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भारत की कूटनीतिक कोशिशें रंग लाईं? मुस्लिम नेता के दखल से निमिषा प्रिया को मिल सकती है राहत

नई दिल्ली  यमन में निमिषा प्रिया को बचाने के लिए एक बार फिर से कोशिशें तेज हैं। उन्हें 16 जुलाई को यमन में सजा-ए-मौत देने का फैसला सुनाया गया है और उससे कुछ घंटे पहले ही एक बार फिर से उम्मीद की आखिरी किरण जगी है। भारत के एक मुफ्ती और सुन्नी मुस्लिम समाज के नेता एपी अबू बकर मुसलियार ने इस मामले में दखल दिया है। उन्होंने यमन सरकार से निमिषा प्रिया को माफ करने की अपील की है तो वहीं मृतक तलाल अबदो मेहदी के परिवार से भी संपर्क साधा गया है। यमन में इसे लेकर आज एक मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग में निमिषा के वकील सुभाष चंद्रन रहेंगे। तलाल अबदो मेहदी के परिवार और हुडैदा स्टेट कोर्ट के चीफ़ जस्टिस, यमन शूरा काउंसिल के सदस्य शेख़ हबीब उमर मौजूद रहेंगे। मुसलियार ने दरअसल अपने यमनी दोस्त और वहां के मशहूर स्कॉलर शेख हबीब उमर के माध्यम से दखल देने की कोशिश की है। हबीब उमर के आग्रह पर मारे गए तलाल अबदो मेहदी के परिवार के कुछ लोग और हुदैदा स्टेट कोर्ट के चीफ जस्टिस यमन के दमार पहुंचे हैं। यहीं पर इस मामले को लेकर चर्चा होनी है। यमन की शूरा काउंसिल में शेख हबीब उमर सदस्य के तौर पर जुड़े हुए हैं। उनका यमन की राजनीति में भी थोड़ा प्रभाव माना जाता है। कहा जा रहा है कि हबीब उमर के दखल के बाद पीड़ित तलाल का परिवार अब अपनी मांगों पर दोबारा विचार के लिए तैयार है। दरअसल निमिषा प्रिया को बचाने के वास्ते ब्लड मनी का ऑफर तलाल के परिवार को दिया था, जिसे उसने खारिज कर दिया था। इससे निमिषा प्रिया के बचने की सारी उम्मीदें टूट गई थीं। अब जबकि तलाल का परिवार फिर से बात करने पर राजी हुआ है तो उम्मीद जगी है। लेकिन अभी कुछ साफ कहना मुश्किल है। पूरा माजरा इससे तय होगा कि आखिर तलाल अबदो मेहदी का परिवार ब्लड मनी के लिए राजी होता है या नहीं। यदि वह राजी हुआ तो निमिषा की जिंदगी बच जाएगी और यदि वे राजी नहीं हुए तो सजा-ए-मौत तय होगी। क्या ब्लड मनी पर मान जाएगा मृतक का परिवार, यही सबसे बड़ी उम्मीद? निमिषा के वकील सुभाष चंद्रन ने बताया कि मृतक के परिवार के साथ बातचीत की जा रही है और अटॉर्नी जनरल से मिलकर फांसी से संबंधित आदेश को टालने की कोशिश की जा रही है। ब्लड मनी (क्षतिपूर्ति) को स्वीकार करने संबंधी ऑफर पर भी बात चल रही है। इन प्रयासों के अंतर्गत अब तक तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अब सजा-ए-मौत में कुछ घंटों का वक्त बचा है तो उससे पहले प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि सरकार ने भी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हमने इस मामले में प्रयास कर लिए, लेकिन यमन के कानून थोड़े अलग हैं। इसके अलावा सरकार ने कहा कि हम एक हद से ज्यादा आगे इस मामले में नहीं बढ़ सकते।  

चीनी उपराष्ट्रपति बोले- ‘ड्रैगन और हाथी का टैंगो’ दोनों के लिए फायदेमंद

नई दिल्ली/ बीजिंग  भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर पांच वर्षों के अंतराल के बाद चीन की पहली यात्रा पर बीजिंग गए हैं. उनकी इस यात्रा का वहां असर भी दिखने लगा है. जयशंकर आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए तिआनजिन जाएंगे और इसी दौरान चीन के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे. भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर तनातनी दिखाने वाला ड्रैगन अब भगवान बुद्ध की शांति की बात दुहराते हुए अब ‘हाथी’ से दोस्ती की फरियाद करने लगा है. चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग ने जयशंकर के साथ मुलाकात में कहा कि चीन और भारत दोनों प्रमुख विकासशील राष्ट्र हैं और ‘ड्रैगन और हाथी का टैंगो’ (तालमेल) दोनों देशों के लिए फायदेमंद रहेगा. वहीं जयशंकर ने साफ किया कि भारत-चीन संबंधों में निरंतर सुधार ‘आपसी लाभ’ के रास्ते खोल सकता है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी बैठक के दौरान कहा कि दोनों देशों को संदेह के बजाय आपसी विश्वास, प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग और विरोध के बजाय एक-दूसरे की सफलता में योगदान देने की भावना अपनानी चाहिए. रिश्तों में अब गर्मजोशी की कोशिश उधर चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भारत चीन संबंधों पर लंबा लेख लिखा है. इसने लिखा है कि जयशंकर की यह यात्रा अक्टूबर 2024 में कज़ान में हुई पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद द्विपक्षीय संबंधों में दूसरा बड़ा पड़ाव मानी जा रही है. चीनी मुखपत्र ने लिखा, ‘पिछले पांच वर्षों में भारत-चीन कूटनीतिक संपर्क न्यूनतम रहे हैं. गलवान संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव चरम पर पहुंच गया था, लेकिन अब बीजिंग में इस उच्चस्तरीय दौरे को एक ‘सकारात्मक संकेत’ के तौर पर देखा जा रहा है.’ सीमा विवाद अब भी सबसे संवेदनशील मुद्दा दोनों देशों के बीच रिश्तों में गर्माहट के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन सीमा विवाद अब भी सबसे बड़ा और जटिल मसला बना हुआ है. रणनीतिक विश्वास की बहाली, आपसी संवाद को दोबारा शुरू करना और सुरक्षा सहयोग के स्तर पर मजबूत आधार बनाना भविष्य के लिए अहम होंगे. इसने लिखा है कि सीमा पर भरोसे का स्थायी ढांचा, लोगों के बीच संपर्क, शैक्षणिक और थिंक टैंक संवाद को दोबारा शुरू करना ऐसे व्यावहारिक कदम होंगे जो पारस्परिक विश्वास की नींव को मजबूती देंगे. मल्टीलेटरल मंचों पर साथ-साथ SCO और BRICS जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भारत और चीन पहले से ही साथ काम कर रहे हैं. अगर ये दोनों देश वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक रणनीति विकसित करें, तो यह ग्लोबल साउथ और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को मजबूती देगा. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अगर चीन के साथ संबंधों को अपने विकास के नजरिए से देखे और चीन अगर भारत की “कोर चिंताओं” का सम्मान करे, तो रणनीतिक गलतफहमियों को दूर करना और सहयोग के नए अवसर पैदा करना संभव है. ‘बातचीत की खिड़की खुल चुकी है’ अखबार ने लिखा है कि इस समय जब दुनिया एक बार फिर ध्रुवीकृत हो रही है. भारत और चीन का सतत संवाद और परिपक्व कूटनीतिक संपर्क दोनों देशों को न केवल एक-दूसरे को बेहतर समझने में मदद करेगा, बल्कि यह एशिया की स्थिरता और वैश्विक शक्ति संतुलन को भी मजबूत करेगा. जयशंकर की यह यात्रा दोनों देशों के बीच टूटे संवाद को जोड़ने, विश्वास बहाली की दिशा में सार्थक पहल और द्विपक्षीय संबंधों को ‘असामान्य’ स्थिति से ‘सामान्य’ करने का मौका है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अब गेंद दोनों देशों के पाले में है कि वो सहयोग को प्राथमिकता देते हैं या प्रतिस्पर्धा को… लेकिन दुनिया उम्मीद कर रही है कि भारत और चीन दोनों, मिलकर, स्थिरता और समावेशी विकास की मिसाल पेश करें.

निमिषा प्रिया की जिंदगी बचाने मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उठाया कदम, साढ़े 8 करोड़ रुपए भी लेने को क्यों राजी नहीं पीड़ित परिवार!

 कोझिकोड  यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के लिए अब सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम ए. पी. अबूबकर मुसलियार आगे आए हैं। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी और कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु उसे बचाने के लिए ‘हर संभव प्रयास’ कर रहे हैं। नर्स को दो दिन बाद यानी 16 जुलाई की फांसी देने की तारीख तय की गई है। सूत्रों ने बताया कि 94 वर्षीय मुसलियार ने यमन में इस्लामिक धार्मिक नेतृत्व के साथ बातचीत की है। इसके अलावा वह मृतक तलाल अब्दो मेहदी के परिजनों के संपर्क में भी हैं। तलाल अब्दो मेहदी यमनी नागरिक था, जिसकी भारतीय नर्स ने 2017 में कथित तौर पर हत्या कर दी थी। मुसलियार को भारत के मुफ्ती ए आजम की उपाधि प्राप्त है और उन्हें आधिकारिक तौर पर शेख अबूबक्र अहमद के नाम से भी जाना जाता है। फांसी में अब बचे हैं सिर्फ दो दिन केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया को अपने यमनी व्यापारिक साझेदार मेहदी की हत्या करने के मामले में 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जानी है। सूत्रों ने बताया कि दियात (ब्लड मनी) दिए जाने को लेकर बातचीत हो चुकी है और केरल में संबंधित पक्षों को इसकी जानकारी दे दी गई है। हालांकि, बातचीत की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। यमन में लागू शरिया कानून के अनुसार, दियात कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त क्षमादान वित्तीय मुआवजा है जो दोषी की तरफ से मारे गए व्यक्ति के परिजन को दिया जाता है। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि बातचीत को सुगम बनाने के लिए मुसलियार के मुख्यालय में एक कार्यालय खोला गया है। निमिषा प्रिया पर अपने बिजनेस पार्टनर अब्दो महदी की हत्या का आरोप है. इसी मामले में निमिषा को फांसी की सजा सुनाई गई है. यमन के शरिया कानून के मुताबिक अगर महदी का परिवार ब्लड मनी को लेकर राजी हो जाता है तो निमिषा को जेल से रिहा कर दिया जाएगा. परिवार 8.5 करोड़ रुपए देने को राजी निमिषा के परिवार ने बतौर ब्लड मनी 8.5 करोड़ रुपए (1 मिलियन डॉलर) देने की पेशकश की है. पैसे जुटा भी लिए गए हैं, लेकिन अब्दो का परिवार इसको लेकर अब तक राजी नहीं है. सवाल उठ रहा है कि आखिर अब्दो का परिवार इसे क्यों नहीं मान रहा है? क्या अब्दो महदी के परिवार को यह रकम कम लग रही है या उस पर कोई और ही दबाव है? पूरे केस में हूती विद्रोही एक्टिव निमिषा प्रिया केस में हूती विद्रोहियों का एक्टिव होना मुश्किलों का कारण बन गया है. सोमवार (14 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने इसके संकेत भी दिए. अटॉर्नी ने कहा कि हूती विद्रोहियों ने इसे सम्मान से जोड़ लिया है. अब्दो महदी परिवार और हूती के विद्रोही ब्लड मनी पर बात नहीं कर रहे हैं. इसलिए यह मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है. सरकार की कोशिश जारी है. परिवार भी वहीं पर है और बात चल रही है. हूती विद्रोहियो को मनाने के लिए सुन्नी समुदाय के ग्रांड मुफ्ती ने केरल में डेरा डाल दिया है. ग्रांड मुफ्ती अबूबकर मुसलियार ने यमन के धर्मगुरु के साथ बंद कमरे में मुलाकात की है. इसलिए भी हूती केस में बड़ा अड़ंगा निमिषा प्रिया को भारत इसलिए भी नहीं बचा पा रहा है. क्योंकि हूती यमन में एक्टिव है और उसकी वजह से यमन की राजधानी में भारत का कोई दूतावास नहीं है. हूती के विद्रोही पिछले 6 साल से यमन और उसके आसपास तांडव मचा रहे हैं. भारतीय दूतावास सऊदी के रियाद से इस पूरे प्रकरण को मॉनिटर करने की कवायद कर रहा है, लेकिन हूती के रिश्ते सऊदी से भी ठीक नहीं है. हूती सऊदी को अमेरिका का पिट्ठू मानता है और उसके खिलाफ हर वक्त मोर्चा खोले रखता है. निमिषा प्रिया को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी और 2023 में उसकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई थी। वह वर्तमान में यमन की राजधानी सना की जेल में कैद है। इससे पहले दिन में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि 16 जुलाई को फांसी की सजा का सामना कर रही नर्स के मामले में सरकार कुछ खास नहीं कर सकती। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

समंदर में लैंडिंग के बाद क्या है अगला स्टेप? शुभांशु शुक्ला की नॉर्मल लाइफ में वापसी का टाइमलाइन

नई दिल्ली भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से पृथ्वी वापसी के सफर पर हैं. उनके साथ Axiom-4 मिशन (Ax-4) पर गया चार सदस्यीय दल ने सोमवार शाम करीब 4:50 बजे (भारतीय समय) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से विदाई ली. स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ‘ग्रेस’ अब साढ़े 22 घंटे की यात्रा के बाद मंगलवार 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 3 बजे अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा. यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक था, क्योंकि चार दशकों बाद इन देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने किसी मानवयुक्त मिशन में भाग लिया. मिशन का नेतृत्व अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और Axiom की कमांडर पेगी व्हिटसन ने किया. पृथ्वी पर धमाके के साथ होगी एंट्री स्पेसएक्स ने मंगलवार सुबह एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट और Axiom Space के Ax-4 मिशन के चारों अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी के वायुमंडल में 2:31 AM PT (भारतीय समय 3:01 बजे) पर प्रवेश करेंगे और कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेंगे. स्पेसएक्स ने जानकारी दी है कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट एक तेज सॉनिक बूम (sonic boom) के साथ अपने आने का ऐलान करेगा, जो वायुमंडल में उच्च गति से प्रवेश करने पर उत्पन्न होता है. 15 जुलाई 2025 को स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्ष यान और एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) का चालक दल पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. यह टीम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से 14 जुलाई को अलग होकर अब सैन डिएगो, कैलिफोर्निया के तट के पास प्रशांत महासागर में उतरने (splashdown) की तैयारी कर रही है. ड्रैगन एक जोरदार आवाज (सोनिक बूम) के साथ अपने आगमन की घोषणा करेगा. वापसी की योजना और टाइम टेबल ड्रैगन यान और Ax-4 क्रू की पृथ्वी पर वापसी एक सटीक प्रक्रिया होगी, जिसमें कई चरण शामिल हैं. एक्सिओम स्पेस और नासा की टीम ने इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए समय सारणी तैयार की है…     2:07 PM IST: डीऑर्बिट बर्न – यान अपनी कक्षा से बाहर निकलने के लिए इंजन जला कर गति कम करेगा.     2:26 PM IST: ट्रंक जेटिसन – यान का अतिरिक्त हिस्सा (ट्रंक) अलग हो जाएगा.     2:30 PM IST: नोजकोन बंद – यान का अगला हिस्सा बंद होगा ताकि उतरने के लिए तैयार हो सके.     2:57 PM IST: ड्रोग्यू पैराशूट्स तैनात – छोटे पैराशूट खुलेंगे, जो यान की गति को धीमा करेंगे.     2:58 PM IST: मुख्य पैराशूट्स तैनात – बड़े पैराशूट खुलेंगे, जो यान को सुरक्षित उतारने में मदद करेंगे.     3:00 PM IST: ड्रैगन स्प्लैशडाउन – यान प्रशांत महासागर में पानी पर उतरेगा. इस प्रक्रिया के दौरान, ड्रैगन एक संक्षिप्त सोनिक बूम पैदा करेगा, जो ध्वनि की गति से तेज गति के कारण होगा. यह आवाज सैन डिएगो तट पर सुनाई दे सकती है और स्थानीय लोगों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा. चालक दल और मिशन का सफर Ax-4 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल थे, जो 25 जून 2025 को लॉन्च होने के बाद 26 जून को ISS से जुड़े थे. इनमें शामिल हैं…     पैगी व्हिटसन (कमांडर): नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री.     शुभांशु शुक्ला (पायलट): भारत के ISRO अंतरिक्ष यात्री, जो भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं.     स्लावोश उज़नांस्की-विस्निव्स्की: पोलैंड से ESA प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री.     टिबोर कपु: हंगरी के HUNOR प्रोग्राम से अंतरिक्ष यात्री. इन अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS पर 18 दिन बिताए और 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जैसे मांसपेशियों की हानि, मानसिक स्वास्थ्य और अंतरिक्ष में फसल उगाने पर शोध. शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए यह गर्व का पल बनाया.  अंतरिक्ष में ग्रुप फोटो का मजेदार तरीका अंतरिक्ष में ग्रुप फोटो लेना आसान नहीं है, क्योंकि वहां कोई राहगीर नहीं होता जो फोटो खींच सके. Ax-4 क्रू ने इस समस्या का अनोखा हल निकाला. उन्होंने एक कैमरा सेट किया, जो हर 5 सेकंड में फोटो लेता है. फिर वे अपनी पोजीशन में आते हैं और कैमरे की ओर मुस्कुराते हैं. अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने फोटो सेशन को मजेदार बनाया, और ये तस्वीरें उनके मिशन की यादगार बन गईं. सात दिन आइसोलेशन में रहेंगे शुभांशु  शुभांशु शुक्ला के 15 जुलाई 2025 को पृथ्वी पर लौटने के बाद, उन्हें अंतरिक्ष यात्रा के प्रभावों से उबरने के लिए 7 दिनों तक पुनर्वास (रीहैबिलिटेशन) में रहना होगा. यह अवधि चिकित्सा निगरानी में होगी ताकि वे पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण में फिर से सामंजस्य बिठा सकें.

हमीरपुर में 10 वर्कमैन पदों पर सीधी भर्ती, इतने रुपये मिलेगा वेतन

हमीरपुर  बद्दी की प्रसिद्ध कंपनी इंडोरमा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड वर्कमैन के 10 पदों को भरने के लिए 18 जुलाई को सुबह साढे दस बजे से दोपहर 2 बजे तक जिला रोजगार कार्यालय हमीरपुर में साक्षात्कार लेगी। जिला रोजगार अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता दसवीं, बारहवीं, आईटीआई फिटर, प्लम्बर और मशीनिस्ट रखी गई है। इन पदों के लिए 18 से 25 वर्ष तक के पुरुष आवेदक ही पात्र होंगे। चयनित आवेदकों को 16,375 रुपये तक मासिक वेतन मिलेगा। जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि अगर कोई युवा उपरोक्त योग्यता रखता है और उसका नाम किसी भी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत है तो वह अपने मूल प्रमाण पत्रों तथा हिमाचली प्रमाण पत्र के साथ साक्षात्कार में भाग ले सकता है। भर्ती के संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला रोजगार कार्यालय के दूरभाष नंबर 01972-222318 या कंपनी के मोबाइल नंबर 86290-66622 पर संपर्क किया जा सकता है।

श्री अमरनाथ यात्रा उमड़ा जनसैलाब: श्रद्धालुओं की संख्या 2 लाख पार, 6143 नए श्रद्धालु पहुंचे

कश्मीर पवित्र अमरनाथ यात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। पिछले 11 दिनों में दो लाख से ज़्यादा श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। इसी कड़ी में सोमवार को 6,143 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ। नए जत्थे का रवाना होना अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह 6,143 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए निकला। पहला काफिला: 100 वाहनों का यह पहला काफिला 2,215 यात्रियों को लेकर सुबह 3:30 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। दूसरा काफिला: वहीं, 135 वाहनों का दूसरा सुरक्षा काफिला 3,928 यात्रियों को लेकर सुबह 4 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए निकला। सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में पहलगाम में एक हमला हुआ था, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी। सुरक्षा बढ़ाने के लिए, 180 अतिरिक्त सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताक़त में शामिल किया गया है। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से लेकर गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों (बालटाल और पहलगाम) के रास्ते में बने सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने पूरी तरह सुरक्षित कर लिया है। यात्रा मार्ग और नियम पहलगाम मार्ग: इस मार्ग का उपयोग करने वाले श्रद्धालु चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं। यह 46 किलोमीटर की पैदल दूरी है जिसे तय करने में तीर्थयात्रियों को चार दिन लगते हैं। बालटाल मार्ग: यह छोटा मार्ग है, इस पर चलने वाले श्रद्धालुओं को गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और वे यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं। सुरक्षा कारणों से, इस साल यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है। यात्रा की अवधि अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और यह 38 दिनों तक चलेगी। इसका समापन 9 अगस्त को होगा, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है।

महंगाई की बारिश: सब्जियों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

शिमला मानसून की बारिश ने जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त करके रख दिया है, वहीं इसका असर अब गृहिणियों के किचन पर भी पड़ने लगा है। लगातार लगी बारिश की झड़ी के कारण अब सब्जियों के दामों में भी उछाल आया है, जिससे गृहिणियों के किचन का बजट गड़बड़ा गया है, वहीं लोगों की जेबें भी ढीली होने लगी हैं। भिंडी के दाम जहां 50 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गए हैं, वहीं बैंगन, काली तोरी, चुकंदर व लिंगड़ के दाम 60 रुपए, जबकि शिमला मिर्च, करेला, मटर, बैंगणी व पालक के दाम 80 रुपए पहुंच गए हैं और फ्रासबीन व फूलगोभी के दाम 100 रुपए प्रतिकिलो आ पहुंचे हैं।   यही नहीं, लाल सोना कहे जाने वाले टमाटर के दाम भी 40 रुपए प्रतिकिलो, जबकि प्याज 35 रुपए व आलू 25 रुपए प्रतिकिलो की दर से बिक रहा है। इसके अलावा अदरक 120 रुपए, पहाड़ी लहसुन 200 रुपए, देसी लहसुन 160 रुपए, नींबू 120 रुपए, हरी मिर्च 160 रुपए व हरा धनिया 200 रुपए प्रतिकिलो की दर से बिक रहा है। मानसून के सीजन में एक तो सब्जियों की कम खेप पहुंचती है, वहीं फसलों के खराब होने का भी अंदेशा रहता है। सीजनल सब्जियों के आने से आगामी में दिनों सब्जियों के दामों में गिरावट आ सकती है, लेकिन अभी कुछ दिन सब्जियों के दामों में तेजी रहेगी, लेकिन कुछ सब्जियों के दाम राहत भरे भी हैं। इसके अलावा मंडी में बंदगोभी 30 रुपए, तोरी 40 रुपए, गाजर 40 रुपए, घीया 40 रुपए, खीरा 30 रुपए, कद्दू 30 रुपए व बैंगन 40 रुपए प्रतिकिलो की दर से बिक रहे हैं। इनके दामों में थोड़ी नरमी है और लोग इन्हीं की अधिकतर खरीददारी कर रहे हैं। मंडी में सब्जियों के अलावा फलों की भी खरीद होती है और यहां नाशपाती 70 रुपए, सेब 100 रुपए, जामुन 200 रुपए, आम 70 रुपए व पलम 100 रुपए प्रतिकिलो की दर से बिक रहा है, जबकि केला 70 से 80 रुपए प्रति दर्जन की दर से बिक रहा है।

प्राकृतिक आपदा का प्रकोप: मौत, तबाही और लापता ज़िंदगियाँ

नई दिल्ली मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में सोमवार और मंगलवार को अत्यधिक भारी बारिश का ‘ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के कुछ इलाकों में और मंगलवार को शिमला, सोलन तथा सिरमौर में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। साथ ही, विभाग ने शुक्रवार तक 12 में से कुछ जिलों में भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' भी जारी किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, आपदा प्रभावित मंडी जिले की 157 सड़कों सहित कुल 208 सड़कें बारिश के कारण वाहनों के आवागमन के लिए बंद है जबकि सोमवार सुबह तक 745 जलापूर्ति योजनाएं और 139 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं।  770 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हिमाचल प्रदेश को चालू मानसून सीजन में पहले ही 770 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। एसईओसी ने बताया कि 20 जून को मानसून की शुरुआत से लेकर 13 जुलाई तक, 98 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 57 मौत बारिश से जुड़ी घटनाओं में और 41 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई जबकि 178 घायल हुए हैं और 34 लापता हैं। राज्य में 31 बार बाढ़, 22 बार बादल फटने और 18 बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई और सिरमौर जिले के राजगढ़ में रविवार शाम से 72 मिमी बारिश हुई, जबकि खदराला में 42.4 मिमी, पच्छाद में 38 मिमी, मंडी में 26.4 मिमी, भुंतर में 22 मिमी, शिलारू में 14.2 मिमी, सेओबाग में 12.2 मिमी, शिमला में 11.5 मिमी और रोहड़ू में 10 मिमी बारिश हुई। सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए खान-पान पर नियंत्रण जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि केवल चीनी कम करना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि तले-भुने खाद्य पदार्थों का सेवन भी सीमित करना जरूरी है। हालांकि लोग अक्सर मीठे से बचते हैं, पर समोसा, पकौड़ा, पूरी, फ्रेंच फ्राइज जैसे तेलीय व्यंजनों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेते हैं।

आज से 75 साल बाद भारत की जनसंख्या चीन के दोगुने से भी ज्यादा, औसत आयु बढ़कर होगी 42 साल, ढाई अरब होंगे बुजुर्ग

नई दिल्ली भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है। चीन दूसरे नंबर पर है, लेकिन आने वाले दशकों में तस्वीर बदलने वाली है। प्यू रिसर्च के अनुसार आने वाले दशकों में भारत युवा आबादी वाला देश नहीं रह जाएगा और आबादी की ग्रोथ धीमी होती जाएगी। आबादी की ग्रोथ की दर में गिरावट अब भी है, लेकिन इसमें और कमी आएगी। यही नहीं वर्ष 2061 तक तो भारत की आबादी बढ़कर 1.7 अरब हो जाएगी, लेकिन उसके बाद यह धीरे-धीरे गिरने भी लगेगी और वर्ष 2100 में 1.5 अरब हो जाएगी। अनुमान के मुताबिक चीन की आबादी वर्ष 2100 में 63 करोड़ ही रह जाएगी। इसके अलावा अमेरिका की आबादी 42 करोड़ होगी। यहां यह बात दिलचस्प है कि अमेरिका की आबादी तो धीरे-धीरे ही सही बढ़ेगी, लेकिन भारत की जनसंख्या में कमी आ जाएगी। सबसे दिलचस्प तथ्य है कि आबादी में कमी के बाद भी 2100 यानी आज से 75 साल बाद भारत की जनसंख्या चीन के दोगुने से भी ज्यादा होगी। एक तरफ वर्ष 2100 में भारत की आबादी 1.5 अरब होगी तो वहीं चीन की जनसंख्या 63 करोड़ ही रह जाएगी। इसकी वजह यह है कि चीन में लंबे समय तक चली एक बच्चा नीति को लोगों ने आत्मसात कर लिया है। भले ही चीन की सरकार ने अब यह नीति खत्म कर दी है और वह आबादी में ग्रोथ को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन चीनी अब ज्यादा बच्चे पैदा करने को लेकर उत्सुक नहीं हैं। पाकिस्तान में कैसे जारी रहेगा आबादी का विस्फोट अब एक और दिलचस्प तथ्य पर बात कर लेते हैं। प्यू रिसर्च के अनुसार वर्ष 2100 में दुनिया की आबादी की ग्रोथ में 60 पर्सेंट हिस्सेदारी 5 देशों की रहेगी- कॉन्गो, इथियोपिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान और तंजानिया। इस अनुमान से साफ है कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में मानव आबादी का विस्फोट जारी रहेगा। पाकिस्तान में आबादी को नियंत्रित करने के उपायों की कमी पाई जाती है। इसका कारण अशिक्षा, गरीबी समेत कई चीजें हैं। बता दें कि दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 देशों में नाइजीरिया और इथियोपिया शामिल हैं। दोनों ही अफ्रीकी देश हैं। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि आने वाले दशकों में अफ्रीकी देश ही दुनिया में सबसे युवा रहेंगे। दुनिया की औसत आयु बढ़कर होगी 42 साल, ढाई अरब होंगे बुजुर्ग इसके अलावा अमेरिका फिलहाल दुनिया का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, लेकिन वर्ष 2100 तक वह छठे नंबर पर होगा। एक तथ्य यह भी है कि वर्ष 2100 तक दुनिया की औसत आयु किसी अधेड़ शख्स के जितनी होगी। प्यू रिसर्च के अनुसार 2100 में दुनिया के लोगों की औसत आयु 42 साल होगी, जो फिलहाल 31 वर्ष है। यही नहीं स्वास्थ्य का भी एक संकट होगा क्योंकि 2.4 अरब लोग 65 साल या फिर उससे अधिक आयु के होंगे।

अहमदाबाद विमान हादसे में अमेरिकी साजिश? पायलटों पर ठीकरा और बोइंग को बचाने की कोशिश!

अहमदाबाद  अहमदाबाद प्लेन क्रैश के करीब 1 महीने बाद आई शुरुआती जांच रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि विमान का फ्यूल स्विच बंद होने की वजह से यह दुर्घटना हुई है। एएआईबी की रिपोर्ट यह बताती है कि दुर्घटनाग्रस्त बोइंग विमान 787 ड्रीमलाइनर का फ्यूल स्विच बंद होने होने की वजह से दो पायलटों के बीच भ्रम पैदा हुआ जो शायद दुर्घटना की वजह बनी। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दुर्घटना के समय एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि आपने फ्यूल स्विच क्यों बंद कर दिया है? इस पर दूसरे पायलट ने यह जवाब दिया कि उसने बंद नहीं किया है। संभवत: पायलटों ने फ्यूल स्विच को फिर से चालू कर दिया हो, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। एएआईबी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि फ्यूल स्विच बंद होने की स्थिति में विमान के दोनों इंजन में फ्यूल का प्रवाह बंद हो गया, जो दुर्घटना की बड़ी वजह हो सकता है। वहीं, बोइंग की इस मामले में फिर सफाई आई है कि अमेरिका की सरकारी एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और बोइंग ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि बोइंग प्लेन के फ्यूल स्विच लॉक एकदम सेफ हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं क्या यह अमेरिकी सरकार की साजिश है, जो वह बोइंग को बचा रही है?  आइए-समझते हैं। बोइंग और अमेरिकी एजेंसी ने क्या दी है सफाई FAA ने कहा है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच का डिजाइन, लॉकिंग फीचर्स, बोइंग के अलग-अलग विमानों में एक ही है। फिर भी हम इसे खतरे की स्थित नहीं मानते, जिसके लिए किसी भी बोइंग विमान मॉडल पर एयरवर्थनेस डायरेक्टिव देने की जरूरत पड़े। FAA और बोइंग की यह नोटिफिकेशन 11 जुलाई को अहमदाबाद-लंदन प्लेन क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद सामने आई, जिसमें इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच पर सवाल उठाए गए थे। फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजन में फ्यूल के बहाव को कंट्रोल करते हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर अमेरिकी सरकार बोइंग को क्यों बचा रही है। 6 साल में 2 बार बदला गया था थ्रस्ट कंट्रोल मॉड्यूल एयर इंडिया ने 2019 में बोइंग के निर्देश के बाद पिछले 6 सालों में अहमदाबाद-लंदन बोइंग 787-8 फ्लाइट के थ्रस्ट कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) को दो बार बदला था। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को बताया कि अहमदाबाद-लंदन प्लेन में TCM को 2019 और 2023 में बदला गया था। TCM में फ्यूल कंट्रोल स्विच होते हैं, जो प्लेन क्रैश हादसे की जांच का केंद्र बन गए हैं। क्योंकि 12 जून को अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट में ये स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद बंद हो गए थे। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर कंपोजिट कार्बर फाइबर से बने हैं बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है। इस विमान का 50% हिस्सा कार्बन फाइबर जैसे कम्पोजिट मटेरियल से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है। वहीं, ड्रीमलाइनर की खिड़कियां किसी भी कॉमर्शियल विमान में सबसे बड़ी हैं। केबिन का प्रेशर 1,900 मीटर की ऊंचाई जैसा रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन 8% ज्यादा रहती है और थकान कम होती है। केबिन में रंग बदलने वाली LED लाइट्स हैं, जो टाइम जोन बदलने का असर कम करती हैं। बोइंग की बैटरी में आ चुकी है खराबी की बात बोइंग 787 ड्रीमलाइनर अपनी सहायक बिजली इकाई (APU) के लिए और इलेक्ट्रॉनिक उड़ान प्रणालियों के लिए बैकअप के रूप में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग करता है। इन बैटरियों को उनके हाई एनर्जी डेंसिटी और लॉन्ग लाइफ साइकिल के लिए चुना गया था। हालांकि, वे सुरक्षा मुद्दों से जुड़े रहे हैं, जिसमें ओवरहीटिंग और आग लगना शामिल है, जिसके कारण 2013 में पूरे 787 बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंडेड कर दिया गया था। सितंबर 2012 में तत्कालीन सरकारी स्वामित्व वाली एयर इंडिया लिमिटेड (AIL) के बेड़े में शामिल होने के तुरंत बाद सभी छह नए बोइंग 787 'ड्रीमलाइनर्स' के बैच को उनकी लिथियम-आयन बैटरी की खराबी के कारण चार महीने से अधिक समय (17 जनवरी, 2013 से 4 जून, 2013 तक) के लिए रोक दिया गया था। बोइंग के विमानों की बैटरी में शॉर्ट सर्किट नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 2017 की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था। कुल मिलाकर एआईएल ने मेसर्स बोइंग से 27 बी-787-800 विमानों का ऑर्डर दिया था। हाई एनर्जी डेंसिटी और लॉन्ग लाइफ के लिए चुने गए विमान में लिथियम ऑयन बैटरियों का इस्तेमाल सहायक बिजली इकाई (APU) को शुरू करने और इलेक्ट्रॉनिक उड़ान प्रणालियों के लिए बैकअप पावर प्रदान करने के लिए किया गया था। हालांकि, शॉर्ट-सर्किट या उच्च परिचालन तापमान होने पर वे आग लगने जैसे अंतर्निहित सुरक्षा जोखिम हैं। उस वक्त सीएजी ने विमान के मैकेनिकल खामी बताई गई थी। जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लगने से इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने फिर अपने बैटरी सिस्टम में सुधार किया। बोइंग के विमानों में खराबी की भी बात आई 2020 से 2022 के दौरान ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें आईं। दरअसल, ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी पैसेंजर प्लेन है। इसके हिस्से अलग-अलग बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था। 2020 से 2022 के दौरान बोइंग ने एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। अमेरिकी संस्था FAA ने निगरानी बढ़ाई और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। बोइंग ने भी माना कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थी। हालांकि, बोइंग का दबाव अमेरिकी सरकार पर … Read more