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वोट चोरी के विरोध में बिहार में जनता ने दिखाई एकजुटता, कन्हैया कुमार का बयान

नवादा  कांग्रेस के नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि 'वोट चोरी' के खिलाफ निकाली गई 'वोटर अधिकार यात्रा' को बिहार में जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है। यह जनसमर्थन मिलने की वजह यह है कि यहां के मतदाता सजग हैं और यहां के लोगों के दिल में लोकतंत्र बसता है। राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' में शामिल कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार के लोग जानते हैं कि पहले देश में विधायकों को रिसॉर्ट में पहुंचाकर 'सरकार चोरी' की जाती थी और अब ये मताधिकार की चोरी कर संविधान और लोकतंत्र की चोरी करना चाहते हैं। इस चोरी के खिलाफ जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग समझते हैं कि चोरी की हुई सरकार जनता के लिए ईमानदारी से काम नहीं करेगी। जो सरकार चोरी से बनी है, उससे ईमानदारी की उम्मीद नहीं की जा सकती है। बिहार के लोग समझते हैं कि जब हम वोटर ही नहीं रहेंगे तो हमारे पास कोई अधिकार नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि वोट का राज मतलब गरीबों का राज। आम लोगों के राज को बचाने के लिए बिहार के आम लोग सड़कों पर हैं। भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस यात्रा में साफ दिख रहा है कि बिहार के लोगों ने सरकार बदलने और जदयू-भाजपा की सरकार को हटाकर इंडिया गठबंधन को सत्ता में लाने की तैयारी कर ली है। बिहार की जनता वोट चोरों को कड़ा सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि जदयू-भाजपा सरकार के खिलाफ जो जनाक्रोश उमड़ रहा है, वह चुनाव आयोग के जरिए एसआईआर की साजिश को नाकाम कर देगा। वोट चोरों को गद्दी से जाना होगा। बिहार बदलेगा और आगे चलकर देश भी बदलेगा। राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' 17 अगस्त को बिहार के सासाराम से शुरू हुई है। इस यात्रा में इंडिया गठबंधन में शामिल राजद के नेता तेजस्वी यादव सहित घटक दलों के सभी नेता शामिल हैं। 16 दिन की यह यात्रा लगभग 20 जिलों से होकर गुजरेगी और 1,300 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 1 सितंबर को पटना में बड़ी रैली के साथ यात्रा का समापन होगा।

बिहार वोटर अधिकार यात्रा में तेजस्वी यादव ने कहा, राहुल गांधी को बनाएंगे पीएम

नवादा  राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की बिहार में चल रही वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगली बार जब भी लोकसभा चुनाव होगा, हम राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाएंगे। वोटर अधिकार यात्रा मंगलवार को तीसरे दिन नवादा पहुंची। यहां राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने वोटर लिस्ट रिवीजन (एसआईआर) के मुद्दे पर चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी को जमकर कोसा। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग चुनाव आयोग के साथ मिलकर गरीबों के वोट का अधिकार छीन रहे हैं। एसआईआर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कई लोगों को नाम काट दिया गया है। जो जीवित हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में वोट दिया था, उन्हें अभी मृत घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "ये चुनाव आयोग और भाजपा के लोग समझते हैं कि बिहार के लोगों को चूना लगा देंगे, लेकिन हम बिहारी हैं। एक बिहारी सब पर भारी। इस बार जनता पाई-पाई का हिसाब लेगी।" तेजस्वी ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सीएम से अब बिहार नहीं सभल रहा है। 20 साल से चल रही सरकार को उखाड़कर फेंकना है। नीतीश सरकार हमारी योजनाओं को चुराने का काम कर रही है। पूर्व डिप्टी सीएम ने दावा किया कि चाहे कोई धर्म का हो, तेजस्वी सबको साथ लेकर चलेगा। अब बिहार को तेज रफ्तार के साथ तेजी के साथ आगे बढ़ाना है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहारियों के साथ खिलवाड़ किया है। राहुल गांधी बोले- भाजपा और चुनाव आयोग की पार्टनरशिप नवादा में सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग ने साझेदारी कर ली है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में नए तरीके से वोटों की चोरी हो रही है, लेकिन वह इसे रोक कर रहेंगे।

नीतीश कैबिनेट ने दी 900 करोड़ की दो सड़क परियोजना को मंजूरी, इन क्षेत्रों का होगा विकास

राजगीर के खेल और पर्यटन को बूस्‍टर डोज, 900 करोड़ के दो प्रोजेक्‍ट पास  4-लेन की दो नई सड़कों के लिए नीतीश कैबिनेट ने किया 900 करोड़ पास!   राजगीर क्रिकेट स्टेडियम तक 4 लेन की सीधी सड़क, सरकार ने दी 364 करोड़ की मंजूरी नीतीश कैबिनेट ने दी 900 करोड़ की दो सड़क परियोजना को मंजूरी, इन क्षेत्रों का होगा विकास पटना बिहार सरकार का पूरा फोकस राज्य में सड़क और यातायात को बेहतर बनाने का है। जगह- जगह पुल और हाईवे बनाए जा रहे हैं। ताकि सड़कों पर बिहार के आर्थिक विकास का पहिया तेज रफ्तार से दौड़ सके। इस कड़ी में पथ निर्माण विभाग के दो बड़े प्रोजेक्‍ट को  मंजूरी दे दी गई है। मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा 4-लेन सड़क और राजगीर खेल परिसर से NH-120 तक 4-लेन की सड़क को मंजूरी मिल गई है। इन योजनाओं पर करीब 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा 4-लेन सड़क राज्‍य सरकार की ओर से सालेपुर-नरसंडा से तेलमर-करौटा जाने वाली 4-लेन की इस सड़क लंबाई 19.43 किलोमीटर होगी। जिस पर कुल 539.19 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस बीस किलोमीटर की चार लेन वाली सड़क पर 2 फ्लाईओवर, 2 बड़े पुल, 13 छोटे पुल, 19 आरसीसी बॉक्स कल्वर्ट और 34 पाइप कल्वर्ट बनाए जाएंगे। जिसका आम लोगों को बहुत फायदा मिलने वाला है। इस रूट से गुजरने वालों को न तो जाम का समाना करना होगा और न ही अवागमन में दिक्‍कत होगी। लोग फर्राटा भरते हुए 20 किलोमीटर की यह दूरी तय कर पाएंगे। NH-120 से सीधे कने‍क्‍ट होगा राजगीर खेल परिसर वहीं, दूसरी परियोजना राजगीर खेल परिसर से NH-120 तक की चार लेन सड़क बनाने की है। इस चार लेन वाली सड़क की कुल लंबाई 7.40 किलोमीटर होगी। जिसकी लागत 363.99 करोड़ रुपये होगी। चार लेन का यह मार्ग राजगीर खेल परिसर से होते हुए कुबरी, जैतीपुर, फतेहपुर और इंडो हुके होटल से NH-120 विरायतन तक जाएगा। इस कनेटिंग रोड़ पर रेल ओवर ब्रिज भी तैयार किया जाएगा। इस परियोजना का सीधा फायदा राजगीर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम आने-जाने में खिलाड़ियों और दर्शकों को होगा। साथ ही आस-पास के गांवों का विकास भी तेज होगा। लोगों को होगा सीधा फायदा बताते चलें कि बिहार सरकार और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के फोकस में अब खेल भी शामिल हो गया है। ऐसे में इन दोनों परियोजनाओं की वजह से जहां स्थानीय लोगों और यात्रियों को फायदा होगा वहीं, राजगीर में होने वाले इंटरनेशनल क्रिकेट को ध्‍यान में भी रखा गया है। 7 किलोमीटर की इस 4 लेन की सड़क सीधे NH 120 से सीधे राजगीर खेल परिसर के क्रिकेट ग्राउंड तक जाती है। इस सड़क के पूरा होने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि खेलों को भी बूस्टर डोज मिलेगा।

तीन दिनों में 23 लाख जमाबंदी पंजी की प्रतियां जनता तक पहुँची, राजस्व महा-अभियान जारी

राजस्व महा–अभियान : तीन दिनों में 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियों का हुआ वितरण तीन दिनों में 23 लाख जमाबंदी पंजी की प्रतियां जनता तक पहुँची, राजस्व महा-अभियान जारी राजस्व महा-अभियान का बड़ा आंकड़ा: 3 दिन में 23 लाख से अधिक दस्तावेजों का वितरण जमाबंदी पंजी के वितरण में शेखपुरा पहले स्थान पर  दूसरे नंबर पर जहानाबाद, तीसरे नंबर पर कैमूर, चौथे नंबर पर  नवादा एवं पांचवें नंबर पर है पूर्णिया पटना   राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महा–अभियान में महज 16 अगस्त से 18 अगस्त तक तीन दिनों में ही बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। राज्यभर में तीन दिनों में अबतक 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियां रैयतों के बीच वितरित की जा चुकी हैं। सर्वाधिक जमाबंदी के वितरण में शेखपुरा पहले स्थान पर है। वहां कुल जमाबंदी के 24.02 फीसदी जमाबंदी प्रतियों का वितरण किया गया है। दूसरे नंबर पर जहानाबाद, तीसरे नंबर पर कैमूर, चौथे नंबर पर  नवादा एवं पांचवें नंबर पर पूर्णिया है। जहानाबाद में 14.48 फीसदी, कैमूर में 13.78 फीसदी, नवादा में 13.72 फीसदी एवं पूर्णिया में 11.35 फीसदी जमाबंदी की प्रतियों का वितरण तीन दिनों में कर दिया गया है। छठे स्थान पर अररिया है। यहां 11.16 फीसदी वितरण हुआ है। सातवें स्थान पर खगड़िया है। यहां 11.15 फीसदी वितरण हुआ है। आठवें स्थान पर वैशाली है और यहां 10.41 फीसदी जमाबंदी की प्रति का वितरण हो गया है। नौवें स्थान पर गोपालगंज एवं दसवें स्थान पर किशनगंज है। यहां क्रमशः 10.28 फीसदी एवं 9.29 फीसदी जमाबंदी की प्रतियों का वितरण रैयतों के बीच कर दिया गया है। बताते चलें कि राज्य के सभी 38 जिलों में कुल जमाबंदी की संख्या 3 करोड़, 59 लाख, 88 हजार 935 है। तीन दिन में सभी जिलों में कुल 23 लाख 08 हजार 574 जमाबंदी प्रति का वितरण रैयतों के बीच कर दिया गया है। ये कुल जमाबंदी का 6.41 फीसदी है। इस अभियान के तहत गांव–गांव जाकर राजस्व विभाग की टीमें लोगों को उनकी जमीन से जुड़ी जमाबंदी की प्रति उपलब्ध करा रही है। टीम द्वारा जमाबंदी की प्रति के साथ–साथ आवश्यक आवेदन प्रपत्र भी मौके पर  उपलब्ध कराई जा रही है। इस राजस्व महा–अभियान के दौरान जमीन के अभिलेखों की अशुद्धियों का त्वरित सुधार, बंटवारा नामांतरण, उत्तराधिकार   नामांतरण और छूटी हुई   जमाबंदियों को ऑनलाइन करने का काम हो रहा है। इस महा–अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों को अपने कागजात में सुधार के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत दिलाना है।

बिहार में लग्जरी पर्यटन की शुरुआत: राजगीर में 2 फाइव स्टार होटल, वैशाली में रिसॉर्ट

पर्यटन उद्योग को नया आयाम : राजगीर में बनेंगे 2 फाइव स्टार होटल, वैशाली में तैयार होगा रिसॉर्ट बिहार में लग्जरी पर्यटन की शुरुआत: राजगीर में 2 फाइव स्टार होटल, वैशाली में रिसॉर्ट बिहार में शुरू होगा लग्जरी पर्यटन का नया दौर! राजगीर-वैशाली में बनेंगे फाइव स्टार होटल पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने वाला बड़ा फैसला लिया गया है। बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगी, जिनमें राजगीर और वैशाली में फाइव स्टार होटल और रिसॉर्ट बनाने की योजना को स्वीकृति दी गई।  कहां बनेंगे होटल और रिसॉर्ट कैबिनेट की ओर से राजगीर (नालंदा) और वैशाली में होटल और रिसॉर्ट बनाने का प्रस्‍ताव पास किया है। राजगीर में 10 एकड़ भूमि पर दो पांच सितारा होटल और वैशाली में 10 एकड़ भूमि पर एक पांच सितारा रिसॉर्ट बनाने की योजना है। इन परियोजनाओं का निर्माण पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर होगा। इसके तहत जमीन निजी निवेशकों को निर्धारित अवधि के लिए लीज पर दी जाएगी। लीज अवधि समाप्त होने के बाद इनके संचालन और प्रबंधन पर सरकार निर्णय लेगी। पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं में बढ़ोतरी राजगीर और वैशाली बिहार के प्रमुख ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। यहां हर साल देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। अभी तक इन जिलों में अंतरराष्ट्रीय मानकों वाले होटल कम होने के कारण पर्यटकों को दिक्कतें होती थीं। नए होटल और रिसॉर्ट बनने से पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और उनकी संख्या में वृद्धि होगी। पर्यटन उद्योग और रोजगार को बढ़ावा # इन परियोजनाओं से बिहार के पर्यटन उद्योग को नई पहचान मिलेगी। # विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। # स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे। # होटल और रिसॉर्ट के आसपास आर्थिक व सामाजिक गतिविधियां तेज होंगी। बिहार का बढ़ता पर्यटन महत्व बताते चलें कि बिहार ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से समृद्ध प्रदेश है। बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म से जुड़े कई प्रमुख स्थल यहां हैं। लेकिन उच्च स्तरीय होटलों की कमी पर्यटकों के लिए चुनौती बनी हुई थी। लिहाजा सरकार अब इस कमी को दूर कर बिहार को पर्यटन के मानचित्र पर उभारना चाहती है। जिसका प्रयास सरकार के स्‍तर से भी कर दिया गया है।

38 लाख महिला किसान बदल रहीं बिहार की तस्वीर, खेत से बाजार तक संभाली कमान

अब खेत से बाजार तक महिलाओं का कमाल! सीएम नीतीश ने बदली बिहार की तस्वीर  38 लाख महिला किसान बदल रहीं बिहार की तस्वीर, खेत से बाजार तक संभाली कमान  बिहार की महिलाएं बनीं खेती में ताकत की मिसाल! नीतीश सरकार ने दी आधुनिक तकनीक की उड़ान  अब घर से लेकर खेत तक, महिलाओं के हाथ में कमान! हाथों में ड्रोन और अपने नाम पर कारोबार   61 महिला कंपनियों ने खेती को बनाया व्यापार, किसानों को मिल रहा सही दाम पटना बिहार की मिट्टी अब महिलाओं के हाथों से नई कहानी लिख रही है। कभी अपने घर की चौखट तक सीमित रहने वाली महिलाएं आज खेत, खलिहान और कारोबार का नेतृत्व संभाल रहीं हैं। इसका श्रेय जाता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच और उनकी सरकार की उन योजनाओं को, जिन्होंने महिलाओं को खेती-बाड़ी से लेकर कारोबार तक के लिए सशक्त और जिम्‍मेदार बनाया है। 38 लाख महिलाएं बनीं आधुनिक किसान राज्यभर में अब तक 38 लाख से अधिक महिला किसान आधुनिक खेती के तौर-तरीके सीख चुकी हैं। यह बदलाव जीविका योजना और कृषि विभाग की साझेदारी का नतीजा है। अब बिहार के गांव-गांव में खुले 519 कस्टम हायरिंग सेंटर हैं। जहां से महिलाएं ट्रैक्टर, सीड ड्रिल, थ्रेशर और पावर टिलर जैसी मशीनें किराए पर ले रही हैं। इससे न सिर्फ खेती की लागत घटी है, बल्कि मानव श्रम में कमी आई है और उत्पादन भी दोगुने रफ्तार से बढ़ा है। पशुपालन और नीरा उत्पादन में भी महिलाएं आगे खेती ही नहीं, महिलाएं अब बकरी पालन, दुग्ध उत्पादन और छोटे डेयरी कारोबार से भी कमाई कर रही हैं। आज 10 लाख से ज्यादा परिवार इनसे जुड़े हैं। बीते साल महिला स्वयं सहायता समूहों ने 1.9 करोड़ लीटर नीरा का उत्पादन और बिक्री की। इससे न सिर्फ गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई बल्कि महिलाओं के लिए स्थायी आमदनी का नया जरिया भी बना। अररिया में तो सीमांचल बकरी उत्पादक कंपनी के तहत करीब 20 हजार परिवार जुड़ भी चुके हैं। बाजार तक महिलाओं की पकड़ खेती में व्यापारिक सोच लाने के लिए अब 61 किसान उत्पादक कंपनियां (FPCs) पूरी तरह महिलाओं के हाथों में हैं। ये कंपनियां खेत से उपज खरीदती हैं, उसका प्रोसेसिंग और पैकेजिंग करती हैं और फिर बाजार ले जाकर बेचती भी हैं। इसका सीधा फायदा महिला किसानों को मिल रहा है। उनकी मेहनत को सही दाम मिल रहा है और घर में भी सम्‍मान मिल रहा है।  शहद से लेकर ड्रोन तक आज बिहार में कुल 11,855 महिलाएं मधुमक्खी पालन कर रही हैं। इनकी मेहनत ने अब तक 3,550 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन किया है।  इसके अलावा, सरकार की ‘ड्रोन दीदी योजना’ ने महिलाओं के हाथों में टेक्नोलॉजी थमा दी है। इस योजना में महिलाओं को ड्रोन खरीदने पर 80 फीसद यानी 8 लाख रुपये अनुदान मिल रहा है और बाकी राशि जीविका समूह उपलब्ध करा रहे हैं। आने वाले दो साल में देशभर के 14,500 महिला समूहों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। खेत-खलिहान की नई इबारत जैविक खेती, बीज संरक्षण, सब्जी-फल प्रसंस्करण और कृषि उत्पादों में विविधता, इन सबमें महिलाएं अब बराबर की भागीदार हैं। गांव की चौखट से निकलकर खेतों में ड्रोन उड़ाती महिलाएं इस बदलाव का सबसे बड़ा सबूत हैं। बिहार की बदलती तस्वीर साफ कह रही है।

अनुकंपा के आधार पर नौकरी: नीतीश कुमार ने 5353 अभ्यर्थियों को सौंपे नियुक्ति पत्र

पटना  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में अनुकंपा के आधार पर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 4835 विद्यालय लिपिक एवं 518 विद्यालय परिचारी के पदों पर चयनित कुल 5353 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से मणि कुमारी,अमित गौरव, दिव्या राज, किरण कुमारी गुप्ता एवं तूबा अशरफ को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नवनियुक्त कर्मियों को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं है। मुझे विश्वास है कि सभी नवनियुक्त कर्मी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2006 से शिक्षा विभाग के अन्तर्गत मृत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियोजन ईकाई के माध्यम से शिक्षक के पद पर नियोजन हेतु प्रावधान किया गया। मृत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के आश्रितों की योग्यता शिक्षक के पद हेतु नहीं रहने के कारण वर्ष 2020 में नियोजन ईकाई के माध्यम से विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी के नियत वेतन पर अनुकम्पा के आधार पर नियोजन इकाई के माध्यम से वर्ष 2024 तक नियोजन किया गया। वर्तमान में राज्य सरकार ने शिक्षकों की तरह अनुकम्पा पर नियुक्ति हेतु विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी का पद जो राज्य कर्मी के श्रेणी में आते हैं, नियुक्ति हेतु प्रावधान किया गया है। अनुकम्पा पर नियुक्त होने वाले विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी का वेतन एवं सेवाशर्त बेहतर हुआ है। आज पूरे राज्य में 4835 विद्यालय लिपिक एवं 518 विद्यालय परिचारी अर्थात् कुल 5353 आश्रितों की नियुक्ति की गई है। पटना जिले में 212 विद्यालय लिपिक एवं 28 विद्यालय परिचारी की नियुक्ति की गई है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ ने मुख्यमंत्री को पुस्तक भेंटकर स्वागत किया।

ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने को MGNREGA-जीविका दीदी हाट बैठक आयोजित

MGNREGA एवं जीविका दीदी हाट कन्वर्जेन्स विषय पर बैठक आयोजित  ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने को MGNREGA-जीविका दीदी हाट बैठक आयोजित MGNREGA व जीविका दीदी हाट कन्वर्जेन्स पर बैठक, ग्रामीण आजीविका बढ़ाने पर जोर पटना बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में  “MGNREGA एवं जीविका दीदी हाट कन्वर्जेन्स” विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता MGNREGA कमिश्नर सह अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका, आई.ए.एस. श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा ने की। बैठक में INFUSION (Microsave Consulting, ISB) के प्रतिनिधियों, जीविका  तथा MGNREGA विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण, आजीविका संवर्धन एवं पोषण-सुरक्षित बाजार तंत्र के विकास हेतु ‘जीविका दिदी हाट’ मॉडल को बढ़ावा देना था। इसमें यह विचार किया गया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के अंतर्गत विभिन्न जिलों में निर्मित ग्रामीण हाटों को किस प्रकार ‘जीविका दीदी हाट’ के अनुरूप विकसित किया जा सकता है। साथ ही इन हाटों को SHG (स्वयं सहायता समूह) आधारित महिला उद्यमिता केंद्र के रूप में पुनःस्थापित करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई। बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका), ग्रामीण विकास विभाग की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। जीविका के अंतर्गत अब तक लाखों महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा जा चुका है। ये महिलाएं विभिन्न उद्यमों जैसे कि कृषि, पशुपालन, बुनाई-कढ़ाई, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, और सेवा क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। ‘जीविका दीदी हाट’ इसी श्रृंखला में एक अभिनव पहल है, जिसमें SHG की महिलाओं द्वारा संचालित ग्रामीण बाजारों को एक मंच प्रदान किया जाता है। इस पहल का उद्देश्य न केवल महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण समुदाय को पौष्टिक, सुरक्षित और स्थानीय रूप से उत्पादित खाद्य सामग्री सुलभ कराना भी है। यह मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने तथा पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैठक के दौरान यह तय किया गया कि राज्य के विभिन्न जिलों में MGNREGA के तहत निर्मित हाट स्थलों की पहचान कर उन्हें आवश्यक ढांचागत सुविधाओं जैसे शेड, जल एवं स्वच्छता व्यवस्था, स्टॉल्स, बैठने की व्यवस्था आदि से सुसज्जित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जीविका की महिलाएं इन हाटों का संचालन करेंगी, जिनके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण, कौशल विकास, उद्यम प्रबंधन और ब्रांडिंग से संबंधित सहयोग भी प्रदान किया जाएगा। INFUSION की विशेषज्ञ टीम तकनीकी मार्गदर्शन के रूप में सहयोग करेगी। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि 'दीदी हाट कन्वर्जेन्स’ के तहत न केवल हाटों का स्वरूप बदलेगा बल्कि यह एक सतत जीविकोपार्जन मॉडल के रूप में भी कार्य करेगा। यह पहल महिलाओं को अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुँचाने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। साथ ही, यह ग्रामीण उपभोक्ताओं को ताजे, जैविक और स्थानीय उत्पाद खरीदने का एक सुरक्षित और सुलभ प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि, “इस पहल के माध्यम से हम दो प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों – MGNREGA और जीविका – के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित कर रहे हैं। इससे न केवल हाटों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में भी यह एक मील का पत्थर साबित होगा।” बैठक में संभावित स्थलों की प्राथमिक सूची तैयार करने, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जिलों में कार्य आरंभ करने, और एक व्यापक कार्ययोजना निर्माण के लिए एक समन्वय समिति के गठन का निर्णय लिया गया। यह समिति संबंधित विभागों के साथ मिलकर समयबद्ध ढंग से पहल को धरातल पर उतारने के लिए जिम्मेदार होगी। यह पहल ‘सशक्त महिला, समृद्ध गांव’ की भावना को साकार करती है और बिहार को आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रसर करने के लिए एक सशक्त माध्यम बनेगी। ग्रामीण विकास के इस नवाचार में महिला सहभागिता, स्थानीय संसाधनों का उपयोग और सामुदायिक स्वामित्व जैसे मूल्यों का समावेश है, जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति की दिशा में भी सहायक सिद्ध होंगे।

ED की रेड से हड़कंप, झारखंड में कबाड़ी के घर हुई लंबी जांच

साहिबगंज झारखंड के साहिबगंज शहर के बंगाली टोला स्थित संतोष कुमार गुप्ता उर्फ बबलू के यहां मंगलवार की सुबह ईडी का छापा पड़ा। ईडी की चार सदस्यीय टीम करीब आठ घंटे तक उसके घर में रूककर जांच की। ईडी की जांच के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर सीआरपीएफ के कई जवान घर के बाहर मुस्तैद थे। जानकारी के मुताबिक संतोष कुमार गुप्ता उर्फ बबल दो भाई है। दोनों भाई यहां एक ही मकान में रहते हैं। मुहल्ले के लोगों ने बताया कि संतोष कबाड़ के सामान खरीदने व बेचने का काम करता है। उसके घर के बाहर कबाड़ में खरीदे गए सामानों के बोरियों रखीं हैं। उधर, सफदे इनोवा गाड़ी से सुबह करीब 7.10 बजे ईडी के अधिकारी छापेमारी के लिए इनके घर पहुंचे। ईडी के छापे की खबर थोड़ी ही देर में शहर में तेजी से फैल गई। धीरे-धीरे लोगों की भीड़ उनके घर के बाहर जमा होने लगी। ईडी के अधिकारी यहां पहुंचने के बाद सीधे मकान के अंदर जाकर जांच शुरू कर दी। जांच के क्रम में घर के एक लड़के को लेकर ईडी के अधिकारी गाड़ी से कहीं गए और फिर थोड़ी देर में लौट आए। सुबह करीब 9.50 और 10.20 बजे ईडी के दो अलग-अलग अधिकारी किसी काम से मकान से बाहर निकले। एक अधिकारी बाहर खड़ी इनोवा कार के ड्राइवर से बातचीत कर तुरंत वापस अंदर चले गए। दूसरे अधिकारी ने ड्राइवर से गाड़ी में रखे अपना लैपटॉप मंगवाए। सूत्रों से पता चल रहा है कि झारखंड में हुए 750 करोड़ के जीएसटी घोटाले की जांच के क्रम में ईडी की टीम यहां पहुंची है। हालांकि आधिकारिक तौर पर ईडी के कोई भी अधिकारी मीडिया को छापेमारी की वजह के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है।  

तीसरे दिन गया में तनाव, मंदिर में राहुल गांधी का इंतजार बेकार

गया  बिहार के गया में 'वोटर अधिकार यात्रा' के तीसरे दिन हंगामा हो गया. बताया जाता है कि यहां वजीरगंज के पुनावा हनुमान मंदिर पर लोग राहुल गांधी इंतजार करते रह गए, लेकिन वह नहीं पहुंचे. राहुल गांधी को पूजा अर्चना के बाद इसी मंदिर से यात्रा की शुरुआत करनी थी. लेकिन राहुल और तेजस्वी का काफिला सीधे आगे निकल गया. मंदिर में पूजा अर्चना नहीं करने से नाराज हुए स्थानीय लोग राहुल गांधी के मंदिर में पूजा नहीं करने से स्थानीय लोग नाराज हो गए. पूजा के लिए तैयार की गई थाली रखी रह गई. वहीं, राहुल गांधी का काफिला जब मंदिर के पास से गुजर गया और नहीं रुका तो स्थानीय युवा बीजेपी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. सिर्फ वोट के लिए आते हैं नेता राहुल गांधी द्वारा मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं किए जाने से वजीरगंज के युवाओं में गुस्सा है. युवाओं ने आज तक से बातचीत में कहा कि  नेता यहां केवल वोट लेने के लिए आते हैं. हमारे लिए यह प्राचीन मंदिर बहुत महत्व रखता है.  आपको बता दें कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की तरफ से वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत की गई है. यह यात्रा रविवार को सासाराम से शुरू हुई और फिर सोमवार को गया जी पहुंचने से पहले औरंगाबाद तक गई. SIR पर राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बोला हमला यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों चुनाव आयुक्तों को चेतावनी दी कि जब गठबंधन सरकार बनेगी तो "वोट चोरी" पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. गांधी ने यह भी कहा कि पूरा देश चुनाव आयोग से हलफनामा मांगेगा और अगर समय मिला तो उनकी पार्टी हर विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र में "वोट चोरी" का पर्दाफाश करेगी. राहुल गांधी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष पैकेज की बात करते हैं, उसी तरह चुनाव आयोग भी बिहार के लिए एक "नया विशेष पैकेज" लेकर आया है. जिसका नाम SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) है, जो "वोट चोरी का एक नया रूप" है.