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अल्लावरु की असफलता के बाद कांग्रेस ने लिया बड़ा फैसला, बिहार प्रभारी बने अविनाश पांडे

पटना बिहार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेता अविनाश पांडेय को बिहार चुनाव को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसको लेकर सियासी चर्चा का दौर भी शुरू हो गया है। टिकट को लेकर बिहार कांग्रेस में हुए घमासान और मजबूत सीटें लेने में पार्टी विफल रही है। अपनी दो सीटिंग सीट भी गंवा दी है। माना जा रहा है कि बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु बिहार संभालने में नाकाम रहे हैं। जिसके बाद पार्टी ने अविनाश पांडेय को बड़ा टास्क दिया है। कांग्रेस आलाकमान से मिली जिम्मेदारी का जिक्र करते हुए अविनाश पांडेय ने एक्स पर पोस्ट भी किया था। और लिखा कि -कल से बिहार प्रवास पर रहूंगा, जहां आगामी चुनावों के लिए संगठनात्मक समन्वय और रणनीति निर्माण की ज़िम्मेदारी संभालूंगा। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि बिहार की दिशा और दशा तय करने वाला निर्णायक अवसर है। एनडीए सरकार ने राज्य को बेरोज़गारी, पलायन और विकासहीनता की ओर धकेला है-अब जनता परिवर्तन के लिए तैयार है। कांग्रेस के इस कदम को चुनाव से पहले पार्टी में डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा जा रहा है। टिकट को लेकर पार्टी के ही कई नेताओं ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया था। कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी में मचे घमासान के बीच अब अविनाश पांडेय को बिहार बुलाया गया है। अविनाश पांडेय मूलरूप से नागपुर के रहने वाले हैं। वे देश के जाने माले वकील भी रह चुके हैं। अविनाश पांडेय महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। 2010 में महाराष्ट्र से राज्य सभा सांसद भी चुने गए थे। राहुल गांधी ने 2023 में उन्हें यूपी में प्रभारी महासचिव बनाया था। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के साथ मिलकर कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था। और बीजेपी 240 पर सिमट गई थी। वहीं शनिवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अविनाश पांडेय ने केंद्र पर हमला बोला। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने छठ महापर्व पर बिहार के लोगों का अपमान किया है। पूरे देश में रेलगाड़ियों की संख्या 13 हजार है। पीएम नरेंद्र मोदी इसमें से 12 हजार रेल गाड़ी छठ पर्व चलाने की बात कहते हैं तो कहां से चलाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि छठ महापर्व पर घर पहुंचने के लिए लोग रेलगाड़ी में शौचालय तक में यात्रा करने को मजबूर हैं। उन्होंने मांग की कि पीएम इस झूठ के लिए बिहार से माफी मांगे।  

भोपाल में राज्य स्तरीय कला उत्सव का रंगारंग समापन

स्कूल के विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं भोपाल  स्कूल शिक्षा विभाग का राज्य स्तरीय कला उत्सव का रंगारंग समापन भोपाल में शनिवार को हुआ। राजधानी भोपाल स्थित वाल्मी संस्थान में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव में स्कूल के विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए आयोजित इस कला उत्सव में प्रदेश के विभिन्न संभागों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने गायन, वादन, नृत्य, लोकगीत, लोकनृत्य, नाटक, कहानी वाचन, मूर्तिकला, चित्रकला एवं स्थानीय शिल्प जैसी 12 श्रेणियों में अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। बच्चों ने अपनी कला प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में अपर परियोजना संचालक श्रीमती मनीषा सेतिया ने विजेता विद्यार्थियों को शुभकामनाएं और पुरस्कार वितरित किये। कला उत्सव का उद्देश्य स्कूल विद्यार्थियों में भारतीय कला परंपरा की समझ विकसित करना तथा उनके सर्वांगीण विकास में कला की भूमिका को सशक्त बनाना है। प्रतियोगिता परिणाम संगीत वादन – तबला: भोपाल संभाग के आश्रय जायसवाल प्रथम, उज्जैन की गीत अखंड द्वितीय एवं रीवा के श्लोक तिवारी तृतीय स्थान पर रहीं। संगीत वादन स्वर – सागर संभाग के एकांश भट्ट को प्रथम, भोपाल के अंश पाटीदार को द्वितीय तथा शहडोल के अनमोल केवट को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। लोक वाद्य समूह – वादन में भोपाल के लक्ष्मण नारायण एवं समूह प्रथम, उज्जैन के सत्यम पाटीदार एवं समूह द्वितीय, नर्मदापुरम के कपिल परिहार एवं समूह तृतीय स्थान पर रहे। कहानी वाचन : ग्वालियर संभाग प्रथम, जबलपुर द्वितीय एवं भोपाल तृतीय स्थान पर रहा। नाटक वर्ग में ग्वालियर संभाग ने रानी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित नाटिका को प्रस्तुत कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। डॉ. भीमराव अंबेडकर पर आधारित नाटिका पर जबलपुर को द्वितीय एवं रानी दुर्गावती पर आधारित नाटिका की प्रस्तुति पर भोपाल संभाग तृतीय रहा। लोकनृत्य में भोपाल संभाग प्रथम, सागर संभाग द्वितीय (बधाई लोकनृत्य) एवं ग्वालियर संभाग तृतीय (धीमीराई लोकनृत्य) स्थान पर रहा। शास्त्रीय नृत्य (एकल) : इंदौर की तपस्या त्रिपाठी प्रथम, जबलपुर की अवनी अग्रवाल द्वितीय एवं रीवा की प्रांजल जोशी तृतीय रहीं। कला उत्सव में शास्त्रीय गायन : एकल में शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय रीवा के सृजन मिश्रा प्रथम, ग्वालियर की भारती यादव द्वितीय एवं भोपाल के कुणाल ठाकुर तृतीय स्थान पर रहे। स्थानीय शिल्प में शासकीय श्रमोदय विद्यालय जबलपुर के साहिल नाथ एवं दिव्यांशी पांडे को प्रथम, नर्मदापुरम के स्नेह एवं राहुल को द्वितीय स्थान मिला। मूर्तिकला में श्रमोदय विद्यालय जबलपुर के दिनेश विश्वकर्मा को प्रथम, भोपाल की रेचल गौर को द्वितीय एवं नर्मदापुरम के सत्यम नामदेव को तृतीय पुरस्कार मिला। चित्रकला में भोपाल की विदिका जैन प्रथम, ग्वालियर के प्रतीक बलिया द्वितीय एवं जबलपुर की कशिश मिश्रा तृतीय स्थान पर रहीं। राष्ट्रीय स्तर पर चयन राज्य स्तरीय कला उत्सव में चयनित सभी प्रतिभागी आगामी 15 नवंबर को पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित राष्ट्रीय कला उत्सव में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015 से एनसीईआरटी के सहयोग से कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए कला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय कला परंपरा को सजीव रखना, विद्यार्थियों में एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को विकसित करना तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान, संस्कृति और विरासत से जोड़ना है।  

‘मुझे तो 10-10 थप्पड़ मारते थे’ — SDM छोटूलाल पर पत्नी पूनम के गंभीर आरोप से मचा हड़कंप

भीलवाड़ा भीलवाड़ा सीएनजी पंप विवाद में निलंबित आरएएस अधिकारी छोटूलाल शर्मा का मामला अब नया मोड़ ले चुका है। एक ओर जहां शर्मा ने अपनी पत्नी दीपिका व्यास के साथ सामने आकर खुद को निर्दोष बताया था, वहीं अब उनकी पहली पत्नी पूनम जखोड़िया भी खुलकर सामने आई हैं और कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पूनम ने न केवल घरेलू हिंसा की बात कही है, बल्कि यह भी दावा किया है कि दोनों के बीच तलाक की प्रक्रिया अभी न्यायालय में लंबित है।   ‘मैं आज भी उनके नाम का सिंदूर भरती हूं’ पिलानी निवासी पूनम जखोड़िया ने कहा कि वह आज भी छोटूलाल शर्मा के नाम का सिंदूर भरती हैं और उन्हें अपना पति मानती हैं। उन्होंने बताया कि जब शर्मा संघर्ष के दौर में थे, तब उन्होंने गरीबी में पढ़-लिखकर परिवार को संभाला और हर मुश्किल में उनका साथ दिया। लेकिन जैसे ही छोटूलाल आरएएस अधिकारी बने, उनका व्यवहार पूरी तरह बदल गया। पूनम ने भावुक होकर कहा कि गरीबी के दिनों में मैंने बच्चों को पालने के लिए खुद मेहनत की, लेकिन आरएएस बनते ही उनका दिमाग फिर गया। अब वह मुझे और बच्चों को नजरअंदाज करते हैं।   ‘मुझे थप्पड़ मारते थे, बच्चे डर से कुर्सियों के पीछे छिप जाते थे’ पूनम जखोड़िया ने अपने बयान में दावा किया कि छोटूलाल शर्मा का स्वभाव हिंसक था। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि उन्होंने पंप वाले को एक थप्पड़ मारा, लेकिन मुझे तो 10-10 थप्पड़ मारते थे। बच्चे डर के मारे बिस्तर और कुर्सियों के पीछे छिप जाते थे।   पूनम ने आगे बताया कि उन्होंने 2022 में भी छोटूलाल शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि शर्मा उन्हें धमकाते थे और कहते थे कि मैं आरएएस हूं, कानून और पुलिस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उनका दावा है कि कई बार पुलिसकर्मी खुद उनके घर के बाहर खड़े रहते थे और शर्मा को सलाम करते थे। इस वजह से वह लंबे समय तक शिकायत करने से डरती रहीं।

समय सारिणी अपडेट: रामलला के दर्शन व आरती में बदलाव, जानें कब खुलेंगे कपाट

अयोध्या शरद ऋतु के आगमन के साथ ही अयोध्या में रामलला के दर्शन अवधि में बदलाव कर दिया गया है। 23 अक्तूबर से श्रद्धालुओं को राम मंदिर में सुबह 7 बजे से रामलला के दर्शन हो रहे हैं। रात 9 बजे तक दर्शन का यह क्रम जारी रहता है। आरती के समय में भी बदलाव किया गया है। दोपहर में आरती व भोग के लिए एक घंटे तक मंदिर का पट बंद रहता है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रामलला के दर्शन की नई समय सारिणी जारी की गई है। राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि शरद ऋतु शुरू हो रही है। ऐसे में रामलला के दर्शन अवधि में कुछ बदलाव किया गया है। दोपहर 12 से 1 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे रामलला की मंगला आरती जो अब तक सुबह 4 बजे होती थी, अब वह 4:30 बजे होती है। साथ ही रामलला की शृंगार आरती सुबह 6 बजे के बजाय 6:30 बजे हो रही है। दर्शन अब सुबह 6:30 बजे के बजाय सुबह 7 बजे से शुरू होता है। दोपहर 12 बजे रामलला को भोग अर्पित किया जाता है। इस दौरान दोपहर 12 से 1 बजे तक दर्शन बंद रहता है। रामलला की संध्या आरती शाम 7 बजे ही होती है। इसके बाद श्रद्धालुओं को रात 9 बजे तक दर्शन प्राप्त होंगे। रात 9:30 बजे शयन आरती के साथ ही मंदिर बंद कर दिया जाता है। शरद ऋतु के चलते रामलला के राग-भोग में भी बदलाव किया गया है। रामलला को ठंड न लगे इसलिए उन्हें सुबह गुनगुने पानी से स्नान कराया जा रहा है। भोग में ड्राई फ्रूट्स की मात्रा बढ़ा दी है। सर्दी और बढ़ने पर रामलला के रजाई ओढ़ाई जाएगी व ऊनी वस्त्र पहनाए जाएंगें। ये है समय सारिणी     सुबह 04:30 बजे- मंगला आरती     सुबह 6:30 बजे- शृंगार आरती- दर्शन मार्ग से प्रवेश प्रारंभ     सुबह 07:00 बजे- दर्शन प्रारंभ     दोपहर 12:00 बजे- भोग आरती- डी-वन से प्रवेश बंद     दोपहर 12:30 से 01 बजे तक पट बंद रहेगा     दोपहर 01:00 बजे- दर्शन प्रारंभ     रात 09:00 बजे- डी-एक से प्रवेश बंद     रात 9:15 बजे- दर्शन समाप्त     रात 9:30 बजे- शयन आरती- फिर कपाट बंद

शहडोल में दिल दहला देने वाली घटना: भाईयों की बेरहमी से पिटाई, चीखों के बीच मौत

शहडोल जिले के बुढ़ार थाना क्षेत्र की केशवाही पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम बलबहरा में 21 अक्टूबर की रात पुरुषोत्तम तिवारी के ऑटो पार्ट्स दुकान में हुए हमले के खौफनाक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं। दरिंदों ने तीनों भाइयों को गाली दे-देकर बेरहमी से पीटा है। हमलावरों की संख्या दो दर्जन से अधिक है और मारपीट करते समय दो या तीन लोग पकड़े थे और बाकी बेरहमी से लाठियां भांज रहे थे। तीनों भाई जान बचाने के लिए चीख-चिला रहे थे, लेकिन दंरिदों का ह्दय थोड़ा भी नहीं पसीजा। पुलिस ने नौ लोगों को किया गिरफ्तार जब तक तीनों भाइयों को होश था, तब तक पीटते रहे। घटना में राकेश तिवारी (38)और राहुल तिवारी (30) की मौत हो गई है, जबकि बड़े बेटे सतीश तिवारी(42) का गंभीर हाल में बिलासपुर में इलाज चल रहा है। घटना के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित अनुराग शर्मा के पिता सहित नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनके एक साथी आरोपित को शनिवार को पकड़ा गया है। पुलिस के अनुसार दो दर्जन से अधिक आरोपित इसमें शामिल हैं, जिनकी तलाश चल रही है।   आरोपित में मारपीट करने वालों के अलावा वे लोग भी शामिल हैं, जो इस हत्याकांड की योजना में सहभागी थी। अब तक की जांच में आए तथ्यों के अनुसार यह घटना योजनाबद्ध तरीके से की गई है। कई दिनों से रैकी की जा रही थी और कई लोग इसमें लगे थे, लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी। इससे यह माना जाए कि पुलिस का सूचनातंत्र मर चुका है और यदि सूचना तंत्र मजबूत था तो फिर पुलिस की चूक के कारण इतनी बड़ी घटना हुई, जिससे शहडोल दागदार हो गया। चौकी प्रभारी की लापरवाही आई सामने पीड़ित पक्ष भी ऐसा ही आरोप लगा रहा है कि केशवाही चौकी प्रभारी की लापरवाही से ही यह घटना हुई है। घटना के भयानक वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं और इससे लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। यह गुस्सा आरोपितों के प्रति तो है ही, लेकिन पुलिस भी इससे अछूती नहीं हैं। हत्या की घटना के दूसरे दिन केशवाही चौकी प्रभारी को लाइन अटैच कर उन्हें सुरक्षित कर दिया गया और इसके बाद बुढ़ार थाना प्रभारी को यातायात प्रभारी बना दिया गया। इस कार्रवाई में भी चार दिन लग गए हैं। वीडियो को देखने के बाद हर व्यक्ति इस घटना में बड़ी कार्रवाई की अपेक्षा कर रहा है। मुख्य आरोपित अनुराग शर्मा, नयन पाठक, धनेश शर्मा, नीलेश कुशवाहा, सचिन शर्मा, अखिलेश यादव, अंकित राय निवासी ओपीएम अमलाई और रवि चौधरी बलबहरा एवं एक नाबालिग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि आरोपितों का किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। अब घटना की आगे की कार्रवाई नए थाना प्रभारी करेंगे।

धान घोटाले पर सस्पेंस बढ़ा, BKU चढूनी ग्रुप ने सीबीआई जांच की मांग की

कुरुक्षेत्र  कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप की प्रदेश स्तरीय बैठक में धान घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की। साथ में डीएफएससी के निलंबन की पुरजोर मांग उठाई। इस दौरान भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि डीएसएससी पर अब तक कार्रवाई नहीं करने से किसानों में रोष है और यदि यह कार्रवाई नहीं की गई तो किसान संगठन कड़े कदम उठाने पर विवश होगा। वहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से मंडियों से जुड़े 5 अधिकारियों को निलंबन करने पर स्वागत किया और कहा कि सारा ही महकमा भ्रष्ट है और सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए तभी भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उत्पादन पिछले साल से 25 से 30 प्रतिशत कम है फिर भी धान उससे अधिक कैसे खरीदा गया। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। क्योंकि उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों से धान और चावल आ रहा है और उसमें बड़ी धांधलेबाजी की बू आ रही है। डीएफएससी के निलंबन को लेकर बैठक में आए लोगों ने जाट धर्मशाला से देवीलाल चौक तक रोष मार्च भी निकाला और प्रशासन को ज्ञापन भी दिया।  

दुर्घटना का कहर: मृतकों की संख्या बढ़कर 27, हादसे में एक और घायल की जान गई

जैसलमेर जोधपुर-जैसलमेर हाइवे पर बस आग हादसे ने एक बार फिर राजस्थान को शोक में डूबो दिया है। शनिवार को इलाज के दौरान एक और घायल इकबाल ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद इस भीषण हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। हादसे में घायल एक व्यक्ति अब भी वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है, जबकि चार अन्य घायलों का सामान्य वार्ड में इलाज जारी है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार सभी घायलों की हालत पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की टीमें चौबीसों घंटे ड्यूटी पर हैं ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके। इलाज के दौरान तोड़ा दम, परिवार में मचा कोहराम महात्मा गांधी अस्पताल, जोधपुर के अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह भाटी ने बताया कि लाठी गांव निवासी ओमप्रकाश (40), जो वेंटिलेटर पर भर्ती थे, ने मंगलवार को इलाज के दौरान अंतिम सांस ली थी। इसके बाद शनिवार को एक और घायल इकबाल ने भी दम तोड़ दिया। दोनों ही मरीज गंभीर रूप से झुलसे हुए थे और पिछले कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे। डॉ. भाटी ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश थी कि सभी को बचाया जा सके, लेकिन झुलसने की गंभीरता बहुत ज्यादा थी। एयरफोर्स परीक्षा देकर लौट रहा युवक भी नहीं बच सका हादसे के पीड़ितों में एक नाम महिपाल सिंह का भी था, जिसने 18 अक्तूबर को अपनी अंतिम सांस ली। महिपाल एयरफोर्स की परीक्षा देकर जैसलमेर से अपने गांव लौट रहा था। हादसे के वक्त वह बस में सवार था और उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह झुलसने के बाद खुद बस से नीचे उतरता दिखा था। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।   कैसे हुआ यह दिल दहला देने वाला हादसा राजस्थान के जैसलमेर जिले में 14 अक्तूबर यानी मंगलवार दोपहर चलती एसी बस में अचानक भीषण आग लग गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि यात्रियों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। बस का फाटक लॉक हो गया था, जिससे कई लोग अंदर फंस गए। कुछ यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर किसी तरह अपनी जान बचाई। बस में कुल 57 यात्री सवार थे। शुरुआती जांच में पता चला कि शॉर्ट सर्किट से बस के इंजन में आग लगी, जो देखते ही देखते पूरे वाहन में फैल गई। अधिकांश यात्री जोधपुर और जैसलमेर के ग्रामीण इलाकों से थे और कामकाज या परीक्षा से लौट रहे थे। राज्यभर में शोक, सरकार ने की थी मदद की घोषणा इस हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की थी। वहीं, सरकार ने हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए थे ताकि आग लगने की वास्तविक वजह का पता लगाया जा सके।   मौतों का बढ़ता आंकड़ा और टूटते परिवार अब तक इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से कई एक ही परिवार के सदस्य थे, जिनकी एक साथ चिताएं जलने से गांवों में मातम का माहौल है। घायलों के परिजन अब भी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं और हर गुजरते दिन के साथ उम्मीदें कमजोर पड़ती जा रही हैं।

मुख्यमंत्री साय की पहल से पर्यटन के अंतर्राष्ट्रीय पटल पर उभर रहा है जशपुर

जर्मन मेहमानों को जशपुर की जनजातीय संस्कृति ने किया मंत्रमुग्ध रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रेरणा और राज्य सरकार की पर्यटन संवर्धन नीतियों के अंतर्गत जशपुर अब विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह बना रहा है। इसकी झलक हाल ही में तब देखने को मिली जब जर्मनी से आए पर्यटक बर्नहार्ड और  फ्रांजिस्का जशपुर की जनजातीय संस्कृति, कला और आत्मीयता से गहराई से प्रभावित हुए। दोनों पर्यटकों ने क्षेत्रीय स्टार्टअप “ट्रिप्पी हिल्स” के अनुभवात्मक पर्यटन कार्यक्रम के तहत जनजातीय जीवन की बारीकियों को समझा। यात्रा की शुरुआत मलार समुदाय से हुई, जो अपने उत्कृष्ट हस्तनिर्मित आभूषणों और शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। इन कारीगरों की रचनात्मकता ने विदेशी मेहमानों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के गांव में उन्होंने पारंपरिक जीवनशैली और प्रकृति के साथ गहरे संबंध को महसूस किया। वहीं अगरिया समुदाय के दौरे में लौह गलाने की पारंपरिक तकनीक का जीवंत प्रदर्शन हुआ, जिसने दोनों अतिथियों को आश्चर्यचकित कर दिया। यात्रा का समापन स्थानीय हाट-बाजार में हुआ, जहाँ रंगीन वस्त्र, मिट्टी की खुशबू और पारंपरिक जनजातीय संगीत ने जशपुर की जीवंत सांस्कृतिक धड़कन को अभिव्यक्त किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हमेशा इस बात पर बल दिया है कि जशपुर की जनजातीय संस्कृति केवल धरोहर नहीं, बल्कि पर्यटन विकास का सशक्त माध्यम भी है। उनके नेतृत्व में जशपुर में सड़क, संचार और सुविधाओं के प्रसार से नए पर्यटन मार्ग तैयार हो रहे हैं। “कल्चर देवी” और “अनएक्सप्लॉरड बस्तर” जैसे संगठनों के सहयोग से स्थानीय समुदायों को भी अपने हुनर को दुनिया के सामने लाने का अवसर मिला है। यह अनूठा सांस्कृतिक अनुभव इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति अब वैश्विक आकर्षण का केंद्र बन रही है, जहाँ परंपरा, प्रकृति और आधुनिकता का सुंदर संगम नजर आता है।

रास्ता पूछने का बहाना, महिला से गहनों की चोरी – MP में हुई शर्मनाक घटना

ग्वालियर लश्कर क्षेत्र से कारोबारी की पत्नी के साथ ठगी का मामला प्रकाश में आया है। घटना में एक किशोर और एक युवक शामिल बताए जा रहे हैं। कोतवाली थाना पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि आरोपितों का पता लगाया जा सके। ऐसे दिया घटना को अंजाम घटना के अनुसार, लश्कर स्थित चिटनिस की गोठ में रहने वालीं मीना बंसल बाजार जाने के लिए निकली थीं और महाराज बाड़े की तरफ जा रही थीं। इसी मार्ग पर एक किशोर उनसे मिला और उसने धौलपुर जाने का रास्ता पूछा। किशोर ने उन्हें बस स्टैंड का रास्ता बताया और वहीं अचानक एक युवक भी आ गया। युवक ने किशोर के हाथ में रखे थैले में दिख रहे नोटों के बारे में पूछा। इसके बाद थैले में नोटों की गड्डियां दिखाई गईं। थोड़ी देर में एक और महिला भी मौके पर आ गई। तीनों ने मीना बंसल से बातों में उलझाकर उन्हें गली की ओर ले जाकर गहने उतरवा लिए। आरोपितों ने गहने कपड़े में रख देने की बात कही और वहां से भाग गए। बाद में जब मीना ने कपड़ा खोलकर देखा तो उसमें गहनों के स्थान पर कंकड़-पत्थर मिले। पीड़ित महिला ने तुरंत कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। इंटर-स्टेट गैंग के सदस्य होने की संभावना पुलिस ने बताया कि मीना ने शिकायत के दौरान पूर्व में पकड़े गए आरोपितों की फोटो भी देखीं, पर महिला का कहना था कि इनमें से कोई भी वह पहचान नहीं पाईं। इसके बावजूद पुलिस को आशंका है कि यह लोग पहले पकड़े गए इंटर-स्टेट गैंग के सदस्य हो सकते हैं। जनकगंज क्षेत्र में यह गैंग दीपावली से पहले पकड़ा गया था, इसलिए आरोपितों की संभावित पहचान पर भी जांच की जा रही है। कोतवाली थाना प्रभारी मोहिनी वर्मा ने बताया, "महिला के साथ ठगी की घटना हुई है। FIR दर्ज कर ली गयी है। हमने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे हैं, इनमें संदेही व्यक्ति नजर आए हैं। उनकी पहचान और गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई जारी है।" पुलिस अब आसपास के सीसीटीवी फुटेज, गहनों की बिक्री-खरीदी के संभावित ठिकानों और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर आरोपितों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। मामला गंभीरता से लिया जा रहा है और जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी के साथ उनके जुड़ने वाले नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश जारी रहेगी।

ग्राहकों के लिए बुरी खबर: वेरका के प्रोडक्ट्स के दाम बढ़े

पंजाब  त्योहारों के सीजन के बीच वेरका ने ग्राहकों को तगड़ा झटका दे दिया है। जानकारी के अनुसार वेरका ने दाम बढ़ा दिए हैं। आपको बता दें कि अब लस्सी का पैकेट 35 रुपये में मिलेगा जो कि पहले 30 रुपए का था। इसके साथ ही खीर के दाम में भी बढ़ौतरी की गई है। पहले खीर 20 रुपए में मिलती थी जिसे अब 25 रुपए की कर दिया गया है।   वहीं बता दें कि वेरका ने दाम के साथ-साथ क्वांटिटी को भी बढ़ाया है। पहले 30 रुपए में 800 मिलीलीटर का लस्सी का पैकेट मिलता था जबकि अब 35 रुपये में 900 मिलीलीटर लस्सी मिलेगी। वहीं पहले 20 रुपए में 180 ग्राम खीर मिलती थी जबकि अब 25 रुपए में 200 ग्राम खीर मिलेगी। आज से ही नए रेट के पैकेट बाजार में आ गए हैं। दाम बढ़ने से ग्राहकों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।