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स्वच्छता अभियान में शामिल हुए ऊर्जा मंत्री खट्टर, एक घंटे तक लगाई झाड़ू

चंडीगढ़  पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर चंडीगढ़ में वीरवार सुबह दो बड़े स्वच्छता अभियान चलाए गए। एक ओर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने सेक्टर-22 की शास्त्री मार्केट में झाड़ू लगाया। दूसरी ओर प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने सेक्टर-15 की मंडी साइट पर सफाई अभियान का नेतृत्व किया। अधिकारियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि सफाई से पहले किसी भी तरह की गंदगी जानबूझकर न फैलाई जाए। स्वच्छोतस्व कार्यक्रम के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 2014 में स्वच्छता की मुहिम का आह्वान किया था। 2014 में प्रधानमंत्री ने जब आह्वान किया था, तब उन्होंने कहा था स्वच्छता को लेकर शौचालय बनाने और खुले में शौच मुक्त पर काम करना होगा। 2014 में पीएम ने शुरू किया अभियान मनोहर लाल ने कहा- आजादी के बाद देश में महात्मा गांधी ने भी स्वच्छता का अभियान चलाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी। पिछले 10 साल में देश के गांव और शहरों में सफाई व्यवस्था को लेकर लोग जागरूक हुए हैं। मनोहर लाल ने कहा कि स्वच्छता ही कर्म है और स्वच्छता ही धर्म है। स्वच्छता के प्रति हम समर्पण के नाते एक दिन एक घंटा एक साथ स्वच्छता के लिए काम करें। दिल्ली की डंप साइड एक साल में साफ करेंगे केंद्रीय मंत्री ने कहा, देश मे आज एक साथ करोड़ों लोग स्वच्छता में लगे हैं। उन्होंने कहा शहरी आवास विभाग स्वच्छता कार्यक्रम को लेकर बड़े स्तर पर काम कर रहा है। देश की डंप साइड को हटाना और इसकी प्रोसेसिंग का काम विभाग कर रहा है। कूड़े के ढेर का इस्तेमाल किस तरह उपयोग हो सकता है इस पर काम कर रहे हैं। मनोहर लाल ने कहा दिल्ली की भलस्वा डंप साइट को 1 साल में साफ किया जाएगा। मैंने खुद देश की डंप साइड साफ करने का संकल्प लिया मनोहर लाल ने कहा मैंने खुद इस डंप साइड को विभाग के जरिए साफ करने का संकल्प लिया है। मनोहर लाल ने कहा इस अभियान से अलग-अलग तरीके से लोग जुड़ रहे हैं। मनोहर लाल ने कहा आज के कार्यक्रम में बहुत पत्रकार और छायाकार भी लगे हैं और सभी का साथ जरूरी है। स्वच्छता निरंतर चलने वाला विषय है हम खुद ही रोज कूड़ा करते हैं तो हमें रोज ही सफाई करनी होगी। हर प्रोजेक्ट की टाइमलाइन होती है, लेकिन डंप साइड का अलग प्रोसेस है। प्लास्टिक को लेकर जागरूकता जरूरी दिल्ली में तीन डंप साइड है और सबसे बड़ी डंप साइड मुंबई में है, लेकिन समय के साथ-साथ उनकी प्रोसेसिंग की जाएगी। मनोहर लाल ने कहा स्वच्छता पखवाड़े में सफाई, रक्तदान शिविर और पौधारोपण समेत कई सेवा के कार्य चल रहे हैं। उन्होंने कहा प्लास्टिक को लेकर भी जागरूक होने की जरूरत है। पैकिंग में लेने वाले सामान को हम जूट और कपड़े के थैले में लेना चाहिए। गंदगी में प्लास्टिक सबसे बड़ा अवरोध है और वह नालियों और सीवर लाइन को चौक करता है। प्लास्टिक को किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि उसको खत्म किया जाए इस पर काम कर रहे हैं।

डेंगू-मलेरिया का प्रकोप बढ़ा, हरियाणा में मामलों में उछाल, रेवाड़ी बना हॉटस्पॉट

चंडीगढ़  हरियाणा में डेंगू और मलेरिया के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक डेंगू के 792, मलेरिया के 163 और चिकनगुनिया के 6 मामले सामने आ चुके हैं। यह स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के लिए तत्काल प्रभाव से एडवाइजरी जारी कर दी है और सतर्कता बढ़ा दी गई है। हालांकि सरकारी तंत्र पूरी तरह से सक्रिय है लेकिन नागरिकों की जागरूकता और सहयोग इस खतरे को नियंत्रित करने में निर्णायक साबित होगा। अकेले रेवाड़ी में 191 डेंगू के मामले दर्ज पूरे हरियाणा में रेवाड़ी जिला इस समय डेंगू का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन चुका है। अकेले रेवाड़ी में 191 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं, जो राज्य में किसी भी अन्य जिले से सबसे अधिक हैं। यह संख्या स्थानीय स्तर पर सख्त नियंत्रण उपायों की आवश्यकता को दर्शाती है। अन्य प्रमुख जिलों में मरीजों की संख्या • गुरुग्राम: 53 मामले • करनाल: 56 मामले • रोहतक: 52 मामले विज्ञापन • सोनीपत: 48 मामले • पंचकूला: 30 मामले स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर हेल्थ सर्विस डॉ. कुलदीप ने रेवाड़ी को लेकर खास हिदायतें जारी की हैं। उन्होंने लोगों से लापरवाही न बरतने की अपील करते हुए कहा है कि आसपास पानी जमा न होने दें, पूरी बाजू के कपड़े पहनें और बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच कराएं। जांच प्रक्रिया में तेजी मामलों की बढ़ती संख्या के जवाब में सरकारी तंत्र ने कार्रवाई की गति बढ़ा दी है। 1. तेज सैंपलिंग: मरीजों के सैंपलों की जांच में तेजी लाने के लिए उन्हें प्रदेश की 27 परीक्षण प्रयोगशालाओं में भेजा जा रहा है। 2. फॉगिंग अभियान: मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान शहरी क्षेत्रों में नगर परिषदों और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से हाई रिस्क वाले एरिया में संचालित किया जा रहा है। 3.निरीक्षण और नोटिस: गुरुग्राम जैसे प्रभावित क्षेत्रों में, स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निरीक्षण और जागरूकता अभियान चला रही हैं। हजारों घरों की जांच के दौरान जहां भी डेंगू का लार्वा पाया गया है, वहां के निवासियों को नोटिस जारी किए गए हैं ताकि वे अपने आसपास साफ-सफाई बनाए रखने के लिए प्रेरित हों। लक्षण पहचानें और बचाव के उपाय अपनाएं मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने नागरिकों को इन मच्छर जनित बीमारियों के लक्षणों को पहचानने और बचाव के उपायों को अपनाने की सलाह दी है। • डेंगू के लक्षण: तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द और जोड़ों में तेज दर्द मुख्य लक्षण हैं। • मलेरिया के लक्षण: इसमें तेज बुखार के साथ सिरदर्द और उल्टी आम लक्षण होते हैं। बचाव के प्रमुख उपाय • जल जमाव रोकें: घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल जगह है। • सुरक्षात्मक पहनावा: पूरी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम या लोशन का उपयोग करें। • मच्छरदानी: रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। स्वास्थ्य विभाग स्पष्ट करता है कि वह इन बीमारियों पर नियंत्रण के लिए पूरी तरह सक्रिय है। विभाग ने नागरिकों से एक बार फिर अपील की है कि वे अपने आसपास साफ-सफाई बनाए रखें और यदि किसी में बीमारी के लक्षण नजर आते हैं, तो बिना देर किए तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। लोगों के सहयोग और जागरूकता से ही इस बढ़ते खतरे को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है। 

संकटों को पछाड़कर रची सफलता की कहानी, हरियाणा की बहादुर बेटी बनीं DSP

नारनौल  हरियाणा के नारनौल की रहने वाली अंजू यादव ने राजस्थान पुलिस में DSP भर्ती होकर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। जयपुर स्थित राजस्थान पुलिस अकादमी में आयोजित 55वें बैच के दीक्षांत परेड समारोह में 37 वर्षीय अंजू यादव ने राजस्थान पुलिस सेवा  में हुआ चयन।  अंजू ने ये मुकाम यूं ही हासिल नहीं किया। मुश्किल परिस्थितियों का लगातार सामना कर वह यहां तक पहुंचीं। करीब चार साल पहले पति को खोने के बाद भी उन्होंने हौसला नहीं टूटने दिया और लगातार मेहनत करती रहीं।वे मूल रूप से नारनौल के गांव धौलेड़ा की रहने वाली हैं। उनकी शादी अलवर जिले की बहरोड़ तहसील के गंडाला गांव में हुई थी। उन्होंने अपने समर्पण और संघर्ष से न केवल अपने परिवार, बल्कि हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों का नाम रोशन किया है।     स्कूली शिक्षा से कॉलेज तक का सफर : अंजू चार बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने अपने गांव धोलेड़ा के राजकीय स्कूल से बाहरवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद डिस्टेंस लर्निंग से स्नातक की पढ़ाई की तथा नारनौल के गवर्नमेंट कॉलेज आफ एजुकेशन से बीएड की पढ़ाई की।     छोटी उम्र में हो गई थी शादी : अंजू यादव की कहानी बड़ी संघर्ष भरी है। अंजू की शादी छोटी उम्र में ही 2009 में हो गई थी। जिसके बाद 2012 में उसके बेटा हुआ। वहीं 2021 में उनके पति का बीमारी के चलते देहांत हो गया।     सरकारी जॉब लगने वाली पहली महिला : अंजू ने बताया कि वे मायका व ससुराल में सरकारी नौकरी लगने वाली पहली महिला हैं। वे शुरू में मध्यप्रदेश के भिंड में 2016 से 18 तक जवाहर नवोदय विद्यालय में टीचर लगी। इसके बाद वे 2019 तक राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयपुर में टीचर लगी।     5 साल दिल्ली में सरकारी टीचर रहीं : अंजू के मुताबिक 2019 से 2024 तक वह दिल्ली में सरकारी टीचर रहीं। 27 मई 2024 में उन्होंने DSP जयपुर ज्वाइन किया। उन्होंने बताया कि आरपीएस बनने के लिए 2021 में वैकेंसी निकली थी।     2022 में हुई परीक्षा, एक साल बाद इंटरव्यू :  इसके बाद 2022 में मुख्य परीक्षा हुई। 2023 में इंटरव्यू हुआ। रिजल्ट भी 2023 में ही आ गया था। इसे बाद उसने मई 2024 DSP पद पर ज्वाइन किया था। 47 माह की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बीते कल दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।     47 माह लिया प्रशिक्षण :  राजस्थान पुलिस अकादमी में आरपीएस अधिकारियों को लगभग 47 सप्ताह का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान कानून व्यवस्था, पुलिसिंग के कानूनी पहलुओं, साइबर क्राइम, फोरेंसिक साइंस, क्रिमिनोलॉजी और सॉफ्ट स्किल्स पर विशेष ध्यान दिया जाता है। साथ ही देश की प्रमुख पुलिस अकादमी भोपाल, गांधीनगर और अहमदाबाद के शैक्षिक दौरे भी कराए गए।     दीक्षांत परेड समारोह में ली शपथ :  दीक्षांत परेड समारोह में अंजू यादव ने मंच पर शपथ ग्रहण करते हुए देश और समाज की सेवा के प्रति निष्ठा व समर्पण का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा उनके लिए केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा और न्याय दिलाने का दायित्व है। ​​​पिता की वो बात, जिससे अंजू को हमेशा मिली प्रेरणा… अंजू यादव ने बताया कि मेरे प्रेरणा स्त्रोत मेरे पिता लालाराम है। अशिक्षित होते हुए भी उन्होंने मुझे पढ़ाया, समाज के ताने सहे और मेरे बेटे को उन्होंने ही पाला। मुझे अपने पास रखा। पिता की एक लाइन 'काला सिर का आदमी कुछ भी कर सकता है', ने हमेशा बहुत प्रेरित किया। इसका मतलब है अगर इंसान सोच ले तो कुछ भी असंभव नहीं है। हमेशा उनको मेहनत करते हुए देखा और प्रेरणा मिली। वो इस उम्र में हार नहीं मान सकते तो मैं कैसे मान सकती हूं। मेरी बहनों ने बेटे का और मेरा ध्यान रखा। मां ने बेटे को अपने बेटे की तरह पाला। मेरे बेटे मुकुल दीप ने भी मुझे बहुत प्रेरित किया। वह मेरे बिना रहा। जब भी उसको देखती, तो लगता कुछ करना है। इनके बिना जीवन की कल्पना असंभव है।

बेटियों को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम, लाडो लक्ष्मी ऐप से सीधे खाते में आएंगे ₹2100

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार ने आज पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना (DDLLYP) का मोबाइल एप लॉन्च किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे महिलाओं के लिए ऐतिहासिक पहल बताया। हरियाणा की लाखों महिलाओं के लिए आज 25 सितंबर का दिन काफी खास है। दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना (DDLLY) का मोबाइल एप लॉन्‍च हो गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पंचकूला से इस योजना के मोबाइल एप को लॉन्‍च कर द‍िया है। इसके साथ ही पात्र महिलाओं के खाते में 2100 रुपये आने का रास्ता साफ हो गया है। 1 नवंबर से खाते में पैसा आना शुरू हो जाएगा। इस योजना के लिए फॉर्म कैसे भरा जाएगा? मोबाइल से कैसे रजिस्ट्रेशन होगा? सीएम ने बताया कि एप लॉन्च होते ही 50 हजार महिलाओं ने इसे डाउनलोड कर लिया और 8 हजार महिलाओं ने पंजीकरण करवा लिया। उन्होंने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सहज बनाने के लिए दो टोल-फ्री नंबर भी जारी किए, ताकि हरियाणा की कोई भी महिला योजना का लाभ लेने में अड़चन न महसूस करे। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 5,000 करोड़ रुपए का बजट रखा है और पहले फेज में 21 लाख महिलाओं को लाभ दिया जाएगा। हर पात्र महिला को सीधे उनके बैंक खाते में हर महीने 2,100 रुपए दिए जाएंगे। CM ने अपने संबोधन में कहीं 5 बड़ी बातें….     सीएम ने एप को बताया ऐतिहासिक: सीएम नायब सिंह ने लाडो लक्ष्मी एप को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह एप योजना को पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने इसे महिलाओं के लिए आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर बताया।     लॉन्च होते ही 50 हजार डाउनलोड, 8 हजार रजिस्ट्रेशन: सैनी ने कहा कि जैसे ही एप लॉन्च हुआ, प्रदेश में 50 हजार महिलाओं ने इसे डाउनलोड कर लिया और 8 हजार महिलाओं ने अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया। उन्होंने इस तेजी को प्रदेश की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी का संकेत बताया।     टोल-फ्री नंबर महिलाओं के लिए मददगार: सीएम ने पंजीकरण में किसी भी दिक्कत को दूर करने के लिए दो टोल-फ्री नंबर 01724880500 और 18001802231 जारी किए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हरियाणा की किसी भी महिला को फॉर्म अप्लाई करने में कोई बाधा न आए।     पहले फेज में 21 लाख महिलाएं, कुल बजट 5,000 करोड़: सैनी ने कहा कि इस योजना के पहले फेज में 21 लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 5,000 करोड़ रुपए का बजट रखा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिवार में जितनी भी महिलाएं हों, सभी इसका लाभ ले सकेंगी।     851 करोड़ की नई योजनाओं और अस्पतालों का उद्घाटन: मुख्यमंत्री ने बताया कि आज 851 करोड़ रुपए की योजनाओं का उद्घाटन किया गया। उन्होंने 10 नए अस्पतालों का उद्घाटन भी किया और बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत गंभीर बीमारियों का इलाज 5 लाख रुपए तक फ्री है। सरकार ने 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए भी फ्री चिकित्सा सेवा लागू की है। लाडो लक्ष्मी योजना का विस्तार कब होगा लाडो लक्ष्मी योजना के पहले चरण में वो महिलाएं फॉर्म भर सकती हैं, जिनके परिवार की सालाना आय 1 लाख रुपये या उससे कम है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 21 लाख महिलाओं को पहले चरण में 2100 रुपये मिलेंगे। माना जा रहा है कि दूसरे चरण में 1.80 लाख रुपये सालाना आय वाले परिवारों को शामिल किया जा सकेगा। तीसरे चरण में 3 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों की महिलाओं को शामिल किया जा सकेगा। हालांकि तीसरे चरण के लिए 2028-29 तक का इंतजार करना पड़ सकता है। लाडो लक्ष्मी योजना क्या है दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना के तहत रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस योजना का मोबाइल एप लॉन्च कर दिया है। यह योजना क्या है, इसके लिए क्या पात्रता है, इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आप 'दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना' पर क्लिक कर सकते हैं। लाडो लक्ष्मी योजना: अविवाहित महिलाओं को चाहिए ये कागज लाडो लक्ष्मी योजना हरियाणा की पात्रता की बात करें तो इस योजना के तहत अविवाहित और विवाहित दोनों महिलाएं आवेदन कर सकती हैं। लाडो लक्ष्मी योजना हरियाणा आवेदन के लिए मोबाइल में एप डाउनलोड करना होगा। अगर आप अविवाहित महिला हैं तो आपको कुछ कागजों की जरूरत होगी, इन्हें नोट कर लें.. आधार कार्ड और उससे जुड़ा मोबाइल नंबर परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबर बिजली कनेक्शन/मीटर नंबर हरियाणा कौशल विकास पंजीकरण नंबर (अगर है तो)अगर घर में किसी के पास वाहन है तो उसका पंजीकरण नंबर महिला के नाम से सक्रिय बैंक खाता नंबर और IFSC Code लाडो लक्ष्मी योजना: मोबाइल से ऐसे करें रजिस्ट्रेशन सबसे पहले अपने मोबाइल में लाडो लक्ष्मी योजना का एप डाउनलोड करें अपना मोबाइल नंबर भरें और OTP से वेरिफिकेशन करें अब जिस महिला के नाम से फॉर्म भरना है, उसका पूरा विवरण दर्ज करें इसके बाद लाभार्थी महिला के घर का पूरा पता भरें फिर लाभार्थी महिला के परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी भरें अगले चरण में परिवार की सालाना आय का पूरा विवरण दें अब अपने बैंक खाते की पूरी जानकारी भरें, जिसमें IFSC Code हो आखिरी में मोबाइल कैमरे से लाइव फोटो क्लिक करें। लाडो लक्ष्मी योजना: मोबाइल से ऐसे करें रजिस्ट्रेशन लाडो लक्ष्मी योजना के लिए आवेदन सिर्फ मोबाइल एप से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने साफ कर दिया है कि 2100 रुपये वाली लाडो लक्ष्मी योजना के लिए आवेदन सिर्फ मोबाइल एप से ही होगा। इसके लिए सरल सेंटर या सीएससी जाने की कोई जरूरत नहीं है। न ही किसी अनजान लिंक पर क्लिक करें। लाडो लक्ष्मी योजना का हेल्पलाइन नंबर लाडो लक्ष्मी योजना का मोबाइल एप लॉन्च कर दिया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2100 रुपये वाली योजना के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। यह टोल फ्री नंबर हैं: 0172-880500 1800-180-2231 मोबाइल एप लॉन्च होते ही 50000 से ज्यादा डाउनलोड मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में मंच से बताया कि लाडो लक्ष्मी योजना का मोबाइल एप लॉन्च होते ही 50 हजार से … Read more

Deendayal Ladli Lado Yojana: महिलाओं को आर्थिक सहारा, योजना पोर्टल आज होगा लॉन्च, ₹2100 प्रतिमाह की मदद

चंडीगढ़  हरियाणा के सीएम नायब सैनी आज  दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसके लिए पंचकूला में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम की तैयारियां पूरी हो चुकी है। कल सीएम लाडो लक्ष्मी योजना से संबंधित पोर्टल लांच करेंगे, जिसके बाद 2100 रुपए की राशि के लिए आवेदन प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। हरियाणा दिवस पर एक नवंबर को महिलाओं को खाते में पहली बार 2100 रुपए आएंगे। इसके बाद हर माह 2100 रुपए आते रहेंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रीजत को छोड़कर बाकी सभी मंत्रियों की योजना लांच करने के लिए ड्यूटी अलग-अलग जिलों में लगाई गई है। शुरुआत में एक लाख वार्षिक आय वाले परिवारों की की महिलाओं को मिलेगा लाभ प्रदेश सरकार पहले चरण में एक लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों की महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ देगी, लेकिन सरकार भविष्य में इस योजना के तीन चरण और लांच करने पर विचार कर रही है। सरकार की योजना पांच लाख रुपए तक वार्षिक आय वाले परिवारों की महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ देने की है। पहले चरण में 23 से 60 साल उम्र की कुल 20 लाख 97 हजार 256 महिलाओं को 2100 रुपए मासिक भत्ता देने की योजना है। इनमें विवाहित महिलाओं की संख्या 18 लाख 14 हजार 621 है, जबकि अविवाहित महिलाओं की संख्या 2 लाख 82 हजार 635 है। प्रदेश सरकार इस योजना के लिए धीरे-धीरे तीन चरण और जारी करने पर विचार कर रही है। दूसरे चरण में 1 लाख से 1 लाख 80 हजार रुपए वार्षिक तक आय वाले परिवारों की महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना के दायरे में लाया जाएगा। लाडो लक्ष्मी योजना के तीसरे चरण में 1 लाख 80 हजार रुपए वार्षिक से 3 लाख रुपए वार्षिक तक आय वाले परिवारों की महिलाओं को 2100 रुपए मासिक देने की संभावना है। चौथे और अंतिम चरण में 3 लाख से 5 लाख रुपए वार्षिक तक आय वाले परिवारों की महिलाओं को भी सरकार लाडो लक्ष्मी योजना के दायरे में ला सकती है। लाडो लक्ष्मी योजना का चौथा चरण साल 2028-29 के आसपास आरंभ किया जा सकता है। तीन लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले परिवारों की महिलाओं की संख्या 46 लाख 62 हजार हैं, जिनमें से करीब 22 लाख महिलाओं को पहले चरण में 2100 रुपये मासिक दिए जाने वाले हैं। तीन से पांच लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले परिवारों की महिलाओं की संख्या करीब 7 लाख के आसपास बताई जाती है।

हरियाणा: 11 जिलों में खराब लिंगानुपात पर सख्ती, सरकार CMO पर ले सकती है एक्शन

चंडीगढ़  हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने कहा कि लिंगानुपात सुधारने के मामले में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि जिन जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सी.एम.ओ.) परफॉर्मेंस नहीं दिखा रहे, उनके खिलाफ । विभाग सख्त कार्रवाई करेगा और उन पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने आज वर्चुअल माध्यम से राज्य टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने सभी सी.एम.ओ. को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में सक्रिय रहते हुए फील्ड स्तर पर निगरानी को और मजबूत करें। साथ ही मुख्यालय के अधिकारियों को भी आदेश दिए कि वे जिलों को पूरा सहयोग प्रदान करें और ठोस कदम उठाएं।  बैठक के दौरान बताया गया कि इस वर्ष 1 जनवरी से 22 सितम्बर तक राज्य का लिंगानुपात सुधर कर 907 हो गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 904 था। हालांकि जिलावार कुछ जिलों की परफॉर्मेंस नकारात्मक सामने आई है, इस सूची में प्रदेश के 11 जिले शामिल थे। इनमें चरखी दादरी, करनाल, सिरसा, हिसार, अंबाला, यमुनानगर, सोनीपत, कैथल, महेंद्रगढ़, भिवानी तथा पलवल शामिल है। इन जिलों में अन्य की तुलना में प्रदर्शन कमजोर पाया गया है और लिंगानुपात माइंस में है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इन जिलों के सी.एम.ओ. को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि वे ठोस कार्ययोजना बनाकर जल्दसे जल्द सुधारात्मक कदम उठाएं।   बैठक में कैथल जिले के मामले पर भी चर्चा हुई, जिसमें एक सरकारी फार्मासिस्ट द्वारा अवैध रूप से एम.टी. पी. किट बेचे जाने की शिकायत मिली थी। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने सख्त रुख अपनाते हुए कैथल सी. एम. ओ. से कार्रवाई रिपोर्ट लेते हुए निर्देश दिए कि फार्मासिस्ट को तत्काल निलंबित किया जाए और उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।  स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि रिवर्स ट्रैकिंग की प्रक्रिया को और तेज किया जाए। स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 11 मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है। बैठक में प्राइवेट चिकित्सकों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी ली गई। इसके साथ ही जिन जिलों के एस. एम. ओ. और सी.एम.ओ. अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रहे हैं, उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए। बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाए (डी.जी.एच.एस.) डा. मनीष बंसल, डा. कुलदीप सिंह, राज्य टास्क फोर्स के कन्वीनर डा. वीरेंद्र यादव सहित कई अधिकारी शामिल थे

हरियाणा सरकार का नया फैसला: परिवार पहचान पत्र से जुड़ेगा अतिरिक्त डाटा, जानिए क्या होगा फायदा

चण्डीगढ़ हरियाणा में सरकार ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है, जिसके तहत अब परिवार पहचान पत्र धारकों का लैंड और टैक्स से जुड़ा डाटा सरकार की ओर से पीपीपी में जोड़ा जाएगा। सरकार के फैसले के तहत भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का डाटा, जिसमें आयकर रिटर्न, बैंक अकाउंट, स्रोत पर कर कटौती और अन्य वित्तीय लेनदेन का विवरण को शामिल किया जाएगा। अभी प्रत्येक परिवार पहचान पत्र केवल आधार और लाभार्थियों के मामले में एक ही बैंक खाते से जुड़ा है। दूसरे चरण में, इसका दायरा बढ़ाकर इसमें व्यापक दस्तावेज शामिल किए जाएंगे।   सीबीडीटी डेटाबेस को लिंक करने से अधिकारियों को फैमिली आईडी से जुड़े सभी बैंक खातों की जानकारी मिल सकेगी। इसी तरह, आईटीआर से किसी व्यक्ति या परिवार की वित्तीय स्थिति की गहरी जानकारी मिलेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी सहायता केवल उन्हीं लोगों तक पहुंचे जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है।  इसकी पुष्टि करते हुए, पीपीपी कार्यक्रम के स्टेट कोऑर्डिनेटर सतीश खोला ने बताया कि योजना की उच्चतम स्तर पर समीक्षा की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में, राज्य भर में 76 लाख से ज्यादा परिवार पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 40 लाख से ज्यादा बीपीएल श्रेणी में आते हैं। खोला ने बताया, भूमि अभिलेखों और सीबीडीटी डेटा को पारिवारिक पहचान पत्रों के साथ एकीकृत करना कल्याणकारी योजनाओं के वितरण में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब तक, आय और पात्रता का निर्धारण आय प्रमाण पत्र, आधार और सीमित सहायक दस्तावेजों के माध्यम से किया जाता रहा है।  सरकारी विभागों में पहले से ही डिजिटल अभिलेखों का विशाल भंडार मौजूद है। चरण-2 में अधिक सटीक और व्यापक आकलन के लिए इन डेटा सेट को एकीकृत करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-संचालित प्रणालियों का उपयोग किया जाएगा।

‘लापता’ पोस्टर में भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा पर निशाना, पूर्व कांग्रेस नेता बोले – घर डूबे हैं, नेता गायब

 सांपला  सांपला नगर पालिका के पूर्व पार्षद शिव कुमार रंगीला ने मंगलवार रात को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा लापता व सांसद दीपेंद्र हुड्डा लापता होने के पोस्टर लगाए हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री सात सितंबर को ही सांपला खंड के जलभराव से प्रभावित गांवों के दौरे पर आए थे। रंगीला का कदम सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।  पूर्व पार्षद शिव कुमार रंगीला ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला-किलोई हलके से विधायक हैं। जबकि उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा लोकसभा सांसद हैं। सांपला कस्बे के एक, आठ व 13 वॉर्ड में पानी भरा हुआ है। 300 से 400 घर डूबे हुए हैं। लोगों को समस्याएं हो रही हैं। इसके बावजूद हुड्डा पिता-पुत्र लोगों के बीच नहीं आए। न ही जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं। आज लोगों को विधायक व सांसद की जरूरत है। उनका कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आसपास के गांवों में आए और फोटो उतरवाकर चले गए। किसानों की फसल डूबी हुई है।    बेरी व गोहाना से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं पूर्व पार्षद शिव कुमार रंगीला मूलरूप से झज्जर के कस्बे बेरी के रहने वाले हैं। वर्तमान में लंबे समय से सांपला कस्बे में रह रहे हैं। 2014 से 2019 तक सांपला नगर पालिका के पार्षद रहे हैं। 2019 में बेरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और 67 हजार वोट हासिल किए। 2024 में गोहाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और 1000 वोट हासिल किए।  कांग्रेस के बाद भाजपा, फिर आप में चले गए  शिव कुमार रंगाला 2014 तक कांग्रेस में शामिल रहे। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद भाजपा में आ गए। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर बेरी से चुनाव लड़ा। 2024 में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने छह सितंबर को हलके का दौरा किया। पाकस्मा, भैसरूं, कसरेहटी, समचाना व सांपला में पहुंचकर जलभराव का जायजा लिया था। साथ में अधिकारियों से बात की। 

गर्भपात की अनुमति न मिलने पर हरियाणा सरकार 14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को देगी ₹4 लाख मुआवजा: हाईकोर्ट

चंडीगढ़ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने यह निर्णय मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर लिया, जिसमें बताया गया कि पीड़िता की गर्भावस्था 29 सप्ताह छह दिन की हो चुकी है और उसकी स्वास्थ्य स्थिति गर्भपात के लिए उपयुक्त नहीं है। मेडिकल रिपोर्ट का हवाला मेडिकल बोर्ड ने अदालत को सूचित किया कि पीड़िता की नाड़ी और रक्तचाप असामान्य हैं, ऐसे में गर्भपात चिकित्सकीय रूप से सुरक्षित नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, इस स्थिति में गर्भपात से पीड़िता की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसी निर्णायक चिकित्सकीय राय के बाद संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत गर्भपात की अनुमति देना संभव नहीं है। अंतरिम राहत और सहायता हालांकि, अदालत ने पीड़िता को राहत देते हुए हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह उसे कम से कम चार लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा तत्काल प्रदान करे। इसके साथ ही, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भी कहा गया है कि वह भारतीय न्यायतंत्र संहिता (BNS) की धारा 396(4) या किसी अन्य उपयुक्त योजना के अंतर्गत पीड़िता को अतिरिक्त मुआवजा और सहायता देने पर विचार करे। यह समस्त राहत अदालती आदेश प्राप्त होने के दो महीने के भीतर दी जानी चाहिए। चिकित्सकीय देखभाल की व्यवस्था अदालत ने निर्देश दिया कि पीड़िता को चंडीगढ़ के पीजीआई (PGIMER) में भर्ती कराया जाए, जहां बच्चे के जन्म तक उसे सभी आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं और सहायता प्रदान की जाएंगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि बच्चे के जन्म के बाद उसका डीएनए नमूना संरक्षित किया जाए और जांच अधिकारी को सौंपा जाए, ताकि आपराधिक जांच आगे बढ़ सके। यदि पीड़िता बच्चे को गोद देने की इच्छुक होती है, तो हरियाणा सरकार व संबंधित एजेंसियां बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी लेंगी और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार पालन-पोषण या गोद लेने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगी। गोपनीयता बनाए रखने का निर्देश कोर्ट ने यह स्पष्ट निर्देश दिया कि पीड़िता और उसके माता-पिता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाए। किसी भी न्यायिक, पुलिस या प्रशासनिक प्रक्रिया के दौरान उनकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी।

बसपा से भाजपा में आए मक्खन सिंह लबाना को बड़ी जिम्मेदारी, अंबाला जिला परिषद चेयरमैन पद पर सर्वसम्मति से चयन

अंबाला  हरियाणा के अंबाला जिले में जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी मक्खन सिंह लबाना ने शानदार जीत हासिल की। खास बात यह रही कि उनके सामने कोई अन्य प्रत्याशी मैदान में उतरा ही नहीं, जिसके चलते वे निर्विरोध चुने गए। जिला परिषद के 14 सदस्यों ने उनकी उम्मीदवारी पर पूर्ण सहमति जताई। विधायक का भी लड़ चुके हैं चुनाव मक्खन सिंह लबाना 2009 में बसपा से विधायक सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उनको 12 हजार वोट मिले थे। वह 2008 व 2009 में बसपा में रहे। इसके बाद वह काफी समय तक सक्रिय नहीं थे। इसी दौरान वह आम आदमी पार्टी में भी शामिल हुए थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के चिन्ह पर जिला परिषद का चुनाव जीता। मार्च 2024 में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। वहीं, उन्होंने सितंबर 2025 में भाजपा ज्वाइन की थी। लबाना ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं। तब से देश तरक्की कर रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कार्यकाल में भी विकास कार्य हो रहे हैं।  चुनाव की दिशा में बदलाव अंबाला जिला परिषद में कुल 15 वार्ड हैं। इनमें से भाजपा समर्थित 8, कांग्रेस के 4 और बसपा के 3 पार्षद हैं। पहले संभावना जताई जा रही थी कि अध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा, लेकिन सभी पार्षदों ने सर्वसम्मति से भाजपा हाईकमान की मंशा के अनुसार मक्खन सिंह लबाना के पक्ष में सहमति जताई। सूत्रों का कहना है कि पार्षदों का मानना था कि इस बार किसी भी तरह का दलगत खेल न कर, भाजपा के फैसले को स्वीकार कर लिया जाए। चूंकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लबाना पर विश्वास जताया था, लिहाजा उनके निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया। राजनीतिक सफर रोचक रहा मक्खन सिंह लबाना कोई नए चेहरे नहीं हैं। उनका राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वर्ष 2008-09 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से राजनीति की शुरुआत की। 2009 में वे बसपा प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे और करीब 12 हजार वोट हासिल किए। हालांकि उस समय उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन यह चुनाव उन्हें राजनीति की मुख्यधारा में पहचान दिलाने में अहम साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने स्थानीय स्तर पर अपने संगठन और जनता से जुड़े रहने का सिलसिला जारी रखा। वर्ष 2016 में वह पहली बार जिला परिषद सदस्य चुने गए। इसके बाद 2022 में भी उन्होंने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। दो बार पार्षद रहते हुए उन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों से मजबूत जुड़ाव बनाया और अपनी सक्रिय छवि कायम रखी। यही वजह रही कि भाजपा में शामिल होते ही उन्हें जिला परिषद अध्यक्ष पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जाने लगा।