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किस वजह से उठी पंजाब विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग? पूरी जानकारी

लुधियाना दाखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक मनप्रीत अयाली ने पंजाब में बाढ़ से पैदा हुए हालातों के मद्देनजर पंजाब विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को पत्र लिखकर अपील की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि बाढ़ के कारण पंजाब में गंभीर स्थिति पैदा हो गई है, इसलिए तुरंत विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाया जाना चाहिए। अयाली ने कहा कि राज्य में आई बाढ़ से जान-माल और कृषि को भारी नुकसान हुआ है और हजारों परिवार गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। यह स्थिति तुरंत विशेष ध्यान की मांग करती है ताकि नुकसान की पूरी जांच की जा सके। इस आपदा के मुख्य कारणों पर गंभीरता से विचार किया जा सके और तुरंत एक विस्तृत राहत एवं पुनर्वास योजना तैयार की जा सके। वहीं बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक ठोस नीति बनाई जा सके। 

किसानों को बड़ी राहत: CM भगवंत मान ने सबसे अधिक मुआवजा देने का किया ऐलान

पंजाब  पंजाब में बाढ़ ने किसानों की मेहनत और ख्वाबों को डुबो दिया, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों को अकेला नहीं छोड़ा. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि हर प्रभावित किसान को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाएगा. यह सिर्फ़ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे बड़ा मुआवज़ा है. मान सरकार ने यह कदम सिर्फ़ काग़ज़ों पर नहीं बल्कि किसानों के दर्द को महसूस करते हुए उठाया है. जब हरियाणा में किसानों को अधिकतम ₹15,000 प्रति एकड़, गुजरात में करीब ₹8,900 प्रति एकड़, मध्य प्रदेश में करीब ₹12,950 प्रति एकड़, और उत्तर प्रदेश व राजस्थान में अधिकतर ₹5,000- ₹7,000 प्रति एकड़ तक राहत मिलती है, वहीं पंजाब के किसानों को सीधा ₹20,000 प्रति एकड़ देने का फैसला किसानों की ताक़त और मेहनत को सलाम करने जैसा है. मृतक के परिवार को 4 लाख-मान इतना ही नहीं, मान सरकार ने बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को ₹4 लाख की सहायता और खेतों में जमी रेत को बेचने की अनुमति भी दी है, ताकि किसानों को तुरंत नक़दी मिले और अगली बुवाई का रास्ता आसान हो सके. यह कदम साफ़ दिखाता है कि सरकार किसानों की मुश्किलें समझती है और उनके लिए हर मुमकिन राहत पहुंचाना चाहती है. यह मुआवज़ा सिर्फ़ पैसों की मदद नहीं, बल्कि किसानों को यह भरोसा दिलाने का प्रयास है कि सरकार उनकी पीड़ा को अपनी पीड़ा मानती है. संकट की इस घड़ी में यह संदेश पूरे पंजाब में गूंज रहा है कि यह सरकार किसानों को कभी अकेला नहीं छोड़ेगी. राहत की राशि को देशभर में सबसे ऊपर रखकर पंजाब को मिसाल बनाया गया है. किसान पंजाब की असली ताकत-मान मान सरकार ने राहत की राशि को सबसे ऊपर रखकर साबित कर दिया है कि किसान सिर्फ़ वोटर नहीं, बल्कि पंजाब की असली ताक़त हैं. यह फैसला किसानों को संघर्ष से सहारा और भविष्य के लिए विश्वास देता है. किसान की जीत ही पंजाब की जीत है, और मान सरकार हर हाल में किसानों के साथ खड़ी है.  

सीएम भगवंत मान ने अस्पताल से सीधे वीडियो कॉल कर की बातचीत, मनकीरत औलख और प्रीतपाल सिंह जुड़े

पंजाब  पंजाब में आई भीषण बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान लगातार बाढ़ प्रभावित परिवारों और राहत कार्यों से जुड़े हुए हैं. अस्पताल में रहकर भी उन्होंने पंजाबी गायक मनकीरत औलख से वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत की. सीएम ने उनके द्वारा किए जा रहे राहत प्रयासों की सराहना की. मुख्यमंत्री मान ने हंसपाल ट्रेडर्स के मालिक प्रीतपाल सिंह हंसपाल का भी विशेष रूप से धन्यवाद किया. हंसपाल ट्रेडर्स ने बाढ़ में फंसे लोगों और उनके पशुओं को सुरक्षित निकालने के लिए काफी काम किया है. उन्होंने अपनी तरफ से 150 से अधिक नावें बनवाईं. पंजाब सरकार का राहत प्रयासों में सहयोग मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आगे कहा कि संकट की इस घड़ी में पंजाबियों ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि उनके भीतर हिम्मत, सेवा की भावना और आपसी भाईचारे की मिसालें आज भी जिंदा हैं. जो भी लोग अपने लेवल पर दूसरों की मदद कर रहे हैं और जान बचाने में जुटे हुए हैं, पंजाब की सरकार उन सभी लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है. सीएम ने आगे कहा कि यह सिर्फ एक प्रशासनिक समर्थन नहीं है, बल्कि यह पंजाबियों की भावनाओं से भावनात्मक जुड़ाव भी है . यही वजह है कि आज हर पंजाबी को यह विश्वास है कि वो अकेला नहीं है उसकी सरकार उसके साथ खड़ी है और केवल सरकार ही नहीं बल्कि उसका समाज पूरी ताकत और संवेदनशीलता के साथ उसके साथ खड़ा है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को 5 सितंबर को तबियत खराब के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तबीयत में सुधार के बाद उन्होंने सोमवार को अस्पताल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की. मुख्यमंत्री की तबियत खराब के चलते पहले यह बैठक स्थगित कर दी गई थी. सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर भी नहीं जा पाए थे.  

भ्रष्टाचार विरोधी फ्रंट का आरोप: समराला के लोग झेल रहे हैं असहनीय परिस्थितियाँ

समराला  भ्रष्टाचार विरोधी फ्रंट समराला की मासिक बैठक संरक्षक कमांडेंट रछपाल सिंह और प्रधान अमरजीत सिंह बालिओं की अध्यक्षता में स्थानीय ‘बागी भवन’ में हुई। बैठक में कामरेड जगजीत सिंह बागी के दामाद दविंदर सिंह जटाना विशेष तौर पर रोपड़ से पहुंचे। बैठक के दौरान वक्ताओं ने शहर की समस्याओं का गंभीर संज्ञान लेते हुए स्थानीय प्रशासन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि समराला प्रशासन और नगर कौंसिल का कामकाज बेहद खराब है। शहर की प्रमुख समस्याओं में ट्रैफिक की दिक्कतें, समराला-खन्ना और माछीवाड़ा रोड की खराब हालत, मेन चौक पर पड़े बड़े गड्ढे, दुकानदारों द्वारा बाजार में किए गए अवैध कब्जे, एसडीएम कार्यालय के सामने जमा बरसात का पानी, कचहरियों के मुख्य द्वार और एसडीएम कार्यालय व कचहरियों की दीवारों के साथ उगा हुआ बड़ा-बड़ा घास शामिल है।  नगर कौंसिल द्वारा बाजार से अवैध कब्जे हटाने के नाम पर की जा रही खानापूर्ति मज़ाक बनकर रह गई है। प्रधान अमरजीत सिंह बालिओं ने कहा कि इस समय पूरे पंजाब में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि अफसरशाही अपने दफ्तरों से बाहर नहीं निकलती, अधिकारी और कर्मचारी किसी की सुनवाई नहीं करते। जनता के चुने प्रतिनिधि अपना वोट बैंक टूटने के डर और अपनी कुर्सी बचाने के लिए चुपचाप बैठे हैं। समराला शहरवासी नरक जैसी स्थिति झेलने को मजबूर हैं।

ED ने मोहाली मुआवजा घोटाले में की सख्त कार्रवाई, करोड़ों की संपत्ति जब्त

चंडीगढ़ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जालंधर जोनल कार्यालय की टीम ने गुआवा ऑर्चर्ड (अमरूद बाग) मुआवजा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 9.87 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां और शेयर अस्थायी रूप से अटैच किए हैं। यह कार्रवाई विकास भंडारी, भूपिंदर सिंह, रितिका भंडारी, करम सिंह और गुरदीप सिंह के खिलाफ की गई है। कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है। विजिलेंस ब्यूरो की एफआईआर पर जांच ईडी ने यह जांच पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की उस एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिसमें भूपिंदर सिंह, विकास भंडारी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जानिए कैसे हुआ घोटाला ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि निजी व्यक्तियों ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से गुआवा के बागों का झूठा अस्तित्व दिखाकर मुआवजा हड़प लिया। यह भूमि ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) द्वारा एरोसिटी रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट (आईटी सिटी, एसएएस नगर, मोहाली) के लिए अधिग्रहित की जानी थी। अधिक मुआवजा पाने के लिए आरोपियों ने कई हथकंडे अपनाए। जमीन पर जहां अमरूद के पेड़ मौजूद नहीं थे, वहां भी पेड़ दिखाए। पेड़ों की घनत्व, उम्र और संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई। राजस्व अधिकारियों और बागवानी विभाग के अफसरों की मिलीभगत से नकली रिकॉर्ड तैयार कराए और फर्जी रिपोर्ट बनवाई। इस तरह अवैध तरीकों से आरोपियों ने करोड़ों रुपये का मुआवजा हासिल किया और उसे अपराध से अर्जित संपत्ति के रूप में बदल लिया। पत्नी और सहयोगियों को ट्रांसफर की रकम जांच में यह भी सामने आया कि विकास भंडारी ने फर्जी मुआवजे की रकम का बड़ा हिस्सा अपनी पत्नी रितिका भंडारी और अपने सहयोगियों भूपिंदर सिंह, करम सिंह और गुरदीप सिंह के पास ट्रांसफर किया। इन्हीं पैसों से खरीदी गई संपत्तियों और शेयरों को ईडी ने अब अटैच कर लिया है। आगे की जांच जारी : ईडी ईडी ने अपनी प्रेस रिलीज में स्पष्ट किया है कि यह अटैचमेंट अस्थायी है और आगे की जांच के बाद मामले में और खुलासे हो सकते हैं। एजेंसी अब यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस घोटाले से जुड़ा पैसा किन-किन चैनलों और व्यक्तियों तक पहुंचा।

पंजाब के साथ हरियाणा खड़ा: कुरुक्षेत्र से रवाना हुई CM सैनी की राहत राहत convoy

पंजाब  पंजाब में भीषण बाढ़ से हुई त्रासदी पर हरियाणा लगातार नजर बनाए हुए है। ऐसे में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव मदद और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। इसी कड़ी में आज कुरुक्षेत्र से सीएम नायब सिंह सैनी ने पंजाब में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत सामग्री से भरे 20 ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर पूर्व राज्य मंत्री सुभाष सुधा मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार, इन ट्रकों में विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री, पशुओं के लिए चारा, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान भरा गया है। बता दें कि शहर की सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं, भाजपा संगठन और जिला प्रशासन के सहयोग से ये राहत सामग्री एकत्रित की गई है। अब इस सामग्री को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाया जाएगा, ताकि संकट के समय लोगों को राहत मिल सके। इस मौके पर सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में जो प्राकृतिक आपदा आई है। उससे बहुत लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंन कहा हरियाणा के लोगों ने पंजाब की बाढ़ आपदा में लगातार राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया है। भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं, सामाजिक संस्थाएं मिलकर पंजाब के लोगों की मदद करने के लिए निरंतर राहत सामग्री पहुंचाने का काम कर रही है।  सीएम सैनी ने कहा कि बुधवार को कुरुक्षेत्र से राहत सामग्री लेकर 21 ट्रक पंजाब भेजे गए हैं। हमने हरियाणा की तरफ से बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिए पंजाब को 5 करोड़ रुपये, जम्मू-कश्मीर को 5 करोड़ रुपये और हिमाचल प्रदेश को 5 करोड़ रुपये तुरंत सहायता के रूप में भेजने का काम किया है।   वहीं मौके पर मौजूद पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि हरियाणा की नायब सैनी सरकार संकट की इस घड़ी में पंजाब के लोगों के साथ खड़ी है। उन्हें हर संभव मदद हरियाणा सरकार और हरियाणा के लोग भेज रहे हैं। हरियाणा सरकार ने पंजाब की मदद के लिए 5 करोड़ रुपए की सहायता भी की है और जरूरत पड़ने पर हम पीछे नहीं हटेंगे।

स्वच्छ हवा की लिस्ट में चंडीगढ़ ने मारी बाजी, शहर को मिला यह खास दर्जा

चंडीगढ़ चंडीगढ़ ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में 8वां स्थान प्राप्त किया है, जो 2024 में 27वें स्थान से एक उल्लेखनीय छलांग है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का आयोजन किया जाता है। शहरों का मूल्यांकन वायु गुणवत्ता सुधार के निरंतर प्रयासों और प्रगति के आधार पर करता है। चंडीगढ़ की 19 स्थानों की यह प्रगति, इसके सतत शहरी विकास प्रयासों, सक्रिय वायु गुणवत्ता प्रबंधन रणनीतियों और नागरिक सहभागिता का प्रमाण है। नगर निगम चंडीगढ़, ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग, चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति के सामूहिक प्रयासों ने इस उपल्बिध में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिनमे निम्नलिखित कदम शामिल है।  इन कदमों से मिली सफलता शहरी जंगल और वृक्षारोपण अभियानों के माध्यम से हरित क्षेत्र का विस्तार। निर्माण स्थलों पर धूल-धक्कड़ कम करने के लिए ज़रूरी नियमों का सख़्ती से पालन। सार्वजनिक परिवहन में ई-वाहनों की शुरुआत और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग ढांचे का विस्तार। पुराने कचरे (legacy waste) का वैज्ञानिक निपटान। पुराने गैर-यांत्रिक परिवहन नेटवर्क का विकास। निर्माण और ध्वस्तीकरण से उत्पन्न मलबे का सही प्रबंधन। भीड़भाड़ और वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करना। सड़कों पर धूल को कम करने के लिए स्वचालित सफाई और पानी का छिड़काव। सामाजिक जागरूकता अभियान, जो व्यवहार में बदलाव और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं।

हर घर तक मदद पहुँची: ऑपरेशन राहत ने बदल दी पंजाब की तस्वीर

पंजाब  पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ ने लोगों के घर, खेत और रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया। लेकिन इस संकट की घड़ी में पंजाब सरकार ने “ऑपरेशन राहत” के तहत प्रभावित लोगों को नई उम्मीद दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में न केवल प्रशासन बल्कि कैबिनेट मंत्री भी खुद गांव-गांव जाकर पीड़ितों के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं। शिक्षा मंत्री सरदार हरजोत सिंह बैंस “ऑपरेशन राहत” के तहत बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में लगातार लगे हुए हैं। उन्होंने न सिर्फ सरकारी स्तर पर राहत कार्यों को तेज़ किया, बल्कि खुद भी आगे आकर लोगों का सहारा बने। अपने परिवार की ओर से 5 लाख रुपये देकर लगभग 50 घरों की मरम्मत करवाई। गांव-गांव जाकर फॉगिंग और दवाइयों की व्यवस्था करवाई, पशुओं के टीके लगवाए और अपने घर को भी 24 घंटे लोगों के लिए खोल दिया। इस वजह से पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत मिली। मंत्री बैंस हर रोज़ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़-प्रभावित गांवों की मदद की निगरानी कर रहे हैं। तय किया गया है कि गिरदावरी रिपोर्ट 3 दिनों में, पानी और बिजली 24 घंटों में, और टूटे रास्ते 48 घंटों में बहाल किए जाएँगे। अगले 3 दिन वे खुद रोज़ शाम अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे ताकि राहत कार्यों में कोई देरी न हो। हाल ही में उनकी इंसानियत का उदाहरण उस समय सामने आया जब कांग्रेस पार्टी ने आनंदपुर साहिब में हाईवे जाम कर दिया। जाम में एक एंबुलेंस फंस गई, जिसमें गंभीर मरीज पीजीआई चंडीगढ़ जा रहा था। यह देखकर बैंस साहिब ने तुरंत अपनी पायलट गाड़ी आगे भेजी और खुद रास्ता साफ करवाया, जिससे एंबुलेंस समय पर निकल गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने उनकी तारीफ की। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पर सवाल खड़े हुए कि बाढ़ जैसे संकट के समय सड़कें जाम करना न केवल प्रशासनिक काम में बाधा है, बल्कि सीधे-सीधे ज़रूरतमंद लोगों की जान से खिलवाड़ भी है। कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ETO बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में सक्रिय हैं। उनके परिवार ने भी राहत कार्यों में योगदान दिया अजनाला हलके के गांव निसोके में उनकी धर्म पत्नी सरदारी सुहिंदर कौर जी ने राहत सामग्री और पशुओं का चारा वितरित किया। मंत्री हरभजन सिंह ने खुद दरियाओं पर जाकर बांध बनाने और प्रभावित लोगों की मदद की। ग्रामीण विकास मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोढ़ ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत सामग्री, राशन और पीने योग्य पानी लोगों तक पहुंचाया। बाढ़ के पहले दिन से ही कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर प्रभावित लोगों के साथ खड़े हैं। घुल्लेवाला गांव में बांध टूटने का खतरा था, लेकिन मंत्री भुल्लर और स्थानीय लोगों ने मिलकर इसे बचाया और तुरंत राहत सामग्री वितरित की। कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल भी सीधे गांवों में जाकर राहत कार्यों का जायजा लेते रहे और सुनिश्चित किया कि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचे। पंजाब सरकार हर मुश्किल समय में लोगों के साथ खड़ी है। “राहत” के तहत पटियाला से 16 ट्रक राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजी गई। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने सुनिश्चित किया कि हर जरूरतमंद तक दवाई, पीने का पानी और जरूरी सामान पहुंचे। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा बाढ़ प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंचाने में सक्रिय हैं। उन्होंने डिर्बा कार्यालय में स्वयंसेवकों के साथ मिलकर राहत किट तैयार किए और ध्यान रखा कि कोई भी परिवार मदद से पीछे न रह जाए।  

किसान हित में पंजाब ने तोड़ा रिकॉर्ड, सबसे ज्यादा मुआवजा वितरण किया

पंजाब पंजाब में बाढ़ ने किसानों की मेहनत और ख्वाबों को डुबो दिया, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों को अकेला नहीं छोड़ा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि हर प्रभावित किसान को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। यह सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे बड़ा मुआवज़ा है। मान सरकार ने यह कदम सिर्फ कागज़ों पर नहीं बल्कि किसानों के दर्द को महसूस करते हुए उठाया है। जब हरियाणा में किसानों को अधिकतम ₹15,000 प्रति एकड़, गुजरात में करीब ₹8,900 प्रति एकड़, मध्य प्रदेश में करीब ₹12,950 प्रति एकड़, और उत्तर प्रदेश व राजस्थान में अधिकतर ₹5,000- ₹7,000 प्रति एकड़ तक राहत मिलती है, वहीं पंजाब के किसानों को सीधा ₹20,000 प्रति एकड़ देने का फैसला किसानों की ताक़त और मेहनत को सलाम करने जैसा है। बाढ़ के बीच सरकार का यह फैसला उम्मीद की नई किरण इतना ही नहीं, मान सरकार ने बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को ₹4 लाख की सहायता और खेतों में जमी रेत को बेचने की अनुमति भी दी है, ताकि किसानों को तुरंत नक़दी मिले और अगली बुवाई का रास्ता आसान हो सके। यह कदम साफ़ दिखाता है कि सरकार किसानों की मुश्किलें समझती है और उनके लिए हर मुमकिन राहत पहुँचाना चाहती है। आज जब पंजाब का किसान बाढ़ से तबाह खेतों और टूटे हुए घरों के बीच संघर्ष कर रहा है, तब सरकार का यह फैसला उनके लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है।   सरकार का ये फैसला किसानों को संघर्ष से सहारा और भविष्य के लिए विश्वास देता है मान सरकार ने राहत की राशि को सबसे ऊपर रखकर साबित कर दिया है कि किसान सिर्फ़ वोटर नहीं, बल्कि पंजाब की असली ताक़त हैं। यह फैसला किसानों को संघर्ष से सहारा और भविष्य के लिए विश्वास देता है। किसान की जीत ही पंजाब की जीत है, और मान सरकार हर हाल में किसानों के साथ खड़ी है।  

चौंकाने वाला फैसला: अकाली दल करेगा उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार

पंजाब   शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने सोमवार शाम को कहा कि वह पंजाब में आई बाढ़ के मद्देनजर आज होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करेगा. अकाली दल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, जब भी और जहां भी कोई संकट आया है, पंजाब और पंजाबी हमेशा देश के साथ खड़े रहे हैं. लेकिन आज पंजाबियों को बाढ़ के कारण खुद एक बहुत ही गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है. राज्य का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है और घर व फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाली पार्टी ने बाढ़ का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि यह आप सरकार की लापरवाही और अक्षमता के कारण हुई एक मानव निर्मित त्रासदी है. बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल बठिंडा से पार्टी की एकमात्र सांसद हैं. राज्य और केंद्र सरकार ने नहीं की मदद पोस्ट में कहा गया, न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार पंजाबियों की किसी भी तरह से मदद के लिए आगे आयी है. शिरोमणि अकाली दल पंजाब की जनता की भावनाओं और आवाज का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए, पार्टी ने उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. पंजाबी हमेशा देश के साथ खड़े अकाली दल ने कहा कि पंजाब और पंजाबी हमेशा राष्ट्र के साथ खड़े रहे हैं, जब भी और जहां भी कोई संकट आया है. लेकिन आज पंजाबियों को बाढ़ के कारण खुद एक बहुत ही गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है. राज्य का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है और घर और फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. यह पंजाब सरकार की लापरवाही और अक्षमता के कारण हुई एक मानव निर्मित त्रासदी है. किसी भी मदद के बिना लड़ रहे लोग इस आपदा में न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार पंजाबियों की किसी भी तरह से मदद के लिए आगे आई है. इस संकट से आम तौर पर पंजाबी और खासकर सिख राज्य या केंद्र सरकार की किसी भी मदद के बिना लड़ रहे हैं. राज्य के ग्रामीण युवा गुरु साहिबान की कृपा और प्रेरणा से प्रेरित होकर, धार्मिक समर्पण की भावना से बाढ़ के खिलाफ इस लड़ाई में सबसे आगे हैं. शिरोमणि अकाली दल उनकी भावना और प्रतिबद्धता के आगे नतमस्तक है. साथ ही अपने लोगों की मदद के लिए पूरी तरह से तत्पर भी है. उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला अकाली दल ने कहा कि, जब पंजाब इस त्रासदी से जूझ रहा है, देश आज उपराष्ट्रपति चुनाव में जा रहा है. लेकिन पंजाब के लोग राज्य सरकार और केंद्र सरकार से बेहद परेशान और नाराज़ हैं क्योंकि न तो पंजाब सरकार, न ही केंद्र सरकार और न ही कांग्रेस उनकी मदद के लिए आगे आई है. अकाली दल पंजाब के लोगों की भावनाओं और आवाज का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए, पार्टी ने उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है.