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सीवान में गरजे अमित शाह: बोले, ‘ओसामा को जीतने मत देना’, RJD पर बोला जोरदार हमला

सीवान बिहार चुनाव का घमासान तेज हो गया है। शुक्रवार को एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर और बेगूसराय में चुनावी रैली को संबोधित किया। तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीवान में चुनावी जनसभा की। इस दौरान उनके निशाने पर लालू यादव की आरजेडी रही। शहाबुद्दीन का नाम लेकर शाह ने लालू-राबड़ी पर हमला बोला। उन्होने कहा कि सीवान की जनता ने कभी शहाबुद्दीन के सामने सरेंडर नहीं किया। 20 साल के लालू और राबड़ी के जंगलराज को सीवान के लोगों ने सहा है। लेकिन कभी झुके नहीं है। एक बार फिर लालू ने रघुनाथपुर से शहाबुद्दी के बेटे ओसामा शहाब को टिकट दिया है। सीवान वाले इस धरती से आरजेडी को जवाब देंगे, और ओसामा को जीतने नहीं देंगे। शाह ने बताया कि मैंने बिहार प्रदेश भाजपा को कहा था, कि मेरा सबसे पहले दौरा सीवान में लगाइएगा। नामांकन के बाद मेरा सबसे पहला दौरा सीवान में हो। आपको लगेगा क्यों सीवान आना चाहते हैं? मैं सीवान की जनता को सलाम करने आया हूं। क्योंकि 20 साल के लालू-राबड़ी के जंगलराज को सीवान की जनता ने सहा। शहाबुद्दीन का खौफ सीवान ने सहा है। भूमि लालवान हो गई, लेकिन सीवान वालों ने झुकने का नाम नहीं लिया और लालू -राबड़ी के राज को खत्म किया। शहाबुद्दीन का नाम लेकर शाह ने कहा कि 20 साल तक ए- कैटेगरी हिस्ट्रीशीटर। जिस पर 75-75 केस, 2-2 कारावास, ट्रिपल मर्डर, एसपी सिंघल पर हमला। छोटा लाल गुप्ता और मुन्ना चौधरी की हत्या, के साथ व्यापारियों के बेटों को तेजाब में निलहाकर कर गला देने का आरोप था। लेकिन सीवान की जनता शहाबुद्दी के सामने कभी सरेंडर नहीं हुई। शहाबुद्दीन के सामने सीवान से हमारे ओम प्रकाश को आपने सांसद बनाकर भेजा। शाह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप सब एकजुट हो जाइए, इसी शहाबुद्दीन के बेटे को रघुनाथपुर से लालू ने प्रत्याशी बनाया है। लेकिन मैं कहने आया हूं, कि बिहार में मोदी और नीतीश कुमार का राज है। 100 शहाबुद्दीन भी आ जाएं, तो भी किसी का बाल बांका नहीं हो सकता। सीवान वालों इसी भूमि से लालू-राबड़ी को जवाब दे दो। फिर से जंगलराज नहीं आने देंगे। ओसामा को नहीं जीतने देंगे। शहाबुद्दीन की विचारधारा को नहीं आने देंगे। शाह ने लोगों से पूछते हुए कहा कि शहाबुद्दीन की विचारधारा को वोट दे सकते हैं क्या? आज में कहने आया है कि दीपावली मनाई, छठ बनाएंगे और असली दिवाली 14 नवंबर को होगी, जब लालू के बेटे का सूपड़ा साफ हो जाएगा।  

चिराग पासवान ने महागठबंधन की नीतियों पर साधा निशाना, कहा- मुस्लिम वोट का सिर्फ उपयोग

पटना केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने शुक्रवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि विपक्ष मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करता है, और उनके वास्तविक प्रतिनिधित्व से हमेशा किनारा करता है। मुस्लिम समाज के प्रतिनिधित्व पर खड़े किए ये सवाल पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पासवान ने कहा, “‘इंडिया' गठबंधन यादवों और सहनी समाज के नाम पर राजनीति कर रहा है, लेकिन मुसलमानों की बात वह केवल वोट के समय करता है। मुसलमानों की जनसंख्या बिहार में लगभग 18 फीसदी है, फिर भी ‘इंडिया' गठबंधन ने किसी मुस्लिम नेता को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या किसी प्रमुख पद का उम्मीदवार नहीं बनाया।” उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव, यादव समाज से हैं, जिनकी आबादी करीब 13 फीसदी है, जबकि मुकेश सहनी, साहनी समाज से आते हैं, जिनकी आबादी लगभग 2 फीसदी है। लेकिन 18 फीसदी मुस्लिम आबादी के बावजूद, मुसलमानों को सत्ता की भागीदारी से वंचित रखा गया है। ये लोग सिर्फ मुसलमानों को डराकर और भावनात्मक मुद्दों पर भड़का कर वोट लेना जानते हैं, उन्हें असली प्रतिनिधित्व देने की उनकी नीयत कभी नहीं रही।” VIP प्रमुख मुकेश सहनी पर बोला हमला पासवान ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा “सहनी समाज के नाम पर राजनीति करने वाले मुकेश सहनी ने अपने समाज को भुला दिया है। उन्होंने केवल अपने लिए उपमुख्यमंत्री का पद मांगा, समाज के अधिकारों के लिए एक शब्द नहीं कहा। अब वह केवल स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं।” लोजपा (रामविलास) प्रमुख ने कहा कि महागठबंधन जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रहा है, जबकि केंद्र सरकार सभी वर्गों के लिए समान रूप से योजनाएं चला रही है। उन्होंने कहा, “2005 में मेरे पिता रामविलास पासवान ने कहा था कि बिहार में मुख्यमंत्री मुस्लिम समाज से बनाया जाना चाहिए, लेकिन तब भी किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज भी मुसलमानों को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।” चिराग पासवान ने दावा किया कि अब मुसलमान भी समझ चुके हैं कि तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी केवल चुनाव के वक्त उन्हें याद करते हैं, शासन और सत्ता में उन्हें कोई जगह नहीं देते। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सभी तबकों के विकास के लिए काम कर रही है, जबकि महागठबंधन समाज को जाति और धर्म के आधार पर विभाजित करने की राजनीति कर रहा है।

जनपदों में होगी ‘जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी’ की तैनाती, नया पद सृजित करने के लिए मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

 औषधि नियंत्रण संवर्ग का होगा पुनर्गठन, उपायुक्त (औषधि) के पद भी बढ़ेंगे मुख्यमंत्री का निर्देश, औषधि नियंत्रक के पद के लिए योग्यता और निश्चित कार्यकाल तय हो दोगुनी होगी औषधि निरीक्षकों की संख्या, नए पद होंगे सृजित, साक्षात्कार नहीं, अब लिखित परीक्षा से होगी औषधि निरीक्षकों की भर्ती लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से औषधि नियंत्रण तंत्र को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने पर बल दिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिलास्तर पर कार्य व्यवस्था को और मज़बूत करने के लिए अब ‘जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी’ का पद सृजित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि औषधि निरीक्षकों की संख्या को वर्तमान के सापेक्ष दोगुना किया जाए। इन पदों पर चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए अब साक्षात्कार के स्थान पर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती कराई जाएगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में औषधि नियंत्रण संवर्ग के पुनर्गठन एवं नए पदों के सृजन से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में औषधि निरीक्षकों की समुचित तैनाती सुनिश्चित की जाए तथा जिला स्तर पर प्रभावी पर्यवेक्षण और समयबद्ध जांच व्यवस्था लागू की जाए। बैठक में बताया गया कि विभाग में वर्तमान में 109 औषधि निरीक्षक कार्यरत हैं, जो भारत सरकार के मानकों की दृष्टि से अपर्याप्त हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औषधि निरीक्षण व्यवस्था को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना जनस्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। बैठक में औषधि नियंत्रण संवर्ग के उच्च पदों के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने उप आयुक्त (औषधि) पदों की संख्या में वृद्धि तथा संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद पर पदोन्नति हेतु अर्हकारी सेवा में संशोधन के प्रस्ताव को अपनी सहमति दी। मुख्यमंत्री ने विभाग में औषधि नियंत्रक पद के लिए स्पष्ट योग्यताएं एवं मानक तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस पद के लिए एक निश्चित कार्यकाल निर्धारित किया जाए, ताकि तंत्र के शीर्ष स्तर पर नेतृत्व और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

बिहार की राजनीति में हलचल: उपमुख्यमंत्री पद पर दलित-मुस्लिम गठजोड़, पप्पू यादव ने दी प्रतिक्रिया

पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल के बीच निर्दलीय सांसद पप्पू यादव  ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में INDIA गठबंधन की सरकार बनेगी तो हमारे नेता राहुल गांधी दलित और मुस्लिम समुदाय से एक-एक उपमुख्यमंत्री अवश्य बनाएंगे। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। दरअसल, पप्पू यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर दावा किया कि अगर बिहार में INDIA गठबंधन की सरकार बनेगी तो हमारे नेता राहुल गांधी जी दलित औरमुस्लिम समुदाय से एक-एक उपमुख्यमंत्री अवश्य बनाएंगे! उन्होंने आगे लिखा कि वह सभी समाज को समुचित प्रतिनिधि देने के  पक्षधर रहे हैं। उनके पिता राजीव गांधी जी, तारिक अनवर साहब को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे तो इंदिरा जी ने भोला पासवान शास्त्री जी और गफ़ूर साहब को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था!

योगी सरकार के सुशासन मॉडल में डिजिटल प्रशिक्षण बना रहा परिवर्तन का आधार

सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को मिल रहा नया आयाम मिशन कर्मयोगी से दक्ष हो रहे समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के सतत प्रयासों का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी पहल ‘मिशन कर्मयोगी’ को आगे बढ़ाते हुए योगी सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को डिजिटल प्रशिक्षण से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। योगी सरकार के ‘डिजिटल दक्षता एवं पारदर्शी प्रशासन’ के विजन को साकार करने में समाज कल्याण विभाग अग्रणी भूमिका निभा रहा है। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल के माध्यम से अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने में जुटे हैं। इसका सीधा लाभ जनता को पारदर्शी, त्वरित और प्रभावी सेवाओं के रूप में मिल रहा है। 3,900 कर्मचारी जुड़े, पूरे किए 21,150 कोर्स समाज कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 तक कुल 3,900 अधिकारी, नियमित/संविदाकर्मी एवं शिक्षक पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं। इन कर्मचारियों ने अब तक 21,150 ऑनलाइन कोर्स पूरे किए, जिनमें लगभग 15,893 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है। इनमें से 2,759 कर्मचारियों ने कम से कम एक कोर्स, जबकि 2,289 कर्मचारियों ने तीन या उससे अधिक कोर्स पूरे किए हैं। वहीं, 1,611 कर्मचारियों ने तीन से कम और 1,141 कर्मचारियों ने अभी प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है। योगी सरकार का यह अभियान हर सरकारी कर्मचारी को “कुशल, पारदर्शी और जवाबदेह” बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है नई तकनीक और पारदर्शी शासन पर है विशेष जोर दे रही योगी सरकार मिशन कर्मयोगी के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में न केवल प्रशासनिक सुधार बल्कि तकनीकी उन्नयन पर भी विशेष जोर दिया गया है। इनमें ‘योगा ब्रेक एट वर्कप्लेस’ जैसे विषय तनावमुक्त कार्यसंस्कृति को बढ़ावा देते हैं, जबकि POSH Act 2013 से कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा को सशक्त किया जा रहा है। ‘Procurement Process on GeM’, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’, ‘Basics of Artificial Intelligence’ और ‘Right to Information Act’ जैसे कोर्स सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और जनता के प्रति जवाबदेही की भावना को सुदृढ़ कर रहे हैं। योगी सरकार डिजिटल शासन नीति को दे रही है नई दिशा मिशन कर्मयोगी के तहत डिजिटल प्रशिक्षण, योगी सरकार के उस दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसमें शासन को पेपरलेस, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग के इस अभियान से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि कर्मचारियों में कार्य के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता भी बढ़ी है। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साझा सोच का परिणाम है, जिसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। समाज कल्याण विभाग इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारे अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल रूप से दक्ष बन रहे हैं, जिससे जनता को योजनाओं का लाभ तेजी और पारदर्शिता के साथ मिल सके। दक्षता से ही सेवा की गुणवत्ता बढ़ेगी और यही योगी सरकार के सुशासन का आधार है।

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार मामला, कोर्ट में पेश हुई चार्जशीट

गुड़गांव सीएलयू के नाम पर 30 से 50 करोड़ रुपए मांगने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप तय हो गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने नारनौल में एएसजे हर्षाली चौधरी की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। एसीबी ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत राव नरेंद्र सिंह को आरोपी बनाया है।    एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान में हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह द्वारा धर्मेंद्र कुहाड़ से पलवल में 30 एकड़ जमीन की सीएलयू यानी चेंज ऑफ लैंड यूज कराने की ऐवज में 30 से 50 करोड़ रुपए की मांग की थी। इसकी शिकायत धर्मेंद्र कुहाड़ द्वारा स्टिंग ऑपरेशन करके ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली थी। धर्मेंद्र ने स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो/ऑडियो रिकॉर्डिंग को इनेलो के विधायक रामपाल माजरा को दे दिया। पूर्व विधायक रामपाल माजरा द्वारा एक शिकायत लोकायुक्त को साल 2014 में दी थी। लोकायुक्त द्वारा शिकायत को जांच के लिए भारतीय पुलिस सेवा के विक्रम राजा को सौंपा था।   शिकायत की जांच की अंतिम रिपोर्ट 27 अप्रैल 2015 को लोकायुक्त हरियाणा को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट पर लोकायुक्त द्वारा ेस दर्ज करने के लिए 16 दिसंबर को चीफ सेक्रेटरी को सिफारिश की गई थी। चीफ सेक्रेटरी ने एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक को केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। इस पर 29 जनवरी 2016 को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत केस दर्ज कर लिया। मामले की जांच पूरी करने के बाद अब एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामले में चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है।   

फ्री सफर पर ब्रेक! डीजल न मिलने से पंजाब रोडवेज की बसें थमीं, लोग फंसे रास्ते में

पठानकोट पंजाब सरकार की ओर से महिलाओं के लिए शुरू की गई मुफ्त बस यात्रा योजना अब संकट में घिरती नजर आ रही है। इस योजना के तहत पंजाब रोडवेज पर 1200 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया हो चुका है। साथ ही, बसों को चलाने के लिए डीजल तक उपलब्ध नहीं है। पठानकोट रोडवेज डिपो में डीजल खत्म होने के कारण शुक्रवार को चक्का जाम हो गया, जिससे चंडीगढ़, अमृतसर, जालंधर और गुरदासपुर जैसे विभिन्न रूटों पर बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। इससे यात्रियों, खासकर महिलाओं और छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पठानकोट बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ जमा हो गई।रोडवेजड बसों के न चलने से कई लोगों को निजी बसों का सहारा लेना पड़ा। छात्राओं और महिलाओं को किराया देकर यात्रा करनी पड़ी, जिससे सरकार की मुफ्त यात्रा योजना पर सवाल उठने लगे। पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के प्रधान जोगिंद्र पाल सिंह लवली ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब रोडवेज डिपो को डीजल के लिए बजट तक नहीं मिल रहा। पठानकोट डिपो में डीजल की कमी के कारण बसें खड़ी हैं और कुछ रूटों पर जो बसें चलीं, वे कल के बचे हुए डीजल से चलाई गईं। इन बसों में भी ओवरलोडिंग की समस्या देखी गई। जोगिंद्र पाल ने बताया कि सरकार मुफ्त बस सेवा का दावा तो कर रही है, लेकिन इसके लिए जरूरी बजट जारी करने में नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किलोमीटर स्कीम को बरकरार रख रही है, जिसका टेंडर 31 अक्टूबर को फिर से खोला जाएगा। यूनियन ने इस टेंडर का विरोध करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह स्कीम रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। यात्रियों ने भी सरकार से नाराजगी जताई। उनका कहना है कि मुफ्त यात्रा का वादा तो किया गया, लेकिन बसें ही नहीं चल रही हैं। हमें मजबूरी में किराया देकर निजी बसों में जाना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में “जीरो पावर्टी अभियान” को एक मिशन के रूप में संचालित करने का लिया है संकल्प

लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में “जीरो पावर्टी अभियान” को एक मिशन के रूप में संचालित करने का संकल्प लिया है। उनके विजन का लक्ष्य स्पष्ट है—राज्य के हर गरीब परिवार को सरकारी योजनाओं का सम्पूर्ण लाभ दिलाना, ताकि कोई भी परिवार बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहे। इसके तहत पहले चरण में जहां सात प्रमुख योजनाओं (राशन कार्ड, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना) के माध्यम से चिन्हित परिवारों को आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया था, वहीं अब दूसरा चरण और अधिक व्यापक होने जा रहा है। अभियान के दूसरे चरण में अब प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जलजीवन मिशन, विद्युत कनेक्शन, शिक्षा तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य प्रत्येक गरीब परिवार को ऊर्जा, स्वच्छता, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन की बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। हर गरीब को सम्मानजनक जीवन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि “जीरो पावर्टी” केवल योजना न रहे, बल्कि एक सामाजिक संकल्प बन जाए। उनका स्पष्ट संदेश है कि यह अभियान न सिर्फ लाभ पहुंचाने का प्रयास है, बल्कि “गरीबी के चक्र को स्थायी रूप से तोड़ने” का एक मॉडल है, जो उत्तर प्रदेश को गरीबीमुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित होगा। यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस “योगी मॉडल ऑफ डेवलपमेंट” की मिसाल है, जिसमें विकास केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि हर गरीब परिवार के जीवन में दिखता है। जहां प्रधानमंत्री मोदी का “सबका साथ, सबका विकास” नारा है, वहीं मुख्यमंत्री योगी का विजन उसे धरातल पर “जीरो पावर्टी” के रूप में साकार कर रहा है। योजनाओं का मिलेगा लाभ तो जीवन होगा खुशहाल दूसरे चरण में अटल आवासीय योजना भी अभियान का अहम हिस्सा है। इसके तहत निराश्रित बच्चों को सुरक्षित आवासीय शिक्षा से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। वहीं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत कमजोर वर्ग की बालिकाओं को उनके विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी। इसी तरह, मुख्यमंत्री का निर्देश है कि सभी अनाथ बच्चों को बाल सेवा योजना में नामांकित किया जाए, जिससे उन्हें योजना का लाभ मिल सके। परिवार के सभी बच्चों का स्कूल में नामांकन सुनिश्चित हो और यदि नामांकन न हुआ हो तो तत्काल कराया जाए। साथ ही, सभी पात्र परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन दिए जाने पर भी जोर है, ताकि घरेलू महिलाएं सेफ कुकिंग फ्यूल का उपयोग सुनिश्चित कर सकें। वहीं, एसबीएम ग्रामीण के तहत सभी हाउसहोल्ड में सैनिटरी टॉयलेट्स की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। जलजीवन मिशन के अंतर्गत सभी घरों में स्वच्छ पेयजल और इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन योजना के अंतर्गत समस्त पात्रों को रेगुलर इलेक्ट्रिसिटी प्रदान करने का लक्ष्य है। गरीबी की पहचान और समग्र सुधार जीरो पावर्टी के तहत चिन्हीकरण में उन परिवारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिनके पास कृषि भूमि नहीं है, पक्का मकान नहीं है, या जिनके सदस्य वृद्ध, निराश्रित, अनाथ अथवा दिव्यांग हैं। साथ ही शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित युवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है। यह मॉडल “डेमोग्रॉफी, असेट ओनरशिप और एजूकेशन एंड एंप्लॉयबिलिटी” के तीन स्तंभों पर आधारित है, जो गरीबी के मूल कारणों को दूर करने की दिशा में ठोस कदम है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर के सभी अधिकारी इस अभियान को अपनी जिम्मेदारी समझें और 100% कवरेज सुनिश्चित करें।

सफाई का जायजा लेने बुड्ढा नाला पहुंचे राज्यपाल, अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

लुधियाना  पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया शुक्रवार को लुधियाना में ताजपुर रोड स्थित बुड्ढा नाला पहुंचे। उन्होंने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा बुड्ढा नाले की सफाई के लिए चलाए जा रहे अभियान का जायजा लिया। बता दें कि बुड्ढा नाले का प्रदूषण सतलुज नदी के जरिए मालवा से लेकर राजस्थान तक कहर बरपा रहा है। गुलाब चंद कटारिया खुद राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए वे लगातार इस अभियान की समीक्षा कर रहे हैं। वे इस मुद्दे पर चंडीगढ़ में अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं और कई बार घटनास्थल का दौरा भी कर चुके हैं। आज के दौरे के दौरान राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने बुड्ढा नाले की सफाई के काम का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस मौके पर उनके साथ राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल भी मौजूद थे। 

छठ पूजा की तैयारी जोरों पर, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद संभाली कमान

नई दिल्ली  दिल्ली में आस्था के महापर्व छठ की तैयारी पूरे जोश और श्रद्धा के साथ जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कई छठ घाटों का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि सरकार छठ की तैयारियों के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विधायक संदीप सहरावत ने शुक्रवार को पहले भव्य पोचनपुर छठ घाट का उद्घाटन किया और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, "पूरी दिल्ली में लगभग 1,500 स्थानों पर छठ घाट बनाए गए हैं और सभी तैयारियां जोरों पर हैं। इसके अलावा, यमुना नदी के किनारे कई किलोमीटर तक 17 अलग-अलग स्थानों पर विशेष घाट बनाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को छठ पूजा करने के लिए उचित सुविधाएं मिल सकें।" भाजपा विधायक संदीप सहरावत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमारी मुख्यमंत्री ने पोचनपुर छठ घाट का उद्घाटन किया और स्वयं सभी तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी तैयारियों की समीक्षा की। मैं मुख्यमंत्री को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।" इसके बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया, जिसमें छठ घाट, 153 गलियां, सीवर व पानी की लाइनें और गणेश नगर कॉम्प्लेक्स में एक पुलिया शामिल है। उन्होंने धोबी समुदाय के लोगों को इलेक्ट्रिक आयरन बांटे और भाजपा की ओर से यमुना घाटों पर किए गए इंतजामों के बारे में बताया, जिससे पूर्वांचल के लोग बिना किसी परेशानी के छठ पूजा कर सकें। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "यह घाट न सिर्फ पूर्वांचली भाई-बहनों की आस्था का प्रतीक है, बल्कि दिल्ली के सांस्कृतिक गौरव और सहभागिता की पहचान भी बनेगा।" मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लिखा, "भाजपा सरकार के नेतृत्व में जिस समर्पण और संवेदनशीलता से छठ महापर्व की तैयारियां की जा रही हैं, वह अभूतपूर्व है। इस बार यमुना किनारे जब हमारी बहनें सूर्य देव को अर्घ्य देंगी, तो वे स्वच्छ और निर्मल जल में खड़ी होकर अपनी प्रार्थनाएं अर्पित करेंगी। यह नया घाट दिल्ली में आस्था और विकास के संगम का प्रतीक है।"