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तीन साहसिक कदम: मोदी कैबिनेट ने ग्रीन एनर्जी के लिए 27K करोड़ तय किए, स्वच्छ ऊर्जा की दिशा मजबूत

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश की कृषि और ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा देने वाले तीन बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई. इनमें एक ओर जहां कृषि जिलों के समग्र विकास की योजना को स्वीकृति दी गई, वहीं दूसरी ओर रेन्वेबल एनर्जी में बड़े पैमाने पर निवेश का रास्ता साफ किया गया. कैबिनेट ने “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को 2025-26 से शुरू कर छह वर्षों के लिए मंजूरी दी है. इसका टारगेट 100 कृषि जिलों का विकास करना है. यह योजना नीति आयोग के ‘आकांक्षी जिलों’ कार्यक्रम से प्रेरित है, लेकिन यह खासतौर से कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर केंद्रित है. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) योजना का मकसद कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल डाइवर्सिफिकेशन को प्रोत्साहित करना, टिकाऊ कृषि ऑप्शन को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण की सुविधा बढ़ाना, सिंचाई व्यवस्था को बेहतर करना शामिल है. इस योजना को 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं के कोऑर्डिनेशन के जरिए लागू किया जाएगा, जिसमें राज्य सरकारों की योजनाएं और निजी क्षेत्र की साझेदारी भी शामिल होगी. 100 जिलों का चयन कम उत्पादकता, कम फसल साइकिल और कम लोन डिस्ट्रिब्यूशन जैसे तीन प्रमुख मानकों के आधार पर किया जाएगा. हर राज्य से कम से कम एक जिला शामिल किया जाएगा. एनटीपीसी को नवीकरणीय ऊर्जा निवेश के लिए 20,000 करोड़ रुपये कैबिनेट ने एनटीपीसी लिमिटेड को रेन्वेबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश के लिए मौजूदा सीमा से ऊपर जाकर 20,000 करोड़ रुपये तक निवेश की अनुमति दी है. यह निवेश एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) और इसकी सहायक कंपनियों और संयुक्त उपक्रमों के जरिए किया जाएगा, ताकि 2032 तक 60 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता हासिल की जा सके. एनएलसी इंडिया लिमिटेड को 7,000 करोड़ रुपये की मंजूरी एनएलसीआईएल को भी 7,000 करोड़ रुपये के निवेश की विशेष छूट दी गई है, जो वह अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी NLC इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) के जरिए रेन्वेबल एनर्जी प्रोजेक्ट में लगाएगी. इससे कंपनी को संचालन और वित्तीय लचीलापन मिलेगा. ग्रीन एनर्जी पर सरकार खर्च करेगी 27 हजार करोड़ एनटीपीसी को ग्रीन एनर्जी में निवेश के लिए 20000 करोड़ के निवेश को मंजूरी: मोदी कैबिनेट ने देश की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी NTPC को 20,000 करोड़ रुपये की मदद देने का फैसला किया है ताकि वो रिन्यूएबल एनर्जी (हरित ऊर्जा) में तेज़ी से निवेश कर सके. NLCIL को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तार को मंजूरी: वहीं मोदी कैबिनेट ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को 7,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तार की मंजूरी दी है. 100 जिलों के लिए कृषि योजना को मंजूरी कैबिनेट ने 24 हजार करोड़ रुपये के वार्षिक खर्च वाली प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दी है. कैबिनेट ने बुधवार को 6 साल के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दे दी, जिसमें 24,000 करोड़ रुपये के वार्षिक परिव्यय के साथ 100 ज़िले शामिल होंगे. केंद्रीय बजट में घोषित यह कार्यक्रम 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करेगा. वहीं, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने को बढ़ावा देगा. केंद्रीय कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी साझा करते हुए, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाएगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करेगी और कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी करेगी. इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की उम्मीद है.

मॉनटेन तूफान की तबाही: NY–NJ में फ्लैश फ्लड से दो मरे, शहर का आवागमन ठप

न्यूयॉर्क   न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में भारी बारिश और तूफान से दो लोगों की मौत हो गई। मूसलाधार बारिश होने से पूरा इलाका पानी में डूब गया। न्यूयॉर्क का सबवे सिस्टम ठप हो गया और पूरे इलाके में बिजली गुल हो गई। प्लेनफील्ड में सोमवार को तेज बारिश के कारण एक गाड़ी सेडर ब्रूक में बह गई। इससे दो लोगों की मौत हो गई। गवर्नर फिल मर्फी ने बताया कि दोनों को घटनास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने खराब मौसम के कारण आपातकाल की घोषणा की है। इस महीने शहर में तूफान से होने वाली यह तीसरी और चौथी मौतें थीं। न्यूयॉर्क डेली न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेयर एड्रियन मैप्प ने कहा, "पूरा प्लेनफील्ड इस नुकसान से दुखी है। इतने कम समय में चार लोगों को खोना अकल्पनीय है। हम परिवारों के साथ शोकाकुल हैं। हम अपने इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को मजबूत करने और अपने निवासियों को भविष्य में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" नॉर्थ प्लेनफील्ड में बाढ़ का पानी भरने के बाद एक घर में आग लग गई। हालांकि इसमें किसी के घायल होने की खबर नहीं है। गवर्नर मर्फी ने पत्रकारों से कहा, "मौसम से परेशानी में हम अकेले नहीं हैं, लेकिन हम अभी अधिक ह्यूमिडिटी, हाई टेंपरेचर और तेज तूफान वाले पैटर्न में हैं। सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।" कुछ ही घंटों में छह इंच तक बारिश फ्लोरिडा के पास बन रहे एक ट्रॉपिकल स्टॉर्म के कारण पूर्वी तट पर नमी बढ़ गई। इससे कई जगहों पर धीरे-धीरे तूफान आया और भारी तबाही हुई। गार्डन स्टेट में कुछ ही घंटों में छह इंच तक बारिश हुई। वहां कई लोगों को बचाया गया। शहरों में मंगलवार को भी लगभग 2900 घरों और व्यवसायों में बिजली नहीं थी। मर्फी ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया, "ढाई घंटे से भी कम समय में छह इंच बारिश हुई। पहली बारिश ने कई समुदायों को थोड़ा परेशान किया। दूसरी बारिश ने पूरी तरह से तबाही मचा दी। हम सभी समुदायों और काउंटियों का आकलन कर रहे हैं।" न्यूयॉर्क में सोमवार को सेंट्रल पार्क में लगभग 2.64 इंच बारिश हुई। इसने उसी दिन के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जो 1.47 इंच था। हार्लेम में बारिश के दौरान वेस्ट 149वीं स्ट्रीट और ब्रैडहर्स्ट एवेन्यू के पास एक 43 साल के न्यूयॉर्क वासी पेड़ की शाखा गिरने से घायल हो गया। सबवे स्टेशन में सीढ़ियों से पानी घुसा खराब मौसम के कारण कई सबवे लाइनें भी बंद हो गईं। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में मैनहट्टन में एक स्टेशन के प्रवेश द्वार से पानी सीढ़ियों से नीचे गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। एक अन्य तस्वीर में यात्री बाढ़ के पानी से बचने के लिए अपनी सबवे सीटों पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। मेट्रोपॉलिटन ट्रांजिट अथॉरिटी के अध्यक्ष और सीईओ जानो लाइबर ने एबीसी 7 को बताया कि शहर का सीवर सिस्टम बारिश से भर गया और सबवे सुरंगों व स्टेशनों में पानी आ गया। न्यू जर्सी के कुछ हिस्सों में कुछ सड़कें अभी भी बंद हैं और मंगलवार को इलाके के हवाई अड्डों पर दर्जनों उड़ानें रद्द कर दी गईं या उनमें देरी हुई। फ्लाइटअवेयर के आंकड़ों के अनुसार, नेवार्क लिबर्टी हवाई अड्डे पर कुल 159 उड़ानें रद्द कर दी गईं। हालांकि ट्रिस्टेट इलाके के लिए अधिकांश चेतावनियां अब समाप्त हो गई हैं, लेकिन मौसम का पूर्वानुमान बताने वालों ने चेतावनी दी है कि वाशिंगटन डीसी से लेकर कैरोलिना तक बाढ़ की संभावना अभी भी है। आने वाले दिनों में भी बारिश होने की चेतावनी गवर्नर फिल मर्फी ने कहा कि प्लेनफील्ड में जो दो मौतें हुईं, वे बहुत दुखद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। मेयर एड्रियन मैप्प ने भी मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि शहर आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। न्यूयॉर्क में हुई बारिश ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सेंट्रल पार्क में इतनी बारिश पहले कभी नहीं हुई थी। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। सबवे में पानी भर गया और कई सड़कें बंद हो गईं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भी बारिश हो सकती है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। न्यू जर्सी और न्यूयॉर्क में हुई इस बारिश से लोगों को काफी नुकसान हुआ है। कई लोगों के घर पानी में डूब गए और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। सरकार लोगों को मदद पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मौसम विभाग ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।

राजनीतिक दांव-पेंच में नायडू का मास्टरस्ट्रोक, नरसिम्हा राव की भाषाओं की महारत फिर भी हिंदी में पिछड़ गए!

तमिलनाडु हिंदी भाषा को लेकर महाराष्ट्र से लेकर तमिलनाडु तक एक नया विवाद पसर गया है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में प्रस्तावित तीन भाषा सिद्धांत में हिंदी को शामिल करने का प्रावधान है. इसी को लेकर दक्षिणी राज्यों में तीखी प्रतिक्रिया दी है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस नीति का जोरदार विरोध करते हुए द्रविड़ संस्कृति और क्षेत्रीय अस्मिता का हवाला दिया है. उन्होंने दक्षिण के अन्य राज्यों को एकजुट करने की कोशिश की, लेकिन उनके पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस राजनीति पर करारा प्रहार किया है. नायडू ने हिंदी को लेकर एक ऐसा बयान दिया, जिसने स्टालिन की रणनीति को ध्वस्त कर दिया. नायडू ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव हिंदी सहित 17 भाषाओं के जानकार थे. उन्होंने अपने बहुभाषी ज्ञान के बल पर देश और दुनिया में प्रतिष्ठा हासिल की. नायडू ने जोर देकर कहा कि यदि कोई व्यक्ति हिंदी जैसी भाषा सीखता है तो इसमें क्या दिक्कत है? यह बयान सीधे तौर पर स्टालिन पर निशाना है, जो हिंदी को दक्षिण पर थोपी जाने वाली भाषा बता रहे हैं. नरसिम्हा राव आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखते थे. वे 1991 में आर्थिक उदारीकरण के जनक के रूप में जाने जाते हैं. वे 17 भाषाओं तेलुगु, हिंदी, मराठी, तमिल, बंगाली, गुजराती, ओडिया, कन्नड़, संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी, फ्रेंच, अरबी, जर्मन, फारसी और स्पेनिश के जानकार थे. उनकी यह काबिलियत उनकी बौद्धिक क्षमता का प्रतीक थी. नायडू ने इसे एक उदाहरण के तौर पर पेश किया कि भाषा सीखना व्यक्तिगत विकास और राष्ट्रीय एकता का हिस्सा हो सकता है. एनडीए के सहयोगी हैं नायडू चंद्रबाबू नायडू केंद्र में सत्ताधारी एनडीए के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और आंध्र प्रदेश में भी उनकी अगुआई वाली सरकार एनडीए का हिस्सा है. ऐसे में उनका यह बयान न केवल क्षेत्रीय राजनीति, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण हो जाता है. उनका समर्थन केंद्र की नीतियों को मजबूती देता है, खासकर तब जब तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्य हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं. स्टालिन ने दावा किया कि तीन-भाषा फॉर्मूला द्रविड़ पहचान को नुकसान पहुंचाएगा, लेकिन नायडू ने इसे व्यक्तिगत पसंद और प्रगति का मुद्दा बनाकर उनकी दलील को कमजोर कर दिया.   इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाराष्ट्र में मराठी वाया हिंदी विवाद को शांत करने की कोशिश की. हाल ही में उन्होंने राज्यसभा के लिए नामित वकील उज्ज्वल निकम को फोन कर मराठी में बात की. यह कदम मराठी भाषा के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है. पीएम मोदी खुद गुजराती बोलते हैं, लेकिन वह हिंदी, मराठी और अन्य भाषाओं में निपुण हैं, जिससे उनकी बहुभाषी क्षमता सामने आई. पीएम मोदी का यह कदम महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे जैसे दलों के हिंदी विरोधी रुख को नरम करने की कोशिश मानी जा रही है. हिंदी विवाद ने दक्षिण और पश्चिमी राज्यों में सियासी तनाव बढ़ाया है. तमिलनाडु में डीएमके और महाराष्ट्र में शिवसेना-उद्धव ठाकरे गुट ने केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया, जबकि कर्नाटक में भी विरोध देखा गया. दूसरी ओर नायडू का बयान आंध्र प्रदेश को इस विवाद से अलग रखता है.

राष्ट्रव्यापी जातिगत गणना की मांग पर कांग्रेस करेगी व्यापक आंदोलन : सिद्धरमैया

बेंगलुरु कांग्रेस की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सलाहकार परिषद की बुधवार को हुई बैठक में केंद्र से तेलंगाना जाति सर्वेक्षण के मॉडल के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित जातिगत गणना कराने का आह्वान किया गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व में यहां हुई दो दिवसीय बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया।सिद्धरमैया ने परिषद में पारित प्रस्तावों को ‘बेंगलुरु घोषणा’ नाम देते हुए कहा,‘‘जनगणना में प्रत्येक व्यक्ति और जाति के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक, रोज़गार, राजनीतिक पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि दूसरा प्रस्ताव आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को समाप्त करने का था, जिससे शिक्षा, सेवा, राजनीतिक और अन्य क्षेत्रों में ओबीसी के लिए उपयुक्त आरक्षण सुनिश्चित हो सके। सिद्धरमैया ने बुधवार को बेंगलुरु में हुई परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। सिद्धरमैया ने कहा कि बैठक में पारित तीसरे प्रस्ताव में कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(4) के अनुसार निजी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए आरक्षण होना चाहिए। सलाहकार परिषद ने सर्वसम्मति से ‘न्याय योद्धा’ राहुल गांधी को समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए सामाजिक न्याय का मुद्दा उठाने के लिए धन्यवाद दिया। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘राहुल जी के दृढ़ निश्चय ने मनुवादी मोदी सरकार को भारत में जातिगत गणना की न्यायोचित और संवैधानिक मांग के आगे झुकने पर मजबूर कर दिया। भारत के सभी पिछड़े वर्गों की ओर से, परिषद हृदय से उनकी सराहना करता है और इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए राहुल गांधी के योगदान को श्रेय देता है।’’ जातिगत गणना को लेकर केंद्र द्वारा किये गए फैसले को मील का पत्थर बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भारतीय संविधान द्वारा परिकल्पित सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक छोटा सा कदम है। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘न्याय योद्धा राहुल गांधी जी के साहसी और अडिग नेतृत्व में, भारत सामाजिक सशक्तिकरण के अंतिम संवैधानिक उद्देश्य को साकार करने और प्राप्त करने के लिए नियत है, जिससे हमारे महान राष्ट्र में एक समतावादी और समान समाज का निर्माण होगा।’’  

हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर के परिवार को न्याय, हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी को दी मुआवजा देने की हिदायत

गंगटोक सिक्किम उच्च न्यायालय ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) के आदेश को पलटते हुए यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वह सड़क दुर्घटना में मारे गए एक श्रमिक के माता-पिता को 21.89 लाख रुपये का मुआवजा अदा करे। न्यायमूर्ति भास्कर राज प्रधान ने कहा कि मृतक वाहन का केवल यात्री नहीं था, बल्कि एक कामगार था जो बीमा पॉलिसी के तहत संरक्षित था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बीमा कंपनी द्वारा कामगार देयता के लिए अतिरिक्त प्रीमियम अदा किया गया था, इसलिए बीमा कवरेज मृतक पर भी लागू होता है। यह अपील मृतक के माता-पिता द्वारा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 166 के तहत दायर की गई थी। उन्होंने एमएसीटी के उस निर्णय को चुनौती दी थी जिसमें मुआवजे का दावा यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि मृतक ने वाहन में केवल लिफ्ट ली थी और वह बीमा पॉलिसी के दायरे में नहीं आता। यह दुर्घटना 20 अप्रैल, 2023 को उस समय हुई जब मृतक रोराथांग से पूर्वी सिक्किम के बेरिंग की ओर जा रहे वाहन में सवार था। उच्च न्यायालय ने पाया कि मृतक को दैनिक वेतन भोगी श्रमिक के रूप में, रेत के पांच बोरों को वाहन से उतारने के लिए नियुक्त किया गया था। वाहन मालिक ने बताया कि मृतक छोटा-मोटा काम करने में मदद करता था और अपने घर की नाली की मरम्मत के लिए रेत उतारने हेतु वाहन में चढ़ा था। न्यायमूर्ति प्रधान ने कहा कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि मृतक एक ‘कामगार’ था। अदालत ने कहा कि कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के तहत ‘कामगार’ की परिभाषा में सहायक, क्लीनर और वाहन से संबंधित कार्यों में लगे अन्य व्यक्ति भी आते हैं। बीमा कंपनी की इस दलील को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया कि मृतक चालक के गांव का ही निवासी था और वाहन में ‘मुफ्त सवारी’ कर रहा था। बीमा कंपनी ने एक जांच रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया था। अदालत ने यह भी कहा कि दुर्घटना वाहन चालक की लापरवाही एवं तेज़ गति के कारण हुई। इससे वाहन मालिक अप्रत्यक्ष रूप से उत्तरदायी ठहराया गया। न्यायमूर्ति प्रधान ने मुआवजे की राशि 21.89 लाख रुपये को ‘उचित मुआवजा’ करार देते हुए कहा कि उस पर दावा याचिका दाखिल करने की तारीख से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देय होगा।  

नवीन ऊर्जा में नया रिकॉर्ड: भारत की क्षमता 420% बढ़ी, सौर बनी सस्ती विकल्प

नई दिल्ली केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ने जून 2025 में क्षमता वृद्धि में साल-दर-साल 420% की वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले वर्ष के 1.4 गीगावाट से बढ़कर इस वर्ष 7.3 गीगावाट हो गई है. जोशी मंगलवार को मुंबई में IVCA नवीकरणीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे. भारत में सौर ऊर्जा क्षमता में आश्चर्यजनक रूप से 4,000% की वृद्धि हुई है, जो 2025 तक 2.82 गीगावाट से बढ़कर 117 गीगावाट हो जाएगी. इसी अवधि में पवन ऊर्जा क्षमता भी 21 गीगावाट से बढ़कर 51.7 गीगावाट हो गई, जो 140% की वृद्धि को दर्शाता है. हालांकि, सौर ऊर्जा शुल्क में 80% की गिरावट आई है – 2010-11 में 10.95 रुपए /यूनिट से घटकर वर्तमान में 2.15 रुपए /यूनिट हो गई है. परिणामस्वरूप, बैटरी स्टोरेज वाली सौर ऊर्जा भी अब तापीय ऊर्जा से कम खर्चीली है. 2024 में, बिजली क्षेत्र में 83% निवेश नवीकरणीय ऊर्जा की ओर निर्देशित होगा. हम वैश्विक ऊर्जा विकास वित्त के सबसे बड़े प्राप्तकर्ता थे, जिसने एक ही वर्ष में स्वच्छ ऊर्जा के लिए 2.4 बिलियन डॉलर आकर्षित किए.” 2020 से, इस क्षेत्र ने 1.6 लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है, जिसमें अकेले 2023 में 42,000 करोड़ रुपए शामिल हैं. 2025 की पहली तिमाही में, स्वच्छ ऊर्जा निवेश साल-दर-साल 7.7 गुना बढ़कर 9.8 बिलियन डॉलर हो गया. जोशी ने इस क्षेत्र में और अधिक पूंजी निवेश का आह्वान करते हुए कहा, “जिन निवेशकों ने इस बदलाव का समर्थन किया है, उन्हें पहले ही कई गुना लाभ मिल चुका है. आपको भी ऐसा करना चाहिए.” मंत्री ने अहमदाबाद स्थित भारत के सबसे बड़े अपशिष्ट-से-ऊर्जा संयंत्र का भी हवाला दिया, जो प्रतिदिन 1,000 टन ठोस कचरे को बिजली में परिवर्तित करता है. उन्होंने आगे कहा, “ये इस बात के उदाहरण हैं कि कैसे भारत का ऊर्जा परिवर्तन न केवल टिकाऊ है, बल्कि समावेशी भी है, जिससे शहरों, किसानों और समुदायों को लाभ हो रहा है.”

RCB भगदड़ जांच रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक हो: कर्नाटक हाई कोर्ट का आदेश

बेंगलुरु कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह चार जून को हुई भगदड़ की घटना पर अपनी स्थिति रिपोर्ट सार्वजनिक करें, जिसने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई आईपीएल जीत के जश्न को गहरा धक्का पहुंचाया था। इस त्रासदी में 11 लोगों की मौत हुई थी और 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से इस रिपोर्ट को गोपनीय रखने का अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने सोमवार, 14 जुलाई को स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की गोपनीयता के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है, और ये केवल ‘सरकार की दृष्टि में तथ्यों की प्रस्तुति’ है। कोर्ट ने सरकार को यह रिपोर्ट मामले के अन्य पक्षों – आरसीबी, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) और डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स, जो फ्रेंचाइजी के इवेंट पार्टनर हैं – को सौंपने का भी निर्देश दिया है। इस बीच फ्रेंचाइजी एक विस्तृत सीआईडी जांच और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) की दो सदस्यीय पीठ की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। यह पीठ सरकारी और सार्वजनिक सेवकों से जुड़े मामलों की जांच करने वाला अर्ध-न्यायिक निकाय है। आरसीबी और डीएनए के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले एक महीने में अपने बयान जमा कराए हैं। फैसले की कोई तय तारीख अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। एक जुलाई को सीएटी की दो सदस्यीय पीठ ने एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जुटी भीड़ को लेकर एक अहम टिप्पणी की। ट्रिब्यूनल ने पाया कि आरसीबी ने तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ को स्टेडियम के बाहर आकर्षित किया, जब फ्रेंचाइजी ने अपनी पहली आईपीएल खिताबी जीत के तुरंत बाद, तीन जून को, सोशल मीडिया पर विजय जुलूस की घोषणा की। इस मामले की जांच का काम सीएटी को तब सौंपा गया जब बेंगलुरु (पश्चिम) के पुलिस महानिरीक्षक और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विकास कुमार ने एक याचिका दायर की। यह याचिका मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा उन्हें भगदड़ की घटना के बाद पद से हटाए जाने के खिलाफ दाखिल की गई थी। विकास और चार अन्य अधिकारियों को “कर्तव्यों में गंभीर लापरवाही” और “निर्देश न लेने” के आरोप में बर्खास्त किया गया था, जिससे हालात “काबू से बाहर” हो गए थे। ट्रिब्यूनल ने कहा किआरसीबी ने बिना जरूरी अनुमति लिए आईपीएल जीत का जश्न मनाकर ‘अव्यवस्था पैदा की।’ ये टिप्पणियां सीएटी के 29-पन्नों के आदेश का हिस्सा थीं। आरसीबी, के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर निखिल सोसले को पिछले महीने गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा किया गया था। उन्होंने मृतकों के परिजनों को मुआवजा बढ़ाने और घायलों की मदद की घोषणा के बाद से अब तक कोई नया बयान जारी नहीं किया है। फ्रेंचाइजी ने ‘आरसीबी केयर्स’ नाम से एक फंड बनाने का वादा किया है, जिससे त्रासदी से प्रभावित सभी परिवारों की मदद की जा सके। 4 जून की घटना के बाद से उनके किसी भी सोशल मीडिया चैनल पर कोई नई अपडेट नहीं आई है।  

विधानसभा के बाहर दिखा विरोध का नया रूप, MVA विधायक बने सुर्खियों का कारण

मुंबई महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन कर्मचारी की पिटाई मामले में सियासत अपने चरम पर है। इसका नजरा आज (बुधवार को) उस वक्त देखने को मिला जब विपक्षी दलों के गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) के विधायकों ने अनूठे अंदाज में विरोध-प्रदर्शन किया। दरअसल, महाराष्ट्र विधान भवन के बाहर विपक्षी महा विकास आघाड़ी के विधायकों ने ‘बनियान तौलिया’ प्रदर्शन किया। इस दौरान बनियान और कपड़ों के ऊपर तौलिया पहने विधायकों ने सत्तारूढ़ गठबंधन के "गुंडा राज" के खिलाफ जमकर नारे लगाए। तौलिया लपेटे विधायक जोर-जोर से नारे लगा रहे थे कि राज्य में गुंडा राज चल रहा है। राज्य विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने संवाददाताओं से कहा, "विधायक कैंटीन में गायकवाड़ द्वारा किया गया हमला दर्शाता है कि सरकार भी ऐसे तत्वों का समर्थन कर रही है।" उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है। गायकवाड़ को निलंबित करने की मांग कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह सभी को बताने और दिखाने की जरूरत है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक कैसे गुंडों की तरह व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि गायकवाड़ का यह कृत्य शर्मनाक है और उन्हें सजा मिलनी चाहिए। NCP (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने बताया कि MVA के विधायकों ने यह विरोध-प्रदर्शन इसलिए किया है ताकि जनता को यह पता चल सके कि सत्ता में बैठे लोग किस प्रकार का व्यवहार आम आदमी से करते हैं। विपक्षी विधायकों ने संजय गायकवाड़ को विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। आदित्य ठाकरे ने दिया था चड्डी- बनियान गैंग नाम बता दें कि पिछले हफ्ते विधायक हॉस्टल की कैंटीन में 'बासी' खाना परोसे जाने पर एक कर्मचारी को थप्पड़ और घूंसे मारने का शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ का एक वीडियो सामने आया था। इसके बाद सरकार और विपक्ष दोनों ने उनकी आलोजना की है। वीडियो में गायकवाड़ बनियान पहने और कमर पर तौलिया लपेटे कैंटीन ठेकेदार को थप्पड़ व घूंसे मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। दो दिन पहले ही आदित्य ठाकरे ने शिवसेना विधायकों को चड्डी- बनियान गैंग कहकर बुलाया था, जिस पर नीलेश राणे ने रोष जताया था। एमवीए विधायकों का अनूठा प्रदर्शन आदित्य ठाकरे के बयान का समर्थन और सत्ताधारी गठबंधन के विधायक के करतूत और उसे मिल रहे रथित संरक्षण का विरोध है। 

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की मुश्किलें बढ़ीं, आतंकी करार देने की मांग तेज

कनाडा  कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यहां की प्रांतीय सरकार ने इस गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग तेज कर दी है। सरकार का कहना है कि यह गैंग कनाडा में हिंसा, ड्रग तस्करी, जबरन वसूली और टारगेट किलिंग जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। अल्बर्टा सरकार ने की सख्त मांग अल्बर्टा की प्रीमियर डेनियल स्मिथ और पब्लिक सेफ्टी एवं इमरजेंसी सर्विस मंत्री माइक एलिस ने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से इस गैंग पर कार्रवाई करने की अपील की है। डेनियल स्मिथ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा,'लॉरेंस बिश्नोई गैंग एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क है जो हिंसा, जबरन वसूली, ड्रग तस्करी और टारगेट किलिंग में शामिल है। वे कनाडा में भी यही सब कर रहे हैं।' डेनियल स्मिथ की गैंग को चेतावनी डेनियल स्मिथ ने साफ कहा कि ऐसे गैंग सीमाओं की परवाह नहीं करते और न ही किसी देश का सम्मान करते हैं। अल्बर्टा प्रांत का संदेश साफ है कि यहां ऐसे गैंग का कोई स्वागत नहीं होगा। कनाडा की सुरक्षा को बताया प्राथमिकता डेनियल स्मिथ और माइक एलिस ने प्रधानमंत्री कार्नी से कहा कि अब इस गैंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, 'कनाडा और अल्बर्टा के लोगों की सुरक्षा के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर कार्रवाई करना बेहद जरूरी है। कई देशों में सक्रिय है लॉरेंस गैंग लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नेटवर्क सिर्फ कनाडा ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है। यह गैंग पहले भी कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय है।

केंद्रीय कैबिनेट की पीएम धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी, हर साल खर्च होंगे 24000 करोड़ रुपये

नई दिल्ली केंद्रीय कैबिनेट ने 36 योजनाओं को मिलाकर 24,000 रुपये प्रति वर्ष के परिव्यय वाली प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह एलान किया है। सरकार ने एनएलसीआईएल को नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए 7,000 करोड़ रुपये की भी मंजूरी दे दी है। इसके अलावे कैबिनेट ने एनटीपीसी को नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए 20,000 करोड़ रुपये की मंजूरी देने पर भी अपनी मुहर लगा दी है। क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना? मंत्रिमंडल ने बुधवार को छह साल की अवधि के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत हर वर्ष 24,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और इसमें 100 जिले शामिल होंगे। केंद्रीय बजट में घोषित यह कार्यक्रम 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करेगा और फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने मदद देगा। भंडारण और सिंचाई सुविधाओं में होगा सुधार केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी साझा करते हुए, सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना से फसल के बाद भंडारण में वृद्धि होगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार होगा और कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की संभावना है। एनएलसी इंडिया एनआईआरएल में कर सकेगा 7000 करोड़ रुपये का निवेश सरकार ने बुधवार को एनएलसी इंडिया को अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई एनआईआरएल में 7,000 करोड़ रुपये निवेश करने की अनुमति दे दी। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की ओर से लिया गया। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) को नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) पर लागू मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों से विशेष छूट देने को मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "इस रणनीतिक निर्णय से एनएलसीआईएल को अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआईआरएल) में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करने में मदद मिलेगी। इसके तहत एनआईआरएल विभिन्न परियोजनाओं में सीधे या संयुक्त उद्यम का गठन कर निवेश कर सकेगी।इसके लिए पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।" शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी से जुड़ा प्रस्ताव भी पारित बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर भी एक प्रस्ताव पारित किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह स्पेस की दिशा में हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि  है। उन्होंने कहा, "आईएसएस (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की वापसी पर मंत्रिमंडल ने एक बड़ा संकल्प पारित किया है। 15 जुलाई को भारत की अनंत आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अन्तरिक्ष यात्रा से सकुशल धरती पर लौटे हैं। ये समूचे देश के लिए गर्व, गौरव और उल्लास का अवसर है। आज मंत्रिमंडल, देश के साथ मिलकर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटने का अभिनंदन करता है। उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 18 दिन का ऐतिहासिक मिशन पूरा किया।"  पीएम धन धान्य कृषि योजना, जिसपर सालाना 24000 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार क्या है पीएम धन धान्य कृषि योजना? यह योजना खासतौर पर छोटे और सीमांत किसानों के लिए शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य खेती में नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाना, किसानों को एक ही फसल पर निर्भर रहने की बजाय फसल विविधीकरण (Crop Diversification) के लिए प्रोत्साहित करना, जलवायु के अनुसार खेती को बढ़ावा देना, गांव स्तर पर भंडारण, सिंचाई और कृषि कर्ज की सुविधाओं को मजबूत बनाना और लागत घटाकर किसान की पैदावार बढ़ाना है जिससे उनकी आय में सुधार हो सके। किन किसानों को मिलेगा लाभ? इस योजना का सबसे ज़्यादा फायदा छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा। इन किसानों की जमीन कम होती है, लेकिन अगर उन्हें सही तकनीक, सिंचाई और भंडारण की सुविधा मिले, तो वे भी ज्यादा उत्पादन कर सकते हैं। इस योजना से करीब 1.7 करोड़ किसानों को सीधे फायदा मिलने की उम्मीद है। 100 ज़िलों को प्राथमिकता सरकार ने देश के 100 ऐसे ज़िलों की पहचान की है, जहां कृषि उत्पादकता कम है, फसल सघनता औसत से नीचे है और किसानों को पर्याप्त ऋण नहीं मिल पाता। इन जिलों में पीएम धन धान्य कृषि योजना को सबसे पहले लागू किया जाएगा। ₹24,000 करोड़ का वार्षिक खर्च सरकार इस योजना पर हर साल ₹24,000 करोड़ खर्च करेगी। यह राशि पहले से चल रही 36 कृषि योजनाओं के समन्वय से खर्च की जाएगी, जिससे न सिर्फ लागत घटेगी बल्कि योजनाओं का असर भी ज़्यादा होगा। कृषि में क्रांति लाने की तैयारी पीएम धन धान्य कृषि योजना से उम्मीद है कि यह देश में कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगी। टेक्नोलॉजी, विविधीकरण, और स्थानीय जरूरतों के अनुसार योजनाओं को लागू कर किसानों की आय को बढ़ाया जाएगा। पीएम धन धान्य कृषि योजना का उद्देश्य: इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम फसल उत्पादन वाले क्षेत्रों में कृषि सुधार करना है। सरकार ने उन 100 जिलों को चिन्हित किया है, जहां खेती उन्नत नहीं है और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को बेहतर बीज, आधुनिक तकनीक और उन्नत उपकरण उपलब्ध कराएगी, जिससे किसान अपनी फसल में सुधार कर सकें। इसके साथ ही वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी, ताकि किसान बेहतर उपकरण और नए तरीके अपनाकर अपनी खेती को और अधिक उत्पादक बना सकें। इस योजना का उद्देश्य खेती को आसान और किसानों के लिए लाभकारी बनाना है, जिससे वे अधिक फसल उगा सकें और अपनी आय बढ़ा सकें। इस योजना से कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा, और देश भर के किसानों के जीवन स्तर में सुधार होगा। पीएम धन धान्य कृषि योजना के लिए पात्रता मापदंड: इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो निम्नलिखित पात्रता मापदंडों को पूरा करते हैं:     कम कृषि उत्पादन वाले 100 चयनित जिलों के किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।     छोटे, सीमांत और बड़े पैमाने के किसान सभी पात्र होंगे।     आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।     किसान के पास वैध भूमि स्वामित्व दस्तावेज होना चाहिए।     पारंपरिक या पुरानी खेती के तरीकों का उपयोग करने वाले किसान इस … Read more