samacharsecretary.com

रेलवे ने बढ़ाई सुविधा: त्योहारों के लिए 150 स्पेशल ट्रेनें चलाएगा

झुमरीतिलैया त्योहारों के मौसम में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। दशहरा, दीपावली और छठ जैसे प्रमुख पर्वों को देखते हुए भारतीय रेलवे ने यात्रियों की बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए 150 पूजा स्पेशल ट्रेनों के संचालन की घोषणा की है। ये ट्रेनें 21 सितंबर से 30 नवंबर तक कुल 2024 अतिरिक्त फेरों में चलाई जाएंगी। पूर्व मध्य रेलवे की ओर से 14 ट्रेनों की अधिसूचना जारी की गई है, जो पटना, गया, कोडरमा और धनबाद जैसे प्रमुख स्टेशनों से होकर गुजरेंगी। इन ट्रेनों के जरिए कुल 588 फेरे संचालित होंगे। पूर्व रेलवे से भी कोलकाता, सियालदह और हावड़ा जैसे भीड़भाड़ वाले स्टेशनों से 24 पूजा स्पेशल ट्रेनों के संचालन की अधिसूचना जारी की गई है, जिनके जरिए 198 फेरे तय किए जाएंगे। इसके अलावा पूर्व तट रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे के तहत भी विशेष ट्रेनों का संचालन होगा। इनसे प्रयागराज, कानपुर, रांची, टाटानगर, भोपाल, कोटा, रायपुर, बिलासपुर जैसे स्टेशनों को जोड़ा जाएगा। स्पेशल ट्रेनों की सूची, समय सारणी, रूट और ठहराव की जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट, आईआरसीटीस पोर्टल और नजदीकी स्टेशनों पर उपलब्ध है। यात्री अग्रिम आरक्षण करा यात्रा की योजना बना सकते हैं।

सड़क पर मचा कोहराम, रोहतास में आमने-सामने भिड़ीं बाइकें, 3 की मौके पर मौत

पटना  बिहार में रोहतास जिले नासरीगंज थाना क्षेत्र के बरडीहां सिकडडी एसएच- 81 पर रविवार की देर रात दो बाइक की आमने- सामने की भीषण टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं एक अन्य घायल हो गया।  बाइक के उड़ गए परखच्चे घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि रविवार की देर रात दो मोटरसाइकिल मेदनीपुर तांतो टोला पेट्रोल पंप के समीप आमने- सामने की भीषण टक्कर हुई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए। दुर्घटना में कछवां थाना क्षेत्र के पहरमा निवासी वैधानाथ राम के पुत्र हिमांशु कुमार (16) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अन्य घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने के दौरान ही काराकाट प्रखंड के मोथा निवासी स्व राम बच्चन कहार उर्फ धुमन के पुत्र रौशन कुमार उर्फ छोटन (30) की मौत हो गई।  वहीं इसी गांव के अवधेश पासी के पुत्र संतोष कुमार (22) को इलाज के लिए बनारस ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। जबकि, कछवां थाना क्षेत्र के पहरमा गांव निवासी बलिराम राम के पुत्र पवन कुमार (20) का बिक्रमगंज के अस्पताल में इलाज चल रहा है। सहायक पुलिस अधीक्षक और बिक्रमगंज के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संकेत कुमार ने बताया कि इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकिं एक घायल का इलाज हो रहा है।   

AK-47 समेत भारी हथियारों के साथ JJMP के 9 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष किया सरेंडर

लातेहार झारखंड पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। दरअसल आज यानी सोमवार लातेहार जिले में प्रतिबंधित संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) संगठन के नौ उग्रवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। नौ उग्रवादियों में एक जोनल कमांडर और चार उप-जोनल कमांडर शामिल हैं, जिन पर कुल 23 लाख रुपये का इनाम था। साथ ही उन्होंने  चार एके-47 राइफलों और तीन एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल) सहित बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस भी पुलिस को सौंपे हैं। पुलिस के वरीय अधिकारयों द्वारा उन्हें गुलदस्ते, शॉल और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि जेजेएमपी के जोनल कमांडर रविंद्र यादव पर पांच लाख रुपये का इनाम था और वह 14 मामलों में वांछित था। पुलिस ने बताया कि उसने दो एके-47, तीन राइफल और 1,241 कारतूस के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने बताया कि तीन उप-जोनल कमांडरों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था । उनमें 10 मामलों में वांछित अखिलेश रविन्द्र यादव, नौ मामलों में वांछित बलदेव गंझू और 21 मामलों में वांछित मुकेश राम शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि एक अन्य उप-जोनल कमांडर, जिसकी पहचान पवन उर्फ ​​राम प्रसाद के रूप में हुई है, उसपर 3 लाख रुपये का इनाम था और वह तीन मामलों में वांछित था। आत्मसमर्पण करने वाले चार क्षेत्रीय कमांडर ध्रुव, विजय यादव, श्रवण सिंह और मुकेश गंझू थे, जो कुल नौ मामलों में वांछित थे।

महिलाओं को रोज़गार प्रोत्साहन राशि: नीतीश कुमार का बड़ा दांव या चुनावी मास्टरस्ट्रोक?

पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की महिलाओं के उत्थान के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इस बार सीएम नीतीश ने महिलाओं को एक नया तोहफा दिया है। महिलाओं को रोजगार करने के लिए नीतीश कैबिनेट ने एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत अब अपना रोजगार शुरू करने के लिए बिहार की महिलाओं को 10 हजार रुपए की सहायता राशि मिलेगी जिसे वापस करने की भी कोई जरूरत नहीं है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे बिहार के विकास में और भी सक्रिय योगदान दे सकें। विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कदम को एक और बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। घर की एक महिला को मिलेगी 10 हजार रुपए की मदद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के हर परिवार की एक महिला को उनकी मनपसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देने का बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए की राशि सितंबर महीने में पात्र महिलाओं के खाते में जमा कर दी जाएगी। जल्द ही पात्र महिलाओं से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस योजना को लागू करने की ज़िम्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग को दी गई है। महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष हाट-बाज़ार भी बनाए जाएंगे। इस योजना की खास बात यह है कि 10 हजार रुपए की यह सहायता राशि महिलाओं को वापस नहीं करनी होगी। इसके अलावा, रोजगार को आगे बढ़ाने के लिए अगले 6 महीने के परफॉरमेंस का आकलन किया जाएगा और जिसका परफॉरमेंस अच्छा रहेगा इनको अधिकतम 2 लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी। इस पूरी योजना को आगे बढ़ाने में जीविका दीदी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। योजना का लाभ लेने के लिए कैसे करें आवेदन इच्छुक महिलाओं से आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी। इसकी पूरी व्यवस्था और प्रक्रिया का निर्धारण ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा, जिसमें नगर विकास एवं आवास विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा। योजना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया पोस्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के उत्थान से जुड़ी इस योजना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि, 'हम लोगों ने नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही महिला सशक्तिकरण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है।महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अब महिलाएं अपनी मेहनत से न केवल बिहार की प्रगति में अपना योगदान दे रही हैं बल्कि वे अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं। इसी मिशन को आगे बढ़ाते हुए हम लोगों ने महिलाओं के हित में अब एक महत्वपूर्ण एवं अभूतपूर्व निर्णय लिया है जिसके सकारात्मक दूरगामी परिणाम होंगे।' महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित रहे हैं नीतीश कुमार 2005 से पहले हर क्षेत्र में बिहार की महिलाएं पुरुषों से काफी पीछे छूट गई थीं। महिलाओं को विकास की मुख्यधारा में लाए बिना बिहार का विकास नहीं हो सकता था। यही वजह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा। महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। बिहार में महिलाओं से जुड़ी प्रमुख योजनाएं महिलाओं के शिक्षा और सशक्तिकरण, आरक्षण व प्रतिनिधित्व , महिला सुरक्षा व सामाजिक सुधार और आर्थिक व सामाजिक सहयोग के लिए अलग अलग योजनाएं लागू की गई हैं। इससे बिहार की महिलाएं विकास की मुख्यधारा से जुड़ गई हैं।   *शिक्षा व सशक्तिकरण   मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना की शुरुआत।   विश्व बैंक से लोन लेकर जीविका कार्यक्रम की शुरुआत।   *आरक्षण व प्रतिनिधित्व   पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण।   नगर निकाय संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण।   बिहार पुलिस में महिलाओं को 35% आरक्षण।   सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण।   अब सरकारी नौकरियों में बाहर की महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलेगा।   *महिला सुरक्षा व सामाजिक सुधार   महिलाओं की मांग पर शराबबंदी कानून लागू किया गया। महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा का विस्तार।   *आर्थिक व सामाजिक सहयोग   आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में इजाफा।   विधवा और बुजुर्ग महिलाओं की पेंशन ₹1100 कर दी गई।   महिलाओं को रोजगार के लिए ₹10,000 की सहायता।   पंचायत स्तर पर विवाह मंडप बनाने का निर्णय।

गांधी मैदान गूंजा विपक्षी नेताओं के संबोधन से, पुलिस ने रोकी वोट अधिकार यात्रा

पटना पटना में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा का अंतिम चरण शुरू हो गया है। यह पदयात्रा बिहार के 23 जिलों से गुजरते हुए सासाराम से 17 अगस्त को शुरू हुई थी। करीब 16 दिनों और 1300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करने के बाद यह यात्रा अब पटना के गांधी मैदान पर बड़ी रैली के साथ खत्म होगी। इस यात्रा का मकसद मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के खिलाफ लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने यात्रा रोकी पटना पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग कर राहुल-तेजस्वी समेत इंडिया ब्लॉक के पदयात्रा को रोक दिया। भारी पुलिस बल के साथ पुलिस ने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया है। जब पदयात्रा को डाकबंगला चौराहे पर रोका गया तो विपक्षी नेता वहीं रुककर जनता को संबोधित करने लगे। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल और सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले। इंडिया ब्लॉक के बड़े नेता हुए शामिल इस पदयात्रा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले, सीपीआई के डी. राजा और सीपीआई-एमएल के दीपंकर भट्टाचार्य जैसे कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। ये सभी नेता पटना एयरपोर्ट पर कांग्रेस और गठबंधन के कार्यकर्ताओं द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किए गए। इसके बाद सभी गांधी मैदान के लिए रवाना हुए जहां यात्रा का समापन समारोह शुरू हुआ। यात्रा का मकसद और अहमियत क्या है? यह यात्रा मतदाता सूची में कथित हेराफेरी के खिलाफ जनसामान्य में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से निकाली गई है। इस पदयात्रा के दौरान भारत के विभिन्न इलाकों से होकर गुजरते हुए लोगों को अपने वोट के अधिकार और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता के बारे में जागरूक किया गया। बिहार जैसे बड़े राज्य में यह कदम खास महत्व रखता है, जहां राजनीतिक जागरूकता को बढ़ाना बेहद जरूरी माना जा रहा है। पटना में विपक्षी नेताओं का जनसंपर्क डाकबंगला चौराहे पर यात्रा रोक दिए जाने के बाद राहुल और तेजस्वी ने वहीं से जनता को संबोधित किया। इस मौके पर विपक्षी नेताओं ने मतदाताओं को वोट अधिकार यात्रा के मकसद से अवगत कराया और चुनावी भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। गांधी मैदान में भी भारी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग जमा हुए, जिससे इस रैली का रंग और जोश दोनों बढ़ गए। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, प्रशासन सतर्क पटना पुलिस ने यात्रा को रोकने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की। डाकबंगला चौराहे और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर संभव सावधानी बरती। इस कदम को लेकर राजनीतिक हलकों में मतभेद भी देखे गए हैं।

हाथियों का आतंक जारी, महिला को कुचलकर उतारा मौत के घाट, ग्रामीणों में दहशत

गिरिडीह झारखंड के गिरिडीह में हाथियों का तांडव देखने को मिला जहां एक महिला को कुचल कर मार डाला। घटना के बाद से इलाके में खौफ का माहौल बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, घटना जिले के सरिया थाना क्षेत्र के घुठिया पेसरा गांव की है। मृतक महिला की पहचान 28 वर्षीय किरण देवी के रूप में हुई है। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि बीच रास्ते अचानक एक हाथी ने किरण देवी पर हमला कर दिया और कुचल कर मार डाला। जिससे किरण देवी की मौके पर ही जान चली गई। वहीं इस दर्दनाक घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।

मोदी पर राहुल का हमला, कहा- हाइड्रोजन बम की बारी, जनता को क्या जवाब देंगे?

पटना  बिहार के सासाराम से शुरू हुई राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का आज (एक सितंबर) को पटना में संपन्न हुई। इस मौके पर इंडिया अलायंस के सहयोगी दलों ने बड़ा मार्च निकाला। इस बीच जनसभा को संबोधित करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीजेपी को चेताते हुए कहा कि अब एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम आ रहा है। वोट चोरी की आपकी सच्चाई पूरी देश को पता चलने वाली है। बिहार क्रांतिकारी प्रदेश है, और इसने पूरे देश को संदेश दिया है, कि हम वोट चोरी नहीं होने देंगे। हाइड्रोजन बम के बाद नरेंद्र मोदी अपना चेहरा देश के लोगों को नहीं दिखा पाएंगे। राहुल ने कहा कि महादेवपुरा में 'वोट चोरी' के रूप में एटम बम के बाद, हम जल्द ही हाइड्रोजन बम लाएंगे। महात्मा गांधी की हत्या करने वाले अब लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। हाल ही में हमने देश के सामने 'वोट चोरी' का सबूत पेश किया। वोट चोरी का मतलब है लोगों के अधिकारों, लोकतंत्र और भविष्य की चोरी है। आपको बता दें हाल में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में अनियमितताओं के दावों का 'एटम बम' फोड़ते हुए बेंगलुरू सेंट्रल लोकसभा सीट की एक विधानसभा में एक लाख से अधिक फर्जी वोटरों के जरिए चुनावी धांधली का दावा किया था। नेता प्रतिपक्ष ने ने कहा कि हमारे लोगों ने कागज के वोटर लिस्ट से पता और फोटो मिलाकर काम किया और फिर देश के सामने सबूत रखा है। इसमें 17-17 घंटे लगे। बिहार के युवाओं से मैं कहना चाहता हूं कि वोट चोरी का मतलब अधिकार की चोरी, आरक्षण की चोरी, लोकतंत्र की चोरी, युवाओं के भविष्य की चोरी। यह सिर्फ वोट नहीं ले रहे बल्कि आपकी जमीन और राशन कार्ड सब कुछ ले जाकर अडाणी- अंबानी को दे देंगे। जिन शक्तियों ने महात्मा गांधी की हत्या की वहीं शक्तियां गांधी और आबंडेकर के संविधान की हत्या की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए हमने बिहार में यात्रा की है और आपका बेहतरीन साथ मिला है। बिहार के सारे के सारे युवा खड़े हो गए। इस दौरान राहुल ने 'वोट चोर' के नारे भी लगवाए।  

वोट अधिकार यात्रा पर रोक, पटना में विपक्षी नेताओं ने गांधी मैदान से किया भाषण

पटना  पटना में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा का अंतिम चरण शुरू हो गया है। यह पदयात्रा बिहार के 23 जिलों से गुजरते हुए सासाराम से 17 अगस्त को शुरू हुई थी। करीब 16 दिनों और 1300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करने के बाद यह यात्रा अब पटना के गांधी मैदान पर बड़ी रैली के साथ खत्म होगी। इस यात्रा का मकसद मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के खिलाफ लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने यात्रा रोकी पटना पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग कर राहुल-तेजस्वी समेत इंडिया ब्लॉक के पदयात्रा को रोक दिया। भारी पुलिस बल के साथ पुलिस ने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया है। जब पदयात्रा को डाकबंगला चौराहे पर रोका गया तो विपक्षी नेता वहीं रुककर जनता को संबोधित करने लगे। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल और सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले। इंडिया ब्लॉक के बड़े नेता हुए शामिल इस पदयात्रा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले, सीपीआई के डी. राजा और सीपीआई-एमएल के दीपंकर भट्टाचार्य जैसे कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। ये सभी नेता पटना एयरपोर्ट पर कांग्रेस और गठबंधन के कार्यकर्ताओं द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किए गए। इसके बाद सभी गांधी मैदान के लिए रवाना हुए जहां यात्रा का समापन समारोह शुरू हुआ। यात्रा का मकसद और अहमियत क्या है? यह यात्रा मतदाता सूची में कथित हेराफेरी के खिलाफ जनसामान्य में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से निकाली गई है। इस पदयात्रा के दौरान भारत के विभिन्न इलाकों से होकर गुजरते हुए लोगों को अपने वोट के अधिकार और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता के बारे में जागरूक किया गया। बिहार जैसे बड़े राज्य में यह कदम खास महत्व रखता है, जहां राजनीतिक जागरूकता को बढ़ाना बेहद जरूरी माना जा रहा है।   पटना में विपक्षी नेताओं का जनसंपर्क डाकबंगला चौराहे पर यात्रा रोक दिए जाने के बाद राहुल और तेजस्वी ने वहीं से जनता को संबोधित किया। इस मौके पर विपक्षी नेताओं ने मतदाताओं को वोट अधिकार यात्रा के मकसद से अवगत कराया और चुनावी भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। गांधी मैदान में भी भारी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग जमा हुए, जिससे इस रैली का रंग और जोश दोनों बढ़ गए। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, प्रशासन सतर्क पटना पुलिस ने यात्रा को रोकने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की। डाकबंगला चौराहे और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर संभव सावधानी बरती। इस कदम को लेकर राजनीतिक हलकों में मतभेद भी देखे गए हैं। नाम तेजस्वी का, काम अखिलेश अपना कर गए… पटना में राहुल के सामने दावेदारी के ऐलान का यूपी कनेक्शन!  बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा भले ही ना हुई हो, लेकिन सियासी सरगर्मी पूरी तरह बढ़ गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की जोड़ी ने बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' निकालकर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने का दांव चला है तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी रणक्षेत्र में उतरकर तेजस्वी यादव के लिए सियासी बैटिंग कर दी है. 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई इंडिया ब्लॉक की 'वोटर अधिकार यात्रा' अब 23 जिलों और 1300 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद पटना में समाप्त हो रही है. राहुल-तेजस्वी की यात्रा के आखिरी पड़ाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिरकत की. अपनी केवल डेढ़ दिन की बिहार यात्रा के दौरान अखिलेश यादव ने तेजस्वी यादव का नाम आगे करके पटना से यूपी की सियासत का एजेंडा तय करते हुए नज़र आए. बिहार में कांग्रेस का आरजेडी के साथ चुनाव लड़ना तय है, लेकिन वह तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाने के लिए तैयार नहीं है. 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान पत्रकारों ने कई बार राहुल गांधी से यह सवाल पूछा और हर बार उन्होंने खामोशी बनाए रखी. इतना ही नहीं, तेजस्वी ने राहुल को पीएम पद का उम्मीदवार तक बता दिया, उसके बाद भी कांग्रेस टस से मस नहीं हुई. ऐसे में अखिलेश ने बिहार में सियासी दस्तक देने के साथ ही तेजस्वी यादव के चेहरे पर अपनी रजामंदी देकर एक बड़ा सियासी दांव चला.   तेजस्वी के नाम पर अखिलेश रजामंद तेजस्वी यादव ने कहा कि 400 पार का नारा लगाने वालों को उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने आधे पर रोक दिया. अखिलेश के अनुभव का लाभ हमें बिहार में भी मिलेगा, उनके आने से हमें बहुत मजबूती मिली है. उन्होंने कहा कि हम लोगों को साथ मिलकर लड़ना है. बिहार की जनता जागरूक है. बीजेपी को चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देगी. इसके बाद अखिलेश यादव ने भी तेजस्वी यादव की खूब तारीफ की और कहा कि महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. अखिलेश ने कहा कि तेजस्वी यादव से बेहतर बिहार में कोई मुख्यमंत्री नहीं हो सकता. मैं हमेशा तेजस्वी यादव का साथ दूंगा और हर मदद करूंगा, क्योंकि उन्होंने बिहार के विकास के लिए काम किया है और नौकरी दी है. ऐसे में बिहार के लोग अपना भविष्य बनाने के लिए मतदान करें. अखिलेश ने यह बात राहुल गांधी और तेजस्वी की मौजूदगी में कही, क्योंकि कांग्रेस और राहुल गांधी ने बिहार में सीएम चेहरे के नाम पर चुप्पी साध रखी है. तेजस्वी के बहाने अखिलेश का दांव बिहार में जिस तरह से कांग्रेस और आरजेडी साथ हैं, उसी तरह से यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन है. अखिलेश यादव इस बात को जानते हैं कि बिहार में कांग्रेस ने सीएम चेहरे पर जिस तरह सियासी सस्पेंस बना रखा है, उसी तरह अगर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के 2027 के विधानसभा चुनाव में सियासी स्टैंड अपनाया, तो उससे सपा के लिए नई सियासी टेंशन पैदा हो जाएगी. यही वजह है कि अखिलेश यादव ने राहुल की मौजूदगी में तेजस्वी यादव के नाम पर अपनी मुहर लगाकर कांग्रेस पर सियासी दबाव बनाने के साथ-साथ अपने मन की बात भी कह दी है. बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी … Read more

प्रत्यय अमृत ने संभाला मुख्य सचिव का पदभार, नीतीश कुमार ने जताया विश्वास

पटना बिहार के नए मुख्य सचिव के रूप में 1991 बैच के आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत ने पदभार ग्रहण कर लिया। इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा को भावभीनी विदाई दी गई। समारोह में दोनों अधिकारियों के परिवारों के साथ बिहार सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रत्यय अमृत ने अब तक राज्य में विकास आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव जैसे अहम पदों की जिम्मेदारी संभाली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर प्रत्यय अमृत को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी। गौरतलब है कि 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अमृतलाल मीणा 31 अगस्त को नियत आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद 1 सितंबर से प्रत्यय अमृत ने औपचारिक रूप से मुख्य सचिव का पदभार संभाल लिया है।  

40 से ज्यादा वारदातों में वांछित नक्सली दबोचे, पुलिस को मिली बड़ी सफलता

रांची पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान में पुलिस ने दो कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। दोनों नक्सलियों पर 40 से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। उनके पास से हथियार सहित अन्य सामान बरामद किए गए हैं। पुलिस की पकड़ में आए नक्सलियों की पहचान सब जोनल कमेटी सदस्य संदीप उर्फ हिडिमा पाडेयाम (निवासी – बीजापुर, छत्तीसगढ़) और एरिया कमेटी सदस्य शिवा बोदरा उर्फ शिबु (निवासी – जोजोडीह, सरायकेला) के रूप में हुई है। इनकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके पास से एक पिस्टल, 11 जिंदा कारतूस, दो मैगजीन, दो वॉकी-टॉकी, डेटोनेटर और आईईडी बनाने की सामग्री भी बरामद की है। पश्चिम सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने रविवार को बताया कि यह कारर्वाई नक्सलियों के खिलाफ जारी अभियान की बड़ी सफलता है। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 30 अगस्त को गुप्त सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के शीर्ष नेता अनल उर्फ रमेश, मिसिर बेसरा, अजय महतो सहित कई नक्सली अपने दस्ते के साथ सारंडा क्षेत्र में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। सूचना के आधार पर अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) पारस राणा के नेतृत्व में चाईबासा पुलिस और कोबरा 209 बटालियन की संयुक्त टीम बनाई गई। अभियान के दौरान जराईकेला थाना क्षेत्र के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जहां से दोनों नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। संदीप उर्फ हिडिमा पाडेयाम पर झारखंड के विभिन्न थानों में हत्या, पुलिस पर हमले, विस्फोट, आर्म्स एक्ट, यूएपीए और सीएलए एक्ट समेत कुल 30 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह वर्ष 2015 से सक्रिय है और राज्य में कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दे चुका है।