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दिशोम गुरु शिबू सोरेन की याद में रांची में तैयार होगा स्मारक स्थल

रांची झारखंड की राजधानी रांची में दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन का स्मृति स्थल बनेगा। इसके लिए भूमि चिन्हित करने का काम शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन की याद में राजधानी रांची के हरमू रोड स्थित बाईपास में स्मृति स्थल का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए नगर विकास विभाग ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड से जमीन की मांग की है। आवास बोर्ड के तरफ से जमीन चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। बाईपास रोड में डीपीएस स्कूल के पास स्थित भुसूर मौजा में गुरुजी का स्मृति स्थल बनाने पर विचार तेज है क्योंकि इस मुख्य मार्ग पर स्थित भुसूर मौजा में कई एकड़ जमीनें खाली पड़ी हैं। बताया जा रहा है कि स्मृति स्थल परिसर में चारों तरफ पार्क और बेहतर लाइटिंग की जाएगी। यहां दिशोम गुरु की एक प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।  

अब भी वक्त है संभल जाओ – राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को तेज प्रताप की कड़ी चेतावनी

पटना बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने मंगलवार को अपने छोटे भाई और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव को राज्य में होने वालेसे पहले पार्टी के भीतर ‘‘गद्दारों'' से सावधान रहने की सलाह दी। तेज प्रताप को हाल में उनके पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। तेज प्रताप ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में यह भी दावा किया कि ‘‘कुछ गद्दार मेरे राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।'' तेज प्रताप ने कहा, ‘‘मैं तेजस्वी से कहना चाहता हूं कि अब भी समय है। अपने आस-पास मौजूद ‘जयचंदों' से सावधान रहो, नहीं तो चुनाव में बहुत बुरे नतीजे देखने को मिलेंगे। अब आप कितने समझदार हैं, यह चुनाव परिणाम तय करेंगे।'' तेज प्रताप ने अपनी पोस्ट में एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान औरंगाबाद की नबीनगर विधानसभा सीट से राजद विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के चालक के साथ कथित तौर पर मारपीट होती दिख रही है। इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि पंजाब केसरी नहीं कर सकी है। इस कथित घटना का हवाला देते हुए तेज प्रताप ने कहा, ‘‘मुझे समझ में नहीं आता कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने यह यात्रा लोकतंत्र बचाने के लिए निकाली है या इसे तोड़ने के लिए। जिस तरह नबीनगर विधानसभा क्षेत्र में विधायक के चालक और एक मीडियाकर्मी को ‘जयचंदों' द्वारा पीटा गया और गाली-गलौज की गयी, वह अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है।'' "कुछ गद्दार मेरे राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश रच रहे" एक अन्य पोस्ट में तेज प्रताप ने लिखा, ‘‘कुछ गद्दार मेरे राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं। लेकिन ये गद्दार नहीं जानते कि मेरा नाम तेज प्रताप यादव है। मैं और ज्यादा ताकत के साथ आगे बढ़ता रहूंगा। चाहे कितनी भी बड़ी साजिश रच ली जाए, मुझे कभी हरा नहीं सकते।'' मंगलवार को, तेज प्रताप ने इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पांच छोटे दलों का गठबंधन बनाने की भी घोषणा की। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की, जिसमें पांच दलों- विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP), भोजपुरिया जन मोर्चा (बीजेएम), प्रगतिशील जनता पार्टी (पीजेपी), वाजिब अधिकार पार्टी (डब्ल्यूएपी) और संयुक्त किसान विकास पार्टी (एसकेवीपी) — के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी उपस्थित थे।  

पर्यटन को बढ़ावा देने की बड़ी पहल: बिहार में लग्जरी होटल और आलीशान रिसॉर्ट का निर्माण शुरू

पटना  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने वाला बड़ा फैसला लिया गया है। बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगी, जिनमें राजगीर और वैशाली में फाइव स्टार होटल और रिसॉर्ट बनाने की योजना को स्वीकृति दी गई। कहां बनेंगे होटल और रिसॉर्ट कैबिनेट की ओर से राजगीर (नालंदा) और वैशाली में होटल और रिसॉर्ट बनाने का प्रस्‍ताव पास किया है। राजगीर में 10 एकड़ भूमि पर दो पांच सितारा होटल और वैशाली में 10 एकड़ भूमि पर एक पांच सितारा रिसॉर्ट बनाने की योजना है। इन परियोजनाओं का निर्माण पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर होगा। इसके तहत जमीन निजी निवेशकों को निर्धारित अवधि के लिए लीज पर दी जाएगी। लीज अवधि समाप्त होने के बाद इनके संचालन और प्रबंधन पर सरकार निर्णय लेगी। पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं में बढ़ोतरी राजगीर और वैशाली बिहार के प्रमुख ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। यहां हर साल देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। अभी तक इन जिलों में अंतरराष्ट्रीय मानकों वाले होटल कम होने के कारण पर्यटकों को दिक्कतें होती थीं। नए होटल और रिसॉर्ट बनने से पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और उनकी संख्या में वृद्धि होगी। पर्यटन उद्योग और रोजगार को बढ़ावा     इन परियोजनाओं से बिहार के पर्यटन उद्योग को नई पहचान मिलेगी।     विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।     स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे।     होटल और रिसॉर्ट के आसपास आर्थिक व सामाजिक गतिविधियां तेज होंगी। बिहार का बढ़ता पर्यटन महत्व बताते चलें कि बिहार ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से समृद्ध प्रदेश है। बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म से जुड़े कई प्रमुख स्थल यहां हैं। लेकिन उच्च स्तरीय होटलों की कमी पर्यटकों के लिए चुनौती बनी हुई थी। लिहाजा सरकार अब इस कमी को दूर कर बिहार को पर्यटन के मानचित्र पर उभारना चाहती है। जिसका प्रयास सरकार के स्‍तर से भी कर दिया गया है।  

अकेले वन विभाग ने अब तक राज्यभर में लगाए हैं 96 लाख पौधे

वन महोत्सव में अबतक लगे 1 करोड़ 39 लाख पौधे      अकेले वन विभाग ने अब तक राज्यभर में लगाए हैं 96 लाख पौधे  जीविका ने 10 लाख और मनरेगा से 42 लाख से अधिक पौधे लगाए गए      पटना राज्य में वन महोत्सव के अवसर पर अबतक एक करोड़ से भी अधिक पौधे लगे गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में वन महोत्सव की शुरुआत विगत 13 जुलाई को पौधरोपण करके की थी। इसके तहत आगामी तीन महीने में व्यापक स्तर पर 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वन महोत्सव के दौरान सागवान, महोगनी, सेमल, जामुन, अर्जुन समेत विभिन्न प्रजातियों के पौधे राज्यभर में लगाए जा रहे हैं। इसका मुख्य उदेश्य वनों का संरक्षण, पौधरोपण और हरित आवरण को विस्तार देना है।        पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में पौधरोपण के लक्ष्य को पाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग, जीविका समूह, मनरेगा, सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों के स्तर से बड़े पैमाने पर पौधे लगे है। अकेले वन विभाग के स्तर से 96 लाख पौधे लगाए गए हैं। वहीं, जीविका समूह के द्वारा 10 लाख, मनरेगा के माध्यम से 42 लाख, सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों से 1 लाख, 43 हजार के अतिरिक्त बागवानी एवं कृषि विभाग के स्तर से 42 हजार पौधे लगाये जा चुके हैं।        मौजूदा अगस्त महीने में ही अबतक 1 करोड़, 39 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से कोई भी किसान या व्यक्ति इन पौधों को 10 रुपये प्रति पौधे की दर पर शुल्क देकर खरीद सकता है। इन पौधों का संरक्षण अगले तीन वर्ष तक करने के बाद वन विभाग द्वारा उन्हें प्रति पेड़ 60 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। मिशन “मेरी लाईफ” के तहत आम लोगो के बीच जन जागरूकता के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। जो लोग पौधरोपण कर रहे है, उन्हें पांच पौधे मुफ्त में दिए जा रहे हैं।      प्रत्येक स्कूल के छात्र को 2-2 पौधे के अलावा सरकारी स्कूल और कॉलेज को मुफ्त पौधे दिए जायेंगे। राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित पौधशालाओं में कई प्रजातियों के पौधे उपलब्ध हैं, जिन्हें वहां से प्राप्त किये जा सकते हैं। इससे जुड़ी जानकारी देने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग ने एक कॉल सेंटर बना रखा है, जिसका फोन नंबर 0612-2226911 है।

राज्य के 24 हजार से भी अधिक गांवों को पक्की सड़कों की मिली सौगात

ग्रामीण सड़कों के निर्माण में लक्ष्य का 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण राज्य के 24 हजार से भी अधिक गांवों को पक्की सड़कों की मिली सौगात 500 से कम आबादी वाले टोलों को संपर्कता देने के लिए राज्य में चलाई जा रही है मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना पटना बिहार सरकार ने ग्रामीण सड़कों के विकास को माध्यम बनाकर राज्य के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को एक नई दिशा देने का सफल प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (एमएमजीएसवाय) के अंतर्गत राज्य में अबतक 40 हजार 893 किमी से भी अधिक सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। जबकि ग्रामीण कार्य विभाग ने कुल 49 हजार, 541.7 किलोमीटर सड़क के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यानी लक्ष्य का 80 प्रतिशत से भी अधिक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया।         इन सड़कों के निर्माण से राज्य के 24 हजार से भी अधिक गांवों को पक्की सड़कों की सौगात मिली है। चूंकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 500 तक की आबादी वाले टोलों को ही शामिल लिया जा सकता है। इसलिए इससे छोटी आबादी वाले टोलों को संपर्कता देने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की शुरुआत वर्ष 2013 में की गई थी। अब हर टोले को पक्की बारहमासी सड़क से जोड़ने की दिशा में ग्रामीण कार्य विभाग जुटा हुआ है।        ग्रामीण कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत 49 हजार, 541.309 किमी लंबाई की कुल 33 हजार 618 किमी सड़कों के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें अबतक 80 प्रतिशत से भी अधिक परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। यह राज्य में ग्रामीण संपर्कता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। ग्रामीण सड़कों की निर्माण का जिलावार आंकड़ा सड़क निर्माण की संख्या और लंबाई के आधार पर मुजफ्फरपुर जिला इस योजना के क्रियान्वयन में राज्यभर में अव्वल है। मुजफ्फरपुर के लिए निर्धारित अबतक 2830.99 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य है। जिसके विरुद्ध 2581.278 किमी सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इसके बाद मधुबनी जिला में कुल 2455.21 किमी का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जबकि, अररिया में 2628.175 किमी के लक्ष्य के विरुद्ध 2305.858 किमी और पूर्वी चंपारण में 2770.415 किमी के लक्ष्य के विरुद्ध 2180.896 किमी सड़क का निर्माण पूरा किया जा चुका है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण से न केवल आवागमन सुगम हुआ है, बल्कि सड़क सुरक्षा में भी व्यापक सुधार दर्ज की गई है। इससे न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिला है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। साथ ही राज्य में कृषि व औद्योगिक गतिविधियों को रफ़्तार मिल रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी से ग्रामीण आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं तक आसान पहुंच मिली है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को मजबूती मिली है।

बिहार की सियासत में हलचल, प्रशांत किशोर के सहयोगी आनंद मिश्रा ने थामा भाजपा का हाथ

पटना पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मंत्री सुचित्रा सिन्हा और पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आज भाजपा में शामिल हो गए। वे प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। "पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे"- मिश्रा   पार्टी में शामिल होने के बाद आनंद मिश्रा ने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा को मजबूत करने के लिए आईपीएस से इस्तीफा दिया है। मिश्रा ने बक्सर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना से जुड़े एक सवाल को टाल दिया और कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि यह तय है कि बक्सर से भाजपा विजयी होगी, चाहे कोई भी चुनाव लड़े। "चुनावों के बाद NDA फिर से बनाएगा सरकार"- नागमणि वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे नागमणि ने कहा कि उनका ध्यान भाजपा को मज़बूत करने के उन क्षेत्रों पर होगा जहां राजद ने पिछले विधानसभा चुनावों में ज़्यादा सीटें जीती थीं। उन्होंने कहा, "विधानसभा चुनावों के बाद एनडीए फिर से सरकार बनाएगा।" बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनके शामिल होने से संगठन मज़बूत होगा। इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कई पार्टियों से जुड़े रहे हैं नागमणि नागमणि जदयू, राजद, भाजपा और लोजपा समेत कई पार्टियों से जुड़े रहे हैं। मिश्रा असम कैडर के आईपीएस अधिकारी थे और उन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव बक्सर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था। वह जन सुराज की युवा शाखा के अध्यक्ष भी थे, लेकिन इसके संस्थापक प्रशांत किशोर से मतभेद के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी। राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि मिश्रा को इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में बक्सर से भाजपा का टिकट मिल सकता है। नागमणि की पत्नी सुचित्रा सिन्हा नीतीश कैबिनेट में मंत्री थीं।  

खूंटी में मासूम के साथ हैवानियत, 15 वर्षीय किशोर पर कार्रवाई की मांग

खूंटी झारखंड के खूंटी जिले में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म किए जाने के आरोप में एक किशोर को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मिली जानकारी के अनुसार, जरियागढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में सोमवार को 15 वर्षीय लड़के ने बच्ची को मिठाई देने के बहाने फुसलाया, उसे सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया। जरियागढ़ थाने के प्रभारी अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने किशोर को पकड़ लिया, जिसने शराब पीने के बाद अपराध किया। किशोर ने स्कूली शिक्षा भी छोड़ दी है।

ड्यूटी के दौरान गिरी जान : छपरा स्टेशन पर इंस्पेक्टर राकेश कुमार का निधन

पटना बिहार में सारण जिले के पूर्वोत्तर रेलवे छपरा स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात इंस्पेक्टर ऑफ़ वर्क्स (आईओडब्लू) राकेश कुमार की मौत मंगलवार को निरीक्षण के दौरान प्लेटफार्म पर अचानक गिरने से हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गोरखपुर से आए प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर नीलमणि तथा सीनियर डीआई-2 अधिकारी छपरा जंक्शन का निरीक्षण कर रहे थे उसी दौरान राकेश कुमार भी निरीक्षण टीम के साथ मौजूद थे। परिजनों ने बताया कि कुमार पहले से हृदय रोग से पीड़ित थे। स्टेशन पर अधिकारियों के साथ तेज़ी से दौड़ने के क्रम में अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और वह गिर पड़े। शीघ्रता से रेलकर्मियों ने उन्हें रेलवे अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद बेहतर इलाज के उन्हें सदर अस्पताल भेज दिया। इस बीच सदर अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। मचा हड़कंप इधर, घटना की सूचना मिलने पर रेलवे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सदर अस्पताल पहुंचने पर कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच कई बार तीखी झड़पें भी हुईं। कर्मचारियों ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आए दिन छपरा जंक्शन पर उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के नाम पर कर्मचारियों को अनावश्यक दबाव और तनाव में रखा जाता है। शाखा मंत्री संजय तिवारी ने बताया कि अधिकारियों की तानाशाही और लापरवाही के कारण ही यह दर्दनाक हादसा हुआ है।  

6 लाख से ज्यादा बाढ़ प्रभावितों को राहत, डायरेक्ट अकाउंट ट्रांसफर से मिली मदद

पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' से वर्ष 2025 में बाढ़ से प्रभावित परिवारों को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाता में 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief GR) की राशि के भुगतान का माउस क्लिक कर शुभारम्भ किया। आज 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया। शिविरों में मानव एवं पशु चिकित्सा के लिए भी सभी इंतजाम किए गए कार्यक्रम के दौरान विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि अगस्त माह में गंगा नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण गंगा के किनारे स्थित 11 जिलों यथा भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इससे पहले पड़ोसी राज्य में भारी वर्षा के कारण नालंदा जिला के 4 प्रखंडों के 8 पंचायतों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। इस प्रकार कुल 12 जिलों के 66 प्रखंडों में लगभग 38 लाख आबादी बाढ़ प्रभावित हुई है। बाढ़ के दौरान अब तक 2.19 लाख पॉलीथीन शीट्स तथा 57 हजार 639 ड्राई राशन पैकेट वितरित की गई। 14 बाढ़ राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें लगभग 15 हजार लोग रह रहे हैं। सामुदायिक रसोई केंद्र में अब तक लगभग 85 लाख लोग भोजन कर चुके हैं। शिविरों में मानव एवं पशु चिकित्सा के लिए भी सभी इंतजाम किए गए हैं।  6 लाख से ज्यादा लोगों के अकाउंट में भेजे 456 करोड़ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 13 अगस्त को बाढ़ प्रभावित जिलों के साथ समीक्षा बैठक की थी और 14 अगस्त को पटना, वैशाली, बेगूसराय एवं मुंगेर जिलों के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति को देखा था। हमने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने का निर्देश दिया था। साथ ही 20 अगस्त 2025 तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief- GR) की राशि का भुगतान शुरू करने का भी निर्देश दिया था। मुझे खुशी है कि आज 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि आप सभी लोगों ने बाढ़ से निपटने में बहुत अच्छा काम किया है लेकिन हम आप सभी से कहना चाहेंगे कि बाढ़ का समय अभी समाप्त नहीं हुआ है। सितम्बर महीने में भी भारी वर्षा और नदियों के जलस्तर में वृद्धि होती है। कभी-कभी बाढ़ भी आ जाती है इसलिए आप लोग पूरे तौर पर सतर्क रहिये और स्थिति पर नज़र रखिये। बाढ़ जैसी स्थिति आने पर पीड़ित लोगों की पूरी संवेदनशीता के साथ मदद कीजिये। मेरा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है। कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. चंद्रशेखर सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलों के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे।

JOB ALART :12,543 पद पर जल्‍द आने है बहाली! बिहार एसएससी की परीक्षाओं से सरकारी नौकरी का मौका

JOB ALART : बिहार एसएससी से बड़ी खुशखबरी! इस साल 12,543 पदों पर होगी बहाली, युवाओं को मिलेगा रोजगार  JOB ALART :12,543 पद पर जल्‍द आने है बहाली! बिहार एसएससी की परीक्षाओं से सरकारी नौकरी का मौका  JOB Vacancy :1 करोड़ रोजगार के मिशन की ओर सरकार ने बढ़ाया कदम, एसएससी से इस साल होगी 12,543 पदों पर बहाली  JOB Vacancy : अब इंतजार खत्म! बिहार एसएससी की तेज रफ्तार भर्ती प्रक्रिया, 12,543 पदों पर बहाली शुरू पटना  बिहार सरकार बहाली का जल्‍द मौका आने वाला है। युवाओं के लिए अब सरकारी नौकरी का दरवाज़ा पहले से कहीं ज्यादा तेज़ी से खुल रहा है। राज्य सरकार ने 50 लाख युवाओं को रोजगार और नौकरी देने का लक्ष्य पूरा करने के बाद अब 1 करोड़ का नया लक्ष्य तय किया है। इस अभियान में सबसे अहम भूमिका निभा रहा है बिहार कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी)। इस साल आयोग की ओर से 12,543 पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अगस्त में क्षेत्र सहायक के 201 पदों के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी है। इसके साथ ही द्वितीय इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के तहत 12,199 पदों पर और प्रयोगशाला सहायक के 143 पदों पर नियुक्ति की तैयारी है। कई जिलों का रिजल्ट जारी, बाकी जल्द कार्यालय परिचारी (विशिष्ट) पदों के लिए गया और सीवान को छोड़कर 25 जिलों का रिजल्ट प्रकाशित कर दिया गया है। इन दोनों जिलों का परिणाम भी जल्द आने वाला है। वहीं, कार्यालय परिचारी के 238 पदों के लिए इस साल 11 मई को और कल्याण व्यवस्थापक या निम्नवर्गीय लिपिक के 56 पदों के लिए 29 जून को परीक्षा आयोजित की गई थी। आने वाले महीनों में बड़ी भर्ती इसके अलावा चतुर्थ स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की 1481 पदों की बहाली जल्‍द आने वाली है। कार्यालय परिचारी या परिचारी (विशिष्ट) संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर 3727 पदों के लिए भी बहाली प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इन परीक्षाओं की तैयारी आयोग की ओर से लगभग पूरी कर ली गई है। पहले की तुलना में बड़ा बदलाव कुछ साल पहले तक एसएससी सिर्फ 1-2 परीक्षाएं ही आयोजित करता था। उनका भी रिजल्ट आने में महीनों और कभी कभी तो सालों लग जाते थे। लेकिन अब बिहार में बहाली के हालात बदल चुके हैं। एसएससी हर साल 3 से 5 प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित कर रहा है और तय समय पर रिजल्ट भी दे रहा है। बहाली का इंतजार करने वालों का इंतजार खत्‍म ऐसे में राज्‍य सरकार में बहाली का इंतजार करने वालों का सपना जल्‍द साकार होने वाला है। राज्य एसएससी के अध्यक्ष आलोक राज का कहना है कि अब निर्धारित समय में परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं और रिजल्ट भी समय पर घोषित किए जा रहे हैं। इससे विभागों में खाली पड़े पदों को जल्दी भरा जा रहा है। सरकार के 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने के संकल्प को पूरा करने में आयोग अहम भूमिका निभा रहा है।