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यशोदा मेडिसिटी के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया कार्यक्रम को संबोधित

उत्तम स्वास्थ्य पहले गरीब के लिए चिंता का विषय था, आज यह अधिकार के रूप में उसके दरवाजे तक पहुंच रहा : रक्षा मंत्री 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे, आज 800 हो गये हैं, एमबीबीएस सीटें केवल 50 हजार थीं, आज यह 1 लाख 20 हजार से ज्यादा हो चुकी हैं : राजनाथ सिंह दक्षिण एशिया में रोबोटिक्स सर्जरी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में पहचानी जाएगी यशोदा मेडिसिटी : राजनाथ सिंह गाजियाबाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां आयोजित यशोदा मेडिसिटी के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम उस भारत की ओर बढ़ रहे हैं जिसका सपना हमारे पूर्वजों ने देखा था, जो शक्तिशाली और स्वस्थ हो। हमारा हर कदम, हर नीति, हर प्रयास देश के गरीब, वंचित और ग्रामीण जनमानस को समर्पित है। हम मानते हैं कि जब भारत का हर नागरिक स्वस्थ होगा तभी भारत सशक्त होगा। हमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए राष्ट्र के नागरिकों का स्वास्थ्य उत्तम होना बहुत जरूरी है। मेडिकल ट्रेनिंग और टेक्निकल रिसर्च को मिलेगी नई दिशा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यशोदा मेडिसिटी के लिए गौरव की बात है कि इसे दक्षिण एशिया में रोबोटिक्स सर्जरी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में मान्यता मिली है। यह उपलब्धि निश्चित रूप से मेडिकल ट्रेनिंग और टेक्निकल रिसर्च को नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि हम जब भी किसी सफल इंसान की कहानी पढ़ते हैं, आपको यही देखने को मिलेगा कि हर बड़ी यात्रा की शुरुआत किसी न किसी बड़ी व्यक्तिगत पीड़ा से निकलती है। यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ पीएन अरोड़ा ने 1986 में अपनी माता को कैंसर की वजह से मृत्युशैया पर देखा, उनकी इसी पीड़ा ने यशोदा मेडिसिटी को जन्म दिया। आज यह अस्पताल समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए विश्वास का प्रतीक बनकर उभरी है। सरकार एक संरक्षक के रूप में बुजुर्गों के साथ खड़ी है राजनाथ सिंह ने कहा कि यशोदा मेडिसिटी ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का उत्तरदायित्वपूर्ण निर्वाह किया है। ठीक उसी प्रकार हम भी समाज के अंतिम व्यक्ति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ने नया रूप लिया है। पहले जहां यह गरीब के लिए चिंता का कारण होता था, वही आज उसके अधिकार के रूप में उसके दरवाजे तक पहुंच रहा है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि भारत का कोई गरीब किसी भी बीमारी के कारण अपने जीवन की उम्मीद न खोए। इसके लिए आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देश के 10 करोड़ परिवारों को हर वर्ष पांच लाख रूपए के स्वास्थ्य बीमा का कवच प्रदान किया गया है। अब 70 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना में शामिल किया गया है। ताकि जीवन के उस पड़ाव में जब देखभाल की सबसे अधिक आवश्यकता होती है तब सरकार एक संरक्षक के रूप में उसके साथ खड़ी रहे। जेनरिक मेडिसिन से गांव-गांव में लोग हो रहे लाभान्वित रक्षा मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के माध्यम से आम जनता को अत्यंत किफायती दर पर जेनरिक मेडिसिन उपलब्ध कराई जा रही हैं। आज गांव गांव में लोग इन केंद्रों से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही हमने एक मजबूत स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर विशेष बल दिया है। 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे वही आज बढ़कर 800 पहुंच चुकी है। 2014 में एमबीबीएस की सीटें केवल 50 हजार हुआ करती थीं, आज यह 1 लाख 20 हजार से ज्यादा हो चुकी हैं। 22 नये एम्स की स्थापना का निर्णय लिया गया। इसमें से 12 पूरी क्षमता के साथ कार्यरत हैं, बाकियों का निर्माण पूरी तेजी पर हैं। जब ये सभी संस्थान पूरी तरह से कार्यरत होंगी तो हमारा हेल्थ नेटवर्क और मजबूत होगा। दक्षिण एशिया में नवाचार की नई परिभाषा गढ़ेगी यशोदा मेडिसिटी अंत में उन्होंने यह कहकर अपनी खुशी जाहिर की कि, यशोदा समूह इस क्षेत्र में सकारात्मक प्रयास कर रहा है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि यह संस्था आने वाले समय में न केवल भारत बल्कि दक्षिण एशिया में नवाचार की नई परिभाषा गढ़ेगी। रक्षामंत्री ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने यहां आकर यहां के चिकित्सक और कर्मचारियों के मन में नई ऊर्जा का संचार किया है। राजनाथ सिंह ने यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन और एमडी डॉ पीएन अरोड़ा, सीईओ डॉ उपासना अरोड़ा और उनकी टीम को बधाई दी। इससे पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने यशोदा मेडिसिटी का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में मौजूद रहे।

हरमनप्रीत का रणनीति वार: भारत ने टॉस जीता, टीम में किया महत्वपूर्ण बदलाव

नई दिल्ली  भारत और बांग्लादेश के बीच महिला विश्व कप का 28वां मुकाबला रविवार को डॉ. डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी में खेला जा रहा है। भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है। भारत ने तीन बदलाव किए हैं। उमा डेब्यू कर रहीं हैं। भारतीय टीम सेमीफाइनल में जगह पक्की कर चुकी है, जहां उसका सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा। वहीं बांग्लादेश की टीम अभी तक टूर्नामेंट में सिर्फ एक मुकाबला जीत सकी है। भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बांग्लादेश के खिलाफ टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है। भारत ने तीन बदलाव किए हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच रविवार को महिला विश्व कप 2025 का आखिरी लीग मुकाबला रविवार को डॉ. डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी में खेला जाएगा।  

उमर अब्दुल्ला की मुश्किलें बढ़ीं — सतपाल शर्मा ने तोड़े 4 MLA, राज्यसभा समीकरण बदले

जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए पहले राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ी जीत दर्ज की है। भाजपा के सतपाल शर्मा ने चौथी सीट जीतकर पार्टी के लिए ऐतिहासिक सफलता हासिल की। यह जीत केंद्र शासित प्रदेश में भाजपा की बढ़ती राजनीतिक पैठ का संकेत मानी जा रही है। भाजपा के पास यहां सिर्फ 28 विधायक हैं और जीत के लिए 32 की आवश्यक्ता थी। इसके बावजूद भगवा पार्टी के नेता यहां जीत दर्ज करने में सफल रहे। ऐसा कहा जा रहा है कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों का समर्थन हासिल करने में सफल रहे। कौन हैं सतपाल शर्मा? सतपाल शर्मा फिलहाल जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष हैं और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। वह जम्मू पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से 2014 में विधायक चुने गए थे और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट सतपाल शर्मा को 1986 में इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की सदस्यता मिली थी। वह डोगरा ब्राह्मण परिवार से हैं और जम्मू विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक हैं। हाल के विधानसभा चुनावों में उन्हें टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। नेशनल कॉन्फ्रेंस की तीन सीटों पर जीत जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) गठबंधन ने पहले तीन राज्यसभा सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी के नेता चौधरी मोहम्मद रमजान, साजद किचलू और शमी ओबेरॉय को जीत मिली है। रमजान ने 58 वोट हासिल किए। चुनाव में 88 में से 86 विधायकों ने मतदान किया, जबकि गिरफ्तार विधायक मेहराज मलिक ने डाक मतपत्र से वोट दिया। कांग्रेस, पीडीपी, सीपीआई(एम), एआईपी और छह निर्दलीयों के समर्थन से एनसी गठबंधन ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया। चौथी सीट पर मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के इमरान नबी डार और भाजपा के सतपाल शर्मा के बीच हुआ, जिसमें शर्मा ने 32 वोट पाकर जीत हासिल की जबकि डार को सिर्फ 22 वोट मिले। यह जीत अनुच्छेद 370 हटने के बाद भाजपा की पहली राज्यसभा सीट है। इससे पहले भाजपा के शमशेर सिंह मनहास 2015 से 2021 तक राज्यसभा सदस्य रहे थे। चार साल बाद क्यों हुए चुनाव? जम्मू-कश्मीर में यह राज्यसभा चुनाव चार साल बाद हुआ क्योंकि इस अवधि में केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा भंग थी। राज्यसभा के सदस्य विधायकों द्वारा चुने जाते हैं, इसलिए विधानसभा न होने पर चुनाव संभव नहीं था। प्रदेश की चारों सीटें 2021 से खाली थीं। उस वर्ष गुलाम नबी आजाद, नजीर अहमद लावे, फय्याज अहमद मीर और शमशेर सिंह मनहास का कार्यकाल समाप्त हो गया था। राज्य के पुनर्गठन के बाद, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में तय किया गया कि इन चार सीटों को नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में माना जाएगा। सतपाल शर्मा की जीत को जम्मू-कश्मीर की बदलती राजनीतिक तस्वीर के रूप में देखा जा रहा है। जहां एक ओर एनसी गठबंधन ने तीन सीटों पर कब्जा बनाए रखा वहीं भाजपा की यह सफलता इस बात का संकेत है कि प्रदेश की राजनीति अब एकतरफा नहीं रही। विश्लेषकों का मानना है कि यह जीत भाजपा के लिए आने वाले विधानसभा चुनावों में संगठनात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करेगी।  

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गाजियाबाद में यशोदा मेडिसिटी का किया उद्घाटन

कोविड महामारी में यशोदा मेडिसिटी का बड़ा योगदान, उत्तर भारत में 'स्टेप्स' मॉडल लागू करने वाला पहला अस्पताल : द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रपति ने यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ. पीएन अरोड़ा को दी शुभकामनाएं, कहा- यह अस्पताल बनेगा हेल्थकेयर में बदलाव की मिसाल  'अफोर्डेबल वर्ल्ड क्लास हेल्थ सर्विस टू ऑल' के मिशन को पूरा करेगी यशोदा मेडिसिटी : राष्ट्रपति गाजियाबाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को गाजियाबाद के इंदिरापुरम में यशोदा मेडिसिटी का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान के आधुनिक स्वास्थ्य ढांचे और जनसेवा की भावना की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि देशवासियों को निष्ठा के साथ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले संस्थानों में आकर उन्हें गर्व और खुशी दोनों का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि यशोदा मेडिसिटी ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरी निष्ठा के साथ अपनाया है। कोविड महामारी के दौरान इस संस्थान ने बड़ी संख्या में लोगों का उपचार किया और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भी उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने बताया कि 'सिस्टम फॉर टीबी एलिमिनेशन इन प्राइवेट सेक्टर (स्टेप्स)' के तहत उत्तर भारत का पहला केंद्र यशोदा मेडिसिटी को बनाया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह संस्थान सिकल सेल एनीमिया जैसी जनजातीय क्षेत्रों में होने वाली बीमारियों पर विशेष रूप से काम कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यशोदा मेडिसिटी इस दिशा में और अधिक योगदान देगी। अस्पताल के चेयरमैन और एमडी डॉ. पी.एन. अरोड़ा के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सेल्फ मेड हेल्थकेयर मिशन के तहत एक विश्वस्तरीय संस्थान स्थापित किया है, जो समाज सेवा और राष्ट्र सेवा को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल को अपनी माता यशोदा जी के नाम पर रखना भारतीय संस्कारों और स्वदेशी भावना का उदाहरण है। राष्ट्रपति मुर्मु ने अस्पताल का दौरा भी किया और कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतना अत्याधुनिक अस्पताल देखा है, जहां एक ही छत के नीचे सभी परीक्षण और उपचार सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों का कीमती समय बचता है। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से विकास की ओर अग्रसर है और यह तभी संभव है जब देश का हर नागरिक स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि इस तरह की मेडिसिटी न केवल इलाज के लिए बल्कि अनुसंधान और नवाचार के लिए भी जरूरी हैं। राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि यशोदा मेडिसिटी आईआईटी बॉम्बे जैसे संस्थानों के साथ मिलकर कैंसर की जीन थैरेपी जैसी स्वदेशी तकनीकों को अपनाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा राष्ट्र निर्माण का अभिन्न अंग है और सरकार इस दिशा में निरंतर काम कर रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि निजी क्षेत्र के अच्छे स्वास्थ्य संस्थान देश के लिए अमूल्य योगदान दे सकते हैं। मेडिकल रिस्पॉन्सिबिलिटी के साथ सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी निभाना इन संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। अंत में उन्होंने यशोदा मेडिसिटी से उम्मीद जताई कि यह 'अफोर्डेबल वर्ल्ड क्लास हेल्थ सर्विस टू ऑल' के मिशन को पूरा करेगी और देश के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगी। उन्होंने डॉ. पी.एन. अरोड़ा और उनकी टीम को शुभकामनाएं दीं कि वे सेवा, गुणवत्ता और नवाचार के साथ देश को गौरवान्वित करते रहें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पीएन अरोड़ा, सीईओ डॉ उपासना अरोड़ा सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे। विशेष शॉल भेंट कर हुआ अतिथियों का स्वागत यशोदा मेडिसिटी के उद्घाटन समारोह में शामिल सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत संस्थान के चेयरमैन और एमडी डॉ पीएन अरोड़ा ने विशेष शॉल भेंट कर किया। शॉल पर रामायण के दृष्यों को रेशम के धागों से उकेरा गया है और प्रत्येक शॉल को बनाने में कारीगरों को एक वर्ष का समय लगा है। इसके साथ ही अतिथियों को शंख और स्मृति चिह्न देकर उनका अभिवादन किया गया।

कचरे से कर्म की मिसाल: ‘मन की बात’ में PM ने किया अंबिकापुर के गार्बेज कैफे का ज़िक्र

अंबिकापुर स्वच्छता और नवाचार के क्षेत्र में अंबिकापुर ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम की सराहना करते हुए कहा कि 'गार्बेज कैफे जैसी पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह सामाजिक संवेदनशीलता और मानवता की एक प्रेरक मिसाल भी है।' उन्होंने कहा, यह एक बेहतरीन उदाहरण है। अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री की इस प्रशंसा के बाद अंबिकापुर का नाम एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर गूंज उठा है।   प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन और नाश्ता साल 2019 में अंबिकापुर नगर निगम ने देश का पहला ‘गार्बेज कैफे’ शुरू किया था। इसका उद्देश्य था शहर से प्लास्टिक कचरा हटाना और जरूरतमंदों को सम्मानपूर्वक भोजन उपलब्ध कराना। इस कैफे में कोई भी व्यक्ति पैसे से नहीं, बल्कि प्लास्टिक के कचरे से अपनी भूख मिटा सकता है।   यहां का नियम बेहद दिलचस्प है एक किलो प्लास्टिक कचरे के बदले चावल, दाल, दो सब्ज़ी, रोटी, सलाद और अचार से सजी थाली मिलती है। आधा किलो प्लास्टिक के बदले समोसा, वड़ा पाव या आलू चाप जैसा स्वादिष्ट नाश्ता दिया जाता है।इस व्यवस्था ने गरीबों को भोजन देने के साथ-साथ शहर की सफाई व्यवस्था को भी नया जीवन दिया है।   स्वच्छता और सम्मान की कहानी अंबिकापुर नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि शहर को स्वच्छ रखने में कचरा बीनने वाले लोग असली योद्धा हैं। गार्बेज कैफे उनके लिए न केवल भोजन का माध्यम बना, बल्कि उनके काम को सम्मान भी दिलाया।यह पहल यह संदेश देती है कि समाज जिन लोगों को अक्सर अनदेखा कर देता है, वही पर्यावरण संरक्षण की रीढ़ हैं। कैफे से जमा हुआ प्लास्टिक बाद में रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है और उसका उपयोग प्लास्टिक सामग्रियों के निर्माण में किया जाता है। सड़क निर्माण में भी इसकी उपयोगिता सुनिश्चित की गई है। देशभर में गूंजा अंबिकापुर का मॉडल अंबिकापुर की इस पहल ने देशभर के नगर निगमों को प्रेरित किया है। उत्तर और दक्षिण के राज्यों के कई नगर निगमों ने प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए अलग-अलग नाम से गार्बेज कैफे की शुरुआत की जहां नाश्ता,चाय-काफी उपलब्ध कराया जाता है। निगम अधिकारियों का मानना है कि यदि हर शहर में ऐसे कैफे खोले जाएं, तो यह दोहरी समस्या का समाधान बन सकता है। एक ओर गरीबों को भोजन मिलेगा, तो दूसरी ओर शहर प्लास्टिक मुक्त होंगे। इससे रिसाइक्लिंग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

भयानक हादसा: इलेक्ट्रिक बस की बैट्री में विस्फोट, पलभर में राख हो गई पूरी बस

कुरनूल आंध्र प्रदेश के कुरनूल में इलेक्ट्रिक बस में आग लगने को लेकर पुलिस का कहना है कि बाइक से टक्कर के बाद बस में लगीं दो 12 केवी की बैट्रियों में धमाका हुआ था। वहीं शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि बस पर बड़ी मात्रा में स्मार्टफोन रखे हुए थे। उनके पास ही वाहन की बैट्री थी। इसी वजह से आग लगी थी। बता दें कि शुक्रवार को बस और बाइक की टक्कर के बाइक बस के नीचे आकर रगड़ने लगी। इस वजह से उसका फ्यूल टैंक फट गया और बस भी आग का गोला बन गई। इस घटना में बस में सावर 19 यात्रियों के साथ बाइक सवार की मौत हो गई थी। एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही इस बस में 234 स्मार्टफोन रखे थे। ये स्मार्टफोन किसी व्यापारी के थे। आग लगने के बाद स्मार्टफोन की लीथियम आयन बैट्री में धमाका होने लगा। इस वजह से आग तुरंत यात्रियों के केबिन तक पहुंच गई। शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि बस के सामने पेट्रोल लीक होने की वजह से आग लगी थी। अधिकारियों ने कहा कि बस की एल्युमिनियम फ्लोरिंग पिघलने लगी और आग बढ़ती चली गई। आंध्र प्रदेश दमकल विभाग और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक ज्यादा मात्रा में स्मार्टफोन और बैट्री की वजह से लोगों की जान चली गई। कुरनूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीण ने कहा, बाइक के फ्यूल टैंक की वजह से आग नहीं लगी बल्कि बस के मेन एग्जिट डोर के पास आग लगी थी। इसके अलावा बस के पीछे की तरफ जहां बैट्री होती है वहां आग लगी थी। बैट्री में विस्फोट हो गया। उन्होंने कहा कि बाइक में लगी आग की वजह से केवल बस की टूल किट प्रभावित हुई थी। कुरनूल जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत पाटिल ने बताया कि शिव शंकर की मोटरसाइकिल सड़क पर फिसलकर गिर गई और वह डिवाइडर से टकरा गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि यह दुर्घटना उसी रास्ते से गुजर रही एक बस के शिव शंकर के दोपहिया वाहन को अपनी चपेट में लेने के कुछ देर पहले हुई। पाटिल ने बताया कि हादसे में दोपहिया वाहन के पीछे बैठे एरी स्वामी को मामूली चोटें आई थीं।  

‘जी-हुजूरी’ वाले विवाद पर श्रीकांत की सफाई, बोले – हर्षित राणा को लेकर मेरी बात का गलत मतलब निकाला गया

नई दिल्ली  पूर्व भारतीय कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत ने ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज से पहले तेज गेंदबाज हर्षित राणा की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने भारतीय वनडे टीम में 23 वर्षीय हर्षित के सिलेक्शन पर सवाल उठाया था। उन्होंने यहां कह दिया कि राणा को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए वनडे टीम में इसलिए चुना गया क्योंकि वह हेड कोच गौतम गंभीर की जी-हुजूरी करते हैं। हालांकि, 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य श्रीकांत ने वनडे सीरीज समाप्त होने के बाद अब हर्षित की तारीफ की है। हर्षित ने सिडनी में आयोजित तीसरे वनडे में 8.4 ओवर में 39 रन देकर चार विकेट चटकाए। उन्होंने एलेक्स कैरी (24), कूपर कोनोली (23) मिचेल ओवेन (1), जोश हेजलवुड (V) का शिकार किया और ऑस्ट्रेलिया को 236 रन पर रोका। भारत ने सिडनी में 9 विकेट से जीत दर्ज की। ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमाया। श्रीकांत ने तीसरे वनडे के बाद अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “हर्षित राणा ने शानदार गेंदबाजी की। एक वनडे में चार विकेट लेना बड़ी उपलब्धि है। ओवेन का विकेट मेरा पसंदीदा रहा। उन्होंने शानदार गेंद डाली और रोहित शर्मा ने एक बेहतरीन कैच लपका। हर्षित ने शानदार लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की। पिछले मैच में डेथ ओवरों में काफी नुकसान हुआ था लेकिन इस मैच में उन्होंने डेथ ओवरों में भी बहुत अच्छी गेंदबाजी की। उन्होंने सिडनी में शॉर्ट बॉलिंग नहीं की और न ही बहुत ज्यादा स्लोअर गेंदें फेंकी। हर्षित राणा इस मैच के लिए तारीफ के हकदार हैं। मैं उनके लिए बहुत खुश हूं। हां, मैंने आपकी बहुत आलोचना की लेकिन आखिरकार आपने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने पिछले मैच में बल्ले से रन बनाने और गेंद से पहले स्पैल के बाद अपना आत्मविश्वास वापस पा लिया।” बता दें कि हर्षित को पहले वनडे में कोई विकेट नहीं मिला था। उन्होंने एडेलिड में दूसरे वनडे में नाबाद 24 रन बनाने के अलावा दो विकेट चटकाए। हालांकि, हर्षित ने एडिलेड में 8 ओवर मे 59 रन लुटा दिए दिए थे। कप्तान शुभमन गिल का कहना है कि अगर हर्षित बल्ले से 20 से 25 रन का योगदान कर सकते हैं तो वह आठवें नंबर पर गेंदबाजी ऑलराउंडर हो सकते हैं, जिसकी भारत को तलाश है। गिल ने सिडनी वनडे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''मुझे लगता है कि हमारे लिए आठवें नंबर के स्थान के लिए अगर कोई बल्लेबाज वहां 20-25 रन बना सकता है तो यह बहुत अहम स्थान बन सकता है। हमें भरोसा है कि हर्षित ऐसा कर सकता है।'' उन्होंने कहा, ''बहुत कम तेज गेंदबाज हैं जो लंबे हैं और जो 140 से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। इसलिए अगर हम दक्षिण अफ्रीका (2027 वनडे वर्ल्ड कप) को देखें तो ऐसी विकेटों पर ऐसे गेंदबाज बहुत अहम हो जाते हैं।''  

श्री बजरंग सेना के प्रमुख हितेश विश्वकर्मा ने दी दीपावली और छठ पर्व की शुभकामनाएं

नई दिल्ली श्री बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा ने देशवासियों को दीपावली और छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सभी से भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं को मजबूती देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दीपावली केवल दीपों का पर्व नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इसी प्रकार छठ पर्व भी भारतीय आस्था, अनुशासन और प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश देता है। हितेश विश्वकर्मा ने कहा कि श्री बजरंग सेना सूरत से कार्यरत एक हिंदूवादी संगठन है, जो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के संकल्प के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। संगठन का उद्देश्य समाज में एकता, संस्कार और राष्ट्रीयता की भावना को प्रबल करना है। उन्होंने बताया कि संगठन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है, बल्कि सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। श्री बजरंग सेना द्वारा समय-समय पर जरूरतमंदों को मदद, पर्यावरण संरक्षण, गौसेवा, स्वच्छता अभियान और शिक्षा के क्षेत्र में जनजागृति जैसे कार्य किए जाते हैं। हितेश विश्वकर्मा ने कहा कि दीपावली और छठ पर्व का अवसर समाज में भाईचारे और सद्भावना को मजबूत करने का संदेश लेकर आता है, जिसे हर भारतीय को आत्मसात करना चाहिए।

बिहार चुनाव में दिलचस्प मुकाबला: नीतीश के भरोसे ‘श्रवण’ बनाम रिकॉर्ड के भूखे हरिनारायण

पटना  बिहार में प्रथम चरण में छह नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में नालंदा जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले मंत्री श्रवण कुमार आठवीं बार जबकि पूर्व मंत्री हरिनारायण सिंह दसवीं बार जीत का सेहरा बांधने के लिये चुनावी रण में उतरे हैं। विश्व के प्राचीनतम नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेषों को अपने आंचल में समेटे नालंदा जिले में होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ,महागठबंधन और क्षेत्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार चरम पर है। नालंदा जिले में सात विधानसभा क्षेत्र नालंदा,हरनौत, बिहारशरीफ, राजगीर (सुरक्षित),अस्थावां, हिलसा और इस्लामपुर है। यहां पर राजग का पलड़ा भारी है। इनमें पांच सीटें नालंदा,हरनौत,राजगीर (सुरक्षित) ,अस्थावां और हिलसा पर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) , बिहारशरीफ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इस्लामपुर में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का कब्जा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में सभी की नजरें टिकी हुयी है। नालंदा विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले जदयू के विधायक और मंत्री श्रवण कुमार की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। सियासी पिच पर सात बार जीत दर्ज कर चुके श्रवण कुमार आठवीं बार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। महागबंधन की ओर से कांग्रेस ने कौशलेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया है। दो दशक से नालंदा सीट पर श्रवण कुमार का वर्चस्व बरकरार है। जदयू के श्रवण कुमार इस सीट से वर्ष 1995, 2000, फरवरी 2005,अक्टूबर 2005, वर्ष 2010, वर्ष 2015 और वर्ष 2020 में निर्वाचित हो चुके हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के श्री कुमार ने जनतांत्रिक विकास पार्टी के उम्मीदवार कौशलेंद्र कुमार को मात दी थी। कांग्रेस के गुंजन पटेल तीसरे नंबर पर रहे थे।नालंदा से 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। हरनौत विधानसभा क्षेत्र से जदयू ने नौ बार विधायकी का दम दिखा चुके पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक हरिनारायण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के अरूण कुमार से है। जदयू के श्री सिंह इसके पूर्व चंडी विधानसभा से वर्ष 1977, 1983 उप चुनाव,1990, 2000, फरवरी एवं अक्टूबर 2005 और इसके बाद वर्ष 2010 ,वर्ष 2015 और 2020 में हरनौत से विधानसभा से निर्वाचित हो चुके हैं। हरनौत विधानसभा सीट ,नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र भी है, उनका पैतृक गांव कल्याण बिगहा इसी विधानसभा क्षेत्र में स्थित है।इस सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार बार चुनाव लड़ चुके हैं। वह दो बार 1977 और 1980 में हार गए जबकि 1985 और 1995 के चुनाव में वह विजयी हुए। हरनौत सीट को जदयू का अभेद किला माना जाता है। वर्ष 2005 से लेकर अबतक हुए चुनावों में यहां कभी नीतीश के विरोधियों की दाल नहीं गली है। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के हरिनारायण सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) उम्मीदवार ममता देवी को शिकस्त दी थी। कांग्रेस के कुंदन कुमार तीसरे नंबर पर रहे थे।जदयू के हरिनारायण सिंह नौ बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। यदि वह इस बार का चुनाव भी जीतते हैं तो सर्वाधिक बार विधानसभा पहुंचने वाले विधायक बन जाएंगे। अब तक दस बार बिहार विधानसभा का चुनाव कोई नहीं जीत सका है। नौ बार विधानसभा का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड तीन लोगों के नाम हैं। इनमें हरिनारायण सिंह, सदानंद सिंह और रमई राम शामिल हैं। सदानंद सिंह और रमई राम दिवंगत हो चुके हैं। हरनौत में 11 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। सिक्सर लगाने को बेताब डॉ. सुनील कुमार बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी एवं वर्तमान विधायक और मंत्री डॉ. सुनील कुमार चुनावी मैदान में सिक्सर लगाने के लिये बेताब है, जबकि उनसे लोहा लेने के लिये कांग्रेस ने यहां नये खिलाड़ी उमैद खान को उनके सामने लाकर खड़ा कर दिया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के शिव कुमार यादव ने यहां से उम्मीदवार हैं, जो कांग्रेस प्रत्याशी के लिये मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।भाजपा के डाक्टर सुनील कुमार ने फरवरी 2005, अक्टूबर 2005, 2010, 2015 और 2020 में जीत हासिल की है। वर्ष 2020 के चुनव में डॅा. सुनील ने राजद के सुनील कुमार को मात दी थी। पूर्व विधायक नौशादुन नवी उर्फ पप्पू खान की पत्नी निर्दलीय उम्मीदवार आफरीन सुलताना तीसरे नंबर पर रही थी। बिहारशरीफ में 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में जोर आजमां रहे हैं। राजगीर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से हरियाणा के पूर्व राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के पुत्र और जदयू विधायक कौशल किशोर और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) उम्मीदवार विश्वनाथ चौधरी के बीच सीधी टक्कर देखी जा रही है। वर्ष 2015 में जदयू के श्रवण कुमार ने भाजपा के आर्य को 5390 मतों से शिकस्त दी थी। वर्ष 2020 के चुनाव में आर्या वर्ष 1977, 1980, 1985, 1990, 1995,2000, 2005 फरवरी और अक्टूबर 2005 ,2010 में इस सीट से जीत हासिल की है। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के श्री किशोर ने कांग्रेस के रवि ज्योति कुमार को पराजित किया था। राजगीर में सात उम्मीदवार चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे हैं। अस्थावां विधानसभा क्षेत्र से सियासी पिच पर पांच का दम दिखा चुके जदयू प्रत्याशी जितेन्द्र कुमार सिक्सर लगाने के लिये बेताब हैं। राजद ने यहां रवि रंजन कुमार को उम्मीदवार बनाया है। वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी (जनसुराज) ने कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष (अब जनसुराज में शामिल )रामचंद्र प्रसाद सिंह (आर.सी.पी सिंह) की बेटी लता सिंह को मैदान में उतारा है। चुनावी दंगल में उतरी लता सिंह यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगी हुयी हैं।जदयू के श्री कुमार ने फरवरी 2005, अक्टूबर 2005, 2010 ,2015 और 2020 में जीत हासिल की है। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के श्री कुमार ने राजद के अनिल कुमार को हराया था।अस्थांवा विधानसभा सीट से कुल सात प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं। इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू ने पूर्व विधायक राजीव रंजन सिंह के पुत्र रूहेल रंजन को चुनावी अखाड़े में उतारा है, जहां उनका मुकाबला पूर्व विधायक कृष्ण बल्लभ प्रसाद सिंह के पुत्र और वर्तमान राजद विधायक राकेश कुमार रोशन से है। कृष्ण बल्लभ प्रसाद यहां से 1977, 1990 और 1995 में जीत हासिल कर चुके हैं।पिछले कुछ दशकों में जदयू ने यहां मजबूत पकड़ बनाई। अब तक जदयू यहां पांच बार जीत दर्ज … Read more

CBI की बड़ी कार्रवाई: लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य अमेरिका से पकड़ा गया, भारत पहुंचते ही हिरासत में

नई दिल्ली  सीबीआई (CBI) की एक टीम एक भगोड़े गैंगस्टर लखविंदर कुमार को शनिवार को अमेरिका से गिरफ्तार कर भारत वापस ले आई। आरोपी लखविंदर कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा है। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने अमेरिका से वांटेड भगोड़े लखविंदर कुमार को भारत वापस लाने में सीबीआई की मदद की। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि लखविंदर के खिलाफ इंटरपोल की तरफ से रेड नोटिस जारी किया गया था। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लाए जाने के बाद हरियाणा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि लखविंदर हरियाणा में जबरन वसूली, धमकी, अवैध हथियार रखने और उनका इस्तेमाल करने तथा हत्या के प्रयास से संबंधित कई आपराधिक मामलों में वॉन्टेड है। बयान में कहा गया है, ‘‘सीबीआई ने हरियाणा पुलिस के अनुरोध पर 26 अक्टूबर 2024 को इंटरपोल के माध्यम से लखविंदर के खिलाफ ‘रेड नोटिस’ जारी करवाया था। उसे अमेरिका से भारत डिपोर्ट किया गया और वह 25 अक्टूबर 2025 को दिल्ली पहुंचा, जहां हरियाणा पुलिस की एक टीम ने उसे हिरासत में ले लिया।’’ इंटरपोल द्वारा जारी किए गए रेड नोटिस दुनियाभर की सभी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को वांटेड भगोड़ों को ट्रैक करने के लिए भेजे जाते हैं। पिछले कुछ सालों में इंटरपोल चैनलों के जरिये कोऑर्डिनेशन से 130 से अधिक वांटेड अपराधियों को वापस लाया गया है।