samacharsecretary.com

हरियाणा में महंगी स्कूली पढ़ाई पर सुरजेवाला का तंज– ‘ये है सैनी का शिक्षा मॉडल’

चंडीगढ़ कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसी 'राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण' (NSS) की रिपोर्ट- 2025 के मुताबिक ही हरियाणा में स्कूली शिक्षा, देशभर के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा महंगी है। इस संबध में सुरजेवाला ने अपने x पर पोस्ट शेयर करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया ।  राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के 80वें दौर के व्यापक मॉड्यूलर सर्वेक्षण: शिक्षा, 2025 के अनुसार, हरियाणा में एक शैक्षणिक वर्ष के दौरान स्कूली शिक्षा पर प्रति छात्र औसत खर्च 25,720 रुपये है, जो चंडीगढ़ के बाद दूसरे स्थान पर है और राष्ट्रीय औसत से दोगुना से भी ज़्यादा है। चंडीगढ़ में स्कूली शिक्षा पर प्रति शैक्षणिक वर्ष 49,711 रुपये खर्च होते हैं। पंजाब (22,692 रुपये) और हिमाचल प्रदेश (18,305 रुपये) के मामलों में, यह राशि काफी कम है। राष्ट्रीय औसत 12,616 रुपये प्रति शैक्षणिक वर्ष है।  हरियाणा में स्कूली शिक्षा पर लड़कों पर होने वाला खर्च लड़कियों की तुलना में अधिक है। लड़कों के लिए वार्षिक खर्च 27,697 रुपये और लड़कियों के लिए 23,465 रुपये है।राज्य के सरकारी स्कूलों में, बच्चों की स्कूली शिक्षा पर होने वाला खर्च काफी कम यानी 4,479 रुपये प्रति शैक्षणिक वर्ष है। हालाँकि, निजी सहायता प्राप्त स्कूलों में यह खर्च बढ़कर 48,636 रुपये हो जाता है, और निजी-गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए यह 39,015 रुपये है।   हरियाणा में निजी संस्थानों में पढ़ने वाले स्कूली छात्रों की संख्या ज़्यादा है। यहाँ 41.2 प्रतिशत छात्र सरकारी स्कूलों में, 11.9 प्रतिशत निजी सहायता प्राप्त स्कूलों में और 45.7 प्रतिशत निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों (मान्यता प्राप्त) में नामांकित हैं। हरियाणा में प्रति छात्र औसत व्यय की मदवार जाँच करने पर पता चला कि पाठ्यक्रम शुल्क पर 16,405 रुपये (63.8 प्रतिशत) खर्च किए गए। इसकी तुलना में, परिवहन पर 3,633 रुपये (14.2 प्रतिशत) खर्च किए गए; यूनिफ़ॉर्म पर 1,966 रुपये (7.6 प्रतिशत), पाठ्यपुस्तकों और स्टेशनरी पर 2,852 रुपये (11.1 प्रतिशत) और अन्य खर्चों पर 865 रुपये (3.4 प्रतिशत) खर्च किए गए। हरियाणा में निजी कोचिंग का चलन राष्ट्रीय औसत से कम है। हरियाणा में विभिन्न स्तरों पर, चालू शैक्षणिक वर्ष के दौरान केवल 11 प्रतिशत छात्र निजी कोचिंग ले रहे थे या ले चुके थे। पूरे भारत में यह आँकड़ा 27 प्रतिशत था, जबकि चंडीगढ़ में यह 32.9 प्रतिशत और पंजाब में 26.8 प्रतिशत था। हिमाचल प्रदेश में यह दर हरियाणा से कम यानी 7.7 प्रतिशत दर्ज की गई। इस सर्वेक्षण में कौशल विकास, कला, नृत्य, संगीत कक्षाओं जैसी पाठ्येतर गतिविधियों और खेलों के लिए कोचिंग को शामिल नहीं किया गया। हरियाणा में एक शैक्षणिक वर्ष के दौरान प्रति छात्र निजी कोचिंग पर औसत खर्च 1,366 रुपये है, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह और भी कम यानी 437 रुपये है। चंडीगढ़ में यह 5,650 रुपये और पंजाब में 1,732 रुपये है। अखिल भारतीय औसत 2,409 रुपये है। उच्चतर माध्यमिक स्तर पर, हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में निजी कोचिंग पर औसत खर्च 7,857 रुपये था, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह आँकड़ा 9,950 रुपये था। चंडीगढ़ में कोचिंग के लिए यहश में एक शैक्षणिक वर्ष के लिए मात्र 1,135 रुपये थी।  20,688 रुपये, पंजाब में 2,307 रुपये और हिमाचल प्रदे

स्वच्छ भारत मिशन की मीटिंग में गूंजा फरमान, कैथल के वाइस चेयरमैन बोले- लापरवाह अधिकारियों का दो वीडियो

कैथल  कैथल में आज एक स्वच्छता अभियान को लेकर अहम बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती और स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने अधिकारियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया।  इस बैठक का उद्देश्य था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराना। लेकिन, इस महत्वपूर्ण वर्कशॉप में मौजूद अधिकारियों की उदासीनता ने सबको हैरान कर दिया। ज्यादातर अधिकारी स्वच्छता पर चर्चा के बजाय अपने मोबाइल फोनों में व्यस्त दिखे। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो उन्हें इस अभियान से कोई सरोकार ही नहीं है।  पत्रकारों से बातचीत में सुभाष चंद्र ने जोश के साथ कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना के पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है इसी तरह हरियाणा के मुख्यमंत्री भी पूरे हरियाणा को स्वच्छ बनाने पर जोर दे रहे हैं और हम उनके प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं, "हमें पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है। स्वच्छ भारत ही रोगमुक्त भारत की नींव है। इसके लिए हम अधिकारियों को जागरूक कर रहे हैं।" लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे अधिकारियों की लापरवाही और मोबाइल में व्यस्त रहने का सवाल उठाया, तो सुभाष चंद्र ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "अगर आपके पास ऐसा कोई तथ्य या वीडियो है, तो हमें उपलब्ध कराएं। हम ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। "यह घटना न केवल स्वच्छ भारत मिशन के प्रति अधिकारियों की गंभीरता पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि क्या इस तरह की उदासीनता के साथ स्वच्छ भारत का सपना सचमुच पूरा हो पाएगा?

हरियाणा से रामदेवरा तक सीधी बस कनेक्टिविटी, भक्तों की होगी बड़ी सुविधा

हरियाणा  तेहाबादवासियों के लिए राहत की खबर आई है। फतेहाबाद डिपो से राजस्थान के रामदेवरा के लिए सीधी बस शुरू हो गई है। इस बस की शुरुआत से रामदेवसरा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे खुशी से खिल गए। अब वह बस से सीधा बाबा रामदेव जी के मंदिर में पहुंच सकेंगे। यह बस धांगड़, खाराखेड़ी, भट्टू, चौपटा, बीकानेर होते हुए रामदेवरा पहुंचेगी।  जानें क्या है बस की टाइमिंग      यह बस फतेहाबाद से रामदेवरा के लिए सुबह 8:10 बजे रवाना होगी।      खाराखेड़ी से रामदेवरा के लिए सुबह 8:35 बजे रवाना होगी।      भट्टू से रामदेवरा के लिए  सुबह 9:30 बजे रवाना होगी।      चौपटा से रामदेवरा के लिए  सुबह 10:00 बजे रवाना होगी।      बीकानेर से रामदेवरा के लिए शाम 5:30 बजे रवाना होगी।      रामदेवरा पहुंचने का समय: रात 10:00 है।  वहीं वापसी के समय बस सुबह 8:10 बजे रामदेवरा से फतेहाबाद के लिए रवाना होगी। बीकानेर से दोपहर 1:00 बजे चलेगी। फिर फतेहाबाद में रात 10:00 बजे पहुंचेगी। 

AAP-कांग्रेस पर हरियाणा का वार, महिलाओं को मासिक ₹2100 देकर खड़ा किया सवाल

चंडीगढ़  हरियाणा में नायब सैनी सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों से जहां प्रदेश में विपक्षी दल सकते में आ गए हैं वहीं पंजाब की राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है। पंजाब में वर्ष 2027 की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक दल अभी से चुनावी मोड पर आ गए हैं। भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अभी तक शिरोमणि अकाली दल के सहारे सत्ता में आती रही है लेकिन वर्तमान में अकाली दल व भाजपा अलग-अलग राह पर चल रहे हैं।  दूसरी तरफ हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है। पहले दो चुनावों के मुकाबले भाजपा को तीसरे चुनाव में अधिक सीटों पर जीत हासिल हुई है। पंजाब के फिरोजपुर, मुक्तसर, मानसा, भटिंडा, संगरूर, पटियाला, मोहाली जिले हरियाणा से सटे हुए हैं। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और पंचकूला जिले पंजाब के जिलों के साथ अपनी सीमाएं साझा करते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा पिछले दिनों लिए गए फैसलों से इन दिनों पंजाब की राजनीति गरमाई हुई है। पंजाब की राजनीति पर वर्ष 1984 में हुए दंगों का असर आज भी दिखाई देता है। वर्ष 1984 में हुए दंगों में हरियाणा के 121 लोगों की मृत्यु हुई थी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बड़ा राजनीतिक फैसला लेते हुए  सभी 121 परिवारों के वर्तमान सदस्य को उनकी सहमति से प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने का फैसला किया है। इसके अलावा गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर शहीदी वर्ष को गरिमापूर्ण ढंग से मनाने का फैसला किया है। अपनी यात्राओं के दौरान गुरु साहिब ने कुरुक्षेत्र, पिहोवा, कैथल, जींद, अंबाला, चीका और रोहतक में आकर इस भूमि को पवित्र किया है। सरकार इन कार्यक्रमों की रूपरेखा को जल्द जारी करेगी। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले महिलाओं को हर माह 1100 रुपये देने का ऐलान किया था, वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल में कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपये महीना देने का ऐलान किया था। दोनों सरकारों का आधा-आधा कार्यकाल बीत चुका है लेकिन अभी तक इस योजना को लागू करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं हुआ है। दूसरी तरफ हरियाणा में भाजपा सकरार ने अपने पहले ही साल में इस योजना को लागू करके आम आदमी पार्टी तथा कांग्रेस को मुद्दा विहीन करते हुए सवाल खड़ा कर दिया है। हरियाणा के इन फैसलों का सीधा असर पंजाब की राजनीति पर हो रहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा लिए गए फैसलों से भारतीय जनता पार्टी को पंजाब में मजबूत मैदान मिल गया है। पंजाब भाजपा के नेता पड़ोसी राज्य की सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों को भुनाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं। हरियाणा द्वारा पंजाब के संबंध में लिए गए फैसलों के बल पर पंजाब में भाजपा की राह आसान बना दी है।  सदस्यता अभियान की निगरानी से हुई थी पंजाब में एंट्री हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की पंजाब में एंट्री उस समय हुई जब पंजाब में भाजपा द्वारा सदस्यता अभियान चलाया जा रहा था। नायब सैनी ने पंजाब भाजपा कार्यालय जाकर अभियान का जायजा लिया और भाजपा के साथ जुड़े लुधियाना व अमृतसर के लोगों से बातचीत की। इसके बाद चंडीगढ़ से सटे जीरकपुर व डेराबस्सी में कार्यक्रमों के दौरान कई जनप्रतिनिधियों को भाजपा में शामिल करवाया। मुख्यमंत्री नायब सैनी पिछले समय के दौरान बैसाखी के अवसर पर आनंदपुर साहिब गए तो उन्होंने जालंधर के निकट राधा स्वामी सत्संग ब्यास का दौरा किया। नायब सैनी जालंधर में हुए धार्मिक कार्यक्रम का हिस्सा बने वहीं शहीद उधम सिंह की जयंती के अवसर पर सुनाम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा पंजाब में भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद भी नायब सैनी जालंधर पहुंचे। पंजाब के सीमावर्ती जिलों के जनप्रतिनिध नियमित रूप से चंडीगढ़ मुख्यमंत्री आवास पर आकर पंजाब के कार्यक्रमों मुख्यमंत्री को शामिल कर रहे हैं। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद वर्ष 2014, 2019 तथा 2024 के संकल्प पत्रों को ध्यान में रखकर काम किया है। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वादा करके भूलना दोनों राजनीतिक दलों की पुरानी आदत रही है। हरियाणा में इस समय कोई चुनाव नहीं है। फिर भी हरियाणा सरकार द्वारा पिछले दस दिन में लिए गए फैसलों ने यह साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी सभी वर्गों के हित की सोचते हैं।  

अंबाला के रिहायशी इलाकों में बाढ़ का खतरा, अनिल विज ने लिया जायजा, NDRF जुटाई राहत टीम

अंबाला बरसाती दिनों में अक्सर परेशानी खड़ी करने वाली टांगरी नदी बृहस्पतिवार सुबह अचानक उफान पर आ गई। सुबह करीब 30 हजार क्यूसिक से अधिक पानी नदी में पहुंचा, जो सामान्य से कई गुना ज्यादा था। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला जाने पर आसपास की कॉलोनियों में चिंता फैल गई। हालात का जायजा लेने ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज खुद मौके पर पहुंचे और प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। मंत्री अनिल विज ने सुबह सबसे पहले टांगरी नदी पुल पर खड़े होकर बहाव की स्थिति देखी। इसके बाद उन्होंने टांगरी बांध रोड, मतिदास नगर, गोल्डन पार्क, बब्याल, रामपुर, सरसेहड़ी, प्रभु प्रेम पुरम, करधान और नग्गल तक का दौरा किया। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को बार-बार अनाउंसमेंट कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। मौके पर भाजपा नेता कपिल विज, संजीव वालिया, अजय बवेजा और विशाल टांगरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। विज ने कहा कि बरसात से पहले टांगरी नदी की खुदाई कर इसे गहरा किया गया था, जिससे पानी का बहाव सुरक्षित निकल सके। हालांकि अवरोधों के कारण केवल 25 फीसदी काम ही हो पाया है। “इसके बावजूद हमें उम्मीद है कि पानी सुरक्षित निकल जाएगा, लेकिन खतरे को देखते हुए सभी विभागों को सतर्क रहने को कहा गया है।” स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अंबाला छावनी में एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कश्तियां भी मंगवाई हैं। मंत्री विज ने कहा कि जिनके घर टांगरी नदी के किनारे या कैचमेंट एरिया में हैं, उन्हें अपना जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।   मंत्री ने मौके पर सिंचाई विभाग, पुलिस, नगर परिषद और अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक भी की और सभी को मिलकर काम करने के आदेश दिए। उन्होंने सिंचाई विभाग से जानकारी ली कि दोपहर तक नदी में और कितना पानी आ सकता है।

कर्मठता को सलाम! हरियाणा के पांच कर्मचारियों को मिला HSSC चेयरमैन का सम्मान

हरियाणा  हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी)-2025 के सफल आयोजन में असाधारण योगदान देने वाले पांच कर्मचारियों को बुधवार को विशेष प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। यह आयोजन पंचकूला स्थित आयोग मुख्यालय में हुआ। एचएसएससी के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने सम्मानित कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि सीईटी जैसी बड़ी परीक्षा का सफल आयोजन केवल टीम भावना, मेहनत और ईमानदारी से ही संभव है। उन्होंने बताया कि सम्मानित कर्मचारियों ने परीक्षा प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में उत्कृष्ट निष्ठा और समर्पण दिखाया, जो सभी के लिए प्रेरणास्पद है। सम्मानित कर्मचारियों में सोनीपत के स्पेशल पुलिस अधिकारी देवेंद्र कुमार और पवन कुमार, ईएसआई पद पर कार्यरत ऋषिपाल, पंचकूला में क्लर्क पद पर कार्यरत अमित कुमारी और रोहतक रोडवेज में क्लर्क पद पर कार्यरत सतीश कुमार शामिल हैं। इन सभी ने परीक्षा के दौरान अनुकरणीय कार्यशैली और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया। चेयरमैन हिम्मत सिंह ने बताया कि उन्होंने स्वयं निरीक्षण दौरे के दौरान इन कर्मचारियों के कार्य को देखा और उनकी मेहनत को देखते हुए उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, आयोग ने प्रत्येक जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को भी प्रशंसा पत्र जारी किया है और सुझाव दिया कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी प्रेरित करें।   हिम्मत सिंह ने आगे कहा कि जल्द ही एचएसएससी स्टाफ के अन्य कर्मचारियों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे, जिन्होंने सीईटी परीक्षा की प्रक्रिया को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उल्लेखनीय है कि 26 और 27 जुलाई को सीईटी परीक्षा का सफल आयोजन किया गया। इसमें कुल 13 लाख 48 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड जारी किए गए थे। इस बड़ी परीक्षा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए सभी कर्मचारियों की मेहनत और प्रतिबद्धता सराहनीय रही।  

हरियाणा सरकार की नई योजना, हर परिवार की 3 महिलाएं भी सभी लाभार्थी, एज-इनकम की शर्त से कुछ महिलाएं बाहर

चंडीगढ़  हरियाणा में लाडे लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपये कब मिलेंगे? आखिरकार हरियाणा की लाखों महिलाओं के इस सवाल का जवाब आज 28 अगस्त गुरुवार को मिल गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ऐलान करते हुए बता दिया है कि लाडो लक्ष्मी योजना कब से शुरू होगी। सीएम ने कैबिनेट मीटिंग के फैसले की जानकारी देते हुए ताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर 25 सितंबर, 2025 को इस योजना को लॉन्च कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में हर महीने 2100 रुपये भेजे जाएंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस योजना का ऐलान करते हुए कहा कि 25 सितंबर, 2025 से राज्य की सभी 23 साल से ज्‍यादा उम्र की लड़कियों व महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। महिलाएं चाहें शादीशुदा हों या फिर अविवाहित, सभी के खाते में 2100-2100 रुपये भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना को मंजूरी दे दी है। इन महिलाओं के खाते में आएंगे पैसे मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले चरण में उन महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जिनके परिवार की सालाना कमाई 1 लाख रुपये से कम है। आगे चलकर अन्य आय वर्ग वाले परिवारों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। क्या होगी पात्रता योजना का फायदा लेने के लिए पात्रता की कुछ शर्तें हैं। सीएम नायब सिंह सैनी ने बताया कि अगर महिला अविवाहित है और अगर विवाहित है तो वह कम से कम 15 साल से हरियाणा की नागरिक होनी चाहिए। इसी तरह विवाहित आवेदक महिला का पति भी 15 साल से हरियाणा का नागरिक होना चाहिए। इस योजना की अच्छी बात है कि एक परिवार से जितनी मर्जी महिलाएं इस योजना का फायदा उठा सकती हैं। इस पर कोई सीमा नहीं है। सीएम ने कहा कि एक परिवार की जितनी भी महिलाएं पात्रता की शर्तें पूरी करेंगी, उन सभी को दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना का फायदा मिलेगा। इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है तो नहीं मिलेंगे 2100 रुपये मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि अगर राज्य में चल रही ऐसी 9 योजनाओं का लाभ महिलाओं को पहले से मिल रहा है, जिसमें उन्हें 2100 रुपये प्रति महीने से ज्यादा पैसा मिल रहा है तो उन्हें लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि अगर कोई स्टेज-3 कैंसर से पीड़ित है, या थैलीसीमिया समेत 54 से ज्यादा दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें अलग से लाडो लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपये मिलेंगे। उम्र-आय शर्त से बाहर 1 लाख महिलाएं, 20 लाख लाभार्थियों में कौन शामिल हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने महिलाओं को 25 सितंबर से 2100 रुपए हर महीने देने की घोषणा की है। सरकार ने दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना के लिए इस बजट में 5 हजार करोड़ का फंड रखा है। योजना का फायदा देने के लिए 23 से 60 की उम्र की शर्त रखी है। ऐसे में योजना के पहले चरण में अभी उम्र व आय की शर्त से हरियाणा में लाभार्थी महिलाओं की संख्या घट गई है। हरियाणा में इनकम की स्लैब बनी हुई हैं। इनमें एक लाख से 1.40 लाख का स्लैब है। स्लैब का लोअर पार्ट गिना जाता है। ऐसे में इस स्लैब की लाभार्थी महिलाओं की संख्या करीब 20 लाख बन रही है। परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में इस इनकम स्लैब में 23 से 60 साल तक की 17 लाख 25 हजार विवाहित महिलाएं हैं। जबकि 23 से 45 साल की 2.75 लाख कुंवारी यानी अविवाहित हैं। सीएम नायब सैनी ने भी कहा कि पहले चरण में करीब 19-20 लाख लाभार्थी होंगी। इनकम कम होने के बावजूद 1 लाख महिलाएं लाभपात्र नहीं एक लाख इनकम की शर्त को पूरा करने के बावजूद करीब 1 लाख महिलाओं को 2100 रुपए का लाभ नहीं मिल पाएगा। क्योंकि इनमें से करीब 45 हजार विधवाएं, 11 हजार निराश्रित, 14 हजार दिव्यांग पेंशन ले रही हैं। इसके अलावा 2500 महिलाएं संविदा कर्मी और 2500 महिलाएं लाडली योजना का पहले से ही लाभ ले रही हैं। 1 लाख से कम की शर्त से सिर्फ 8 लाख ही लाभार्थी बनती अगर प्रदेश सरकार एक लाख रुपए से कम इनकम का दायरा तय करती तो हरियाणा की करीब 8 लाख महिलाएं ही योजना की लाभार्थी बन पातीं। एक लाख रुपए करने से लाभपात्र महिलाओं की संख्या 20 लाख पहुंच गई। CM नायब सैनी ने कहा कि योजना के अगले चरण में इनकम का दायरा बढ़ाया जाएगा। यदि इसे 1.80 लाख किया जाता है तो करीब 10 लाख लाभार्थी बढ़ जाएंगी। दिल्ली में 18 साल तो बाकी राज्यों में 21 साल की महिलाओं को लाभ उम्र के मामले में हरियाणा की शर्त अन्य राज्यों के मुकाबले टफ मानी जा सकती है। पड़ोसी दिल्ली में भाजपा सरकार ने 18 साल से अधिक आयु की युवतियों को डायरेक्टर कैश बेनिफिट योजना का पात्र माना है। हालांकि वहां अभी योजना का लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिसा, झारखंड, छत्तीसगढ़ में योजना के लाभ के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल रखी गई है। आय की टफ शर्त ने भी हरियाणा में घटाए लाभार्थी हरियाणा में 1 लाख वार्षिक आय वाले परिवारों की महिलाओं को लाभ मिलेगा। जबकि महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में 2.5 लाख रुपए वार्षिक आय वाली परिवारों की महिलाओं को भी लाभ मिल रहा है। कर्नाटक में राशन कार्ड में सिर्फ परिवार की मुखिया महिला को लाभ मिलता है। जबकि हरियाणा में एक परिवार से 3 महिलाओं तक को लाभ मिलेगा। हरियाणा में यदि सभी BPL परिवारों को योजना का लाभपात्र माना जाता तो करीब 42 लाख परिवारों की महिलाएं लाभार्थी होतीं। हरियाणा में लाडो लक्ष्मी योजना क्या है हरियाणा में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने ऐलान किया था कि लाडो लक्ष्मी योजना के तहत राज्य की पात्र महिलाओं के खाते में हर महीने 2100-2100 रुपये भेजे जाएंगे। इसके लिए बजट का भी ऐलान कर दिया गया था। माना जा रहा है कि राज्य की करीब 50 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। लाडो लक्ष्मी योजना 2025 का बजट कितना है हरियाणा सरकार ने 2025 के बजट में लाडो लक्ष्मी योजना के लिए अलग से बजट का भी … Read more

हरियाणा में लाडो लक्ष्मी योजना की शुरुआत, महिलाओं के लिए 2100 रुपए की सुविधा

हरियाणा  हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट मिटिंग के बाद प्रेस कॉन्फेंस की। प्रेस कॉन्फेंस में सीएम सैनी ने बड़ी घोषणा की कि महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ 25 सितंबर से मिलेगा। कैबिनेट मीटिंग में महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा और सम्मान के लिए "लाडो लक्ष्मी योजना" को लागू करने का निर्णय लिया गया। इस योजना का शुभारम्भ पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती पर 25 सितंबर 2025 से होगा।    23 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं को मिलेगा इस योजना का लाभ  इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। 25 सितंबर 2025 को हरियाणा की 23 वर्ष आयु या उससे अधिक आयु की महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसमें विवाहित और अविवाहित दोनों ही तरह की महिलाओं को लाभ मिलेगा। पहले चरण में उन परिवारों को शामिल किया गया है, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम होगा। इस योजना में आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से अन्य आय समूह को भी शामिल किया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए अविवाहित महिला या विवाहित महिला के पति का हरियाणा में पिछले 15 साल से मूल निवासी होने चाहिए।    परिवार में महिलाओं की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं इस योजना के तहत एक परिवार में महिलाओं की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यदि एक परिवार में 3 महिलाएं हैं, तो उन तीनों महिलाओं को लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा पहले से चलाई जा रही ऐसी 9 योजनाओं, जिनमें आवेदिका को पहले से ही अधिक राशि की पेंशन का लाभ मिल रहा है, उन्हें लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। स्टेज 3 और 4 कैंसर पीड़ित मरीजों (महिलाओं), सूचीबद्ध 54 दुर्लभ बीमारियों, हीमोफिलिया, थैलेसिलमिया और सिकल सेल से पीड़ित मरीज़ों पहले से पेंशन मिल रही है। पहले चरण में लगभग 20 लाख महिलाओं को मिलेगा लाभ- सीएम सैनी इन महिलाओं को इस योजना का अतिरिक्त लाभ भी मिलेगा। जिस दिन कोई अविवाहित लाभार्थी 45 वर्ष की आयु पूरा करेगी उस दिन वे ऑटोमैटिक विधवा और निराश्रित महिला को वित्तीय सहायता योजना के लिए पात्र हो जाएंगी। जिस दिन लाभार्थी महिला 60 वर्ष की आयु की होगी, उस दिन वे ऑटोमैटिक वृद्धावस्था सम्मान भत्ता पेंशन योजना के लिए पात्र हो जाएगी। पहले चरण में इस योजना का लाभ लगभग 19-20 लाख महिलाओं को मिलेगा। आज की कैबिनेट के बाद आने वाले 6 या 7 दिनों में हम न केवल योजना की गजट नोटिफिकेशन कर देंगे, वरन एक ऐप भी लॉन्च करेंगे।

26 कॉलोनियां होंगी वैध, इस जिले में मिलेंगी बढ़ी हुई सुविधाएं

चंडीगढ़  करनाल शहर की 26 अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। विधानसभा सत्र के दौरान निकाय मंत्री विपुल गोयल ने जानकारी दी कि इन कॉलोनियों से संबंधित प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन हैं और सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि दो महीने के भीतर इस मामले में अंतिम फैसला लेकर अधिसूचना जारी की जाएगी। वहीं, करनाल विधायक जगमोहन आनंद ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि पहले से वैध घोषित कॉलोनियों के बीच कुछ खसरा नंबर और 28 नई कॉलोनियां अब भी वैधीकरण से बाहर हैं, जिससे स्थानीय निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और लोगों को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। कॉलोनी वैध होने के ये होते हैं फायदे कानूनी सुरक्षा: वैध होने के बाद प्लॉट/मकान की रजिस्ट्री, म्यूटेशन आदि कानूनी रूप से मान्य हो जाते हैं। किसी विवाद की स्थिति में मालिकाना हक मज़बूत होता है।   बैंक से लोन सुविधा: वैध कॉलोनी में बने मकानों पर बैंक या वित्तीय संस्थानों से आसानी से होम लोन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। सरकारी सुविधाएं: बिजली, पानी, सीवर, सड़क, स्ट्रीट लाइट जैसी नगर निगम या सरकारी मूलभूत सुविधाएं आसानी से मिलती हैं। जमीन का मूल्य बढ़ना: अनियमित कॉलोनी में संपत्ति का दाम कम होता है, लेकिन वैध होने के बाद प्लॉट और मकान का मार्केट वैल्यू बढ़ जाता है। भविष्य में विकास कार्य: नगर निगम या विकास प्राधिकरण कॉलोनी में पार्क, स्कूल, सामुदायिक केंद्र और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करते हैं।

12.41 करोड़ रुपये से हरियाणा के शहर में बनेगी स्लिप रोड, जाम की समस्या खत्म

हिसार  हिसारवासियों के लिए खुशखबरी आई है। दरअसल शहर से ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए 5 स्थानों पर स्लिप रोड का निर्माण और अन्य कामों के लिए 1241.03 लाख रुपये स्वीकृत कर लिए गए है। इसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने दी है।  कैबिनेट मंत्री ने बताया कि क्लॉथ मार्केट के पास तुलसी चौक टी जंक्शन पर स्लिप रोड बनाने के लिए 76.93 लाख रुपये, ऑटो मार्केट टी जंक्शन नजदीक जीजेयू के पास स्लिप रोड निर्माण के लिए 174.30 लाख रुपये, लघु सचिवालय के पास हिसार राजगढ़ रोड और साउथर्न बाईपास पर स्लिप रोड निर्माण के लिए 385.81 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से डाबड़ा चौक जंक्शन के सुधार के लिए स्लिप रोड निर्माण के लिए 94.78 लाख रुपये स्वीकृत किए गए है। वहीं हिसार राजगढ़ रोड और दक्षिण बाईपास के समीप बालसमंद सब ब्रांच पर RCC बॉक्स टाइप पुल सहित स्लिप रोड के निर्माण के लिए 509.21 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। हालांकि मंत्री ने कहा कि सभी कामों पर जल्द से जल्द काम शुरू करने को लेकर विभागों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।