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राजीव कुमार टंडन होंगे मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष

भोपाल  राज्य शासन द्वारा मानव अधिकार आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन को अपने पद के साथ आगामी आदेश तक मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्राधिकृत किया गया है। राज्य शासन द्वारा 4 जुलाई 2025 शुक्रवार को आदेश जारी कर दिये गये हैं।

मुरैना जिले के पहाड़गढ़ वितरण केन्द्र में 5 एमवीए क्षमता का नया 33/11 केवी उपकेंद्र ऊर्जीकृत

मुरैना ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि मुरैना जिले केसबलगढ़ बिजली संभाग के पहाड़गढ़ वितरण केन्द्र के अंतर्गत ग्राम कोटसिरथरा में 5 एमवीए क्षमता का नया 33/11 केवी उपकेंद्र ऊर्जीकृत किया गया है। रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत इस नए 33/11 केवी उपकेंद्र की स्थापना से पहाड़गढ़  के कोटसिरथरा ग्रामा के सैकड़ों उपभोक्ताओं को निर्बाध तथा गुणवत्तापूर्ण सतत बिजली सप्लाई मिलेगी। मंत्री तोमर ने कहा है कि सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार कृत संकल्पित है और इस दिशा में निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नवीन 5 एमवीए 33/11 केवी उपकेंद्र स्थापित होने से एक ओर जहॉं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी वहीं दूसरी ओर विद्युत हानियां कम होकर प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।  

संसदीय राजभाषा समिति ने मध्यप्रदेश में हिंदी से एमबीबीएस कोर्स संचालन की सराहना की

भोपाल संसदीय राजभाषा समिति ने मध्यप्रदेश में हिंदी माध्यम से संचालित चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था की सराहना की है। समिति ने इस पहल को भारतीय भाषाओं में तकनीकी व उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में ठोस कदम बताया और सुदृढ़ीकरण के लिए सुझाव दिए। संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष श्री भर्तृहरि महताब (सांसद, लोकसभा, कटक – ओडिशा) की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में सम्पन्न हुई। समिति ने संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों से संवाद कर हिंदी माध्यम में अध्ययन से जुड़े अनुभव एवं पुस्तकों की गुणवत्ता पर फीडबैक प्राप्त किया। समिति ने सुझाव दिया कि प्रारंभिक स्तर पर आने वाली चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सतत निगरानी, चरणबद्ध समीक्षा तथा फीडबैक आधारित सुधारात्मक पहल अपनाई जानी चाहिए। बैठक में संसदीय राजभाषा समिति के सदस्य श्री उज्ज्वल रमण सिंह (सांसद, लोकसभा, इलाहाबाद – उत्तर प्रदेश), श्री शंकर लालवानी (सांसद, लोकसभा, इंदौर – मध्यप्रदेश), डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी (सांसद, राज्यसभा, मध्यप्रदेश), डॉ. अनिल सुखदेवराव बोंडे (सांसद, राज्यसभा, महाराष्ट्र), श्री हरिभाई पटेल (सांसद, लोकसभा, मेहसाणा – गुजरात), श्री कुलदीप इंदौरा (सांसद, लोकसभा, गंगानगर – राजस्थान) और श्री जियाउर्रहमान (सांसद, लोकसभा, संभल – उत्तर प्रदेश) उपस्थित रहे। समिति सचिव श्री प्रेमनारायण, हिंदी अधिकारी श्री मनोज कुमार और रिपोर्टर श्री मोहम्मद आरिफ़ भी बैठक में सम्मिलित हुए। गांधी चिकित्सा महाविद्यालय की स्वशासी समिति के अध्यक्ष श्री मयंक अग्रवाल और महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. कविता एन. सिंह ने समिति का स्वागत किया। उन्होंने प्रदेश में हिंदी माध्यम से मेडिकल शिक्षा की प्रगति पर प्रस्तुति दी। बताया गया कि प्रदेश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों के सहयोग से एमबीबीएस पाठ्यक्रम के सभी 15 विषयों की पुस्तकों का हिंदी में सफलतापूर्वक अनुवाद एवं संपादन किया गया है।  

हरदा जिले के 652 विद्यार्थियों के खाते में लेपटॉप की राशि अंतरित

विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र के पुनउर्त्थान के लिये पढ़ाई करें : मंत्री सारंग मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र के पुनउर्त्थान के लिये अध्ययन करें हरदा जिले के 652 विद्यार्थियों के खाते में लेपटॉप की राशि अंतरित भोपाल खेल एवं युवा कल्याण मंत्री और हरदा जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि विद्यार्थी समाज एवं राष्ट्र के पुनउर्त्थान के लिये अध्ययन करें। मंत्री सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में अनेक विकास कार्य किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी प्रसन्नता की बात है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लेपटॉप प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह हमारी बेहतर शिक्षा और व्यवस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर मध्यप्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाना है। मंत्री सारंग शुक्रवार को हरदा जिले के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय लेपटॉप वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हरदा जिले के 652 विद्यार्थियों के खाते में लेपटॉप की राशि अंतरित की गई। मंत्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश निरन्तर विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य देश को विश्व में बेहतर बना सकते हैं। विद्यार्थी पढ़ाई कर देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई केवल पैसा कमाने, घर एवं कॅरियर बनाने के लिये नहीं बल्कि देश और समाज के पुनउर्त्थान के लिये करें। मंत्री सारंग ने जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप जिले के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से चर्चा भी की। कार्यक्रम में विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने, जिला पंचायत अध्यक्ष गजेन्द्र शाह, उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गेहलोत, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती राजू कमेड़िया, उपाध्यक्ष नगर पालिका हरदा अंशुल गोयल, जिला अध्यक्ष राजेश वर्मा, पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल, पूर्व विधायक संजय शाह और बाल अधिकार आयोग सदस्य अनुराग पाण्डे उपस्थित थे। हरदा एवं टिमरनी के इंडोर स्टेडियम का किया लोकार्पण मंत्री सारंग ने कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा निर्मित हरदा एवं टिमरनी के इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण भी किया। प्रत्येक इंडोर स्टेडियम की लागत 1.69 करोड़ रूपये है। मंत्री सारंग ने कहा कि इन इंडोर स्टेडियम से खिलाड़ियों को बेडमिंटन, टेबल टेनिस, बास्केटबॉल, जिम, जिम्नास्टिक जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। मंत्री सारंग ने कहा कि स्टेडियम से खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को निखार कर क्षेत्र का गौरव बढ़ा सकेंगे। इस अवसर पर मंत्री सारंग ने नगर पालिका द्वारा क्रय की गई टोईंग वेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस वेन की कीमत 29.44 लाख रूपये है। उन्होंने कहा कि इस वेन के माध्यम से हरदा शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू हो सकेगी। मंत्री सारंग ने जिले के प्रवास के दौरान प्राचीन गंजालेश्वर महादेव मंदिर में पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। उन्होंने मंदिर प्रांगण में पौधरोपण कर हरियाली संवर्धन का संकल्प भी दिलवाया।  

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने की जनसुनवाई

भोपाल  राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर एवं आयोग के सदस्य श्री भुवन भूषण कमल ने शुक्रवार को प्रदेश की पिछड़ा वर्ग सूची में सम्मिलित 32 जातियों को मध्यप्रदेश राज्य की केन्द्रीय सूची में सम्मिलित करने के लिए राजकीय अतिथि गृह (वीआईपी गेस्ट हाउस) भोपाल में जनसुनवाई की। जिसमें इन जातियों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में सम्मिलित होने के लिये अपना पक्ष प्रस्तुत किया। सचिव राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने बताया कि वर्तमान स्थिति में केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में मध्यप्रदेश राज्य के लिए 68 जातियां सम्मिलित हैं। जबकि मध्यप्रदेश शासन की सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जाति की सूची में 94 जाति/उपजाति/वर्ग समूह सम्मिलित हैं। ज्ञातब्य है कि मध्यप्रदेश शासन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद से इन 32 जाति/उपजाति/वर्ग समूह के सामाजिक, शैक्षणिक एवं सेवा में पिछड़ेपन के आंकड़े एकत्रित करने के लिए सर्वे कार्य कराया गया है। फील्ड सर्वे के उपरांत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा इन जातियों के आकड़े शासन को प्रस्तुत किए गये है। इन आंकड़ों का अध्ययन करने के लिये जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, सदस्य श्री सीताराम यादव, विभागीय प्रमुख सचिव डॉ. ई. रमेश कुमार, अपर सचिव श्री अनुराग चौधरी, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण आयुक्त श्री सौरभ के. सुमन मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव डॉ. देवेश कुमार मिश्रा सम्मिलित रहें।  

MP के राजा भोज और खजुराहो हवाई अड्डों ने जनवरी से जून 2025 के बीच ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण में देश में शीर्ष स्थान हासिल किया

भोपाल  मध्य प्रदेश के राजा भोज और खजुराहो हवाई अड्डों ने जनवरी से जून 2025 के बीच ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण में देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इनके साथ राजस्थान का महाराणा प्रताप हवाई अड्डा उदयपुर भी पहले स्थान पर रहा। तीनों को 5 में से 5 अंक मिले हैं। भोपाल हवाई अड्डे ने यह मुकाम दूसरी बार पाया है। राजा भोज और खजुराहो हवाई अड्डों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दोनों को ग्राहक संतुष्टि के मामले में देश में पहला स्थान मिला है। यह सर्वेक्षण जनवरी से जून 2025 के बीच किया गया था। भोपाल हवाई अड्डे के लिए यह गर्व का क्षण है। उसने दूसरी बार यह स्थान हासिल किया है। इससे पहले 2023 में भी भोपाल हवाई अड्डे को पहला स्थान मिला था। 60 हवाई अड्डों को किया गया था शामिल इस सर्वेक्षण में कुल 62 हवाई अड्डों में से 60 को शामिल किया गया था। जैसलमेर और तेजपुर हवाई अड्डों को शामिल नहीं किया गया। क्योंकि वहां नियमित उड़ानें नहीं थीं। सर्वेक्षण में ग्राहक संतुष्टि को 5 में से अंक दिए गए। इस दौरान औसत स्कोर 4.59 रहा। भोपाल हवाई अड्डे के निदेशक रामजी अवस्थी ने कहा कि हमने यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। जबलपुर और ग्वालियर एयरपोर्ट को मिला ये स्थान भोपाल एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन में अब बैठने की बेहतर व्यवस्था, चार्जिंग स्टेशन और परिसर में बेहतर वाई-फाई कनेक्टिविटी की सुविधा है। सर्वेक्षण में जबलपुर एयरपोर्ट को 10वें और ग्वालियर एयरपोर्ट को 11वें स्थान पर रखा गया है। एयरपोर्ट ने स्थानीय हस्तशिल्प की दुकानों और मध्य प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों की दुकानों के साथ अपनी खुदरा पेशकश का भी विस्तार किया है। फूड कोर्ट में अब अंतरराष्ट्रीय व्यंजन और क्षेत्रीय विशिष्टताएँ दोनों शामिल हैं, जो यात्रियों की विविध प्राथमिकताओं को पूरा करते हैं।

मैहर में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, 6526 क्विंटल की आर्थिक क्षति की वसूली, खरीदी प्रभारी के भू स्वामित्व की नीलामी कर वसूली जायेगी

मैहर  मैहर में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। यहां खरीफ उपार्जन वर्ष 2024-25 में सेवा सहकारी समिति जरौहा (मनकीसर) ने धान उपार्जन के काम लापरवाही बरती। अनियमितता के कारण धान में आई कुल शार्टेज 6526 क्विंटल की आर्थिक क्षति की वसूली समिति के धान उपार्जन प्रभारी दीपेन्द्र सिंह और खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी (राजीव) के भू स्वामित्व में दर्ज आराजी की नीलामी कर वसूली जायेगी। दरअसल, मैहर जिले की कलेक्टर रानी बाटड ने सेवा सहकारी समिति जरौहा द्वारा धान उपार्जन में की गई गड़बड़ी और आर्थिक क्षति को गंभीरता से लेकर राशि वसूली के प्रयास तेज कर दिये हैं। सेवा सहकारी समिति जरौहा में अनियमितता के दोषी उपार्जन केन्द्र प्रभारी दीपेन्द्र सिंह एवं अन्य के विरूद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही जिला उपार्जन समिति के निर्णय के अनुसार कलेक्टर मैहर ने सेवा सहकारी समिति जरौहा को भविष्य में किसी भी उपार्जन कार्य के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। कलेक्टर ने उपार्जन कार्य में संलग्न रहे धान उपार्जन प्रभारी दीपेन्द्र सिंह, खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी (राजीव) और आपरेटर अनिल कुमार दहायत को किसी भी अन्य समिति में नियोजन से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। 6 हजार 526 क्विंटल धान पाई गई कम सेवा सहकारी समिति जरौहा द्वारा धान उपार्जन में घोटाले के कारण 6 हजार 526 क्विंटल का धान कमी पाई गई। जिसमें शासन को हुई आर्थिक क्षति की नियमानुसार वसूली का निर्णय भी जिला उपार्जन समिति मैहर ने लिया है। कलेक्टर मैहर रानी बाटड के निर्देशानुसार राजस्व अधिकारियों ने संबंधित दोषियों को कई बार आरआरसी वसूली की नोटिस जारी कर राशि जमा कराने के निर्देश जारी किये गये हैं। राशि वसूली के लिए नीलाम होगी जमीन राशि की वसूली नहीं हो पाने पर राजस्व वसूली के नियमानुसार इन दोषी व्यक्तियों के भू स्वामित्व में दर्ज भूमि को नीलाम कर वसूली करने के निर्देश दिये गये हैं। न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त झिन्ना, तहसील रामनगर ने नीलामी की तिथि 28 जुलाई 2025 नियत करते हुए आम नीलामी की सूचना भी जारी कर दी गई है। दोनों दोषियो की इतनी जमीन होगी नीलाम इसके अनुसार दीपेन्द्र सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह ग्राम पैपखरा, तहसील रामनगर की पैपखरा स्थित पटवारी हल्का नम्बर 56 की आराजी नम्बर 142/2 रकबा 0.073 हेक्टेयर, 599/1 रकबा 0.808 हेक्टेयर, 192/2 रकबा 0.963 हेक्टेयर, 699/688 रकबा 1.235 हेक्टेयर कुल किता 04 कुल रकबा 3.079 हेक्टेयर में से दीपेन्द्र सिंह का हिस्सा 1/4 अर्थात 0.770 हेक्टेयर भूमि की सार्वजनिक नीलामी की जायेगी। 28 जुलाई को होगी नीलामी इसी प्रकार मैहर जिले के रामनगर तहसील के पैपखरा निवासी संजीव तिवारी पुत्र सौखीलाल तिवारी की ग्राम बेलहाई पटवारी हल्का नम्बर 48 स्थित आराजी नम्बर 25/2 रकबा 0.304 हेक्टेयर भूमि की खुली नीलामी 28 जुलाई सोमवार को तहसील कार्यालय रामनगर जिला मैहर के सभाकक्ष में की जायेगी। आम नीलामी के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए नायब तहसीलदार वृत्त झिन्ना के कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।  

रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक महिला श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति सुरक्षा उपायों के साथ प्रदान की गई

महिलाओं को रात की पाली में कारखानों में काम करने की विशेष अनुमति महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने के लिए सुरक्षा और शर्तों का संस्थानों को पालन करना होगा  रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक महिला श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति सुरक्षा उपायों के साथ प्रदान की गई भोपाल  पुख्ता सुरक्षा उपायों और विशेष नियम एवं शर्तों को लागू करने की अनिवार्यता के साथ मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं को दुकानों, वाणिज्यिक संस्थानों और कारखानों में रात की पाली (नाइट शिफ्ट) में काम करने की अनुमति दी है। संस्थानों में महिला श्रमिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण दिया जाएगा। राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 एवं कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत महिला श्रमिकों को कुछ शर्तों के साथ कार्य करने की अनुमतिदी है। इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गए है। दुकानों एवं वाणिज्यिक स्थापनाओं के लिए जरूरी निर्देश दुकानों एवं वाणिज्यिक स्थापनाओं में रात्रि पाली में 9 बजे से सुबह 7 बजे तक कार्य करने के लियेनियोजकों को महिला श्रमिकों की लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा। कम से कम 5 महिला श्रमिक के समूह में ही उन्हें कार्य पर लगाया जाएगा। कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण, शौचालय, वॉशरूम, पेयजल और विश्राम कक्ष जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इन सुविधाओं तक आगागमन का मार्ग अच्छी तरह से प्रकाशित तथा सीसीटीवी की निगरानी में होगा। जहां 10 या अधिक महिलाएं कार्यरत हों, वहां महिला सुरक्षाकर्मियों (गार्डस) की व्यवस्था करनी होगी एवं विश्राम कक्ष भी उपलब्ध कराया जायेगा। सभी प्रतिष्ठानों को लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पूर्ण पालन करना होगा। कारखानों के लिए विशेष शर्तें कारखानों में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक महिला श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति सुरक्षा उपायों के साथ प्रदान की गई है। रात की पाली में कार्य करने के लिये महिला श्रमिकों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी और उन्हें पांच से अधिक समूह में नियोजित किया जाएगा। महिला कर्मचारियों के लिए घर से लाने और ले जाने की परिवहन सुविधा देना नियोक्ता की जिम्मेदारी होगी। कार्यस्थल पर प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, शौचालय, भोजन व विश्राम कक्ष उपलब्ध होंगे। कार्य स्थल के प्रवेश एवं निकास पर महिला सुरक्षाकर्मी (गार्डस) उपलब्ध होगी। ठहरने की व्यवस्था महिला वार्डन अथवा सुपरवाइजर के नियंत्रण में होगी। रात्रि पाली में सुपरवाइजरी स्टाफ का एक-तिहाई हिस्सा महिलाएं होंगी। पाली परिवर्तन के दौरान कम से कम 12 घंटे का अंतराल जरूरी होगा। कारखानों में लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पूर्ण पालन करना अनिवार्य होगा।  

CBI ने SI को गुना से हिरासत में लिया, देवा पारदी कस्टडी मौत केस में पहली गिरफ्तारी

गुना  गुना के बहुचर्चित देवा पारदी कस्टडी डेथ केस में एक बड़ा अपडेट आया है। सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी करते हुए एसआई देवराज सिंह परिहार को हिरासत में ले लिया है। यह मामला 15 जुलाई 2024 का है, जब म्याना पुलिस ने देवा पारदी को एक चोरी के केस में पूछताछ के लिए उठाया था। अगली ही शाम देवा की लाश पोस्टमार्टम रूम में मिली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच शुरू हुई और अब एसआई देवराज सिंह परिहार की गिरफ्तारी हुई है। बुधवार को सीबीआई की टीम अचानक गुना पहुंची। टीम सीधे एसपी ऑफिस गई। वहां से आरोपी एसआई देवराज सिंह परिहार को अपने साथ लेकर रवाना हो गई। इस गिरफ्तारी से मामले में आगे की कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है। शादी के दिन देवा की गिरफ्तारी बता दें कि बीलाखेड़ी गांव में रहने वाले देवा पारदी की शादी होने वाली थी। उसकी उम्र 25 साल थी। घर में तैयारियां चल रही थी। उसी शाम बारात गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क जाने वाली थी। तभी म्याना पुलिस गांव पहुंची। पुलिस ने देवा और उसके चाचा गंगाराम को बारात में जाने वाले ट्रैक्टर से ही थाने ले गई। पुलिस का कहना था कि उन्हें एक चोरी के केस में पूछताछ करनी है और कुछ सामान बरामद करना है। लेकिन अगली ही शाम एक दुखद खबर आई। परिजनों को जिला अस्पताल से सूचना मिली कि एक पारदी युवक की लाश पोस्टमार्टम रूम में है। जब परिजन वहां पहुंचे, तो उन्हें देवा की मौत की जानकारी मिली। मौत के बाद परिजनों का हंगामा देवा की मौत की खबर से पूरे इलाके में बवाल मच गया। पारदी समुदाय की महिलाएं जिला अस्पताल पहुंची और विरोध प्रदर्शन किया। देवा की चाची और होने वाली दुल्हन ने गुस्से में अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की। लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचा लिया। महिलाओं ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि म्याना थाने में देवा और गंगाराम की बुरी तरह पिटाई की गई। इसी पिटाई के कारण देवा की मौत हो गई। इसके दो दिन बाद 17 जुलाई को महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और अपने कपड़े तक उतार दिए थे। जांच में जुटी सीबीआई इस मामले की गंभीरता को देखते हुए देवा की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को सीबीआई को सौंप दिया। कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि एक महीने में आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। इसी आदेश पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने बुधवार को एसआई देवराज सिंह परिहार को गिरफ्तार किया। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में और भी पुलिसकर्मी शामिल हैं। सीबीआई की कार्रवाई से अब उम्मीद है कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होंगी।

समाजसेवी डॉक्टर एमसी डाबर का आज 80 वर्ष की उम्र में निधन, 50 वर्षों से 20 रुपए में गरीबों का इलाज करते थे

जबलपुर प्रसिद्ध चिकित्सक, जबलपुर के गौरव और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. एम.सी. डावर का आज दुखद निधन हो गया। वे वर्षों तक मात्र 2 रुपये में गरीबों का उपचार कर जनसेवा में लगे रहे। उनके निधन की जानकारी मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने एक्स पर साझा की।मध्यप्रदेश के जबलपुर में 50 वर्षों से गरीब और जरूरतमंद मरीजों की सेवा करने वाले प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एमसी डाबर का शुक्रवार (4 जुलाई 2025) सुबह निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे और जीवन भर केवल 20 रुपए फीस लेकर गरीबों का इलाज किया। डॉ. एमसी डाबर लाखों मरीजों के जीवन में आशा की किरण बने रहे। उनका निधन शहर के लिए अपूरणीय क्षति है।     2 रुपये में गरीबों का इलाज करने वाले सुप्रसिद्ध चिकित्सक, जबलपुर के गौरव, पद्मश्री डॉ. एम.सी. डाबर जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उनका जाना सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है। अपने एक्स पर मंत्री राकेश सिंह ने लिखा कि डॉ. एम.सी. डावर जी का जाना सामाजिक सेवा के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। डॉ. डाबर जबलपुर के गोरखपुर क्षेत्र में क्लिनिक चलाते थे, जहां दूर-दराज से मरीज इलाज के लिए आते थे. भीड़ इतनी होती थी कि रोजाना सैकड़ों मरीज उनके घर के बाहर लाइन लगाकर खड़े रहते थे. वे खुद ही मरीजों की जांच करते, दवा लिखते और जरूरत पड़ने पर आर्थिक मदद भी करते थे. उनकी मृत्यु से चिकित्सा जगत और समाज ने एक सच्चे सेवक को खो दिया है. अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग उनके निवास पर पहुंचने लगे. कई लोगों की आंखें नम थीं. हर कोई यही कह रहा है कि डॉ डाबर जैसा डॉक्टर इस युग में मिलना मुश्किल है. जीवन परिचय: पाकिस्तान से जबलपुर तक का सफर डॉ. डाबर का जन्म 16 जनवरी 1946 को पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। देश के विभाजन के बाद वे अपने माता-पिता के साथ भारत आ गए। बहुत कम उम्र में पिता का साया सिर से उठ गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पंजाब के जालंधर से स्कूल की पढ़ाई पूरी कर वे जबलपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और 1967 में MBBS की डिग्री प्राप्त की। सेना में सेवा और 1971 की जंग डॉ. डाबर ने 1971 की भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय सेना में चिकित्सक के रूप में सेवा दी। उस समय उनकी पोस्टिंग बांग्लादेश सीमा पर थी, जहां उन्होंने सैकड़ों घायल जवानों का इलाज किया। स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्हें समय से पहले सेवा छोड़नी पड़ी, जिसके बाद उन्होंने जबलपुर में चिकित्सा सेवा शुरू की। जालंधर से की थी स्कूली पढ़ाई डॉ. एमसी डाबर का जन्म 16 जनवरी 1946 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत में आकर बस गया। मात्र डेढ़ साल की आयु में उनके पिता का निधन हो गया था। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई जालंधर से की थी। उन्होंने 1967 मध्यप्रदेश के जबलपुर से एमबीबीएस की डिग्री ली थी। डाबर भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर थे। हालांकि खराब सेहत को देखते हुए उन्होंने सेना से इस्तीफा दे दिया था। डाबर ने 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी थी। 51 साल से 200 मरीजों का इलाज कर रहे थे 1972 से वे मध्यप्रदेश के जबलपुर में मात्र 2 रुपये में लोगों का इलाज कर रहे थे। इसके बाद 1997 में 5 रुपये लेने लगे। 2012 में 10 रुपये और मौजूदा समय में 20 रुपये चार्ज करते थे। भारत सरकार ने 2023 में चिकित्सा क्षेत्र में उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था। डॉ. डाबर के बारे में एक और रोचक बात थी। वे पिछले 51 साल से रोजाना 200 मरीजों का इलाज कर रहे थे। उनके पास तीन-तीन पीढ़ियों के मरीज थे। डॉ. डाबर के पास न केवल जबलपुर बल्कि दूर-दराज के शहरों से भी मरीज आते थे। 2 रुपए से शुरू की सेवा, कभी नहीं रोकी डॉ. एमसी डाबर ने जबलपुर में सस्ते इलाज की शुरुआत 10 नवंबर 1972 को की थी। पहले मरीजों से सिर्फ 2 रुपए शुल्क लेते थे, लेकिन महंगाई बढ़ी तो 1986 में यह फीस 3 रुपए फिर 5 और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 20 रुपए कर दिया, लेकिन कभी लाभ कमाने की कोशिश नहीं की। डॉ. डाबर हमेशा वही पुराना टेबल-कुर्सी और बेड इस्तेमाल करते रहे, जो 1972 में खरीदे थे। वह कहते थे कि सादा जीवन उच्च विचार ही मेरी पूंजी है। दिन में 200 मरीज फिर भी मुस्कान डॉ. डाबर हफ्ते में 6 दिन काम करते थे और रोज़ाना 150 से 200 मरीजों का इलाज करते थे। उनकी सादगी और समर्पण का आलम ये था कि जब 1986 में उन्हें किडनी फेलियर हुआ, तब उनके मरीज मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों में दुआ करने पहुंचे। पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान भारत सरकार ने डॉ. डाबर को उनके अद्भुत सेवा कार्यों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया था। 2019 में वे पद्मभूषण के लिए भी नॉमिनेट किए गए। ओपी खरे ने बताया कि ऐसा डॉक्टर दोबारा जन्म नहीं लेता। डॉ. डाबर ने हजारों जानें बचाईं हैं। अंतिम यात्रा, लोगों ने दी श्रद्धांजलि उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार शाम 4 बजे, उनके निज निवास से गुप्तेश्वर मुक्तिधाम के लिए निकलेगी। जबलपुर शहर सहित पूरे मध्यप्रदेश में शोक की लहर है। जबलपुर निवासी रामू साहू पिछले 30 वर्षों से डॉ. डाबर के पास इलाज के लिए आते थे। उन्होंने बताया कि हमारे लिए वे डॉक्टर नहीं भगवान थे। उनकी फीस से ज्यादा तो आज दवाओं की रेट होती है, लेकिन उन्होंने कभी रुपए की चिंता नहीं की। सेवा, सादगी और संवेदना के मिसाल थे डॉ डाबर डॉ. एमसी डाबर सिर्फ एक डॉक्टर नहीं बल्कि सेवा, सादगी और संवेदना के प्रतीक थे। चिकित्सा सेवा जब इतनी महंगी होती जा रही है, ऐसे समय में भी डॉ. डाबर ने साबित कर दिया कि इंसानियत अभी जिंदा है। उनके द्वारा दिया गया उदाहरण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्तंभ रहेगा।