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21 वर्षीय युवती कालेज की छात्रा से दोस्त ने किया दुष्कर्म, दूसरा कर रहा था ब्लैकमेल

भोपाल बैरसिया थाना पुलिस के कॉलेज की एक छात्रा की शिकायत पर उसके दोस्त के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज किया है। प्रेम संबंधों का पता चलने पर एक युवक छात्रा को ब्लैकमेल भी कर रहा था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। Bhopal के बैरसिया थाना प्रभारी वीरेंद्र सेन ने बताया कि क्षेत्र के गांव में रहने वाली 21 वर्षीय युवती कालेज की छात्रा है।   सितंबर 2024 में दुष्कर्म, फिर ज्यादती छात्रा ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। दर्ज शिकायत में छात्रा ने बताया कि गांव के मनोज रैकवार से उसका परिचय हुआ था। उनके बीच फोन पर भी बातचीत होने लगी। शादी करने का भरोसा देते हुए मनोज ने सितंबर 2024 में उसके साथ दुष्कर्म कर दिया था। बाद में भी वह उसके साथ ज्यादती करने लगा। वीडियो वायरल करने की धमकी शादी करने का दबाव बनाने पर मनोज शादी करने की बात से मुकर गया। उधर, छात्रा के मनोज के साथ प्रेम संबंध का पता चलने पर संजय जाटव नाम का युवक भी उसे ब्लैकमेल करने लगा। वह दोस्ती नहीं करने पर उसका वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा था। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

30KM सिर्फ 15 मिनट में! दिल्ली-गुरुग्राम के बीच बनेगी हाईस्पीड अंडरग्राउंड टनल

नई दिल्ली ट्रैफिक जाम दिल्ली की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। जाम ना केवल दिल्ली में बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आने वाले कई शहरों में यही समस्या है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी सरकरा दिल्ली से लेकर गुरुग्राम तक टनल सड़क बनाने की योजना पर काम कर रही है। जल्दी ही इसके काम की शुरुआत हो सकती है। कहां से कहां तक बनेगी टनल वाली सड़क नितिन गडकरी ने बताया कि यह सड़क दिल्ली से लेकर गुरुग्राम तक जाएगी। सरकार यह योजना इसलिए ला रही है क्योंकि दिल्ली से गुरुग्राम तक जाने और आने में बहुत समय बर्बाद होता है। गडकरी ने बताया कि यह टनल दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से लेकर गुरुग्राम तक बनाई जाएगी। इससे यात्रियों का काफी समय बचेगा। कितना समय खर्च होगा इस बहुप्रतीक्षित योजना को लेकर जानकारी देते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि दिल्ली से गुरुग्राम तक टनल रोड बन जाने के बाद यात्रा में खर्च होने वाला समय काफी बच जाएगा। गडकरी ने बताया कि अभी दिल्ली से गुरुग्राम तक जाने के लिए 1 घंटे का समय लगता है, लेकिन यह टनल बन जाने के बाद दोनों के बीच की दूरी 15 मिनट में तय कर सकेंगे। दिल्ली से गुरुग्राम के बीच टनल वाली सड़क बनाने की योजना पर बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हम एक ऐसी सुरंग बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से शुरू होकर गुरुग्राम तक जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना को लेकर अध्ययन शुरू कर दिया गया है। गडकरी ने बताया कि परिवहन मंत्रालय के पास दिल्ली के लिए 30-40 हजार करोड़ रुपए का बजट है। उन्होंने कहा कि इस टनल को बनाने का उद्देश्य यात्रा में लगने वाले समय को कम करना और दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक कोम करना है। इसके अलावा दिल्ली से वायु प्रदूषण को कम करने का भी प्रयास किया जा रहा है।  

यात्रियों की परेशानी देख शिवराज का अनुरोध, ट्रेन में जनरल डिब्बे बढ़ाने की मांग

भोपाल केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ट्रेन में बैठकर भोपाल से गंजबासौदा जा रहे थे। रविवार को उन्होंने पंजाब मेल एक्सप्रेस के जनरल बोगी में यात्रा करने की कोशिश की, लेकिन उस बोगी में जगह नहीं मिली। उन्होंने जनरल बोगी के यात्रियों से बात की और उनकी परेशानियां जानी। शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर जनप्रतिनिधि को आम होना चाहिए। उन्होंने खुद को आम आदमी बताया और कहा कि जनता के बीच जाकर ही उनकी तकलीफों का पता चलता है। उन्होंने जनरल बोगी को बढ़ाने की बात भी कही। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनरल बोगी में यात्रियों से बात करके उनकी मुश्किलों का पता चला। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में शिवराज यात्रियों से बातचीत करते हुए दिख रहे हैं। शिवराज ने कहा कि जनता के हर प्रतिनिधि को जनरल ही होना चाहिए। हम खास नहीं हैं हम आम हैं। जनरल बोगी में बैठने के लिए नहीं थी जगह शिवराज ने कहा कि हम खास नहीं, आम हैं। उनका मानना है कि आम लोगों के बीच जाकर ही उनकी कठिनाइयों और तकलीफों का अहसास होता है। उन्होंने जनरल बोगी में जगह की कमी के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं जनरल कोच में बैठना चाहता था, लेकिन वहां जगह ही नहीं थी। खचाखच भरा हुआ था। कुछ लोग खड़े भी हैं। इससे उस तकलीफ का भी अहसास होता है। शिवराज ने जनरल डिब्बों को बढ़ाने की बात कही केंद्रीय मंत्री ने इस समस्या को देखते हुए ट्रेनों में जनरल डिब्बों की संख्या बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा, "इसको देखकर मुझे लगता है कि ट्रेन में जनरल डिब्बों की और जरूरत है।" शिवराज का मानना है कि आम जनता के बीच जाकर ही उनकी समस्याओं का पता चलता है। इसलिए, उन्होंने ट्रेन में सफर कर रहे लोगों से मिलने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि मैं सभी भाई-बहनों के बीच जाऊं, जो ट्रेन से सफर कर रहे हैं। यह उनको समझने का और समझ कर उनकी सेवा करने का एक प्रयास है। 1 जुलाई से बढ़ गया है ट्रेनों का किराया दूसरी तरफ रेलवे ने 1 जुलाई से ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में की गई है। मीडिया के अनुसार रेलवे ने नान एसी क्लास का किराया 1 पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ाया है। वहीं, सभी एसी क्लास का किराया 2 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले ही किराया बढ़ाने के संकेत दे दिए थे। 24 जून को किराया संशोधन का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद ट्रेनों और श्रेणियों के अनुसार किराया तालिका जारी की गई।

झुंझुनूं में नग्न अवस्था में युवक का शव मिलने से सनसनी, हत्या की आशंका, जांच में जुटी पुलिस

झुंझुनूं झुंझुनूं जिले के सिंघाना थाना क्षेत्र स्थित पचेरी खुर्द गांव में रविवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई जब दिल्ली-झुंझुनूं नेशनल हाईवे पर रॉयल होटल के पास एक युवक का नग्न अवस्था में शव मिला। शव की स्थिति और शरीर पर गहरे चोटों के निशान से हत्या की आशंका जताई जा रही है। मृतक की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। सुबह हाईवे किनारे शव को देख ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे थानाधिकारी राजपाल यादव ने पुलिस टीम के साथ घटनास्थल को घेर कर जांच शुरू की। युवक के शरीर पर कई जगह गंभीर चोटों के निशान हैं, जिससे आशंका है कि उसकी बेरहमी से हत्या की गई और शव को घटनास्थल पर लाकर फेंका गया। पुलिस के अनुसार, घटनास्थल के आसपास संघर्ष या खून के कोई स्पष्ट निशान नहीं मिले हैं, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि हत्या किसी अन्य स्थान पर की गई और बाद में शव को यहां लाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक की उम्र लगभग 25 से 30 वर्ष के बीच बताई जा रही है। मृतक की पहचान के लिए पुलिस आसपास के थानों से गुमशुदगी की रिपोर्ट खंगाल रही है। साथ ही घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि शव को किस वाहन से लाया गया और आरोपी कौन हो सकता है। पुलिस विभिन्न पहलुओं से जांच कर रही है जिसमें निजी रंजिश, लूटपाट या अन्य आपराधिक कारण शामिल हो सकते हैं। इस वीभत्स वारदात के बाद क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल है। लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं जबकि पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।  

रायपुर एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने पेंडिंग मामले, एक्सीडेंट, नशे के बढ़ते मामलों पर हुई चर्चा

रायपुर रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा और रायपुर एसएसपी डॉक्टर लाल उम्मेद उमेंद्र सिंह ने आज जिले के सभी एएसपी, सीएसपी और थाना प्रभारियों की बैठक ली. बैठक में शहर में बढ़ते अपराध, सुरक्षा व्यवस्था और आगामी विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा की गई. रायपुर एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि बैठक में पेंडिंग मामले. एक्सीडेंट, नशे के बढ़ते मामलों के साथ पुलिस अधिकारियों से कई विषयों पर चर्चा हुई. जुलाई के दूसरे पखवाड़े में होने वाले विधानसभा के सत्र के दौरान तत्परता से ड्यूटी निभाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा थाना में प्रार्थियों से प्रेम व्यवहार से बातचीत करने कहा गया है. एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने कहा कि पिछले दिनों 24 थानों के प्रभारी बदले गए है. सभी को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने थाने का प्रभार जल्द से जल्द संभाले. आगामी त्योहार की दृष्टि से देखते हुए कैसे सही पुलिसिंग रखे, उसे बताया गया. वहीं विजन को लेकर स्टाफ को अलर्ट किया गया है. चाकूबाजी करने वालों के साथ नशे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है. इसके अलावा एक साल के ऊपर लंबित अपराध को निपटाने कहा गया है. पुलिस रिमांड पर लिया गया हसन आबिदी एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि पटवारी से जबरिया वसूली मामले में आरोपी हसन आबिदी को पुलिस ने 3 दिन की रिमांड पर लिया है. उन्होंने बताया कि हसन आबिदी अब राज खोलने लगा है. आरोपी ने पीएम आवास दिलाने के नाम पर भी ठगी की थी. इस संबंध में राजेंद्र नगर थाना में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है. गरीबों से रकम लेकर हसन आबिदी को देते थे.

झांसी स्टेशन पर समय रहते मिली मदद, महिला कर्मचारियों ने कराई सुरक्षित डिलीवरी

झांसी उत्तर मध्य रेलवे के झांसी स्टेशन पर उस समय एक बच्ची की किलकारी गूंज उठी जब महिला रेलवे कर्मचारियों एवं डॉक्टरों की मदद से एक महिला की सुरक्षित डिलीवरी कराई गई. डिलीवरी के बाद महिला को निकटवर्ती अस्पताल भेजा गया. उत्तर मध्य रेलवे के झांसी स्टेशन पर शनिवार को उस समय भावुक दृश्य देखने को मिला जब एक महिला यात्री की प्रसव पीड़ा के बीच रेलवे कर्मचारियों की तत्परता से प्लेटफॉर्म पर ही सुरक्षित डिलीवरी कराई गई. रेलवे जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार ने प्रेस नोट के माध्यम से यह जानकारी साझा की. दरअसल, ट्रेन संख्या 15066 पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस में पनवेल से बाराबंकी जा रही एक गर्भवती महिला को रास्ते में अचानक तेज प्रसव पीड़ा होने लगी. महिला की हालत बिगड़ती देख तुरंत रेलवे हेल्पलाइन से संपर्क किया गया और इसके बाद झांसी रेल कंट्रोल को जानकारी दी गई. सूचना मिलते ही रेलवे की महिला कर्मचारी टीम, मेडिकल टीम और अन्य स्टाफ अलर्ट मोड पर आ गए. जैसे ही ट्रेन वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर पहुंची, महिला यात्री को रेलवे मेडिकल टीम, रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ पाली प्रभारी पीएन सोनी एवं महिला टिकट कर्मचारियों, उप स्टेशन अधीक्षक वाणिज्य मणि राय तथा स्टेशन पर उपस्थित आर्मी डॉक्टर की सहायता द्वारा तत्परता से अटेंड किया गया.   महिला की सुरक्षित डिलीवरी इसके बाद रेलवे की ओर से मौजूद डॉ. टीम तथा महिला चेकिंग स्टाफ लिली कुशवाहा, राखी कुशवाहा, ज्योतिका साहू एवं कविता अग्रवाल की मदद से झांसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ही महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई. बिना देर किए प्लेटफॉर्म को अस्थायी प्रसव कक्ष में बदल दिया गया और सुरक्षित डिलीवरी कराई गई. महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.इस दौरान  लिली कुशवाहा ने बिना किसी हिचक के अपने वस्त्रों की परवाह किए बिना नवजात कन्या को सुरक्षित संभाला और माँ को सौंपा. डिलीवरी के बाद महिला को प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलेंस के माध्यम से निकटवर्ती अस्पताल भेजा गया. जहां दोनों स्वास्थ्य बताए जा रहे हैं.

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये ऑनलाइन आवेदन एवं नामांकन की प्रक्रिया शुरू

13 जुलाई तक किये जा सकेंगे नामांकन एवं आवेदन भोपाल  प्रदेश में केन्द्र सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग मंत्रालय नई दिल्ली के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये आवेदन और नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने समस्त जिला कलेक्टर्स एवं जिला शिक्षा अधिकारी को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। आवेदन एवं नामांकन वेब पोर्टल http://nationalawardstoteachers.education.gov.in पर 13 जुलाई तक स्वीकार किये जायेंगे। प्रदेश में जिन शिक्षकों द्वारा 13 जुलाई तक नामांकन कर दिया जायेगा उनके अभिलेख, ऑडियो, वीडियो 15 जुलाई तक पोर्टल पर अपलोड किये जा सकेंगे। जिला स्तरीय चयन समिति शिक्षक द्वारा किये गये नामांकन की प्रथम स्तर पर स्कूटनी के लिये जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। समिति में राज्य शासन का प्रतिनिधित्व जिले के डाइट प्राचार्य और कलेक्टर द्वारा नामांकित प्रतिष्ठित शिक्षाविद् सदस्य के रूप में करेंगे। राज्य स्तरीय चयन समिति राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार एवं सम्मान के लिये राज्य स्तर पर भी समिति होगी। सचिव स्कूल शिक्षा विभाग अध्यक्ष होंगे। समिति के अन्य सदस्यों में केन्द्र सरकार के नामांकित प्रतिनिधि, संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के साथ आयुक्त लोक शिक्षण सदस्य सचिव के रूप में शामिल होंगे। राज्य चयन समिति द्वारा विशेष श्रेणी सहित अधिकतम 6 अनुशंसाएं केन्द्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर अग्रेषित की जा सकेंगी। समय सारणी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की ऑनलाइन प्रक्रिया के निष्पादन की समय सारणी निर्धारित की गई है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के ऑनलाइन आवेदन एवं नामांकन 13 जुलाई 2025 तक स्वीकार किये जायेंगे। शिक्षक द्वारा अंतिम रूप से नामांकन पूर्ण करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई तय की गई है। जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा राज्य चयन समिति के लिये ऑनलाइन पोर्टल पर 3 अनुशंसाओं को 16 जुलाई से 25 जुलाई तक भेजा जा सकेगा। राज्य चयन समिति द्वारा नेशनल ज्यूरी को शॅार्ट-लिस्टेड 6 अनुशंसाएं केन्द्र सरकार को ऑनलाइन 26 जुलाई से 4 अगस्त तक भेजी जा सकेंगी। पुरस्कार के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के बेव पोर्टल से प्राप्त किये जा सकते हैं।  

देवशयनी एकादशी: काशी में गंगा स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, लगाई आस्था की डुबकी

वाराणसी सनातन धर्म में विशेष महत्व रखने वाली देवशयनी एकादशी के पावन अवसर पर रविवार को काशी के गंगा घाटों पर श्रद्धालु उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं ने सुबह दशाश्वमेध घाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर गंगा स्नान किया और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की। मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और पुण्य फलों में वृद्धि होती है। सुबह से ही घाटों पर स्नान और पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। दशाश्वमेध घाट पर महिलाओं के साथ ही बच्चे और बुजुर्ग भी आस्था की डुबकी लगाते नजर आए। प्रतापगढ़ से काशी पहुंचे श्रद्धालु शिवम ने बताया, “एकादशी के दिन गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता है कि कई पाप और दोष खत्म हो जाते हैं।” राजन कुमार ने बताया, “गंगा में स्नान करने से तन-मन दोनों पवित्र हो जाते हैं और पूजा-पाठ से कई पुण्य फल मिलते हैं। हम लोग आज के दिन अन्न का त्याग कर फलाहार ही खाते हैं, व्रत रखते हैं और भोलेनाथ के साथ नारायण की पूजा करते हैं।” दशाश्वमेध घाट के पुरोहित विवेकानंद पाण्डेय ने बताया, “आषाढ़ मास की एकादशी है। आज के दिन व्रत-पूजन करने से कई लाभ मिलते हैं। भक्त भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वो उनके दुख-दर्द दूर करें।” ‘हर-हर महादेव’ और ‘नारायण-नारायण’ के जयघोष से घाटों का माहौल भक्तिमय बन गया। श्रद्धालुओं ने गंगा जल से भगवान विष्णु का अभिषेक किया, पीले फूल, तुलसी पत्र और पंचामृत अर्पित किए। वहीं, कई भक्तों ने विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी किया और दान-पुण्य के कामों में हिस्सा भी लिया। इस दिन किए गए दान को विशेष फलदायी माना जाता है। हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव संभालते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है, जो 6 जुलाई से शुरू होकर 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी तक चलेगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक रहती है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान विष्णु की अनुपस्थिति में शुभ कार्यों में उनका आशीर्वाद नहीं मिलता।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वनाधिकार और पेसा एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पहली बैठक में दिए निर्देश

सरकार वनवासियों के साथ है, यह भावना जन जन तक जानी चाहिए दुग्ध उत्पादन के जरिए जनजातीय भाई-बहनों की बढ़ाएं नकद आय पेसा मोबालाईजर की निुयक्ति के अधिकार अब ग्राम सभाओं को देगी सरकार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्नेह का बंधन एकतरफा नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार हर पल वनवासियों के साथ खड़ी है, यह बात पूरी शिद्दत से उन तक पहुंचनी चाहिए। सभी वनवासियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें और उनके जीवन में विकास का प्रकाश लाने की दिशा में काम करें। वनवासियों के कल्याण के लिए हरसंभव प्रबंध किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के अध्ययनरत एवं रोजगार कर रहे बच्चों का सामाजिक सम्मेलन बुलाएं। इस सम्मेलन के जरिए सरकार इन बच्चों को उन तक पहुंचने वाले लाभ का फीड-बैक भी लेगी और जिन्हें जरूरत है, उन तक सरकार की योजनाएं तथा सुविधाएं भी पहुंचाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा एक्ट के क्रियान्वयन के लिए गठित की गई राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की शीर्ष समिति तथा इसी विषय के लिए गठित कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय कार्य एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को वनाधिकार के व्यक्तिगत और सामुदायिक दावों का तेजी से निराकरण कर 31 दिसंबर 2025 तक पेंडेसी जीरो करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पेसा एक्ट यानि पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 लागू है। इसमें पेसा मोबालाईजर्स के जरिए जनजातियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देकर योजनाओं से लाभान्वित भी कराया जाता है। इन सभी पेसा मोबालाईजर्स की अपने काम पर उपस्थिति और उच्च कोटि का कार्य प्रदर्शन फील्ड में दिखाई भी देना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा मोबालाईजर्स को नियुक्त करने और संतोषजनक प्रदर्शन न करने पर इन्हें हटाने के अधिकार सरकार अब ग्राम सभाओं को देने जा रही है।इस निर्णय से एकरूपता आएगी और ग्राम सभाएं पेसा मोबालाईजर्स से अपने मुताबिक काम भी ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वनवासियों की बेहतरी के लिए संकल्पित है। उनके सभी हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग का मैदानी अमला यह सुनिश्चित करे कि वन भूमि पर अब कोई भी नये अतिक्रमण कदापि न होने पाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के सुचारू क्रियान्वयन के लिए महाराष्ट्र सरकार के 'जलयुक्त शिविर' अभियान की तरह समन्वय पर आधारित मॉडल मध्यप्रदेश में भी अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों द्वारा इस अधिनियम के अमल के लिए की जा रही कार्यवाही के सभी पहलुओं का अध्ययन कर लें और जो सबसे उपयुक्त है उसी मॉडल पर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के विकास के लिए विधायकों द्वारा विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। वनाधिकार अधिनियम और पेसा कानून के अमल के लिए समुचित प्रावधान भी इसी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार क्रमबद्ध रूप से विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूहों और अन्य जनजातीय बहुल गांव, मजरों-टोलों तक सड़कों का निर्माण कर रही है। ग्राम पंचायत विकास कार्ययोजना में पेसा कोष की राशि खर्च करने का अधिकार भी संबंधित पेसा ग्राम सभा को दिया जा रहा है। बैठक में समिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक श्री भगत सिंह नेताम ने बताया कि वनाधिकार अधिनियम के प्रभावी अमल के लिए बालाघाट जिले में पुलिस विभाग द्वारा सभी पुलिस चौकियों में एकल सुविधा केन्द्र स्थापित कर इसके जरिए कैम्प लगाकर जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है। अब तक 450 वनाधिकार दावे भरवाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी 88 जनजातीय विकासखंडों वाले जिलों के कलेक्टर को बालाघाट मॉडल भेजकर इसी अनुरूप कार्यवाही करने के लिए कहा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन क्षेत्र के सभी गांवों के विकास के लिए प्रस्ताव दिए जाएं। उन्होंने कहा कि यह कार्य एक्शन प्लान बनाकर किया जाए। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2025 तक सभी गांवों के दावे प्राप्त कर लें और इसी दौरान इनका निराकरण भी कर लें। वन अधिकारियों की ट्रेनिंग का काम 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई तकनीकी परेशानी आ रही है तो इसके लिए वन और जनजातीय कार्य विभाग मिलकर एक नया पोर्टल भी विकसित कर लें। वनांचल विकास केन्द्र को करें और अधिक सक्रिय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों के पारम्परिक ज्ञान को उनके विकास के लिए बनाई जा रही नीति निर्माण में भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं को और भी सशक्त बनाने, सामुदायिक वन संसाधनों के समुचित प्रबंधन, जैव विविधता के संरक्षण और वन एवं वनोपज संसाधनों के न्यायसंगत वितरण के लिए वन/वनांचल विकास केन्द्रों को और अधिक भी सक्रिय कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ये केंद्र वन अनुसंधान, प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज और कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व-सीएसआर/कैम्पा जैसे वित्त स्रोतों के समन्वय में महत्त्वपूर्ण भूमिका भी अदा करें। सामुदायिक आजीविका पर करें फोकस मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजीविका सबसे पहली जरूरत होती है। सामुदायिक आजीविका के साधनों पर फोकस कर जनजातियों की नकद आय के साधन बढ़ाने की दिशा में उन्हें दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्हें शासन की योजना के तहत अधिक से अधिक दुधारू पशु (मुख्यत: गाय, भैंस) उपलब्ध कराए जाएं। इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की रोजगारमूलक योजनाओं से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि वनवासी वनोपजों पर विशेष रूप से आश्रित रहते हैं। इसलिए लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन गतिविधियों में जनजातीय समुदायों को लाभ का बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए,इससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। औषधीय पौधों की खेती पर विशेष जोर दिया जाए ताकि जनजातीय वर्ग के उत्पाद सीधे बाजार से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्गों की स्थायी आजीविका विकास के लिए मूल्य संवर्धन केंद्र भी विकसित किए जाएं, जिससे जनजातियां रोजगार की तलाश में बाहर न जाएं और युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न … Read more

सीएम योगी ने कहा- भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को हुआ था। उन्होंंने मात्र 33 वर्ष की उम्र में कोलकाता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वह एक प्रखर वक्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान शिक्षाविद थे। सीएम योगी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। बंगाल के अकाल के दौरान उनकी सेवाओं को पूरा देश स्मरण करता है। उनका जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा। डॉ. मुखर्जी ने आजादी के बाद पंडित नेहरू के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में भारत के खाद्य एवं उद्योग मंत्री के रूप में देश में खाद्य की आत्मनिर्भरता और औद्योगीकरण की नींव रखी थी, जो नए भारत में भी स्पष्ट देखने को मिलता है। उन्होंने नेहरू सरकार के तुष्टिकरण की नीति के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इतना ही नहीं भारतीय जनसंघ का गठन और उसके पहले अध्यक्ष होने के साथ जब भारत के संविधान में नेहरू सरकार ने कश्मीर को 370 धारा के माध्यम से अलग स्टेटस देने का प्रयास किया और परमिट सिस्टम जम्मू-कश्मीर के लिए लागू किया, उसके खिलाफ सबसे पहले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही आवाज उठाई थी। उन्होंने उस समय एक देश में ‘दो प्रधान, दो विधान और दो निशान’ नहीं चलेंगे का नारा दिया था। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के इन सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करके कश्मीर को भारत के संविधान के अनुरूप शेष भारत के साथ जोड़ते हुए ‘एक विधान एक प्रधान और एक निशान’ के साथ भारत की लोकतांत्रिक धारा के साथ जोड़ने का अभिनव प्रयास किया है। आज जम्मू कश्मीर तेजी के साथ विकास कर रहा है, जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के संकल्पों की विजय है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया भर में इन्वेस्टमेंट के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण की नींव को आजाद भारत में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने प्रारंभ किया था और आज उसका एक बहुत ही वृहद स्वरूप देश में देखने को मिल रहा है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया त्रस्त थी, उस दौरान भारत ने अपने यहां 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन की सुविधा का लाभ दिया, जो आज भी निरंतर चल रहा है। यह सभी संकल्प श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करने वाला है।