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भाजपा ने किया ऐलान, 11 सितंबर को झारखंड में सूर्या हंसदा की मौत के खिलाफ प्रदर्शन

रांची,  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पार्टी कथित मुठभेड़ में सूर्या हंसदा की मौत की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग करते हुए 11 सितंबर को राज्य के 216 मंडलों में प्रदर्शन करेगी। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता मरांडी ने कहा कि भाजपा रांची के नगड़ी में एक अस्पताल परियोजना के लिए आदिवासी किसानों से ‘‘जबरन’’ अधिग्रहित की गई जमीन को वापस करने की मांग भी उठाएगी। यह परियोजना यहां राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के विस्तार से संबंधित है। मरांडी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम 11 सितंबर को कार्यक्रम के बाद राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हंसदा की पुलिस द्वारा हत्या और रिम्स-2 परियोजना के लिए नगड़ी के आदिवासी किसानों से जबरन भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर विधानसभा से लेकर सड़क तक आवाज उठाती रही है।’’ पुलिस ने बताया कि कई विधानसभा चुनाव लड़ चुके और कई आपराधिक मामलों में वांछित हंसदा को 10 अगस्त को देवघर के नवाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि छिपे हुए हथियार बरामद करने के लिए राहदबदिया पहाड़ियों पर ले जाए जाने के दौरान एक कथित मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई। गोड्डा पुलिस के अनुसार, हंसदा ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिया और मौके से भागने की कोशिश में उन पर गोली चला दी। पुलिसकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें हंसदा की मौत हो गई। इस बीच, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा सूर्या हंसदा और नगड़ी भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। झामुमो के महासचिव एवं प्रवक्ता विनोद पांडे ने एक बयान में कहा, ‘‘सूर्या हंसदा मामले में भाजपा जिस तरह से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, वह आदिवासी समुदाय का अपमान है। झामुमो के वरिष्ठ नेता एवं विधायक हेमलाल मुर्मू, सूर्या के आपराधिक जीवन का ब्योरा पहले ही सार्वजनिक कर चुके हैं। आदिवासी समुदाय अपराधियों को स्वीकार नहीं करता है।’’  

CM नीतीश का तोहफा: बिहार में महिलाओं के लिए 80 पिंक बस सेवा की शुरुआत

पटना,  बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की महिलाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने महिलाओं के लिए विशेष रूप से चलाई जाने वाली 80 पिंक बसों को हरी झंडी दिखाई। इन बसों में ड्राइवर और कंडक्टर भी महिलाएं होंगी, जिससे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह कार्यक्रम सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर आयोजित किया गया, जहां उन्होंने 1,065 बसों में ई-टिकट सुविधा का भी उद्घाटन किया। इस पहल से बिहार के विभिन्न जिलों में महिलाओं के लिए यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने का प्रयास किया गया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”आज बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की 1,065 बसों में ई-टिकटिंग सुविधा लागू करने का शुभारंभ किया तथा द्वितीय चरण में नई 80 पिंक बसों का लोकार्पण भी किया। इन बसों में केवल महिलाएं ही यात्रा कर सकती हैं। इन पिंक बसों के परिचालन से महिलाओं का सफर ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक होगा और उन्हें आवागमन में काफी सहूलियत होगी। साथ ही ई-टिकटिंग की व्यवस्था से राज्य के लोगों को विभिन्न जगहों पर यात्रा करने में सुगमता होगी।” बिहार में विशेष तौर पर महिलाओं के लिए पिंक बस चलाई जा रही है। इस बस में सभी तरह की सुविधाएं रहती हैं। बस में कंडक्टर के साथ-साथ कोशिश यह होती है कि इस बस का ड्राइवर भी महिला ही रहे, जिससे सुरक्षा बनी रहे। पिंक बस की कंडक्टर सविता कुमारी ने कहा, “यह सरकार की अच्छी पहल है, इससे महिलाओं को काफी फायदा मिलेगा। बस में महिलाओं के लिए सुरक्षा का विशेष प्रबंध किया गया है। बस में मेडिकल सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।” कंडक्टर पिंकी कुमारी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए बस में तीन कैमरे लगाए गए हैं। दूरदराज जाने वाली महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। अगर बस में गर्भवती महिला सफर करती है तो उनके लिए अलग से सीट है, साथ ही कंडक्टर भी उनका विशेष ध्यान देंगी। उन्होंने आगे बताया कि महिलाओं से सफर के दौरान फीडबैक भी लिया जाएगा, जिससे सुविधाओं में सुधार लाने में मदद मिलेगी। सभी बसें राज्य के विभिन्न जिलों में चलेंगी, जिन्हें कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जाएगा।  

CM नीतीश ने चौंकाया, सीट शेयरिंग से पहले घोषित किया उम्मीदवार

पटना/बक्सर  बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा भले ही अभी न हुई हो, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बक्सर के राजपुर (सुरक्षित) सीट पर एनडीए उम्मीदवार का नाम घोषित कर सबको चौंका दिया है. पिछले दिनों एक जनसभा में उन्होंने पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला को पार्टी का उम्मीदवार बताते हुए जनता से उनके पक्ष में वोट करने की अपील की. इस कदम से सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह नीतीश का मास्टरस्ट्रोक है या फिर उनकी मजबूरी? सीएम ने मंच से की घोषणा खास बात ये है कि नीतीश के इस ऐलान के वक्त बीजेपी कोटे के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मंच पर मौजूद थे. नीतीश कुमार ने मंच से कहा, “कुछ ही दिन में चुनाव होने वाला है. आप लोग ध्यान दीजिएगा, इन्हें जिताइएगा.” उन्होंने जनता से बिहार को आगे बढ़ाने के लिए एनडीए को भारी संख्या में जिताने की अपील की. इसके साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “कांग्रेस वाले केवल गड़बड़ करते रहे हैं.” उन्होंने बिहार में पिछले 20 सालों में हुए विकास कार्यों पर भी जोर दिया. बाद में ना बीजेपी और ना ही जेडीयू ने इसे तूल दिया. बता दें कि यह सीट पारंपरिक तौर पर जेडीयू की ही रही है. मुख्यमंत्री ने राजपुर विधानसभा और बक्सर जिले के लिए 325 करोड़ 13 लाख रुपये की 5 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचे थे. इनमें सड़कों का चौड़ीकरण, गंगा तटबंध का सुदृढ़ीकरण और ‘भारत रत्न’ उस्ताद बिस्मिल्ला खां संगीत कॉलेज की स्थापना शामिल है. 2015 में जीतकर बने थे मंत्री संतोष कुमार निराला का इस सीट से पुराना रिश्ता है. वे 2015 में जदयू-राजद गठबंधन से जीतकर परिवहन मंत्री बने थे. हालांकि, 2020 में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार समय से पहले ही उनके नाम का ऐलान करना यह दिखाता है कि जदयू इस सीट पर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. राजपुर सुरक्षित सीट का इतिहास बताता है कि यहां मुकाबला हमेशा कड़ा होता है. मुख्यमंत्री के इस खुले समर्थन से संतोष निराला को भले ही बढ़त मिल जाए, लेकिन विपक्ष का मजबूत गणित इस लड़ाई को और भी रोचक बना सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए में सीट बंटवारे से पहले लिया गया नीतीश का यह फैसला कितना प्रभावी साबित होता है.

BJP का हमला: लालू की सुदर्शन रेड्डी से मुलाकात पर उठाए सवाल

नई दिल्ली भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोमवार को विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी की चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात की आलोचना की। उन्होंने इस मुलाकात को एक उच्च संवैधानिक पद के आकांक्षी व्यक्ति की ओर से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर एक चौंकाने वाला बर्ताव बताया। उन्होंने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की चुप्पी पर भी निशाना साधा और इसे पाखंड कहा। मालवीय ने कहा, 'इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और संवैधानिक नैतिकता के स्वयंभू संरक्षकों की चुप्पी है। उनका पाखंड उजागर हो गया है।' भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया, 'सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हाल ही में चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात की, जो संसद सदस्य भी नहीं हैं और उपराष्ट्रपति चुनाव में उनका कोई वोट नहीं है। यह न केवल एक भयावह दिखावा है, बल्कि एक उच्च संवैधानिक पद की आकांक्षा रखने वाले व्यक्ति की ओर से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर एक चौंकाने वाला रुख है। उनका पाखंड उजागर हो गया है।' रविशंकर प्रसाद ने कही यह बात इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि भ्रष्टाचार में दोष सिद्ध एक आरोपी से मुलाकात कर देश के लोकतंत्र को बचाने की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। सर्वोच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को गंभीर आरोपों में लिप्त व्यक्ति से मुलाकात कर लोकतंत्र को बचाने की बात कहना किसी भी दृष्टि से सही नहीं है।  भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी वर्तमान और पूर्व के सभी न्यायाधीशों का सम्मान करती है, क्योंकि इस देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने में न्यायपालिका की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है, लेकिन कुछ लोगों के बयान उनकी भूमिका को संदेह के घेरे में लाने वाली हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के बारे में जानिए… इस बीच 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी और एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के बीच सीधा मुकाबला होगा। मतदान से पहले भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को एक 'संसद कार्यशाला' का आयोजन किया। इसमें आज अपने सांसदों को मतदान प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए एक अभ्यास सत्र का आयोजन किया जाएगा। खरगे विपक्ष को देंगे रात्रिभोज इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले सोमवार शाम को संसद भवन के एनेक्सी में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। यह बैठक विपक्ष की एकता और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के समर्थन को मजबूत करने के लिए है, जिन्हें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी समर्थन प्राप्त है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का पद रिक्त 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया था। उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के प्रावधानों द्वारा शासित होता है। चुनाव आयोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 द्वारा उपराष्ट्रपति चुनावों को अधिसूचित करता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा। ऐसे चुनाव गुप्त मतदान द्वारा होते हैं।

CM नीतीश का तोहफा, आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय हुआ बढ़ा, अब मिलेगा ₹9,000

पटना  बिहार की नीतीश कुमार सरकार राज्य विधानसभा चुनाव के पहले सौगातों की झड़ी लगा रही है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद आगे बढ़कर आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के मानदेय को बढ़ाने का एलान किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 7 हजार से बढ़ाकर 9 हजार किया जा रहा है। इसी तरह, आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर साढ़े 4 हजार किया जा रहा है। उनके निर्देश पर विभाग इसका प्रस्ताव आगे बढ़ाएगा। मंगलवार को कैबिनेट में उस प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर कही ये बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को सोशल मीडिया पर कहा कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए समेकित बाल विकास परियोजना के तहत छह तरह की सेवाएं दी जा रही हैं, जो आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लाभुकों तक पहुंचाई जाती हैं। इसमें आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं अहम भूमिका निभाती हैं।     राज्य में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं जीवन स्तर में सुधार करने में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनकी इसी भूमिका का सम्मान करते हुये हमलोगों ने उनके मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। अब आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 7,000 रूपये से… उन्होंने बताया कि इनके योगदान को देखते हुए मानदेय राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इससे सभी सेविकाओं और सहायिकाओं का उत्साह बढ़ेगा और समेकित बाल विकास सेवाएं और बेहतर तरीके से चल सकेंगी। अब आंगनबाड़ी सेविका को 7,000 रुपये की जगह 9,000 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिका को 4,000 रुपये की जगह 4,500 रुपये मानदेय मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण और जीवन स्तर सुधारने में मदद करेगा।  महिला रोजगार योजना की शुरुआत इससे पहले कल यानी रविवार को मुख्यमंत्री ने महिला रोजगार योजना के ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की। इस योजना के तहत बिहार सरकार हर घर की एक महिला को 10,000 रुपए देगी। चुनाव से पहले सरकार इस पर करीब 27 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। 2 सितंबर को सरकार ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए कैबिनेट से पास कर दिया गया था। इस मौके पर CM ने कहा, 'महिलाओं की मांग पर ही बिहार में शराबबंदी लागू की गई। अब महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम और स्वावलंबी बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं रोजगार तथा उद्यम का भी नेतृत्व कर सकती हैं। विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया गया है। इसका परिणाम है कि अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या11 लाख से अधिक हो गई है, जिनसे 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदी जुड़ी हैं।' अब जानिए महिलाओं को लेकर नीतीश कुमार की बड़ी घोषणाएं और उसके मायने 1. जीविका दीदियों के लोन का ब्याज घटाया, कर्मचारियों की सैलरी दोगुनी हुई 21 जून 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका दीदियों और कर्मचारियों से जुड़े दो बड़े फैसले किए। पहला- स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों को 3 लाख से ज्यादा के बैंक लोन पर 3 फीसदी की कटौती कर दी। उन्हें अब सिर्फ 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा। पहले 3 लाख रुपए से ज्यादा के बैंक ऋण पर 10% ब्याज देना पड़ता था। दूसरा- जीविका कर्मचारियों की सैलरी डबल जीविका स्वयं सहायता समूह के सभी 1 लाख 40 हजार कर्मचारियों की सैलरी को दोगुना कर दिया गया। इससे ऐसे में ब्लॉक कर्मचारियों को 50 हजार और गांव के कर्मचारियों को 25 हजार रुपए तक की सैलरी मिलेगी। इसके मायने क्या हैं- CM नीतीश कुमार के मुताबिक, 2006 में शुरू हुई जीविका परियोजना से लगभग 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। लोन के ब्याज में कटौती से उन्हें सीधा फायदा होगा। जीविका से अमूमन गरीब तबके की महिलाएं जुड़ी हैं। सरकार के फैसले से उन पर बड़ा असर पड़ेगा। 2. महिलाओं के रिजर्वेशन में डोमिसाइल नीति लागू 8 जुलाई को नीतीश कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलने वाले 35 फीसदी क्षैतिज आरक्षण में डोमिसाइल नीति को लागू कर दिया। यानी अब दूसरे राज्य की महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। उन्हें सामान्य श्रेणी में ही आवेदन करना होगा। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार 1 लाख टीचरों, 6500 लाइब्रेरियन, सिपाही, इंजीनियर आदि की बहाली निकालने वाली है। इन बहालियों में डोमिसाइल लागू रहेगा। इसके मायने क्या हैं- चुनाव से पहले पढ़ी-लिखी महिलाओं को अपने पाले में करने के लिए सरकार ने बड़ा दांव खेला है। बिहार में होने वाली सरकारी नौकरी की बहाली में डोमिसाइल को लागू करने की मांग पुरजोर तरीके से उठ रही थी। ऐसे में नीतीश सरकार ने पूरी बहाली में इसे लागू ना कर महिलाओं की कैटेगरी में लागू किया है। 3. आशा-ममता कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ा 30 जुलाई को सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के पैसे में बढ़ोतरी का ऐलान किया। अब ‘आशा’ को 1 हजार की बजाय 3 हजार मासिक और ‘ममता’ को प्रति प्रसव 300 की जगह 600 रुपए मिलेंगे। इससे 95 हजार ‘आशा’ और 4600 ‘ममता’ कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। और 29 हजार आशा कार्यकर्ताओं की बहाली चल रही है। इसके मायने क्या हैं- आशा और ममता कार्यकर्ताओं की पहुंच घर तक होती है। इनकी संख्या भी ठीक-ठाक है। पैसा बढ़ने से इनका मनोबल बढ़ेगा और सरकार की बातों को घर-घर तक पहुंचा सकती है। 4. सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ी सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 400 रुपए प्रति महीन से बढ़ाकर 1100 प्रति माह होगी। लाभार्थियों को जुलाई से पेंशन बढ़ी हुई दर पर मिलेगी। खाते में यह राशि महीने की 10 तारीख को जाएगी। इससे विधवा महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को फायदा होगा। इनकी संख्या करीब एक करोड़ 9 लाख है। इसके मायने क्या हैं- 2020 विधानसभा चुनाव में बुजुर्गों के अंदर NDA के प्रति गुस्सा दिखा था। CSDS-लोकनीति के पोस्ट पोल सर्वे में बताया गया कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों ने NDA को 5 फीसदी … Read more

नीतीश राज में उठी नई चुनौती: निर्दलीय उम्मीदवारों की बढ़ती लोकप्रियता

पटना इसे राजनीतिक दलों का बढ़ता प्रभुत्व कहें या लोकतंत्र का बदला चेहरा, बिहार विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों की पूछ लगातार घट रही है। वर्ष 2000 में झारखंड बंटवारे के बाद हुए पिछले पांच विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो निर्दलीय उम्मीवारों के सीट जीतने की क्षमता में तेजी से गिरावट हुई है। वोट शेयर भी लगभग आधा हो गया है। फरवरी, 2005 के विधानसभा चुनाव में 17 निर्दलीय विधायक जीते थे, जिसमें चुनाव दर चुनाव कमी आती गई। वर्ष 2020 के पिछले चुनाव में महज एक निर्दलीय प्रत्याशी सुमित कुमार सिंह ही जीत दर्ज कर सके। उन्होंने भी महज 551 मतों से चकाई से निर्दलीय जीत दर्ज की थी। बाद में वह जदयू के पाले में चले गए और वर्तमान में मंत्री भी हैं। इसके पहले वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में चार निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। इनमें बोचहां से बेबी कुमारी, कांटी से अशोक कुमार चौधरी, मोकामा से अनंत सिंह और वाल्मीकिनगर से धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह शामिल थे।  वर्ष 2010 में छह विधायक निर्दलीय जीते। इनमें बलरामपुर से दुलाल चंद्र गोस्वामी, डेहरी से ज्योति रश्मि, ढाका से पवन कुमार जायसवाल, लौरिया से विनय बिहारी, ओबरा से सोमप्रकाश सिंह और सिकटा से दिलीप वर्मा शामिल रहे। 2005 में दो विधानसभा चुनाव, जीते 27 निर्दलीय विधायक वर्ष 2005 में छह माह के अंतराल पर दो विधानसभा चुनाव हुए जिनमें कुल 27 निर्दलीय विधायकों ने जीत दर्ज की थी। फरवरी, 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में 17 विधायकों ने निर्दलीय जीत दर्ज की थी। इनमें बछवाड़ा से रामदेव राय, बहादुरगंज से मो तौसिफ आलम, बिस्फी से हरिभूषण ठाकुर, गरखा से रघुनंदन मांझी, गया मुफिस्सल से अवधेश कुमार सिंह, घोसी से जगदीश शर्मा, गोबिंदपुर से कौशल यादव, मधेपुरा से रूप नारायण झा, महिषी से सुरेन्द्र यादव, मढ़ौरा से लालबाबू राय, मशरख से तारकेश्वर सिंह, मटिहानी से नरेन्द्र कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर से विजेन्द्र चौधरी, नवादा से पूर्णिमा यादव, रघुनाथपुर से जगमातो देवी, सिकटी से मुरलीधर मंडल और सोनबरसा से किशोर कुमार निर्दलीय जीते। राष्ट्रपति शासन लगने के कारण जब अक्टूबर, 2005 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए तो दस निर्दलीय विधायक जीतकर सदन पहुंचे। इनमें बाइसी से सैयर रुकनुदीन, बिस्फी से हरिभूषण ठाकुर, डेहरी से प्रदीप कुमार जोशी, गोबिंदपुर से कौशल यादव, मढ़ौरा से लालबाबू राय, मटिहानी से नरेन्द्र कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर से विजेन्द्र चौधरी, नवादा से पूर्णिमा यादव, सोनबरसा से किशोर कुमार और वारसलिगंज से प्रदीप कुमार ने निर्दलीय जीत दर्ज की। जीत के बाद दलों के हो जाते हैं निर्दलीय बिहार के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों की अपनी पहचान रही है। उनका अपना गढ़ रहा है। जिसे भेदने में बड़े-बड़े दिग्गज हार गए। डुमरांव से ददन पहलवान, मोकामा से अनंत सिंह, मुजफ्फरपुर से विजेन्द्र चौधरी, बिस्फी से हरिभूषण ठाकुर, सोनबरसा से किशोर कुमार, रूपौली से बीमा भारती समेत ऐसे कई नाम रहे। बाद में इनमें से कई निर्दलीय राजनीतिक दलों में शामिल हो गए और फिर पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने लगे। दरअसल, राजनीतिक दलों को भी ऐसे उम्मीदवारों की तलाश होती है, जिनका अपना वोट बैंक हो। ऐसे में निर्दलीय जीतकर आए उम्मीदवार, उनकी पहली पसंद होते हैं। अमूमन देखा जाता है कि बड़े राजनीतिक दल ऐसे निर्दलीय उम्मीवारों को अगली बार उसी सीट से अपना उम्मीदवार बना लेते हैं। चुनाव दर चुनाव निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या घटने का यह भी एक बड़ा कारण है। कभी मुख्यमंत्री को हराकर निर्दलीय बने थे सीएम बात 1967 के विधानसभा चुनाव की है। तब पटना पश्चिम (वर्तमान बांकीपुर सीट) से चुनाव लड़ रहे तत्कालीन मुख्यमंत्री केबी सहाय चुनाव को निर्दलीय प्रत्याशी महामाया प्रसाद सिन्हा ने हरा दिया था। इस चुनाव में किसी गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। इसके बाद संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनसंघ, सीपीआइ, जन क्रांति दल और प्रजा सोशलिस्ट जैसी पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई। महामाया प्रसाद जनक्रांति दल में शामिल हो गए और खुद मुख्यमंत्री बने।  

महिला सुरक्षा पर सवाल: नारी 2025 रिपोर्ट ने खोली हेमंत सरकार की नाकामी – प्रतुल शाहदेव ने कसा तंज

रांची राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा जारी नारी रिपोर्ट 2025 पर भारतीय जनता पार्टी ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह रिपोर्ट हेमंत सरकार की संवेदनहीनता और नाकामी को उजागर करती है। शाहदेव ने कहा कि ‘‘देश के 31 शहरों में महिला सुरक्षा को लेकर हुए सर्वे में राजधानी रांची की महिलाएं सबसे असुरक्षित बताई जाती हैं। सरकार के लिए सबसे शर्मनाक पहलू है कि राजधानी की 27त्न महिलाएं छेड़खानी के कारण अपना घर बदलने को मजबूर होती हैं।'' प्रतुल शाहदेव ने आगे कहा कि लोगों का पुलिस पर अविश्वास इतना बढ़ गया है कि ‘‘9त्न महिलाएं अपने साथ हुए अपराध को छुपा लेती हैं और सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि सर्वे के अनुसार 85त्न महिलाओं को प्रशासन पर भरोसा ही नहीं है। इससे साफ है कि झारखंड में महिलाएं पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रही हैं।'' शाहदेव ने आरोप लगाया कि ‘‘रांची ही नहीं, पूरे झारखंड में यही स्थिति है। हेमंत सरकार पार्ट 1 और पार्ट 2 में अब तक 8000 से ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज हो चुके है। बलात्कारियों को सजा दिलाने का सरकार का रिकॉर्ड भी फिसड्डी है। आदिवासी बालिकाएं लगातार ट्रैफिकिंग की चपेट में आ रही हैं, लेकिन हेमंत सरकार पिछले 6 वर्षों से राज्य महिला आयोग का गठन तक नहीं कर पाई। यह उसकी महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों के प्रति संवेदनहीनता का जीता-जागता उदाहरण है।'' प्रतुल ने कहा कि ‘‘हेमंत सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह असंवेदनशील है जो सरकार महिला आयोग तक नहीं बना पाई, उससे महिलाओं की सुरक्षा की उम्मीद करना बेमानी है।''  

सिवान को नीतीश सरकार का तोहफ़ा, 558 करोड़ से 9 विकास परियोजनाओं की हुई शुरुआत

पटना  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आज सिवान जिला के नारायणपुर मोड़, पचरुखी में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 558 करोड़ 35 लाख रुपये लागत की 9 विकासात्मक योजनाओं का शिलान्यास एवं कार्यारंभ किया। इसके अंतर्गत 222 करोड़ 1 लाख रुपये की लागत से 220/132/33 केवी ग्रिड, उपकेन्द्र मैरवा एवं सम्बद्ध लाईन 'बे' का निर्माण, 120 करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से पचरुखी बाईपास मोहम्मदपुर मोड़ (एन० एच०-531) से छपिया-टेढ़ी घाट-गोपालपुर (एनएच-227) पथ का चौड़ीकरण, 92 करोड़ 16 लाख रुपये की लागत से राज्य उच्च पथ स० 89 (बबुनिया सिसवन रोड) पर सिवान यार्ड (सिवान रेलवे स्टेशन से पचरुखी रेलवे स्टेशन के बीच अवस्थित लेवल क्रॉसिंग संख्या-91 एसपीएल पर रेल ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शामिल है। CM नीतीश ने जीविका दीदियों एवं अन्य लाभुकों के साथ किया संवाद साथ ही मुख्यमंत्री ने 67 करोड़ 47 लाख रुपये की लागत से सिवान आंदर पथ का चौड़ीकरण, 18 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से भण्टापोखर जीरादेई पथ का भाया जामापुर बाजार तक चौड़ीकरण, 10 करोड़ 12 लाख रुपये की लागत से सोनकारा, आन्दर में 33/11 के०वी० विद्युत शक्ति उपकेंद्र का निर्माण, 9 करोड़ 83 लाख की लागत से माधोपुर, महाराजगंज में 33/11 केवी विद्युत शक्ति उपकेंद्र के निर्माण, 9 करोड़ 43 लाख रुपये की लागत से मशरख-महाराजगंज 132 के०वी० संचरण लाइन का द्वितीय सर्किट स्ट्रिगिंग एवं सम्बद्ध लाईन 'बे' के निर्माण, 8 करोड़ 49 लाख की लागत से सिवान ग्रिड उपकेन्द्र में 80 एमवीए ट्रांसफार्मर के अधिष्ठापन कार्य का शिलान्यास/कार्यारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सिवान के नारायणपुर मोड़, पचरूखी स्थित कार्यक्रम स्थल पर बड़ी संख्या में उपस्थित पेंशनधारी लाभुकों, जीविका दीदियों एवं अन्य लाभुकों के साथ संवाद किया। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। वहां उपस्थित लोगों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि वृद्धजनो, दिव्यांगजनों एवं विधवा महिलाओं की पेंशन राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया गया है। इससे सभी लोग खुश हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली फ्री करने से लोगों को बहुत फायदा हो रहा है। वे लोग बचत राशि का उपयोग अन्य विकास कार्यों में कर रहे हैं। जीविका दीदियों ने महिलाओं के उत्थान की दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान ममता बहनों ने प्रोत्साहन राशि में दो गुना बढ़ोतरी किये जाने पर तथा आशा कार्यकर्ताओं ने प्रोत्साहन राशि तीन गुना वृद्धि किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मिड डे मील रसोइया, गृह रक्षा वाहिनी के लोगों ने भी मानदेय में वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री का आभार जताया। आप सभी बुलंदी के साथ रहिए और आगे बढ़िए- CM Nitish लाभार्थियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी बुलंदी के साथ रहिए और आगे बढ़िए। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी आप सभी जीविका दीदियां बहुत अच्छा काम कर रही हैं। आप लोग मन लगाकर काम करें, सरकार आप लोगों की हर संभव मदद कर रही है। अपने परिवार की तरक्की कीजिए और बिहार के विकास में अपना अहम योगदान दीजिए।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई: अमित हांसदा मारा गया, 10 लाख का इनाम खत्म

झारखंड देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए सुरक्षा बलों का अभियान लगातार जारी है. झारखंड-छत्तीसगढ़ बॉर्डर के नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस, झारखंड जगुआर, कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ के जवान बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. इन्हीं प्रयासों के तहत पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा क्षेत्र में रविवार सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए नक्सली संगठन के कुख्यात जोनल कमांडर अमित हांसदा को ढेर कर दिया. उस पर झारखंड सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। यह मुठभेड़ गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रेलापराल जंगल और बुरजूवा पहाड़ी के पास हुई। इसके बाद छत्तीसगढ़ से सटे सीमावर्ती इलाकों में सर्च अभियान को और तेज कर दिया गया है। इस ऑपरेशन को नक्सल विरोधी अभियानों में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, जिसने माओवादी संगठन के मनोबल को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुठभेड़ की पूरी कहानी चाईबासा एसपी को सूचना मिली थी कि गोईलकेरा थाना क्षेत्र के आराहासा पंचायत अंतर्गत रेलापराल गांव के पास नक्सली संगठन के कुछ सदस्य इकट्ठा हुए हैं. बताया गया कि ये नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. इस जानकारी के आधार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कोबरा इकाई, झारखंड पुलिस, और अन्य सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने रविवार सुबह 6:30 बजे एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बल जंगल में पहुंचे, नक्सलियों ने उन पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की और दोनों ओर से भीषण गोलीबारी हुई। कोबरा कमांडो और झारखंड पुलिस की भारी जवाबी फायरिंग के दबाव में नक्सली पीछे हटने लगे और घने जंगल का सहारा लेकर भागने की कोशिश की। इस दौरान जोनल कमांडर अमित हांसदा मुठभेड़ में मारा गया। खबर है कि, फोर्स द्वारा घेरे मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें हांसदा का शव बरामद हुआ। उसके पास से एक सेल्फ-लोडिंग राइफल, कारतूस, माओवादी पर्चे, और अन्य सामग्री भी जब्त की गई। कौन था अमित हांसदा? अमित हांसदा उर्फ अपटन भाकपा (माओवादी) का एक प्रमुख जोनल कमांडर था, जो पिछले एक दशक से पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, और खूंटी जिलों में सक्रिय था। वह कई हिंसक वारदातों, सुरक्षा बलों पर हमलों, सड़क निर्माण और सरकारी परियोजनाओं में बाधा डालने, और लेवी वसूली जैसे मामलों में वांछित था। उसकी गतिविधियों ने क्षेत्र में लंबे समय तक तनाव बनाए रखा था। झारखंड सरकार ने उसकी गिरफ्तारी या जानकारी के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। पुलिस के अनुसार, हांसदा का मारा जाना माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह संगठन की रणनीति और ऑपरेशंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। उसकी मौत से क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगने की उम्मीद है।

बिहार के 6 अमृत भारत स्टेशन होंगे नए उद्घाटन के साथ तैयार, 15 सितंबर को पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण

सुपौल आगामी 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्णिया में होंगे। इस दौरान वह पूर्णिया से ही पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल अंतर्गत अमृत भारत स्टेशन के तहत नवनिर्मित 06 रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे। इसमें 14.50 करोड़ की लागत से निर्मित सुपौल रेलवे स्टेशन भी शामिल है। इसको लेकर बीते 15 दिनों से रेलवे स्टेशन परिसर में काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस कार्यक्रम के साथ ही स्टेशन का नया भवन सहित पूरा परिसर आम यात्रियों की सुविधा के लिए चालू हो जाएगा। इसके अलावा 15 सितंबर से ही पूणे-दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस 12149/50 के सुपौल तक विस्तार की औपचारिक शुरुआत भी हो सकती है। सुपौल से लंबी दूरी के सफर के लिए यह पहली नियमित ट्रेन होगी। फिलहाल सुपौल से पैसेंजर ट्रेनों के अलावा केवल स्पेशल ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, जो यात्रियों की जेब पर भी भारी पड़ रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रेन के विस्तार को लेकर बीते 02 सितंबर को ही सांसद दिलेश्वर कामैत को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन रेलवे की ओर से इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। फिलहाल यह ट्रेन 03349/50 स्पेशल के रूप में सहरसा, बरौनी, हाजीपुर के रास्ते सुपौल और दानापुर के बीच चलती है। 03349 ट्रेन रोजाना दोपहर 02:30 बजे सुपौल के खुल कर रात 09:30 बजे दानापुर पहुंचती है। इसके बाद पुन: यह ट्रेन 12150 बन कर रात 11:15 बजे दानापुर से खुलती है और 28 घंटे 45 मिनट के सफर के बाद अगले दिन सुबह 04 बजे पूणे पहुंचती है। वही 12149 ट्रेन पूणे से रोजाना रात 09:05 बजे खुल कर 28 घंटे 45 मिनट का सफर करते हुए अगले दिन सुबह 02:15 बजे दानापुर पहुंचती है। इसके बाद 03350 स्पेशल बन कर सुबह 04:30 बजे दानापुर से पुन: उसी रास्ते दोपहर 01:15 बजे सुपौल पहुंचती है। ट्रेन के नियमित होने से यात्रियों को होगा लाभ 12149/50 पूणे-दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस के सुपौल तक नियमित हो जाने से खास तौर पर सुपौल वासियों को बड़ा लाभ होगा। इसके अलावा इस ट्रेन के नियमित ठहराव वाले सभी स्टेशन के यात्री लाभान्वित होंगे। दरअसल, फिलहाल इस ट्रेन से पूणे तक के सफर के लिए दानापुर स्टेशन से पहले सवार होने वाले यात्रियों को दो टिकट बनाना पड़ता था। ट्रेन का नंबर बदल जाने की वजह से यात्रियों को यह परेशानी होती थी। इसमें रिजर्वेशन के फिक्स चार्ज के अलावा अन्य कई प्रकार की फीस भी बढ़ जाती थी। लेकिन अब ट्रेन के नियमित होने के बाद एक बार में ही लोग अपने गंतव्य के लिए टिकट ले सकेंगे, जो सस्ता और सुलभ भी होगा। सुपौल से ट्रेन की शुरुआत होने की वजह से यहां रिजर्वेशन का कोटा भी अधिक रहने की उम्मीद है। हालांकि, नोटिफिकेशन के बाद ट्रेन के टाइमिंग में बदलाव हो सकता है। इन छह स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे पीएम 15 सितंबर काे पीएम नरेंद्र मोदी अमृत भारत स्टेशन के तहत विकसित सुपौल सहित कुल रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे। इसमें 41.60 करोड़ की लागत से विकसित सहरसा सहित 21.40 करोड़ से विकसित सलौना, 14.55 करोड़ से विकसित सिमरी बख्तियारपुर, 15.96 करोड़ से विकसित दौरम मधेपुरा और 23.35 करोड़ से विकसित बनमनखी स्टेशन शामिल है। इन स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन के रूप में चयन वर्ष 2022 में हुआ था। फरवरी 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया था। यात्रियों के लिए आरामदेह वेटिंग एरिया, पार्किंग की भी व्यवस्था अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित सुपौल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा गया है। आरामदेह वेटिंग हॉल के अलावा फ्री वाई-फाई सुविधा, कैंटिन, लिफ्ट, महिलाओं और दिव्यांगजनों के सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। परिसर में वाहनों के पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही एक कॉमर्शियल बुकिंग काउंटर बनाया गया है, जहां से लोग व्यवसायिक बुकिंग भी कर सकेंगे। समस्तीपुर रेल मंडल के पीआरओ आरके सिंह ने बताया कि 15 मई को पीएम संभवत: मंडल क्षेत्र के 06 अमृत भारत स्टेशनों का उद्घाटन कर सकते हैं। सुपौल में फिलहाल सामान्य और आरक्षित टिकट काउंटर बढ़ाने को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। डिमांड के अनुरुप काउंटर की संख्या बढ़ाई या घटाई जा सकती है। अभी त्रिवेणीगंज तक सेवा विस्तार में देरी सुपौल-अररिया नई रेल लाईन पर फिलहाल निर्माण कार्य जारी है और पिपरा तक ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। इस बीच मंगलवार को त्रिवेणीगंज तक स्पीड ट्रायल होने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 15 सितंबर से त्रिवेणीगंज तक ट्रेन परिचालन आरंभ हो सकता है। हालांकि समस्तीपुर रेल मंडल के पीआरओ आरके सिंह ने बताया कि अभी त्रिवेणीगंज तक ट्रेन विस्तार में कुछ विलंब हो सकता है। स्पीड ट्रायल के बाद सीआरएस जांच होनी है। लेकिन सीआरएस का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। जांच के बाद अगर सबकुछ ठीक रहा तो रेल परिचालन का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा जा सकता है। फिलहाल 15 सितंबर से त्रिवेणीगंज तक ट्रेन परिचालन की कोई योजना नहीं है।