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CG में रहने वाले अवैध बांग्लादेशियों को भेजा जा रहा बांग्लादेश, पुलिस प्लेन से बॉर्डर तक ले जाएगी

 रायपुर  छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को देश से बाहर निकालने की कार्रवाई तेज हो गई है। रायपुर पुलिस आज 30 बांग्लादेशी नागरिकों को देश की सीमा तक लेकर जाएगी। रायपुर एयर से गुवाहाटी एयरपोर्ट में छोड़ा जाएगा ।वहां उन्हें बीएसएफ के सुपुर्द किया जाएगा, जो आगे की प्रक्रिया पूरी कर बांग्लादेश भेजेगी। इन बांग्लादेशी नागरिकों को प्रदेश के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर और रायगढ़ जिलों से पकड़ा गया था। सभी लोग अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर यहां वर्षों से रह रहे थे। इनकी धरपकड़ के बाद अब इन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है। इस विशेष अभियान का नेतृत्व रायपुर के सीएसपी राजेश देवांगन कर रहे हैं। उनकी अगुवाई में गठित पुलिस टीम इन बांग्लादेशियों को लेकर आज सीमा क्षेत्र के लिए रवाना होगी। सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए लोगों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले हैं। राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार इस तरह के मामलों पर निगरानी रख रही हैं और आवश्यक कार्रवाई कर रही हैं।  जानकारी के मुताबिक, घुसपैठियों को रायपुर पुलिस BSF के सौंपेगी, फिर असम से बांग्लादेश बॉर्डर पर BSF के जरिए डिपोर्ट प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह सारी प्रकिया आज ही पूरी होगी। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, घुसपैठियों के संदर्भ में एक एसटीएफ (विशेष कार्य बल) का गठन किया गया है। एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। जहां भी घुसपैठी मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रायपुर-दुर्ग, राजनांदगांव और रायगढ़ से पकड़े गए लोगों किया गया डिपोर्ट इस डिपोर्ट प्रक्रिया में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और रायगढ़ जिलों से पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों को गुवाहाटी ले जाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि, यह छत्तीसगढ़ राज्य की पहली औपचारिक डिपोर्ट कार्रवाई है, जो केंद्र सरकार की मंजूरी से की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में हुई छापेमारी और पहचान के बाद 30 लोगों को अभी तक पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक होने के तौर पर चिन्हित किया है. जिन्हें बांग्लादेश भेजने की कार्रवाई शुरू की जा रही है. जानकारी के अनुसार इन सभी लोगों को रायपुर पुलिस, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के हवाले करेगी. उसके बाद बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स उन्हें बांग्लादेश को सौंप देंगे. रायपुर में पुलिस सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जो भी बांग्लादेशी अभी तक डीटेन किए गए हैं. उन सभी लोगों को भेजने की प्रक्रिया चल रही है. जानकारी के अनुसार उन्हें आज बांग्लादेश के लिए भेजा जाएगा. सभी लोगों को हवाई जहाज के माध्यम से बॉर्डर तक ले जाया जाएगा. उसके बाद उन्हें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के हवाले कर दिया जाएगा.  भारत से बात करते हुए रायपुर पश्चिम के ASP दौलत राम पोर्ते ने बताया कि जो भी बांग्लादेशी पकड़े गए हैं, उनको बांग्लादेश भेजना है. जो भी सरकार के नियम निर्देश हैं, उसके तहत यह कार्रवाई की जा रही है. जो भी बांग्लादेशी अब तक पकड़े गए हैं, उन सभी लोगों को कानूनी प्रक्रिया के तहत भेजा जा रहा है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इन सभी लोगों को किस समय बांग्लादेश के लिए रायपुर से भेजा जाएगा.  क्यों उठाया गया ये कदम ? राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान पिछले कुछ सालों में इंटेलिजेंस इनपुट और स्थानीय शिकायतों के आधार पर की गई थी। रायपुर समेत कई जिलों में ऐसे नागरिकों को पकड़ा गया था जो बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे। भारत-बांग्लादेश की बॉर्डर पर बीएसएफ तैनात भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर बीएसएफ तैनात है। बॉर्डर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है, इसलिए केंद्र सरकार ने उन्हें ही जिम्मेदारी दी है। साथ ही बांग्लादेश दूतावास से भी चर्चा चल रही है। उन्हें इस संबंध में जानकारी भी भेजी गई है। जिन पर केस, उनको बाद में भेजा जाएगा बताया जा रहा है कि जिनके खिलाफ केस दर्ज है। उन्हें मामले की सुनवाई पूरी होने तक यहीं रहना होगा। कोर्ट के फैसले के बाद ही उन्हें बांग्लादेश भेजा जाएगा। रायपुर में 6 बांग्लादेशियों के खिलाफ केस दर्ज है। इसमें तीन भाई, एक दंपती और उसकी नाबालिग बेटी शामिल हैं। दुर्ग में भी 7 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज है। राजनांदगांव में चोरी के मामले में बांग्लादेशी बंद है, जबकि रायपुर में 10 बांग्लादेशियों पर केस दर्ज नहीं किया है। उन्हें प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए जेल में रखा गया है।

छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेख आधुनिकीकरण एवं नक्शा परियोजना की समीक्षा हेतु तीन दिवसीय दौरा कार्यक्रम

रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य में डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) तथा नक्शा परियोजना के कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भूमि संसाधन विभाग (DOLR) के वरिष्ठ अधिकारियों का तीन दिवसीय दौरा कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इस क्रम में भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव श्री मनोज जोशी एवं संयुक्त सचिव श्री कुणाल सत्यार्थी ने आज न्यू सर्किट हाऊस नवा रायपुर में डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) तथा ‘नक्शा परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में राजस्व विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत,महानिरीक्षक पंजीयन श्री पुष्पेंद्र मीणा,भू संचालक श्री विनीत नन्दनवार, भूमि संसाधन विभाग के डॉ. एम.के.स्टॅलिन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।      बैठक के दौरान केंद्रीय सचिव भूमि संसाधन श्री मनोज जोशी  विभागीय अधिकारियों के साथ भू-अभिलेख के संधारण, सर्वे आदि की प्रगति की विस्तृत समीक्षा एवं परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालय के लंबित प्रकरणों को शीघ्र निराकरण करने के लिए अनावश्यक तिथि बढ़ाये जाने की परंपरा को रोका जाए। जिओरिफ्रेंसिंग के कार्य को पूर्ण कर किसानों के हित मे उपयोग करें। इसके लिए ध्यान रखें कि भूमि के क्षेत्र और सीमा में वेरिएशन कम से कम हो। जमीन से संबंधित प्रकरणों को निराकृत करने के लिए विशेष राजस्व अधिकारियों की नियुक्ति की जा सकती है। राज्य में भूमि सर्वे या रिसर्वे के कार्याे को क्षेत्रानुसार अलग-अलग वेंडरों को दिया जाय ताकि काम समय पर पूरा हो। उन्होंने कहा कि राज्य में भूमि सर्वे या रिसर्वे के काम को प्रशासन द्वारा कुछ गांव को मॉडल के रूप में लेकर भी किया जा सकता है। इसी तरह जमीन दस्तावेजों के साथ भू-स्वामियों के बारे में यथा आधार कार्ड,मोबाइल नंबर आदि की सम्पूर्ण जानकारी को सुरक्षित रखा जाए। इस जानकारी का उपयोग भू-स्वामियों के लिए जमीन के उपयोग,बैंक ऋण या खरीदी-बिक्री आदि में हो सकेगा।इस समीक्षा बैठक का उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य में भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण और नक्शा परियोजना की प्रगति को गति देना तथा सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।     गौरतलब है कि केंद्रीय राजस्व सचिव 14  से 16 जुलाई 2025 तक राज्य के दौरे में हैं। इस महत्वपूर्ण दौरे का उद्देश्य राज्य में भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, पारदर्शिता तथा अद्यतन भू-अभिलेखों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है ताकि आमजन को समयबद्ध एवं सुगम सेवाएं प्राप्त हो सकें। छत्तीसगढ़ शासन एवं संबंधित विभागों द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह समीक्षा बैठक मील का पत्थर सिद्ध होगी।

जिले में अब तक 346.3 मिलीमीटर औसत वर्षा

 जिले में अब तक 346.3 मिलीमीटर औसत वर्षा सर्वाधिक वर्षा पिथौरा तहसील में 416.0 मिलीमीटर आज 11.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज महासमुंद  महासमुंद जिले में चालू मानसून के दौरान 01 जून 2025 से अब तक 346.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। भू-अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार जिले में सर्वाधिक औसत वर्षा पिथौरा तहसील में 416.0 मिलीमीटर, सरायपाली में 406.4 मिलीमीटर, बसना में 345.2 मिलीमीटर, महासमुंद में 323.0 मिलीमीटर, बागबाहरा में 312.9 मिलीमीटर और सबसे कम वर्षा 274.8 मिलीमीटर कोमाखान तहसील में दर्ज की गई। आज 15 जुलाई को 11.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। जिले के तहसीलवार वर्षा में बसना तहसील में 21.6 मिलीमीटर, सरायपाली में 19.8 मिलीमीटर, पिथौरा में 16.1 मिलीमीटर, महासमुंद में 5.1 मिलीमीटर, कोमाखान में 2.5 मिलीमीटर एवं बागबाहरा तहसील में 1.5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

पीएम सूर्यघर योजना बनी आमजन के लिए वरदान: स्वाति यादव का बिजली बिल हुआ शून्य

रायपुर प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम नागरिकों के जीवन में बदलाव ला रही है। इसी योजना का लाभ उठाते हुए जिले के अंतर्गत आने वाले चौकी विकासखंड के ग्राम मेटेपार निवासी श्रीमती स्वाति यादव ने अपने घर की छत पर सोलन पैनल लगाकर अपने घर को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना लिया है। उन्होंने अपने मकान की छत पर 2 किलोवॉट क्षमता का सोलर पैनल स्थापित करवाया है, जिससे अब उनका बिजली बिल शून्य हो गया है। पूर्व में श्रीमती यादव ने बताया कि हर माह 3000 रूपए से 3200 रूपए तक बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता था। लेकिन अब, इस योजना की बदौलत उन्हें पूरी राशि बचत के रूप में मिल रही है, जिससे उनके परिवार को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिली है। इस योजना के तहत उन्हें 78,000 रूपए की अनुदान राशि (सब्सिडी) शासन द्वारा प्रदान की गई, जिससे सोलर पैनल लगवाना उनके लिए आसान और किफायती हो गया। श्रीमती यादव ने बताया, यह योजना न केवल हमारे घर की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरी कर रही है, बल्कि यह पर्यावरण के संरक्षण में भी मददगार साबित हो रही है। हमारे घर का बिजली बिल अब पूरी तरह शून्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए श्रीमती यादव ने कहा कि यह योजना जनसामान्य के लिए अत्यंत उपयोगी है और इसका लाभ हर परिवार को उठाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्तयोजना का उद्देश्य घर-घर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है और प्रदूषण मुक्त रखना है। जिससे देशवासी बिजली संकट से राहत पाकर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें। जिले में इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम धरातल पर साफ़ देखे जा रहे हैं।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 378.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 378.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 598.8 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 189.2 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 292.0 मि.मी., सूरजपुर में 483.6 मि.मी., जशपुर में 507.2 मि.मी., कोरिया में 416.5 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 382.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 362.1 मि.मी., बलौदाबाजार में 365.4 मि.मी., गरियाबंद में 323.1 मि.मी., महासमुंद में 346.3 मि.मी. और धमतरी में 323.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 398.7 मि.मी., मुंगेली में 266.1 मि.मी., रायगढ़ मंे 526.9 सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 387.6 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 510.6 मि.मी., सक्ती में 450.1 मि.मी., कोरबा में 471.9 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 394.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 311.3 मि.मी., कबीरधाम में 274.2 मि.मी., राजनांदगांव में 303.0 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 488.1 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 251.5 मि.मी., बालोद में 381.4 मि.मी. और बस्तर जिले में 442.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 265.4 मि.मी., कांकेर में 367.0 मि.मी., नारायणपुर में 315.7 मि.मी., दंतेवाड़ा में 400.1 मि.मी., सुकमा में 233.7 मि.मी. और बीजापुर में 452.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

रेत खनन में सुधार की पहल: शासन की पहली प्राथमिकता पर्यावरण और पारदर्शिता

रायपुर : रेत खनन में पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण और अवैध उत्खनन पर सख्ती शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता छत्तीसगढ़ में पारदर्शी, वैज्ञानिक और जनहितैषी खनिज नीति के तहत रेत खनन व्यवस्था को मिल रहा नया स्वरूप रेत खनन में सुधार की पहल: शासन की पहली प्राथमिकता पर्यावरण और पारदर्शिता रायपुर राज्य में रेत खनन नीति को अधिक पारदर्शी, संगठित, पर्यावरण-संवेदनशील और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से व्यापक कदम उठाए गए हैं। पूर्ववर्ती सरकार के शासन काल के दौरान राज्य में संचालित रेत खदानों की संख्या 300 से घटकर लगभग 100-150 रह गई थी, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हुए और अवैध खनन को बढ़ावा मिला। वर्तमान सरकार द्वारा खनिज नीति में सुधार कर रेत खनन की व्यवस्था को संगठित, नियंत्रित और जनहितकारी बनाया गया है। पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया में तीव्रता राज्य में पर्यावरणीय स्वीकृति प्रक्रिया को गति देने के लिए भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर तीन राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण समितियों का गठन किया गया है। पूर्व में केवल एक समिति कार्यरत थी। इस निर्णय से लंबित प्रकरणों के शीघ्र निपटारे की प्रक्रिया सुगम हुई है। वैध खदानों की संख्या में वृद्धि वर्तमान में 119 रेत खदानें पर्यावरणीय स्वीकृति के साथ विधिवत संचालित हैं, जबकि 94 अन्य खदानों की मंजूरी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। साथ ही, आगामी 1 से 1.5 वर्षों में 300 से अधिक नई खदानों को स्वीकृति दिए जाने की योजना है, जिससे रेत की आपूर्ति सुलभ बनी रहेगी और निर्माण कार्यों को गति मिलेगी। IIT रुड़की की रिपोर्ट: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खनन प्रमुख नदियों पर खनन के पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर IIT रुड़की से कराए गए अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है कि विधिवत और नियंत्रित रेत खनन से नदियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। यह रिपोर्ट राज्य की वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित खनिज नीति को समर्थन प्रदान करती है। अवैध खनन पर सख्त कार्यवाही वर्ष 2024-25 से जून 2025 तक 6,331 अवैध खनन प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से ₹18.02 करोड़ की वसूली, 184 मशीनों की जब्ती, 56 एफआईआर तथा 57 न्यायालयीन परिवाद दायर किए गए। जिला एवं राज्य स्तरीय टास्क फोर्सों द्वारा लगातार निगरानी और कार्रवाई की जा रही है, जिसमें खनिज, राजस्व, पुलिस, परिवहन और पर्यावरण विभाग के अधिकारी सम्मिलित हैं। विवादों पर त्वरित कार्यवाही राजनांदगांव और बलरामपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में रेत से संबंधित विवादों एवं घटनाओं पर त्वरित कानूनी और प्रशासनिक कार्यवाही की गई है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को रॉयल्टी में राहत 15 मार्च 2024 को लिए गए निर्णय के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को रेत पर रॉयल्टी से छूट प्रदान की गई है। इस निर्णय से गरीबों और जरूरतमंदों को प्रत्यक्ष राहत मिली है। भविष्य की नीति: पारदर्शिता और संतुलन छत्तीसगढ़ शासन की नीति स्पष्ट है — खनिज संसाधनों के दोहन को जनहित, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन के सिद्धांतों पर आधारित करना। संगठित, वैज्ञानिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से तैयार की गई यह नई रेत खनन नीति राज्य के समग्र विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए सशक्त आधार बनेगी।  

रायपुर में मुख्यमंत्री साय से मिले भूमि संसाधन सचिव, भूमि सुधार और उपयोग पर संवाद

रायपुर : मुख्यमंत्री साय से भारत सरकार में भूमि संसाधन सचिव ने की सौजन्य भेंट मुख्यमंत्री साय से भूमि संसाधन सचिव की सौजन्य भेंट, विकास योजनाओं पर हुई चर्चा रायपुर में मुख्यमंत्री साय से मिले भूमि संसाधन सचिव, भूमि सुधार और उपयोग पर संवाद भू-अभिलेख सुधार, डिजिटल सर्वे और राजस्व न्यायालयों में मामलों के त्वरित निराकरण को लेकर हुई विस्तृत चर्चा रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज विधानसभा परिसर स्थित कार्यालय में भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर भू-अभिलेख प्रणाली को सुदृढ़ करने, भूमि सर्वेक्षण में तकनीकी नवाचारों के उपयोग, तथा राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार भू-राजस्व दस्तावेजों को अद्यतन करने और आवश्यक सुधार के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड जितने व्यवस्थित होंगे, राजस्व न्यायालयों में मामलों का निपटारा उतना ही शीघ्र और प्रभावी रूप से हो सकेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि अभिलेखों में सुधार संबंधी केंद्र सरकार की सभी पहल के साथ राज्य सरकार कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगी, ताकि यह प्रणाली और अधिक प्रभावशाली व जनहितकारी बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तकनीक आधारित नवाचारी पहलों के माध्यम से भू-राजस्व रिकॉर्ड में पारदर्शिता, गति और सटीकता लाने का महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है, जिससे किसानों और आम नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस दिशा में सभी आवश्यक कदम तत्परता से सुनिश्चित करें। केंद्रीय भूमि संसाधन सचिव मनोज जोशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेखों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है और राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग से इसमें और अधिक सुधार लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में पारंपरिक पद्धति से किए जाने वाले भूमि सर्वेक्षण में समय अधिक लगता था, किंतु अब आधुनिक तकनीकों के उपयोग से यह प्रक्रिया तेज़, अधिक सटीक और भरोसेमंद हो गई है। जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार भू-अभिलेख संधारण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है, जिसके अंतर्गत राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान नक्शों के अद्यतन में कई बार तकनीकी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिन्हें डिजिटल सर्वेक्षण के माध्यम से प्रभावी रूप से दूर किया जा सकेगा। इससे प्रत्येक नागरिक को अद्यतन और प्रमाणिक नक्शा प्राप्त होगा, जिससे गड़बड़ियों में कमी आएगी और शहरी क्षेत्रों के विस्तार को बेहतर ढंग से नियोजित किया जा सकेगा। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, भारत सरकार के संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी, राजस्व सचिव अविनाश चंपावत, संचालक भू-अभिलेख विनीत नंदनवार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्रिपरिषद द्वारा वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान दिए जाने के निर्णय हेतु व्यक्त किया आभार

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राज्य पुलिस सेवा अधिकारियों ने की सौजन्य भेंट मंत्रिपरिषद द्वारा वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान दिए जाने के निर्णय हेतु व्यक्त किया आभार रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से  विधानसभा स्थित कार्यालय में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों ने सौजन्य भेंट कर मंत्रिपरिषद की बैठक में वर्ष 2005 से 2009 बैच तक के अर्हकारी सेवा अवधि पूर्ण कर चुके अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान किए जाने के निर्णय हेतु आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के समुचित प्रबंधन हेतु 30 सांख्येतर पदों का सृजन करते हुए वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय उन अधिकारियों के लिए लिया गया है जिन्होंने सेवा में निर्धारित अर्हता अवधि पूर्ण कर ली है। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले, कीर्तन राठौर, अनंत साहू, डॉ. संगीता माहेलकर एवं श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम उपस्थित थीं।

राज्यपाल डेका से छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष ने की सौजन्य भेंट

रायपुर राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने रायपुर जिले के ग्राम कुंवरगढ़ में बुनकरों द्वारा किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी और उन कार्यो का अवलोेकन करने का अनुरोध राज्यपाल से किया।

चार साल बाद पटरी पर लौटेंगी 13 यात्री गाड़ियां, आज 15 जुलाई से होगा संचालन शुरू

बिलासपुर छत्तीसगढ़ में रेल यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी सौगात है। कोरोना काल के दौरान छत्तीसगढ़ में बंद की गई 13 लोकल ट्रेनों को फिर से शुरू करने का फैसला रेलवे ने किया है। इन ट्रेनों के शुरू होने से लोकल यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। SECR इन सभी ट्रेनों का संचालन मंगलवार से शुरू हो जाएगा। रेलवे बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद रेलवे अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। क्या होगा टाइम टेबल यह सभी लोकल ट्रेन अपने पुराने तय समय पर ही चलेंगे। इन ट्रेनों की शुरू होने से रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया, कटंगी और इतवारी जैसे छोटे-बड़े स्टेशनों के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। इस ट्रेनों के संचालन से उन यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा जो रोजना अप डाउन करते हैं। रेलवे के इस फैसले से छात्रों, कर्मचारी और छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। 15 जुलाई से चलेंगी ये ट्रेनें     08741 रायपुर–डोंगरगढ़: रायपुर से शाम 6:15 बजे, डोंगरगढ़ आगमन रात 9:10 बजे     08265 रायपुर–रायगढ़: रायपुर से सुबह 07:00 बजे, रायगढ़ आगमन दोपहर 01:45 बजे     08745 रायपुर–कांकेर: रायपुर से सुबह 05:30 बजे, कांकेर आगमन 10:30 बजे     08742 डोंगरगढ़–रायपुर: डोंगरगढ़ से सुबह 06:10 बजे, रायपुर आगमन 09:00 बजे     08266 रायगढ़–रायपुर: रायगढ़ से दोपहर 02:15 बजे, रायपुर आगमन रात 09:15 बजे     08746 कांकेर–रायपुर: कांकेर से दोपहर 01:00 बजे, रायपुर आगमन शाम 06:00 बजे     07889 गोंदिया–कटंगी: गोंदिया से सुबह 05:30 बजे, कटंगी आगमन सुबह 06:30 बजे     07890 कटंगी–गोंदिया: कटंगी से सुबह 07:00 बजे, गोंदिया आगमन सुबह 08:00 बजे     07867 गोंदिया–इटवारी: गोंदिया से शाम 04:00 बजे, इतवारी आगमन शाम 06:50 बजे 16 जुलाई से इनका होगा संचालन     08743 रायपुर–डोंगरगढ़: रायपुर से सुबह 09:45 बजे, डोंगरगढ़ आगमन दोपहर 12:40 बजे     08744 डोंगरगढ़–रायपुर: डोंगरगढ़ से दोपहर 01:10 बजे, रायपुर आगमन शाम 04:05 बजे     07891 डोंगरगढ़–कटंगी: डोंगरगढ़ से सुबह 10:00 बजे, कटंगी आगमन दोपहर 01:30 बजे     07892 कटंगी–डोंगरगढ़: कटंगी से दोपहर 03:00 बजे, डोंगरगढ़ आगमन शाम 06:30 बजे ये सभी ट्रेनें अपने पुराने निर्धारित समय पर चलेंगी। इन ट्रेनों के शुरू होने से रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया, कटंगी और इतवारी जैसे छोटे-बड़े स्टेशनों के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। खासकर छात्रों, कर्मचारियों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को, जो रोजाना यात्रा करते हैं, इसका सीधा लाभ मिलेगा। रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन के साथ बैठक में सांसदों ने रायपुर से गोवा तक सीधी ट्रेन चलाने की मांग की थी। इसके साथ ही बिलासपुर एक्सप्रेस को दुर्ग तक चलाने की मांग, ताकि रीवा के यात्री जो रायपुर-दुर्ग में रहते हैं, उनको राहत मिल पाए।इसके अलावा जगदलपुर से चलने वाली 10 ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट की गई हैं। ये ट्रेनें आज 15 जुलाई को भी जगदलपुर और किरंदुल नहीं आएगी। ट्रेनें ओडिशा के कोरापुट तक आएगी और वहीं से लौट जाएंगी। सांसदों ने बैठक में बंद ट्रेनों के परिचालन की मांग रखी थी रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, कोरोना के बाद अब हालात सामान्य है। लोकल ट्रेनों का संचालन बहाल किया जा रहा है। हाल में ही हुई सांसदों की बैठक में इस मुद्दे को हर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता के साथ उठाया था। बंद ट्रेनों के परिचालन की मांग की गई थी। सांसदों की ओर से शिकायत की गई कि लोकल लेवल रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी उनकी बातें नहीं सुनते। इस पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था कि, हमारी ओर से शिकायत हुई तो रेलवे के अफसरों को समस्या आ सकती है। अग्रवाल ने आगे कहा था कि, रेल मंत्री के निर्देश के बाद भी नई रेल लाइन में हो रहे अलाइनमेंट के मामले पर सांसदों से चर्चा नहीं हो रही है। ये गलत प्रक्रिया है। आपस में बात करके अलाइनमेंट का मामला सुलझाना चाहिए, ताकि आम लोगों को समस्या न हो। इसके अलावा ग्रीन एनर्जी बढ़ाने, स्पोर्ट कोटा से रेलवे में भर्ती जैसे मुद्दे भी टेबल पर रखे गए थे। सांसदों की ओर से रखी गई थी ये मुख्य मांगें     कोरबा से दुर्ग तक जोड़ने के लिए केवल एक ट्रेन है। तीन मेमू ट्रेन चलाने की मांग।     धमतरी, कुरूद और बालोद इन जगहों पर रेल लाइन का विस्तार की सिफारिश।     अभनपुर में रेल आरक्षण केन्द्र जल्द खोलने की मांग।     बिलासपुर एक्सप्रेस को दुर्ग तक चलाने की मांग, ताकि रीवा के यात्री जो रायपुर-दुर्ग में रहते हैं, उनको राहत मिल पाए।     रायपुर से गोवा तक सीधी ट्रेन चलाने की मांग रखी गई।