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अगले सात दिनों में भारी से बहुत भारी वर्षा तथा कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना: मौसम विभाग

नई दिल्ली  भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले सात दिनों में कर्नाटक में व्यापक पैमाने पर वर्षा होने का अनुमान जताया है और कई जिलों में ‘‘भारी से बहुत भारी वर्षा'' तथा कुछ स्थानों पर ‘‘अत्यधिक भारी वर्षा'' होने की संभावना जतायी है। आईएमडी ने एक बयान में कहा कि मौसम का यह रुख मध्य और पूर्वी भारत से गुजर रही मानसून ट्रफ और महाराष्ट्र-कर्नाटक तट पर अपतटीय ट्रफ से प्रभावित हो रहा है। ‘मानसून ट्रफ' उत्तर-पश्चिम भारत से बंगाल की खाड़ी तक फैला एक निम्न दबाव क्षेत्र है। दैनिक मौसम रिपोर्ट के अनुसार, बृहस्पतिवार को दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी के तटीय जिलों में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ ‘‘भारी से बहुत भारी बारिश'' होने की संभावना है, जबकि कुछ स्थानों पर ‘‘अत्यधिक भारी बारिश'' हो सकती है। बयान में कहा गया है कि अगले दो दिनों तक तट पर ऐसी ही स्थिति बनी रहने की उम्मीद है और उसके बाद धीरे-धीरे इसकी तीव्रता कम हो जाएगी। हालांकि, हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। उत्तरी कर्नाटक के अंदरुनी क्षेत्रों में बेलगावी जिले में तीन और चार जुलाई को 40-50 किमी प्रति घंटे की गति की हवा चलने के साथ ‘‘भारी से बहुत भारी बारिश'' होने की संभावना है। धारवाड़ में भी ‘‘भारी वर्षा'' होने की संभावना है। पूर्वानुमान अवधि के दौरान बीदर, बागलकोट, गडग, ​​हावेरी, कलबुर्गी, कोप्पल, रायचूर, विजयपुरा और यादगीर में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। दक्षिणी कर्नाटक के अंदरुनी हिस्सों में, तीन और चार जुलाई को चिकमगलुरु, हसन, शिवमोग्गा और कोडागु में ‘‘भारी से बहुत भारी वर्षा'' होने की संभावना है, जबकि तीन जुलाई को कुछ स्थानों पर ‘‘अत्यधिक भारी वर्षा'' का अनुमान है। बल्लारी, बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, चामराजनगर, चिक्कबल्लापुरा, चित्रदुर्ग, दावणगेरे, कोलार, मांड्या, मैसूर, रामनगर, तुमकुरु और विजयनगर सहित अन्य जिलों में अधिकांश दिनों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ ‘‘हल्की से मध्यम बारिश'' होने की संभावना है। सात जुलाई से राज्य के अधिकांश हिस्सों में वर्षा की तीव्रता कम होने की उम्मीद है। हालांकि, कई जिलों में तेज हवाओं के साथ ‘‘हल्की से मध्यम बारिश'' कम से कम नौ जुलाई तक जारी रह सकती है। बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्रों में अगले 48 घंटों में आमतौर पर बादल छाए रहने तथा हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है। बेंगलुरू स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने निवासियों, खासकर बाढ़ और भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वालों को सतर्क रहने और स्थानीय परामर्शों का पालन करने की सलाह दी है। बेंगलुरू स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख एन पुवियारसन ने कहा कि विभाग स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और नियमित अपडेट जारी करेगा।  

कौन संभालेगा बीजेपी की कमान? अध्यक्ष पद के लिए 4 बड़े नाम रेस में

नई दिल्ली  बीजेपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। लंबे इंतजार के बाद अब जल्द ही पार्टी के शीर्ष पद के लिए नया चेहरा चुना जा सकता है। कयास हैं कि मानसून सत्र शुरू होने से पहले यानी 21 जुलाई से पहले भाजपा के नए अध्यक्ष का नाम सार्वजनिक कर दिया जाएगा। यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि यह पहली बार हुआ है जब किसी अध्यक्ष के कार्यकाल के खत्म होने के बाद इतना लंबा वक्त गुजरा और फिर भी नया अध्यक्ष नहीं चुना गया। बीजेपी में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाने वाले जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है, लेकिन वे अभी भी एक्सटेंशन पर हैं। नड्डा के अलावा पार्टी के अंदर कई दावेदार अपनी दावेदारी मजबूत करते दिख रहे हैं, जबकि संगठन ने लगभग सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। नए अध्यक्ष के सामने हैं बड़ी चुनौतियां नए अध्यक्ष के लिए जिम्मेदारियां बहुत बड़ी होंगी। आने वाले वर्षों में भाजपा के सामने कई महत्वपूर्ण चुनाव हैं — 2025 में बिहार विधानसभा, 2026 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम के चुनाव, और 2027 में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा समेत कई राज्यों के चुनाव, साथ ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव भी। पार्टी को इन सभी चुनावों में जीत सुनिश्चित करनी होगी, जो नए अध्यक्ष की ताकत और नेतृत्व कौशल की कसौटी होगी। कौन हैं दावेदार? सत्ता की दौड़ में सबसे आगे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम है। शिवराज की पार्टी में अच्छी पकड़ मानी जाती है, वे OBC समुदाय से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ भी उनके मजबूत संबंध हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में पार्टी की जीत के पीछे अहम भूमिका निभाने वाले सुनील बंसल का नाम भी प्रमुख है। ओडिशा के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी नए अध्यक्ष बनने के दावेदार हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी कैबिनेट के मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी संगठन में अपनी मजबूती के कारण चर्चा में हैं। दक्षिण भारत से भी पार्टी ने कई नामों को तरजीह दी है। तमिलनाडु की वानति श्रीनिवासन, तमिलिसाई सौंदर्यराजन, और आंध्र प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री डी. पुरंदेश्वरी जैसे नेता इस पद के लिए चर्चित हैं। दक्षिणी राज्यों में भाजपा की पकड़ मजबूत करने के लिए यह रणनीति अहम मानी जा रही है।   चुनाव प्रक्रिया और नियम बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 15 वर्षों से पार्टी का सदस्य होना जरूरी है। चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा होता है, जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेशों के सदस्य शामिल होते हैं। एक उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव कम से कम 20 निर्वाचक सदस्य कर सकते हैं।राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले जिला, प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न होना जरूरी होता है। पार्टी ने पूरे देश को 36 राज्यों में बांटा है और आधे से ज्यादा राज्यों में संगठन चुनाव पूरे हो चुके हैं। इसी के आधार पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तय होता है।

भूख-बम-बर्बादी का कहर: गाजा में राशन के लिए लगी कतार बनी मौत की रेखा

गाजा गाजा में हालात हर बीतते दिन के साथ और भी भयावह होते जा रहे हैं। 2 जुलाई की रात और 3 जुलाई की सुबह, इज़राइल की ओर से किए गए हवाई हमलों और गोलीबारी में 82 फिलीस्तीनी नागरिकों की जान चली गई । यह जानकारी गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय और स्थानीय अस्पतालों ने साझा की।इन मृतकों में से 38 लोग ऐसे थे जो राहत सामग्री (खाद्य और अन्य जरूरतों की चीजें) लेने के लिए लाइन में खड़े थे। उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें ज़रूरी सामान मिलेगा जिससे वे अपने परिवारों का पेट भर सकें, लेकिन वे हवाई हमलों का निशाना बन गए। मारे गए लोगों में से 5 लोग गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन के कार्यालय के पास मारे गए जो एक नवगठित अमेरिकी संगठन है और इज़राइल समर्थित बताया जा रहा है। इस संगठन का उद्देश्य गाजा के नागरिकों तक खाद्य सामग्री और मानवीय सहायता पहुंचाना है। शेष 33 लोग गाजा पट्टी के अलग-अलग क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने वाले ट्रकों के इंतजार में खड़े थे, जब वे इज़राइली हमलों का शिकार हुए। इज़राइल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं इस हमले के बाद भी इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) या इज़राइली सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। न ही उन्होंने इन हमलों की पुष्टि की है और न ही मारे गए नागरिकों के बारे में कोई संवेदना प्रकट की है। पिछले कई महीनों से गाजा में इज़राइल द्वारा किए जा रहे सैन्य अभियानों में  नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं की मौत की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह घटना भी उसी दुखद कड़ी का हिस्सा बनती दिख रही है। गंभीर मानवीय संकट की ओर गाजा  गाजा पट्टी पहले ही एक खुली जेल  की तरह काम कर रही है। लगातार हमलों, ब्लॉकेड और संसाधनों की कमी ने आम नागरिकों की ज़िंदगी को नरक से भी बदतर बना दिया है। भोजन, पानी, दवा जैसी मूलभूत चीजें लोगों को घंटों कतारों में लगकर भी नहीं मिल रही । अब जब  भोजन पाने की उम्मीद से खड़े लोग भी मारे जा रहे हैं  तो यह साफ संकेत है कि हालात पूर्ण मानवीय त्रासदी में बदल चुके हैं।   मानवाधिकार संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया संभव इस घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों, संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसे संगठनों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। पहले भी संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में मानवीय सहायता पर हो रहे हमलों को लेकर  इज़राइल को चेतावनी दी थी कि यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन है।  2023 के अंत में शुरू हुए गाजा संघर्ष ने अब तक  30,000 से अधिक लोगों की जान ली है  जिनमें एक बड़ी संख्या नागरिकों की है। गाजा पर इज़राइल ने  पूर्ण नाकाबंदी कर रखी है ।वकोई उड़ान, कोई जलमार्ग, कोई आपूर्ति सहज रूप से नहीं आ सकती है।  सीमाओं पर स्थिति इतनी खराब है कि लोग भूख से मरने की कगार पर हैं और अस्पतालों में दवाइयों की भारी किल्लत है   रोटी की तलाश भी जुर्म  गाजा में हाल की घटना यह सवाल उठाती है कि क्या भोजन और मदद की उम्मीद रखना भी अब अपराध बन चुका है? यह केवल सैन्य संघर्ष नहीं रहा, बल्कि एक मानवता की परीक्षा बन चुका है। जहां एक ओर युद्ध की राजनीति चल रही है, वहीं दूसरी ओर बेसहारा, भूखे और थके लोग बस जीने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब वे भी  हमलों का हिस्सा  बनते जा रहे हैं। 

अमेरिका ने भारत के पास तैनात किया खतरनाक बेड़ा, B-52 से लेकर F-15 तक शामिल, क्या है मिशन?

नई दिल्ली एक हालिया सैटेलाइट इमेजरी से पता चला है कि अमेरिका ने भारत के करीब हिन्द महासागर में एक द्वीप पर अपने जंगी बेड़े उतार रखे हैं। इसमें बमवर्षक B-52 से लेकर फाइटर जेट F-15 तक की तैनाती बढ़ा दी गई है। यह तैनाती हिन्द महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया द्वीप पर की गई है, जो अमेरिकी सेना का मिलिट्री बेस है। ओपन-इंटेलिजेंस एक्सपर्ट एमटी एंडरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सैटेलाइट इमेजरी शेयर की है, जिससे पता चलता है कि डिएगो गार्सिया में अमेरिकी वायुसेना ने जंगी बेड़े में कई अत्याधुनिक बमवर्षकों और फाइटर जेट को तैनात कर रखा है। जंगी बेड़े में क्या-क्या तैनात? इमेजरी से पता चलता है कि वहां चार B-52 सामरिक बमवर्षक तैनात हैं। ये लंबी दूरी तक पहुंच रखने और मार करने की क्षमता वाले बमवर्षक हैं। इसके अलावा छह F-15 लड़ाकू जेट भी इमेजरी में दिखाई दे रहे हैं। F-15 की मौजूदगी क्षेत्रीय तनाव और किसी भी तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने, हवाई श्रेष्ठता और संभावित हमलों से निपटने की क्षमताओं को रेखांकित करती है। मिलिट्री बेस पर छह KC-135 हवाई ईंधन भरने वाले टैंकर भी तैनात हैं। क्या है डिएगो गार्सिया? डिएगो गार्सिया चागोस द्वीपसमूह के हिस्सा है, जो ईरान से लगभग 4700 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है और भारत से करीब 1800 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में है। यहां से चीन की दूरी 3000 मील है। 1960 के दशक में ब्रिटेन ने अमेरिका को यह द्वीप पट्टे पर दिया था। 1970 में दशक में अमेरिका ने सोवियत रूस के आधिपत्य को चुनौती देते हुए इस द्वीप पर मिलिट्री बेस स्थापित किया था। रसद के लिहाज से यह बहुत बड़ा बेस है। इसका रनवे 3600 मीटर से ज्यादा लंबा है,जो भारी मालवाहक विमानों और बमवर्षक विमानों को लॉन्च करने के लिए पर्याप्त है। इस बेस पर गहरे पानी का एक बंदरगाह भी है, जो परमाणु पनडुब्बियों और नौसेना के जहाजों के लिए डॉकिंग सुविधा उपलब्ध कराता है। यह क्यों मायने रखता है? यह अमेरिकी एयरक्राफ्ट्स के लॉन्ग रेंज मिशन के लिए एक सुरक्षित लॉन्च पॉइंट है। इस द्वीप को अक्सर एशिया और मिडिल-ईस्ट में गुप्त मिशनों के संचालन के लिए एक स्ट्रैटेजिक प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यहां से पहले भी GBU-57 जैसे बंकर-बस्टिंग बम ले जाने में सक्षम B-2 रणनीतिक बमवर्षक विमान अफगानिस्तान और इराक में अभियानों के लिए लॉन्च किए जा चुके हैं। मौजूदा ईरान-इजरायल संघर्ष और ईरानी परमाणु परियोजना को लेकर तनाव के मद्देनजर यह बेस फिर से एक बार नई गतिविधि का केंद्र बनकर उभरा है। माना जा रहा है कि हालिया तैनाती भी ईरान पर अमेरिकी और इजरायली हमले के बाद पैदा हुए तनाव को देखते हुए की गई है। निशाने पर चीन-ईरान इजरायल और ईरान के बीच भले ही युद्धविराम हो चुका है लेकिन अभी भी मिडिल-ईस्ट में तनाव बरकरार है। इसी वजह से अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु संवर्धन पर कूटनीतिक वार्ता भी रुकी हुई है। एक तरफ इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि ईरान पर अमेरिका फिर हमला कर सकता है तो वहीं दूसरी तरफ हिन्द-प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक बार फिर से तनाव बढ़ने लगा है। अमेरिका के मित्र देशों का चीन से चीन सागर में टकराव बढ़ रहा है। इस लिहाज से बी अमेरिका ने डिएगो गार्सिया द्वीप पर सामरिक तैनाती बढा दी है, ताकि एक ही प्वाइंट से जरूरत पड़ने पर दोनों तरफ हमले किए जा सकें या सैन्य प्रतिक्रिया दी जा सके।  

आज धामी सरकार ने सरकारी भूमि पर बनी पांच अवैध मजारों पर चलवाया बुलडोजर, 5 संरचनाएं ढहाई

काशीपुर उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में कुंडेश्वरी क्षेत्र में सरकारी भूमि पर बनी पांच अवैध मजारों को गुरुवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई अवैध धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ राज्य सरकार के अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत अब तक अवैध तरीके से बनाई 537 मजारों को हटाया जा चुका है। काशीपुर के एसडीएम अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में तड़के शुरू हुई इस कार्रवाई में प्रशासन ने कुंडेश्वरी स्थित सरकारी आम बाग की सीलिंग भूमि पर बनी इन संरचनाओं को हटाया। उनके मुताबिक, प्रशासन ने 15 दिन पहले इन मजारों के खादिमों को नोटिस जारी कर निर्माण से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा था। दस्तावेज न मिलने पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर इन संरचनाओं को पूरी तरह हटा दिया। कार्रवाई के दौरान किसी तरह के अवशेष नहीं मिले। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की नीयत से बनाई गई ऐसी संरचनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि ‘देवभूमि’ में हरी-नीली चादरें डालकर जमीन हड़पने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। यह अभियान उत्तराखंड में सरकारी और सार्वजनिक जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के लिए शुरू किया गया है। काशीपुर में हुई इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों ने सरकार के कड़े रुख के तौर पर देखा। प्रशासन ने बताया कि भविष्य में भी ऐसी अवैध संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। इस दौरान क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी तैनात रहा। इससे पहले, छह अप्रैल को उत्तराखंड के हरिद्वार में अवैध मजारों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चला दिया था। इस कार्रवाई के बारे में एसडीएम अजयवीर सिंह ने बताया था कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के तहत जिले में अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। सराय क्षेत्र में बनी इस मजार को अवैध रूप से बनाया गया था, जिसके खिलाफ पहले नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का कोई जवाब न मिलने पर हरिद्वार के जिलाधिकारी ने इसे हटाने का आदेश दिया।  

केदारनाथ जाने वालों के लिए अलर्ट! मुनकटिया में लैंडस्लाइड, यात्रा अस्थायी रूप से रुकी

रुद्रप्रयाग उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते बड़े पैमाने पर मलबा और पत्थर गिरने से केदारनाथ यात्रा एक बार फिर बाधित हो गई है। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम यात्रा को फिलहाल अस्थाई रूप से रोक दिया है। रुद्रप्रयाग के मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में भूस्खलन के बाद पहाड़ से मलबा और पत्थर पूरी सड़क पर आ गया। एहतियातन प्रशासन ने यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया। तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया, जो रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच केदारनाथ धाम से लौट रहे लगभग 40 श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र के पास से सुरक्षित रेस्क्यू किया। ये श्रद्धालु रात में अचानक हुए भूस्खलन के कारण रास्ते में फंस गए थे। भूस्खलन सोनप्रयाग के पास हुआ, जो केदारनाथ यात्रा मार्ग का एक अहम पड़ाव है। एसडीआरएफ की टीमों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अंधेरे में ही जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। वीडियो फुटेज में एसडीआरएफ टीम को खतरनाक परिस्थितियों में मलबे के बीच से रास्ता बनाकर श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालते हुए देखा गया। बाद में इन यात्रियों को सुरक्षित रूप से सोनप्रयाग ले जाया गया। उत्तराखंड के दूसरे इलाकों में भी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। चमोली पुलिस के अनुसार, बदरीनाथ हाईकोर्ट उमट्टा में बद्रीश होटल के पास भूस्खलन के चलते बंद हो गया। इसी तरह यमुनोत्री हाईवे भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, जहां सड़क का हिस्सा भारी बारिश के कारण बह गया। इस मौसम में बिजली और जल आपूर्ति जैसी जरूरी सुविधाएं भी प्रभावित हुई हैं। खराब हालातों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीमें मिलकर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। परिवहन सुविधाओं को जारी रखने के लिए अस्थायी रास्ते बनाए जा रहे हैं। सुरक्षित और वैकल्पिक रास्तों से लोगों को निकाला जा रहा है।  

रैपिडो ऐप की सेवाएं निशाने पर, परिवहन मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी

मुंबई महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में रैपिडो ऐप के अवैध संचालन पर कड़ा रुख अपनाया है। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि ओला और उबर जैसे परिवहन ऐप्स के जरिए रैपिडो प्लेटफॉर्म का अवैध उपयोग किया जा रहा है। ऐसे मामलों में संबंधित आवेदनों को बंद कर दिया गया। मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि राज्य में रैपिडो के जरिए टैक्सी सेवाएं दी जा रही थीं, लेकिन परिवहन विभाग ने ऐसी किसी सेवा को अभी तक अनुमति नहीं दी है। हमने अभी तक रैपिडो को न टैक्सी सेवा के लिए अधिकृत किया है और न ही इसके संचालन के लिए कोई नियमावली बनाई है। ऐसे में यह पूरी तरह अवैध है। जब तक प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिलती, तब तक इसका इस्तेमाल गैरकानूनी माना जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग गैरकानूनी तरीके से इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने राज्य में ग्रीन एनर्जी वाहनों को लेकर सरकार की नीतियों की जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ई-व्हीकल्स को समृद्धि महामार्ग, अटल सेतु और अन्य टोल नाकों पर टोल छूट दी जा रही है। इसके अलावा, इन वाहनों का आरटीओ में पंजीकरण मात्र 1 रुपए में किया जा रहा है। महाराष्ट्र को प्रदूषण मुक्त और ईको-फ्रेंडली बनाने के लिए यह नीति राज्य की आवश्यकता बन चुकी है और सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। महाराष्ट्र में संभावित ट्रांसपोर्ट हड़ताल के मुद्दे पर मंत्री ने बताया कि 25 जून को ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक की गई थी और मंत्री उदय सामंत ने भी उनसे चर्चा की है। सरकार का रवैया पूरी तरह सकारात्मक है। हमने ट्रांसपोर्ट यूनियनों से एक महीने की मोहलत मांगी है। इस दौरान हम सभी शिकायतों की निष्पक्ष समीक्षा करेंगे और कुछ ठोस एवं सकारात्मक निर्णय लेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ट्रांसपोर्टरों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा, और सभी समस्याओं का हल बातचीत के जरिए ही निकाला जाएगा।  

अब यात्री अडानी एयरपोर्ट्स के डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए सीधे लाउंज में प्रवेश कर सकते हैं, अडानी का बड़ा तोहफा

नई दिल्ली  एयरपोर्ट पर अब यात्रियों की लाउंज में डायरेक्ट एंट्री होगी। अडानी समूह की ओर से यात्रियों को यह बड़ा तोहफा दिया गया है। समूह की कंपनी अडानी एयरपोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण बंसल ने लिंक्डइन पर इसके बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि अन्य ऑपरेटरों के साथ साझेदारी के तहत अब यात्रियों को लाउंज एरिया की डायरेक्ट एंट्री या एक्सेस दी जाएगी। इसका मतलब है कि अब लाउंस फैसलिटीज के लिए यात्रियों को थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं है। अब यात्री अडानी एयरपोर्ट्स के डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए सीधे लाउंज में प्रवेश कर सकते हैं। बता दें कि अडानी समूह वर्तमान में मुंबई, लखनऊ, अहमदाबाद, मंगलुरु, गुवाहाटी, जयपुर और तिरुवनंतपुरम में एयरपोर्ट का संचालन करता है। कंपनी वर्तमान में नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कर रही है। क्या कहा अधिकारी ने अरुण बंसल ने कहा- यात्री अब अन्य लाउंज ऑपरेटरों के साथ साझेदारी में हमारे प्लेटफॉर्म के जरिए सीधे लाउंज तक पहुंच सकते हैं। इसका मतलब है कि कोई बिचौलिया नहीं। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर डिजिटल इनोवेशन में लीड कर रहा है। यूपीआई ने बिचौलियों को किया खत्म यूपीआई जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से शुरू की गई फिनटेक क्रांति ने सभी क्षेत्रों में बिचौलियों की जरूरत को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल इनोवेशन के मामले में वैश्विक स्तर पर सबसे आगे है। यूपीआई ने एक अरब भारतीयों के जीवन को बदल दिया है। अब हम इनोवेशन की उसी भावना को अपने सिस्टम में लेकर आए हैं। इसका नेतृत्व हमारी डिजिटल लैब टीम कर रही है। क्या होता है लाउंज एरिया लगभग हर बड़े एयरपोर्ट पर लाउंज एरिया होता है। इस जगह पर यात्रियों को सामान्य प्रतीक्षा क्षेत्र की तुलना में अधिक आरामदायक और बेहतर सुविधाएं मिलती हैं। उदाहरण के लिए यात्रियों को आरामदायक सीटिंग, मुफ्त भोजन और पेय पदार्थ, वाई-फाई और चार्जिंग स्टेशन के अलावा मीटिंग रूम और समाचार पत्र आदि की सुविधा मिलती है। बता दें कि वर्तमान में पैसेंजर्स को क्रेडिट कार्ड या सब्सक्रिप्शन के जरिए ही लाउंज एरिया में एंट्री मिलती है।  

20वीं किस्त से पहले अलर्ट! ये काम किया तो पीएम किसान का पैसा नहीं, ठगी मिलेगी

नई दिल्ली  पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं अभी तक किस्त जारी नहीं हुई है। सरकार ने अभी इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि, इसकी उल्टी गिनती जरूर शुरू हो गई है। हालांकि, पीएम किसान के नाम पर साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं। अगर आपने सावधनी नहीं रखी तो आपका बैंक खाता खाली हो सकत है। खबर में यह जानेंगे कि ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें? कब आएगी पीएम किसान की 20वीं किस्त अभी सबसे बड़ा सवाल यह है कि सम्मन निधि का पैसा कब आ रहा है। तो जवाब है, बहुत जल्द 10 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 2000 रुपये की किस्त गिरने वाली है। इसकी वजह यह है कि पिछले ट्रेंड के मुकाबले अप्रैल-जुलाई की किस्त वैसे ही लेट हो चुकी है। हालांकि, नियमानुसार अभी इसके आने का समय 31 जुलाई तक है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार 10 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को सलाना 6000 रुपये की आर्थिक सहायता देती है। यह डीबीटी के जरिए 2000 रुपये की 3 किस्त सीधे किसानों के खाते में क्रेडिट होता है। हर वित्तवर्ष की पहली किस्त 1 अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त 1 अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त 1 दिसंबर से 31 मार्च के बीच किसानों के बैंक खातों में केंद्र सरकार द्वारा डाल दी जाती है। PM-KISAN रजिस्ट्रेशन अपडेट अगर आपने अभी तक ई-केवाईसी नहीं की है या बैंक डिटेल्स नहीं जोड़ी हैं, तो 20वीं किस्त से पहले अपना प्रोफाइल अपडेट करें। कुछ राज्यों (जैसे पंजाब, हरियाणा) में किसानों को भूमि रिकॉर्ड अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। पीएम किसान के नाम पर खाली हो सकता है खाता फर्जीवाड़े वाली SMS/कॉल्स से सावधान रहें। पीएम किसान के लाभार्थियों के पास आजकल बहुत सारे फेक कॉल्स और मैसेज आ रहे हैं। इनमें कहा जा रहा है, "आपकी 20वीं किस्त लंबित है, लिंक पर क्लिक करें!" जैसे मैसेज आपकी बैंक में रखी जमा-पूंजी को खत्म कर सकती है। साइबर अपराधियों की नजर इस पर है। पीएम किसान की 2000 रुपये की किस्त भुगतान सीधे बैंक खाते में आता है। ऐसे में आप सिर्फ ऑफिशियल वेबसाइट pmkisan.gov.in से ही स्टेटस चेक करें। अगर पैसा नहीं आया तो क्या करें? पोर्टल: https://pmkisan.gov.in/) अपना रजिस्ट्रेशन स्टेटस चेक करें। 2. हेल्पलाइन: 011-23381092, 155261 (Toll-free) 3. गड़बड़ी की शिकायत: pmkisan-ict@gov.in पर ईमेल करें। 4. डाउनलोड करें ऐप: सरकारी योजना का "किसान हेल्प एप" डाउनलोड करें। इससे आप सीधे अपना स्टेटस, शिकायत दर्ज कर सकते हैं और अलर्ट पा सकते हैं। पीएम किसान योजना के तहत कौन पात्र हैं इस योजना के तहत, सभी भूमिधारक किसान परिवार, जिनके नाम पर खेती योग्य भूमि है, लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। इसके अतिरिक्त, जो लोग 10,000/- रुपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं, उन्हें लाभ से बाहर रखा गया है। सभी व्यक्ति जो डॉक्टर, इंजीनियर जैसे पेशेवर हैं, उन्हें भी लाभ से बाहर रखा गया है।  

घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है: पीएम मोदी

अकारा  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। पीएम मोदी ने गुरुवार को घाना की संसद को संबोधित किया। इससे पहले घाना सरकार की ओर से उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया। बता दें कि तीन दशक बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना का दौरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दो दिवसीय यात्रा पर घाना पहुंचे हैं। गुरुवार को घाना ने पीएम मोदी को घाना के  सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने घाना की संसद को संबोधित किया। संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सर्वोच्च सम्मान देने के लिए आभार जताया।  घाना में होना सौभाग्य की बात है- पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा कि आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे अत्यंत गौरव का अनुभव हो रहा है। घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है। पीएम मोदी ने आगे कहा, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में मैं अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लेकर आया हूं। घाना से मिले सर्वोच्च सम्मान के लिए मैं 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं।  घाना को सोने की भूमि के रूप में जाना जाता है, न केवल आपकी धरती के नीचे छिपी हुई चीजों के लिए बल्कि आपके दिल में मौजूद गर्मजोशी और ताकत के लिए भी'। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज मुझे दूरदर्शी राजनेता तथा घाना के प्रिय पुत्र डॉ. क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने एक बार कहा था कि हमें एकजुट करने वाली ताकतें हमें अलग रखने वाले आरोपित प्रभावों से कहीं अधिक बड़ी हैं। उनके शब्द हमारी साझा यात्रा का मार्गदर्शन करते रहेंगे। घाना साहस के साथ खड़ा है- पीएम मोदी अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत में 2500 राजनीतिक दल हैं। 20 अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग राज्यों में सरकार चला रही हैं। यही वजह है कि भारत में आने वाले लोगों को भारत में भव्य स्वागत होता है। घाना में भारत के लोग उसी तरह घुले-मिले हैं जैसे चाय में शक्कर मिली होती है। पीएम ने कहा, जब हम घाना को देखते हैं तो हम एक ऐसे राष्ट्र को देखते हैं जो साहस के साथ खड़ा है। समावेशी प्रगति के प्रति आपकी प्रतिबद्धता ने वास्तव में घाना को पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए प्रेरणा का केंद्र बना दिया है। हमारे लिए लोकतंत्र सिस्टम नहीं संस्कार हैं- पीएम मोदी घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- भारत और घाना के संबंध काफी मजबूत हैं। भारत-घाना समावेशी विकास की ओर बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे लिए लोकतंत्र सिस्टम नहीं संस्कार हैं। घाना में पिछले कुछ वर्षों से काफी तेजी से विकास हुआ है। इस वक्त भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा- दुनिया इस वक्त कई समस्याओं से जूझ रही है, जिसमें आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन इस समय बड़ी समस्याएं हैं। वहीं भारत का लोकतंत्र आशा की किरण बना हुआ है।   भारत सबके भले की बात करता है- पीएम मोदी पीएम मोदी ने इस मौके कहा- दुनिया ने कोरोना काल का संकट भी देखा और भारत ने दुनिया के तमाम देशों को वैक्सीन भेजे। हमारा मंत्र सबका साथ-सबका विकास है। लोकतंत्र जितना मजबूत होगा, दुनिया उतनी ही सशक्त बनेगी। घाना एक ऐसा देश है जो साहस के साथ खड़ा है। भारत सबके भले की बात करता है। वैश्विक उठपटक सबके लिए चिंता का कारण है।