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सरसों तेल में बस ये एक चीज़ मिला लें, बाल बनेंगे रेशमी, घने और चमकदार

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और प्रदूषण भरे माहौल में घने, लंबे और काले बाल एक सपना बनते जा रहे हैं। उस पर से बाजार में केमिकल वाले महंगे प्रोडक्ट्स बालों को नुकसान ही ज्यादा पहुंचाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में छिपा है बालों की खूबसूरती का राज? जी हां, सरसों का तेल और मेथी दाना, यह दोनों मिलकर एक जादुई नुस्खा तैयार करते हैं जो आपके बालों को घना, लंबा, काला और रेशम जैसा मुलायम बना सकता है। आइए इस आयुर्वेदिक कॉम्बिनेशन के गुणों और इस्तेमाल के तरीके के बारे में जानते हैं। सरसों का तेल- बालों के लिए वरदान सरसों के तेल को आयुर्वेद में बालों के लिए अमृत माना गया है। इसमें मौजूद गुण बालों की जड़ों से लेकर सिरों तक पोषण पहुंचाते हैं।     गर्म तासीर- सरसों के तेल की गर्म तासीर सिर की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है। इससे बालों की जड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण पहुंचता है, जिससे बालों का झड़ना कम होता है और नए बाल तेजी से उगते हैं।     एंटी-बैक्टीरियल गुण- यह तेल स्कैल्प पर होने वाले इन्फेक्शन, रूसी और फंगस को दूर रखता है, जिससे बालों का बेहतर विकास होता है।     ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन- सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन-ई और एंटीऑक्सीडेंट्स बालों को अंदर से मजबूत बनाते हैं, उनकी चमक बढ़ाते हैं और समय से पहले सफेद होने से रोकते हैं। मेथी दाना- बालों का सुपरफूड मेथी दाने में प्रोटीन, निकोटिनिक एसिड और लेसिथिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।     प्रोटीन का भंडार- बाल मुख्य रूप से प्रोटीन से बने होते हैं। मेथी दाना बालों को प्रोटीन देकर उन्हें मजबूती देता है और टूटने से बचाता है। इससे बाल लंबे और घने बनते हैं।     बाल झड़ने को रोकना- मेथी में हार्मोन बैलेंस करने वाले गुण होते हैं, जो हार्मोनल इंबैलेंस के कारण होने वाले बाल झड़ने की समस्या को कम करते हैं।     कंडीशनिंग प्रॉपर्टीज- मेथी दाना बालों को प्राकृतिक रूप से कंडीशन करके उन्हें मुलायम, चमकदार और सिल्की बनाता है।     रूसी दूर करना- इसके एंटी-फंगल गुण सिर की रूसी और खुजली को जड़ से खत्म करते हैं। कैसे तैयार करें यह जादुई तेल? 4-5 चम्मच सरसों का तेल में  2 चम्मच मेथी दाना मिलाकर गर्म कर लें। इस तेल को हल्का ठंडा होने दें और एक बोतल में भरकर रख लें। हफ्ते में दो दिन इस तेल से बालों की मालिश करें।  

मुहांसों से छुटकारा पाने के आसान घरेलू उपाय

आजकल चेहरे पर मुहांसे होना एक आम समस्या है लेकिन ये मुहांसे चेहरे की सुंदरता को न केवल खत्म कर देता है बल्कि इसके दाग आपके चेहरे के ग्लो में एक दाग भी बन सकता है। मुहांसे किसी को भी हो सकते हैं चाहे लड़का हो या लड़की ऐसे में दादी मां के नुस्खे आपके लिए रामबाण सिद्ध हो सकते हैं। हम आपको कुछ घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जिनको अपना कर आप मुहासों से छुटकारा पा सकते हैं…   -संतरे के सूखे छिलके में थोड़ी सी बारीक पीसी और छानी मुल्तानी मिट्टी मिलाइए और गुलाब जल में घोल लें। घना घोल मुहासों और पूरे चेहरे पर लगाइए। आधे घंटे बाद चेहरा गुनगुने पानी के साथ धो लें। 2 हफ्तों में चेहरा मुहासों से मुक्त हो जाएगा।   -नीबू का रस 4 गुणा ग्लिसरीन में मिला कर चेहरे पर रगडने से मुहासे दूर हो चेहरा सुंदर हो जाता है।   -मसूर की दाल पानी में भिगो कर कच्चे दूध में पीस कर सुबह-शाम चेहरे पर लगाओ। 10 मिनट के बाद गर्म पानी से चेहरा धो लो।   -5-10 काली मिर्चों को गुलाब जल में पीस कर चेहरे पर लगाओ। प्रातःकाल चेहरा धो लो। कुछ ही दिनों में मुहासे दूर हो जाएंगे।   -30 ग्राम अजवायण बारीक पीसो और 25 ग्राम दही में मिला कर रात भर के लिए मुहासों पर लगाओ। प्रातःकाल चेहरा धो लो। तुलसी की पत्तियों का चूरन मिला कर लगाने से भी मुहासे दूर होते हैं।  

डायबिटीज के मरीजों के लिए दिवाली स्पेशल: मिठाई की जगह करें ये आसान बदलाव

नई दिल्ली  दिवाली नजदीक है और घर-घर में तैयारियां जोरों पर हैं। इस पर्व पर तरह-तरह की मिठाइयां, नमकीन और तले-भुने व्यंजन बनाए जाते हैं। लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए यह मौसम चुनौती भरा हो सकता है, क्योंकि थोड़ी-सी लापरवाही भी ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकती है।डॉक्टर बताती हैं कि त्योहारों में डायबिटीज के मरीजों को खानपान में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। त्योहार के दौरान मिठाइयां, तली-भुनी चीजें और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल में अचानक उछाल आ सकता है, जिससे तबीयत बिगड़ सकती है। त्योहार पर डायबिटीज के मरीज क्या खाएं? डॉक्टरों के अनुसार, फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर भोजन शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। ऐसे खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं और शरीर को आवश्यक पोषण भी देते हैं। शामिल करें ये हेल्दी चीजें दाल और चना: प्रोटीन और फाइबर के अच्छे स्रोत हैं, जो ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां: जैसे पालक, मेथी, सरसों का साग और ब्रोकली। ये शरीर में सूजन कम करती हैं और इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाती हैं। नट्स और बीज: बादाम, अखरोट, चिया और फ्लैक्स सीड्स हेल्दी फैट से भरपूर होते हैं। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल: जैसे सेब, नाशपाती, संतरा और अमरूद ये धीरे-धीरे शुगर रिलीज करते हैं। स्वस्थ तेल और फैट: जैतून का तेल, एवोकाडो और अलसी के बीज ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं।   अगर मिठाई खाने का मन करे, तो घर पर बिना चीनी वाली मिठाइयां जैसे नारियल लड्डू, खजूर-ड्राईफ्रूट बॉल्स या गुड़ से बनी डेजर्ट्स सीमित मात्रा में खा सकते हैं। बशर्ते शुगर लेवल कंट्रोल में हो।  त्योहार पर डायबिटीज के मरीज क्या न खाएं? त्योहारों में कई बार स्वाद के चक्कर में हम भूल जाते हैं कि शरीर की सीमाएं भी होती हैं। डायबिटीज के मरीजों को कुछ चीजों से सख्ती से परहेज करना चाहिए। मीठी मिठाइयां: गुलाब जामुन, जलेबी, रसगुल्ला और बर्फी जैसी मिठाइयां ब्लड शुगर को तुरंत बढ़ा देती हैं। तले-भुने स्नैक्स: पकौड़े, समोसे, पूरियां और चिप्स शुगर व कोलेस्ट्रॉल दोनों को प्रभावित करते हैं। साबूदाना और आलू के व्यंजन: इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है, जिससे शुगर तेजी से बढ़ती है। कोल्ड ड्रिंक्स और जूस: बाजार में मिलने वाले जूस और ड्रिंक्स में छिपी चीनी शरीर पर भारी असर डालती है। शहद और सिंथेटिक स्वीटनर: ये भी ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सीमित मात्रा में ही लें।  डायबिटीज के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण टिप्स एक बार में बहुत अधिक खाना खाने से बचें। हर 2–3 घंटे में हल्का और संतुलित भोजन करें। मिठाई या कार्ब्स खाने के बाद 15–20 मिनट की वॉक जरूर करें। दिन में पर्याप्त पानी पिएं और नींद पूरी लें। नियमित रूप से ब्लड शुगर मॉनिटर करें। दिवाली खुशियों और मिठास का त्योहार है, लेकिन सेहत की मिठास सबसे जरूरी है। डायबिटीज के मरीज अगर अपने खानपान में थोड़ा संयम रखें, तो त्योहार का पूरा आनंद ले सकते हैं। बिना शुगर लेवल बिगाड़े। थोड़ी समझदारी से आपकी दिवाली भी मीठी रहेगी और सेहत भी दुरुस्त!   

Apple iPhone 16 Pro पर भारी छूट, इस जगह से खरीदें कम दाम में लग्जरी स्मार्टफोन

नई दिल्ली दिवाली का त्योहार आने वाला है, इस दौरान कई सारे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने अपने यहां सेल शुरू कर दी है। खासकर, इंडिया में आईफोन का जबरदस्त क्रेज चल रहा है, इस कारण ने कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स सस्ते दामों में आईफोन दे रहे हैं, इन पर बड़ा डिस्काउंट दिया जा ररहा है। यदि आप भी iPhone 16 Pro खरीदना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक सुनहरा मौका है, जिसका फायदा उठाकर आप अच्छी कीमतों पर आईफोन 16 को अपना बना सकते हैं। यदि आप भी इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदने का मन बना चुके हैं, तो जान लेते हैं कि यह कहां पर सस्ता मिल रहा है, कहां पर आपको बड़ा डिस्काउंट मिल सकता है? iPhone 16 Pro का क्रेज दरअसल, iPhone 16 Pro इस साल सितंबर में iPhone 17 सीरीज के लॉन्च के बाद भी लोगों की पसंद बना हुआ है। इसका 6.3 इंच का सुपर रेटिना XDR डिस्प्ले 120Hz की रिफ्रेश रेट के साथ आता है, जो स्क्रॉलिंग को बेहद स्मूथ और विजुअल्स को क्रिस्प बनाता है। फोन का डिजाइन टाइटेनियम फ्रेम और मैट ग्लास बैक के साथ मजबूत और स्टाइलिश है। अगर आप एंड्रॉयड से स्विच करने या ऐपल के इकोसिस्टम में शामिल होने की सोच रहे हैं, तो आप इस फोन को खरीद सकते हैं। फ्लिपकार्ट पर आईफोन 16 प्रो की प्राइस फ्लिपकार्ट पर iPhone 16 Pro (256GB) ₹1,04,999 में मिल रहा है, जिसकी असल कीमत ₹1,19,900 है। से काफी कम है। अगर आपके पास फ्लिपकार्ट एक्सिस क्रेडिट कार्ड है, तो आप ₹4,000 अतिरिक्त छूट पा सकते हैं। इसके अलावा, पुराने फोन के बदले ₹61,900 तक का एक्सचेंज ऑफर भी है। यदि आप ये शर्तें [प्परों कर देते हैं तो फोन आपको काफी सस्ता पड़ जाएगा क्रोमा पर आईफोन 16 की प्राइस यदि आपको फ्लिपकार्ट के अलावा किसी दूसरे प्लेटफॉर्म से फोन खरीदना है तो आप क्रोमा पर ट्राई कर सकते हैं। यहां पर iPhone 16 Pro का 256GB वैरिएंट ₹1,13,490 में मिल रहा है। विजय सेल्स पर आईफोन 16 प्रो की प्राइस विजय सेल्स पर iPhone 16 Pro के 256GB मॉडल की कीमत ₹1,14,900 है। हालांकि, यदि आपके पास ICICI बैंक का क्रेडिट कार्ड है और आपबिना EMI के पेमेंट करते हैं, तो ₹5,000 की छूट मिल सकती है। रिलायंस डिजिटल पर आईफोन 16 प्रो की प्राइस रिलायंस डिजिटल पर भी iPhone 16 Pro मिल रहा है। इस पर से आप 256GB वैरिएंट खरीदते हैं तो इस की कीमत ₹1,19,900 है, जो बाकी प्लेटफॉर्म्स की तुलना में थोड़ी ज्यादा है। डिस्प्ले और डिजाइन फोन का 6.3 इंच का सुपर रेटिना XDR डिस्प्ले 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आता है, जो स्क्रॉलिंग और वीडियो देखने को और मज़ेदार बनाता है। टाइटेनियम फ्रेम और मैट ग्लास बैक इसे स्टाइलिश और टिकाऊ बनाते हैं। iPhone 16 Pro का कैमरा iPhone 16 Pro में 5x ऑप्टिकल जूम लेंस है, जो पहले सिर्फ Pro Max मॉडल में मिलता था। इसकी मदद से आप दूर की चीजों को भी साफ और शार्प तस्वीरों में कैप्चर कर सकते हैं। 48MP अल्ट्रावाइड कैमरा कम रोशनी में भी बेहतरीन फोटो लेता है। iPhone 16 Pro में A18 Pro चिप iPhone 16 Pro में ऐपल की A18 Pro चिप है, जो भारी-भरकम ऐप्स और मल्टीटास्किंग को आसानी से हैंडल करती है। चाहे गेमिंग हो, वीडियो एडिटिंग हो या रोजमर्रा का काम, यह फोन बिना रुकावट के स्मूथ परफॉर्मेंस देता है। यह चिप भविष्य के सॉफ्टवेयर अपडेट्स के लिए भी तैयार है।

महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के ये लक्षण पहचानें, देर होने से बढ़ सकता है खतरा

विटामिन-डी एक ऐसा विटामिन है, जिसे हमारा शरीर नेचुरली धूप की मदद से बनाता है। लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों में इसकी कमी देखने को मिलती है। विटामिन-डी की कमी महिलाओं में भी काफी आम है। हालांकि, हमारा शरीर कुछ संकेतों से इसकी कमी का इशार करता है। विटामिन-डी की कमी के लक्षण इतने सामान्य और धीरे-धीरे दिखाई देते हैं कि महिलाएं अक्सर उन्हें थकान या तनाव का नाम देकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि इन लक्षणों की अनदेखी आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए इनकी पहचान करना जरूरी है। आइए जानें महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के लक्षण कैसे होते हैं। पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द अगर आपकी पीठ के निचले हिस्से में, खासतौर से रीढ़ की हड्डी में, लगातार दर्द या अकड़न बनी रहती है, तो यह विटामिन-डी की कमी का एक अहम संकेत हो सकता है। विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे दर्द की शिकायत हो सकती है। हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना अगर पूरी नींद लेने के बाद भी थकान या कमजोरी महसूस होती है, तो इसका कारण विटामिन-डी कम होना भी हो सकता है। विटामिन-डी सेरोटोनिन यऔर डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमिटर्स का फ्लो रेगुलेट करता है। इसलिए शरीर में इसकी कमी होने पर थकान महसूस होने लगती है। बालों का झड़ना बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन विटामिन-डी की कमी भी इनमें से एक है। विटामिन-डी हेयर फॉलिकल्स के स्वास्थ्य और नए बालों के विकास के लिए जरूरी है। अगर बाल सामान्य से ज्यादा मात्रा में झड़ रहे हैं, तो यह विटामिन-डी की कमी की चेतावनी हो सकती है। मांसपेशियों में दर्द और क्रैम्प्स विटामिन-डी सिर्फ हड्डियों ही नहीं, बल्कि मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और अचानक ऐंठन, खासकर रात के समय, हो सकती है। पैरों और जांघों की मांसपेशियों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। मूड स्विंग्स और उदासी महसूस होना क्या आपने कभी गौर किया है कि धूप में बैठने से मूड फ्रेश हो जाता है? इसका सीधा संबंध विटामिन-डी से है। यह विटामिन दिमाग में सेरोटोनिन नाम के 'फील-गुड' हार्मोन के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है। इसकी कमी से चिड़चिड़ापन, मूड में उतार-चढ़ाव और यहां तक कि डिप्रेशन की भावना पैदा हो सकती है।  

डिप्रेशन से सुरक्षा कवच: कॉल और ई-मेल नहीं, ‘सामने की मुलाकात’ है ज़रूरी

डिजिटल युग में मानसिक स्वास्थ्य की चुनौती आज का समय पूरी तरह से डिजिटल हो चुका है। हम एक कॉल या ई-मेल पर दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से तुरंत जुड़ सकते हैं। लेकिन क्या यह सुविधा वास्तव में हमारे मन को हल्का कर रही है? हालिया शोध और पुराने अनुभवों से पता चलता है कि जब बात डिप्रेशन (अवसाद) से बचाव की आती है, तो डिजिटल संवाद, चाहे वह फोन कॉल हो या ई-मेल, आमने-सामने की मुलाकात का स्थान नहीं ले सकता। शोध की ताज़ा पुष्टि: आमने-सामने की मुलाकात का महत्व ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन ने इस बात पर मुहर लगाई है कि डिप्रेशन से बचने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ प्रत्यक्ष (Face-to-Face) मुलाकात करना, फोन या ई-मेल के मुकाबले कहीं अधिक प्रभावी है। इस शोध के मुख्य लेखक, मनोविज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर एलन टिओ (Alan Teo), ने बताया कि यह पहली बार मिली ऐसी जानकारी है जो लोगों को अवसाद से बचाने के लिए 'संवाद के तौर-तरीके' के महत्व को उजागर करती है। अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष: अवसाद का कम जोखिम: अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से अपने परिवार और दोस्तों से आमने-सामने मिलते थे, उनमें उन लोगों की तुलना में अवसाद के लक्षण कम पाए गए, जो केवल फोन या ई-मेल के जरिए संपर्क में रहते थे। दीर्घकालिक लाभ: लोगों से प्रत्यक्ष मिलने से होने वाले मानसिक स्वास्थ्य लाभ काफी समय बाद तक अपना असर दिखाते हैं, जो डिजिटल संवाद में नहीं मिलता। प्रभावी नहीं डिजिटल संवाद: टिओ के अनुसार, "परिवार या दोस्तों के साथ फोन कॉल या डिजिटल संवाद का अवसाद से बचाने में उतना असर नहीं है जितना प्रत्यक्ष मिलने-जुलने में है।" सामाजिक रूप से मिलने-जुलने के सभी तरीके एक समान असर नहीं छोड़ते हैं। जोखिम में दोगुनी वृद्धि: 50 और उससे अधिक उम्र के 11,000 से अधिक वयस्कों पर किए गए इस अध्ययन में यह सामने आया कि जो लोग लोगों से आमने-सामने नहीं मिलते थे, उनके दो साल बाद अवसादग्रस्त होने की संभावना दोगुनी हो गई थी। सुरक्षा की आवृत्ति: शोध में यह भी पता चला कि हफ्ते में कम से कम तीन बार परिवार और दोस्तों से प्रत्यक्ष मिलने वालों में दो साल बाद अवसाद का शिकार होने की संभावना न्यूनतम स्तर पर थी। जिन लोगों की प्रत्यक्ष मुलाकातें कम थीं, उनमें यह संभावना बढ़ जाती है। मनोवैज्ञानिक कारण: क्यूं प्रत्यक्ष मुलाकात है बेहतर? मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि प्रत्यक्ष संवाद, डिजिटल माध्यमों से कहीं अधिक भावनात्मक रूप से समृद्ध होता है। आमने-सामने की बातचीत में हम न केवल शब्दों को सुनते हैं, बल्कि शारीरिक भाषा (Body Language), चेहरे के हाव-भाव और आवाज़ के लहजे को भी महसूस करते हैं। ये गैर-मौखिक संकेत (Non-Verbal Cues) विश्वास, सहानुभूति और गहरे भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देते हैं, जो तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं। डिजिटल माध्यमों में अक्सर ये महत्वपूर्ण भावनात्मक परतें गायब हो जाती हैं, जिससे संचार सतही, गलतफहमी वाला और अलगाव की भावना को जन्म देने वाला बन सकता है, जिसे 'डिजिटल अकेलापन' (Digital Loneliness) भी कहा जाता है। नवीनतम शोध का समर्थन हाल के अन्य शोध भी इस बात का समर्थन करते हैं कि सामाजिक अलगाव और अकेलापन डिप्रेशन, चिंता (Anxiety) और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ाते हैं। महामारी के दौरान किए गए अध्ययनों में भी पाया गया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होने के बावजूद, लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक प्रत्यक्ष सामाजिक संवाद ही रहा। डिप्रेशन से बचने का सीधा रास्ता निष्कर्ष स्पष्ट है: अगर आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना चाहते हैं और डिप्रेशन के खतरे को कम करना चाहते हैं, तो स्क्रीन और इयरफ़ोन को छोड़कर, अपने प्रियजनों के साथ आमने-सामने समय बिताने को प्राथमिकता दें। एक गर्मजोशी भरी मुलाकात, एक कप चाय पर खुलकर की गई बातचीत, या दोस्तों के साथ कुछ पल बिताना—ये सरल, पुराने ज़माने के तरीके, किसी भी कॉल या ई-मेल से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली 'अवसाद रोधी' सुरक्षा कवच (Anti-Depression Shield) हैं। तो अगली बार, कॉल या टेक्स्ट करने से पहले, दरवाज़े पर दस्तक देने के बारे में सोचें!  

iOS 26.1 अपडेट: नए iPhone में मिलने वाले बड़े बदलाव और नई सुविधाएं

नई दिल्ली  iOS 26.1 बीटा 2 अपडेट के जारी होने के बाद, Apple अब iPhone के लिए iOS 26.1 को रोल आउट करने की योजना बना रहा है। नया अपडेट कई सुधार लाएगा, साथ ही सुविधाओं और प्रदर्शन में मामूली बदलाव शामिल होंगे। इसमें AirPods के लिए विस्तारित लाइव ट्रांसलेशन सपोर्ट शामिल है – सेटिंग्स, सफारी, फोन, फिटनेस ऐप, अलार्म और अन्य सेक्शन में बदलाव किए जाएंगे। iOS 26.1 में क्या-क्या फीचर होंगे?  नए अपडेट में Apple Music के लिए नए फीचर शामिल होंगे। अब यूजर्स स्वाइप इशारों का इस्तेमाल करके मिनीप्लेयर के गानों के बीच स्विच कर पाएंगे – बाईं ओर स्वाइप करने पर नया गाना बजेगा और दाईं ओर स्वाइप करने पर पिछला गाना बजेगा। इसके अलावा, Apple AirPods के लिए एक लाइव ट्रांसलेशन फीचर भी पेश कर सकता है, जो अब पांच नई भाषाओं को सपोर्ट करेगा, जिससे कुल भाषाओं की संख्या 11 हो जाएगी। इसके अलावा, यह नया फीचर आपको अपने AirPods के साथ रीयल-टाइम में अनुवादित बातचीत करने की सुविधा देगा। यह सुविधा AirPods Pro 3, AirPods Pro 2 और नए AirPods 4 (ANC वेरिएंट) के साथ आएगी। समर्थित भाषाओं में मैंडरिन, अंग्रेजी (अमेरिका और यूके), फ्रांच, जर्मन, इतालवी, कोरियाई, जापानी, पुर्तगाली और स्पेनिश शामिल हैं। अलार्म को गलती से बजने से रोकने के लिए Apple एक पुराना संकेत भी फिर से पेश कर सकता है। नया स्वाइप-टू-स्टॉप एक्शन iOS 26 में पेश किए गए बड़े, दिखने वाले स्टॉप बटन की जगह लेगा। इस संकेत का इस्तेमाल अलार्म और टाइमर, दोनों पर किया जा सकता है। किन डिवाइसों को iOS 26.1 मिलेगा? iOS 26.1 उन सभी iPhones पर उपलब्ध होगा जो iOS 26 को सपोर्ट करते हैं। इसमें iPhone X और उसके बाद के मॉडल, जिनमें दूसरी पीढ़ी और नया iPhone SE शामिल हैं।

कद्दू के बीज के सौंदर्यवर्धक लाभ

कद्दू के बीज स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ त्वचा और बालों के सौंदर्य के लिए काफी लाभकारी होते हैं। कद्दू के बीज में अमीनो एसिड, जिंक, विटामिन ई आदि बहुत सारे उपयोगी पोषक तत्व होते हैं। कद्दू के बीज कोशिकाओं को रिपेयर करने के साथ-साथ नई कोशिकाओं के निर्माण में भी काफी मददगार होते हैं। ये त्वचा की कोशिकाओं में नए कोलेजन बनाने में मदद करते हैं इसलिए खूबसूरत त्वचा के लिए कद्दू के बीज काफी फायदेमंद होते हैं। सौंदर्यवर्धक लाभ कद्दू के बीज के- 1.मुंहासों से बचाता है: कद्दू के बीजों में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो कि मुंहासों की सूजन और लालपन को कम करने में मदद करते हैं। कद्दू के बीजों के पाउडर को दूध में मिलाकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे नहीं होते हैं। 2. झुर्रियों को कम करता है: कद्दू के बीजों में जिंक और विटामिन ई पर्याप्त मात्रा में होते हैं इसलिए यह त्वचा में कसावट लाते हैं और झुर्रियां पैदा नहीं होने देते हैं। इसलिए कद्दू के बीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। 3. बालों को घना बनाते हैं: कद्दू के बीजों में आयरन और L-लाइसिन जैसे दो पोषक तत्व होते हैं जो कि बालों को झड़ने से रोकते हैं और ग्रोथ बढ़ाते हैं। बालों के लिए कद्दू के बीजों का सेवन करने और कद्दू के बीज के तेल की मालिश करना फायदेमंद होता है। 4.त्वचा को निखारता है: विटामिन ए नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है और कद्दू के बीजों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए होता है। कद्दू के बीजों का सेवन करने से शरीर में विटामिन ए की कमी नहीं होती है और त्वचा निखरी हुई बनती है। 5.बालों को रेशमी बनाता है: विटामिन ई बालों को पोषण देता है और रेशमी बनाता है। कद्दू के बीज में विटामिन ई पर्याप्त मात्रा में होता है जिससे ये बालों को सुंदर और रेशमी बनाने में मदद करते हैं।  

पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है भुजपीड़ासन योग

डॉक्टर्स मानते हैं कि शरीर के ज्यादातर रोगों का कारण हमारे पेट की गड़बड़ी होती है। पेट की मांसपेशियों की मजबूती के लिए भुजपीड़ासन बहुत फायदेमंद आसन है। इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन आता है और अंगों में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। इसके अलावा इस आसन की खास बात ये है कि इसके नियमित अभ्यास से आप पेट की सभी बीमारियों जैसे- कब्ज, बदहजमी, गैस और पेट पर जमा चर्बी की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कैसे कर सकते हैं ये आसन और क्या हैं इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ। ऐसे करें भुजपीड़ासन- सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और आगे की तरफ झुकते हुए अपनी हथेलियों को आगे की तरफ कर लें। आपके आपके पैरों से थोड़ी दूरी पर होने चाहिए। अब अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाएं। घुटनों को थोड़ा मोड़ें और अपने पैरों को (जो अब तक पीछे हैं) अपने हाथों के पास लाएं (अब आपकी हथेलियां और तलवे एक सीध में जमीन पर हों) अब अपने दाएं हाथ को उठाकर अपनी दाईं एड़ी के ऊपर (जहां से पैर की मोटाई शुरू होती है) का हिस्सा पकड़ें। इसी तरह बाएं हाथ को भी उठाकर अपनी बाईं एड़ी (जहां से पैर की मोटाई शुरू होती है) के ऊपर का हिस्सा पकड़ें। शरीर का पूरा भार अपने दोनों तलवों पर दें ताकि आपका बैलेंस न बिगड़े। अब धीरे-धीरे एक तलवे को इस तरह ऊपर उठाएं कि आपका अंगूठा जमीन को न छोड़े। 5-7 सेकंड इसी पोजीशन में रहें और फिर तलवों को जमीन पर पूरा रख दें। इसके बाद दूसरे पैर को भी इसी तरह उठाएं कि आपका अंगूठा जमीन न छोड़ें। इस पैर से भी 5-7 सेकंड इसी पोजीशन में रहें और फिर तलवों को जमीन पर पूरा रख दें। अपनी हथेलियों को पैरों से थोड़ा पीछे करते हुए जमीन पर रख दें। अब धीरे-धीरे हथेलियों पर सारे शरीर का भार डाल दें और शरीर को हवा में लटकता हुआ छोड़ दें। क्या हैं इस आसन के लाभ: पेट की सभी समस्याओं में फायदेमंद है भुजपीड़ासन। इस आसन से आपके एब्डोमेन में खिंचाव आता है जिससे आपका पाचन बेहतर होता है। ये आसन आपकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति भी बढ़ाता है। इसका अभ्यास करने से आपकी कलाई, हाथ और आपके अपर बॉडी में मजबूती आती है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। भुजपीड़ासन का अभ्यास करने से आपका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसका अभ्यास आपके सिरदर्द को ठीक करने में भी मदद करता है। आसन में बरतें ये सावधानी: अगर आपको कलाई, कोहनी, लोअर बैक और कंधे पर किसी प्रकार की चोट लगी है तो इस आसन को नहीं करें। अगर आपको सर्वाइकल स्पॉडिलाइटिस और ब्लड प्रेशर की भी समस्या है तो भी इस आसन को मत करें। इस आसन को करने के लिए किसी योगा इन्सट्रक्टर की मदद जरूर लें।  

फेसबुक नोटिफिकेशन्स को बंद करने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके

सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर आप फोटो, वीडियो, चैटिंग या देश-दुनिया से जुड़े सभी अपडेट आसानी से चेक कर सकते हैं। फेसबुक पर आने वाले नोटिफिकशन में बर्थडे का नोटिफिकेशन काफी खास होता है जिसकी मदद से आप किसी अपने को समय पर बर्थडे विश कर पाते हैं। लेकिन इसके अलावा फेसबुक पर आने वाले लाइव इवेंट या अन्य कोई नोटिफिकेशन आपको डिस्टर्ब या परेशान कर सकते हैं। ऐसे में परेशान होने की बजाय आप चाहें तो उन अनचाहे नोटिफिकेशन्स से मिनटों में ही छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए आपको हमारे द्वारा बताए कुछ आसान टिप्स फॉलो करने होंगे। इन आसान टिप्स की मदद से आप अनचाहे नोटिफिकेशन को बंद कर सकते हैं। स्टेप 1. अनचाहे नोटिफिकेशन को बंद करने के लिए सबसे पहले अपने लैपटॉप या मोबाइल में फेसबुक ऐप ओपन करें। स्टेप 2. फेसबुक ओपन करने के बाद वहां साइड में दिए गए तीन डॉट्स पर क्लिक करें। जिसके बाद आपके सामने एक विंडो ओपन होगी जिसमें स्क्रॉल करने के बाद सबसे नीचे सेटिंग्स एंड प्राइवेसी का ऑप्शन दिया गया है। उस पर क्लिक करें। स्टेप 3. सेटिंग्स एंड प्राइवेसी ऑप्शन में दिए गए सेटिंग्स सेक्शन पर क्लिक करें। जहां आपको नोटिफिकेशनस सेटिंग्स का विकल्प नजर आएगा। स्टेप 4. नोटिफिकेशनस सेटिंग्स में तीन ऑप्शन दिए गए हैं। जिसमें मैनेज पुश नोटिफिकेशनस, व्हाट नोटिफिकेशनस यू रिसीव और वेयर यू रिसीव नोटिफिकेशनस शामिल हैं। स्टेप 5. इनमें से आप जो भी नोटिफिकेशन बंद करना चाहते हैं उस विकल्प पर क्लिक करें और उसे ऑफ कर दें। आपको यहां सभी नोटिफिकेशन्स को एक साथ बंद करने का ऑप्शन मिलेगा। इसके अलावा आप चाहें तो इवेंट, बर्थडे, फ्रेंड रिक्वेस्ट, कमेंट, वीडियो आदि से जुड़े नोटिफिकेशन्स को भी बंद कर सकते हैं।