samacharsecretary.com

आज का राशिफल 13 अक्टूबर 2025: मेष से मीन तक हर राशि की किस्मत क्या कह रही है?

मेष राशि- आज का दिन जोश से भरा रहेगा। काम में नई शुरुआत के मौके मिल सकते हैं। पुराना रुका हुआ काम आगे बढ़ेगा। ऑफिस में किसी सीनियर से तारीफ मिलेगी। निजी जीवन में साथी का साथ मिलेगा। किसी पुराने दोस्त से बात हो सकती है जो मूड अच्छा कर देगी। वृषभ राशि- दिन थोड़ा मिला-जुला रहेगा। खर्चे बढ़ सकते हैं या कोई जरूरी खरीद करनी पड़ सकती है। ऑफिस में थोड़ा दबाव रहेगा, लेकिन दिन के अंत तक राहत मिलेगी। परिवार में माहौल ठीक रहेगा। अपने गुस्से पर काबू रखें, नहीं तो बात बिगड़ सकती है। मिथुन राशि- कामकाज में सुधार नजर आएगा। नई जिम्मेदारी मिल सकती है जो आगे चलकर फायदेमंद रहेगी। दोस्त मददगार रहेंगे। प्रेम जीवन में किसी बात से गलतफहमी हो सकती है, इसलिए खुलकर बात करें। शाम को कुछ नया सीखने या घूमने का मन करेगा। कर्क राशि- परिवार से जुड़ा कोई काम पूरा होगा। नौकरी या बिजनेस में सुधार के संकेत हैं। किसी पुराने काम से फायदा हो सकता है। अपनी सेहत और नींद पर ध्यान दें। जीवनसाथी के साथ समय बिताने से मन हल्का होगा। सिंह राशि- आज आत्मविश्वास और ऊर्जा दोनों ऊँचाई पर रहेंगे। नए काम की शुरुआत के लिए अच्छा समय है। करियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है। जीवन में सकारात्मक बदलाव शुरू होने के संकेत हैं। कन्या राशि- काम का दबाव रहेगा, लेकिन आप अपनी मेहनत से सब संभाल लेंगे। सहकर्मी या दोस्त आपकी तारीफ करेंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। कोई छोटी यात्रा संभव है। मन में नए विचार आएंगे जो आगे चलकर काम आ सकते हैं। तुला राशि- आज का दिन खुशनुमा रहेगा। भाग्य आपका साथ देगा। किसी काम में सफलता मिलने की संभावना है। रिश्तों में मिठास बढ़ेगी। कोई अच्छी खबर मिल सकती है जिससे मूड और उत्साह दोनों बढ़ेंगे। वृश्चिक राशि- भावनाओं का असर ज्यादा रहेगा। किसी खास से जुड़ी यादें मन को व्यस्त रखेंगी। काम में थोड़ा उतार-चढ़ाव रहेगा, पर मेहनत बेकार नहीं जाएगी। खुद को शांत रखने की कोशिश करें। शाम को कोई अच्छी बातचीत या संदेश मन खुश कर देगा। धनु राशि- आज कुछ नया करने का मन बनेगा। यात्रा या मीटिंग से फायदा मिलेगा। पढ़ाई, मीडिया या लेखन से जुड़े लोगों के लिए दिन अच्छा है। परिवार में खुशियां बढ़ेंगी। जो काम लंबे समय से रुका था, उसमें प्रगति होगी। मकर राशि- आज मेहनत रंग लाएगी। काम में आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। बॉस या वरिष्ठ अधिकारी आपकी बातों से प्रभावित होंगे। आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी। जीवनसाथी या पार्टनर से समर्थन मिलेगा। दिन संतुलित रहेगा। कुंभ राशि- नई योजनाओं पर काम शुरू कर सकते हैं। अचानक कोई अच्छी खबर मिल सकती है। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना सुकून देगा। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। पुराने झगड़े या गलतफहमियां खत्म हो सकती हैं। मीन राशि- मन शांति और रचनात्मकता से भरा रहेगा। कला, लेखन या संगीत से जुड़े लोग अच्छा प्रदर्शन करेंगे। प्रेम जीवन में नयापन आएगा। घर में कोई छोटी खुशखबरी मिल सकती है। सेहत सामान्य रहेगी।

रमा एकादशी पर करें ये उपाय, शिवलिंग पर चढ़ाकर पाएं कष्टों से राहत

रमा एकादशी का व्रत बहुत विशेष माना जाता है. हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है. एकादशी के सभी व्रत जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित हैं. हर माह में दो एकदाशी व्रत पड़ते हैं. इसमें एक एकादशी का व्रत कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष रखा जाता है. कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकदाशी के रूप में जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी भगवान विष्णु का सच्चे भक्तिभाव से पूजन और व्रत करता है, उसका जीवन खुशियों से भर जाता है. उस पर भगवान की कृपा बनी रहती है. इस पवित्र तिथि पर देवों के देव महादेव भगवान शिव की पूजा का भी विधान है. कहा जाता है कि इस दिन शिवलिंग पर कुछ खास चीजें चढ़ाने से जीवन क कष्टों से छुटकारा मिलता है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में. शमी के फूल रमा एकादशी के दिन शिवलिंग पर शमी के फूल चढ़ाने चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. साथ ही साधक को रोग-दोष और जीवन के दुखों और कष्टों से छुटकारा मिलता है. कच्चे चावल और काले तिल इस पावन दिन पर शिवलिंग पर कच्चे चावल में थोड़े से काले तिल मिलाकर चढ़ाना चाहिए. फिर उन्हीं चावल में मिले तिल को किसी जरूरतमंद को दान दे देना चाहिए. ऐसा करने नकारात्मक उर्जा से मुक्ति मिलती है. साथ ही व्यक्ति शनि दोष से भी मुक्त होता है. गाय का घी रमा एकादशी के दिन गाय के शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से बिमारियों से लाभ मिलता है. बेलपत्र और शहद भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय हैंं. रमा एकादशी के दिन इसे शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से सभी पापों का नाश हो जाता है. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय बेल पत्र पर थोड़ा-सा शहद लगाकर चढ़ाना चाहिए. इससे आरोग्य प्राप्त होता है.

आज का राशिफल (12 अक्टूबर 2025): सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा रविवार का दिन?

मेष राशि- आज आपका आत्मविश्वास सबसे बड़ी ताकत बनेगा। जिस काम को लेकर आप चिंतित थे, उसमें अब प्रगति दिखेगी। नौकरीपेशा लोगों को वरिष्ठों की तारीफ मिल सकती है। व्यापारियों के लिए दिन अच्छा है। नई डील या ऑर्डर मिलने के संकेत हैं। परिवार में किसी शुभ समाचार से माहौल खुशनुमा रहेगा। अनावश्यक गुस्सा न करें, विनम्रता से हर काम बनेगा। वृषभ राशि- आज कुछ पुराने फैसलों का असर नजर आएगा। धन से जुड़ा कोई अटका हुआ मामला सुलझ सकता है। रिश्तों में ईमानदारी रखें, वरना गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। सेहत थोड़ी कमजोर रह सकती है, खासकर गर्दन या पीठ का दर्द परेशान कर सकता है।समय पर भोजन करें और आराम करें। मिथुन राशि- दिन में ऊर्जा बनी रहेगी, लेकिन ध्यान भटकने से काम अटक सकते हैं। बातचीत में नरमी रखें—किसी करीबी से टकराव हो सकता है। प्रेम जीवन में नया मोड़ आएगा, कोई पुराना रिश्ता फिर जुड़ सकता है। छात्रों को पढ़ाई में ध्यान लगाना होगा। निर्णय लेते समय दिल और दिमाग दोनों का संतुलन रखें। कर्क राशि- भाग्य आज पूरी तरह आपके साथ है। कोई रुका हुआ काम अचानक बन सकता है। पारिवारिक माहौल में सुकून रहेगा। यात्रा या घूमने के योग भी बन रहे हैं। घर में पूजा या आध्यात्मिक कार्यक्रम हो सकता है। किसी जरूरतमंद की मदद करने से मन को शांति मिलेगी। सिंह राशि- आज आपके प्रयासों से बड़े परिणाम मिल सकते हैं। पदोन्नति या मान-सम्मान के योग हैं। प्रेम संबंधों में स्थिरता आएगी। कुछ लोग आपको लेकर जलन महसूस कर सकते हैं, इसलिए विनम्र रहें। शाम को किसी खास व्यक्ति से भावनात्मक बातचीत हो सकती है।अपने काम पर ध्यान दें, बाकी बातें अपने आप सुलझ जाएंगी। कन्या राशि- आपका व्यवहार आज लोगों को प्रभावित करेगा। ऑफिस या व्यापार में कोई नया अवसर मिल सकता है। हालांकि, मानसिक थकान महसूस हो सकती है—इसलिए खुद को ज्यादा न खींचें। परिवार में किसी सदस्य की सलाह उपयोगी रहेगी। अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहें, दूसरों की राय से विचलित न हों। तुला राशि- भाग्य आज मुस्कुरा रहा है। रिश्तों में प्रेम और सम्मान बढ़ेगा। कोई पुराना दोस्त अचानक संपर्क कर सकता है। धन के मामले में सावधानी बरतें—उधार देने से बचें। घर में सजावट या बदलाव का मन बनेगा। किसी बुजुर्ग का आशीर्वाद लें, दिन और भी बेहतर बनेगा। वृश्चिक राशि- आज का दिन आत्मविश्लेषण का है। कोई गहरा भावनात्मक अनुभव आपको सोचने पर मजबूर करेगा। काम में जिम्मेदारी बढ़ेगी, पर साथ ही पहचान भी मिलेगी। प्रेम जीवन में रोमांस के संकेत हैं। निर्णय जल्दबाजी में न लें, परिस्थितियों को समय दें। धनु राशि- आपकी किस्मत आज आपको नई दिशा दिखा सकती है। कार्यक्षेत्र में आत्मविश्वास झलकेगा। जो लोग यात्रा कर रहे हैं, उन्हें लाभ हो सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बितेगा। किसी शुभ समाचार की संभावना है। जीवनसाथी के साथ मन की बातें साझा करें। मकर राशि- आज किसी पुराने प्रयास का परिणाम मिल सकता है। ऑफिस में आपकी राय की अहमियत बढ़ेगी। धन का आगमन संभव है। परिवार के बुजुर्गों का साथ मन को सुकून देगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। अपने लक्ष्य की ओर स्थिर रहिए, सफलता तय है। कुंभ राशि- दिन उत्साह से भरा रहेगा। रचनात्मक कार्यों में मन लगेगा। किसी दोस्त या भाई से सहयोग मिलेगा। छोटी यात्रा या मीटिंग से फायदा हो सकता है। पुराने मतभेद खत्म होंगे। अपने विचार दूसरों पर न थोपें, संतुलन बनाए रखें। मीन राशि- भावनाएं आज गहरी रहेंगी। किसी पुराने रिश्ते की यादें ताजा होंगी। कार्यक्षेत्र में मेहनत का पूरा फल मिलेगा। परिवार में खुशियां बढ़ेंगी। शाम को मनपसंद भोजन या संगीत से मूड अच्छा रहेगा। सकारात्मक सोच रखें। चमत्कार खुद महसूस होगा।

गजकेसरी राजयोग का असर: 12 अक्टूबर से इन 3 राशियों को मिलेगा बंपर लाभ

ग्रहों की चाल में बदलाव का असर सीधे तौर पर मानव जीवन पर पड़ता है, और जब शुभ योगों का निर्माण होता है, तब यह प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. आगामी 12 अक्टूबर को ज्योतिषीय जगत में एक महत्वपूर्ण और बहुत शुभ घटना होने जा रही है. इस दिन, ज्ञान और भाग्य के कारक देवगुरु बृहस्पति और मन तथा सुख के कारक चंद्रमा की युति से ‘गजकेसरी राजयोग’ का निर्माण होगा. यह योग कुछ राशियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा, जिससे उनकी तकदीर बदलने की प्रबल संभावना है. आइए जानते हैं ये योग कब बनेगा और इससे किन राशि वालों की किस्मत चमकने वाली है. कब और कैसे बन रहा है ‘गजकेसरी राजयोग’? ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 12 अक्टूबर को सुबह 02 बजकर 24 मिनट पर चंद्रमा अपनी राशि बदलकर वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समय देवगुरु बृहस्पति भी पहले से ही मिथुन राशि में संचरण कर रहे हैं. इस प्रकार, एक ही राशि मिथुन में गुरु और चंद्रमा का एक साथ आना ही ‘गजकेसरी राजयोग’ कहलाता है. क्या होता है गजकेसरी राजयोग? गजकेसरी योग तब बनता है जब चंद्रमा और बृहस्पति एक साथ किसी एक ही राशि में आते हैं या एक-दूसरे के केंद्र भाव में स्थित होते हैं. यह योग व्यक्ति को बुद्धिमान, प्रसिद्ध, धनी और सम्मानित बनाता है. जिन जातकों की कुंडली में यह योग बनता है, उनके जीवन में सौभाग्य और उन्नति के अवसर बढ़ जाते हैं. इन 3 राशि वालों को होगा बंपर लाभ! इस शक्तिशाली राजयोग का सबसे अधिक लाभ तीन राशियों को मिलने जा रहा है. इन राशि के जातकों को धन, करियर और व्यक्तिगत जीवन में अप्रत्याशित सफलता मिल सकती है. मिथुन राशि     चूंकि यह राजयोग मिथुन राशि में ही बन रहा है, इसलिए इस राशि के जातकों के लिए यह समय स्वर्णिम साबित हो सकता है.     व्यक्तित्व और मान-सम्मान: आपके आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी. सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और लोग आपके विचारों को महत्व देंगे.     करियर और व्यापार: कार्यक्षेत्र में आपकी नेतृत्व क्षमता उभरकर सामने आएगी. नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति या वेतन वृद्धि मिल सकती है. व्यापार में निवेश और विस्तार के लिए यह समय उत्तम है.     स्वास्थ्य: स्वास्थ्य संबंधी पुरानी समस्याओं से राहत मिलेगी और आप ऊर्जावान महसूस करेंगे. सिंह राशि     सिंह राशि के जातकों के लिए यह योग आय और सामाजिक नेटवर्क के स्थान पर बन रहा है.     आय और लाभ: आपकी आय के स्रोतों में वृद्धि होगी. अचानक धन लाभ या रुके हुए पैसे वापस मिलने की संभावना है.     सामाजिक संबंध: बड़े भाई-बहनों और मित्रों के सहयोग से आपके कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे होंगे. सामाजिक दायरा बढ़ेगा, जिससे भविष्य में लाभ मिलेगा.     इच्छाओं की पूर्ति: लंबे समय से अटकी हुई मनोकामनाएं और लक्ष्य इस अवधि में पूरे हो सकते हैं. मकर राशि     मकर राशि के जातकों के लिए यह योग छठा भाव (शत्रु, ऋण, रोग) से संबंधित है, जो सकारात्मक परिणाम देगा.     शत्रु और विरोधी: आपके विरोधी और शत्रु चाहकर भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे. कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी.     स्वास्थ्य और रोग: पुराने रोगों से मुक्ति मिलेगी और स्वास्थ्य में सुधार आएगा. नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर सहकर्मियों का पूरा सहयोग मिलेगा.     वित्तीय प्रबंधन: यदि आपने कोई ऋण लिया हुआ है, तो उसे चुकाने के लिए रास्ता बनेगा और वित्तीय स्थिति मजबूत होगी.  

आचार्य चाणक्य के अनुसार, ये 5 आदतें बदल सकती हैं आपकी जिंदगी

महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन काल में, जीवन के लगभग हर पहलू से जुड़ी नीतियां लिखीं। सिर्फ युद्ध कौशल और राजनीति ही नहीं बल्कि आचार्य ने अपनी इन नीतियों में गृहस्थ जीवन, अच्छी परवरिश और सफल होने के सूत्र भी बताए। आचार्य की इन नीतियों की सबसे खास बात है कि इन्होंने ना सिर्फ उस समय के लोगों को राह दिखाने का किया, बल्कि आज भी ठीक उसी तरह से लोगों के जीवन को सरल बनाने का काम कर रही हैं। आज हम आपको आचार्य चाणक्य की इन्हीं नीतियों में से कुछ सफलता के सूत्र बताने वाले हैं। आचार्य की मानें तो अपने जीवन में इन आदतों को लागू कर एक व्यक्ति बहुत ही जल्दी ऊंचाइयां हासिल कर सकता है। सुबह जल्दी छोड़ें बिस्तर आचार्य चाणक्य के अनुसार जो इंसान सुबह देर तक सोता रहता है, वह जीवन में बाकी लोगों से काफी पीछे छूट जाता है। इसलिए जीवन में अगर एक सफल इंसान बनना है तो देर तक सोने की आदत को छोड़ना होगा। आचार्य चाणक्य के अनुसार सुबह ब्रह्ममुहूर्त में यानी सूर्योदय से पहले ही बिस्तर को छोड़ देना चाहिए। उनका कहना है कि जो इंसान ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर त्याग देता है और सुबह से ही अपने लक्ष्य की प्राप्ति में लग जाता है, उसे जीवन में सफल होने से कोई रोक नहीं सकता। मेहनत करने से न डरें बिना मेहनत के कोई भी इंसान सफल नहीं होता है। अगर जीवन में सफल इंसान बनना है और तरक्की पानी है तो मेहनत करनी ही पड़ेगी। इसका कोई भी शॉर्ट कट नहीं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो इंसान मेहनत से डरता है, उसे जीवन में कोई सफलता नहीं मिलती। वहीं जो इंसान पूरी मेहनत और लगन से अपना काम करता है बिना किसी परिणाम की चिन्ता किए, वह जीवन में एक दिन सफल इंसान जरूर बनता है। फिजूलखर्ची से बचें आचार्य चाणक्य के मुताबिक जीवन में सफल और अमीर इंसान बनने के लिए फिजूलखर्ची से बचना बहुत जरूरी है। जो लोग बेवजह के पैसे उड़ाते रहते हैं और बिना सोचे समझे कहीं भी पैसा खर्च करते रहते हैं, उनके पास लक्ष्मी कभी भी नहीं टिकती है। लाखों कमाने के बावजूद ऐसे इंसान कभी भी अमीर नहीं बन पाते। जीवन में अमीर इंसान बनना है तो फिजूल खर्ची की आदत को छोड़ना बहुत जरूरी है। जब तक मंजिल न मिले, ना बताएं किसी को अपना लक्ष्य आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर आप सफलता हासिल करना चाहते हैं तो बिना मंजिल मिले कभी भी किसी से अपना लक्ष्य शेयर नहीं करना चाहिए। जब लोग अपनी प्लानिंग को दूसरों के साथ शेयर कर देते हैं, तो उस पर एक नेगेटिविटी आ सकती है जिसकी वजह से आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने में लोगों की जलन और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ना करें घमंड जीवन में सफल इंसान बनने के लिए घमंड को त्यागना बहुत जरूरी है। जिस इंसान के अंदर घमंड आ जाता है जल्दी ही उसका पतन होना शुरू हो जाता है। घमंड इंसान का दुश्मन होता है क्योंकि जब इंसान के मन में घमंड आना शुरू होता है, तो उसे अपने सामने सारी दुनिया फीकी लगने लगती है और यहीं से उसके तरक्की के मार्ग में बाधा आने लगती है। आचार्य चाणक्य का भी कहना है कि जीवन में सफल इंसान बनने के लिए घमंड को त्यागना बहुत जरूरी है।

सीढ़ियों के नीचे रखने योग्य और न रखने योग्य चीजें: जानिए वास्तु टिप्स

हर घर में जगह का पूरा इस्तेमाल करने के लिए लोग अक्सर सीढ़ियों के नीचे की खाली जगह का इस्तेमाल करना चाहते हैं। खाली जगह है, तो जरूर उसका उपयोग होना चाहिए। मगर, साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि वास्तु के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे की एनर्जी कुंठित होती है। दरअसल, सीढ़ियों को घुमावदार बनाया जाता है। इससे सीढ़ियों के नीचे की एनर्जी अस्त-व्यस्त और निगेटिविटी से भर जाती है। लिहाजा, कुछ चीजों को सीढ़ियों के नीचे नहीं रखना चाहिए। आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आपको किन चीजों को वहां रखने से परहेज करना चाहिए और किन चीजों को रख सकते हैं वहां। पेट्स के बैठने की जगह सीढ़ियों के नीचे की जगह का इस्तेमाल पेट्स को रखने के लिए नहीं करना चाहिए। वहां की अस्त-व्यस्त एनर्जी की वजह से पेट का संतुलन बिगड़ सकता है। वह मानसिक तौर पर परेशान हो सकता है। उसका व्यवहार आक्रामक हो सकता है। या वह बीमार हो सकता है। लिहाजा, ऐसा नहीं करें। पढ़ने की जगह न बनाएं सीढ़ियों के नीचे स्टडी टेबल लगाकर उसे पढ़ने की जगह के रूप में इस्तेमाल नहीं करें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप पाएंगे कि बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगेगा। साथ ही वह अपनी स्टडीज पर फोकस भी नहीं कर पाएगा। भगवान का मंदिर नहीं बनाएं सीढ़ियों पर पैर रखकर आप चलते हैं। उसके नीचे मंदिर होने का मतलब है कि आप भगवान के ऊपर पैर रखकर निकल रहे हैं। इसका निगेटिव असर आपके घर में होने लगता है और कई तरह की परेशानियां सामने आ सकती हैं। साथ ही वहां ऐसी कोई अलमारी न रखें, जिसमें आप पैसे रखते हैं। दरअसल, रुपए-पैसे मां लक्ष्मी और कुबेर से संबंधित हैं। सीढ़ियों के नीचे उन्हें रखने से आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। घर में घन की बचत कम हो सकती है। क्या रखें सीढ़ियों के नीचे सीढ़ियों के नीचे की जगह को खाली छोड़ देना बेहतर होगा। हालांकि, यदि आप उस जगह का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसे स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा उस जगह का इस्तेमाल आप जूते रखने का रैक के रूप में भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप कभी-कभार उपयोग होने वाले बर्तन आदि रखने के लिए भी इस जगह का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस जगह पर आप गमले में लगाकर छोटे पौधे रख सकते हैं, जो आपके घर के इंटीरियर को चार चांद लगा सकता है।  

तनाव का चक्र: जब चिंता बढ़ाए चिंता

तनाव को लेकर एक और तनाव। जीवन में अनेक समस्याएं हैं। समस्याएं पीड़ित करती हैं। लोग तनाव में आते हैं लेकिन भारत के लोग तनाव को लेकर प्राय चिकित्सकों के पास नहीं जाते। दुनिया के तमाम देशों में मनोविश्लेषकों के पास लम्बी कतारे हैं। संपन्न लोग निजी मनोचिकित्सक भी रखते हैं लेकिन भारत में मनोविश्लेषकों के पास भीड़ नहीं है। मनोविश्लेषक हैरान हैं। सो इस पेशे के समर्थक भारत को पिछड़ा बताते हैं। मनोविश्लेषक तनाव को रोग बताते हैं। वे तमाम प्रश्न पूछते हैं परामर्श देते हैं। इसे काउंसिलिंग कहा जाता है। लेकिन तनाव का समाधान प्रायः नहीं होता। मैं अपना उदाहरण दूं। राजनैतिक कार्यकर्ता हूं। मंच पर जगह चाहिए, माल्यार्पण चाहिए और आगे पीछे माइक भी। मंच, माला, माइक राजनैतिक कार्यकर्ता के आभूषण हैं। वे नहीं मिलते तो तनाव होता है। मनोविश्लेषक मेरे जैसे यशलोलुप को क्या परामर्श देंगे? ज्यादा से ज्यादा सुझाव देंगे कि ऐसा हर सभा में जरूरी नहीं। कहेंगे कि परिस्थिति को यथातथ्य समझना आवश्यक है। वैसे राजनीति तनाव का क्षेत्र है ही। यहां प्रतिपल तनाव हैं। मेरे एक मित्र वरिष्ठ राजनेता अक्सर तनाव में रहते हैं। अखबार में उनका नाम पहले नम्बर पर नहीं आता। तनाव सब तरफ है। क्रिकेट के खेल में मनपसंद टीम नहीं जीती तो भी तनाव लेकिन तनाव बीमारी नहीं है। यह जीवन दृष्टि का ही उपहार है। दर्शन की अनेक धाराएं हैं लेकिन जीवन साियता के ढंग सिर्फ दो। हम आस्तत्व के अंग हैं। आस्तत्व का हरेक अंग, अणु और परमाणु गतिशील है। इसी गति में हम सब भी गतिशील है। अस्तित्व के साथ गतिशील होना विराट प्रवाह का आनंद पाना है। नदी बह रही हैं। हम बहाव के विपरीत तैर रहे हैं। संघर्ष स्वाभाविक है। संघर्ष का ताप अंदर तक होना ही तनाव है। लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। हम नदी के प्रवाह में स्वयं को छोड़ सकते हैं। अब नदी की इच्छा ही हमारी इच्छा। वह जहां चाहे, वहां ले जाए। काहे का संघर्ष। तनाव का कोई प्रश्न ही नहीं। अस्तित्व विराट। नदी जैसा। हम आस्तत्व के अंग हैं। अस्तित्व नाद के ही प्रवाह। उपनिषद के ऋषि बता गये हैं- इकाई होना दुख है। अनंत होना आनंद। बूंद होना पीड़ा है, नदी या सागर होना परमबोध और आनंद। अनंत होने की अनुभूति का मार्ग सीधा है। यहां कोई बौध्दिकता नहीं। ऋक पंथ है यह। आस्तत्व का जस तस स्वीकार। अस्तित्व ही निर्णायक है। हम कौन होते हैं, निर्णय लेने वाले? यही आस्तिकता है। अस्तिकता किसी अज्ञात ईश्वर के प्रति विश्वास नहीं है। अस्तित्व प्रत्यक्ष है। जड़ के हरेक अणु से चेतना झांक रहा है। पेड़ से, शाख से, पत्ती और फूल से चेतना ही चेतन की गूंज है। हरेक प्राणी, धूल का कम या कीट पतिंग अस्तित्व का ही चेहरा है। सबका स्वीकार। सबके प्रति नमन। लेकिन ऐसा आसान नहीं। अनुभूति और दर्शन की बातें दीगर हैं लेकिन स्वयं को अस्तित्व के साथ एकात्म जानना आत्मबोध से ही संभव है। एकाकीपन डराता है। हम अज्ञात भविष्य के प्रति भयभीत होते हैं। तब हम वर्तमान में नहीं होते। हम भविष्य की कल्पित आशंकाएं वर्तमान में ले आते हैं। मनोविज्ञान पर ढेर सारी किताबें हैं। वे जटिल हैं। डा.कृष्णदत्त उप्र के प्रतिष्ठित मनोविज्ञानी ने जीवन मनोविज्ञान नाम से एक सुंदर पुस्तक लिखी है। तनाव वाले अध्याय में लिखते हैं तनाव की उत्पति भविष्यगत कारणों से होती है। यह काल्पनिक स्थिति है। खेल मन का है। प्रभाव तन पर भी पड़ता है। मन तनावग्रस्त तो तन भी। मन और तन दो अलग सत्ता नहीं हैं। सूक्ष्म मन का स्थूल भाग तन है या स्थूल तन का अतिसूक्ष्म भाग मन। स्वयं को एकांकी जानना ही गलत है। लेकिन तनाव निन्दनीय नहीं है। दुनिया के सारे महान दार्शनिक और वैज्ञानिक तनाव में रहे। उनमें प्रकृति की गतिशीलता को समझने का तनाव था। जान पड़ता है कि सविता सूर्य भी उगने और अस्त हो जाने का कर्तव्य पालन पूरा करने के लिये तनावग्रस्त रहे होंगे। इसी तनाव ने उन्हें नियमबध्द आचरण दिया। नदिया तनाव में ही समुद्र की ओर भागती हैं तेज रफ्तार। इसी तनाव में उन्होंने अपनी गति को लयबध्द बनाया। तनाव हड़बड़ी है। नियम-बध्दता आश्वस्ति है। प्रकृति में नियमबध्दता है। हममें नहीं है। प्रकृति हड़बड़ी में नहीं है, हम हड़बड़ी में हैं। वैदिक पूर्वजों में हड़बड़ी नहीं थी। काहे की जल्दबाजी? वे 100 बरस जीना चाहते थे, जानते थे कि बार-बार किसी न किसी रूप में संभवन होता है। अनंत इच्छाएं हैं तो समय भी अनंत है। कोई शीघ्रता नहीं। इसी आश्वस्ति भाव में उन्होंने काव्य और मंत्र रचे।  

धनतेरस पर ये खरीदारी बनाए आपकी किस्मत चमकदार, सोना-चांदी से भी ज्यादा लाभदायक

धनतेरस एक ऐसा पर्व है जो हमें धन, स्वास्थ्य और खुशियों का संदेश देता है। इस दिन की गई खरीदारी केवल भौतिक समृद्धि नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि का भी प्रतीक है। इस दिन को मनाने और खरीदारी करने से न केवल आर्थिक लाभ होता है बल्कि परिवार में भी प्रेम और एकता बनी रहती है। धनतेरस पर की गई पूजा और खरीदारी से जीवन में सुख और समृद्धि का संचार होता है, जो हमें और हमारे परिवार को एक नई दिशा में आगे बढ़ाता है। धनतेरस पर खरीदारी करने की परंपरा और मान्यता दोनों हैं। सदियों से ये रीत चली आ रही है की दिवाली का आरंभ धनतेरस की शॉपिंग से होता है। देवी लक्ष्मी की तरह ही भगवान धन्वंतरि भी सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। धनवंतरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बर्तन, सिक्के और आभूषण खरीदने की परम्परा रही है। सोना सौंदर्य में वृद्धि तो करता ही है, मुश्किल घड़ी में संचित धन के रूप में भी काम आता है। कुछ लोग शगुन के रूप में सोने या चांदी के सिक्के भी खरीदते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। लोग इस दिन ही दीवाली की रात पूजा करने के लिए लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति भी खरीदते हैं। इसे अभिजीत मुहूर्त अथवा सूर्यास्त के बाद खरीद कर घर ले आएं। फाइनेंशियल कंडीशन को स्थिर करने हेतु नए झाड़ू पर सफ़ेद रंग का धागा बांधकर उपयोग में लाएं। पुरानी झाड़ू को आधी रात के बाद घर से बाहर निकालें। लोक मान्यता के अनुसार इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं। ऐसी जनश्रुति है कि इस दिन सूखे धनिया के बीज खरीद कर घर में रखना भी परिवार की धन संपदा में वृद्धि करता है। दीवाली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों या खेतों में बोते हैं। ये बीज उन्नति व धन वृद्धि के प्रतीक होते हैं। बदलते दौर के साथ लोगों की पसंद और जरूरत भी बदली है। कुछ लोग धनतेरस के दिन विलासिता से भरपूर वस्तुएं खरीदते हैं तो कुछ जरूरत की वस्तुएं खरीद कर धनतेरस का पर्व मनाते हैं। वैश्वीकरण के इस दौर में भी लोग अपनी परम्परा को नहीं भूले हैं और अपने सामर्थ्य के अनुसार यह पर्व मनाते हैं। धनतेरस के दिन वाहन खरीदने का फैशन सा बन गया है। लोग इस दिन गाड़ी खरीदना शुभ मानते हैं। कुछ लोग मोबाइल, कम्प्यूटर और बिजली के उपकरण इत्यादि भी धनतेरस पर ही खरीदते हैं। धनतेरस पर हीरा और चांदी खरीदना शुभ होगा। सोना लेने की इच्छा है तो बिस्कुट अथवा बॉड खरीदें।

आज का राशिफल (11 अक्टूबर 2025): मेष से मीन तक कौन सी राशि रहेगी भाग्यशाली?

मेष राशि- आज का दिन आत्मविश्वास और जोश से भरपूर रहेगा। आप जिस काम को सोचेंगे, उसमें पूरी लगन से जुटेंगे और अच्छे परिणाम भी मिलेंगे। कार्यस्थल पर किसी नई जिम्मेदारी की संभावना है, जो आगे चलकर प्रमोशन का रास्ता खोल सकती है। आर्थिक स्थिति स्थिर रहेगी, लेकिन अनावश्यक खर्चों से बचना चाहिए। परिवार में कोई शुभ समाचार मिल सकता है। प्रेम संबंधों में नयापन और गहराई दोनों महसूस होगी। मन के भीतर जोश रहेगा, पर कभी-कभी भावनाओं पर काबू रखना जरूरी होगा। वृषभ राशि- आज दिन थोड़ा संतुलन मांगता है। कई काम एक साथ आएंगे, जिससे थोड़ी भागदौड़ रहेगी, लेकिन आप अपनी सूझ-बूझ से सब संभाल लेंगे। नौकरीपेशा लोगों के लिए वरिष्ठों की प्रशंसा मिलने के संकेत हैं। व्यापारियों को किसी पुराने ग्राहक से लाभ हो सकता है। परिवार में कुछ छोटी बातों को लेकर तनाव बन सकता है, पर संवाद से सब ठीक हो जाएगा। प्रेम जीवन में स्थिरता और सुकून रहेगा। सेहत सामान्य है, बस आराम कम न करें। मिथुन राशि- आज का दिन आपके लिए मौके लेकर आएगा। आपकी वाणी और सोच दोनों असरदार रहेंगी। जो बोलेंगे, उसका प्रभाव सीधा लोगों के दिल तक जाएगा। काम में नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं और किसी बड़ी डील या प्रोजेक्ट का आरंभ होगा। आर्थिक स्थिति में सुधार संभव है। मित्रों और परिवार से सहयोग मिलेगा। यदि आप किसी रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े हैं, तो आपकी प्रतिभा सबके सामने निखरेगी। प्रेम जीवन में उत्साह रहेगा, पर छोटी-छोटी बातों पर नाराज न हों। कर्क राशि- आज भावनाएं गहरी होंगी और दिल की बात कहने का मन करेगा।आप जिन लोगों से जुड़ते हैं, वहाँ अपनापन और संवेदनशीलता बढ़ेगी। करियर में कोई नया अवसर सामने आएगा, पर जल्दबाजी में निर्णय न लें। घर के वातावरण में शांति और सामंजस्य रहेगा। परिवार का कोई सदस्य आपकी मदद करेगा। आर्थिक दृष्टि से दिन संतुलित रहेगा। प्रेम संबंधों में नजदीकियां बढ़ेंगी, पर पुराने मुद्दों को दोहराने से बचें। सिंह राशि- दिन आपके लिए सफलता और आत्मविश्वास से भरा रहेगा। कामकाज में आपकी पकड़ मजबूत होगी और आपके नेतृत्व की सराहना की जाएगी। धन की स्थिति सुधर सकती है, और रुके हुए कार्य पूरे होंगे। घर-परिवार में हंसी-खुशी का माहौल रहेगा। यदि किसी से मनमुटाव था, तो आज सुलह की संभावना है। प्रेम जीवन में आकर्षण और रोमांस बढ़ेगा। मानसिक रूप से आप बेहद मजबूत महसूस करेंगे। कन्या राशि- आज का दिन थोड़ा व्यस्त रहेगा, लेकिन आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। काम के बोझ के बावजूद आप सब कुछ व्यवस्थित रख पाएंगे। आर्थिक मामलों में सावधानी बरतना जरूरी है, पर लाभ के संकेत भी हैं। परिवार में कुछ नया बदलाव संभव है, जो खुशी लाएगा। दोस्तों से मुलाकात या यात्रा का योग बन सकता है। प्रेम संबंधों में मिठास रहेगी, लेकिन अत्यधिक विश्लेषण से बचें। दिल की सुनना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। तुला राशि- आपका व्यक्तित्व आज आकर्षक रहेगा, और लोग आपकी बातों पर भरोसा करेंगे। कोई पुराना कार्य पूरा हो सकता है या रुका पैसा वापस मिलेगा। कार्यस्थल पर आपकी कार्यशैली सराही जाएगी। रिश्तों में समझदारी दिखाने की जरूरत होगी। एक छोटी सी बात भी बड़ा मुद्दा बन सकती है अगर उसे सही समय पर न सुलझाया जाए। प्रेम जीवन में रोमांस बढ़ेगा और दिल के रिश्ते गहराएंगे। वृश्चिक राशि- आज का दिन रहस्यमय लेकिन फलदायी रहेगा। आप किसी महत्वपूर्ण निर्णय की ओर बढ़ सकते हैं, और आपकी अंतर्ज्ञान शक्ति बहुत तेज रहेगी। आर्थिक रूप से लाभ संभव है। खासकर अगर आप निवेश या कारोबार से जुड़े हैं। परिवार के साथ समय बिताना सुकून देगा। कुछ पुरानी यादें मन में आएंगी, लेकिन अब आप उन्हें समझदारी से देख पाएंगे। प्रेम जीवन में गहराई आएगी, कोई भावनात्मक बातचीत रिश्ता और मजबूत करेगी। धनु राशि- आज का दिन जोश, योजनाओं और उत्साह से भरा रहेगा। आप अपने विचारों से दूसरों को प्रेरित करेंगे। किसी यात्रा या प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए अच्छा समय है। आर्थिक रूप से सुधार के संकेत हैं। पारिवारिक वातावरण में सौहार्द रहेगा और बुजुर्गों का सहयोग मिलेगा। प्रेम जीवन में रोमांच और खुलापन रहेगा। एक नई शुरुआत की संभावना भी है। मकर राशि- दिन मेहनत और परिणामों से जुड़ा रहेगा। काम के क्षेत्र में स्थिरता बनी रहेगी, और लंबे समय से चल रही समस्या सुलझ सकती है। आर्थिक रूप से थोड़ा सुधार दिखेगा। परिवार में हंसी-खुशी रहेगी, और कोई पुरानी बात साफ हो सकती है। यदि कोई प्रेम संबंध है, तो उसमें नई दिशा मिलेगी। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा, पर खुद पर अत्यधिक दबाव न डालें। कुंभ राशि- आज नए विचारों का दिन है। आपका रचनात्मक दिमाग बेहतरीन काम करेगा। किसी पुराने दोस्त से मुलाकात या बात होने की संभावना है। कामकाज में आपको सम्मान और सहयोग दोनों मिलेंगे। आर्थिक दृष्टि से सुधार संभव है। पारिवारिक जीवन में सहजता और सुकून रहेगा। प्रेम जीवन में एक नई ऊर्जा महसूस होगी। मीन राशि- आज आपकी कल्पना शक्ति और भावनात्मक गहराई शिखर पर रहेगी। किसी कलात्मक या रचनात्मक कार्य में मन लगेगा। धन की स्थिति संतुलित है, पर बचत पर ध्यान दें। परिवार के साथ समय बिताना मानसिक शांति देगा। प्रेम संबंधों में भावनात्मक जुड़ाव गहराएगा, कोई पुराना रिश्ता फिर से सक्रिय हो सकता है। मन थोड़ा संवेदनशील रहेगा, इसलिए खुद के लिए समय निकालें।

करवा चौथ विशेष: इन चौघड़िया मुहूर्तों में करें व्रत की हर पूजा विधि

करवा चौथ विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए सबसे प्रिय त्योहारों में से एक है, जो पति-पत्नी के बीच प्रेम, प्रतिबद्धता और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाने वाला यह त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चुतर्थी को पड़ता है. करवा चौथ का त्योहार आज मनाया जा रहा है. महिलाएं निर्जला व्रत किए हुए हैं. द्रिक पंचांग के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत सुबह 6:19 बजे से शुरू होकर रात 10 रात 8:13 बजे तक चलेगा क्योंकि चंद्रमा के उदय का समय शाम 8 बजकर 13 का है. करवा चौथ न केवल एक व्रत-अनुष्ठान है, बल्कि इसका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी है. मान्यता है कि यह त्योहार देवी पार्वती की पूजा का प्रतीक है, जिन्होंने भगवान शिव का पति रूप में प्रेम पाने के लिए व्रत रखा था. विवाहित महिलाएं भी अपने पति की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करती हैं. ऐसा भी माना जाता है कि यह दिन परिवार में सौभाग्य, समृद्धि और सद्भाव लाता है. अपने पतियों की पूजा के अलावा, महिलाएं भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश और करवा माता की भी पूजा करती हैं ताकि उन्हें सुखी और सफल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिले. यह व्रत केवल प्रेम और प्रतिबद्धता का ही नहीं, बल्कि पारिवारिक बंधनों को बनाए रखने वाले विश्वास और परंपरा का भी प्रतीक है. यही वजह है कि महिलाएं पूजा-पाठ से लेकर हर कार्य शुभ मुहूर्त में करना चाहती हैं. आइए आपको बताते हैं कि करवा चौथ पर सुबह से लेकर शाम तक कब-कब शुभ मुहूर्त है जब पूजा-पाठ किया जा सकता है? दिन का चौघड़िया शुभ मुहूर्त     चर-सामान्य मुहूर्त: 06:19AM से 07:46 AM     लाभ-उन्नति मुहूर्त: 07:46AM से 09:13AM     अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 09:13AM से 10:41AM     शुभ-उत्तम मुहूर्त: 12:08PM से 01:35PM     चर-सामान्य मुहूर्त: 04:30PM से 05:57PM रात का चौघड़िया शुभ मुहूर्त     लाभ-उन्नति मुहूर्त: 09:02PM से 10:35PM     शुभ-उत्तम मुहूर्त: 12:08AM से 01:41AM, अक्टूबर 11     अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 01:41AM से 03:14AM, अक्टूबर 11     चर-सामान्य मुहूर्त: 03:14AM से 04:47AM, अक्टूबर 11 करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त द्रिक पंचांग के अनुसार, आज करवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक है, जिसे पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है.