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बेकाबू हिस्ट्रीशीटर ने कोर्ट में किया हंगामा, सिर्फ अंडरवियर पहनकर शराब-सिगरेट के साथ पेश हुआ

नई दिल्ली दिल्ली में कोर्ट की कार्यवाही में बाधा डालने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार किया है जो सिगरेट और शराब पीते हुए अंडरवियर पहनकर कोर्ट की सुनवाई में पेश हुआ। इस संबंध में कोर्ट के रिकॉर्ड कीपर ने शिकायत दर्ज कराई थी। दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही कोर्ट की सुनवाई में बाधा डालने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह सिगरेट और शराब पीते हुए अंडरवियर में सुनवाई में पेश हुआ था। पुलिस ने बताया कि गोकुलपुरी निवासी 32 साल का मोहम्मद इमरान एक हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ दिल्ली भर में लूट, झपटमारी और अन्य अपराधों के 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।तीस हजारी कोर्ट के रिकॉर्ड कीपर अंशुल सिंघल की शिकायत पर 22 सितंबर को मामला दर्ज किया गया था। नार्थ दिल्ली के डीसीपी राजा बंठिया ने एक बयान में कहा कि आरोप है कि 16 और 17 सितंबर को एक अज्ञात व्यक्ति अकीब अखलाक नाम से अदालत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुआ। वह सिगरेट और शराब पीते हुए अपने अंडरवियर में दिखाई दिया। बार-बार जाने के निर्देश दिए पर भी वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद रहा, जिससे कोर्ट की कार्यवाही में व्यवधान पैदा हुआ। इसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। आईपी एड्रेस और कॉल डेटा रिकॉर्ड की जांच से पता चला कि संदिग्ध ने कई फर्जी ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया था और बार-बार स्थान बदलता रहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थानीय खुफिया जानकारी और तलाशी के जरिए टीम ने आरोपी को पुराने मुस्तफाबाद स्थित चमन पार्क से ढूंढ निकाला। टीम ने उसके घर से उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान इमरान ने स्वीकार किया कि उसे वेबएक्स वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग प्लेटफॉर्म के बारे में एक परिचित से पता चला। उसने कबूल किया कि वर्चुअल सुनवाई के दौरान वह अंडरवियर पहनकर सुनवाई में शामिल हुआ। इस दौरान उसने सिगरेट पी और शराब का भी सेवन किया। पुलिस ने आरोपी द्वारा अपराध में इस्तेमाल किया गया एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड और एक राउटर बरामद किया है। स्कूल छोड़ने वाला और पूर्व एयर कंडीशनर मैकेनिक इमरान पहले भी जेल जा चुका है। वह सितंबर 2021 में रिहा हुआ था। रिहा होने के बाद से उसने कथित तौर पर नशीली दवाओं और शराब की लत को पूरा करने के लिए फिर से क्राइम करने लगा।  

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ रजत जयंती वर्ष में हास्य योग उत्सव, मनाएं हंसते-हंसते स्वस्थ भारत

नई दिल्ली हास्य योग केंद्र (भारत) वर्ष 2025 में अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है और इस उपलक्ष्य में संस्था ने वर्षभर चलने वाले रजत जयंती समारोहों की घोषणा की है। संस्था इस अवसर को ‘हंसते-हंसते स्वस्थ भारत का उत्सव’ के रूप में मना रही है। देशभर में आयोजित किए जा रहे विविध कार्यक्रमों के माध्यम से हास्य योग के माध्यम से तनावमुक्त जीवनशैली और सकारात्मक सोच का संदेश दिया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में 4 से 6 अक्टूबर तक रजत जयंती महोत्सव का भव्य आयोजन होगा। इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम 4 अक्टूबर को आईटीओ स्थित प्यारेलाल भवन में आयोजित किया जाएगा, जहां हास्य योग गुरु जितेन कोही के सान्निध्य में विशेष सत्र रखा गया है। समारोह की प्रमुख आकर्षण मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता होंगी, जिन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। संस्था द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रजत जयंती वर्ष के तहत देशभर के विद्यालयों, कारागारों, वृद्धाश्रमों, सामाजिक संगठनों तथा कॉर्पोरेट प्रतिष्ठानों में विशेष हास्य योग सत्र और जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रायपुर, इलाहाबाद, अहमदाबाद, पुणे, नैनीताल, रांची, कानपुर, बनारस, पिलखुवा और दिल्ली सहित अनेक शहरों में दो दिवसीय हास्य योग शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली में 5 अक्टूबर की सुबह 6 से 8 बजे तक रोहिणी स्थित डिस्ट्रिक्ट पार्क में विशाल हास्य योग शिविर आयोजित होगा, जिसमें सैकड़ों प्रतिभागी भाग लेंगे। इसके साथ ही 5 से 7 अक्टूबर तक राजधानी के विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला भी चलेगी। संस्था के संस्थापक जितेन कोही ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली में हंसी एक प्राकृतिक औषधि का कार्य करती है। ‘हास्य योग’ योग की एक अनूठी विधा है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। संस्था का उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि नियमित हास्य योग अभ्यास से जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता और आत्मसंतोष बढ़ता है। गौरतलब है कि हास्य योग आंदोलन की शुरुआत दिल्ली के एक पार्क से हुई थी, जो आज देश के 19 से अधिक राज्यों और कई विदेशी देशों तक फैल चुका है। वर्तमान में देशभर में 400 से अधिक निःशुल्क हास्य योग कक्षाएं प्रतिदिन संचालित की जा रही हैं, जिनसे हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। संस्था का कहना है कि रजत जयंती वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि यह समाज में खुशहाली, एकता और स्वास्थ्य के प्रति जनचेतना जगाने का अभियान भी है — ताकि भारत को ‘हंसते-हंसते स्वस्थ राष्ट्र’ के रूप में स्थापित किया जा सके।  

वॉरंट मिलने के बाद अलका लांबा ने कोर्ट में छोड़ा खास मैसेज, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली  पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अलका लांबा शनिवार को राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने पेश हुईं, जहां उन्होंने अदालत से जमानत ले ली। दरअसल निषेधाज्ञा उल्लंघन से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ वॉरंट जारी कर दिया था, जिसके बाद वह अदालत में पेश हुईं, जहां अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किए थे। हालांकि कई समन जारी होने के बाद भी वह अदालत में पेश नहीं हुईं, जिसके कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वॉरंट जारी कर दिया, तब जाकर लांबा शनिवार को राउज एवेन्यू अदालत में पेश हुईं और वहां से जमानत हासिल कर ली। हालांकि जमानत मिलने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया था कि मेरे खिलाफ वॉरंट जारी हुआ है साथ ही उन्होंने खुद को सोनम वांगचुक के साथ रखने की गुजारिश भी की थी। इससे पहले कोर्ट ने जब उन्हें समन जारी किए थे तो वह अदालत में पेश नहीं हुईं थीं और उन्होंने दो मौकों पर पेशी से छूट मांग ली थी। इसके बाद, अदालत ने 24 सितंबर को उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया था। तब जाकर वह आज अदालत में पेश हुईं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक (एसीजेएम) वैभव चौरसिया की कोर्ट ने शनिवार को अलका लांबा को जमानत दे दी और अभियोजन पक्ष को आरोपपत्र की एक प्रति उन्हें देने का निर्देश दिया। अदालत ने आरोपों पर दलीलें सुनने के लिए मामले को 15 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है। यह मामला जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान निषेधाज्ञा के कथित उल्लंघन से संबंधित है, जिसमें 2024 के आम चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू करने की मांग की गई थी। इस मामले में कांग्रेस की इस महिला नेता के खिलाफ साल 2024 में संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज की गई थी। लांबा ने कहा था- प्लीज वांगचुक जी के साथ रखना उधर इस मामले को लेकर अलका लांबा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया, 'मेरे खिलाफ वॉरंट जारी हुआ है, प्लीज़ सोनम वांगचुक जी के साथ ही रखना, बहुत कुछ सीखने को मिलेगा- संघर्ष जारी रहेगा…लड़ेंगे और जीतेंगे।' हालांकि लांबा की ये तम्मना पूरी नहीं हो सकी और अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए उनकी गिरफ्तारी का रास्ता बंद कर दिया।  

छठ पर्व पर मुख्यमंत्री का विशेष दौरा, घाटों की तैयारियों का लिया जायजा

नई दिल्ली दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को बोट से यमुना नदी के प्रवेश बिंदु पल्ला गांव से लेकर आईटीओ के नजदीक स्थित हाथी घाट तक विभिन्न छठ घाटों का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और कपिल मिश्रा के अलावा लक्ष्मी नगर से विधायक अभय वर्मा और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।  इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना तट पर महापर्व छठ की तैयारियों को लेकर सरकार पूरी गंभीरता और युद्धस्तर पर काम में जुटी है। आज पल्ला गांव से लेकर हाथी घाट तक लगभग तीन घंटे तक विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया और बोट से यमुना जी के किनारों का विस्तृत सर्वे किया।  उन्होंने कहा कि यह जमीनी सर्वेक्षण केवल व्यवस्थाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि दिल्ली में एक भव्य और सुव्यवस्थित छठ आयोजन सुनिश्चित करने की ठोस नींव है। यह पर्व उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भाइयों-बहनों को दिल्ली की मिट्टी से जोड़ता है और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त करता है। संबंधित विभागों को साफ-सफाई, घाटों के निर्माण, सुरक्षा और अन्य सभी सुविधाओं की रूपरेखा शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के छठ मईया की पूजा-अर्चना कर सकें। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने छठ को यमुना से दूर कर दिया था। यमुना किनारे इस बार आस्था के महापर्व छठ का भव्य आयोजन होगा। उनकी सरकार पल्ला गांव से लेकर ओखला तक छठ के आयोजन की तैयारियों में पूरी निष्ठा और तत्परता से जुटी है। जब यमुना के घाटों पर लाखों श्रद्धालु डूबते सूरज और उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे तब वह क्षण हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय बने, यही हमारा संकल्प और प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में पूर्वांचलवासियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इसलिए उनकी धार्मिक आस्था व सुविधा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में यमुना के प्रवेश स्थल पल्ला से लेकर अंतिम स्थल ओखला तक दोनों किनारों पर छठ पर्व का आयोजन किया जाएगा। इन दोनों किनारों पर जहां भी छठ पर्व के लिए समतल किनारे उपलब्ध होंगे, वहां सरकार की ओर से व्रतधरियों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। छठ घाटों को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।  उल्लेखनीय है कि छठ पर्व की तैयारियों को लेकर 29 सितंबर को मुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पल्ला से लेकर वजीराबाद तक के किनारों पर विशेष व्यवस्था के साथ ही आईटीओ, ओखला जैसे पुराने स्थलों पर भी व्यवस्थाएं और दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था।  मुख्यमंत्री ने छठ पूजा के दौरान घाटों की सफाई व स्वच्छता के साथ धूल से बचाने के लिए पानी का छिड़काव, पुलिस व ट्रैफिक पुलिस को सुरक्षा व यातायात व्यवस्था चौकस रखने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को छठ पर्व से पूर्व यमुना से जलकुंभी निकालने के भी आदेश जारी किए गए हैं। इस बार इन स्थलों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।  मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में यमुना के किनारो के अलावा मुनक नहर, मुंगेशपुर ड्रेन के अलावा कृत्रिम तालाबों में भी छठ पूजा आयोजित की जाती है। राजधानी में कुल मिलाकर 929 स्थलों पर पूजा-अर्चना की जाती है। इन स्थलों पर सरकार की ओर से समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी। अगर किसी संस्थान को एनओसी चाहिए तो उसे भी बिना किसी परेशानी से उसे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे विशेष स्थान भी चिन्हित किए जाएंगे जहां छठ पूजा का विशेष आयोजिन किया जाएगा।  मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगर यमुना में अतिरिक्त पानी की जरूरत होती तो हरियाणा सरकार से निवेदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व पूर्वांचलवासियों की आस्था और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है और इसे पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है।   

ग्रीन पटाखों की नई नीति: उत्पादन की अनुमति, लेकिन बेचने पर प्रतिबंध बरकरार

नई दिल्ली  दुर्गा पूजा और नवरात्रि के बाद अब दिवाली की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर इलाके में हरियाणा और पंजाब में जलने वाले पराली से प्रदूषण का खतरा बढ़ने लगा है. वहीं, दिवाली में जलने वाले पटाखों से होने वाले प्रदूषण को लेकर भी चिंता बनी हुई है. राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी, 2025 से पूरे वर्ष के लिए सभी प्रकार के पटाखों पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध है. इसके साथ ही राजधानी में पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन हाल में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखा निर्माताओं को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली सीजन से पहले दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दे दी है, लेकिन एनसीआर क्षेत्र में उनकी बिक्री पर रोक लगा दी है. सीजेआई बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) से वैध प्रमाणन वाले निर्माताओं को उत्पादन जारी रखने की अनुमति दी है, बशर्ते वे एक वचनबद्धता प्रस्तुत करें कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कोई बिक्री नहीं होगी. लेकिन इससे यह असमंजस बना हुआ है कि ग्रीन पटाखे के बनाने की अनुमति तो मिल गई है, लेकिन बिक्री नहीं होगी, तो फिर बनाने का क्या मतलब है? इसे लेकर ग्रीन पटाखों के निर्माता सवाल उठा रहे हैं. 8 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, टिकीं निगाहें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार, निर्माताओं और विक्रेताओं सहित सभी हितधारकों से परामर्श करने और 8 अक्टूबर, 2025 को होने वाली अगली सुनवाई पर अदालत के समक्ष एक संतुलित नीति पेश करने का भी निर्देश दिया गया है. इससे अब लोगों की निगाहें आठ अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है.   हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले पटाखों पर केवल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था. एमसी मेहता मामले की सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने टिप्पणी की, “अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है, तो उन्हें पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए…” उन्होंने कहा था कि जो भी नीति होनी चाहिए, वह अखिल भारतीय स्तर पर होनी चाहिए. हम केवल दिल्ली के लिए नीति नहीं बना सकते क्योंकि वे देश के कुलीन नागरिक हैं. मैं पिछले साल सर्दियों में अमृतसर गया था, और वहां प्रदूषण बदतर था. इससे पहले नवंबर 2024 में, दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि ‘कोई भी धर्म ऐसी किसी भी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता, जो प्रदूषण में योगदान दे या लोगों के स्वास्थ्य से समझौता करे. जानें दिल्ली सरकार का क्या है आदेश दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी, 2025 से पूरे वर्ष के लिए सभी प्रकार के पटाखों पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है. पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं. आदेश में आगे कहा गया है, “दिल्ली में, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में, गंभीर वायु प्रदूषण होता है और पार्टिकुलेट मैटर सांद्रता (पीएम 2.5 और पीएम 10) जैसे प्रदूषकों का स्तर वायु गुणवत्ता के निर्धारित मानकों से कहीं अधिक है. वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 19 की उप-धारा (1) के अंतर्गत संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली को वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है.”   आदेश में कहा गया है कि त्योहारों के मौसम में पटाखे जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है. इसलिए, दिल्ली सरकार ने वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत 2020 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. अक्टूबर से जनवरी के महीनों के दौरान वायु गुणवत्ता में गिरावट की पिछली घटनाओं को देखते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध है. इसके साथ ही पटाखों के फोड़ने (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से वितरण सहित) और उन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.  

ग्राहकों के लिए दिवाली स्पेशल: मुफ्त में घर ले जाएँ LPG सिलेंडर

नई दिल्ली  दिवाली का त्योहार आने वाला है। इस त्योहार से पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महिलाओं को फ्री एलपीजी सिलेंडर बांट रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की लाभार्थी महिलाओं को फ्री एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में उज्ज्वला योजना के तहत 1.75 करोड़ से अधिक महिलाएं पंजीकृत हैं, जिन्हें सीधा फायदा मिलेगा। बता दें कि योगी सरकार साल में दो बार फ्री सिलेंडर देती है। एक सिलेंडर होली के त्योहार को ध्यान में रखकर दिया जाता है तो दूसरा सिलेंडर दिवाली के मौके पर दिया जाता है। फ्री एलपीजी सिलेंडर की सुविधा उन्हीं परिवारों को दी जाएगी, जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत पंजीकृत हैं। इसके लिए किसी अलग आवेदन की जरूरत नहीं होगी। क्या है उज्ज्वला योजना? प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका उद्देश्य गरीब और ग्रामीण परिवारों, खासकर महिलाओं, को साफ ईंधन (एलपीजी गैस) उपलब्ध कराना है। अब तक 10 करोड़ से अधिक महिलाएं उज्ज्वला योजना से जुड़ चुकी हैं। इस योजना में सरकार 300 रुपये की सब्सिडी देती है। आसान भाषा मे समझें तो उज्जवला लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर सामान्य कीमत से 300 रुपये सस्ता मिलता है। 25 लाख अतिरिक्त मुफ्त एलपीजी कनेक्शन जारी हाल ही में पेट्रोलियम मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को 25 लाख अतिरिक्त मुफ्त एलपीजी कनेक्शन जारी करने को मंजूरी दे दी है। इस विस्तार के साथ, योजना के तहत कनेक्शन की कुल संख्या बढ़कर 10.58 करोड़ हो जाएगी। सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक इसके लिए सरकार ने 676 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी है। बता दें कि योजना के तहत, लाभार्थियों को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन मिलता है। इसमें सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, ‘सुरक्षा’ नली, घरेलू गैस उपभोक्ता कार्ड (डीजीसीसी) पुस्तिका और स्थापना शुल्क की सुरक्षा राशि शामिल होती है। इसके अलावा, पहली बार सिलेंडर भराने के साथ चूल्हा भी निःशुल्क दिया जाता है। लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन, पहले ‘रिफिल’ या चूल्हे के लिए कोई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। ये लागत केंद्र सरकार और पेट्रोलियम विपणन कंपनियां (ओएमसी) वहन करती हैं। लाभार्थियों के पास 14.2 किलोग्राम के एक सिलेंडर के साथ कनेक्शन, पांच किलोग्राम छोटे सिलेंडर के साथ कनेक्शन, या पांच किलोग्राम के दो सिलेंडर के साथ कनेक्शन में से चुनने की सुविधा है।  

डाइविंग में फंसे युवक को बचाई Apple Watch, हादसे की डरावनी कहानी

नई दिल्ली मुंबई के एक स्कूबा डाइवर क्षितिज जोडेप की एप्पल वॉच ने जान बाचा ली। दरअसल 26 साल के क्षितिज ई कॉमर्स कॉमर्स  कंपनी में काम करते हैं। वे इस साल गर्मियों के महीने में पुडुचेरी के पास स्कूबा डाइविंग कर रहे थे। समुद्र में गहराई में जाने के साथ क्षितिज के साथ जो हुआ और कैसे उनकी जान बची आइये जानते हैं। क्षितिज साल 2020 से समुद्र में गोताखोरी करते आ रहे हैं। इस दौरान कई बार उन्होंने खतरनाक परिस्थितियों का भी सामना किया। अपनी एक घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि, 'स्कूबा डाइविंग के दौरान वो करीब 36 मीटर तक गहराई में चले गए थे। इसी दौरान उनका बेल्ट अचानक ढीला हो गया। जिससे वे तेजी से समुद्र की सतह की ओर बढ़ने लगे। कैसे बची क्षितिज की जान? इसी दौरान उनकी कलाई पर बंधी एप्पल वॉच अल्ट्रा अचानक एक्टिव हो गई। वॉच ने लगातार सायरन बजाना शुरू किया और रास्ते में आने वाले खतरों से क्षितिज को अवगत कराती रही। इस दौरान वॉच की स्क्रीन पर लगातार अलर्ट नोटिफिकेशन आता रहा, जिससे उन्हें धीमी गति से चलने के लिए अलर्ट किया क्योंकि तेज चढ़ाई से फेफड़ों को गंभीर चोट लग सकती थी। हालांकि क्षितिज अपनी बेकाबू चढ़ाई को रोक नहीं पाए. इसी दौरान उनके प्रशिक्षक ने सायरन की आवाजे सुन ली और तुरंत क्षितिज की मदद करके लिए आ गए। इस तरह क्षितिज की जान बची। एप्पल के सीईओ टिम कुक को कहा शुक्रिया क्षितिज ने बाद में एप्पल के सीईओ टिम कुक को अपनी कहानी शेयर करने के लिए लेटर लिखा था। उन्हें आश्चर्य हुआ जब कुक ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा: "मुझे बहुत खुशी है कि आपके ट्रेनर ने अलार्म सुना और तुरंत आपकी सहायता की। अपनी कहानी हमारे साथ शेयर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। साल 2022 में एप्पल वॉच अल्ट्रा को लॉन्च किया गया था। इस वाच को मुख्य रूप से एडवेंचर और इमरजेंसी स्थितियों के लिए बनाया गया है। कंपनी के मुताबिक वॉच पूरी तरीके से वाटरप्रूफ है और पानी के अंदर भी काम करती है। सायरन से दो ऊंचे स्तर वाली आवाज निकलती है, जिसे 180 मीटर तक की दूर से सुना जा सकता है।  

बाबा चैतन्यानंद को न्यायिक हिरासत, जेल में की खास जरूरतों की मांग

नई दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार (3 अक्टूबर) को स्वामी चैतन्यानंद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.  दिल्ली पुलिस 5 दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट लेकर पहुंची. आरोपी बाबा के वकील ने ज्यूडिशियल कस्टडी में कपड़े, दवाइयां और संन्यासी खाने की मांग की है. इस याचिका पर कोर्ट शनिवार (4 अक्टूबर) सुनवाई करेगा. बाबा की अर्जी पर पुलिस से जवाब मांगा गया आरोपी बाबा के वकील ने सीजर मेमो और केस डायरी पर जज साइन की मांग की. सीजर मेमो की अर्जी पर पुलिस से जवाब मांगा है. इस पर भी कोर्ट  कल सुनवाई करेगा. 28 अगस्त को आगरा से हुआ था गिरफ्तार दिल्ली पुलिस ने बाबा को न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिमेष कुमार के समक्ष पेश किया. बाबा पर एक प्राइवेट संस्थान में 17 छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का संगीन आरोप लगा है. मामले के सामने आने के बाद बाबा फरार हो गया था. 62 साल के बाबा को पुलिस ने 28 सितंबर को यूपी के आगरा से गिरफ्तार किया था.  छात्राओं को भेजता था अश्लील मैसेज इससे पहले, पुलिस ने बाबा से जुड़े कई बैंक खातों और फिक्स डिपॉजिट्स में जमा 8 करोड़ रुपये जब्त कर लिए थे. एफआईआर के मुताबिक, साउथ-वेस्ट दिल्ली स्थित संस्थान के पूर्व अध्यक्ष सरस्वती कथित तौर पर छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर में आने के लिए मजबूर करता था और अश्लील मैसेज करता था. वह अपने फोन के जरिए छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था. इस मामले में तीन महिलाएं भी गिरफ्तार गुरुवार (2 अक्टूबर) को पुलिस ने इसी मामले में तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया. ये महिलाएं उसी संस्था में काम करती हैं. एसोसिएट डीन श्वेता शर्मा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भावना कपिल और सीनियर फैकल्टी मेंबर काजल ने बाबा के निर्देशों का पालन करने, अनुशासन और समय की पाबंदी के बहाने छात्राओं पर दबाव बनाने की बात स्वीकार की. तीनों पर अपराध के लिए उकसाने, धमकाने और सबूत नष्ट करने के आरोप हैं.  

नई ‘नमो भारत’ ट्रेन: दिल्ली से पानीपत की यात्रा अब सिर्फ 60 मिनट में, जानिए कौन-कौन से स्टेशन होंगे

नई दिल्ली राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के शहरों को जोड़ने वाली हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन की रफ्तार अब और तेज होने वाली है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन यानी NCRTC ने दिल्ली-पानीपत रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के दूसरे चरण की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह कॉरिडोर न सिर्फ दिल्ली को पानीपत से जोड़ेगा, बल्कि भविष्य में करनाल तक विस्तार करेगा। तेज रफ्तार की राह में पहला कदम NCRTC ने इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए प्री-कंस्ट्रक्शन काम शुरू कर दिया है। केंद्र, दिल्ली और हरियाणा सरकारों से अंतिम वित्तीय मंजूरी का इंतजार होने के बावजूद, NCRTC ने टेंडर जारी कर दिए हैं और यूटिलिटी शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसका मतलब है कि बिजली की तारें, लो-टेंशन केबल और ट्रांसफॉर्मर जैसी चीजें, जो कॉरिडोर के रास्ते में आ रही हैं, उन्हें हटाने का काम जोर-शोर से शुरू हो गया है। नरेला से मुरथल तक 22 किलोमीटर के पहले हिस्से में यह काम शुरू हो चुका है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया में करीब एक साल लग सकता है। 180 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर RRTS नेटवर्क के तीन प्राथमिक कॉरिडोर में से एक है। यह 136 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर नरेला, कुंडली, सोनीपत, गन्नौर, समालखा और पानीपत तक जाएगा और बाद में करनाल तक विस्तार होगा। इसमें कुल 17 स्टेशन होंगे और ट्रेनें 180 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। दिल्ली से पानीपत का सफर, जो अभी सड़क या पुरानी ट्रेनों से 2-3 घंटे लेता है, वह इस कॉरिडोर के शुरू होने के बाद 1 घंटे से भी कम समय में पूरा हो जाएगा। सराय काले खां बनेगा RRTS का सुपर हब सराय काले खां स्टेशन इस प्रोजेक्ट का दिल होगा। यह न सिर्फ दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर का शुरुआती स्टेशन होगा, बल्कि दिल्ली-मेरठ और दिल्ली-अलवर कॉरिडोर के लिए भी नोडल हब बनेगा। इस स्टेशन को मल्टीमॉडल हब के रूप में डिजाइन किया जा रहा है, जो दिल्ली मेट्रो, हजरत निजामुद्दीन ट्रांसपोर्ट इंटरचेंज और इंटर-स्टेट बस टर्मिनल से जुड़ेगा। यानी, एक ही जगह पर आपको ट्रेन, मेट्रो और बस, सब मिलेंगे। ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से मुक्ति NCRTC के मुताबिक, यह कॉरिडोर हर दिन करीब एक लाख यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और पर्यावरण के लिए बेहतर यात्रा का विकल्प देगा। दिल्ली-अंबाला हाईवे (NH-44) पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी और लोग सैटेलाइट शहरों में रहकर भी दिल्ली तक आसानी से आ-जा सकेंगे। इससे दिल्ली की भीड़-भाड़ कम होगी और आसपास के शहरों का विकास भी होगा।  

दिल्ली और गुरुग्राम के यात्रियों के लिए बड़ी खबर: NHAI का स्पेशल फ्लाईओवर आपके सफर को आसान बनाएगा

नई दिल्ली  दिल्ली-गुड़गांव राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) और उसके आस-पास के प्रमुख मार्गों पर यातायात की बढ़ती समस्याओं को कम करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक विशाल, सिग्नल-रहित एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई है। republicworld की खबर के मुताबिक, लगभग 5,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना का मकसद दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा समय को काफी हद तक कम करना है और एनसीआर क्षेत्र में यातायात को सुगम बनाना है।   भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मौजूदा समय में यह अपने मुख्य चरण में है। यह परियोजना दिल्ली और गुरुग्राम में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए सरकार की योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दिल्ली-गुरुग्राम एलिवेटेड कॉरिडोर की खासियत लंबाई: यह कॉरिडोर लगभग 20 किलोमीटर लंबा होगा। मार्ग: यह फ्लाईओवर दक्षिण दिल्ली स्थित AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) से शुरू होकर गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड तक जाएगा, जो महिपालपुर बाईपास के समीप खत्म होगा। भीड़-भाड़ में राहत: नया फ्लाईओवर वर्तमान में अत्यधिक व्यस्त NH-48 के समानांतर चलेगा, जिससे यात्रियों को एक तेज और बिना रुकावट वाला वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। सिग्नल-रहित मार्ग: यह कॉरिडोर अपनी पूरी लंबाई में ट्रैफिक लाइटों से मुक्त होगा और वसंत विहार, वसंत कुंज, ब्रिगेडियर होशियार सिंह मार्ग, अफ्रीका एवेन्यू, और नेल्सन मंडेला मार्ग से होकर गुज़रेगा। रणनीतिक निकास: प्रमुख स्थानों जैसे IGI हवाई अड्डा और इफको चौक चौराहे पर ऑफ-रैंप निकास की व्यवस्था होगी, जिससे यातायात का प्रवाह निर्बाध रहेगा और भीड़भाड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट का भविष्य और महत्व NHAI का प्राथमिक लक्ष्य डीपीआर को जल्द से जल्द पूरा करना है, जिसमें अंतिम अनुमान, सटीक अलाइनमेंट, और निर्माण समय सारणी शामिल होगी। यातायात वृद्धि और कनेक्टिंग परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद वाहनों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए, यह परियोजना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। ट्रैफिक समस्या का मिलेगा स्थायी समाधान! राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासी और यात्री इस परियोजना से यातायात समस्या के स्थायी समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, निर्माण चरण के दौरान किसी भी प्रकार के व्यवधान को न्यूनतम करने के लिए, इसे अच्छी तरह से मैनेज करना बहुत जरूरी होगा। इस परियोजना से न केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि यह सड़क सुरक्षा और विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एनसीआर में समग्र विकास को भी बढ़ावा देगा।