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पाकिस्तान के झूठ की खुली पोल, डोभाल ने कहा– आरोप नहीं, सबूत दिखाओ

नई दिल्ली  एनएसए अजीत डोभाल ने दो टूक कहा कि विदेशी मीडिया या जो भी लोग भारत के नुकसान को लेकर सवाल उठा रहे, वो हमें एक तस्वीर-वीडियो दिखाएं। हमने अब तक जो भी फोटो या सैटेलाइट इमेज सामने आए हैं उनमें पाकिस्तान के 13 एयरबेस और दूसरे ठिकानों पर एक्शन का पता चलता है।  एनएसए डोभाल ने कहा कि विदेशी प्रेस ने कहा कि पाकिस्तान ने यह किया, वो किया… आप मुझे एक भी फोटो या सबूत दिखाइए जिसमें भारत में किसी इमारत को नुकसान हुआ हो, एक कांच तक टूटा हो… उन्होंने बातें लिख दीं और छाप दीं।  उन्होंने आगे कहा कि विदेशी मीडिया द्वारा जारी की गईं सैटेलाइट तस्वीरों में 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के 13 एयरबेस दिखाए गए, चाहे वह सरगोधा हो, रहीम यार खान हो या चकलाला। मैं सिर्फ वही बता रहा हूं जो उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग में छापा। हममें यह क्षमता है कि अगर हम चाहें तो पाकिस्तान के एयरबेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि हमें अपनी स्वदेशी तकनीक विकसित करनी होगी।  ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र यहां किया गया था। हमें इस बात पर गर्व है कि इसमें कितनी स्वदेशी सामग्री थी… हमने पाकिस्तान के आर-पार नौ आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधने का फैसला किया, ये सीमावर्ती इलाकों में नहीं थे। हम कोई भी निशाना नहीं चूके। हमने इसके अलावा कहीं और निशाना नहीं साधा। यह उस बिंदु तक सटीक था जहां हमें पता था कि कौन कहां है? पूरे ऑपरेशन में 23 मिनट लगे। आप मुझे एक भी तस्वीर बताइए जिसमें भारत की तरफ से हुआ कोई नुकसान दिखाई दे रहा हो।

मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की तादाद में कमी नहीं आई है: मुख्यमंत्री सावंत

पणजी गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि सरकार राज्य में बैठकें, प्रोत्साहन यात्राएं, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) के साथ-साथ आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करेगी। बृहस्पतिवार को यहां सचिवालय में क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों और प्रतिनिधियों के साथ हुई अंतर-विभागीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग द्वारा उठाई गई समस्याओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ''मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की अच्छी संख्या आ रही है। हमने सभी हितधारकों से उनकी समस्याओं को सुना है।'' उन्होंने कहा, ''इस समय मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की तादाद में कमी नहीं आई है। हमने सभी हितधारकों से उनकी समस्याओं को सुना है।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार लाइसेंस के नवीनीकरण, संचालन के समय में वृद्धि, बुनियादी ढांचे की समस्याओं और हवाई संपर्क से जुड़े प्रमुख मुद्दों का समाधान अगले महीने के भीतर कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हम कुछ देशों के लिए आगमन पर वीजा और राज्य के लिए अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा के हवाई संपर्क जैसे मुद्दों को भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' सावंत ने कहा कि विभागों के बीच बिना किसी बाधा के समन्वय से गोवा की पर्यटन क्षमता का पूरा लाभ उठाया जाएगा, जिससे राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर, कौशल विकास और डिजिटल कौशल विकास पोर्टल का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ''राज्य सरकार बैठक, प्रोत्साहन यात्रा, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) के साथ-साथ आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन को विशेष रूप से बढ़ावा देगी ताकि पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।'' सावंत ने कहा कि बैठक में 'हाई स्पीड इंटरनेट' सुविधा को बढ़ावा देने, परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और स्वच्छ एवं हरित गोवा पहल के माध्यम से आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने की योजनाएं भी साझा की गईं। बैठक में शामिल हुए राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने उद्योग के विकास को सुनिश्चित करने के लिए अंतर-विभागीय सहयोग और हितधारकों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन एक ऐसा उद्योग है जिसे पंचायतों से लेकर पुलिस, वन और अन्य विभागों के साथ निरंतर समर्थन और सुव्यवस्थित समन्वय की आवश्यकता होती है।  

तृणमूल नेता को मारी गोली, पश्चिम बंगाल में मचा हड़कंप

कोलकाता पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस के 38 वर्षीय एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना बृहस्पतिवार रात भांगर इलाके में हुई। उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान कैनिंग पूर्व के विधायक शौकत मोल्ला के करीबी सहयोगी रज्जाक खान के रूप में हुई। उन्होंने कहा कि तृणमूल पदाधिकारी की हत्या के मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की चालताबेरिया इकाई के अध्यक्ष खान पार्टी की एक बैठक में भाग लेने के बाद घर लौट रहे थे, तभी कुछ बंदूकधारियों ने उन्हें गोली मार दी। काशीपुर पुलिस थाने के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मृतक को तीन गोलियां लगीं। हमलावरों ने खान पर कई बार चाकू से वार भी किया।’ उन्होंने बताया कि इलाके में पुलिस की एक टीम तैनात कर दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मोल्ला ने स्थानीय तृणमूल नेता की हत्या के लिए इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया। तृणमूल विधायक ने दावा किया, ‘रज्जाक पार्टी की दो बैठकों में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे। उन्हें गोली मारी गई और फिर कई बार चाकू मारा गया। इस हत्या के पीछे वह लोग हैं जो भांगर में अपनी पकड़ खोते जा रहे हैं। जिन अपराधियों को इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने पनाह दी थी, उन्हीं लोगों ने रज्जाक की हत्या की है। वे हर दिन अपनी राजनीतिक ज़मीन खो रहे हैं और इसी वजह से अब आपराधिक रास्ता अपना रहे हैं।’ आईएसएफ विधायक नवसाद सिद्दीकी ने आरोप को खारिज कर दिया और हत्या को तृणमूल कांग्रेस के आंतरिक झगड़े का नतीजा बताया। भांगर में अक्सर इलाके पर नियंत्रण को लेकर आईएसएफ और तृणमूल समूहों के बीच राजनीतिक झड़पें होती हैं।  

IT नोटिस पर शरद पवार के पोते की प्रतिक्रिया, शिंदे गुट के लिए जताई सहानुभूति

मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे को दिये गये आयकर नोटिस पर सवाल उठाया है। पवार ने कहा है कि कहीं ये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा तो नहीं है। वह शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। गौरतलब है कि शिरसाट ने पुष्टि की है कि उन्हें और श्रीकांत शिंदे को आयकर नोटिस मिले हैं। रोहित पवार ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई राजनीतिक दबाव का संदेह पैदा करती है। उन्होंने कहा ‘‘इस तरह के नोटिस केंद्रीय स्तर से दिलवाये जाते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव में सीट बंटवारे की बातचीत में एकनाथ शिंदे पर कमजोर रुख अपनाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास हो सकता है। शिंदे की हालिया दिल्ली यात्रा के मायने? गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे की हालिया दिल्ली यात्रा को शिंदे गुट और ठाकरे समूह के बीच संभावित गठबंधन से जोड़ा जा रहा है। पवार के मुताबिक यह यात्रा शिंदे को भेजे गए आई-टी नोटिस से भी संबंधित हो सकती है। उन्होंने अनुमान लगाया कि उप-मुख्यमंत्री ने इस मामले में स्पष्टता के लिए गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जैसे शीर्ष भाजपा नेताओं से मुलाकात की होगी। अजित पवार गुट के नेताओं को नोटिस क्यों नहीं? पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के साथ-साथ भाजपा की सहयोगी राकांपा (अजित पवार गुट) के नेता भी इस तरह के संदिग्ध लेन-देन में शामिल रहे हैं लेकिन उन्हें ऐसे नोटिस नहीं मिले हैं। पवार ने सवाल किया, “ऐसा क्यों है कि केवल श्रीकांत शिंदे और संजय शिरसाट को ही आयकर नोटिस मिला है? ऐसा लगता है कि भाजपा एकनाथ शिंदे को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।” शिंदे पर अपनी पार्टी का भाजपा में विलय का दबाव? दूसरी तरफ महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा है कि एकनाथ शिंदे पर अपनी पार्टी का भाजपा में विलय का दबाव है, और वह इसके लिए तैयार हैं। शायद इसीलिए पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली का चक्कर लगाया है। राउत ने दावा किया कि शिंदे ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की शिकायत की थी। 

उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा हुई आरंभ, पहले ही दिन हजारों कांवड़िए गंगा जल भरने हरिद्वार पहुंचे

देहरादून सावन माह की शुरूआत के साथ ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार को कांवड़ यात्रा भी आरंभ हो गयी और पहले दिन ही हजारों की संख्या में कांवड़िए गंगा जल भरने के लिए धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे। करीब एक पखवाड़े तक चलने वाली इस यात्रा में हर साल देश के विभिन्न राज्यों से कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल भरकर ले जाते हैं और उससे शिवरात्रि के अवसर पर अपने गांवों और घरों के शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। हर की पैड़ी सहित हरिद्वार के विभिन्न घाटों पर सुबह से ही बड़ी संख्या में कांवड़िए स्नान करते और गंगा जल भरते दिखे जिससे वहां का नजारा केसरिया रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने बताया कि कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस, अर्धसैनिक बल, जल पुलिस, अभिसूचना, विशेष कार्यबल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, पीएसी और आतंकवाद निरोधी दल के 7000 से अधिक कार्मिकों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि ड्रोन, सीसीटीवी और सोशल मीडिया की निगराानी के जरिए हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। कांवड़ यात्रा के निर्विघ्न संचालन के लिए उत्तराखंड सरकार ने सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले छद्म भेषधारियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू कर दिया है। यात्रा आरंभ होने से एक दिन पहले शुरू किए गए इस ऑपरेशन के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों, विशेषकर महिलाओं को ठग रहे हैं। उन्होंने कहा, ''इससे न सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं बल्कि सामाजिक सौहार्द और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में किसी भी धर्म का व्यक्ति यदि ऐसे कृत्य करता हुआ मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि जिस प्रकार असुर कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर भ्रमित करने का प्रयास किया था, वैसे ही आज समाज में कई "कालनेमि" सक्रिय हैं जो धार्मिक भेष धारण कर अपराध कर रहे हैं। सुर कालनेमि का दोनों प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथों- रामायण और महाभारत में उल्लेख है। पौराणिक मान्यता है कि रावण के मामा मारीच के पुत्र कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर लक्ष्मण की मूर्छा को तोड़ने के लिए संजीवनी बूटी ला रहे हनुमान का रास्ता रोकने का प्रयास किया था लेकिन हनुमान ने उसकी असलियत जानकर उसका वध कर दिया था। महाभारत काल में कालनेमि का पुनर्जन्म कंस के रूप में हुआ जिसका संहार भगवान कृष्ण ने किया। पिछले कुछ सालों में गंगा जल भरने वाले शिवभक्त कांवड़ियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। पिछले साल कांवड़ यात्रा में चार करोड़ से अधिक कांवड़िए हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचे थे। प्रशासनिक सूत्रों ने यहां बताया कि इस बार करीब छह-सात करोड़ कांवड़ियों के आने की उम्मीद है जिसे देखते हुए सभी प्रकार के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। उधर, उत्तर रेलवे ने भी कांवड़ मेला के दौरान कांवड़ियों के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने के प्रबंध किए हैं।  

सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी, तमिलनाडु में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी

चेन्नई महीनों तक जारी अभियान और आंध्र प्रदेश व कर्नाटक पुलिस के साथ समन्वय के बाद तमिलनाडु आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पिछले कुछ दिनों में तीन संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शंकर जीवाल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गिरफ्तार किए गए अबूबकर सिद्दीकी, मोहम्मद अली और सादिक उर्फ टेलर राजा लगभग तीन दशक से फरार थे और पुलिस लगातार उनका पीछा कर रही थी। इन अभियानों को 'आराम' और 'आगाज़ी' नाम दिया गया था। तीनों व्यक्ति 1998 के कोयंबटूर सिलसिलेवार बम धमाकों और 2013 में बेंगलुरु के मल्लेश्वरम बम विस्फोट सहित कई मामलों में वांछित हैं। कोयंबटूर सिलसिलेवार बम धमाका मामले में 58 लोग मारे गए थे और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। उन्होंने बताया कि संदिग्धों को पकड़ने के लिए पिछले लगभग छह महीने में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के पुलिस बलों के साथ मिलकर दो अभियान चलाए गए। सिद्दीकी और अली को आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले से पकड़ा गया जबकि सादिक को कर्नाटक के विजयपुरा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस प्रमुख ने कहा, ''आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने बहुत ही पेशेवर और सफल अभियान चलाया है… जांच जारी है।'' गिरफ्तार किए गए लोग किराना दुकान, दर्जी की दुकान चलाने और रियल एस्टेट जैसे व्यवसायों से जुड़े थे। चूंकि उन्हें इतने साल के बाद गिरफ्तार किया जाना था इसलिए पुलिस ने उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए ''कुछ मापदंडों'' का इस्तेमाल किया। जिवाल ने कहा, ''हिरासत के 24 घंटे के भीतर उनकी पहचान की पुष्टि हो गई।'' उन्होंने कहा कि सिद्दीकी और अली किसी प्रतिबंधित संगठन से जुड़े प्रतीत नहीं होते, लेकिन सादिक के प्रतिबंधित अल-उम्मा समूह का हिस्सा होने का संदेह है। उनकी संभावित विदेश यात्राओं सहित विभिन्न विवरणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।  

देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूती, नौसेना के फ्लीट सपोर्ट शिप की आधारशिला रखी गई

चेन्नई भारतीय नौसेना के तीसरे फ्लीट सपोर्ट शिप्स (एफएसएस) के 'कील लेइंग' समारोह का आयोजन यहां बुधवार को कट्टुपल्ली में एल एंड टी शिपयार्ड में किया गया।  जहाज का निर्माण कार्य शुरू करने की प्रक्रिया 'कील लेइंग' कहलाती है और यह एक औपचारिक समारोह के साथ शुरु होती है जिसे 'कील लेइंग' समारोह कहते हैं। शुक्रवार को पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) (रक्षा) की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि समारोह युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन और भारतीय नौसेना, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) एवं एलएंडटी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय नौसेना ने अगस्त 2023 में पांच फ्लीट सपोर्ट शिप्स (एफएसएस) के अधिग्रहण के लिए एचएसएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसकी आपूर्ति 2027 के मध्य में शुरू होगी। देश की जहाज निर्माण क्षमता का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और आपूर्ति की कठोर समयसीमा को पूरा करने के लिए एचएसएल ने मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली को दो जहाजों के निर्माण का उप-अनुबंध दिया है। विज्ञप्ति के अनुसार, ''नौसेना में शामिल होने पर एफएसएस समुद्र में बेड़े के जहाजों की पुनःपूर्ति के माध्यम से भारतीय नौसेना की क्षमताओं को मजबूत करेगा। ये जहाज ईंधन, पानी, गोला-बारूद और अन्य सामग्री ले जाएंगे जो समुद्र में बेड़े के दीर्घकालिक और निरंतर संचालन को सक्षम बनाते हैं, जिससे इसकी पहुंच और गतिशीलता में वृद्धि होती है।'' विज्ञप्ति में कहा गया है, ''अपनी सहायक भूमिका में ये जहाज प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कर्मियों को निकालने और राहत सामग्री के शीघ्र वितरण के वास्ते मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए सुसज्जित होंगे।'' स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित यह युद्धपोत भारतीय मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) से प्राप्त प्रमुख उपकरणों से सुसज्जित है।  

मोहन भागवत का बड़ा बयान: उम्र 75 पार तो राजनीति से संन्यास जरूरी?

नई दिल्ली  आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत की एक टिप्पणी की बहुत चर्चा हो रही है। इस टिप्पणी के बहाने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना का कहना है कि उन्होंने 75 साल में रिटायरमेंट की बात करके पीएम नरेंद्र मोदी को संकेत दिया है। मोहन भागवत के बयान का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल है। दिलचस्प तथ्य यह है कि खुद मोहन भागवत इस साल 11 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे और फिर 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी 75 साल के हो जाएंगे। ऐसे में उनके बयान को प्रधानमंत्री से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन उनकी टिप्पणी के एक हिस्से की बजाय पूरे बयान को सुनने पर पता चलता है कि जो बात वायरल हो रही है, वह उनके अपने शब्द ही नहीं हैं। मोहन भागवत ने जो कहा, वह आरएसएस के एक दिवंगत प्रचारक और सीनियर नेता मोरोपंत पिंगले की टिप्पणी थी। मोहन भागवत ने उनके जीवन पर आधारित पुस्तक 'मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस' का नागपुर में विमोचन किया तो उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्सों का जिक्र करने लगे। इसी दौरान मोहन भागवत ने 75 साल में रिटायरमेंट वाली पिंगले की बात का जिक्र किया, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी के लिए उनकी सलाह बताया जा रहा है। मोहन भागवत ने दरअसल मोरोपंत पिंगले के 75 साल के होने पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उनके बयान का जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि आपको 75 साल का होने पर शॉल ओढ़ाए जाने का मतलब है कि आपको रिटायर हो जाना चाहिए। मोरोपंत पिंगले के बयान को उद्धृत करते हुए मोहन भागवत ने कहा, ‘वृंदावन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग थी। वहां कार्यकर्ता आ रहे थे। उसी दौरान एक कार्यक्रम में शेषाद्री जी ने कहा कि आज अपने मोरोपंत पिंगले जी के 75 साल पूरे हुए हैं औऱ इस अवसर पर उन्हें शॉल ओढ़ा कर सम्मान करते हैं। फिर मोरोपंत पिंगले जी से बोलने का आग्रह किया गया। इस दौरान कार्यकर्ता मुस्कुरा रहे थे। मोरोपंत पिंगले खड़े हुए कहा कि मैं उठता हूं तो लोग हंसते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है कि शायद लोग मुझे लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मुझे लग रहा है कि जब मैं मर जाऊंगा तो लोग पत्थर मारकर देखेंगे कि मैं मर गया हूं या नहीं। 75 साल की शॉल जब ओढ़ी जाती है तो उसका अर्थ यह होता है कि आपने बहुत किया और अब दूसरों को मौका दिया जाए।’ रामजन्मभूमि आंदोलन के रणनीतिकार थे मोरोपंत पिंगले इसके आगे मोहन भागवत ने कहा कि मुझे मोरोपंत पिंगले जी का जिक्र करते हुए गर्व होता है। हम जो हासिल करते हैं या महिमा पाते हैं तो उससे चिपक जाते हैं। चिपकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मोरोपंत महान व्यक्ति थे, उन्होंने कभी चर्चा पाने या महत्व के लिए कार्य नहीं किया। वह रामजन्मभूमि आंदोलन के रणनीतिकार थे, लेकिन कभी आगे नहीं आए। इसकी बजाय अशोक सिंघल जी को आगे किया। भागवत ने कहा, ‘मोरोपंत पूर्ण निस्वार्थता की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अनेक काम यह सोचकर किए कि यह कार्य राष्ट्र निर्माण में सहायक होगा।’ मोरोपंत पिंगले की सही हुई थी 1977 के चुनाव वाली भविष्यवाणी आपातकाल के बाद राजनीतिक मंथन के दौरान पिंगले की भविष्यवाणियों का हवाला देते हुए भागवत ने कहा, 'जब चुनाव का मुद्दा चर्चा में आया, तो मोरोपंत ने कहा था कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं तो लगभग 276 सीटें जीती जा सकती हैं। जब नतीजे आए, तो जीती गई सीटों की संख्या 276 ही थी।’ फिर भी मोरोपंत पिंगले ने कभी इसका श्रेय नहीं लिया।  

वेतन वृद्धि की तैयारी? 8वें वेतन आयोग पर चर्चा तेज, कर्मचारियों को मिल सकती है बड़ी सौगात

नई दिल्ली करोड़ों सरकारी कर्मचारी और रिटायर्ड कर्मचारी 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बीच एक खबर ने इनकी खुशी और बढ़ा दी है. द इकोनॉमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में कहा है कि इस वेतन आयोग के लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी (Employees Salary) 30 से 34 फीसदी तक बढ़ सकती है.  ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि वेतन और पेंशन में 30-34% की वृद्धि कर सकता है, जिससे लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ होगा. नया वेतनमान जनवरी 2026 से लागू होने की उम्‍मीद है, लेकिन इसके लिए पहले वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करनी होगी, फिर सरकार को भेजनी होगी और उसे मंजूरी देनी होगी. अभी तक सिर्फ ऐलान ही हुआ है. आयोग का अध्‍यक्ष कौन होगा और उसका कार्यकाल क्‍या होगा? अभी ये फैसला होना बाकी है.  किसे मिलेगा ये लाभ? 8th Pay Commission से लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ मिल सकता है, जिनमें करीब 44 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और लगभग 68 लाख पेंशनर्स हैं. 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, भत्ते और रिटायरमेंट बेनिफिट में ग्रोथ होगी.  क्‍या होता है फिटमेंट फैक्‍टर?  नए वेतन तय करने का एक खास हिस्‍सा फिटमेंट फैक्‍टर है, यह वह संख्‍या है जिसका यूज मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय किया जाता है. उदाहरण- सातवें वेतपन आयोग ने 2.57 के फैक्‍टर का इस्‍तेमाल किया था. उस समय इसने मिनिमम बेसिक सैलरी  7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया था. रिपोर्ट कहती है कि इस बार फिटमेंट फैक्‍टर 1.83 और 2.46 के बीच हो सकता है. कर्मचारियों और पेंशनर्स को कितनी बढ़ोतरी मिलेगी, इसमें सटीक आंकड़ा अहम भूमिका निभाएगा.  क्‍या रहा है सैलरी बढ़ोतरी का इतिहास?  पिछले वेतन आयोगों ने कई लेवल पर सैलरी ग्रोथ दिखाई है. 6वें वेतन आयोग (2006) ने कुल वेतन और भत्तों में लगभग 54% की ग्रोथ दी थी. इसके बाद 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया, तब बेसिक सैलरी में 14.3% और अन्‍य भत्ते जोड़ने के बाद पहले साल में करीब 23 फीसदी की ग्रोथ दिखाई थी.  कैसे किया जाता है सैलरी का कैलकुलेशन?  एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), परिवहन भत्ता (टीए), और अन्य छोटे-मोटे लाभ शामिल होते हैं. समय के साथ, मूल वेतन का हिस्सा कुल पैकेज के 65% से घटकर लगभग 50% रह गया है और अन्य भत्तों का हिस्सा इससे भी ज्‍यादा हो गया है. इन सभी को जोड़कर ही मंथली सैलरी दी जाती है. पेंशनर्स के लिए भी इसी तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. हालांकि HRA या TA नहीं दिया जाएगा. 

ईरान ने कतर में अमेरिका की सैन्य संचार प्रणाली पर किया हमला? सैटेलाइट तस्वीरों से उठे सवाल

नई दिल्ली ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. हाल ही में एक बड़ी घटना ने इस तनाव को और ज्यादा उजागर किया है. ईरान के भारत में दूतावास (@Iran_in_India) ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें कहा गया कि ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य की प्राथमिक संचार प्रणाली (रेडोम) को नष्ट कर दिया है. सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि अल उदीद एयर बेस (Al Udeid Air Base) पर ईरान के मिसाइल हमले से एक उपग्रह संचार एंटीना पूरा तबाह हो गया है. इस घटना ने न केवल क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि इससे पहले कतर और अमेरिका द्वारा किए गए दावों को भी चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था कि कोई नुकसान नहीं हुआ.  क्या है रेडोम और इसका महत्व? रेडोम (Radome) एक बड़ा, गोलाकार ढांचा होता है, जो उपग्रह और रेडियो संचार एंटीना को सुरक्षा प्रदान करता है. यह ढांचा मजबूत सामग्री से बना होता है, जो एंटीना को मौसम और बाहरी खतरों से बचाता है, जबकि संचार सिग्नल को बाधित नहीं करता. अमेरिकी सैन्य के लिए ये रेडोम्स मध्य पूर्व में महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये उनकी संचार क्षमताओं को बनाए रखते हैं. इनके बिना, सैन्य ऑपरेशंस, निगरानी और कम्युनिकेशन प्रभावित हो सकते हैं. कतर में अल उदीद एयर बेस अमेरिकी सैन्य का सबसे बड़ा बेस है, जहां से मध्य पूर्व में सभी हवाई ऑपरेशंस का नियंत्रण होता है. यहां एक प्राथमिक रेडोम था, जो अब नष्ट हो गया है. दूसरा रेडोम कुवैत में स्थित है, जो अभी सुरक्षित है. उपग्रह तस्वीरें क्या दिखाती हैं? ईरान के भारत में दूतावास ने जो तस्वीरें शेयर की हैं, उनमें स्पष्ट दिखाई देता है कि जहां पहले रेडोम था, वहां अब एक काला धब्बा है. यह धब्बा बताता है कि मिसाइल हमले से एंटीना पूरी तरह से नष्ट हो गया है. पास के एक हैंगर पर भी नुकसान हुआ है. ये तस्वीरें 10 जुलाई 2025 को ली गईं. इन्हें अब जारी किया गया है.  इससे पहले, कतर और अमेरिका ने दावा किया था कि मिसाइल हमले से कोई नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन ये तस्वीरें उनके दावों को गलत साबित करती हैं. ईरान का कहना है कि यह हमला अमेरिका द्वारा उनके परमाणु प्रतिष्ठानों पर किए गए हमलों का जवाब था. लंबे समय से तनाव जारी है ईरान और अमेरिका के बीच तनाव लंबे समय से जारी है, खासकर परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर. 2025 की शुरुआत में, अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु सुविधाओं पर हमला किया, जिसके बाद ईरान ने कतर में अल उदीद एयर बेस को निशाना बनाया. इस हमले में 14 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से कुछ को कतर की एयर डिफेंस सिस्टम ने रोक लिया, लेकिन कुछ मिसाइलें बेस तक पहुंचीं. ईरान का दावा है कि इस हमले से अमेरिकी सैन्य की संचार क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है, जबकि अमेरिका और कतर ने शुरुआत में कहा था कि कोई नुकसान नहीं हुआ. लेकिन अब सैटेलाइट तस्वीरें साफ तौर पर दिखाती हैं कि नुकसान हुआ है. नुकसान का आकलन     संचार प्रणाली का नुकसान: रेडोम के नष्ट होने से अमेरिकी सैन्य की संचार क्षमता प्रभावित हुई है. यह क्षमता निगरानी, निर्देश और ऑपरेशंस के लिए जरूरी है.     हैंगर का नुकसान: पास के हैंगर पर नुकसान हुआ है, जो हवाई जहाज और उपकरणों को रखने के लिए इस्तेमाल होता है. यह नुकसान अमेरिकी सैन्य की तैयारियों को भी प्रभावित कर सकता है.      क्षेत्रीय तनाव: इस घटना से मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है. ईरान और अमेरिका के बीच की लड़ाई अब सीधे सैन्य ठिकानों पर पहुंच गई है, जो और ज्यादा खतरनाक हो सकता है.