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किशोर जेना नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 से बाहर, यशवीर सिंह को मिला मौका

बेंगलुरु भारतीय भाला फेंक एथलीट किशोर जेना टखने की चोट के चलते नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025 से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह अब यशवीर सिंह को प्रतियोगिता में शामिल किया गया है। आयोजकों ने सोमवार को उक्त जानकारी दी। किशोर जेना ने पिछले साल हांगझो एशियन गेम्स में नीरज चोपड़ा के पीछे दूसरा स्थान हासिल किया था, जहां उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 87.54 मीटर भाला फेंका था। वे शुरूआती पांच भारतीय प्रतिभागियों में शामिल थे, जिनमें सचिन यादव, रोहित यादव और साहिल सिलवाल भी शामिल हैं। जेना की गैरमौजूदगी में अब यशवीर सिंह को टीम में जगह दी गई है। यशवीर इस समय पुरुषों की भाला फेंक रैंकिंग में 41वें स्थान पर हैं और उन्होंने 2025 एशियन चैंपियनशिप (गुमी, कोरिया) में 82.57 मीटर की थ्रो कर अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। नीरज चोपड़ा क्लासिक को भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय भाला फेंक प्रतियोगिता के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता का आयोजन नीरज चोपड़ा, जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) और वर्ल्ड एथलेटिक्स (डब्ल्यूए) के सहयोग से किया जा रहा है। यह भारत में अब तक का सबसे उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स आयोजन होगा। प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा के साथ दुनिया के कई शीर्ष भाला फेंक एथलीट भी हिस्सा लेंगे, जिनमें ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स, जर्मनी के दो बार के वर्ल्ड चैंपियन थॉमस रोहलर और केन्या के रियो 2016 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जूलियस येगो शामिल हैं। पहले यह प्रतियोगिता 24 मई को होनी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसकी तारीख बदलकर अब 5 जुलाई कर दी गई है। यह मुकाबला बेंगलुरु के श्री कांतिरवा स्टेडियम में आयोजित होगा।  

विस अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के प्रयासों से 242.80 करोड़ की लमती फीडर डैम परियोजना को मिली स्वीकृति, 41 गांवों की खेती को मिलेगा नया जीवन

राजनांदगांव  राजनांदगांव जिले के किसानों के लिए आज का दिन अत्यंत गर्व और उम्मीद से भरा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष एवं राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह के सतत प्रयासों और पहल से 242.80 करोड़ रुपए की लागत से लमती फीडर डैम के माध्यम से कुल 41 गांवों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे हजारों किसान परिवारों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना से खैरागढ़, छुईखदान और गंडई क्षेत्र के 2 गांवों के साथ-साथ राजनांदगांव जिले के 39 गांवों को सीधे लाभ मिलेगा। इन 39 गांवों में से 10 गांव अत्यंत सूखाग्रस्त घोषित हैं, जहां किसानों को लंबे समय से जल संकट का सामना करना पड़ रहा था। इन सूखाग्रस्त गांवों में बम्हनी, धनगांव, सुकुलदैहान, गातापार, बागतराई, डिलापहरी, धर्मापुर, ढाबा, बरगाही और लिटिया शामिल हैं। डॉ. रमन सिंह जी ने इस योजना के स्वीकृति को राजनांदगांव जिले सहित समूचे अंचल के किसानों के लिए महत्वपूर्ण फैसला बताया और कहा कि "यह सिर्फ सिंचाई योजना नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने की एक ठोस पहल है। मेरा सदैव प्रयास रहा है कि प्रत्येक गांव, प्रत्येक खेत तक पानी पहुंचे और हर किसान के चेहरे पर संतोष की मुस्कान लौटे। इस डैम के निर्माण से 1840 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। इससे जहां धान, गेहूं, दलहन और सब्जियों की खेती को बढ़ावा मिलेगा, वहीं कृषि आधारित आजीविका पर आश्रित परिवारों को आर्थिक मजबूती भी मिलेगी। यह परियोजना न केवल जल संसाधन प्रबंधन में एक बड़ा कदम है, बल्कि “समृद्ध गांव – सशक्त किसान” के संकल्प की दिशा में एक मजबूत आधारशिला है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी ने इस स्वीकृति के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है और विश्वास जताया है कि जल्द ही इस पर निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। इस परियोजना के संबंध में जल संसाधन विभाग द्वारा विस्तृत प्रस्तुतीकरण परियोजना समिति के समक्ष किया गया। विभाग द्वारा समिति को यह अवगत कराया गया कि यह डैम परियोजना खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के खैरागढ़ तहसील एवं विकासखण्ड के ग्राम लछनाटोला के समीप, आमनेर नदी पर प्रस्तावित है।

अब तक जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से 2340 से अधिक जनजातीय नागरिकों को आधार कार्ड बनाया

 रायपुर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जनजातीय समुदाय के जीवन में आशा की नई किरण बनकर उभरी है। इस योजना के अंतर्गत लगाए जा रहे शिविरों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों तक आधार से संबंधित सेवाएं पहुँचाई जा रही हैं, जिससे हजारों नागरिकों को घर के पास ही राहत मिल रही है।          अब तक जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से 2340 से अधिक जनजातीय नागरिकों को आधार कार्ड बनाया, अद्यतन एवं समस्याओं का समाधान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इससे यह स्पष्ट होता है कि धरती आबा योजना केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनजातीय समाज के लिए एक डिजिटल सशक्तिकरण अभियान बन गई है।          जिले के आधार सेवा संचालक श्री लखन लाल साहू को जिला अंतर्गत राज्य में Best performing Operator in Aadhaar Enrolment &Update services in LWE Districts of Chhattisgarh State यह पुरस्कार  UIDAI REGIONAL OFFICE HYDERABAD द्वारा 20 जून 2025 को रायपुर में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।                          धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत नागरिकों को डिजिटल सेवा आधार, आय, जाति, निवास, बिजली की बिल भुगतान, गैस रिफिलिंग, ट्रेन टिकट, बैंकिग, किसानों का फसल बीमा, किसान पंजीयन, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, आदि सेवाएं जनजातीय समुदाय के नागरिकों को धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान शिविर में ग्राम स्तर पर ही मुहैया हो रहा है।          धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान आज ग्राम विकास, जन सुविधा और डिजिटल समावेश का प्रतीक बन चुकी है। यह पहल न केवल आधार जैसी महत्वपूर्ण सेवा को सुलभ बना रही है, बल्कि जनजातीय अंचलों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।

मंत्रालय में राष्ट्र-गीत एवं राष्ट्र-गान का हुआ सामूहिक गायन

भोपाल जुलाई माह के प्रथम शासकीय कार्य दिवस पर मंत्रालय के समक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में राष्ट्र-गीत "वंदे-मातरम" एवं राष्ट्र-गान "जन-गण-मन" का सामूहिक गायन हुआ। इस अवसर पर पुलिस बैंड ने मधुर धुनें प्रस्तुत की। वंदेमातरम गायन में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा  गौर, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव, श्री संजय दुबे, सचिव श्री अनिल सुचारी सहित सतपुड़ा-विंध्याचल भवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।  

युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए

: युक्तियुक्तकरण से लौटी स्कूलों की रौनक, स्कूलों में फिर सुनाई दे रहे हिंदी अंग्रेजी के पाठ और गणित के सवालों की गूंज चार साल तक एकल, फिर शिक्षकविहीन रहा स्कूल अब बन गया शिक्षा का केंद्र युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए  रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई युक्तियुक्तकरण नीति अब राज्य के दूरस्थ अंचलों के गांवों के विद्यालयों में नए उत्साह का संचार कर रही है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के पाकरगांव स्थित प्राथमिक शाला इसका जीवंत उदाहरण बन चुकी है। लंबे समय तक शिक्षकविहीन रह चुकी यह शाला अब शिक्षा की आवाज़ से गूंज रही है। पाकरगांव का यह स्कूल पहले चार वर्षों तक एकल शिक्षक के भरोसे संचालित होता रहा। बाद में शिक्षक के अन्यत्र तबादले के कारण स्कूल पूरी तरह शिक्षकविहीन हो गया। परिणामस्वरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई और पालकों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी थी। कई बच्चों ने स्कूल आना तक बंद कर दिया था। सरकार द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी नियमित उपस्थिति से विद्यालय की गतिविधियाँ फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गई हैं। बच्चों को अब न केवल अक्षरज्ञान मिल रहा है, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों की व्यवस्थित शिक्षा भी मिल रही है। अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण, हिंदी के पाठ, पहाड़े और गणित के सवालों के साथ कक्षा में फिर से रौनक लौट आई है। बच्चों के साथ-साथ पालकों और ग्रामवासियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। विद्यालय में नियमित कक्षाएं लगने से अब पालक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए उत्साहित हैं। ग्रामवासी इस बदलाव को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। पाकरगांव प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष त्रिनाथ सतपथी ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण के चलते हमारे गांव के बच्चों को अब फिर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शाला में शिक्षा का माहौल सशक्त हुआ है और यह विद्यालय अब वास्तव में ज्ञान का केंद्र बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और शासन प्रशासन के प्रति गांववासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से न केवल शिक्षकविहीन स्कूलों को संबल मिला है, बल्कि यह नीति ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को भी नई ऊंचाई दे रही है।

नाथन लियोन ने बताया है कि रिटायरमेंट से पहले उनकी आखिरी इच्छा इंटरनेशनल क्रिकेट में क्या है?

नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर नाथन लियोन ने बताया है कि रिटायरमेंट से पहले उनकी आखिरी इच्छा इंटरनेशनल क्रिकेट में क्या है? नाथन लियोन की टेस्ट क्रिकेट से हाल-फिलहाल में संन्यास लेने की कोई योजना नहीं है। लियोन ने बताया है कि वह अपने शानदार करियर को विराम देने से पहले भारत में एक टेस्ट सीरीज जीतना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी बार भारत ने साल 2004 में टेस्ट सीरीज जीती थी। इसके बाद से टीम ने कुछ मैच जरूर जीते हैं, लेकिन टेस्ट सीरीज भारत की मेजबानी में कभी नहीं जीती। 138 टेस्ट मैचों में 556 विकेट ले चुके 37 वर्षीय नाथन लियोन ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल ऑफ स्पिनर हैं। वे भारत के खिलाफ 32 टेस्ट मैच खेल चुके हैं। इन मैचों में उनको 130 विकेट भी मिले हैं, लेकिन वे कभी भी भारत में टेस्ट सीरीज जीतने का हिस्सा नहीं रहे। ऑस्ट्रेलिया ने 2004-05 में आखिरी बार भारत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा किया था। इसके बाद से भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में घर पर हार नहीं मिली। जब भारत आखिरी बार अपनी सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारा था तो उस समय नाथन लियोन प्रोफेशनल क्रिकेट भी नहीं खेलते थे। क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने नाथन लियोन के हवाले से कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि मैं भारत में टेस्ट सीरीज जीतना चाहता हूं। मैं इंग्लैंड में भी टेस्ट सीरीज जीतना चाहता हूं। हमें कुछ सालों में यह मौका मिलेगा, लेकिन हमें टेस्ट दर टेस्ट खेलना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि हम वेस्टइंडीज में सब कुछ सही कर रहे हैं। फिर हमें एशेज के साथ घर पर एक शानदार समर सीजन मिलेगा, लेकिन एक और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल निश्चित रूप से मेरे कार्ड पर होगा।" अगला वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2027 में खेला जाना है, जो अब से दो साल दूर है।  

MP के 1766 पुलों को सुधारा जाएगा, 4572 करोड़ रुपए खर्च होंगे, सभी पुलों का 5 साल में होगा निर्माण

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज 1 जुलाई मंगलवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक हुई है, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मुहर लगाई गई ।इसके अलावा छात्रों और किसानों के लिए भी अहम फैसले लिए गए। मध्यप्रदेश में 4 जुलाई को मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण करने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद निवेश संवर्धन को लेकर गठित मंत्रिमंडल समिति की बैठक भी होगी, जिसमें विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत लाभ देने संबंधी फैसले लिए जाएंगे। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेश में बनाए गए पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिससे आवागमन में दिक्कत हो रही है। इसलिए सरकार ने मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से इन सड़कों और पुलों को सुधारने का निर्णय लिया है। 1766 पुलों के निर्माण के लिए 4572 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय खुलेगा भोपाल में डिप्टी सीएम शुक्ल ने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर का कैम्पस भोपाल के लिए स्वीकृत हुआ है। इसके लिए 10 एकड़ जमीन आरजीपीवी कैम्पस में दी जाएगी। जब तक RRU का अपना भवन नहीं बनेगा, तब तक आरजीपीवी के भवन से संचालित किया जाएगा। जब रक्षा विश्वविद्यालय अपना कैम्पस तैयार कर लेगा, तो वहां शिफ्ट हो जाएगा। इस संस्थान के आने से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रोजगार और कौशल के लिए एमपी के बच्चों को मौका मिलेगा। राज्य और राष्ट्र स्तर के मामले में मजबूती मिलेगी। हायर एजुकेशन के क्षेत्र में भी इससे प्रगति होगी। एक बगिया मां के नाम योजना शुरू होगी कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि राज्य सरकार 'एक बगिया मां के नाम' से नई योजना प्रारंभ करने जा रही है, जिसमें स्व-सहायता समूह की 30 हजार महिलाएं आजीविका संवर्धन के लिए 30 हजार एकड़ भूमि पर 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण करेंगी। इस पर करीब 900 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस भूमि पर फल उद्यान का विकास किया जाएगा। डॉ. यादव ने बताया कि इस योजना में हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए तारफेंसिंग और सिंचाई के लिए जल कुंड बनाने के लिए भी राशि दी जाएगी। उद्यान विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। "एक पेड़ मां के नाम" अभियान 1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलाया जाएगा। इसमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, वन, उद्यानिकी सहित सभी विभाग सहभागिता करेंगे । मोहन कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी     मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना को मंजूरी। इस योजना में हर विधानसभा से एक गांव का चयन किया जाएगा। 2 हजार आबादी वाले के गांव का चयन होगा। इसके लिए हितग्राही के पास कम से कम 500 गौवंश होने चाहिए।आदर्श ग्राम की परिकल्पना को इस योजना के तहत साकार किया जाएगा। ये गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित होंगे। इन गांवों में आजीविका संबंधी गतिविधियां भी होंगी। पूरे गांव का हर स्तर पर विकास किया जाएगा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए फैसले लिए जाएंगे।     मध्यप्रदेश के 1766 पुलों को सुधारा जाएगा। इस कार्य में 4572 करोड़ रुपए हो खर्च होंगे। प्रदेश के सभी पुलों का 5 साल में होगा निर्माण। इस कार्य के लिए राज्य सरकार के बजट से खर्च होगी राशि।     मऊगंज, मैहर और पांढुर्ना में अनुसूचित जाति-जनजाति कार्यालय खोले जाएंगे। इसके लिए 3 करोड़ 81 लाख रुपए का फंड मंजूर किया गया है।     नए कानून (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) इसके प्रभारी क्रियान्वन के लिए 7 साल या उससे अधिक सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक एक्सपर्ट के अनिवार्य तथा आवश्यक भ्रमण हेतु कुल 1266 नए पदों के सृजन किए गए हैं।     उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर का कैंपस आरंभ करने की स्वीकृति मिल गई है। जब तक इसका भवन तैयार नहीं हो जाता है, तब तक इसका संचालन राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में लिए गए ये भी फैसले     मध्यप्रदेश में 4 जुलाई को मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण करने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।     न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द के उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन 6 जुलाई तक जारी है तथा उपार्जन 7 जुलाई से किया जाएगा।     रतलाम में 27 जून को ‘ RISE Conclave 2025 ‘ का सफल आयोजन हुआ है। इसमें ₹30402 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, इसके माध्यम से 35 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। नदियों के उद्गम स्थल पर रोपेंगे पौधे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की लगभग 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर दस-दस एकड़ भूमि पर 42 करोड़ रुपए की लागत से पौधों का रोपण किया जाएगा। जिला विकास सलाहकार समिति का गठन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किया जाना है। समिति में सांसद, विधायक, पंचायत तथा नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ही चिकित्सा, विधि, इंजीनियरिंग, समाज सेवा, कृषि, उद्यानिकी, डेयरी आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ और प्रख्यातजन शामिल होंगे। 3.51 लाख मैट्रिक टन मूंग, 1.23 लाख मैट्रिक टन उड़द उपार्जन लक्ष्य मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भारत सरकार ने एमएसपी पर मूंग उपार्जन के लिए 3.51 लाख मैट्रिक टन और उड़द उपार्जन के लिए 1.23 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है। मूंग के लिए 30 जून तक 2 लाख 94 हजार किसानों और उड़द के लिए 11 हजार 495 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। पंजीयन के लिए 6 जुलाई तक तिथि निर्धारित है। मूंग और उड़द का उपार्जन 7 जुलाई से 6 अगस्त तक किया जाएगा। 85 हजार खेत तालाबों का निर्माण हुआ बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत खेत का पानी खेत में संचित करने के उद्देश्य से प्रदेश में 85 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण … Read more

अचानक बढ़े दिल के दौरे: एक जिले में एक माह में 18 की जान गई, जांच शुरू

कर्नाटक  कर्नाटक के हासन जिले में दिल का दौरा पड़ने के मामलों में वृद्धि ने चिंता खड़ी कर दी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बढ़ते मामलों की जांच के लिए विशेषज्ञों से अध्ययन करवाने का आदेश दिया है। एक्स पर पोस्ट कर मंत्री ने कहा कि हासन जिले में एक महीने के भीतर दिल का दौरा पड़ने के आए 18 मामलों को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही विभाग के अधिकारियों को जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक के नेतृत्व में दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते मामलों की जांच करवाने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।’ दिनेश गुंडू राव के अनुसार, राज्य सरकार ने हृदयाघात के मामलों को रोकने के लिए पुनीत राजकुमार हृदय ज्योति योजना शुरू की है। लेकिन, हाल में युवाओं में दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते मामलों पर गहराई से शोध करने की जरूरत है। हालांकि, बदलती जीवनशैली, खानपान और गैर-संचारी बीमारियों को दिल की समस्याओं का कारण माना जाता है, लेकिन हासन में सामने आए मामलों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसका समाधान तलाशने के लिए एक्सपर्ट्स की एक टीम को रिसर्च करने और 10 दिन के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। हार्ट अटैक का कारण: दिल का दौरा तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह रुक जाता है, खासतौर से कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण। यह रुकावट आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल, वसा या प्लाक के जमा होने से होती है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान और मोटापा इसके जोखिम को बढ़ाते हैं। तनाव, अनियमित जीवनशैली और अनुवांशिक कारक भी अहम भूमिका निभाते हैं। हानिकारक आहार (जैसे अधिक तैलीय या प्रोसेस्ड भोजन) इसकी संभावना को और बढ़ाता है। दिल के दौरे के लक्षण: हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण छाती में तेज दर्द या भारीपन है, जो बांह, जबड़े या पीठ तक फैल सकता है। सांस लेने में तकलीफ, ठंडा पसीना और चक्कर आना आम लक्षण हैं। कुछ लोगों को मतली, उल्टी या पेट में असहजता महसूस हो सकती है। थकान, कमजोरी या अचानक बेचैनी भी संकेत हो सकते हैं। लक्षण पुरुषों और महिलाओं में थोड़े भिन्न हो सकते हैं, जैसे महिलाओं में दर्द कम और थकान अधिक। दिल के दौरे से बचाव: स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों। नियमित व्यायाम हृदय को स्वस्थ रखता है। धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें। नियमित स्वास्थ्य जांच से रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह को नियंत्रित करें। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और पूरी नींद लें।  

हर हफ्ते 70 घंटे काम की बहस के बीच इंफोसिस का ऐलान, जानें क्या है नए आदेश में

बेंगलुरु एक तरफ नारायण मूर्ति हफ्ते में 70 घंटे काम की वकालत कर रहे हैं। दूसरी तरफ उनकी कंपनी इंफोसिस इसके ठीक उलट काम कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक टेक कंपनी ने एक आंतरिक अभियान शुरू किया गया है। इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं कोई कर्मचारी तय घंटों से ज्यादा काम तो नहीं कर रहा है। इंफोसिस के कर्मचारियों से लगातार कहा जा रहा है कि वह वर्क फ्रॉम होम के दौरान भी तय समय से ज्यादा काम न करें। इसको लेकर कर्मचारियों को निजी तौर पर ई-मेल भी भेजा जा रहा है। बता दें कि नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम के बयान को लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर में बहस शुरू हो गई थी। लगाया गया है नया मॉनिटरिंग सिस्टम जानकारी के मुताबिक इंफोसिस ने एक नया मॉनिटिरिंग सिस्टम भी लगाया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक इससे वर्क फ्रॉम होम के दौरान काम के घंटों की निगरानी की जा रही है। इंफोसिस कर्मचारियों को हफ्ते के पांच दिन, नौ घंटे 15 मिनट काम करना होता है। यह टाइम लिमिट पार होते ही यह सिस्टम अलर्ट का मैसेज भेजेगा। रिपोर्ट में एक इंफोसिस कर्मचारी ने कहाकि हमारे लिए हफ्ते में पांच दिन सवा नौ घंटे काम अनिवार्य है। अगर हम इस टाइम लिमिट को क्रॉस करते हैं तो फिर हमारे पास मैसेज आ जाएगा। तय समय से ज्यादा काम तो आएगा अलर्ट इंफोसिस के एचआर डिपार्टमेंट द्वारा भेजे गए ईमेल में यह भी लिखा है कि कर्मचारियों को हर महीने औसतन कितने घंटे काम करना है। इसमें बताया गया है कि अगर वह इस तय लिमिट को पार करते हैं तो उनके स्वास्थ्य पर इसका विपरीत असर पड़ सकता है। हाइब्रिड काम के मॉडल को लागू करने के दौरान यह सिस्टम लाया गया था। नए प्रोटोकॉल के तहत इंफोसिस की एचआर टीम हर कर्मचारी के रिमोट वर्किंग ऑवर्स को हर घंटे जांचेगी। अगर कर्मचारी इस समय सीमा को पार करता पाया जाता है तो कर्मचारी को इस बारे में रिपोर्ट दी जाएगी। हेल्दी वर्क-लाइफ बैलेंस करने पर जोर एचआर की तरफ से जारी ई-मेल में कर्मचारियों को हेल्दी वर्क-लाइफ बैलेंस मेंटेन करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि वह अपने पर्सनल और प्रोफेशनल ग्रोथ पर ध्यान दें। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब टेक प्रोफेशनल्स के सामने हेल्थ चैलेंजेज आ रहे हैं। इसमें हेक्टिक वर्क शिड्यूल, खराब डायट और पर्याप्त आराम न मिलने से कार्डियक अरेस्ट के मामले हैं।

मां की गेंद पर आउट हुए अय्यर, फैंस ने ली चुटकी – मां से नहीं बच पाया तू!

नई दिल्ली क्लीन बोल्ड होना भला किसे अच्छा लगता है। लेकिन श्रेयस अय्यर को इस बार जरूर अच्छा लगा होगा आउट होकर। आखिर मां ने जो आउट किया है। अय्यर का घर की गैलरी में मां के साथ क्रिकेट खेलने का एक छोटा और बहुत ही प्यारा वीडियो उनकी आईपीएल फ्रेंचाइजी पंजाब किंग्स ने शेयर किया है। कैप्शन में लिखा है, 'सिर्फ इस बार बोल्ड होने पर सरपंच को बुरा नहीं लग रहा होगा।' वीडियो पर फैंस ने भी कई मजेदार कॉमेंट्स किए हैं। एक ने लिखा है- बॉल हो या चप्पल, मां कभी निशाना नहीं चूकतीं। एक्स पर शेयर किए गए वीडियो में दिख रहा है कि श्रेयर अय्यर घर की गैलरी में बल्लेबाजी कर रहे हैं और गेंदबाजी की कमान उनकी मां के हाथों में है। पहली गेंद फुल टॉस और अय्यर उसे खेलने में कामयाब होते हैं लेकिन दूसरी गेंद पर वह नाकाम हो जाते हैं। गेंद उनके बल्ले को चकमा देकर पीछे दीवार रूपी स्टंप से टकरा जाती है। उसके बाद तो उनका मां का सेलिब्रेशन भी देखने लायक है। वह दोनों हाथ हवा में उठाकर खुशी से कूदने लगती हैं। बोलती हैं- आउट। विनीत राज नाम के एक यूजर ने तो काफी मजेदार कॉमेंट किया है। उन्होंने लिखा, ‘मां का निशाना कभी नहीं चूकता…बॉल हो या चप्पल, हमेशा लक्ष्य पर सटीक निशाना लगता है।’ एक यूजर ने हार्ट इमोजी के साथ लिखा, 'मां के जश्न को तो देखिए।' एक अन्य ने लिखा, 'मॉम को अंडरएस्टिमेट मत करो…वह हमेशा एक संपूर्ण गेंदबाज हैं।' एक यूजर ने तो नवजोत सिंह सिद्धू की स्टाइल में कॉमेंट्री ही लिख दी, ‘गुरु, बॉल ने पड़ के जो काटा बदला है उसका कोई जवाब नहीं…खटैक।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, 'शायद मां को उसकी कमजोरी पता हो।'