samacharsecretary.com

सम्पर्क क्रांति में बम की अफवाह बन गई 1700 यात्रियों की टेंशन, झांसी पहुंचकर खुला पूरा मामला

 झांसी  मध्य प्रदेश के झांसी में हजरत निजामुद्दीन से चलकर दुर्ग जाने वाली छत्तीसगढ़ सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस (12824) में शुक्रवार रात बम रखे होने की सूचना से हड़कंप मच गया। ट्रेन में बम रखे होने की सूचना लखनऊ कंंट्रोल रूम को मिली थी। तत्काल झांसी को इस बारे में सूचित किया गया। सूचना मिलते ही रेलवे का अमला अलर्ट हो गया और तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई। इसके बाद आरपीएफ, जीआरपी समेत लोकल पुलिस ने स्टेशन पर डेरा डाल लिया। ट्रेन के रेलवे स्टेशन पर आते ही पुलिस ने पूरी ट्रेन को खाली करा लिया और यात्रियों को उतारकर सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया। लगभग 40 मिनट तक की गई गहन तलाशी के बाद ट्रेन में कुछ नहीं मिला, जिस पर रात लगभग 12:24 बजे ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। ट्रेन हजरत निजामुद्दीन से चलने के बाद सीधे झांसी में रुकती है। शुक्रवार की रात किसी ने लखनऊ के रेलवे कंट्रोल रूम नम्बर 139 को सूचना दी कि हजरत निजामुद्दीन से चलकर दुर्ग जाने वाली छत्तीसगढ़ सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस में बम रखा है। रेलवे को बम मिलने की सूचना की जानकारी दी गई तो तत्काल सुरक्षा बल अलर्ट हो गया। उसने स्टेशन पर मोर्चा संभाल लिया। प्लैटफॉर्म नंबर 2-3 खाली कराए गए ट्रेन के झांसी आने का समय रात 11 बजे है, लेकिन वह कुछ देर रात 11:32 बजे झांसी आई। एसपी जीआरपी विपुल श्रीवास्तव के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन पर भारी फोर्स तैनात कर दी गई। सिटी मजिस्ट्रेट प्रमोद झा, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह भी सिविल पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। रेल कमांडेंट ट्रेन विवेकानंद नारायण ने बताया कि ट्रेन को झांसी आने पहले ही रेलवे पुलिस ने प्लैटफॉर्म नंबर 2 और 3 खाली कराकर यात्रियों को दूसरे प्लैटफॉर्म की ओर डायवर्ट कर दिया। ट्रेन जैसे ही झांसी रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई, तत्काल इंजन के बाद वाले कोच से तलाशी अभियान शुरू हो गया। ट्रेन से उतरने वाले सभी यात्रियों की तलाशी ली जाने लगी। कोच के अंदर भी तलाशी शुरू हुई। यह क्रम तब तक चला जब तक कि पूरी ट्रेन की तलाशी नहीं हो गई। पूरी ट्रेन की तलाशी के बाद ही ट्रेन को गंतव्य स्थान के लिए रवाना किया गया।

महाकाल मंदिर में 60 करोड़ का दान, दो साल में 12.32 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, बना नंबर-1 धार्मिक केंद्र

उज्जैन  महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। महाकाल लोक बनने के बाद मंदिर में दर्शन के लिए रोजाना डेढ़ से दो लाख भक्त पहुंच रहे हैं। पहले यह संख्या 40 से 50 हजार होती थी।  मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के मुताबिक, महाकाल लोक के खुलने के बाद भक्त बड़ी संख्या में उज्जैन आ रहे हैं और खुलकर दान भी कर रहे हैं।वर्ष 2019-20 में मंदिर को करीब 15 करोड़ रुपए दान में मिले थे, जो 2023-24 में बढ़कर 59.91 करोड़ रुपए हो गए।2024-25 में अब तक 51.22 करोड़ रुपए का दान आ चुका है। यह राशि सिर्फ भेंट पेटियों में डाले गए दान की है। मंदिर की अन्य कमाई मिलाकर यह आय एक अरब रुपए से भी ज्यादा है। धार्मिक पर्यटन में भी रिकॉर्ड बढ़त महाकाल लोक खुलने के बाद उज्जैन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है।2023 में 5.28 करोड़ लोग उज्जैन आए थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.32 करोड़ पहुंच गया है।यानि एक साल में 39% की बढ़ोतरी। पिछले दो वर्षों में 12 करोड़ 32 लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को उज्जैन पहुंचे हैं। गुप्त दान में मिली चांदी की पालकी में सवार होकर निकलेंगे बाबा महाकाल श्रावण-भाद्रपद मास में इस बार उज्जैन राजाधिराज महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर प्रशासन के अनुसार, करीब 10 साल बाद सवारी में नई पालकी को शामिल किया जा रहा है। नवंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के एक भक्त ने गुप्तदान के रूप में मंदिर समिति को यह पालकी भेंट की थी। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास में महाकाल की सवारी निकलती है। इस बार 14 जुलाई को पहली और 18 अगस्त को श्रावण-भाद्रपद मास की राजसी सवारी निकलेगी। इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिर समिति ने हर बार की तरह इस बार भी लोक निर्माण विभाग से पालकी का परीक्षण कराया है। यह है पालकी की खासियत चांदी की नई पालकी का वजन करीब 100 किलो है। लकड़ी से बनी पालकी पर 20 किलो चांदी का आवरण है। पालकी को उठाने के लिए स्टील के पाइप लगाए गए हैं। पालकी का ऊपरी हिस्सा भी स्टील के पाइप से बना है। वर्षों पहले सवारी में लकड़ी की पालकी का उपयोग होता था। ठोस लकड़ी से निर्मित पालकी का वजन डेढ़ क्विंटल से अधिक था। बाद में लकड़ी और स्टील के पाइप से बनी पालकी का उपयोग शुरू हुआ। इसका वजन करीब 130 किलो बताया जाता है। यह तीन फीट चौड़ी और पांच फीट लंबी है। पालकी को उठाने वाले हत्थे पर सिंहमुख की आकृति बनाई गई है। चांदी के आवरण पर सूर्य, स्वास्तिक, कमल पुष्प और दो शेरों की नक्काशी की गई है। भगवान महाकाल की पालकी उठाने के लिए 70 कहार सेवा देते हैं। श्रावण-भाद्रपद मास में निकलेगी छह सवारियां पहली सवारी 14 जुलाई को होगी। इसके बाद 21 जुलाई, 28 जुलाई, 4 अगस्त, 11 अगस्त और अंतिम राजसी सवारी 18 अगस्त को निकलेगी। मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था और सवारी की तैयारियां शुरू कर दी हैं।  

सीएम डॉ. मोहन यादव आज ग्वालियर दौरे पर, विकास कार्यों का भूमिपूजन करेंगे और अंबेडकर धाम का भूमि-पूजन करेंगे

ग्वालियर  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज 5 जुलाई को ग्वालियर दौरे पर रहेंगे। ग्वालियर में शनिवार (पांच जुलाई) को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर आ रहे हैं। सीएम भोपाल से और केन्द्रीय मंत्री सिंधिया दिल्ली से दोपहर 3 बजे ग्वालियर आएंगे।  इसके बाद, दोपहर 12.15 बजे सहकारी युवा संवाद कार्यक्रम में भाग लेंगे। वहीं 2.45 बजे सीएम ग्वालियर के लिए रवाना होंगे जहां वे विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे। इन कार्यों में सड़क निर्माण और जलापूर्ति जैसी जरूरी प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। यह कार्यक्रम ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह तथा सांसद भारत सिंह कुशवाह की उपस्थिति में होगा। कार्यक्रम को लेकर शुक्रवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने तैयारियों का जायजा लिया और कमियां पूरी कराईं।ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ग्वालियर बदल रहा है और निरंतर विकास के पथ पर चल रहा है। विकसित, समृद्ध होते ग्वालियर की इस प्रगति यात्रा में शनिवार को हजीरा थाने के पास बिरला नगर ग्वालियर में अंतरराज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, सांसद भारत सिंह कुशवाह की मौजूदगी में 281.81 करोड़ के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन होगा। आईएसबीटी का शुभारंभ व सिविल अस्पताल को मिलेगा नया भवन मुख्यमंत्री डॉ. यादव लगभग 4.25 बजे गोले का मंदिर-मुरैना रोड पर नवनिर्मित आईएसबीटी (अंतरराज्यीय बस अड्डा) परिसर पहुंचेंगे और लगभग 281 करोड़ 71 लाख रुपए के विकास कार्यों के भूमिपूजन व लोकार्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेंगे। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस दिन बदलते ग्वालियर को स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के रूप में सिविल अस्पताल बिरला नगर के 15 करोड़ की लागत से निर्मित नवीन भवन की सौगात मिल रही है। वहीं हमारे बच्चों के बेहतर शैक्षणिक विकास के लिए 20.12 करोड़ की लागत से निर्मित शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिक्षा नगर और 35.93 करोड़ की लागत से निर्मित सीएम राइज कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल किला गेट के भवन का उपहार मिलेगा। 112 करोड़ की लागत से बने विद्युत सब स्टेशन का होगा लोकार्पण ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ग्वालियर में विद्युत वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए 112 करोड़ की लागत से निर्मित 132 केव्ही जीआईएस विद्युत सब स्टेशन फूलबाग का लोकार्पण हो रहा है। इसके साथ ही ग्वालियर के हरित क्षितिज को नया गंतव्य देने के लिए 2.67 करोड़ की लागत से वेस्ट टू वंडर पार्क की शुरुआत हो रही है। बच्चों को खेलों के प्रति जागरूक बनाने के लिए 2.84 करोड़ की लागत से जेसी मिल हाई स्कूल के पीछे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का शुभारंभ, यातायात को सर्वसुलभ बनाने के लिए 77 करोड़ की लागत से निर्मित अंतरराज्यीय बस अड्डा का लोकार्पण और 16.15 करोड़ की लागत से बनने वाले 1000 बिस्तरीय अस्पताल को जेएएच अस्पताल से जोड़ने के लिए अंडर ब्रिज के भूमिपूजन के रूप में नई सौगातें मिल रही हैं। अंबेडकर धाम का भूमि-पूजन सीएम मोहन यादव ग्वालियर में जौरासी गांव में बनने वाले अंबेडकर धाम का भूमि-पूजन करेंगे। यह स्थल सामाजिक समरसता, न्याय और समानता के प्रतीक डॉ. अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाएगा। अंबेडकर धाम की स्थापना से ग्वालियर में सामाजिक सद्भावना को प्रोत्साहन मिलेगा और यह डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को जीवित रखेगा। सामाजिक समरसता के लिए कार्यक्रम इस अवसर पर सीएम विभिन्न गवर्नमेंट स्कीम्स के लाभार्थियों को लाभ वितरित करेंगे। साथ ही, वह सामाजिक समरसता की शपथ दिलाएंगे और इस क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले नागरिकों को सम्मानित करेंगे। यह कदम राज्य सरकार के सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और समाज के हर वर्ग को समान अवसर देने के उद्देश्य से उठाया गया है। भगवान जगन्नाथ रथयात्रा वहीं, इन सभी के बाद सीएम शाम 7 बजे भगवान जगन्नाथ रथयात्रा कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह धार्मिक आयोजन ग्वालियर में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे। कार्यक्रम का समापन सीएम डॉ. मोहन यादव की यह यात्रा शाम 8:30 बजे भोपाल लौटने के साथ समाप्त होगी। इस दौरान किए गए विकास कार्यों के भूमिपूजन और धार्मिक आयोजनों से ग्वालियर के नागरिकों में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान यह रहेगी यातायात व्यवस्था     व्हीआईपी भ्रमण एवं भगवान जगन्नाथ महाप्रभु रथयात्रा के दौरान शहर में सभी प्रकार के भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।     व्हीआईपी भ्रमण के दौरान भिण्ड एवं मालनपुर की ओर से आने वाले सभी प्रकार के वाहन लक्ष्मणगढ़ पुल से बायपास होते हुए बेहटा चौकी, बड़ा गांव पुल, बड़ागांव चौराहा, आर्मी एरिया होते हुए शहर में प्रवेश करेंगे।     व्हीआईपी भ्रमण के दौरान मुरैना की ओर से आने वाले वाहन जो गोले का मंदिर होते हुए भिण्ड, डबरा, दतिया, शिवपुरी की ओर जाना चाहते हैं। वे निरावली तिराहा से बायपास होते हुए जा सकेंगे।     व्हीआईपी भ्रमण के दौरान दतिया, डबरा की ओर से आने वाले वाहन जो विक्की फैक्ट्री, नाका चन्द्रबदनी चौराहा, सिटी सेंटर, गोले का मंदिर चौराहा होते हुए भिण्ड एवं मुरैना की ओर जाना चाहते हैं। वे सिकरोदा तिराहा से डायवर्ड होकर बायपास होते हुए भिण्ड एवं मुरैना की ओर जा सकेंगे।     व्हीआईपी भ्रमण एवं भगवान जगन्नाथ महाप्रभु रथ यात्रा के दौरान शिवपुरी, गुना, अशोकनगर की ओर से आने वाले भारी वाहन बेला की बावड़ी, चिरवाई नाका होते हुए भिण्ड एवं मुरैना की ओर जाना चाहते हैं। वे नया गांव तिराहा से डायवर्ड होकर, सिकरोदा तिराहा से बायपास होते हुए भिण्ड एवं मुरैना की ओर जा सकेंगे।     व्हीआईपी भ्रमण एवं भगवान जगन्नाथ महाप्रभु रथ यात्रा के दौरान शिवपुरी, गुना, अशोकनगर की ओर से आने वाले छोटे वाहन बेला की बावड़ी, चिरवाई नाका, कैंसर पहाड़िया कट, गोल पहाड़िया होकर शहर में प्रवेश कर भिण्ड एवं मुरैना की ओर जाना चाहते हैं। वे बेला की बावड़ी से डायवर्ड होकर चिरवाई नाका, विक्की फैक्ट्री, सिकरोदा तिराहा से बायपास होते हुए जा सकेंगे।     व्हीआईपी भ्रमण के दौरान एयरपोर्ट, डीडी नगर, पानी की टंकी की ओर से आने वाले वाहन जो गोले का मंदिर होते हुए मुरार, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाड़ा, लश्कर की ओर जाना चाहते हैं। वे पानी की टंकी … Read more

श्रीमती कंगाले ने कहा जनकल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया जाना चाहिए

रायपुर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सचिव एवं बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता में  संयुक्त जिला कार्यालय भवन परिसर में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रभारी सचिव श्रीमती कंगाले ने विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने तथा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया जाना चाहिए। उन्होंने जिले में ईको-टूरिज्म की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इस दिशा में एक समग्र एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। प्रभारी सचिव ने राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए अविवादित, विवादित नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार सहित लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र उत्थान हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि इन समुदायों को शासन की मुख्यधारा से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा में उन्होंने निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने तथा लक्ष्यानुरूप प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मनरेगा अंतर्गत संचालित गतिविधियों एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्राप्त उपलब्धियों की भी जानकारी ली गई। बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने पूर्व पंजीकृत कृषकों का अद्यतन पंजीयन भारत सरकार के निर्देशानुसार पूर्ण कराने के निर्देश दिए। शिक्षा विभाग की समीक्षा में उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए तथा शिक्षकों को समय-समय पर आधुनिक शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि परीक्षा परिणामों में निरंतर सुधार हो सके। बैठक में जल जीवन मिशन, खाद-बीज आपूर्ति, सौर सुजला योजना, उद्योग विभाग की योजनाएं, स्वच्छ भारत मिशन, रेशम विभाग की गतिविधियों तथा रोजगार सृजन कार्यक्रमों की भी गहन समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने जिले की प्रमुख उपलब्धियों, विकास कार्यों, सामाजिक-आर्थिक संरचना, स्थानीय चुनौतियों एवं प्रशासनिक प्रयासों की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक बैंकर वैभव रमनलाल ने अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था तथा सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु किए गए प्रयासों से अवगत कराया। वनमण्डलाधिकारी आलोक कुमार बाजपेयी ने ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के अंतर्गत किए जा रहे पौधारोपण कार्यों की जानकारी दी तथा बताया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु जनभागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने हाथियों द्वारा प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा वितरण एवं ईको-टूरिज्म विकास की दिशा में उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर, अपर कलेक्टर आर.एस. लाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों को अनुशासन, समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत का महत्व समझाते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया

रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका ने विद्यार्थियों को दिए सफलता के मंत्र राज्यपाल रमेन डेका महासमुंद जिले के विकासखंड पिथौरा अंतर्गत ग्राम गोडबहल के  शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे राज्यपाल ने विद्यार्थियों को अनुशासन, समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत का महत्व समझाते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया रायपुर राज्यपाल रमेन डेका आज महासमुंद जिले के विकासखंड पिथौरा अंतर्गत ग्राम गोडबहल के  शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे। यहां वे अध्यापक की भूमिका में नजर आए और कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुशासन, समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत का महत्व समझाते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। राज्यपाल ने बच्चों को सरल भाषा में सी.वी. रमन इफेक्ट के बारे में जानकारी दी और बताया कि शिक्षा में भाषा कभी भी बाधा नहीं होती। उन्होंने कहा कि स्कूल केवल पढ़ाई का स्थान नहीं है, बल्कि यह बौद्धिक विकास का केंद्र है। बातचीत के दौरान उन्होंने '3 इडियट्स' फिल्म का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों से फिल्म के सकारात्मक संदेश को अपनाने की सलाह दी। राज्यपाल डेका ने विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति (NEP) के प्रमुख बिंदुओं से भी अवगत कराया और कहा कि यह नीति विद्यार्थियों को उनकी रुचि और क्षमताओं के अनुसार सीखने के अवसर प्रदान करती है। अपने संवाद के दौरान राज्यपाल ने  जानकारी दी कि  टॉपर्स विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए पुरस्कार प्रदान किया जा रहा ।उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस आत्मीय संवाद में कक्षा 12वीं की छात्रा कु. दिव्या ने राज्यपाल से अपने लक्ष्य साझा करते हुए कहा कि वह यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से आईएएस बनना चाहती हैं। राज्यपाल डेका ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए और धैर्य तथा कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। इसी तरह विद्या राजपूत ने भी यूपीएससी की तैयारी हेतु मार्गदर्शन प्राप्त किया, जिन्हें भी राज्यपाल ने विशेष टिप्स और हौसला प्रदान किया। संवाद के दौरान  कलेक्टर विनय कुमार लंगेह मौजूद रहे।

7 जुलाई को खड़गे का छत्तीसगढ़ दौरा, कई वरिष्ठ नेता होंगे मौजूद

रायपुर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 7 जुलाई को छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं. उनके दौरे को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. बैठक में खड़गे की प्रस्तावित सभा की तैयारियों और व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई. प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में यह बैठक हुई. बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे मौजूद रहे. वहीं सह प्रभारी, प्रदेश प्रभारी महामंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक और रायपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष भी शामिल हुए. इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे और सभा को लेकर चर्चा की जा रही है. सभा को सफल बनाने के लिए गठित विभिन्न समितियों की आज दिनभर बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें अब तक की तैयारियों की समीक्षा और आगे की रणनीति को लेकर निर्देश दिए जाएंगे. 7 जुलाई को खड़गे का छत्तीसगढ़ दौरा बता दें कि बीते दिनों छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने राजीव भवन में बैठक ली थी. इस दौरान उन्होंने मैराथॉन बैठकों के बाद घोषणा की थी कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे 7 जुलाई को छत्तीसगढ़ दौरे पर आएंगे. इस दौरान विशाल रूप में किसान-जवान-संविधान सभा आयोजित की जाएगी.

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वॉटर वुमन शिप्रा पाठक का किया सम्मान

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली "वॉटर वुमन" के नाम से विख्यात शिप्रा पाठक ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण और विशेष रूप से सिंदूर पौधरोपण को जन-जन तक पहुंचाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने शिप्रा पाठक को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि शिप्रा पाठक ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए किए गए कार्यों के लिए व्यापक स्तर पर पहचान प्राप्त की है। उनके नेतृत्व में पौधरोपण अभियान ने न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है, बल्कि आम लोगों को पेड़ लगाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित भी किया है।इस अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रोफेसर हरिशंकर सिंह भी उपस्थित थे।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कार्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है और ऐसे प्रयासों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

RSSB ने लाइब्रेरियन ग्रेड III भर्ती परीक्षा 2024 की तारीख की घोषित

जयपुर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने लाइब्रेरियन ग्रेड III भर्ती परीक्षा 2024 की तारीख घोषित कर दी है। कुल 548 पदों के लिए यह परीक्षा जुलाई महीने में निर्धारित तिथि को आयोजित की जाएगी। जिन उम्मीदवारों ने आवेदन किया है, वे अब परीक्षा की तैयारी अंतिम चरण में शुरू कर सकते हैं। इस दिन होगी परीक्षा अधिसूचना के अनुसार, राजस्थान लाइब्रेरियन ग्रेड III परीक्षा 27 जुलाई 2025 को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली सुबह 10:00 बजे से 12:00 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 3:00 बजे से 5:00 बजे तक होगी। इस भर्ती अभियान का लक्ष्य 2025 तक 548 लाइब्रेरियन पदों को भरना है। पहचान पत्र में फोटो स्पष्ट और अपडेटेड हो अगर आपके पहचान पत्र (ID) में लगी फोटो तीन साल या उससे ज्यादा पुरानी है, तो उसे समय रहते अपडेट कराना जरूरी है। परीक्षा के दिन आपके एडमिट कार्ड में लगी फोटो और पहचान पत्र की फोटो का मिलान किया जाएगा। अगर दोनों में फर्क पाया गया या चेहरा मेल नहीं खाया, तो आपको परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपकी फोटो हाल की और साफ हो, जिससे पहचान में कोई दिक्कत न हो। उत्तर भरने के नियम परीक्षा में हर प्रश्न के साथ पांच विकल्प (A, B, C, D और E) दिए जाएंगे। पहले चार विकल्प (A से D) उत्तर से संबंधित होंगे, जबकि पांचवां विकल्प 'E' उस स्थिति में भरना होगा जब आप उस प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहते। आपको OMR शीट पर सही उत्तर के लिए केवल एक गोले (A, B, C या D) को नीले बॉल पेन से गहरा कर भरना है। अगर आप किसी प्रश्न को छोड़ना चाहते हैं, तो उसके लिए 'E' विकल्प को गहरा करें। उत्तर भरने से जुड़ी महत्वपूर्ण शर्तें और निगेटिव मार्किंग नियम परीक्षा में अगर आप किसी प्रश्न के पांचों विकल्पों में से कोई भी गोला नहीं भरते, तो उस प्रश्न के अंकों का 1/3 हिस्सा काट लिया जाएगा। इसके अलावा, अगर आप 10% से ज्यादा प्रश्नों के लिए कोई भी गोला नहीं भरते, तो आपको परीक्षा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इसलिए हर प्रश्न के लिए या तो सही उत्तर (A, B, C, D) या फिर 'उत्तर नहीं देना' (E) को जरूर गहरा करें। इस प्रक्रिया को सही से पूरा करने के लिए आपको अंत में 10 मिनट का अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा ताकि आप यह जांच सकें कि हर प्रश्न के सामने कोई न कोई गोला जरूर भरा हो।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- सामाजिक समरसता से सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि समाज के सर्वांगीण विकास और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की सामाजिक समरसता की भावना के अनुसार सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के सामाजिक परिदृश्य में तेजी से सकारात्मक बदलाव आ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कहना है कि विकास की मुख्यधारा में हर वर्ग को साथ लेकर चलने से ही सामाजिक एकता मजबूत होती है। सामाजिक समरसता ही वह भावना है जो कठिन परिस्थितियों में भी परस्पर सहयोग और मदद के लिए प्रेरित करती है। सशक्त समाज से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में ग्वालियर में शनिवार को ‘समरसता कार्यक्रम’ का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्वालियर के जौरासी गांव में बनने वाले अंबेडकर धाम का भूमि-पूजन करेंगे। यह स्थल सामाजिक समरसता, न्याय और समानता के प्रतीक डॉ. अंबेडकर के विचारों का जीवंत केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री इस अवसर पर विभिन्न शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ वितरित करेंगे, सामाजिक समरसता की शपथ दिलाएंगे और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले नागरिकों को सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम में सामाजिक एकता पर विषय विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस अवसर पर सहभोज का आयोजन भी किया गया है। दृढ़ सामाजिक समरसता के लिए संकल्पित सरकार राज्य सरकार ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों और योगदान को सम्मान देते हुए सामाजिक समरसता को सशक्त करने के लिए शिक्षा, रोजगार, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक न्याय को केंद्र में रखकर कई योजनाएं शुरू की हैं। डॉ. अंबेडकर के जीवन, विचारों और योगदान को सम्मान देते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के सशक्तिकरण के लिए राज्य शासन की कई प्रभावी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। योजनाओं का उद्देश्य सामाजिक समरसता, आर्थिक उन्नयन, शैक्षिक प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करना है। डॉ. अंबेडकर से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों — महू (जन्मस्थली), दिल्ली (महापरिनिर्वाण स्थल), नागपुर (दीक्षाभूमि), मुंबई (चैत्यभूमि) और लंदन (शिक्षा स्थल) — को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में शामिल किया गया है। महू स्थित डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली का समग्र विकास किया गया है, जिसमें स्मारक, संग्रहालय, पार्क, सभागार और स्वागत द्वार का निर्माण हुआ है। साथ इस “आस्था स्थल” और अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में भी कार्य चल रहा है।भोपाल स्थित डॉ. अंबेडकर स्मारक, पुस्तकालय और भवन का भी नवीनीकरण एवं विस्तार किया गया है। राज्य में वर्ष 2004 से संचालित डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण और ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। हाल ही में डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन और पशुपालकों को आर्थिक सहयोग प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत 42 लाख तक के ऋण पर 33% तक की सब्सिडी दी जा रही है। डॉ. अंबेडकर उद्योग उदय योजना के माध्यम से एससी-एसटी उद्यमियों को एमएसएमई क्षेत्र में प्रोत्साहन और वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना के अंतर्गत बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को 30 हजार रुपये तक का पुरस्कार दिया जाता है। डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति योजना और अंबेडकर फेलोशिप के जरिए उच्च शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सीहोर और मुरैना में स्थापित डॉ. अंबेडकर तकनीकी शिक्षा संस्थानों में आवासीय प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। सागर जिले में डॉ. अंबेडकर वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना अप्रैल माह में की गई है। भोपाल में प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई-ओवर का नामकरण डॉ. अंबेडकर के नाम पर किया गया है। जून 2025 में अंबेडकर गौशाला विकास योजना को मंजूरी दी गई, जिसके तहत 5 हजार से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। डॉ. अंबेडकर सामाजिक समरसता अभियान के तहत प्रदेशभर में पंचायत स्तर तक जनसंवाद, रैलियाँ, नाटक, प्रतियोगिताएं और संविधान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। प्रदेश के कई बस स्टैंड, सड़कें, उद्यान, पुस्तकालय एवं महाविद्यालयों का नामकरण डॉ. अंबेडकर किया गया है। वर्ष 2016 में महू रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अंबेडकर नगर स्टेशन किया गया। केन्द्र सरकार ने डॉ. अंबेडकर के विचारों, योगदान और आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। इनका उद्देश्य सामाजिक न्याय, शिक्षा, सशक्तिकरण और समावेशी विकास को मजबूती देना है। डॉ. अंबेडकर को वर्ष 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो उनके ऐतिहासिक योगदान का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान था। डॉ. अंबेडकर की स्मृति से जुड़े बड़ोदरा स्थित संकल्प भूमि ‘बनयान ट्री कैंपस’ और सतारा (महाराष्ट्र) स्थित प्रताप राव भोंसले हाई स्कूल को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक घोषित किया गया है। यहां उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई थी। सामाजिक न्याय मंत्रालय ने देश के कई विश्वविद्यालयों में डॉ. अंबेडकर सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है, जिनका उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा में सहायता प्रदान करना है। 

इजराइल के वैज्ञानिक पांढुर्णा और छिंदवाड़ा के किसानों को संतरे की खेती करने के तरीके बताएंगे

पांढुर्णा पांढुर्णा और छिंदवाड़ा के किसानों को इजरायली तकनीक से खेती करने के तरीके सिखाए जाएंगे ताकि किसान मालामाल हो सके. सौंसर के शासकीय संजय निकुंज कुडड्म में निर्माणाधीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिट्रस यानी नींबू वर्गीय पौधों का उत्कृष्ट केन्द्र बन रहा है. यहां इजराइल के वैज्ञानिक किसानों को संतरे की खेती करने के तरीके बताएंगे. इजराइली एम्बेसी के विशेषज्ञ उरी रूबीस्टेन ने यहां का जायजा लिया. कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से की चर्चा निर्माणाधीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिट्रस में इजराइली एम्बेसी विशेषज्ञ उरी रूबीस्टेन ने निर्देश दिए कि सेन्टर पर रोपित होने वाले सभी पौधों का रोपण रिज बेड पद्धति से किया जाए. साथ ही पौधारोपण के पहले बेड पर वीड मैट बिछाने के बाद डबल ड्रिप लाइन स्थापित की जाए. जिन किसानों ने रिज बेड पद्धति से संतरा/मौसम्बी पौधों का रोपण किया है, उनकी जानकारी एकत्रित कर डाटाबेस तैयार करने की बात कही. किसानों को टिप्स देने के लिए मौजूद रहेगा टेक्निकल अमला, इजराइल से आएंगे वैज्ञानिक कृषि उपसंचालक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया "सेंटर शुरू होने से पहले सेंटर एक्सपर्ट अमले की नियुक्ति स्थाई रूप से की जाएगी. जिसमें नर्सरी एक्सपर्ट, फार्म मैनेजर, प्लांट प्रोटेक्शन एक्सपर्ट, अर्चड मैनेजर, वॉटर एक्सपर्ट, तकनीकी प्रशिक्षण विशेषज्ञ व प्रोटेक्टेड फार्मिंग एक्सपर्ट होंगे. साथ ही समय-समय पर इजरायल के कृषि वैज्ञानिक किसानों को खेती करने के लिए यहां आकर टिप्स भी देंगे." क्या होती है रिड्जबेड पद्धति उपसंचालक कृषि जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया "खेतों में पर्याप्त नमी रखने के लिए रिज बेड विधि का उपयोग किया जाता है. इस तकनीक में बुवाई फैरो इरीगेटेड रिज बेड प्लांटर से की जाती है. इसमें प्रत्येक दो कतारों के बाद 25 से 30 सेमी चौड़ी और 15 से 20 सेमी गहरी नाली या कूड़ बनाई जाती है. जिससे फसल की कतारें उभरे हुए बेड पर आ जाती हैं. रबी के मौसम में यह नाली सिंचाई के काम आती है, जिससे नमी अधिक समय तक बनी रहती है. साथ ही मेढ़ से मेढ़ की पर्याप्त दूरी होने के कारण पौधों को सूर्य की किरणें अधिक मात्रा में मिलती हैं." डेमो प्लांट किया जाएगा विकसित वैज्ञानिक ने यहाँ पर एक डेमो प्लांट लगाने की सलाह दी है जिसमें सभी नए किस्मों के पौधों का रोपण रिज बेड पद्धति से किया जाएगा. पौधे तैयार करने के लिए लगने वाली रोपण सामग्री के रूप में कोकोपिट एवं परलाइट, गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट खाद का प्रयोग ना करके पौधारोपण के पहले पौधारोपण स्थल की मिट्टी का उपचार किया जाएगा. पौधों को मिट्टी जनित रोगों से बचाया जा सकेगा. रोपण से पहले प्राप्त होने वाले मातृ पौधों की किस्म की जाँच एवं पौधों पर किसी भी प्रकार के वायरस/ रोग न हो इस बात की पुष्टि करने के बाद किसानों को दिए जाएंगे. रूट स्टॉक से तैयार होते हैं संतरे के पौधे संतरे के पौधे तैयार करने की एक अलग तकनीक होती है जिसमें ज्यादा सहनशीलता वाले नींबू के तने को लिया जाता है. उसमें अच्छी उपज और वैरायटी वाले संतरे की स्वस्थ टहनी को काटकर ग्राफ्टिंग कर दी जाती है. करीब 60 दिनों तक ग्राफ्टिंग के बाद टहनी उसमें लग जाती है और ज्यादा उपज देने वाला संतरे का पौधा तैयार हो जाता है. फिर खेत में गहरे गड्ढे खोदकर इसे रोपित किया जाता है. इसे रूट स्टॉक से तैयार पौधा कहा जाता है. साढ़े 4 लाख टन उत्पादन विदेश में खपत कृषि उपसंचालक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया "छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सौसर, बिछुआ और दूसरे ब्लॉक में करीब 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उगाए जाते हैं. इस क्षेत्र में लगभग 4.5 लाख टन संतरे का उत्पादन होता है. देश के दूसरे राज्यों के अलावा नेपाल और बांग्लादेश में संतरे की सप्लाई की जाती है." इंडो इजराईल प्रोजेक्ट के तहत बन रहा है सेंटर 2022 में इजराइल एवं भारत के द्विपक्षीय संबंध को 30 साल पूरे होने पर दोनों देशों ने कृषि सहयोग एवं जल प्रबंधन को लेकर कई नवाचार किया था. इसी के तहत मार्च 2022 मे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और इजराइल के काउंसिल जनरल के बीच हुई भेंट के बाद इजराइली कृषि व बागवानी विशेषज्ञ यायर ऐशेल ने पहली प्रदेश यात्रा की थी. जिसके चलते इजराईली दल के सामने 50 एकड़ में इंडो-इजराइल प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी.