samacharsecretary.com

बाजार में मंदी की चमक: दिवाली के बाद सोना सस्ता, चांदी ₹10 हजार सस्ती हुई

इंदौर  दिवाली के बाद आज बुधवार को सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आई है. 22 अक्टूबर 2025 को भारतीय सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1 लाख 23 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के ज्यादा है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, सोमवार 20 अक्टूबर की शाम को 916 शुद्धता यानी 22 कैरेट गोल्ड का रेट (Gold Rate) 116912 रुपये प्रति 10 ग्राम था जो बुधवार, 22 अक्टूबर को गिरावट के साथ 113499 रुपये तक आ गया है. इसी तरह चांदी का रेट भी धड़ाम से गिरा है. आइए जानते हैं सोना-चांदी का लेटेस्ट रेट क्या है. Gold-Silver Price Today 22 October: सोना-चांदी का लेटेस्ट रेट     शुद्धता सोमवार शाम का रेट बुधवार शाम का रेट कितना महंगा हुआ गोल्ड/सिल्वर सोना (प्रति 10 ग्राम) 999 (24 कैरेट) 127633 123907 3726 रुपये सस्ता सोना (प्रति 10 ग्राम) 995 (23 कैरेट) 127122 123411 3711 रुपये सस्ता सोना (प्रति 10 ग्राम) 916 (22 कैरेट) 116912 113499 3413 रुपये सस्ता सोना (प्रति 10 ग्राम) 750 (18 कैरेट) 95725 92930 2795 रुपये सस्ता सोना (प्रति 10 ग्राम) 585 (14 कैरेट) 74665 70486 4179 रुपये सस्ता चांदी (प्रति 1 किलो) 999  163050 152501 10549 रुपये सस्ती बता दें कि बीते दिन यानी 21 अक्टूबर को दिवाली के दिन सर्राफा बाजार की कीमतें जारी नहीं की गई थीं. जबकि सोमवार, 20 अक्टूबर को सोना-चांदी के रेट में बढ़ोतरी देखी गई थी. सोमवार को सुबह की तुलना में शाम को दाम बढ़े थे. सोने का भाव(999 शुद्धता): सुबह का रेट: ₹126730  प्रति 10 ग्राम शाम का रेट: ₹127633 प्रति 10 ग्राम चांदी का भाव (999 शुद्धता) : सुबह का रेट: ₹160100 प्रति किलो शाम का रेट: ₹163050 प्रति किलो इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी किए गए भाव पूरे देश में मान्य होते हैं, लेकिन इनमें जीएसटी शामिल नहीं होता है. ध्यान दें कि गहने खरीदते समय सोने या चांदी की कीमत टैक्स समेत होने के कारण अधिक होती है. IBJA की ओर से केंद्र सरकार द्वारा घोषित भाव शनिवार, रविवार और केंद्र सरकार की छुट्टियों पर जारी नहीं किए जाते.

इन शहरों में तेल की कीमतों ने लगाई बढ़ोतरी की रफ्तार, चंडीगढ़ भी शामिल

चंडीगढ़  वाहन चालकों के लिए बेहद ही खास खबर सामने आई है। दरअसल, भारत के कई शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ गई हैं। अगर आप भी वाहन में पेट्रोल भरवाने के लिए जा रहे हैं तो अपने शहर के ताजा रेट जान लें। आपको बता दें कि, चंडीगढ़ सहित कई शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम पड़ गए हैं। पेट्रोल की कीमतें (प्रति लीटर) चंडीगढ़:  94.30 रुपए नई दिल्ली: 94.77 रुपए हैदराबाद:  107.46 रुपए जयपुर: 104.72 रुपए लखनऊ:  94.69 रुपए पटना:  105.58 रुपए कोलकाता: 105.41 रुपए मुंबई: 103.50 रुपए गुड़गांव: 95.50 रुपए नोएडा: 94.77 रुपए बैंगलोर: 102.92 रुपए डीजल की कीमतें (प्रति लीटर) चंडीगढ़:  82.45 रुपए नई दिल्ली:  87.67 रुपए हैदराबाद:  95.70 रुपए जयपुर:  90.21 रुपए लखनऊ: 87.81 रुपए पटना: 91.81 रुपए कोलकाता: 92.02 रुपए मुंबई:  90.03 रुपए गुड़गांव: 87.97 रुपए नोएडा: 87.89 रुपए बैंगलोर: 90.99 रुपए 

Tata Motors ने दिवाली पर रचा धमाका, गाड़ियों की बिक्री में रिकॉर्ड तोड़ तेजी

नई दिल्ली  दिवाली और नवरात्रि के पावन त्योहारों ने टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (Tata Motors Passenger Vehicles Ltd) के लिए बंपर खुशियाँ लाई हैं. कंपनी ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने सिर्फ़ 30 दिनों के अंदर 1 लाख से ज़्यादा गाड़ियाँ ग्राहकों को डिलीवर की हैं. यह पिछले साल की इसी अवधि के मुक़ाबले 33 फ़ीसदी की ज़बरदस्त बढ़ोतरी है. यह आँकड़ा बताता है कि भारतीय ग्राहकों के बीच टाटा मोटर्स की गाड़ियों की माँग कितनी तेज़ी से बढ़ रही है. कौन सी गाड़ियाँ हैं असली हीरो? इस रिकॉर्ड तोड़ बिक्री में सबसे बड़ा हाथ एसयूवी (SUVs) गाड़ियों का रहा है. एसयूवी सेगमेंट में टाटा मोटर्स की गाड़ियाँ ग्राहकों को ख़ूब लुभा रही हैं. Tata Nexon (टाटा नेक्सन) ने इस बिक्री में धमाकेदार प्रदर्शन किया. नेक्सन की 38,000 से ज़्यादा गाड़ियाँ बेची गईं, जो पिछले साल की तुलना में 73 फ़ीसदी की शानदार बढ़त है. नेक्सन को ग्राहकों ने हाथों-हाथ लिया है, जिससे यह टाटा की सबसे बड़ी 'हीरो' बनकर उभरी है. दूसरी सबसे ज़्यादा बिकने वाली गाड़ी रही Tata Punch (टाटा पंच). पंच ने भी 32,000 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, जिसमें 29 फ़ीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. इन दोनों लोकप्रिय एसयूवी ने मिलकर बिक्री की रफ़्तार को बहुत तेज़ कर दिया. इलेक्ट्रिक गाड़ियों का जादू चल पाया? टाटा की इलेक्ट्रिक गाड़ियों ने इस 30 दिन की अवधि में 10,000 से ज़्यादा यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल के मुक़ाबले 37 फ़ीसदी की दमदार बढ़ोतरी है. यह आँकड़ा साफ़ बताता है कि भारतीय ग्राहक अब धीरे-धीरे पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और पेट्रोल-डीजल की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपना रहे हैं. इस सेगमेंट में टाटा मोटर्स सबसे आगे है. आगे क्या है Tata Motors की प्लानिंग?  इस बेहतरीन त्योहारी प्रदर्शन ने टाटा मोटर्स के लिए पूरे वित्त वर्ष (fiscal) का माहौल सेट कर दिया है. सीईओ शैलेश चंद्र ने बताया कि कंपनी अब इस साल के अंत तक नए लॉन्च की तैयारी कर रही है. ग्राहकों के निरंतर उत्साह को देखते हुए, यह उम्मीद है कि बिक्री की यह मज़बूत रफ़्तार आगे भी जारी रहेगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि टाटा मोटर्स आने वाले समय में कौन सी नई गाड़ियाँ बाज़ार में उतारती है, और क्या वे भी इतनी ही सफल हो पाती हैं! 

कोर सेक्टर की रफ्तार पर ब्रेक! सितंबर में किसका प्रदर्शन कैसा रहा, पूरी रिपोर्ट पढ़ें

दिल्ली  कोर सेक्टर के ग्रोथ में सुस्ती आई है। देश के आठ प्रमुख कोर इंडस्ट्री की वृद्धि दर सितंबर, 2025 में तीन प्रतिशत रही। इंफ्रा सेक्टर की वृद्धि दर सालाना आधार पर सुधरी है लेकिन मासिक आधार पर इसमें सुस्ती दर्ज की गई है। अगस्त महीने में इन प्रमुख उद्योगों का उत्पादन 6.5 प्रतिशत बढ़ा था, जबकि पिछले साल सितंबर में यह वृद्धि 2.4 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान इन आठ कोर इंडस्ट्री की वृद्धि दर गिरकर 2.9 प्रतिशत पर आ गई। पिछली वर्ष की समान अवधि में यह 4.3 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में स्टील और सीमेंट क्रमशः 11% और 7.7% की वृद्धि के साथ विकास के वाहक बने रहे। इसके विपरीत, इसी अवधि में कोयला, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस में गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि आठ कोर इंडस्ट्री – कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली- मिलकर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27% का योगदान करते हैं। अब सरकार अक्टूबर 2025 के लिए कोर सेक्टर के अगले आंकड़े 20 नवंबर को जारी करेगी। किस क्षेत्र में कितनी बढ़ोतरी संयुक्त उत्पादन वृद्धि दर के सकारात्मक रहने में इस्पात क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहा। इसकी वृद्धि दर 14.1 प्रतिशत रही। पहली छमाही में उत्पादन 11 फीसदी बढ़ा है। सीमेंट क्षेत्र में सितंबर की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत और पहली छमाही की 7.7 प्रतिशत पर रही। सालाना आधार पर सितंबर में बिजली उत्पादन 2.1 फीसदी और पहली छमाही में 0.9 फीसदी बढ़ी। उर्वरक उत्पादन सितंबर में 1.6 प्रतिशत और छमाही में 0.4 प्रतिशत बढ़ा। इसके अलावा, प्राकृतिक गैस के उत्पादन में सितंबर में 3.8 प्रतिशत और पहली छमाही में 2.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों में भी सितंबर में 3.7 फीसदी और पहली छमाही में 0.3 प्रतिशत की गिरावट रही। कच्चे तेल का उत्पादन सितंबर में 1.3 प्रतिशत घट गया जबकि पहले छह महीने में यह गिरावट 1.1 प्रतिशत रही। कोयले का उत्पादन सितंबर में 1.2 प्रतिशत और छमाही में 0.7 प्रतिशत घट गया।छ।

OnePlus 15 धमाके के साथ एंट्री को तैयार! 7000mAh बैटरी और फ्लैगशिप चिपसेट की होगी ताकत

   OnePlus जल्द ही अपना फ्लैगशिप स्मार्टफोन OnePlus 15 लॉन्च करने वाला है. ब्रांड का ये फोन लॉन्च से पहले ही चर्चा में बना हुआ है. कंपनी इस फोन को जल्द ही चीन में लॉन्च करने वाली है. ये हैंडसेट Qualcomm के दमदार प्रोसेसर के साथ आएगा, जिसे कंपनी ने हाल में ही लॉन्च किया था.  चीन में ये फोन अक्टूबर के अंत में लॉन्च होगा. इसके साथ ही कंपनी OnePlus Ace 6 को भी लॉन्च करेगी. दोनों फोन्स के स्पेसिफिकेशन्स से फिलहाल पर्दा नहीं उठा है. हालांकि, लीक रिपोर्ट्स में अब तक फोन से जुड़ी बहुत सी जानकारियां सामने आ चुकी हैं.  कब लॉन्च होगा फोन?  OnePlus 15 को कंपनी चीन में 27 अक्टूबर को लॉन्च करने वाली है. इसके साथ ही कंपनी OnePlus Ace 6 को भी लॉन्च करेगी. कंपनी ने दोनों हैंडसेट का पहली झलक भी दिखा दी है. इस बार हमें वनप्लस स्मार्टफोन्स के डिजाइन में बदलाव भी देखने को मिलेगा. हालांकि, दोनों फोन्स डिजाइन के मामले में एक दूसरे से मिलते जुलते रहेंगे.  भारतीय बाजार में लॉन्च की बात करें, तो ये दोनों फोन्स OnePlus 15 और OnePlus 15R के नाम से लॉन्च हो सकते हैं. हर साल की तरह संभव है कि कंपनी अपने फ्लैगशिप फोन्स को साल के अंत में लॉन्च करेगी. हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.  क्या होंगे स्पेसिफिकेशन्स?  OnePlus 15 की बात करें, तो ये कंपनी का पहला फोन होगा जो Snapdragon 8 Elite Gen 5 प्रोसेसर के साथ आएगा. डिस्प्ले के मामले में भी इस फोन में बड़ा अपग्रेड मिलेगा. स्क्रीन 165Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ आएगा. इसमें 1.5K OLED स्क्रीन मिलेगी. डिवाइस को पावर देने के लिए 7000mAh की बैटरी दी जाएगी. फोन 100W की फास्ट चार्जिंग और 50W की वायरलेस चार्जिंग के साथ आएगा.  OnePlus Ace 6 की बात करें, तो इसमें 1.5K BOE OLED स्क्रीन मिलती है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट करेगा. इसमें अल्ट्रा सोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर मिलेगा. हैंडसेट Snapdragon 8 Elite प्रोसेसर के साथ आएगा. इसमें 7800mAh की बैटरी दी जा सकती है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट करेगी.

Renault Triber का नया अवतार: बदला लुक, जुड़े एडवांस फीचर्स

मुंबई  रेनॉल्ट ट्राइबर हमेशा से एक स्मार्ट कार रही है. ट्राइबर भारत की सबसे स्पेस-एफिशिएंट सब-4-मीटर कार मानी जाती है. यह सात सीटों वाली मॉड्यूलर कार कुछ साधारण बदलावों से पांच, छह या सामान ले जाने वाली मिनी-एमपीवी में परिवर्तित हो सकती है. 2025 के लिए रेनॉल्ट ने ट्राइबर को एक नया फेसलिफ्ट दिया है जो इसे अधिक आधुनिक बनाता है. इसकी कीमत 5.76 लाख से 7.91 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के बीच है. यह तेज़ नहीं है, लेकिन सबसे समझदार एमपीवी जरूर है. यदि आप तेज़ ड्राइविंग की उम्मीद करते हैं तो यह कार आपके लिए नहीं है. ट्राइबर की खासियत इसका पारिवारिक उपयोग में आसानी और आराम है. यह ज्यादा मांग नहीं करता, केवल ईंधन और धैर्य चाहिए, और इसके बदले में लचीलापन और आराम देता है जो इस कीमत में कम ही कारें देती हैं. नए फीचर्स और डिजाइन के साथ  यह कार कंपनी के वैश्विक मॉडलों के अनुरूप दिखती है. इसके डिजाइन में ताजगी है. अधिक फीचर्स और बेहतर सुरक्षा शामिल हैं. हालांकि, इंजन में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे सवाल उठता है कि क्या यह प्रतिस्पर्धी एमपीवी सेगमेंट में टिक पाएगा. नई डिजाइन में तेज DRL, नीचे फॉग लैंप और सेंटर में नया 2D रेनॉल्ट लोगो शामिल हैं. साइड प्रोफाइल पहले जैसा है, लेकिन डुअल-टोन 15-इंच फ्लेक्स व्हील्स और नए रंग विकल्प जैसे एम्बर टेराकोटा और शैडो ग्रे इसे नया रूप देते हैं. टॉप-एंड 'इमोशन' वेरिएंट में 15-इंच के फ्लेक्स व्हील्स उपलब्ध हैं, जबकि 'टेक्नो' में ब्लैक आउट व्हील्स हैं. फ्रेश लुक में आया काफी बदलाव डोर हैंडल्स को इस बार ब्लैक ग्लॉस फिनिश मिला है और प्लास्टिक क्लैडिंग में भी कुछ बदलाव किए गए हैं. टॉप मॉडल में ब्लैक आउट रूफ भी है जो कार की उपस्थिति को बेहतर बनाता है. पीछे की तरफ, नए डिजाइन वाले LED टेललैम्प्स ग्लॉस-ब्लैक स्ट्रिप से जुड़े हैं और subtle ब्लैक आउट एक्सेंट्स हैं. 'ट्राइबर' लेटरिंग भी जोड़ा गया है, हालांकि पुराने डिजाइन को कुछ लोग अधिक साफ-सुथरा मानते हैं. डैशबोर्ड का लेआउट और रंग योजना भी अपडेट की गई है. केबिन पहले से अधिक हवादार महसूस होता है, जिससे जगह का एहसास बढ़ता है. वेरिएंट्स के नाम भी बदल गए हैं और अब ट्राइबर चार वेरिएंट्स – ऑथेंटिक, इवोल्यूशन, टेक्नो और इमोशन में उपलब्ध है. AMT विकल्प केवल इमोशन वेरिएंट में मिलता है. इंटीरियर भी है मजेदार इंटीरियर में वायरलेस चार्जर जोड़ा गया है. डैशबोर्ड का डिज़ाइन किगर से प्रेरित है, जिसमें डुअल-टोन बेज और ब्लैक थीम है. आठ इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम ऊंचाई पर स्थित है और AC वेंट्स इसके नीचे हैं. स्टार्ट/स्टॉप बटन बीच में है, क्रूज कंट्रोल स्विच एक तरफ और चार्जिंग पोर्ट दूसरी तरफ है. स्पेस ट्राइबर की सबसे बड़ी ताकत है कि तीसरी पंक्ति की सीटें पूरी तरह हटाई जा सकती हैं. इससे 621 लीटर का बूट स्पेस मिलता है. ड्राइवर के लिए आर्मरेस्ट जोड़ा गया है और स्टीयरिंग व्हील को नया डिजाइन मिला है. इसमें कंट्रोल्स और नया रेनो लोगो है. तीसरी पंक्ति के यात्रियों के लिए चार्जिंग पोर्ट्स और दूसरी व तीसरी पंक्ति के लिए डेडिकेटेड AC वेंट्स हैं. फीचर लिस्ट में ऑटो हेडलैम्प्स, रेन-सेंसिंग वाइपर्स, 360-डिग्री कैमरा, सात इंच का डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले और वायरलेस Apple CarPlay व Android Auto शामिल हैं. सुरक्षा के लिहाज से, 2025 ट्राइबर में छह एयरबैग्स, ESP, ट्रैक्शन कंट्रोल, हिल स्टार्ट असिस्ट और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग स्टैंडर्ड हैं. बॉडी शेल को भी मजबूत किया गया है. ड्राइविंग अनुभव में नहीं हुआ है बदलाव ड्राइविंग अनुभव में कोई बड़ा बदलाव नहीं है. यह वही 1.0-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड तीन सिलेंडर पेट्रोल इंजन इस्तेमाल करता है जो 72bhp और 96Nm टॉर्क देता है. गियरबॉक्स में पांच स्पीड मैनुअल या AMT विकल्प हैं. मैनुअल की दावा की गई माइलेज 19 किमी/लीटर है जबकि AMT 18.3 किमी/लीटर देता है. शहर में ड्राइविंग आसान है और इंजन की प्रतिक्रिया पहले तीन गियरों में ठीक-ठाक है. हालांकि, यह इंजन हाईवे पर कमजोर पड़ता है. 100 किमी/घंटा की रफ्तार पर क्रूज करना आरामदायक है, लेकिन ओवरटेक के लिए डाउनशिफ्ट करना पड़ता है. 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ना धीमा और नीरस लगता है. रेनो को किगर के टर्बो-पेट्रोल इंजन को ट्राइबर में मैनुअल और CVT विकल्प के साथ पेश करना चाहिए था. शहर के लिए है एकदम परफेक्ट गियरशिफ्टिंग स्मूद नहीं है, खासकर आर्मरेस्ट नीचे होने पर. लेकिन राइड कम्फर्ट में ट्राइबर उत्कृष्ट है. रेनॉल्ट की सस्पेंशन ट्यूनिंग भारतीय सड़कों के लिए उपयुक्त है, जो गड्ढों और स्पीड ब्रेकर को अच्छी तरह अवशोषित करती है. शरीर में हल्का रोल होता है, लेकिन डैम्पिंग संतुलन प्रभावशाली है. स्टीयरिंग शहर में हल्की और आसान है, उच्च गति पर वजन बढ़ता है. स्टीयरिंग व्हील कार के आकार के लिए थोड़ा छोटा लगता है और लॉक-टू-लॉक मूवमेंट में थोड़ी कमजोरी है. ट्राइबर तेज हैंडलिंग के लिए नहीं है, लेकिन नियंत्रण में अच्छा रहता है और मोड़ से निकलते समय स्थिर रहता है. 182 मिमी की ग्राउंड क्लीयरेंस भारतीय सड़कों के लिए पर्याप्त है और लोड होने पर सस्पेंशन ज्यादा नीचे नहीं झुकती.

चार महीने से नहीं मिला ग्राहक, जुलाई में 0 सेल… इस कार का बाजार से हुआ सफाया

मुंबई  भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में जापानी कार निर्माता निसान इंडिया के लिए हालात लगातार चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं। जहां कंपनी की किफायती SUV मैग्नाइट अभी भी उसकी बिक्री को कुछ हद तक संभाले हुए है, वहीं ब्रांड की प्रीमियम SUV एक्स-ट्रेल (X-Trail) का प्रदर्शन लगातार निराशाजनक साबित हो रहा है। सितंबर 2025 में एक बार फिर इस लग्जरी SUV की एक भी यूनिट नहीं बिकी, जो कंपनी के लिए लगातार चौथा महीना है जब इस मॉडल ने शून्य बिक्री दर्ज की है। निसान ने एक्स-ट्रेल को भारतीय बाजार में एक फुली लोडेड, 7-सीटर प्रीमियम SUV के रूप में पेश किया था। इसके बावजूद ग्राहकों की तरफ से कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिल रही। कंपनी इसे सिर्फ एक सिंगल वेरिएंट में बेचती है, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत ₹49.92 लाख है।  इस कार में 7 एयरबैग, 4WD सिस्टम और कई एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स मौजूद हैं, जो इसे ग्लोबल लेवल की SUV बनाते हैं। लेकिन भारी कीमत और सीमित डीलर नेटवर्क ने इसे प्रतिस्पर्धा में पीछे धकेल दिया है। अगर बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें, तो जनवरी और फरवरी 2025 में एक्स-ट्रेल की एक भी यूनिट नहीं बिकी। मार्च में 15 यूनिट, अप्रैल में 76 यूनिट और मई में 20 यूनिट की बिक्री हुई। इसके बाद जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में बिक्री का आंकड़ा फिर से शून्य (00 यूनिट) पर लौट आया। यानी पूरे साल में अब तक इस SUV की सिर्फ 111 यूनिट ही बिक पाई हैं। यह आंकड़ा साफ दिखाता है कि भारतीय बाजार में यह मॉडल ग्राहकों से लगभग कटा हुआ है। निसान एक्स-ट्रेल एक D1 सेगमेंट की प्रीमियम SUV है, जो अपने दमदार लुक और ग्लोबल डिजाइन के लिए जानी जाती है। इंटरनेशनल मार्केट में इसका हाइब्रिड वर्जन उपलब्ध है, जिसमें ई-पावर टेक्नोलॉजी और मल्टीपल ड्राइविंग मोड्स मिलते हैं। भारत में आने वाला वर्जन भी आधुनिक फीचर्स से लैस है, जिसमें डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, पैनोरमिक सनरूफ, 3-जोन क्लाइमेट कंट्रोल और प्रीमियम इंटीरियर शामिल हैं। फिर भी, इस SUV को भारतीय ग्राहकों से उम्मीद के मुताबिक रिस्पॉन्स नहीं मिला। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हैं — पहला, निसान ब्रांड की कमजोर उपस्थिति। कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में बहुत कम नए मॉडल लॉन्च किए हैं, जिससे ब्रांड कनेक्ट कमजोर हुआ है। दूसरा, डीलर और सर्विस नेटवर्क बहुत सीमित है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में। तीसरा बड़ा कारण इसकी उच्च कीमत है, जो संभावित खरीदारों को टाटा हैरियर, हुंडई टक्सन या मारुति ग्रैंड विटारा जैसी SUVs की ओर खींच ले जाती है। सेगमेंट में निसान एक्स-ट्रेल की टक्कर टोयोटा फॉर्च्यूनर और एमजी हेक्टर प्लस जैसी कारों से है, जिनका बाजार में मजबूत ग्राहक आधार है। वहीं, निसान की ओर से कोई विशेष मार्केटिंग या प्रोमोशनल कैंपेन न होने की वजह से भी यह SUV ग्राहकों के बीच चर्चा से बाहर रही है। अगर निसान भारत में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, तो उसे अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को दोबारा सोचना होगा। सिर्फ एक या दो मॉडल्स पर निर्भर रहकर वह भारतीय बाजार जैसे प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में टिक नहीं सकती। एक्स-ट्रेल जैसी प्रीमियम SUV का बार-बार “जीरो सेल्स” दर्ज करना यह संकेत देता है कि ब्रांड को अब अपने स्ट्रैटेजी में बड़ा बदलाव लाना जरूरी है।

30 साल का EMI बोझ? जानिए कैसे बचाएं लाखों रुपये

होम लोन लेना अक्सर लोगों के लिए घर खरीदने का बड़ा कदम माना जाता है, लेकिन यह कदम कई बार फाइनेंशियल ट्रैप भी बन सकता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट ने विस्तार से बताया कि लोग होम लोन में अक्सर कैसे फंस जाते हैं और किन स्मार्ट तरीकों से 36 लाख रुपये तक की बचत की जा सकती है। होम लोन लेने में आम गलतियां केवल EMI पर ध्यान देना 50 लाख रुपये के 20 साल के लोन पर मासिक EMI लगभग 43,400 रुपये होती है और कुल ब्याज 54 लाख रुपये बनता है। अगर अवधि बढ़ाकर 30 साल कर दी जाए तो EMI घटकर 38,600 रुपये हो जाती है, लेकिन कुल ब्याज बढ़कर 88 लाख रुपये हो जाता है। इसका मतलब यह है कि आप हर महीने थोड़ी बचत करते हैं, लेकिन बैंक को कुल 34 लाख रुपये अतिरिक्त दे रहे हैं। फ्लोटिंग रेट का ध्यान न रखना कई कर्जदार RBI द्वारा ब्याज दर में कटौती का लाभ नहीं उठाते। कौशिक ने कहा कि RLLR (Repo Linked Lending Rate) लोन पर लगातार नजर रखना जरूरी है ताकि आप ब्याज कटौती का फायदा तुरंत ले सकें। EMI स्ट्रक्चर को गलत समझना लोग मानते हैं कि EMI में मूलधन और ब्याज बराबर-बराबर बंटता है। लेकिन शुरुआती सालों में EMI का 70-80% हिस्सा ब्याज में चला जाता है। EMI कम करने के लिए टेन्योर बढ़ाना अवधि लंबी करने से EMI तो घटती है, लेकिन ब्याज का बोझ तेजी से बढ़ता है। इसके बजाय, अवधि वैसे की वैसे रखते हुए EMI को थोड़ा बढ़ाना बेहतर होता है। होम लोन पर लाखों की बचत कैसे करें? हर साल एक अतिरिक्त EMI पेमेंट सालाना एक अतिरिक्त EMI देने से 11.5 लाख रुपये ब्याज बचाया जा सकता है, और 50 लाख का लोन 5 साल पहले चुका सकते हैं। स्टेप-अप रिपेमेंट EMI में हर साल 5% बढ़ोतरी करने से 25 साल का लोन 12 साल में चुकाया जा सकता है और 26 लाख रुपये बचत होती है। 10% सालाना बढ़ोतरी से लोन 10 साल में चुकाया जा सकता है और 36 लाख रुपये की बचत संभव है। टैक्स बेनिफिट का सही उपयोग धारा 80C और 24B के तहत मूलधन और ब्याज पर कटौती का लाभ उठाएं। सह-कर्जदार होने पर यह बचत दोगुना हो सकती है। जल्दी भुगतान पहले 5-7 सालों में समय से पहले EMI चुकाने से सबसे अधिक ब्याज बचता है। होम लोन बैलेंस ट्रांसफर यदि नया लोन कम ब्याज दर पर उपलब्ध है (जैसे 7.5%) और आपका मौजूदा लोन 8.8% पर है, तो ट्रांसफर से कई लाख रुपये की बचत हो सकती है। RBI रेपो रेट कटौती से भी होगी बचत इस साल RBI ने रेपो रेट में लगातार 100 बेसिस पॉइंट कटौती की।  20 साल के 1 लाख रुपये के लोन पर EMI 65 रुपये कम होगी। 25 लाख पर 1,625 रुपये प्रति माह और 50 लाख रुपये पर 3,250 रुपये प्रति माह की बचत होगी।

RBL Bank में हो सकता है बड़ा अधिग्रहण, UAE निवेशक की नजर 51% हिस्से पर, शेयर ने बनाया नया रिकॉर्ड

मुंबई  आरबीएल बैंक के शेयर 52 वीक हाई पर पहुंच गए। इस प्राइवेट सेक्टर के बैंक के शेयरों में उछाल के पीछे एक रिपोर्ट है। चर्चा है कि यूएई का दूसरे सबसे बड़ा बैंक Emirates NBD Bank PJSC आरबीएल बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक है। दोनों कंपनियों के बीच बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार Emirates NBD Bank PJSC आरबीएल बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए प्रीफरेंशियल शेयर अलॉटमेंट और ओपन ऑफर के तरीके को अपना सकता है। जहां एक तरह निवेश से बैंक की बैंलेस शीट बेहतर हो जाएगी। तो वहीं 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ Emirates NBD आरबीएल बैंक का सबसे बड़ा हिस्सेदार हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार समूह 26 प्रतिशत हिस्सा इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स से खरीदने की कोशिशों में है। वहीं, बाकि बचे 25 प्रतिशत के लिए ओपन ऑफर का तरीका अपनाया जाएगा। 52 वीक हाई पर शेयर बीएसई में आरबीएल बैंक के शेयर आज मंगलवार को 294 रुपये के लेवल पर खुले थे। 3 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ यह स्टॉक 299.65 रुपये के इंट्रा-डे हाई पर पहुंच गया। यह कंपनी का 52 वीक हाई लेवल है। पिछले एक साल के दौरान आरबीएल बैंक के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इस दौरान कंपनी के शेयरों की कीमतों में 42 प्रतिशत की तेजी आई है। वहीं, 6 महीने में यह स्टॉक 68 प्रतिशत का रिटर्न देने में सफल रहा है। बता दें, 28 मई 2019 को आरबीएल बैंक के शेयर 716.55 रुपये के इंट्रा-डे हाई पर पहुंच गया है। 3 साल में आरबीएल बैंक के शेयरों में 135 प्रतिशत की तेजी आई है। बता दें, आरबीएल बैंक की बोर्ड मीटिंग 18 अक्टूबर को होगी। इसी मीटिंग के बाद सितंबर तिमाही के नतीजे भी सामने आएंगे।

GST सुधारों के असर: सरकार ने बताई इस वर्ष खपत में तेज वृद्धि की उम्मीद

नई दिल्ली केंद्र ने शनिवार को कहा कि 22 सितंबर से लागू जीएसटी दरों में हालिया कटौती का लाभ त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को भी मिला है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हालिया जीएसटी सुधारों से उपभोग को लेकर सकारात्मक रुझान देखा गया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "करों में कटौती केवल त्योहारी सीजन के लिए ही नहीं की गई है। इन कटौतियों का मतलब है अधिक संग्रह, इसलिए कुछ वापस देने के लिए बेहतर राजकोषीय गुंजाइश। त्योहारी सीजन के बाद भी मांग बनी रहेगी।" उन्होंने कहा कि जीएसटी विवाद समाधान तंत्र ने बहुत अच्छी तरह से काम किया है। जीएसटी सुधारों के लागू होने के बाद से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर 2 अक्टूबर तक जीएसटी से जुड़े मामलों को लेकर 3,981 कॉल दर्ज की गईं। इनमें से 31 प्रतिशत प्रश्न थे और 69 प्रतिशत औपचारिक शिकायतें थीं, जिनका आगे की कार्रवाई के लिए निपटारा किया गया। कुल शिकायतों में से 1,992 शिकायतों को आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को भेज दिया गया है, जबकि 761 शिकायतों को सीधे समाधान के लिए संबंधित कन्वर्जेंस पार्टनर कंपनियों को तत्काल भेजा गया है। वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, "अधिकतर शिकायतें जीएसटी कटौती की समझ और वास्तव में लागू की गई योजनाओं के बीच के अंतर से संबंधित हैं।" जीएसटी कटौती और उनके लाभों पर वित्त मंत्री ने कहा कि दवाओं और संबंधित उपकरणों की निगरानी की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। ऑटोमोबाइल क्षेत्र जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जाने को लेकर उत्साहित है, जिससे उनकी बिक्री में वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि लगभग सभी ई-कॉमर्स कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ दिया है। उन्होंने कहा, "हमारी निगरानी के अनुसार, उन्होंने नवरात्रि पर अधिक से अधिक ऑफर दिए हैं"। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा, "अप्रत्यक्ष कर 140 करोड़ भारतीयों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं और अब जीएसटी में कटौती के जरिए 2.5 लाख करोड़ रुपए का लाभ दिया गया है। कर कटौती के कारण हुए गुणक प्रभाव ने अर्थव्यवस्था को पहले ही बढ़ावा दिया है।" केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि जीएसटी सुधारों के दौरान, देश में खपत और मांग में वृद्धि को लेकर कई अनुमान लगाए गए थे। उन्होंने आगे कहा, "जीएसटी सुधारों के कारण, इस वर्ष खपत में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसका अर्थ है कि लगभग 20 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त खपत होने की संभावना है।"