samacharsecretary.com

रेखा गुप्ता हमले का आरोपी बोला – बंदरों के लिए अयोध्या में किया था अनशन

नई दिल्ली दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को उनके सिविल लाइंस स्थित आवास में जनसुनवाई के दौरान एक सनसनीखेज हमला हुआ। हमलावर की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी 41 वर्षीय राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया के रूप में हुई। राजेश फरियादी बनकर सीएम हाउस पहुंचा और उसने न केवल मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारने की कोशिश की, बल्कि उनके बाल खींचकर उन्हें धक्का भी दिया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह शख्स पहले अयोध्या में बंदरों की सुरक्षा के लिए अनशन कर चुका है। हमलावर का अजीबोगरीब इतिहास आरोपी राजेश ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। राजेश की मां और पड़ोसी ने बताया कि वह जानवरों से प्रेम करता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, राजेश ने साल अयोध्या में बंदरों के लिए अनशन किया था। पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद वहां प्रशासन ने मंदिर परिसर से बंदरों को हटाने का अभियान शुरू किया था। यह सुनकर राजेश राजकोट से अयोध्या पहुंच गया। इसके अलावा आरोपी राजकोट में भी जानवरों के हितों के लिए प्रदर्शन कर चुका है। उसके पड़ोसी ने बताया कि वह गाय को रोटी खिलाता है और आवारा कुत्तों की देखभाल करता है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया आवारा कुत्तों को पकड़ने के आदेश से वह खासा नाराज था और इसलिए उसने सीएम पर हमला करने की योजना बनाई। जनसुनवाई में अचानक हंगामा हर बुधवार की तरह, सुबह करीब 8:15 बजे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने सिविल लाइंस कार्यालय में जनता की समस्याएं सुन रही थीं। लोग अपनी शिकायतों के साथ कतार में थे। तभी राजेश अपनी बारी आने पर आगे बढ़ा। उसने पहले कुछ कागजात हवा में लहराए, चिल्लाया और फिर अचानक मुख्यमंत्री पर हमला कर दिया। उसने रेखा गुप्ता को थप्पड़ मारा, उनके बाल खींचे और उन्हें धक्का देकर गिराने की कोशिश की। सुनियोजित साजिश या पशु प्रेम की सनक? मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को हत्या की सुनियोजित साजिश करार दिया है। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि राजेश ने हमले से पहले कम से कम 24 घंटे तक रेखा गुप्ता के शालीमार बाग स्थित निजी आवास और सिविल लाइंस कार्यालय की रेकी की थी।  

रेखा गुप्ता अटैक केस: गंभीर धाराओं में FIR, हत्या का प्रयास भी शामिल

 नई दिल्ली दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने हत्या की कोशिश  का मामला दर्ज किया है. आरोपी की पहचान राजेश के रूप में हुई है, जिससे दिल्ली पुलिस, खुफिया ब्यूरो (IB) और स्पेशल सेल की टीमें पूछताछ कर रही हैं. पुलिस आरोपी की 5 से 7 दिन की रिमांड मांगेगी. राजेश बुधवार सुबह ही ट्रेन से राजकोट से दिल्ली आया था और सिविल लाइंस के गुजराती भवन में रुका था.  दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला: आरोपी पर पहले से दर्ज हैं पांच मामले . मुख्यमंत्री पर हमले के मामले में पुलिस स्टेशन सिविल लाइंस में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1)/132/221 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने सरकारी कर्मचारी पर हमला करने के आरोप में बीएनएस की धारा 132, सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने के आरोप में बीएनएस की धारा 221 और हत्या कोशिश के लिए धारा 109 के तहत मामला दर्ज किया है.  पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है. मामले की आगे की जांच चल रही है. पुलिस सभी संभावित पहलुओं से जांच कर रही है. आईबी और स्पेशल सेल की टीम भी आरोपी राजेश से पूछताछ कर रही हैं. हमले से पहले दोस्त से किया बात… आरोपी राजेश ने हमले से पहले गुजरात में अपने दोस्त को फोन पर बताया था कि वह शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुच गया है. जांच में पता चला है कि यह पहली बार था जब आरोपी दिल्ली आया था. अब पुलिस आरोपी राजेश की 5 से 7 दिन की रिमांड मांगेगी, जिससे उससे मामले से जुड़ी और जानकारी हासिल की जा सके. सीएम पर हमला करने वालों को कितनी कड़ी मिलती है सजा दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर उनके सरकारी आवास सिविल लाइंस में जनसुनवाई के दौरान हमला किए जाने का मामला सामने आया है. बुधवार सुबह जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने पहले सीएम को कुछ कागज सौंपे और उसके बाद अचानक उन पर हमला करने की कोशिश की. मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने तुरंत आरोपी को काबू कर लिया और हिरासत में ले लिया. बताया जा रहा है कि सीएम रेखा गुप्ता को कंधे और सिर पर चोट आई है. इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. आरोपी की पहचान और पूछताछ दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अपना नाम राजेश भाई खीमजी बताया है और दावा किया है कि वह गुजरात के राजकोट का रहने वाला है. फिलहाल पुलिस उसकी सीएम को चोट पहुंचाने की मंशा की जांच कर रही है. पूछताछ में पता चला कि वह किसी रिश्तेदार की जेल से रिहाई के लिए आवेदन लेकर आया था. घटना के समय मौजूद लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता लोगों की शिकायतें सुन रही थी. तभी अचानक यह हमला हुआ एक चश्मदीद ने कहा हमने पीछे से शोर सुना. वहीं जब तक समझ पाए पुलिस ने हमलावर को पकड़ लिया था. हमले के बाद ही मुख्यमंत्री बिल्कुल सदमे में थी. कानून क्या कहता है-बीएनएस धारा115 कानूनन मुख्यमंत्री या किसी भी व्यक्ति पर इस तरह हमला करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 के तहत अपराध है. इसमें स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की बात कही गई है. भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी अन्य को चोट पहुंचाने का काम करता है तो इसे अपराध माना जाएगा. वहीं इसके लिए अपराधी पर एक साल तक की सजा या 10 हजार तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. हालांकि यह मामला सिटिंग सीएम पर हमले का है इसलिए पुलिस अन्य धाराओं के तहत भी गंभीर जांच कर सकती है. ऐसे मामले जो बीएनएस 115 में आते हैं     बीएनएस 115 में किसी को थप्पड़ या मुक्का मारने का मामला आता है.     इसके अलावा किसी को जानबूझकर धक्का देना भी इसी धारा के अंतर्गत आता है.     अगर किसी पर कोई व्यक्ति वस्तु फेंकता है तो भी उस व्‍यक्‍त‍ि पर बीएनएस 115 के अंदर मामला दर्ज किया जा सकता है     अगर किसी के शरीर को जोर से पकड़कर चोट पहुंचाने की कोशिश की गई तो उस पर भी बीएनएस 115 के तहत मामला दर्ज किया जाता है विपक्ष और नेताओं की प्रतिक्रियाएं हमले की घटना के बाद भाजपा ने इसे सुरक्षा में गंभीर चूक बताया है और जिम्मेदारी तय करने की मांग की. वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि अगर राजधानी में मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है.

राजधानी में इमारत ढही, मलबे में दबे कई लोग; अब तक 3 की मौत

नई दिल्ली  बारिश के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़ा हादसा हुआ है। दिल्लीमें तीन मंजिला इमारत ढह गई। दरियागंज में बिल्डिंग के मलबे में कई लोग दब गए। प्रारंभिक रिपोर्ट में हादसे में तीन लोगों की मौत की खबर है। वहीं कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। रेसक्यू ऑपरेशन जारी है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। यह घटना दोपहर 12.14 बजे की है। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल की चार गांड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं। बचाव कार्य जारी है। पुलिस ने बताया कि दरियागंज थाना क्षेत्र में बुधवार को एक इमारत गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने सूचना मिलते ही राहत और बचाव का काम शुरू किया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि तीन लोगों के शवों को मलबे से निकाला गया। इनकी पहचान जुबैर, गुलसागर, तौफीक के तौर पर हुई है। शवों को एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया है। सूचना मिलते ही डीडीएमए सहित नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बताया कि बुधवार को एक इमारत के ढह जाने से तीन लोगों की मौत हो गई। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने बताया कि घटना की सूचना दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर मिली, जिसके बाद दमकल की चार गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। पुलिस बोली- कानूनी कार्रवाई होगी डीएफएस अधिकारी ने कहा कि तीन लोगों को मलबे से निकाला गया और तुरंत अस्पताल ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि अंतिम रिपोर्ट मिलने तक बचाव अभियान जारी था। इमारत ढहने के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने बताया कि बचाव कार्य जारी है। तथ्यों की पुष्टि के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली में स्कूल सुरक्षा संकट, 50 स्कूलों को धमकी मिलने पर टीम ने जांच शुरू की

नई दिल्ली राजधानी दिल्ली के स्कूलों को फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है. जानकारी के मुताबिक, मालवीय नगर के एक स्कूल, करोल बाग के अन्य स्कूलों समेत 50 से ज्यादा स्कूलों को ई-मेल के जरिए धमकी दी गई है. हौज रानी और प्रसाद नगर में आंध्रा स्कूल को भी बम से उड़ने की धमकी भरे मेल भेजे गए हैं. अभी दो दिन पहले ही 32 स्कूलों को धमकी दी गई थी. दिल्ली में आज ही 50 से ज़्यादा स्कूलों को बम की धमकी वाले ईमेल मिले हैं. जांच में कभी कुछ नहीं निकला दिल्ली पुलिस की टीम डॉग स्क्वायड की टीम बम डिस्पोजल टीम और फायर विभाग की टीम स्कूलों में पहुंचकर तलाश कर रही है. खबर लिखे जाने तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है. इससे पहले 18 अगस्त को द्वारका में दो स्कूल और एक कॉलेज को बम की धमकी मिली थी, जिसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल को खाली कराया गया. इनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल, द्वारका भी शामिल है.  मौके पर पुलिस और बम निरोधक दस्ते को तलाशी के लिए बुलाया गया था. जानकारी के मुताबिक, स्कूलों को मेल करके बम से उड़ाने की धमकी दी गई. पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है. फायर डिपार्टमेंट को 7 बजकर 24 मिनट पर इसकी जानकारी मिली. सूत्रों के मुताबिक खबर लिखे जाने तक जांच में कुछ नहीं मिला है. इससे पहले भी दिल्ली के कई स्कूलों को धमकी मिली है, लेकिन जांच के बाद आजतक कुछ भी सामने नहीं आया है. 16 जुलाई को भी मिली थी धमकी  इससे पहले भी 16 जुलाई को राजधानी दिल्ली में स्कूलों और कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकियां मिली थी. 16 जुलाई को पांच स्कूलों को बम की धमकियां दी गई थी, जो द्वारका, पश्चिम विहार और हौज खास में स्थित थीं. इन धमकियों से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में दहशत है. हैरानी की बात यह है कि ये धमकियां ईमेल के जरिए भेजी जा रही हैं, जिन्हें लेकर दिल्ली पुलिस और बम निरोधक दस्ते सतर्क हो गए हैं.

CM रेखा गुप्ता पर हमले की वारदात, BJP का दावा- सिर पर मेज लगने से चोट आई

नई दिल्ली दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को साप्ताहिक जन सुनवाई के दौरान हमला हुआ है. यह घटना मुख्यमंत्री आवास पर जन सुनवाई के दौरान की है. आरोपी शख्स को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. मुख्यमंत्री आवास के अधिकारियों के मुताबिक, जिस समय सीएम जन सुनवाई कर रही थी. उसी समय एक शख्स अपनी शिकायत लेकर वहां पहुंचा. इस दौरान उसने मुख्यमंत्री को थप्पड़ मार दिया. शख्स को हिरासत में ले लिया गया है. आरोपी को सिविल लाइन पुलिस स्टेशन ले जाया गया है.  शुरुआती जानकारी में आरोपी ने अपना नाम राजेश भाई खिमजी सकरिया बताया है. आरोपी राजकोट का रहने वाला है. उसकी उम्र 41 साल है. गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को दिल्ली की मुख्यमंत्री पर हुए हमले की जानकारी दी है. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर ने भी बताया कि जन सुनवाई के बहाने एक शख्स सीएम गुप्ता के पास पहुंचा. उसने पहले सीएम को कुछ कागज दिया, फिर चिल्लाने लगा और थप्पड़ मार दिया. हालांकि, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने दिल्ली सीएम को थप्पड़ मारे जाने से इनकार किया है. दिल्ली BJP अध्यक्ष ने हमले पर क्या कहा? दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस पूरी घटना का ब्योरा बताते हुए कहा कि आज सुबह जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जनता के बीच में थी और उनसे बात कर रही थी. इस बीच एक शख्स उनके पास आता है, कुछ कागज रखता है और अचानक उनका हाथ पड़कर उन्होंने खींचने की कोशिश करता है. इस दौरान धक्का-मुक्की होती है और उनका सिर शायद मेज के एक कोने पर लगा. वहां मौजूद लोगों ने उसे व्यक्ति को पकड़ लिया. पुलिस अभी जांच कर रही है कि वह शख्स कौन है अभी पुलिस पूरी जांच में जुटी है. मुख्यमंत्री की हालत स्थिर है. डॉक्टर उन्हें देख चुके हैं. उन्हें सदमा लगा है. मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है वह मजबूत महिला है,  जानती हैं कि दिल्ली को लेकर एक कमिटमेंट है. उन्होंने कहा है कि वह अपने रोजमर्रा के कामों से नहीं रुकेंगी. उन्हें पत्थर नहीं मारा, थप्पड़ नहीं मारा है, जो भी यह चल रहा है वह गलत है. दिल्ली सीएम पर हमले करने वाले आरोपी शख्स की उम्र 35 साल बताई जा रही है. दिल्ली बीजेपी ने इस घटना की निंदा की है. बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने कहा कि मुझे लगता है कि रेखा गुप्ता पर हमले की यह कोशिश जन सुनवाई को डीरेल करने की मंशा से की गई है. बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा ने कहा कि जन सुनवाई के दौरान दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमले की खबर से हैरान हूं. मैं उनकी सुरक्षा और जल्द ठीक होने की कामना करता हूं. बजरंग बली आप पर कृपा बनाए रखें.  आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सीएम पर हमले की निंदा की है. आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है. हमारी पार्टी का इस तरह के मामलों पर स्पष्ट रुख है.  पुलिस का कहना है कि डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच कर रहे हैं. इस घटना पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि दिल्ली सीएम पर हुआ  हमला निंदनीय है. लोकतंत्र में असहमति और विरोध की जगह होती है लेकिन हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी. आशा है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह सुरक्षित है.  इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली कांग्रेस प्रमुश देवेंद्र यादव ने कहा कि यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री पूरी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करती है और मुझे लगता है कि इस तरह की घटनाओं की निंदा होनी चाहिए. लेकिन इस घटना ने महिला सुरक्षा की पोल खोल दी है. अगर दिल्ली की मुख्यमंत्री ही सुरक्षित  नहीं है तो एक आम महिला राजधानी में कैसे सुरक्षित हो सकती है? सूत्रों का कहना है कि आरोपी ने अपना जो नाम और पता बताया है, उसे वेरिफाई किया जा रहा है. इसके िलए दिल्ली पुलिस ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया है.

हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी: अवैध निर्माण पर कार्रवाई जरूरी, उगाही के लिए कोर्ट का इस्तेमाल नहीं

नई दिल्ली अनधिकृत निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि दिल्ली में अनधिकृत निर्माण करने वालों से धन उगाही के लिए अदालत का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने कहा कि अनधिकृत निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन इस न्यायालय का इस्तेमाल ऐसे निर्माण करने वालों से धन उगाही के लिए नहीं किया जा सकता। यह स्पष्ट रूप से न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।   तीन लोगों ने डाली थी याचिका अदालत ने उक्त टिप्पणी जामिया नगर इलाके में एक संपत्ति पर तीन व्यक्तियों द्वारा किए जा रहे अवैध और अनधिकृत निर्माण को रोकने और उसे ध्वस्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग से जुड़ी तीन व्यक्तियों की याचिका पर की। पीठ ने नोट किया कि याचिकाकर्ता दिल्ली के बजाय अमरोहा का निवासी है और उसका संबंधित निर्माण और इलाके से कोई सरोकार है। अदालत ने यह भी पाया कि एक ही संपत्ति के लिए तीन अलग-अलग लोगों द्वारा याचिकाएं दायर की गई हैं। ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने तर्क दिया कि एक कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया गया था। इसके बाद 10 जुलाई को आंशिक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है और आगे की कार्रवाई चार सितंबर के लिए निर्धारित की गई थी। वहीं, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की तरफ से तर्क दिया गया कि हाई कोर्ट के समक्ष ऐसे कई मामले हैं, जिनमें ऐसे लोगों द्वारा याचिकाएं दायर की गई थीं जो न तो उस इलाके में रहते हैं और न ही उस संपत्ति से उनका कोई संबंध है। कैसे दायर हो रहीं अलग-अलग याचिकाएं अदालत ने नोट किया कि मामले की सुनवाई शुरू होने पर याचिकाकर्ता की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ, जबकि आदेश पारित होने से पहले मामले की कुछ समय तक सुनवाई हो चुकी थी। तथ्यों को रिकार्ड पर लेते हुए पीठ ने कहा कि एमसीडी पहले ही संबंधित संपत्ति में मौजूद अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन अनधिकृत निर्माण होने के संबंध में लोगों को ब्लैकमेल करके उनसे जबरन वसूली करने के उद्देश्य से दायर की जाने वाली ऐसी याचिकाओं को उचित नहीं ठहराया जा सकता। वहीं, अदालत ने संबंधित डीसीपी को यह जांच करने का निर्देश दिया कि एक ही संपत्ति के संबंध में अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग याचिकाएं कैसे दायर की जा रही हैं।

राजा गार्डन दिल्ली: आग में 3 लोगों की हुई जान, दो लड़कियां भी शामिल

नई दिल्ली  पश्चिम दिल्ली के राजा गार्डन इलाके में सोमवार को बड़ा हादसा हो गया। बताया जाता है कि दोपहर लगभग 3:08 बजे महाजन इलेक्ट्रॉनिक्स की इमारत में भीषण आग लगने से 3 लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य की हालत नाजुक बताई जाती है। मरने वालों में 2 लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि उसकी टीमें मौके पर पहुंचीं। हादसा कैसे हुआ इसको लेकर जांच चल रही है। बताया जाता है कि इस इमारत में बेसमेंट भी है। बेसमेंट के साथ तीन मंजिलों वाली इस इमारत में हादसा तीसरी मंजिल पर स्थित दफ्तर में हुआ। हादसे के शिकार लोगों ने तीसरी मंजिल पर दफ्तर में खुद को कैद कर लिया था। इस वजह से ये लोग आग की चपेट में आ गए। सूचना पर दमकल विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाने के बाद तीसरी मंजिल पर फंसे लोगों को निकाला और अस्पताल भेजा। पुलिस की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। खबर लिखे जाने तक इस घटना में दो युवतियों समेत तीन की मौत हो चुकी थी। बताया जाता है कि एक अन्य गंभीर रूप से जख्मी हुआ है जिसका इलाज जारी है। फिलहाल मृतकों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा। मृतकों में शामिल एक युवती का नाम आयुषी उम्र 23 साल जबकि दूसरी का नाम अमनदीप कौर बताया जाता है। अमनदीप की उम्र 21 साल है। हादसे में जान गवाने वाले लड़के का नाम रवि बताया जा रहा है। पुलिस घटना की छानबीन कर रही है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमने दमकल की 5 गाड़ियों को मौके पर भेजा। बचाव कर्मियों ने देखा कि 4 लोग धुएं के कारण बेहोश हो गए थे। उन्हें कैट्स एम्बुलेंस से पास के अस्पताल में ले जाया गया। अधिकारी ने यह भी बताया कि आग को बुझाने और बचाव अभियान शाम 4.10 बजे समाप्त हो गया।  

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: आवारा कुत्तों के मुद्दे में बाधा डालने वालों पर भी होगी कानूनी कार्रवाई

 नई दिल्ली सर्वोच्च अदालत ने ये भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इसका विरोध करता है तो उसके खिलाफ भी अनिवार्य कार्रवाई की जाए। आवारा कुत्तों के लोगों पर हमलों और रेबीज संक्रमण के कई मामले सामने आने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि एनसीटी-दिल्ली, एमसीडी, एनएमडीसी तुरंत आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू करें और खासकर उन इलाकों में जहां आवारा कुत्तों का खतरा ज्यादा है। अदालत ने कहा कि आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस काम में आड़े आए तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करें।  

खतरे के निशान के पास पहुंची यमुना, 32 गांवों में सतर्कता बढ़ी

नई दिल्ली सावधान! दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर फिर से खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिसके चलते प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है. गाजियाबाद में यमुना और हिंडन नदी के किनारे बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है, इसलिए जिला प्रशासन ने इन नदियों के किनारे स्थित लगभग 32 गांवों में निगरानी शुरू कर दी है. इसके साथ ही, डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को भी चेतावनी दी गई है. प्रशासन के अनुसार, रविवार को पुराने लोहे के पुल के पास जलस्तर 204.05 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 2024.50 मीटर से थोड़ा कम है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर से अभी भी नीचे है. इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही सावधानी बरतने का निर्णय लिया है. हिंडन नदी गाजियाबाद से होकर गौतमबुद्धनगर में यमुना में मिलती है, जबकि यमुना नदी लोनी क्षेत्र से दिल्ली में प्रवेश करती है और गौतमबुद्धनगर के रास्ते मथुरा की ओर बढ़ती है. गाजियाबाद में यमुना और हिंडन के किनारे लगभग 32 गांव स्थित हैं. नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है, और वर्तमान में पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण यमुना का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. रविवार को यमुना का जल स्तर 209.00 मीटर दर्ज किया गया, जो दो दिन पहले 209.50 मीटर था. हथनी कुंड से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण अगले दो से तीन दिनों में जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है, इसलिए इन नदियों के तटबंधों की निगरानी की जा रही है. हाल ही में हिंडन नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़कर 1900 क्यूसेक तक पहुंच गया है, जबकि कुछ दिन पहले यह मात्र 660 क्यूसेक था. इस वृद्धि के कारण डूब क्षेत्र में खतरा उत्पन्न हो गया है. दो साल पहले जब हिंडन में पानी का स्तर 2000 क्यूसेक से अधिक था, तब बाढ़ आई थी, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया था और सिटी फोरेस्ट पूरी तरह से जलमग्न हो गया था. अब एक बार फिर हिंडन में पानी बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गई है. सिचाई विभाग ने डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी दी है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन गांवों के निकट स्थित डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि या अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाना चाहिए. इसके अलावा, सिचाई विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन ने भी यह स्पष्ट किया है कि यदि इस क्षेत्र में जनधन की हानि होती है, तो संबंधित व्यक्ति इसके लिए स्वयं जिम्मेदार होगा. हिंडन किनारे आवासीय क्षेत्र में प्रवेश कर जाता है पानी सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजकुमार वर्ण ने जानकारी दी कि बरसात के मौसम में हिंडन नदी का पानी कई किलोमीटर तक आवासीय क्षेत्रों में घुस जाता है. इसे रोकने के लिए नदी के किनारे तटबंध बनाए गए हैं और बाढ़ की एक सीमा निर्धारित की गई है, जिसे डूब क्षेत्र कहा जाता है. इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण या स्थायी निर्माण की अनुमति नहीं है, फिर भी धीरे-धीरे यहां अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. यमुना और हिंडन के डूब क्षेत्र में बाढ़ की संभावना को लेकर चेतावनी जारी की गई है, और अवैध अतिक्रमण के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है. जलस्तर पर नजर रख रहा प्रशासन प्रशासन यमुना के बढ़ते जलस्तर पर लगातार निगरानी रख रहा है. अधिकारियों का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर राहत और बचाव कार्य तुरंत आरंभ किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि यमुना में 204.5 मीटर पर चेतावनी, 205.3 मीटर पर खतरा और 206 मीटर पर निकासी की प्रक्रिया शुरू होती है. इस स्तर पर प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाता है. केंद्रीय बाढ़ कक्ष के अनुसार, जलस्तर में वृद्धि का प्रमुख कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी का प्रवाह है. इसके अलावा, हरियाणा और उत्तराखंड के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश भी जलस्तर को लगातार बढ़ा रही है. जानकारी के अनुसार, वजीराबाद बैराज से लगभग 30,800 क्यूसेक और हथिनीकुंड बैराज से लगभग 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे दिल्ली में चेतावनी के स्तर के करीब पहुंचने की संभावना बढ़ गई है.

दिल्ली मेट्रो का यात्री रिकॉर्ड टूटा, राखी के दिन 81 लाख से ज्यादा लोगों ने किया सफर

नई दिल्ली रक्षा बंधन पर दिल्ली मेट्रो ने रिकॉर्ड बना डाला। रक्षाबंधन से एक दिन पहले 8 अगस्त 2025 को दिल्ली मेट्रो ने अब तक की सबसे बड़ी डेली राइडरशिप दर्ज की। इस दिन 81 लाख से भी ज्यादा पैसेंजर ने दिल्ली मेट्रो में सफर किया। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने ट्वीट करते हुए बताया कि 8 अगस्त को सभी कॉरिडोर मिलाकर कुल 81.87 लाख पैसेंजर जर्नी हुईं, जो एक नया रिकॉर्ड है। डीएमआरसी ने इसे यात्रियों के बढ़ते भरोसे का संकेत बताया। रक्षाबंधन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने उसी दिन 92 अतिरिक्त ट्रिप चलाईं। अगले दिन, यानी रक्षाबंधन पर, 455 अतिरिक्त ट्रिप का संचालन किया। डीएमआरसी के मुताबिक, इससे पहले का रिकॉर्ड 18 नवंबर 2024 को बना था, जब 78.67 लाख पैसेंजर जर्नी दर्ज हुई थीं। अन्य उच्च राइडरशिप वाले दिनों में 20 अगस्त 2024 शामिल है, जब 77.48 लाख जर्नी हुई थीं। 13 फरवरी 2024 को 71.09 लाख जर्नी दर्ज की गई थीं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर बढ़ती मेट्रो की लोकप्रियता दिल्ली मेट्रो का यह नया रिकॉर्ड राजधानी और आसपास के इलाकों में मेट्रो के बढ़ते महत्व और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर उसकी लोकप्रियता को एक बार फिर साबित करता है। अधिकारी ने बताया कि त्योहारों के दौरान बढ़ी हुई डिमांड को पूरा करने के लिए मेट्रो अपनी ऑपरेशन कैपेसिटी को एडजस्ट करती है, जिससे यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिल सके। क्यों बढ़ जाती है मेट्रो में भीड़? त्योहारी सीजन में लोग ट्रैफिक जाम से बचने और समय पर गंतव्य तक पहुंचने के लिए मेट्रो को प्राथमिकता देते हैं। 8 अगस्त को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर लंबा जाम था, जिससे बचने के लिए मेट्रो सबसे सुविधाजनक विकल्प रही। यह न केवल समय बचाती है बल्कि आरामदायक और सुरक्षित सफर भी सुनिश्चित करती है। रक्षाबंधन जैसे मौकों पर घर जाने, खरीदारी करने और रिश्तेदारों से मिलने के लिए मेट्रो की लोकप्रियता और भी बढ़ जाती है।