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विश्व धरोहर स्थल में शामिलहुए 12 मराठा किले, 11 महाराष्ट्र में और 1 तमिलनाडु

नई दिल्ली भारत की सांस्कृतिक विरासत में यूनेस्को ने 'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप' यानी 'मराठा सैन्य परिदृश्य' को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है. इसमें मराठा साम्राज्य के 12 ऐतिहासिक किलों को शामिल किया गया है, जिनमें 11 महाराष्ट्र और 1 तमिलनाडु में स्थित हैं. यह भारत की 44वीं संपत्ति है जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा, "इस सम्मान से हर भारतीय गदगद है. इन 'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप' में 12 भव्य किले शामिल हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में और 1 तमिलनाडु में है." ऐसा है मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स "भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य" वर्ष 2024-25 के लिए यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के लिए नामांकन किया गया था. इसमें बारह घटक भाग हैं- महाराष्ट्र में सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग, सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु में जिंजी किला. वैविध्यपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों एवं क्षेत्रों में फैले हुए ये घटक मराठा शासन की रणनीतिक सैन्य शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं. सुवर्णदुर्ग किला 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच विकसित हुए भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य तत्कालीन  मराठा शासकों द्वारा परिकल्पित की गई एक असाधारण किलेबंदी और सैन्य प्रणाली का प्रतिनिधित्व करते हैं. किलों का यह असाधारण तन्त्र, पदानुक्रम, पैमाने और प्रतीकात्मक वर्गीकरण की विशेषताओं में भिन्नता लिए हुए  भारतीय प्रायद्वीप में सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं, कोंकण तट, दक्कन के पठार और पूर्वी घाटों के लिए विशिष्ट परिदृश्य,क्षेत्र एवं भौगोलिक विशेषताओं को एकीकृत करने का परिणाम है. सिंधुदुर्ग किला महाराष्ट्र में विद्यमान 390 से अधिक किलों में से केवल 12 किले भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य के अंतर्गत चुने गए है और  इनमें से आठ किले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया) द्वारा संरक्षित हैं. ये हैं शिवनेरी किला, लोहगढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जिंजी किलाI जबकि सालहेर किला, राजगढ़, खंडेरी किला और प्रतापगढ़ पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, महाराष्ट्र सरकार द्वारा संरक्षित हैं. भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य में सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, रायगढ़, राजगढ़ और जिंजी किला पहाड़ी किले हैं, वहीं प्रतापगढ़ पहाड़ी-वन्य किला है एवं  पन्हाला पहाड़ी-पठार किला है तथा विजयदुर्ग तटीय किला है जबकि खंडेरी किला, सुवर्णदुर्ग और सिंधुदुर्ग द्वीपीय किले हैंI पन्हाला किला मराठा सैन्य विचारधारा की शुरुआत 17वीं शताब्दी में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल के समय 1670 ई. में हुई और यह बाद के नियमों के अनुसार 1818 ई. तक चले पेशवा शासन तक जारी रही.   सुशासन, सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण पीएम मोदी ने आगे लिखा, "जब हम गौरवशाली मराठा साम्राज्य की बात करते हैं, तो हम इसे सुशासन, सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण पर जोर से जोड़ते हैं. महान शासक किसी भी अन्याय के आगे न झुकने के अपने साहस से हमें प्रेरित करते हैं. मैं सभी से इन किलों को देखने और मराठा साम्राज्य के समृद्ध इतिहास के बारे में जानने का आह्वान करता हूं." पीएम मोदी ने एक अन्य पोस्ट करते हुए लिखा, "ये 2014 में रायगढ़ किले की मेरी यात्रा की तस्वीरें हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करने का अवसर मिला था. उस यात्रा को मैं हमेशा संजो कर रखूंगा." महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस उपलब्धि पर एक्स पोस्ट में लिखा, "सचमुच, यह महाराष्ट्र और भारत के लिए एक अद्भुत क्षण है." उन्होंने संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का जिक्र करते हुए कहा, "इसे संभव बनाने के लिए आपके सभी प्रयासों और समर्थन के लिए धन्यवाद." वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सम्मान भारत की प्राचीन सभ्यता और मराठा साम्राज्य की वास्तुकला की उत्कृष्टता को रेखांकित करता है. 'गौरव का क्षण…' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "यह सभी देशवासियों के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है, जब UNESCO ने महाराजाधिराज छत्रपति शिवाजी महाराज जी के जीवन से जुड़े 12 किलों को UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया है. अभी कुछ ही दिन पहले रायगढ़ किले पर जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज जी के जीवन से जुड़े प्रतीकों से आत्मसाक्षात्कार का सौभाग्य प्राप्त हुआ था." अमित शाह ने आगे कहा कि ये किले हिंदवी स्वराज की रक्षा के प्रमुख स्तंभ रहे हैं, और यहीं से स्वभाषा तथा स्वसंस्कृति के प्रति करोड़ों देशवासियों को सतत प्रेरणा मिलती रही है. ऐसा है इतिहास ये किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच निर्मित हुए और मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति, स्थापत्य कला और पर्यावरण के साथ सामंजस्य का प्रतीक हैं. इन किलों में रायगढ़, शिवनेरी, तोरण, लोहगढ़ और साल्हेर जैसे नाम शामिल हैं, जो मराठा शौर्य और साहस की कहानियां बयां करते हैं. इस उपलब्धि से महाराष्ट्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

मुख्यमंत्री और महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी ने किया पौधारोपण अभियान का शुभारंभ

भारतीय संस्कृति और वैदिक परंपरा से पेड़-पौधों में भी जीवन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में पौधे अवश्य लगाना चाहिए मुख्यमंत्री और महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी ने किया पौधारोपण अभियान का शुभारंभ भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय वैदिक साहित्य और परंपरागत ज्ञान ने हमें सिखाया है कि पेड़-पौधों में भी जीवन है। इसी आधार पर हम पेड़ -पौधों की पूजा भी करते हैं और उनको अपना संरक्षक भी मानते हैं। वे हमारे लिए जीवन यापन का महत्वपूर्ण साधन भी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को उज्जैन में महाकाल परिसर में पौधारोपण अभियान का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। अभियान का शुभारंभ मंत्रोउच्चार और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी और महाकालेश्वर मंदिर के महंत विनीत गिरी महाराज का शाल और महाकाल का प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महान वैज्ञानिक डॉ. जगदीश चंद्र बोस ने विदेशों में जाकर यह सिद्ध किया कि वनस्पतियों में भी जीवन है। वहां के लोगों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया। विदेशी नागरिकों ने कहा कि जब आप यह बात भारत में बताएंगे तो आपकी खूब प्रशंसा होगी। इस पर डॉ. बोस ने बताया हम भारतीय तो परंपरागत ज्ञान से ही जानते हैं कि पेड़-पौधों में जीवन होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में पौधे अवश्य लगाना चाहिए। इससे हमें प्रकृति के उपकार को चुकाने अवसर मिलता है। हम कोशिश करें कि वर्षा ऋतु में पांच पौधे अवश्य लगाएं, इससे हम प्रकृति को उसके आशीर्वाद के बदले एक उपहार दे सकते हैं। इस अवसर पर उज्जैन प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद और संत उमेश नाथ महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक सतीश मालवीय, अनिल जैन कालूखेड़ा, संजय अग्रवाल और अन्य अतिथि उपस्थित रहे।  

लखनऊ में शुरू हुई कार्यशाला, CM योगी बोले– ‘पशुधन विकास से मिल सकती है पशुपालकों की समृद्धि’

लखनऊ  राजधानी लखनऊ में शनिवार को 'भारत में पशु नस्लों का विकास' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के हाल में किया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य 'पशुधन में वृद्धि से पशुपालकों की समृद्धि' है। इस मौके पर योगी सरकार में पशुधन, दुग्ध विकास एवं राजनैतिक पेंशन विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बंघेल, केंद्रीय राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन मौजूद रहे।  

दक्षिण अफ्रीका दौरे से बाहर हुए पैट कमिंस, फिटनेस को लेकर बढ़ी चिंता

किंग्स्टन ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कप्तान पैट कमिंस अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली सीमित ओवरों की सीरीज में नहीं खेलेंगे। तेज गेंदबाज का फोकस इस साल के अंत में होने वाली एशेज सीरीज की तैयारी पर है। पैट कमिंस को पहले ही मिचेल स्टार्क और ट्रेविस हेड के साथ वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज में आराम दिया गया था। कमिंस गर्मियों में घरेलू मुकाबलों की तैयारी के लिए फिटनेस पर फोकस करेंगे। वहीं, जोश हेजलवुड पहले टीम में शामिल थे, लेकिन अब वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद वह स्वदेश लौटेंगे। उनकी जगह जेवियर बार्टलेट को टीम में शामिल किया गया है। हालांकि, जोश हेजलवुड अगस्त में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज में खेलने के लिए तैयार हैं। दोनों देश 10-24 अगस्त के बीच तीन टी20 और इतने ही मुकाबलों की वनडे सीरीज खेलेंगे। यह मैच डार्विन, केर्न्स और मैके में आयोजित होंगे। पैट कमिंस अक्टूबर की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज लिए वापसी की योजना बना रहे हैं। कमिंस नवंबर के अंत में होने वाली एशेज सीरीज से पहले भारत के खिलाफ सीमित ओवरों के कुछ मैच खेल सकते हैं। यह तेज गेंदबाज न्यू साउथ वेल्स के लिए शेफील्ड शील्ड मुकाबले भी खेल सकता है। पैट कमिंस ने सबीना पार्क में पत्रकारों से कहा, “अगले कुछ छह हफ्तों में मेरे पास ट्रेनिंग का शानदार मौका होगा। मुझे गेंदबाजी से ज्यादा जिम में मेहनत करनी होगी। मेरा शरीर काफी अच्छा महसूस कर रहा है, लेकिन कुछ छोटी-छोटी चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें आप हमेशा ठीक करने की कोशिश करते हैं। हमें न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ कुछ मैच खेलने हैं, संभवतः शील्ड मैच और फिर गर्मियों में कुछ घरेलू मुकाबले भी हैं।” कमिंस ने विश्व कप-2023 के फाइनल के बाद से सिर्फ दो बार ही वनडे में अपनी टीम की कप्तानी की है। भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान टखने की समस्या के चलते वह इस साल चैंपियंस ट्रॉफी में भी नहीं खेल पाए थे।  

एक और झटका! कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता नभा की मौत, चोटों के निशान ने बढ़ाई चिंता

श्योपुर  मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से दुखद खबर सामने आ रही है. नामीबिया से लाई गई मादा चीता नभा की मौत हो गई है. जिसकी जानकारी कूनो के द्वारा दी गई है. कूनो प्रबंधन ने बताया कि नामीबिया की 8 वर्षीय मादा चीता नभा की आज शनिवार को मौत हो गई. वह एक हफ्ते पहले अपने सॉफ्ट रिलीज बोमा के अंदर घायल अवस्था में पायी गई थी. क्या शिकार के दौरान घायल हुई चीता नभा संभवतः वह शिकार के प्रयास के दौरान घायल हुई थी. अन्य चोटों के साथ उसके दोनों बाएं आगे एवं पिछले पैरों (Ulna and Fibula) में फ्रैक्चर पाया गया है. एक हफ्ते से उसका इलाज चल रहा था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी उसकी मृत्यु हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद चीते की मौत के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा. 31 से 30 रह गई चीतों की संख्या कूनो नेशनल पार्क में अब 28 चीते मौजूद हैं. जिनमें 9 व्यस्क (6 मादा और 3 नर) और 17 भारतीय जन्में शावक हैं, सभी स्वस्थ हैं और अच्छे से विचरण कर रहे हैं. इसके अलावा, गांधीसागर अभ्यारण में दो नर चीते शिफ्ट हुए हैं. कूनो राष्ट्रीय उ‌द्यान में 26 चीतों में से 16 चीते खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं. भारत में कुल चीतों की संख्या 30 रह गई है. वे कूनो नेशनल पार्क के वातावरण से पूर्णतः अनुकूलित हो गए हैं. साथ ही उन्होंने सह-शिकारियों के साथ रहना सीख लिया है और नियमित रूप से शिकार कर रहे हैं. हाल ही में सभी चीतों की एंटी एक्टो-परजीवी दवा सफलतापूर्वक लगायी गई है. दो माताएं, वीरा और नीरवा अपने नन्हे शावकों के साथ स्वस्थ हैं. 2022 में 70 साल बाद भारत आए थे चीते बता दें कि भारत से कई सालों पहले विलुप्त हो गए थे. करीब 70 साल के बाद चीतों की पुनरुत्थान योजना के तहत 17 सितंबर 2022 को 8 चीते नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए गए थे. 18 फरवरी 2023 को 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया गया. इन 20 चीतों के साथ धीरे-धीरे इन चीतों का कुनबा तो बढ़ा लेकिन कई चीतों की मौत भी हुई. 11 मार्च 2023 को चीता प्रोजेक्ट के तहत एक नर और एक मादा चीता को खुले जंगल में छोड़ा गया. इस बीच कूनो में खुशियों की किलकारी गूंजी, मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया. ये देश में चीतों की विलुप्ति के बाद भारत की धरती पर जन्मे पहले चीता शावक थे.

7वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने दूसरे छात्र पर ब्लेड से गले और चेहरे पर किया हमला

कोरबा छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से सरकारी स्कूल के छात्रों के बीच खूनीसंघर्ष का मामला सामने आया है. 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने दूसरे छात्र पर धारदार ब्लेड से गले और चेहरे पर हमला किया. हमले में छात्र बुरी तरह से घायल हो गया. वहीं हमला करने वाला छात्र वारदात को अंजाम देकर जंगल की ओर भाग गया. हैरानी की बात है कि स्कूल प्रबंधन घटना से अनजान रहा. जानकारी के मुताबिक, स्कूल में छुट्टी के दौरान बच्चे स्कूल से बाहर बांसबाड़ी नर्सरी में गए हुए थे. जहां पीड़ित छात्र भी अपने दोस्तों के साथ पहुंचा था. इस बीच हमला करने वाला छात्र मौजूद था. इस दौरान दोनों छात्र में किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई, यह विवाद इतना बढ़ा कि एक छात्र ने दूसरे पर ब्लेड से चेहरे और गले पर हमला कर दिया. घटना के बाद अन्य छात्रों ने स्कूल में आकर शिक्षकों को इसकी जानकारी दी. इसके बाद टीचर घायल छात्र को लेकर अस्पताल पहुंचे. वहीं इस पूरे मामले की जानकारी  मानिकपुर पुलिस चौकी को दी गई. फिलहाल घायल छात्र का इलाज अस्पताल में जारी है. इस पूरे मामले को लेकर शिक्षक सुशिल कुमार ने बताया कि खेल की छुट्टी में बच्चे स्कूल से बाहर बांसबाड़ी नर्सरी में गए हुए थे. जहां पीड़ित छात्र भी अपने दोस्तों के साथ पहुंचा था. इस बीच हमला एक छात्र जो स्कूल नहीं आया था. वह भी अपने दोस्तों के साथ वहां मौजूद था. दोनों के बीच मारपीट की घटना हुई है.

राजेंद्रग्राम के सरकारी विद्यालय तक की पदयात्रा: सांसद हिमाद्री सिंह ने बनाया मिसाल, बेटी का किया दाखिला

 शहडोल प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह की तारीफ में जमकर कसीदे गढ़े हैं. BJP सांसद हिमाद्री अपनी बेटी का सरकारी स्कूल में एडमिशन करवाकर चर्चा में आई हैं. इस वजह से सड़क से संसद तक उनकी सराहना हो रही है.   पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेत्री उमा भारती का कहना है, ''शहडोल की सांसद का अपनी बच्ची को सरकारी स्कूल में पढ़ाना एक आदर्श उदाहरण है. हिमाद्री सिंह का इस आदर्श पहल के लिए अभिनंदन करती हूं और शासन-प्रशासन में उच्च स्थानों में बैठे हुए सभी नवदंपतियों से कहूंगी कि वह भी अपने बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा से ही इस तरह की पहल करें.'' IAS अफसर की पहल का भी जिक्र उमा भारती ने उत्तराखंड के एक आईएएस अफसर का भी जिक्र किया. कहा, ''अपने अच्छे कार्यों के लिए प्रशंसा प्राप्त कर चुके एक जिला कलेक्टर ने अपने बेटे को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाना शुरू किया था और उनकी उच्च शिक्षा प्राप्त पत्नी ने भी एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षक के अभाव होने पर स्वयं पढ़ाना प्रारंभ किया था. उस आदर्श दंपती की मैंने अनुमति नहीं ली है इसलिए मैं उनके नाम का उल्लेख नहीं कर रही हूं. ऐसे प्रयासों से सरकारी शिक्षण संस्थानों में अपने आप सुधार शुरू हो जाएगा.''  गांव के स्कूल में पढ़ेगी सांसद की बेटी बता दें कि मध्यप्रदेश के शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह ने अपनी बेटी का दाखिला अपने गृह गांव के एक सरकारी स्कूल में कराया है. सांसद हिमाद्री सिंह की बेटी गिरिजा कुमारी राजेंद्रग्राम की शासकीय प्राथमिक कन्या शाला में शिक्षा ग्रहण करेंगी. हिमाद्री के पिता थे केंद्रीय मंत्री सांसद हिमाद्री सिंह के पिता दिवंगत दलबीर सिंह केंद्र की राजीव गांधी सरकार में वित्त राज्य मंत्री थे. दलबीर सिंह कई साल तक शहडोल का संसद में प्रतिनिधित्व करते रहे. हिमाद्री का परिवार कांग्रेसी था. उनके पिता दलवीर सिंह कांग्रेस से सांसद रहते हुए केंद्र की सरकार सरकार में दो बार मंत्री रहे. हिमाद्री की मां राजेश नंदिनी भी कांग्रेस से सांसद रही हैं. दिल्ली में जन्मीं थीं हिमाद्री वहीं, खुद हिमाद्री सिंह का जन्म राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुआ और उनकी पूरी पढ़ाई दिल्ली स्कूल और यूपी के कॉलेजों में हुई है. सांसद बनने से पहले वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थीं. 

‘लव जिहाद’ फंडिंग मामले में पुलिस ने बनाई स्पेशल टीमें, NSA के तहत फरार पार्षद अनवर कादरी की तलाश तेज

इंदौर  मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक बार फिर ‘लव जिहाद’ को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। इस बार मामला सीधे एक राजनीतिक प्रतिनिधि से जुड़ गया है। कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी पर आरोप है कि उसने ‘लव जिहाद’ के लिए आर्थिक सहायता (फंडिंग) की है। पुलिस ने उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर उसे फरार घोषित कर दिया है। वहीं, उसकी गिरफ्तारी के लिए डीसीपी जोन-3 के नेतृत्व में अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गई हैं। अनवर कादरी की गिरफ्तारी पर इंदौर पुलिस ने 10 हज़ार रुपए का इनाम घोषित किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यदि जल्द ही उसकी गिरफ्तारी नहीं होती है तो इनाम की राशि और बढ़ाई जा सकती है। कई गंभीर मामलों में पहले से है आरोपी अनवर कादरी का आपराधिक रिकॉर्ड भी बेहद चिंताजनक है। उसके खिलाफ डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले पहले से दर्ज हैं, जिनमें कई मामले सांप्रदायिक तनाव, भड़काऊ बयान, और मारपीट से जुड़े हैं। यह वही अनवर कादरी है जिसे पुलवामा हमले के बाद ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के आरोप में जेल भेजा गया था। उस वक्त भी कादरी की गिरफ्तारी ने शहर में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बड़ी बहस छेड़ दी थी। पुलिस कर रही सघन तलाश पुलिस अब शहर के कई इलाकों में दबिश दे रही है और कादरी की संभावित ठिकानों पर नजर रखे हुए है। डीसीपी जोन 3 के निर्देश पर क्राइम ब्रांच और स्थानीय थानों की संयुक्त टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं। फिलहाल पुलिस ने जनता से भी अपील की है कि यदि किसी को अनवर कादरी के ठिकाने की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस पूरे मामले में कांग्रेसी पार्षद की भूमिका ने राजनीति को भी गरमा दिया है। भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से जवाब मांगा है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जांच जारी है, पुलिस की टीमें चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर हैं।

ऑस्ट्रेलिया बनाम वेस्टइंडीज : सीरीज गंवाने के बाद सम्मान बचाने उतरेगी कैरेबियाई टीम

नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच शनिवार देर रात तीसरे टेस्ट मैच की शुरुआत होने जा रही है। ऑस्ट्रेलिया तीन मुकाबलों की सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बना चुका है। ऐसे में जमैका में खेला जाने वाला सीरीज का यह अंतिम टेस्ट मैच मेजबान टीम के लिए सम्मान की लड़ाई होगा। यह ‘पिंक बॉल टेस्ट’ मैच है, जो भारतीय समयानुसार शनिवार देर रात शुरू होगा। गुलाबी गेंद टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा है। ऐसे में कैरेबियाई टीम के सामने बड़ी चुनौती है। इससे पहले, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बारबाडोस में खेले गए पहले टेस्ट को 159 रन से अपने नाम किया था। ग्रेनेडा में खेले गए दूसरे मुकाबले को 133 रन से जीतकर सीरीज पर कब्जा कर लिया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से इस सीरीज में ट्रेविस हेड ने चमक बिखेरी है, जिन्होंने चार पारियों में 47 की औसत के साथ 188 रन बनाए हैं। हेड सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। हेड के अलावा एलेक्स कैरी, उस्मान ख्वाजा और बीयू वेबस्टर वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को परेशान कर सकते हैं। इनके अलावा पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और नाथन लियोन टीम की गेंदबाजी को मजबूती देते हैं। वहीं, वेस्टइंडीज के खेमे को देखें, तो ब्रैंडन किंग, शमर जोसेफ, रोस्टन चेज और शाई होप के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विशेष रणनीति के साथ उतरना होगा। गेंदबाजी में मेजबान टीम के पास शमार जोसेफ जैसे तेज गेंदबाज हैं, जिन्होंने सीरीज में अब तक 14 विकेट चटकाए हैं। इनके अलावा जायडेन सील्स और अल्जारी जोसेफ भी ऑस्ट्रेलिया के लिए खतरा बन सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच साल 1930 से अब तक कुल 122 टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी रहा है। इस टीम ने 63 मुकाबले अपने नाम किए, जबकि वेस्टइंडीज ने 33 मैच जीते हैं। दोनों देशों के बीच 25 टेस्ट ड्रॉ, जबकि एक मैच टाई रहा है। सबीना पार्क की पिच स्लो रह सकती है। यहां गेंदें नीची रहेंगी, जिससे बल्लेबाजों को मदद मिलेगी। इस मैच के दौरान सबसे बड़ी चुनौती नई ड्यूक्स गेंद से निपटना होगा। यहां मुकाबले की शुरुआत में तेज गेंदबाज सीम मूवमेंट और स्विंग हासिल कर सकते हैं। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा, पिच धीमी होने लगेगी, जिससे स्पिनर्स को मदद मिल सकती है। वेस्टइंडीज : क्रेग ब्रैथवेट, जॉन कैंपबेल, कीसी कार्टी, ब्रैंडन किंग, रोस्टन चेज (कप्तान), शाई होप (विकेटकीपर), जस्टिन ग्रीव्स, अल्जारी जोसेफ, शमर जोसेफ, एंडरसन फिलिप, जायडेन सील्स, जोमेल वारिकन, टेविन इमलाच, केवलॉन एंडरसन, मिकाइल लुइस, जोहान लेयने। ऑस्ट्रेलिया : सैम कोंस्टास, उस्मान ख्वाजा, कैमरून ग्रीन, स्टीव स्मिथ, ट्रैविस हेड, बीयू वेबस्टर, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), पैट कमिंस (कप्तान), मिचेल स्टार्क, नाथन लियोन, जोश हेजलवुड, सीन एबॉट, स्कॉट बोलैंड, मार्नस लाबुशेन, जोश इंगलिस, मैथ्यू कुहनेमैन।  

पहली बार है कि इटली किसी ICC क्रिकेट विश्व कप (किसी भी फॉर्मेट) में जगह बनाई

 द हेग  आईसीसी पुरुष टी20 वर्ल्ड कप 2026 अगले साल फरवरी-मार्च में खेला जाना है, जिसकी मेजबानी भारत और श्रीलंका को मिली हुई है. इस टी20 वर्ल्ड कप के लिए इटली की टीम ने भी क्वालिफाई किया है. इटली ने टी20 वर्ल्ड कप यूरोप क्वालिफायर 2025 के जरिए इस मेगा टूर्नामेंट में जगह बनाई है. यह क्वालिफायर टूर्नामेंट नीदरलैंड्स के द हेग में खेला गया. इटली की टीम पहली बार किसी क्रिकेट विश्व कप में भाग लेगी. इटली के साथ ही नीदरलैंड्स ने भी वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई किया है. 20 में से 15 टीमें तय… नीदरलैंड्स और इटली टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए क्वालिफाई करने वाली क्रमश: 14वीं एवं 15वीं टीम है. मेजबान देशों भारत और श्रीलंका के अलावा अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, अमेरिका, वेस्टइंडीज, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और कनाडा भी इस टूर्नामेंट के लिए एंट्री पा चुके थे. बाकी 5 टीमों का फैसला होना बाकी है. 2 टीमें अफ्रीका क्वालिफायर (19 सितंबर-4 अक्टूबर) और 3 टीमें एशिया-ईएपी क्वालिफायर (1-17 अक्टूबर) के जरिए मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2026 में पहुंचेंगी. इटली ने टी20 वर्ल्ड कप यूरोप क्वालिफायर 2025 में दूसरा स्थान हासिल करके मेगा इवेंट में जगह बनाई. वहीं नीदरलैंड्स ने 6 अंकों के साथ इस क्वालिफायर टूर्नामेंट में पहला स्थान हासिल किया. जर्सी के भी इटली की तरह 5 अंक थे, लेकिन बेहतर नेट-रनरेट के कारण इटली की एंट्री हुई. इटली को अपने आखिरी मैच में नीदरलैंड्स के हाथों 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, फिर भी इटली (+0.612) का नेट-रनरेट जर्सी (+0.306) की तुलना में बेहतर रहा. नीदरलैंड्स का स्क्वॉड: माइकल लेविट, मैक्स ओडॉड , स्कॉट एडवर्ड्स (कप्तान/विकेटकीपर), जैक लायन कैचेट, बास डी लीडे, नूह क्रॉस, रोएल्फ वैन डर मर्व, साकिब जुल्फिकार, काइल क्लेन, आर्यन दत्त, पॉल वैन मीकेरेन, डैनियल डोरम, तेजा निदामनरू, हिड्डे ओवरडिज्क, रयान क्लेन. इटली का स्क्वॉड: जस्टिन मोस्का, एमिलियो गे, जो बर्न्स (कप्तान), हैरी मैनेंटी, मार्कस कैंपोपियानो (विकेटकीपर), बेन मैनेंटी, ग्रांट स्टीवर्ट, एंथोनी मोस्का, जसप्रीत सिंह, क्रिसन कलुगामागे, थॉमस ड्रेका, जैन अली, सैयद नकवी, दमिथ कोसाला, जियान मीडे.