थायित्व का संकेत देती है। लाभ पंचमी के दिन तिजोरी में पीली कौड़ी, चांदी का सिक्का या लाल कपड़े में हल्दी रखी सुपारी रखें। व्यापार स्थल के लिए विशेष उपाय दुकान या ऑफिस के मुख्य द्वार के सामने कोई रुकावट (खंभा, पेड़ या दीवार) नहीं होनी चाहिए। प्रवेश द्वार के ऊपर मंगल कलश या नारियल लगाना शुभ होता है। लाभ पंचमी पर नया लेन-देन या बहीखाता शुरू करना अत्यंत फलदायी माना गया है। दीपक जलाने की दिशा सुबह और शाम पूर्व या उत्तर दिशा में घी का दीपक जलाएं। तिल के तेल का दीपक मुख्य द्वार पर जलाना बहुत शुभ माना गया है। दीपक की लौ सदैव पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए, इससे आर्थिक उन्नति होती है। वास्तु अनुकूल उपाय लाभ पंचमी के दिन घर में कुबेर यंत्र या श्री यंत्र स्थापित करें और उनका पूजन करें। तुलसी पौधे के पास दीपक जलाएं, इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। रसोईघर में पहली रोटी गाय को और मीठा पहला भोजन कन्याओं को दें। दक्षिण दिशा की दीवार पर लाल रंग की पेंटिंग या कपड़ा लगाना निषेध है। रंग और वस्त्र चयन लाभ पंचमी के दिन लाल, पीले या सुनहरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गया है। ये रंग आकर्षण, सौभाग्य और ऊर्जा के प्रतीक हैं। काले या भूरे रंग से बचें क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। वास्तु के अनुसार शुभ संकेत अगर लाभ पंचमी के दिन पूजा करते समय दीपक की लौ स्थिर रहती है, कपूर आसानी से जल जाता है या पूजा स्थल में सुगंध फैल जाती है तो यह इस बात का संकेत है कि माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी हुई है। लाभ पंचमी केवल धन की पूजा का दिन नहीं है, यह वास्तु संतुलन और ऊर्जात्मक शुद्धि का पर्व भी है। यदि इस दिन आप वास्तु के इन छोटे-छोटे नियमों का पालन करते हैं तो आपके घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा, धनवृद्धि और सौभाग्य का प्रवाह बढ़ता है।

शहर में घुसा तेंदुआ! अंबाला वन विभाग ने किया फुल-स्पीड खोज अभियान

अंबाला  अंबाला जिले के धुलकोट गांव में तेंदुए के दिखाई देने की सूचना मिलने के बाद वन विभाग ने शनिवार को अलर्ट जारी करते हुए खोज अभियान शुरू किया। जिला अधिकारियों ने बताया कि आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज में एक जंगली जानवर देखा गया, जो तेंदुए जैसा प्रतीत होता है। हालांकि, वन विभाग ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस को शुक्रवार शाम को तेंदुए के दिखाई देने की जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से खोज अभियान चलाया। वन विभाग ने गाँव में घोषणा कर ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की है। अधिकारियों के अनुसार, तेंदुए की खोज अभी जारी है और लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।

2016 के एक्ट संशोधन के बाद सभी राज्य ELIS सिस्टम पर कर रहे हथियार लाइसेंस कार्य, MP में लोकसेवा पर भेजे जाते आवेदन प्रभावित

ग्वालियर  लाइसेंसी हथियारों के नवीनीकरण सहित अन्य कामों को लेकर मध्य प्रदेश को छोड़कर पूरे देश में आर्म लाइसेंस इश्युएंस सिस्टम (एलिस) पर काम हो रहा है, लेकिन मप्र में लोकसेवा पर दोहरी व्यवस्था चल रही है। हाल ही में प्रदेश के गृह मंत्रालय की ओर से नेशनल डाटाबेस ऑफ आर्म लाइसेंस(एलिस) सिस्टम पर डाटा अपडेट करने के लिए कहा गया है, यानी अब सभी लाइसेंस का काम एलिस पर ही कराया जाएगा। 2016 में इसको लेकर एक्ट में संशोधन कर आदेश जारी किए गए थे। सभी राज्य हथियार लाइसेंस संबंधी कार्य एलिस पर ही कर रहे हैं, जो कि नेशनल सिस्टम है। प्रदेश में लोकसेवा पर आवेदन भेजे जाते हैं, जिसमें यूआईएन नंबर की अनिवार्यता नहीं होता है। एलिस में बिना यूआईएन नंबर के काम नहीं होता है। 2019 में लोकसेवा पर हथियारों का काम करने को लेकर राज्य शासन ने निर्देश दिए थे। अब मप्र में जिन लाइसेंसधारकों के पास यूआईएन नंबर नहीं है उनका नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। मध्य प्रदेश में 913 ऐसे शस्त्र धारक हैं, जिनके पास दो से ज्यादा शस्त्र हैं इनसे शस्त्र सरेंडर होने की कार्रवाई भी होना है। अतिरिक्त शस्त्र जमा करने की कार्रवाई बता दें कि नेशनल डाटाबेस ऑफ आर्म लाइसेंस का आर्म लाइसेंस इश्युएंस सिस्टम (एलिस) है जिसपर शस्त्र संबंधी काम होता है। गृह मंत्रालय की ओर से भी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखे गए हैं। इसमें लिखा है कि मप्र में कुल 913 लाइसेंसधारियों के पास से अधिक शस्त्र हैं। उनसे अतिरिक्त शस्त्र जमा करने की कार्रवाई की जानी है। एनडीएल-एलिस पोर्टल पर अतिशीघ्र इनका निराकरण सुनिश्चित किया जाए। भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा यूएन जारी करने की अंतिम तिथि 30 जून 2020 निर्धारित की गई थी। शस्त्र संबंधी सेवाओं के लिए आवेदन ऑनलाइन पब्लिक पोर्टल पर पेश किया जा सकता है।

पंजाब में रेलवे परियोजना के लिए सरकार से सहयोग की मांग

पटियाला  नॉर्दर्न रेलवे ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर "राजपुरा-मोहाली नई रेल लाइन (18.11 किमी)" परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम अधिकारी (CALA) और मध्यस्थ (Arbitrator) नियुक्त करने का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार द्वारा 2008 के गजट अधिसूचना (संशोधन) अधिनियम के तहत इस परियोजना को "विशेष रेलवे परियोजना" के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस परियोजना के लिए पंजाब के पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) जिलों में लगभग 53.84 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। अधिसूचना का प्रभाव गजट में प्रकाशित होने की तिथि 24 अक्टूबर, 2025 से माना जाएगा। रेलवे की ओर से पंजाब सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है, "इस महत्वपूर्ण रेलवे अवसंरचना परियोजना का सफल और समय पर पूरा होना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।" पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि रेलवे के पास पर्याप्त संख्या में अनुभवी अधिकारी नहीं हैं जो भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कार्य कर सकें, इसलिए पंजाब सरकार से अनुरोध किया गया है कि वे उपयुक्त अधिकारी और मध्यस्थ नियुक्त करें। पत्र में यह भी कहा गया है कि परियोजना के लिए आवश्यक 53.84 हेक्टेयर भूमि तीन जिलों पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और SAS नगर (मोहाली) में अधिग्रहित की जाएगी।

सुसाइड नोट में सामने आया सांसद का नाम, लेडी डॉक्टर केस में 4 बार रेप और फेक सर्टिफिकेट के आरोपों का खुलासा

 सातारा महाराष्ट्र के सातारा में लेडी डॉक्टर सुसाइड केस में नया मोड़ आया है. महाराष्ट्र के सतारा में सुसाइड करने वाली डॉक्टर ने एक पुलिस ऑफिसर पर चार बार रेप का आरोप लगाया था. उसने अपनी हथेली पर पुलिस ऑफिसर का जिक्र किया था. अब नई जानकारी सामने आई है कि उसने एक चार पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें एक सांसद का भी नाम है. मरने से पहले लिखे सुसाइड नोट में उसने कहा है कि उस पर पुलिस केस में आरोपियों के फेक फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का दबाव डाला जा रहा था. जब उसने मना किया तो उसे परेशान किया गया. उसने अपने लेटर में कहा है कि यह दबाव सिर्फ पुलिस अधिकारियों ने ही नहीं, बल्कि एक मामले में एक सांसद और उसके दो पर्सनल असिस्टेंट ने भी डाला था. दरअसल, 26 साल की यह लेडी डॉक्टर सतारा के फलटन सब-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर काम करती थी. उसने अपनी हथेली पर लिखा था कि सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडने ने उसके साथ चार बार रेप किया और पांच महीने से अधिक समय तक उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर परेशान किया. यह महिला 23 महीनों से हॉस्पिटल में काम कर रही थी और उसका बॉन्ड पीरियड खत्म होने में बस एक महीना बाकी था. इसके तहत उसे ग्रामीण इलाके में सर्विस देनी थी. इसके बाद वह पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री करना चाहती थी. चार पेज के सुसाइड नोट में दर्द एनडीटीवी के मुताबिक, उस चार पेज के लेटर में लेडी डॉक्टर ने बताया कि कैसे पुलिस ऑफिसर उस पर आरोपियों के लिए नकली फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का दबाव डाल रहे थे. इनमें से कई को तो मेडिकल जांच के लिए लाया भी नहीं जाता था. जब उसने मना किया तो उसे परेशान किया जाने लगा. एक खास घटना का जिक्र करते हुए उसने कहा कि उसने एक सर्टिफिकेट जारी करने से मना कर दिया था और एक सांसद के दो पर्सनल असिस्टेंट हॉस्पिटल में आ गए थे. उसने सांसद को फोन लगाया और उनसे बात करवाई और सांसद ने उन्हें इशारों-इशारों में धमकी दी. सीएम ने क्या आदेश दिया बहरहाल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना का संज्ञान लेते हुए सातारा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) तुषार दोशी से फोन पर बात की और ‘सुसाइड नोट’ में जिस पुलिस उपनिरीक्षक का जिक्र किया गया है, उसे तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बीड जिले से ताल्लुक रखने वाली 28 वर्षीय महिला चिकित्सक फलटण तहसील के एक सरकारी अस्पताल में काम करती थी. उन्होंने बताया कि महिला चिकित्सक का शव गुरुवार देर रात फलटण में एक होटल के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला. पुलिस क्या बोली पुलिस के अनुसार, महिला चिकित्सक ने अपनी हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में आरोप लगाया है कि पिछले पांच महीनों में सातारा के एक पुलिस उपनिरीक्षक ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि एक अन्य व्यक्ति उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था. पुलिस ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ में महिला चिकित्सक ने लिखा है कि उपनिरीक्षक गोपाल बदाने ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. इसने कहा कि बदाने और बांकर के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.  

46 वर्षों बाद अपने आध्यात्मिक स्वरूप में लौट रहा संभल, सांस्कृतिक धरोहर को मिल रही पहचान

सीएम योगी के प्रयासों से पुनः शुरू हुई संभल की पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा 46 वर्षों बाद अपने आध्यात्मिक स्वरूप में लौट रहा संभल,  सांस्कृतिक धरोहर को मिल रही पहचान एक बार फिर संभल अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा   – 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी यह परंपरा अब योगी सरकार के प्रयासों से फिर शुरू – संभल में मजबूत हुआ कानून का इकबाल, अवैध कब्जों से मिली मुक्ति, धार्मिक धरोहरों का हुआ पुनरुद्धार  – सीएम योगी के प्रयासों से मालामाल हो रहा संभल, ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ हासिल किया प्रदेश में 10वां स्थान  लखनऊ  संभल में इतिहास फिर से करवट ले रहा है। जहां कभी दंगों, पलायन और अवैध कब्जों की छाया थी, वहीं अब आस्था, अध्यात्म और सुरक्षा का सूर्योदय दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभल एक बार फिर अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ। शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 46 वर्षों बाद पुनः आरंभ हुई है। 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी यह परंपरा 2024 में योगी सरकार के प्रयासों से फिर से जीवित हो उठी। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं। 2017 के बाद बदला संभल का परिदृश्य  1978 के दंगों के बाद सम्भल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर कब्जे हुए और धर्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। परंतु 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उजागर किया जिन्हें वर्षों तक दबाया गया। सत्ता संरक्षण में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिशें हुईं और हिंदुओं को सुनियोजित रूप से पलायन के लिए विवश किया गया। योगी सरकार ने इन सभी मामलों में कठोर कार्रवाई की। दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया गया। अवैध कब्जों से मिली मुक्ति, धार्मिक धरोहरों का हुआ पुनरुद्धार योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर भी निर्णायक कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए, जिसमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार कार्य चल रहे हैं। संभल में मजबूत हुआ कानून का इकबाल  संभल में अब कानून का इकबाल मजबूत हुआ है। योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक विश्वास की नींव रखी गई है। बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% पर पहुंच गया है, जिससे 84 करोड़ रुपये की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है।  ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।

कृषि से औद्योगिक प्रगति की नई कहानी लिख रहा उत्तर प्रदेश

योगी सरकार में प्रॉसेसिंग हब बन रहा उत्तर प्रदेश कृषि से औद्योगिक प्रगति की नई कहानी लिख रहा उत्तर प्रदेश ग्लोबल ट्रेड रिसर्च रिपोर्ट में यूपी-गुजरात को बताया गया भारत का ‘फूड प्रोसेसिंग पावरहाउस’  आगरा और फर्रूखाबाद में बन रहे अत्याधुनिक संयंत्र, किसानों को मिल रहा दोगुना लाभ प्रदेश में लगभग 65,000 फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स से करीब 2.5 लाख को मिल रहा रोजगार योगी सरकार ने हर जिले में 1,000 नई प्रॉसेसिंग यूनिट्स लगाने का रखा है लक्ष्य बरेली, बाराबंकी और वाराणसी में एग्रो पार्क दे रहे विकास को गति लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को औद्योगिक शक्ल दे रहा है। राज्य तेजी से भारत का फूड प्रोसेसिंग हब बनकर उभर रहा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में गुजरात और उत्तर प्रदेश को देश के प्रमुख प्रोसेसिंग केंद्रों के रूप में रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, आपूर्ति पक्ष पर जहां गुजरात के मेहसाणा और बनासकांठा में आधुनिक डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) संयंत्र विकसित हुए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा और फर्रूखाबाद जिलों में नए अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट्स स्थापित हो रहे हैं। इन संयंत्रों को कांट्रैक्ट फार्मिंग और कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का मजबूत आधार प्राप्त है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल रहा है। योगी सरकार का यह मिशन न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक ‘कृषि से उद्योग’ परिवर्तन मॉडल के रूप में स्थापित कर रहा है—जहां खेत से लेकर फैक्ट्री तक हर स्तर पर विकास की गूंज सुनाई दे रही है। 2.55 लाख युवाओं को रोजगार  राज्य में फिलहाल 65,000 से अधिक फूड प्रोसेसिंग इकाइयां संचालित हैं, जिनसे करीब 2.55 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। सरकार का लक्ष्य हर जिले में कम से कम 1,000 नई प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करना है, जिससे खेती को मूल्य संवर्धन (Value Addition) और रोजगार दोनों के अवसर मिलेंगे। योगी सरकार ने अब तक 15 से अधिक एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग पार्क विकसित किए हैं, जिनमें बरेली, बाराबंकी, वाराणसी और गोरखपुर प्रमुख हैं। बरेली में बीएल एग्रो द्वारा करीब ₹1,660 करोड़ की इंटीग्रेटेड एग्रो प्रोसेसिंग हब की स्थापना प्रस्तावित है, जिसमें चावल मिलिंग, तेल निष्कर्षण और पैकेजिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। निर्यात और नवाचार के नए आयाम गढ़ रहा उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश सरकार का विशेष फोकस अब फल-सब्जी प्रसंस्करण, हाई-वैल्यू क्रॉप्स और निर्यात-उन्मुख उद्योगों पर है, ताकि राज्य की कृषि उत्पादकता वैश्विक बाजार से सीधे जुड़ सके। इसी दिशा में आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की योजना बनाई गई है, जहां आलू और अन्य ट्यूबर फसलों पर अत्याधुनिक अनुसंधान होगा। यह पहल कानपुर, आगरा, लखनऊ और फर्रूखाबाद जैसे प्रमुख आलू उत्पादक जिलों के लिए बड़ा अवसर साबित होगी, जिससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी कीमतें और निर्यात संभावनाएं मिलेंगी। वर्तमान में अमेरिका, बांग्लादेश, यूएई और वियतनाम जैसे देश भारत से बड़े पैमाने पर प्रॉसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स का आयात कर रहे हैं, जिससे भारतीय प्रसंस्करण उद्योग को नई पहचान मिल रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारत का उपभोक्ता व्यय $6 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा, जो उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए इस क्षेत्र में निवेश, रोजगार और निर्यात के अभूतपूर्व अवसर लेकर आएगा। नीति से मिल रही नई रफ्तार उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को गति देने के लिए योगी सरकार ने एक स्पष्ट और सशक्त वित्तीय व नीतिगत वातावरण तैयार किया है। राज्य की ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023’ इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है, जिसके तहत 19 नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। नीति के तहत उद्यमियों को उत्पादन-आधारित सब्सिडी, ब्याज सहायता, भूमि उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी और विकास शुल्क में छूट जैसी आकर्षक रियायतें दी जा रही हैं। इसके अलावा, सौर ऊर्जा, कोल्ड-चेन, क्लस्टर मॉडल और तकनीकी उन्नयन को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नीति का मुख्य फोकस “कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता” पर है, ताकि किसानों, प्रोसेसर्स और उद्यमियों के बीच त्रिस्तरीय वैल्यू चेन बन सके। बड़े बाजार, उत्पादन की कम लागत और दक्ष मानव संसाधन जैसी खूबियों के कारण उत्तर प्रदेश आज देश के सबसे आकर्षक फूड प्रोसेसिंग निवेश केंद्रों में गिना जा रहा है।

क्रिकेट इतिहास में रोहित शर्मा का अनोखा कारनामा, फील्डिंग शतक के साथ बढ़ी उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त

नई दिल्ली भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में बड़े-बड़े शतक लगाने के लिए जाने जाते हैं। बल्ले से तो रोहित शर्मा ने कई बार शतक वनडे क्रिकेट में लगाया है, लेकिन फील्डर के तौर पर अब रोहित शर्मा ने अपने करियर के अंतिम पड़ाव में एक खास शतक पूरा किया है। रोहित शर्मा ने वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में बतौर फील्डर 100वां कैच पकड़ा है और वे ऐसा करने वाले सातवें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 या इससे ज्यादा कैच एक फील्डर के तौर पर पकड़ने का कमाल किया है। रोहित शर्मा से पहले भारत के लिए 100 या इससे ज्यादा कैच पकड़ने का रिकॉर्ड, विराट कोहली, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सुरेश रैना और सौरव गांगुली ने बनाया है। विराट के नाम 163, अजहर के नाम 156, तेंदुलकर के नाम 140, द्रविड़ 124, रैना 102 और गांगुली के नाम 100 कैच वनडे क्रिकेट में लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। रोहित शर्मा ने जैसे ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में जारी तीसरे वनडे मैच में दूसरा कैच पकड़ा, वैसे ही उनके वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में कैचों की संख्या 100 हो गई। भारत के लिए ODI क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच 163 – विराट कोहली 156-मोहम्मद अजहरुद्दीन 140 -सचिन तेंदुलकर 124 -राहुल द्रविड़ 102 -सुरेश रैना 100 -सौरव गांगुली 100 -रोहित शर्मा हिटमैन रोहित शर्मा दुनिया के 34वें खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने 100 कैच इंटरनेशनल वनडे क्रिकेट में पकड़े हैं। अपने 276वें वनडे इंटरनेशनल मैच में रोहित ने कैचों का शतक पूरा किया। सिडनी में रोहित ने पहला कैच मिचेल ओवेन का स्लिप में पकड़ा और फिर दूसरा कैच नैथन एलिस का पकड़ा। इस सीरीज के पहले मैच में भी रोहित ने एक कैच पकड़ा था। दूसरे मैच में उन्होंने कोई कैच नहीं पकड़ा था। इस सीरीज में कई उपलब्धि रोहित अपने नाम कर चुके हैं।  

तूफान की दस्तक : मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी, इन क्षेत्रों में रहे सतर्क

नई दिल्ली बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान के कारण ओडिशा में आपदा मैनेजमेंट टीमें हाई अलर्ट पर हैं। इस तूफान के 27 अक्टूबर से राज्य में भारी बारिश लाने की संभावना है। हालांकि, चक्रवात के ओडिशा में सीधे तट से टकराने की उम्मीद नहीं है। इसके बावजूद जोरदार बरसात और तेज हवाएं चल सकती हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने आश्वासन दिया कि राज्य आने वाले चक्रवाती तूफान के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, जल संसाधन, ऊर्जा और कृषि विभाग स्थिति से निपटने के लिए तैयारी कर ली गई है। सुरेश पुजारी ने कहा, 'ओडिशा प्राकृतिक आपदाओं जैसे भारी बारिश, बाढ़, नदियों में उफान और चक्रवातों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। हम 22 या 29 अक्टूबर को तट से टकराने वाले संभावित चक्रवाती तूफान की तैयारी कर रहे हैं। स्वास्थ्य, जल संसाधन, ऊर्जा और कृषि विभाग पूरी तरह तैयार हैं। ओडिशा के स्थानीय प्रशासन विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में राहत केंद्रों, निकासी और आवश्यक आपूर्ति की व्यवस्था कर चुके हैं। हम लोगों से घबराने की बजाय शांत रहने की अपील करते हैं, क्योंकि हम पूरी तरह तैयार हैं।' चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 24 अक्टूबर को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र की पहचान की। इस सिस्टम के 25 अक्टूबर तक डिप्रेशन, 26 अक्टूबर तक गहरा डिप्रेशन और 27 अक्टूबर तक बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि यह तूफान संभवतः आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ेगा। ओडिशा में 27 से 29 अक्टूबर तक तटीय और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश की उम्मीद है। आईएमडी ने पूरे राज्य के लिए यलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। 27 अक्टूबर से दक्षिण ओडिशा तट पर 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं और 60 किमी प्रति घंटे तक की झोंकेदार हवाएं चलने की उम्मीद है।