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सूर्या हांसदा की हत्या पर बोले अर्जुन मुंडा – भ्रष्टाचार और लूट के खिलाफ उठाई आवाज बनी जानलेवा

रांची  झारखंड में भाजपा प्रदेश कार्यालय में सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच के लिए गठित सात सदस्यीय टीम की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, पूर्व सांसद सुनील सोरेन, प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल एवं अनीता सोरेन उपस्थित थे। बैठक में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जो प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को सौंपा जाएगा। बाद में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि ललमटिया दौरे पर जाने के बाद टीम ने स्व सूर्या हांसदा के परिजनों एवं वहां के प्रबुद्ध जन, स्थानीय जनता से घटना के संदर्भ में जानकारी ली। मुंडा ने कहा कि सभी ने स्पष्ट तौर पर आशंका जाहिर की कि स्व सूर्या हांसदा का इनकाउंटर फर्जी है तथा यह साजिशन हत्या है। उन्होंने कहा कि स्व हंसदा अवैध उत्खनन तथा भ्रष्टाचार का सदैव विरोध करते थे। उनका परिवार रूढ़िवादी पारम्परिक आदिवासी व्यवस्था का अगुआ है। उनका परिवार मांझी परिवार है। मुंडा ने कहा, स्व सूर्या हांसदा अपने आंदोलनों के कारण खनन माफियाओं के आंखों की किरकिरी बने हुए थे। उनके रास्ते में रोड़ा बनकर खड़े थे इसलिए उन्हें रस्ते से हटाने की साजिश रची गई। मुंडा ने कहा कि जिस मुकदमे में उनका एनकाउंटर दिखाया जा रहा उसमें वे नामजद भी नहीं थे।कहा कि स्व सूर्या हांसदा गरीब बच्चों के मसीहा थे। सैकड़ों बच्चों के शिक्षा की चिंता करते थे। आज वे बच्चे अनाथ महसूस कर रहे थे। मुंडा ने कहा कि भाजपा स्व सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की लड़ाई को अंतिम दम तक लड़ेगी। पार्टी परिवार के साथ खड़ी है। कहा कि आने वाले दिनों में पार्टी ठोस आंदोलन कार्यक्रम की घोषणा करेगी।  

विपक्ष का हंगामा तय! सरकार को घेरने की तैयारी में BJP-कांग्रेस

रांची झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र पुन: 22 अगस्त से शुरू होगा और 28 अगस्त तक चलेगा। इस बार सत्र के दौरान कुल चार बैठकें होगी। 23 अगस्त को शनिवार और 24 अगस्त को रविवार होने के कारण इन दोनों दिनों में बैठक नहीं होगी। इसके अलावा 27 अगस्त को भी अवकाश होगा। उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र पहले 1 अगस्त से 7 अगस्त तक निर्धारित था और इसका शुभारंभ एक अगस्त को हुआ भी था, लेकिन 4 अगस्त को दिशोम गुरु और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण सत्र को तत्काल प्रभाव से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। सदन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगन के बाद विधानसभा सचिवालय द्वारा पुन: बैठक का औपबंधिक कार्यक्रम जारी किया गया है। इसके अनुसार अब मानसून सत्र पुन: 22 अगस्त से शुरू होगा। सदन में 22 अगस्त को वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पेश की जाएगी। उसके बाद शोक प्रकाश होगा। 25 अगस्त को प्रश्नकाल होगा तथा प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पर चर्चा की जाएगी। 26 अगस्त को प्रश्नकाल होगा एवं राजकीय विधेयक पेश किया जाएगा जाएंगे। 28 अगस्त को प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक अन्य राजकीय कार्य होगा और गैर सरकारी संकल्प भी लिए जाएंगे।  

झारखंड में वन्यजीव सुरक्षा को बड़ा झटका, पलामू अभयारण्य से 9 शिकारी दबोचे गए

लातेहार झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में 9 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि उनके पास से जब्त की गई वस्तुओं में आठ देसी बंदूकें, 400 ग्राम बारूद, 14 ग्राम गंधक, बाघ को पकड़ने का पिंजरा, एक फंदा, एक कुल्हाड़ी और जानवरों के अंग शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि अभयारण्य से रविवार को 2 संदिग्ध शिकारियों को गिरफ्तार किया गया। उनके (शिकारियों) द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सोमवार को दो और शिकारियों को गिरफ्तार किया गया और मंगलवार को विस्फोटक और बारूद की आपूर्ति करने वाले सरफराज मियां को गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने बताया कि सरफराज मियां से पूछताछ के बाद अभयारण्य के विभिन्न हिस्सों से ये गिरफ्तारियां की गईं। उन्होंने बताया कि 13 अन्य शिकारियों की तलाश जारी है। सरफराज मियां वर्षों से उन्हें बारूद और विस्फोटक मुहैया करा रहा था। पीटीआर के उप निदेशक प्रजेश कांत जेना ने कहा, ‘‘अभयारण्य की सुरक्षा मजबूत कर दी गई है।'' उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने 10 साल पहले अभयारण्य के गारू वन क्षेत्र के चंदवा चट्टान में एक बाघ को मार डाला था। जेना ने बताया, ‘‘उन्होंने (शिकारियों) अभयारण्य में जंगली सूअर, हिरण और अन्य जानवरों का भी शिकार किया। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उनका कोई अंतरराष्ट्रीय संबंध है।'' जेना ने बताया कि पूछताछ के दौरान सरफराज मियां ने तपेश्वर सिंह नाम के एक व्यक्ति का नाम बताया। सिंह ने ही मियां को बारूद उपलब्ध कराया था। उन्होंने बताया, ‘‘इस सूचना के आधार पर वन विभाग की एक टीम ने तड़के करीब तीन बजे सिंह के आवास पर छापेमारी की और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान सिंह ने 10 शिकारियों के नाम बताए।

दोस्ती में छिपा खौफनाक राज! आर्टिस्ट पीयूष हत्याकांड में पांच आरोपी गिरफ्तार

सीवान बिहार के सीवान में टैटू आर्टिस्ट पीयूष हत्याकांड मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल पांच आरोपी दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में प्रयुक्त चाकू,खून लगा कपड़ा और 3 मोबाइल भी बरामद हुए हैं। वहीं, अन्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। आपसी विवाद में दोस्तों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया है। मंगलवार को बसंतपुर के खोड़ीपाकड़ नहर के किनारे से पीयूष का अधजला शव बरामद किया गया था। इसकी जानकारी महाराजगंज एसडीपीओ अमन ने प्रेसवार्ता कर दी है। निर्मम तरीके से की गई हत्या एसडीपीओ अमन ने बताया कि मंगलवार को बसंतपुर के खोड़ीपाकर नहर के किनारे भगवानपुर हाट के मलमलिया गांव निवासी स्वः रवीन्द्र सिंह के पुत्र पीयूष कुमार का अधजला शव बरामद किया गया था। पीयूष की निर्मम तरीके से गला रेतकर हत्या करने के बाद पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया था। इस घटना के बाद मृतक की मां रीमा देवी ने थाने में आवेदन देकर पीयूष के दोस्तों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। एसआईटी टीम का गठित सीवान एसपी मनोज तिवारी के निर्देश पर महाराजगंज एसडीपीओ के नेतृत्व में तुरंत एसआईटी टीम का गठन किया गया। गठित टीम के सभी पुलिस अधिकारी विशेष टीम के प्रयास से एसडीपीओ के नेतृत्व छापेमारी की। टीम ने महज तीन घंटे के भीतर हत्याकांड का खुलासा किया। पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया। घटना में प्रयुक्त चाकू और घटना को अंजाम देने के समय का आरोपी का खून लगा हुआ कपड़ा बरामद कर लिया गया है। मामले पर छापामार कार्रवाई जारी घटना में संलिप्त अन्य आरोपी के विरुद्ध लगातार छापामारी की जा रही है। गिरफ्तार किए गए आरोपी दोस्तों ने आपसी विवाद में हत्या की घटना को अंजाम दिया। साक्ष्य छुपाने के लिए शव को जलाने का प्रयास किया था, लेकिन शव अधजला होने की वजह से पहचान हो गई। गिरफ्तार युवकों की पहचान सीवान जिले के लकडीनवीगंज के खवासपुर निवासी विनोद कुमार सिंह के पुत्र अमन कुमार, भगवानपुर हाट के मलमलिया निवासी पंकज सिंह उर्फ पप्पू सिंह के पुत्र हिमांशु सिंह,रविन्द्र सिंह के पुत्र मोहित सिंह,बसंतपुर के हरायपुर निवासी सत्येंद्र सिंह के पुत्र अनीश कुमार और रतौली निवासी अवध पाण्डेय के पुत्र सूरज कुमार पाण्डेय के रूप में हुई है। वहीं, भगवानपुर के चरौली निवासी मुकेश सिंह का पुत्र मोहित सिंह फरार चल रहा है,जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

राहुल मुखिया के ठिकाने पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, इलाके में सुरक्षा कड़ी

मोतिहारी बिहार के मोतिहारी में गुरुवार सुबह सुबह एनआईए की रेड से पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। एनआईए के टीम ने कुख्यात अपराधी और चर्चित भूमाफिया राहुल मुखिया के घर पर छापेमारी की है। राहुल मुखिया के घर जिले के गोविंदगंज थाना क्षेत्र स्थित खजूरिया गांव में अहले सुबह से यह कार्रवाई शुरू हुई। वहीं, पकड़ी दयाल थाना क्षेत्र के थरबिटिया गांव में पूर्व मुखिया छेदी सिंह के घर पर भी रेड चल रही है। बताया जाता है कि इस छापेमारी में केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ साथ मोतिहारी पुलिस के जवान भी शामिल है। राहुल मुखिया का इतिहास पूर्व से भी आपराधिक रही है। शागिर्द कुणाल सिंह को पुलिस ने पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था वहीं, छेदी सिंह के बारे में भी यह बताया जाता है कि कहीं न कहीं उसकी संलिप्तता इनके साथ रही है, जिससे यह रेड पड़ी है। बताते चले कि 15 मार्च 2023 में राहुल मुखिया के शागिर्द कुणाल सिंह को पुलिस ने पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था। कुणाल के घर से पुलिस ने एके 47 बरामद किया था। इस मामले मे पिपराकोठी थाना मे पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराया था, जिसमे राहुल मुखिया सहित अन्य को आरोपित किया गया  था। आवास के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाया गया इस मामले में अपराधी कुणाल को आजीवन कारावास की सजा मिली है। वहीं, छापेमारी के दौरान किसी को घर के आस-पास आने-जाने की रोक लगा दी गई है। एनआईए की टीम ने आवास के चारों ओर सुरक्षा घेरा बना लिया है, ताकि कोई भी व्यक्ति अंदर या बाहर नहीं जा सके। राहुल मुखिया का नाम लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों और भूमाफियागिरी में सामने आता रहा है। बताया जाता है कि उसके खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं ।यही नहीं, वह बहादुरपुर पंचायत की मुखिया ज्योति कुमारी का पति भी है। ऐसे में इस छापेमारी ने स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक हलकों में भी खलबली मचा दी है।

चार प्‍वाइंट में समझिए सीएम नीतीश ने जेपी आंदोलनकारियों की पेंशन दोगुनी कर कैसे बनाई मजबूत छवि

लोकतंत्र रक्षक’ की छवि मजबूत करने में जुटे नीतीश, जानिए क्या है पूरी स्ट्रैटजी चार प्‍वाइंट में समझिए सीएम नीतीश ने जेपी आंदोलनकारियों की पेंशन दोगुनी कर कैसे बनाई मजबूत छवि चुनाव से पहले नीतीश का बड़ा दांव! जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी, विपक्ष पर दबाव पटना आपातकाल को 50 साल पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा राजनीतिक दांव चला है। उन्होंने जयप्रकाश नारायण आंदोलन से जुड़े सेनानियों की पेंशन राशि को दोगुना कर दी है। अब एक माह से छह माह तक जेल में रहे आंदोलनकारियों को 15 हजार और छह माह से अधिक समय तक जेल में रहे सेनानियों को 30 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।  सामाजिक असर भी डालेगा ये फैसला  इस फैसले पर कैबिनेट की ओर से मंजूर कर लिया गया है। साथ ही इसे 1 अगस्त से लागू कर भी दिया गया। इतना ही नहीं, यदि किसी सेनानी का निधन हो जाता है तो उनकी पत्नी/पति या आश्रित को भी यह पेंशन मिलती रहेगी। यानी यह योजना केवल आंदोलनकारियों तक सीमित नहीं बल्कि उनके परिवार तक असर डालेगी। समझिए राजनीतिक मायने गौर करने वाली बात ये है कि बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दो महीने के भीतर आचार संहिता भी लग जाएगी। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं, जो उन्‍हें सीधे राजनीतिक लाभ पहुंचाने वाला हो। जो ऐसे में यह फैसला भी सीधे-सीधे राजनीतिक लाभ पहुंचाने वाला माना जा रहा है। 1 जेपी सेनानियों का सीधा वोट बैंक  बिहार में करीब साढ़े तीन हजार की संख्या में जेपी आंदोलनकारी हैं। इसके अलावा उनके परिवार वाले आज भी मौजूद हैं। उनके सम्मान और पेंशन राशि को दोगुना करना नीतीश को इस वर्ग का अटूट समर्थन दिला सकता है। 2 ‘लोकतंत्र रक्षक’ छवि का मजबूत होना  नीतीश कुमार खुद जेपी आंदोलन की उपज हैं। ऐसे में यह कदम उन्हें लोकतंत्र के सच्चे रक्षक और जेपी की विरासत को आगे बढ़ाने वाले नेता के रूप में प्रोजेक्ट करता है। यह उनकी साख को पुराने वोटरों और नए युवाओं दोनों में मजबूत करता है। 3 भाजपा और कांग्रेस पर दबाव आपातकाल की याद दिलाकर नीतीश कुमार अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस को घेरने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। वहीं, भले ही प्रदेश में बीजेपी ओर जेडीयू के गठबंधन वाली सरकार है। मगर, भाजपा के सामने यह चुनौती होगी कि वह नीतीश की इस ‘जेपी कार्ड’ को कैसे काटे! ये अलग बात है कि भाजपा भी जेपी आंदोलन को अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि मानती रही है। लेकिन महत्‍वपूर्ण बात ये है कि जेपी आंदोलन से जुड़े क्रांतिकारियों का पेंशन दोगुना कर नीतीश कुमार ने आंदोलन का क्रेडिट और अपनी जन नायक नेता के रूप में तो जरूर मजबूत की है। 4 वरिष्ठ नागरिकों और पारिवारिक वोटरों पर असर  चूंकि इस पेंशन योजना का लाभ आश्रितों को भी मिलेगा, इसका असर हजारों परिवारों तक होगा। जो सिर्फ एक वर्ग नहीं, बल्कि उनके पूरे सामाजिक-परिवारिक दायरे में नीतीश के लिए सकारात्मक माहौल भी बनाएगा। चुनावी मास्टरस्ट्रोक! नई ऊंचाई पर काबिज हुए नीतीश विशेषज्ञ मानते हैं कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसा फैसला लेना महज एक ‘वेलफेयर स्टेप’ नहीं है, बल्कि यह एक सोचा-समझा राजनीतिक कदम है। यह न सिर्फ जेपी सेनानियों बल्कि पूरे राज्य में "लोकतंत्र के रक्षक" की भावना को जगाने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है। इससे नीतीश कुमार विपक्ष के मुकाबले एक नैतिक ऊंचाई पर खड़े दिखेंगे। जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी कर नीतीश कुमार ने जहां लोकतंत्र के सिपाहियों का मान बढ़ाया है, वहीं इस कदम से चुनावी समीकरण भी उनके पक्ष में जाते नजर आ रहे हैं।

बी डी कॉलेज के विद्यार्थियों ने किया बापू टावर का शैक्षणिक भ्रमण

पटना प्राचार्या प्रो. रत्ना अमृत के निर्देशानुसार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों एवं दर्शन से अवगत कराने हेतु महाविद्यालय के इतिहास, प्राचीन इतिहास और दर्शनशास्त्र विभाग के छात्र छात्राओं को बापू टावर संग्रहालय का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया । महात्मा गांधी की विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में बापू टावर संग्रहालय आगंतुकों के अनुभव में गहराई और प्रामाणिकता जोड़ती है ।यह शैक्षणिक भ्रमण निश्चित रूप से विद्यार्थियों की शोधपरक दृष्टि को बढ़ावा देगी । बापू टावर बच्चों , छात्रों , शोधकर्ताओं और गांधी के सिद्धांतों में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है । महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने महाविद्यालय की नई प्राचार्या प्रो रत्ना अमृत के प्रति आभार प्रकट करते हुए अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह भ्रमण उन्हें आजीवन याद रहेगा । ऐतिहासिक घटनाओं , गांधी के विचारों और बिहार के साथ उनके गहन संबंध की अपनी व्यापक प्रदर्शनी के साथ टावर का यह भ्रमण निस्संदेह एक ज्ञानवर्धक अप्रतिम अनुभव प्रदान करनेवाला साबित हुआ क्योंकि यह पारंपरिक स्मारकों से परे है । भ्रमण के लिए साथ जाने वाले शिक्षकों में डॉ दिव्या कुमार, डॉ मनिता कुमारी यादव , डॉ दिवाकर कुमार पांडेय , नीतू तिवारी, डॉ स्वर्णा कुमार, आलोक कुमार आदि शामिल थे ।

सिवान नगर निगम के ईओ के ठिकानों पर ईओयू की छापेमारी

सिवान नगर निगम के ईओ के ठिकानों पर ईओयू की छापेमारी – ईओयू ने डीए मामले में अनुभूति श्रीवास्तव के तीन ठिकानों पर की छापेमारी – वास्तविक आय से 78.91 प्रतिशत अधिक अवैध आय के मिले प्रमाण – ईओयू के डीआईजी ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी जानकारी पटना आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में सिवान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) अनुभूति श्रीवास्तव के ठिकानों पर ईओयू ने छापेमारी की। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अलग-अलग टीमों ने ईओ के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के एडेल्को ग्रीन्स स्थित पैतृक आवास, पटना के रूपसपुर थाना के तिलकनगर स्थित अर्पणा मेंशन के फ्लैट नंबर 406-बी एवं 407-बी तथा सिवान नगर कार्यपालक पदाधिकारी कार्यालय समेत अन्य ठिकानों पर सघन छापेमारी की। इस दौरान बड़ी संख्या में निवेश संबंधित दस्तावेजों के अलावा ज्वेलरी, कैश, बैंक खाते समेत अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनकी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने की अवैश संपत्ति बरामद की गई है। यह जानकारी ईओयू के डीआईजी (आर्थिक अपराध) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी।       डीआईजी ने कहा कि अब तक की जांच में उनके खिलाफ 71 लाख 1 हजार 908 रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला है, जो उनके वैद्य आय से 78.91 प्रतिशत अधिक है। जांच में यह बात सामने आई है कि अनुभूति श्रीवास्तव ने सीवान जिला में पदस्थापना के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध आय अर्जित की है। इस मामले को लेकर ईओयू में एफआईआर भी दर्ज की गई है। अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ 31 अगस्त 2021 को भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की धारा 13(1)(बी) के अंतर्गत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में उस समय भी इनके खिलाफ हुई कार्रवाई में 230 प्रतिशत अवैध आय का मामला सामने आया था। उस समय जांच में यह पाया गया था कि नवंबर 2013 से सितंबर 2021 के बीच आय के वैध स्रोतों से 1 करोड़ 99 लाख 77 हजार रुपये से अधिक की संपत्ति बरामद की गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया गया है। यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। निलंबन मुक्त होने के बाद उनकी तैनाती रक्सौल, सहरसा के बाद सीवान में हुई।  मधुबनी का कुख्यात तस्कर हुआ गिरफ्तार डीआईजी ने बताया कि मादक पदार्थों एवं द्रव्यों की तस्करी के मामले में मधुबनी के बिस्फी थाना क्षेत्र का रहने वाला कुख्यात तस्कर प्रभाकर चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे एनसीबी कोलकाता के सहयोग से गिरफ्तार कर जयपुर स्थित केंद्रीय कारा भेजा गया है। प्रभाकर के खिलाफ केंद्रीय वित्त मंत्रालय के स्तर से वारंट जारी किया गया था। वह पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में बेहद सक्रिय था। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पेपर लीक कांडः तीन महीने में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन आया सामने सिपाही पेपर लीक गिरोह का मुख्य आरोपी राजकिशोर साह को गिरफ्तार कर लिया गया है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के पेपर लीक से संबंधित मामले की जांच ईओयू के स्तर से की जा रही है। राजकिशोर अरवल जिला के करपी थाना के बख्तारी गांव का रहने वाला है। उसके बैंक खातों की जांच में पाया गया कि तीन महीने में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन सामने आय़ा है। इसमें बड़ा हिस्सा संजीव मुखिया गिरोह को ट्रांसफर हुआ है। इस मामले में दो कोचिंग संचालकों मुकेश सर और चंदन सर का नाम प्रमुखता से सामने आई है। इन दोनों का सत्यापन हो गया है। जल्द इनकी गिरफ्तारी होगी। कुछ अन्य कोचिंग संचालकों के नाम भी सामने आए हैं। सिम बॉक्स मामले में देवघर से हुई गिरफ्तारी ईओयू की साइबर टीम ने सिम बॉक्स मामले में देवघर के पारो थाना क्षेत्र से मुकेश को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इस मामले में वैशाली से सुल्तान को भी गिरफ्तार किया गया था। उसके साथ मुकेश के काफी चैट और पैसे की लेनदेन से जुड़े साक्ष्य बरामद किए गए हैं। इससे संबंधित काफी साक्ष्य बरामद मिलने के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई है। सिम बॉक्स मामले में 21 जुलाई को सबसे पहले सुपौल से हर्षित कुमार को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वैशाली और इससे जुड़ा देवघर का कनेक्शन सामने आने के बाद गिरफ्तारी की गई है। यह जानकारी डीआईजी (साइबर) संजय कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट 432 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें 115 वेबसाइटों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। शेष मामलों की जांच जारी है। साइबर से जुड़े मामलों का निपटारा भी बड़ी संख्या में किया जा रहा है।

इस महीने बिहार वालों को मिलने वाली है ‘विज्ञान का तीर्थ’ की सौगात!

इस माह के अंत तक खुलेगी डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी  इस महीने बिहार वालों को मिलने वाली है ‘विज्ञान का तीर्थ’ की सौगात!    बिहार को मिलेगा ‘विज्ञान का तीर्थ’! इस महीने होगा उद्घाटन… जानिए कैसा होगा  500 सीटों का ऑडिटोरियम, सेल्फी प्वॉइंट और 269 विज्ञान प्रदर्श वाली होगी सांइस सिटी पटना  बिहार और खास कर पटना के लोगों को जल्‍द ही एक जबरदस्‍त सौगात मिलने वाली है। महान वैज्ञानिक और भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की स्मृति में बन रही साइंस सिटी इसी माह के अंत तक जनता के लिए समर्पित होगी। भवन निर्माण विभाग ने इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। लगभग 20.5 एकड़ में फैली यह भव्य साइंस सिटी मोईन-उल-हक स्टेडियम के पास तैयार की गई है। साइंस सिटी का निर्माण बिहार की विज्ञान और शिक्षा यात्रा को एक नई ऊंचाई देगा।  होंगी ये पांच गैलरियां  बी ए साइंटिस्ट्स गैलरी बेसिक साइंस गैलरी सस्टेनेबल प्लैनेट गैलरी स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी गैलरी बॉडी एंड माइंड गैलरी 26 थीम पर आधारित होगी गैलरी यहां बनाए जा रही पांच गैलरियों को 26 थीम से सजाया जाएगा। जिस पर 269 विज्ञान प्रदर्श लगाए जाएंगे। पहले चरण में बी ए साइंटिस्ट्स गैलरी और बेसिक साइंस गैलरी में 47 प्रदर्श स्थापित किए जा रहे हैं। जो विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए अद्भुत होगा। साइंस सिटी सिर्फ विज्ञान प्रदर्श तक सीमित नहीं होगी, बल्कि यह युवाओं और बच्चों के लिए ज्ञान और मनोरंजन का बेहतरीन संगम बनेगी। साइंस सिटी में ये भी ​​होगा खास 500 सीटों की क्षमता वाला आधुनिक ऑडिटोरियम 150 छात्रों व 3 शिक्षकों के लिए डोरमेटरी 4डी थियेटर, बहुउद्देशीय हॉल और प्री-फंक्शनल हॉल कैफेटेरिया, पार्किंग, पेयजल और शौचालय एट्रियम बनेगा आकर्षण साइंस सिटी का एट्रियम एरिया खास तौर पर आकर्षक का केंद्र होगा। यहां सेल्फी पॉइंट, डिजिटल पैनल और म्यूरल्स लगाए जा रहे हैं। यानी यहां सिर्फ विज्ञान ही नहीं, बल्कि खूबसूरत माहौल का भी अनुभव मिलेगा। विद्यार्थियों और युवाओं के लिए बड़ा तोहफ़ा भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि के मुताबिक साइंस सिटी का सिविल वर्क पूरा हो चुका है और प्रदर्शों की इंस्टॉलेशन तेजी से हो रही है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी की जा रही है। यह साइंस सिटी न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों के लिए विज्ञान और नवाचार का अनूठा केंद्र बनने जा रही है।

पशुओं की ब्लडलाइन चेंज करने की कवायद में जुटा पटना जू

पशुओं की ब्लडलाइन चेंज करने की कवायद में जुटा पटना जू  93 प्रजाति के 1100 जानवर हैं पटना जू में  पेयरिंग और ब्लडलाइन चेंज से सुधरेगी व्यवस्था  पटना संजय गांधी जैविक उद्यान में अब ब्लडलाइन चेंज करने की कवायद शुरू की गई है। नए पशुओं को लाने की जगह जो जानवर पहले से यहां मौजूद हैं उनकी पेयरिंग और ब्लडलाइन चेंज करने की कोशिश की जा रही है। ब्लडलाइन चेंज करने के पीछे का उद्देश्य इनब्रिडिंग को रोकना और आने वाले बीमारियों से बचाना है। इन पशुओं की बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण कवायद है।  यह पहल पशुओं की सेहत, प्रजनन क्षमता और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि समय – समय पर ब्लडलाइन बदलना बहुत जरूरी है क्योंकि एक ही नस्ल या रक्तरेखा के पशुओं में लगातार प्रजनन से उनकी सेहत कमजोर होती है, बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है और प्रजनन क्षमता घट जाती है। जू प्रशासन ने बताया कि एक ही नस्ल के बीच लगातार मेटिंग करने से इनब्रिडिंग की समस्या आ रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए रक्तरेखा बदलने के लिए देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से जानवरों के आदान प्रदान की बात की जा रही है।  ब्लडलाइन चेंज करने के लाभ  ब्लडलाइन चेंज करने से वन्यजीवों में बीमारियों का खतरा कम होता है, उनका स्वास्थ्य भी ठीक होता है। साथ ही उनकी प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है और पशुओं में विविधता आती है। जीवों के संरक्षण के लिए यह प्रक्रिया बहुत जरूरी मानी जाती है। जू के निदेशक हेमंत पाटील ने बताया कि इसके लिए विभिन्न चिड़ियाघरों से बात हो रही है, वर्तमान में इस प्रक्रिया के लिए कोलकाता जू से जिराफ मंगाने के बात चल रही है। गैंडों के प्रजनन के बारे में बताते हुए भी उन्होंने बताया कि हमारे यहां विश्व में सर्वाधिक गैंडे हैं और उनकी भी संख्या बढ़ाने के लिए कोशिश की जा रही है। अभी हाल ही में दो स्टार कछुओं का भी जन्म हुआ है।