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इंदौर के द्वारकापुरी इलाके में ड्यूटी पर तैनात एक जवान ने खुद को गोली मार ली

इंदौर  इंदौर के द्वारिकापुरी थाना क्षेत्र में शुक्रवार तड़के करीब 5 बजे पुलिस विभाग में तैनात 28 वर्षीय सिपाही अनुराग भागोर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना दिग्विजय मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के एक फ्लैट में हुई। आत्महत्या के समय अनुराग के साथ सिपाही मोहित भी मौजूद था। मोहित ने बताया कि अनुराग ड्यूटी के दौरान आ रहे फोन कॉल्स रिसीव नहीं कर रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को जिला अस्पताल भिजवाया गया। पत्नी से विवाद की आशंका, 7 दिन से मायके में रह रही थी शुरुआती जांच में सामने आया है कि अनुराग का अपनी पत्नी रानू से विवाद चल रहा था। डेढ़ साल पहले दोनों ने प्रेम विवाह किया था। रानू धार जिले के मांडव की रहने वाली है और बीते सात दिनों से अपने मायके में है। जानकारी के अनुसार, पत्नी का भाई करंट लगने से घायल हो गया था और उसका इलाज अरविंदो हॉस्पिटल में चल रहा है। अनुराग ड्यूटी के कारण घर और अस्पताल नहीं जा पा रहा था, जिससे दोनों के बीच तनाव की स्थिति बन गई थी। अनुराग का ट्रांसफर बना तनाव का कारण, दस साल से था विभाग में अनुराग मूल रूप से अलीराजपुर का रहने वाला था। इससे पहले वह सर्राफा थाने में पदस्थ था, लेकिन हाल ही में उसका ट्रांसफर द्वारिकापुरी थाने में हुआ था। परिजनों के अनुसार ट्रांसफर के बाद उसका ड्यूटी शेड्यूल और ज्यादा कड़ा हो गया था। अनुराग के परिवार में बड़ा भाई अविनाश और छोटा भाई देवेंद्र है। वह तीन भाइयों में मंझला था। पिता वेटरनरी विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बुआ के बेटे राजेंद्र ने बताया कि अनुराग पिछले दस साल से पुलिस विभाग में कार्यरत था। आईडीए की बिल्डिंग में तैनात था अनुराग, फ्लैट पुलिस विभाग को अलॉट जिस फ्लैट में यह दर्दनाक घटना हुई, वह इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईडीए) की मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में स्थित है। यहां अक्सर नशाखोरी और विवाद की घटनाएं होती रहती हैं, इसलिए पुलिस बल की ड्यूटी लगाई जाती है। अनुराग भी यहां ड्यूटी पर तैनात था। यह फ्लैट पुलिस विभाग को आवंटित किया गया है। पड़ोसी श्यामलाल बामनिया, जो पंडिताई का कार्य करते हैं, ने बताया कि वे रात 11 बजे शादी से लौटे थे, लेकिन किसी तरह की कोई आवाज उन्हें नहीं सुनाई दी।    

इंदौर एयरपोर्ट पहली बार 6 महीने में 22 लाख यात्रियों ने भरी उड़ान, आंकड़ा 40 लाख पार करने की ओर; पिछले साल से 3 लाख ज्यादा

इंदौर  इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने इस साल यात्रियो के आंकड़े में लंबी छलांग लगाई है। इंदौर एयरपोर्ट के इतिहास में इस साल पहली बार 6 महीने में ही यात्रियों की संख्या 22 लाख को पार कर गई है।  इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी के मिली रिपोर्ट के अनुसार जून में कुल 2,712 उड़ानों का संचालन हुआ, जबकि मई में यह संख्या 2,890 थी। बावजूद इसके, जून में कुल 3,67,664 यात्रियों ने सफर किया, जो मई के मुकाबले करीब 1,896 ज्यादा है। ट्रैवल एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अमोल कटारिया के अनुसार, जुलाई में स्कूल-कॉलेज खुलने से यात्रियों की संख्या कम हो सकती है। जनवरी से जून 2025 के बीच इंदौर एयरपोर्ट से कुल 16,735 उड़ानों का संचालन हुआ और 22,05,576 यात्रियों ने सफर किया। यह पहली बार है जब छह माह में इंदौर एयरपोर्ट की यात्री संख्या 22 लाख के पार पहुंची है। वहीं ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि अप्रैल में हुए आतंकी घटनाक्रम के बाद उत्तर भारत का पर्यटन प्रभावित हुआ था। लेकिन जून में हालात सामान्य होने से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे हिल स्टेशनों की ओर एक बार फिर पर्यटक लौटे, जिससे यात्री संख्या में उछाल आया। इंदौर एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या माह        2023         2024       2025 जनवरी    248231    320079    377207 फरवरी    259988    313541    362458 मार्च    273364    334785    369372 अप्रैल    289399    295665    363107 मई    352326    318326    365768 जून    305511    311576    367664 40 लाख के आंकड़े को पार कर जाएगा इस साल यात्रियों का आंकड़ा इंदौर एयरपोर्ट से बढ़ते यात्रियों के आंकड़ों को देखते हुए इस सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर यात्रियों के बढ़ने का यहीं ट्रेंड रहा तो यहां के 87 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब यात्रियों का आंकड़ा 40 लाख को पार कर जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी 2023 से 31 जून 2023 तक इंदौर एयरपोर्ट से 17 लाख 1 हजार 819 यात्रियों ने सफर किया था। वहीं पिछले साल यानी 1 जनवरी 2024 से लेकर 31 जून 2024 तक 18 लाख 93 हजार 972 यात्रियों ने सफर किया था। वहीं इस साल 1 जनवरी 2025 से 30 जून 2025 तक 22 लाख 5 हजार 576 यात्री इंदौर एयरपोर्ट से यात्रा कर चुके हैं। यानी कि इस साल 2024 के मुकाबले 3 लाख 11 हजार 604 यात्री ज्यादा इंदौर एयरपोर्ट पर आना-जाना कर चुके हैं। इन आंकड़ों ने इंदौर को एक बार फिर सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना दिया है। इंदौर एयरपोर्ट से उड़ानों का संचालन माह        2023    2024    2025 जनवरी    2095    2520    2861 फरवरी    1928    2568    2637 मार्च    2159    2642    2872 अप्रैल    2375    2482    2763 मई    2542    2589    2890 जून    2400    2502    2712 2019 में 30 लाख यात्रियों ने किया था सफर 2023 में इंदौर एयरपोर्ट से 35 लाख 39 हजार 406 यात्रियों ने सफर किया है। उड़ानों और यात्रियों की संख्या के मान से यह इतिहास में इंदौर के सबसे बड़े आंकड़े हैं। इससे पहले साल 2019 में इंदौर से 30 लाख 24 हजार 364 यात्रियों ने सफर किया था।  

प्रदेश में युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार :अब कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं

रायपुर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और संतुलित बनाने की दिशा में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से बेहतर परिणाम मिले हैं। प्रदेश में युक्तियुक्तकरण के पूर्व कुल 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे। युक्तियुक्तकरण के पश्चात एक भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है। इसी प्रकार युक्तियुक्तकरण के पश्चात प्रदेश के 5936 एकल शिक्षकीय विद्यालयों में से 4728 विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना की गई है जो कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सार्थक कदम है, जिससे निःसंदेह उन विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा। बस्तर एवं सरगुजा संभाग के कुछ जिलों में शिक्षकों की कमी के कारण लगभग 1208 विद्यालय एकल शिक्षकीय रह गये हैं। निकट भविष्य में प्रधान पाठक एवं व्याख्याता की पदोन्नति तथा लगभग 5000 शिक्षकों की सीधी भर्ती के द्वारा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पूर्ति कर दी जावेगी, जिससे कोई भी विद्यालय एकल शिक्षकीय नहीं रहेगा तथा अन्य विद्यालयों में भी जहां शिक्षकों की कमी है, शिक्षकों की पूर्ति की जाएगी। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया, शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निहित प्रावधानों के तहत की गई है, प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्तर पर 2008 के सेटअप की प्रासंगिकता नहीं रह गई है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त पाये गये, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।

MP के 31 जिलों में आज और कल भारी बारिश के आसार, जबलपुर-अमरकंटक नेशनल हाईवे बंद, नर्मदा नदी में मंदिर डूबा

भोपाल  मध्यप्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। टीकमगढ़ में गुरुवार रात 12 बजे से सुबह 7:30 बजे तक भारी बारिश हुई। करीब 8 घंटे में 6 इंच पानी गिर गया। शुक्रवार सुबह जब लोगों की नींद खुली तो घरों में पानी भर गया था।  डिंडौरी में 24 घंटे में 7 इंच बारिश हुई है, यहां सड़कों पर दो फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है। सिवनी नदी का पानी पुल पर आने से जबलपुर-अमरकंटक नेशनल हाईवे बंद हो गया है। जिले में नर्मदा नदी में मंदिर डूब गया। वहीं, गुना में शुक्रवार अलसुबह हुई तेज बारिश के बाद कई इलाकों में पानी भर गया। सड़कें तालाब बन गईं। एबी रोड पर तीन फीट तक जमा है। यहां गाड़ियां भी डूब गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, श्योपुर, शिवपुरी और गुना में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। अगले 24 घंटे में यहां 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, विदिशा, रायसेन, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, राजगढ़, अशोकनगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, कटनी, मैहर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में भारी बारिश हो सकती है। बाकी जिलों में भी बारिश का दौर बना रहेगा। मानसूनी द्रोणिका मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। अलग-अलग स्थानों पर चार मौसम प्रणालियां भी सक्रिय हैं। इस वजह से अधिकतर जिलों में रुक-रुककर हल्की से मध्यम स्तर की बारिश (Rain in Madhya Pradesh) हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, शुक्रवार-शनिवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। शेष क्षेत्रों में भी बौछारें पड़ने के असार हैं। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी में आज और कल भारी आरिश के आसार हैं। एमपी के उत्तरी क्षेत्र में हो रही अच्छी बारिश उत्तर-पूर्वी अरब सागर से बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल एवं उससे लगे उत्तरी ओडिशा पर बने चक्रवात से होकर जा रही है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि मौजूदा मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्य प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में ही अच्छी बारिश हो रही है। गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रीवा में 23, खजुराहो में 21, दतिया में 19, मंडला में 16, मलाजखंड में 14, शिवपुरी में 12, दमोह में नौ, उमरिया में पांच, इंदौर एवं जबलपुर में चार, सीधी में दो और भोपाल में एक मिलीमीटर बारिश हुई। श्योपुर और खजुराहो के ऊपर बनी है मानसून द्रोणिका मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, मानसून द्रोणिका वर्तमान में बीकानेर, श्योपुर, खजुराहो, डाल्टनगंज, दीघा से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। पश्चिमी राजस्थान के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात सक्रिय है। पश्चिम बंगाल और उससे लगे उत्तरी ओडिशा पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात है, जो दक्षिण-पश्चिम की तरफ झुका हुआ है।

सीएम मोहन यादव स्टूडेंट्स को दिया मेगा गिफ्ट, 94,234 छात्रों को लैपटॉप के लिए 25-25 हजार रुपए की सहायता राशि बैंक खातों में की ट्रांसफर

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार, 4 जुलाई को राज्य के 94,234 मेधावी छात्रों को लैपटॉप खरीदने के लिए 25-25 हजार रुपए की सहायता राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की। यह राशि “प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना” के तहत दी जा रही है। इस योजना के लिए राज्य सरकार कुल 238 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह और जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. विजय शाह भी पहुंचे है। 75% या उससे अधिक अंक लाने वाले छात्रों को मिली राशि मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को यह लाभ मिला। योजना के तहत छात्रों को सीधे उनके बैंक खाते में ₹25,000 की राशि भेजी जाती है ताकि वे अपनी पसंद का लैपटॉप खरीद सकें। इस साल 94 हजार 234 छात्रों को कुल ₹235.58 करोड़ की राशि दी गई। सीएम ने कहा- यह आर्थिक मदद नहीं, प्रतिभा का सम्मान है मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस योजना को सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि प्रदेश की मेधा शक्ति को सम्मान देने का प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि आज के युग में तकनीक सफलता की कुंजी है, और एक लैपटॉप छात्रों को भविष्य संवारने में मदद कर सकता है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सभी जिलों में किया जाएगा। जिला स्तरीय कार्यक्रमों में मंत्रीगण, सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि भाग लेंगे। 500 से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक इस राज्य स्तरीय आयोजन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होंगे। पिछले साल भी 89 हजार से ज्यादा छात्रों को मिली थी राशि 2023-24 में सरकार ने 89,710 छात्रों को ₹224.27 करोड़ की राशि दी थी। यह योजना वर्ष 2009-10 से लागू है। पिछले 15 वर्षों में अब तक 4.32 लाख विद्यार्थियों को लगभग ₹1,080 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस अवसर पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। देवास में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, शहडोल में राजेन्द्र शुक्ल, सिवनी में करण सिंह वर्मा, सिंगरौली में संपतिया उइके, और ग्वालियर में तुलसीराम सिलावट सहित अन्य मंत्रीगण, सांसद और विधायक उपस्थित रहेंगे।  

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का विजन – विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लिए डिजिटल क्रांति को नई गति देने पर बल

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि विकसित भारत 2047 के साथ विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्यों को पूर्ण करने एवं सहज, सरल, त्वरित और पारदर्शिता के साथ सुचारू शासन की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों, विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा संभागों में नए मोबाइल टॉवर लगाने तथा फाइबर नेटवर्क लाइन बिछाने जैसे कार्यों में तेजी लाई जाए। आने वाले समय में राज्य में समय सीमा के भीतर चरणबद्ध रूप से 5,000 से अधिक मोबाइल टॉवर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0 के माध्यम से वर्तमान में विभिन्न विभागों की 85 ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार करते हुए 250 अन्य ऑफलाइन सेवाओं को भी ऑनलाइन सेवाओं में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त होगा, तो इससे समय की बचत होगी तथा कार्यालय आने-जाने में होने वाला खर्च भी कम होगा। इसके साथ ही टीयर-थ्री के अनुरूप स्टेट डाटा सेंटर को अपग्रेड करने की भी बात कही गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में प्रदेश में विभाग द्वारा संचालित प्रमुख परियोजनाओं—अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, नियद नेल्लानार एवं L.W.E. सैचुरेशन डैशबोर्ड, भारतनेट फेस-2, छत्तीसगढ़ स्टेट डाटा सेंटर (CGSDC), आधार एनरोलमेंट इन-हाउस मॉडल, ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0, सीजी स्वान, ई-प्रोक्योरमेंट तथा कैपेसिटी बिल्डिंग सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। इस दौरान प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक ने विगत सवा साल में विभाग द्वारा अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विगत 4 वर्षों से लंबित डाटा सेंटर के अपग्रेडेशन की निविदा प्रक्रिया पूर्ण की गई, खनिज 2.0 पोर्टल का गो लाइव किया गया, वाई-फाई मंत्रालय योजना तथा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल सफलतापूर्वक शुरू हुए। इसके साथ ही भारतनेट फेज-2 परियोजना का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया एवं अटल मॉनिटरिंग पोर्टल डैशबोर्ड का निर्माण कर 19 विभागों की 100 योजनाओं के KPI इसमें प्रदर्शित किए गए हैं। इस बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभात मलिक सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री यादव आज अनूपपुर और सिंगरौली में आयोजित कार्यक्रम में 950 करोड़ के विकास कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण करेंगे

अनूपपुर  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 4 जुलाई को अनूपपुर जिले में 443.31 करोड़ रूपये लागत के 114 विकास कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण और सिंगरौली में आयोजित कार्यक्रम में 503 करोड़ 9 लाख 19 हजार रूपये लागत के 54 विकास कार्यों की सौगात देंगे। कोतमा में लोकार्पण-भूमिपूजन मुख्यमंत्री डॉ. यादव अनूपपुर जिले के कोतमा में आयोजित कार्यक्रम में जल संसाधन एक, मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के 28, राजस्व के एक, लोक शिक्षण/स्कूल शिक्षा के 2, राज्य शिक्षा केंद्र के 21, लोक निर्माण विभाग के 2, नगरीय प्रशासन एवं विकास के 3, जनजातीय कार्य के एक, मध्यप्रदेश भवन विकास निगम के एक और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के एक कुल 61 कार्यों का भूमि-पूजन करेंगे। जिनकी अनुमानित लागत 365.39 करोड़ रुपये है। साथ ही 9 विभागों के 53 कार्यों जिनकी लागत 77.92 करोड़ रुपये है का लोकार्पण करेंगे।   सिंगरौली जिले में लोकार्पण और शिलान्यास मुख्यमंत्री सिंगरौली जिले के सरई में हायर सेकण्डरी स्कूल परिसर में जनजातीय और महिला सम्मेलन में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री सम्मेलन में सिंगरौली जिले को 503 करोड़ 9 लाख 19 हजार रुपए के 54 निर्माण कार्यों की सौगात देंगे। समारोह में मुख्यमंत्री 104 करोड़ 67 लाख 26 हजार रुपए की लागत के 20 निर्माण कार्यों का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री 398 करोड़ 41 लाख 93 हजार रुपए की लागत के 34 निर्माण कार्यों का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सिंगरौली जिले में सांदीपनि हायर सेकण्डरी स्कूल चकरिया एवं हिरवाह, विद्युत सब स्टेशन हरफरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन, 8 सड़कों का डामरीकरण, कालेज भवन बरगवां, लोक सेवा केन्द्र माड़ा एवं सरई और आयुष विंग के निर्माण कार्यों का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 11 सड़क, मेडिकल कालेज में 400 बिस्तर के अस्पताल भवन, एकल नल जल योजनाओं, नगर निगम सिंगरौली में सड़क निर्माण, नाली निर्माण सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव विधानसभा क्षेत्र चितरंगी के 13, विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली के 25, विधानसभा क्षेत्र देवसर के 15 तथा विधानसभा क्षेत्र धौहनी के एक निर्माण कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण करेंगे।  

लमना में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का किया गया आयोजन: मंत्री लखन लाल देवांगन

रायपुर : शिक्षा हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी: मंत्री लखन लाल देवांगन नव प्रवेशी विद्यार्थियों का किया गया अभिनंदन और दी गई पाठ्य सामग्री: मंत्री लखन लाल देवांगन लमना में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का किया गया आयोजन: मंत्री लखन लाल देवांगन रायपुर वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने आज कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम लमना में शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित बच्चों को देश का बेहतर नागरिक बनने और प्रतिदिन स्कूल आकर पढ़ाई करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि सभी विद्यार्थी शिक्षा अर्जन कर बेहतर नागरिक बनें। शिक्षा हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है, जिसका बंटवारा नहीं किया जा सकता। शिक्षा से ही देश की प्रगति होती है। घर का एक व्यक्ति शिक्षित होने पर परिवार जागरूक और शिक्षित होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है और विद्यार्थियों का भविष्य गढ़ने का काम कर रही है। मंत्री देवांगन ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री का वितरण करने के साथ उनका स्वागत अभिनंदन कर शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया।       मुख्य अतिथि देवांगन ने उपस्थित ग्रामीणों से अपने बच्चों को प्रतिदिन स्कूल भेजने तथा बच्चों की पढ़ाई लिखाई में स्वयं रूचि लेते हुए बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। मंत्री देवांगन ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक होता है तथा बेहतर नागरिक बन पाता है। उन्होंने कहा कि शासन का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा स्कूल न छोड़े, उनकी नियमित उपस्थिति बनी रहे एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। हम सबको मिलकर प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दिलाने में अपना अमूल्य योगदान प्रदान करना चाहिए जिससे प्रत्येक बच्चा शिक्षा के माध्यम से समग्र रूप से विकसित होकर उज्ज्वल भविष्य की मंजिल पा सके। मंत्री देवांगन ने कोरबा जिले में विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने शुरू की गई कोचिंग व्यवस्था, स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति, नाश्ते की व्यवस्था, भृत्यों की नियुक्ति की बात कहते हुए कहा कि इससे जिले के स्कूलों में आवश्यक व्यवस्था सुधरेगी और शिक्षा का बेहतर माहौल बनेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कल्याणकारी कार्यों को बताते हुए श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी दी और ग्रामीणों से इसका लाभ उठाने की अपील की। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री देवांगन सहित अन्य अतिथियों द्वारा स्कूली छात्राओं को सायकिल प्रदान किया गया।      इस अवसर पर स्थानीय विधायक तुलेश्वर मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह ने भी विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया। कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। समाज में अपनी पहचान बनाने के साथ अपना बेहतर भविष्य का निर्माण भी शिक्षा के माध्यम से किया जा सकता है। इस अवसर पर “एक पेड़ मां के नाम“ अभियान तहत वृक्षारोपण किया गया एवं छात्रों को भी वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया गया। इस दौरान विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं, पालकगण, स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा छात्र-छात्राएं प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

सारंगढ़ नगर पालिका में दो करोड़ तथा पवनी, भटगांव और सरसींवा नगर पंचायत में एक-एक करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की

रायपुर उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज जिला मुख्यालय सारंगढ़ सहित जिले के तीन नगर पंचायतों पवनी, भटगांव और सरसींवा में नवनिर्मित अटल परिसरों का लोकार्पण किया। उन्होंने इस दौरान तीनों नगर पंचायतों में एक-एक करोड़ रुपए और सारंगढ़ नगर पालिका में दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की। उन्होंने सारंगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के हितग्राहियों को उनके नवनिर्मित आवासों की चाबी भी सौंपी। सांसद राधेश्याम राठिया भी लोकार्पण कार्यक्रमों में शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने चारों नगरीय निकायों में अटल परिसरों का लोकार्पण करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता हैं। अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। उनके सम्मान में राज्य के सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने शहरवासियों से अपील की कि वे अटल जी की गरिमा के अनुरूप अटल परिसर को हमेशा साफ-सुथरा रखें और वहां अच्छा वातावरण बनाए रखें।   उप मुख्यमंत्री साव ने अटल परिसरों के लोकार्पण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नगर पंचायत पवनी में जल आवर्धन योजना के लिए पांच करोड़ 30 लाख रुपए और 26 परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं। शहर के विकास के लिए एक करोड़ 64 लाख रुपए की पार्षद निधि भी प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि भटगांव नगर पंचायत में 14 करोड़ रुपए लागत की जल आवर्धन योजना का कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही वहां विभिन्न विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ 76 लाख रुपए तथा 99 परिवारों के लिए तीन करोड़ पांच लाख रुपए के पीएम आवास मंजूर किए गए हैं।  उप मुख्यमंत्री साव ने अपने संबोधन में कहा कि सभी शहरों का समग्र विकास सरकार की प्राथमिकता में है।  उन्होंने बताया कि सरसींवा नगर पंचायत में दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों की स्वीकृति दी गई है। हर घर में नल कनेक्शन के लिए साढ़े आठ करोड़ रुपए और 31 परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास भी मंजूर किए गए हैं। साव ने बताया कि सारंगढ़ नगरपालिका में विभिन्न विकास कार्यों के आठ करोड़ 18 लाख रुपए, नाली निर्माण के लिए छह करोड़ 40 लाख रुपए और 250 सीटर नालंदा लाइब्रेरी परिसर के लिए चार करोड़ 41 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय भूषण पाण्डेय, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, श्रीमती केराबाई मनहर और सुकामदा जोल्हे, पवनी नगर पंचायत के अध्यक्ष कुलदीपक साहू, भटगांव नगर पंचायत के अध्यक्ष विक्रम कुर्रे, सरसींवा नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती गुलेचन बंजारे, कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे, पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय सहित चारों नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पार्षदगण, गणमान्य नागरिक और शहरवासी भी अटल परिसरों के लोकार्पण के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद थे। 

पहली से दसवीं तक के विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित ,यह जिम्मेदारी पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा पूरी गंभीरता से निभाई

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्राइवेट स्कूलों को बारकोड स्कैनिंग के लिए 7 दिवस की दी मोहलत पाठ्यपुस्तक वितरण प्रक्रिया में आई तकनीकी समस्याओं पर लिया गया त्वरित निर्णय  पहली से दसवीं तक के विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित ,यह जिम्मेदारी पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा पूरी गंभीरता से निभाई रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के छात्रों को समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजा पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा पहली से दसवीं तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित की जा रही हैं। यह जिम्मेदारी पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा पूरी गंभीरता से निभाई जा रही है। पाण्डेय ने बताया कि पिछले शिक्षा सत्र में सामने आई कुछ अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष प्रत्येक पुस्तक पर दो बारकोड लगाए गए हैं।एक प्रिंटर की पहचान के लिए और दूसरा पुस्तक के गंतव्य विद्यालय की पहचान के लिए। इस वर्ष कुल 2 करोड़ 41 लाख किताबें मुद्रित की गईं, जो 17-18 जून 2025 तक सभी डिपो में पहुँचा दी गईं। शासकीय विद्यालयों की कक्षा 9वीं, 10वीं की पुस्तकें स्कूलों तक पहुंचा दी गई है तथा स्कूलों में बारकोड स्कैनिंग का कार्य भी 90 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। इसी तरह आत्मानंद विद्यालयों में भी पुस्तकों का वितरण तेजी से किया जा रहा है और 60 प्रतिशत किताबें पहुँच चुकी हैं, शेष कुछ ही दिनों में पहुँचा दी जाएंगी। प्राइवेट विद्यालयों को इस बार बारकोड स्कैनिंग के पश्चात ही पुस्तकें डिपो से प्रदान की जा रही हैं, जबकि पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से यह प्रक्रिया की जाती थी। हालांकि, बीते तीन दिनों में डिपो में स्थान की कमी और स्कैनिंग प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता की कमी के कारण समस्याएं उत्पन्न हुईं। इस संबंध में जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अवगत कराया गया और बताया गया कि 1100 से अधिक सरस्वती शिक्षा मंदिर सहित बड़ी संख्या में प्राइवेट विद्यालयों को पुस्तकें मिलनी हैं, तब मुख्यमंत्री जी ने शीघ्र निर्णय लेते हुए निर्देशित किया कि सभी प्राइवेट विद्यालय अपनी आवश्यकता अनुसार जिलेवार किताबें डिपो से प्राप्त करें तथा 7 दिवस के भीतर अपने विद्यालय में बारकोड स्कैनिंग पूर्ण करें। मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय की सराहना करते हुए अध्यक्ष पाण्डेय ने कहा कि यह शिक्षा के प्रति उनकी संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि सभी बच्चों की पढ़ाई समय पर शुरू हो सके और कोई भी छात्र पुस्तक के अभाव में पीछे न रह जाए। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल एक बार फिर यह साबित करती है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित और सजगता से कार्य कर रहा है।