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18 जुलाई को पीएम कर सकते हैं किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रासंफर, बिहार के 76 लाख किसानों का इंतजार खत्म

पटना पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त का इंतजार करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। 18 जुलाई को पीएम किसान सम्मान निधि का 20वीं किस्त किसानों के खाते में आ सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी का 18 जुलाई को बिहार दौरा प्रस्तावित है। हालांकि इसकी अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन, बीजेपी के सूत्रों का कहना है पीएम 18 जुलाई को बिहार आयेंगे। 18 जुलाई को पीएम कर सकते हैं पैसा ट्रासंफर पीएम मोतिहारी से इस दफा किसान सम्मान निधि का 20वीं किस्त ट्रांसफर कर सकते हैं। पीएम मोदी इससे पहले भागलपुर से 24 फरवरी, 2025 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त ट्रांसफर किया था। इसी प्रकार पिछले महीने जून में पीएम मोदी बिहार के सीवान से ही पीएम आवास योजना के लाभार्थियों का पैसा ट्रांसफर किया था। इसको लेकर यह उम्मीद किया जा रहा है कि पीएम मोतिहारी से पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त ट्रांसफर कर सकते हैं।   पीएम मोदी का बिहार दौरा प्रधानमंत्री मोदी अभी विदेश दौरे पर हैं। 9 जुलाई को वो भारत आ रहे हैं। पीएम का बिहार के मोतिहारी में 18 जुलाई को कार्यक्रम प्रस्तावित है। कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस दिन बिहार को कई बड़ी सौगात दे सकते हैं। पीएम एक साथ कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। 19वीं किस्त भी बिहार से हुई थी ट्रांसफर पीएम किसान निधि का पैसा प्रधानमंत्री मोदी खुद ही ट्रांसफर करते हैं। इसलिए यह संभावना व्यक्त किया जा रहा है कि पीएम मोतिहारी दौरा के समय किसानों के लिए गुड न्यूज लेकर आए। इससे पहले पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त 24 फरवरी, 2025 को भागलपुर से करीब 9.8 करोड़ किसानों के खाते में ट्रांसफर किया था। जबकि पीएम किसान की 18वीं किस्त 5 अक्टूबर, 2024 को पीएम मोदी ने महाराष्ट्र से ट्रांसफर किया था। इसी प्रकार पीएम मोदी ने किसान सम्मान योजना की 17वीं किस्त पीएम मोदी ने वाराणसी से, 16वीं किस्त महाराष्ट्र के यवतमाल से और 15वीं किस्त झारखंड के खूंटी से ट्रांसफर किया था। बिहार में कितने किसान पात्र हैं बिहार में 76 लाख 12 हजार 642 किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ा पैसा आयेगा। लेकिन, जिन किसानों ने अभी तक फार्मर रजिस्ट्रेशन और ई-केवाईसी नहीं कराया है, उन्हें तगड़ा झटका लग सकता है। केंद्र सरकार बार-बार इसे करने के लिए कह रही है। जो लोग पीएम किसान सम्मान निधि के लिए आपने ई-केवाईसी नहीं कराया है वे तत्काल करा लें। इसके साथ ही अपना फार्म भी रजिस्ट्रेशन करा लें। जो ऐसा नहीं करायेंगे उनका पैसा रूक जायेगा। उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। कब-कब मिलते हैं पैसा प्रत्येक साल पहली किस्त 1 अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त 1 अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त 1 दिसंबर से 31 मार्च के बीच किसानों के बैंक खातों में केंद्र सरकार द्वारा डाल दी जाती है। पैसा नहीं आए तो ऐसे करें चेक     https://pmkisan.gov.in/) अपना रजिस्ट्रेशन स्टेटस चेक करें।     हेल्पलाइन: 011-23381092, 155261 (Toll-free)     गड़बड़ी की शिकायत: pmkisan-ict@gov.in पर ईमेल करें।

आज ईरान-इजरायल जंग के बाद पहली बार ट्रंप से मिलेंगे नेतन्याहू, ईरान के मुद्दे पर भी होगी बात

वाशिंगटन   इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे. इस अहम बैठक में गाज़ा में युद्धविराम की कोशिशों और ईरान से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये मुलाकात ट्रंप की मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने की कोशिशों का हिस्सा है. रॉयटर्स के मुताबिक सीनियर सलाहकार और सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ (CSIS) की मिडिल ईस्ट डायरेक्टर मोना याकूबियन ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप गाज़ा में सीजफायर को प्राथमिकता दे रहे हैं और ये मुद्दा दोनों नेताओं की मीटिंग में सबसे ऊपर रहेगा. उन्होंने कहा कि ट्रंप कई दिनों से इस दिशा में संकेत दे रहे हैं. इधर, हमास ने भी अमेरिका द्वारा प्रस्तावित सीजफायर प्लान पर सकारात्मक रुख दिखाया है और बातचीत के लिए तैयार होने की बात कही है. इस योजना में बंधकों की रिहाई और संघर्ष समाप्त करने को लेकर बातचीत का प्रस्ताव है. ईरान के मुद्दे पर भी होगी बात ट्रंप ने यह भी कहा कि वह नेतन्याहू के साथ ईरान पर भी चर्चा करेंगे. मोना याकूबियन के अनुसार ट्रंप और नेतन्याहू दोनों ईरान को लेकर एक जैसे विचार रखते हैं और पहले भी मिलकर सैन्य कार्रवाई कर चुके हैं. ऐसे में यह संभावना है कि दोनों नेता मिलकर आगे की रणनीति पर एकजुट रुख अपनाएंगे. इन नेताओं से करेंगे मुलाकात इस दौरे में नेतन्याहू अमेरिका के अन्य शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे, जिनमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, ट्रंप के पश्चिम एशिया दूत स्टीव विटकॉफ और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक शामिल हैं. क्यों अहम है नेतन्याहू की यात्रा? मोना याकूबियन ने कहा कि नेतन्याहू की यह यात्रा न केवल ईरान में की गई सैन्य कार्रवाई की सफलता को दिखाएगी, बल्कि गाज़ा में संभावित युद्धविराम की दिशा में भी एक कदम मानी जाएगी. यह ट्रंप के लिए भी अहम है, क्योंकि इससे वे अमेरिका में अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने के साथ-साथ खुद को 'शांति स्थापित करने वाले नेता' के रूप में पेश कर पाएंगे. वे लंबे समय से मिडिल ईस्ट में बड़े राजनयिक समझौते कराने की कोशिश कर रहे हैं. इस मुलाकात को लेकर अब पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं, जिसमें दोनों नेता क्षेत्रीय शांति और रणनीतिक साझेदारी पर नई राह तय कर सकते हैं. 

राफेल पर चीन की झूठी कहानी, ऑपरेशन सिंदूर में फ्रांस ने किया सच उजागर

पेरिस ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान ने भारत के राफेल समेत छह विमानों को गिराए जाने का दावा किया, जिसे भारतीय सेना ने सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद कई देशों में राफेल विमानों को लेकर सवाल खड़े होने लगे। अब फ्रांस की ओर से पूरा सच सामने आ गया है। दरअसल, फ्रांस के सैन्य और खुफिया अधिकारियों ने खुलासा किया है कि चीन ने बिक्री को कमजोर करने और फ्रांसीसी प्रमुख लड़ाकू विमान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए अपने दूतावासों का इस्तेमाल किया। चीनी विदेशी दूतावासों में रक्षा अताशे राफेल की बिक्री को कमजोर करने के अभियान का नेतृत्व कर रहे थे, जिसका उद्देश्य देशों को फ्रांसीसी लड़ाकू विमान न खरीदने और इसके बजाय चीनी निर्मित जेट विमानों को चुनने के लिए राजी करना था। यह जानकारी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने फ्रांसीसी खुफिया सेवा के निष्कर्षों का हवाला देते हुए दी है। फ्रांस अब अपने राफेल फाइटर जेट के खिलाफ अफवाह फैलाए जाने के अभियान से लड़ रहा है। राफेल जेट और अन्य भारी हथियारों की बिक्री फ्रांस के रक्षा उद्योग के लिए बड़ा कारोबार लाती है, जिससे सरकार को भारत और एशिया के अन्य देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों में मदद मिलती है। वहीं, चीन खुद को प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा है कि मई में लड़ाई के दौरान पाकिस्तान द्वारा तीन राफेल सहित पांच भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा करने के बाद अन्य देशों ने राफेल के प्रदर्शन पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। राफेल के बारे में पाकिस्तान के दावे की भारत द्वारा पुष्टि नहीं की गई है। एयर मार्शल एके भारती ने ऑपरेशन सिंदूर पर एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान राफेल जेट विमानों के मार गिराए जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि नुकसान किसी भी युद्ध परिदृश्य का हिस्सा है। इसके अलावा, दावों की पुष्टि या खंडन किए बिना भारतीय नौसेना के अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने पिछले महीने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने सैन्य अभियान के शुरुआती दिन शुरुआती प्रतिबंधों के कारण कुछ लड़ाकू विमान खो दिए थे। हालांकि, वह इस दावे से सहमत नहीं थे कि देश ने पांच लड़ाकू विमान खो दिए। राफेल जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने हाल ही में पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए इसे गलत बताया। फ्रांसीसी पत्रिका चैलेंजेस से बात करते हुए उन्होंने इस्लामाबाद के इस दावे का खंडन किया कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय संघर्ष के दौरान तीन राफेल जेट विमानों को मार गिराया गया था। 'राफेल को निशाना नहीं बनाया गया' फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा है कि वे पाकिस्तान और चीन द्वारा राफेल को बदनाम करने और ऑनलाइन गलत सूचना फैलाने के कथित संगठित अभियान का विरोध कर रहे हैं। फ्रांस ने कहा कि इस अभियान में कथित रूप से राफेल मलबे के छेड़छाड़ किए गए दृश्य, एआई-जनरेटेड सामग्री और 1,000 से अधिक नव निर्मित सोशल मीडिया अकाउंट शामिल थे, ताकि चीनी प्रौद्योगिकी के श्रेष्ठ होने की बात फैलाई जा सके। फ्रांसीसी खुफिया सेवा ने कहा कि चीनी दूतावास के रक्षा अधिकारियों ने अन्य देशों के समकक्षों और सुरक्षा अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में भी इसी तरह की बातें दोहराईं। खुफिया जानकारी के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने कथित तौर पर उन देशों पर अपनी लॉबिंग केंद्रित की, जिन्होंने राफेल का ऑर्डर दिया है और जो देश फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों के संभावित ग्राहक हैं।  

ब्रिक्स शिखर बैठक के लिए ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी, स्वागत में दिखी खास तैयारी

रियो डी जेनेरियो ब्राजील में 6-7 जुलाई को ब्रिक्स सम्मेलन हो रहा है। 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भी रियो डी जेनेरियो पहुंच गए हैं। यहां पर ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। बता दें कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक शासन में सुधार, शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद को मजबूत करने, एआई के उपयोग, जलवायु कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक और वित्तीय मामलों सहित प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।   पीएम मोदी पहुंचे ब्राजील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय 8 दिनों की पांच देशों की आधिकारिक दौरे पर हैं। पीएम शनिवार को अर्जेंटीना की ऐतिहासिक यात्रा पूरी करने के बाद पांच देशों की अपनी यात्रा के चौथे चरण में आज दिन में ब्राजील पहुंचे। बता दें कि पीएम मोदी की ब्राजील की चौथी यात्रा है और दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के बाद उनका ब्रासीलिया का राजकीय दौरा करने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। चीन के राष्ट्रपति नहीं लेंगे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा ब्राजील में हो रहे इस शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति हिस्सा नहीं लेंगे। चीनी राष्ट्रपति बनने के बाद ये पहला मौका है, जब शी चिनफिंग इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। उनके स्थान पर चीन के पीएम ली क्यांग सम्मेलन में भाग लेंगे। बता दें कि ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। मिस्त्र, इथोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई को शामिल करके इस समूह का विस्तार किया गया है।

प्रदेश में बारिश और मलबा आने से ऋषिकेश-यमुनोत्री-राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 67 सड़के बंद

उत्तरकाशी यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी के समीप एनएच विभाग की ओर से करीब 24 मीटर लंबे स्पान के बैली ब्रिज का निर्माण कर रहा है। मौसम का साथ मिलने पर विभाग ने काम में तेजी लाई। इसके साथ ही स्यानाचट्टी में सिंचाई विभाग की ओर से यमुना नदी में बनी झील के मुहाने से मलबा हटाने का कार्य जारी है। बीते 28 जून को यमुनोत्री हाईवे का हिस्सा ओजरी में बह गया था। प्रदेश में बारिश के बाद मलबा आने से सड़कों का बंद होने का सिलसिला जारी है। राज्य में ऋषिकेश-यमुनोत्री-राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 67 सड़के बंद हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक रुद्रप्रयाग जिले में चार ग्रामीण सड़कें, उत्तरकाशी में एक एनएच सहित 11 ग्रामीण सड़कें, नैनीताल में दो, चमोली में एक राज्य मार्ग सहित 21 ग्रामीण सड़कें, पिथौरागढ़ में छह ग्रामीण, अल्मोड़ा में एक राजमार्ग और एक ग्रामीण, बागेश्वर जिले में 11 ग्रामीण, पौड़ी गढ़वाल में तीन ग्रामीण, देहरादून में दो ग्रामीण और टिहरी जिले में तीन ग्रामीण सड़के मलबा आने से बंद हैं।  राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक बंद सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड में आज से फिर मानसून रफ्तार पकड़ेगा। मौसम विज्ञान केंद्र ने छह जुलाई को रुद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर और देहरादून में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। उधर, मलबा आने से सड़कों के बंद होने का सिलसिला जारी है। यमुनोत्री हाईवे समेत प्रदेश में 67 सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग ने अन्य जिलों में भी तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।  

भारत बनेगा वैश्विक आपूर्ति नेटवर्क का मजबूत हिस्सा, सरकार का बड़ा लक्ष्य – पीयूष गोयल

नई दिल्ली केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता दुनिया के कुछ सबसे उन्नत क्षेत्रों को सशक्त बना रही है। साथ ही कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को आपूर्ति श्रृंखलाओं में वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय भागीदार बनाना है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत में विभिन्न ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) के माध्यम से पहले से ही बहुत सारे डिजाइन और इनोवेशन हो रहे हैं, "हमारा लक्ष्य अब न केवल डिजाइन और इनोवेशन करना है, बल्कि यहां पेटेंट और उत्पादन करना भी है, जिससे भारत आपूर्ति श्रृंखलाओं में वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय भागीदार बन सके।" उन्होंने देवनहल्ली में कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) एयरोस्पेस विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) का दौरा किया और देश में फ्रांसीसी प्रमुख सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ज्वाइंट इनिशिएटिव की सराहना की। गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "एसईजेड में संचालित कई इकाइयों की लीडरशीप के साथ भी बातचीत की और नीति निर्माण प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद करने के लिए उनकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया और सुझाव लिए।" पिछले महीने, पेरिस एयर शो के 55वें संस्करण में, विमान इंजन के डिजाइन, विकास और उत्पादन में दुनिया की अग्रणी फ्रांसीसी इंजन निर्माता कंपनी सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन ने एलईएपी इंजन के रेटेटिंग पार्ट्स के उत्पादन के लिए भारत की अग्रणी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी एचएएल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता सरकार की "मेक इन इंडिया" नीति का भी समर्थन करता है। एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने कहा, "हमें सफ्रान के साथ इस दीर्घकालिक साझेदारी का विस्तार करने और एलईएपी कार्यक्रम के लिए इनकोनेल भागों के लिए फोर्जिंग प्रक्रियाओं में अपनी औद्योगिक विशेषज्ञता विकसित करने पर वास्तव में गर्व है।" फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन भारत में अपनी क्षमताओं और उपस्थिति को बढ़ा रहा है। कंपनी पहले से ही हैदराबाद, बेंगलुरु और गोवा में पांच प्रोडक्शन साइट्स का संचालन करती है।

रॉयटर्स का X अकाउंट ब्लॉक होने पर मचा बवाल, भारत सरकार ने झाड़ा पल्ला

नई दिल्ली  दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऐसे सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने गैंग के साथ मिलकर कैब ड्राइवरों की हत्याओं की साजिश रची. आरोपी अजय लांबा और उसके तीन साथी किराए पर कैब बुक करते, ड्राइवर को पहाड़ियों में ले जाकर पहले बेहोश करते और फिर गला घोंटकर हत्या कर देते थे. लाश को खाई में फेंक दिया जाता, जबकि गाड़ी को नेपाल में बेच देते थे.   दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की आरकेपुरम टीम ने ऐसे सीरियल किलर को पकड़ा है, जिसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर चार कैब ड्राइवर्स की हत्या की. इसके बाद शवों को उत्तराखंड की पहाड़ियों से गहरी खाई में फेंक दिया. गिरफ्तार आरोपी की पहचान अजय लांबा के रूप में हुई है, जो दिल्ली के इंडिया गेट इलाके से पकड़ा गया. पुलिस के अनुसार यह गिरोह पिछले कई वर्षों से एक्टिव था. अब तक कई कैब ड्राइवरों को अपना शिकार बना चुका है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह गैंग रेंट पर कैब बुक करता था. ड्राइवर को उत्तराखंड की ओर ले जाकर पहले उसे नशीला पदार्थ देकर बेहोश करता था. इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी जाती थी. लाश को अल्मोड़ा, हल्द्वानी और उधमसिंह नगर जैसे इलाकों की गहरी खाइयों में फेंक दिया जाता था, जिससे शव कभी बरामद न हो सकें. हत्या के बाद आरोपी कैब को नेपाल ले जाकर ऊंचे दामों में बेचते थे.   अब तक इस केस में चार ड्राइवरों की हत्या की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से केवल एक शव पुलिस बरामद कर सकी है. बाकी तीन शवों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस को शक है कि यह गैंग दर्जनों मिसिंग कैब ड्राइवर केसों से जुड़ा हो सकता है, और उनकी हत्या भी इन्हीं आरोपियों ने की हो. गिरफ्तार आरोपी अजय लांबा नेपाल में भी करीब 10 साल तक छिपा रहा और वहीं की एक युवती से शादी की. उसके खिलाफ दिल्ली में ड्रग्स तस्करी और ओडिशा में डकैती जैसे संगीन मामलों में पहले भी जेल जा चुका है. इस गैंग के अन्य सदस्य धीरेंद्र और दिलीप पांडे पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन एक और अहम आरोपी धीरज अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है. दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए इस सीरियल किलर से गहन पूछताछ जारी है. दिल्ली से लेकर उत्तराखंड और नेपाल तक फैले इस गिरोह का नेटवर्क अब पुलिस के निशाने पर है.

एलन मस्क की सियासी पारी शुरू, राष्ट्रपति बनने की अटकलों पर उठे सवाल

वाशिंगटन  टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ, दुनिया के सबसे अमीर शख्स और 2024 में डोनाल्ड ट्रंप को दूसरी बार अमेरिकी सत्ता तक पहुंचाने वाले "किंगमेकर" एलन मस्क अब खुद अमेरिकी राजनीति में उतर चुके हैं। उन्होंने शनिवार को एक नई राजनीतिक पार्टी "America Party" की घोषणा की है। मस्क का दावा है कि यह पार्टी अमेरिका के 80% मध्य और संतुलित मतदाताओं की आवाज बनेगी, जो न रिपब्लिकन हैं, न डेमोक्रेट। एलन मस्क के करीबियों की मानें तो उनकी यह घोषणा स्वाभाविक थी। ऐसा इसलिए क्योंकि, हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने सीनेट में बिग ब्यूटीफुल बिल पास करवा लिया। मस्क इस बिल के खिलाफ थे। जब ट्रंप इस बिल के हिमायती बनते हुए विरोधियों को इस बिल की खूबियां गिना रहे थे, तब मस्क ने कहा था कि अगर बिल पास हो जाता है तो वो अमेरिका के लोगों के लिए नई पार्टी की घोषणा करेंगे। मस्क ने इस बिल को अमेरिकी लोगों के लिए विनाशकारी बताया है। मस्क के मुताबिक, यह बिल सिर्फ अमीरों के लिए फायदेमंद होगा, न कि गरीब और मध्यमवर्गीय के लिए। क्या 2028 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ पाएंगे एलन मस्क? जैसे ही मस्क की पार्टी का एलान हुआ, सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया — क्या एलन मस्क खुद राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकते हैं? अमेरिका में किसी के लिए भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ना आसान नहीं है। अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद II, खंड 1 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति तभी अमेरिकी राष्ट्रपति बन सकता है यदि वह तीन शर्तों को पूरा करे। पहली शर्त है- वह जन्म से अमेरिका का नागरिक हो। दूसरा- उसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष हो और वह अमेरिका में कम से कम 14 साल से रह रहा हो। यहां एलन मस्क इन शर्तों में से पहली शर्त पर खरे नहीं उतरते, जो सबसे जरूरी है। मस्क जन्म 28 जून 1971 को दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में हुआ था। उन्होंने बाद में अमेरिका की नागरिकता ली, लेकिन चूंकि वे "जन्म से अमेरिकी नागरिक" नहीं हैं, इसलिए संविधान उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की अनुमति नहीं देता। क्या कहते हैं एक्सपर्ट चाहे मस्क के पास असीम दौलत हो, तकनीक और कारोबार की पकड़ हो या एक समर्पित फैन फॉलोइंग, अमेरिकी संविधान की यह शर्त उनका रास्ता रोक देती है। जब तक संविधान में संशोधन नहीं होता, एलन मस्क कभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं बन सकते। ऐसा संशोधन बेहद मुश्किल है क्योंकि उसके लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत चाहिए और फिर 50 में से 38 राज्यों की मंजूरी भी जरूरी होती है। मस्क का मकसद क्या है? राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक एलन मस्क अब "किंगमेकर" से "पावरब्रोकिंग" की दिशा में बढ़ रहे हैं। वह 2026 के मिडटर्म इलेक्शन में अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं। इसके अलावा 2028 में किसी अमेरिकी-जन्मे नेता को राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतार सकते हैं और खुद पार्टी प्रमुख, नीति-निर्देशक या फंडर बन सकते हैं। ट्रंप से दूरी और नई सियासी लड़ाई 2024 में एलन मस्क ने ट्रंप को खुला समर्थन दिया था। मस्क ने ट्रंप को जिताने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। फंडिंग से लेकर पब्लिक स्टेटमेंट्स तक मस्क हर कदम पर ट्रंप के साथ रहे। लेकिन अब जब उन्होंने अपनी पार्टी बना ली है, तो संकेत साफ हैं कि मस्क अब ट्रंप के जोन से बाहर निकलकर खुद की राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं।  

नेमप्लेट विवाद में कूदे बाबा रामदेव, बोले- नाम छिपाना अनुचित, सभी के पूर्वज थे हिंदू

हरिद्वार कांवड़ यात्रा से पहले 'नेमप्लेट विवाद' पर योग गुरु बाबा रामदेव ने बड़ा बयान दिया है। बाबा रामदेव ने कहा है कि सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही हैं, इसलिए नाम छिपाने में कुछ नहीं रखा है। बाबा रामदेव ने शिवभक्तों से भी खास अपील की है। बाबा रामदेव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "जैसे रामदेव को हिंदू होने पर गर्व है, वैसे ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने मुस्लिम होने पर गर्व होना चाहिए। सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही हैं। इसलिए नाम छिपाने में कुछ नहीं रखा है। नाम बताना चाहिए, अगर किसी की मर्जी होगी तो वो खाना खाने आएगा, इसलिए नाम छिपाना न मजहब की दृष्टि से उचित है, न धार्मिक स्थिति और न व्यवहारिक दृष्टि से उचित है।" उन्होंने कहा कि सबको अपने-अपने मातृवंश और मजहब पर गौरव होना चाहिए। मुस्लिम भाइयों को किसी तरह से भी अपना मजहब नहीं छिपाना चाहिए। योग गुरु रामदेव बाबा ने कांवड़ यात्रियों से भी अपील की है। उन्होंने कहा, "कांवड़ लेकर चलने वाले लोग भगवान शिव के सच्चे भक्त हैं। भगवान शिव पवित्रता के प्रतीक हैं और सनातन धर्म के सबसे बड़े देवताओं में से एक 'आदि योगी' हैं। इसलिए शिव भक्तों को संयम और धैर्य का परिचय देना चाहिए। अगर किसी को बीड़ी-सिगरेट, शराब पीने या भांग जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने की लत है तो उन्हें इस बार कांवड़ लेकर चलते समय भगवान भोलेनाथ को अपनी सारी बुराइयां अर्पित करनी चाहिए। उन्हें व्यसन मुक्त जीवन जीने का संकल्प लेना चाहिए।" 'भाषा विवाद' पर योग गुरु ने कहा, "भाषा और अलग-अलग जाति के आधार पर हम हिंदू लड़ते हैं तो उससे हिंदू एकता, राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर आंच आती है। इसलिए हम सबको भारतवासी होकर एकजुट रहना चाहिए। हमारी एकता में ही राष्ट्रीय एकता और अखंडता अक्षुण्य रहेगी।" उन्होंने आगे कहा, "हिंदुत्व का जो मूल दर्शन है, हमें उसे ही समझना है। हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं। भाषाएं अलग हो सकती हैं, रीति-रिवाज भिन्न हो सकते हैं और जाति-वर्ग अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन अभेद दृष्टि को ही हमने जीया है और यही हिंदुत्व है। वेद भी यही कहते हैं।"

मौसम का कहर: MP से ओडिशा तक बारिश का तांडव, IMD ने जारी किया रेड अलर्ट

नई दिल्ली  देश के विभिन्न हिस्सों में मॉनसून की सक्रियता के कारण अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति के करीब है। इसके प्रभाव से मध्य प्रदेश में 6 से 11 जुलाई तक को अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में 6 से 8 जुलाई तक भारी बारिश होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ में 6 से 7 जुलाई और विदर्भ में 7 व 8 जुलाई को बहुत भारी बारिश के आसार हैं। इसके अलावा, पूर्वी और मध्य भारत में अगले सात दिनों तक गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होगी। इस दौरान 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं की संभावना है। राजस्थान में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की सक्रियता जारी है। शनिवार दिन में सीकर में सबसे अधिक 45 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार राज्य के कुछ हिस्सों में रविवार से बारिश की गतिविधियां कम हो सकती हैं। मौमस विभाग के अनुसार, बीकानेर संभाग के कुछ भागों में मध्यम दर्जे की बारिश आगामी 2-3 दिन हो सकती है। जोधपुर संभाग के कुछ भागों में 6 जुलाई से बारिश की गतिविधियों में कमी होगी। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार शनिवार को राज्य में कई स्थानों पर बादल गरजने के साथ बारिश हुई। इस दौरान सीकर में 45 मिलीमीटर, वनस्थली में 26 मिलीमीटर, जयपुर में 14 मिलीमीटर, कोटा में 7.2 मिलीमीटर, फतेहपुर में 7 मिलीमीटर बारिश हुई। कई और जगह भी बूंदाबांदी व बारिश हुई। बंगाल में भारी बारिश की संभावना पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र में कम दबाव बनने की संभावना है, जिससे राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। पुरुलिया, झाड़ग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों के कुछ हिस्सों में 7 से 20 सेंटीमीटर तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। पश्चिम वर्धमान, पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और बांकुड़ा जिलों में भी 7 से 11 सेमी तक भारी बारिश होने की संभावना है। पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने और मजबूत मानसून प्रवाह के कारण इन जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होगी। आईएमडी ने कहा कि उपहिमालयी जिलों दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार के कुछ हिस्सों में 10 जुलाई तक भारी बारिश होने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों के लिए रेड अलर्ट हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण 260 से अधिक सड़कें बंद हैं जिनमें से 176 अवरुद्ध सड़कें अकेले मंडी जिले में हैं। स्थानीय मौसम विभाग ने रविवार को कांगड़ा, सिरमौर और मंडी जिलों के कुछ स्थानों पर अत्याधिक बारिश की आशंका जताते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। इसके अलावा ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, सोलन, शिमला और कुल्लू जिलों के कुछ क्षेत्रों में भारी से बहुत बारिश की आशंका के मद्देनजर ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है। एक दिन में 115.6 मिमी से 204.4 मिमी के बीच हुई वर्षा को बहुत भारी वर्षा की श्रेणी में रखा जाता है, जबकि 204.4 मिमी से अधिक वर्षा को अति भारी वर्षा माना जाता है। मौसम विभाग ने लोगों को भूस्खलन, अचानक बाढ़ आने, जलभराव होने और कमजोर ढांचों, फसलों एवं आवश्यक सेवाओं को नुकसान पहुंचने की आशंका के प्रति सतर्क किया है। साथ ही नदी-नालों से दूर रहने और संवेदनशील इलाकों में न जाने की सलाह दी है।